Saturday, January 18, 2014

Raj-Sharma-stories आन्टी घोड़ी बन गयीं


Raj-Sharma-stories

 आन्टी घोड़ी बन गयीं

हैलो दोस्तोँ मेरा नाम विशाल लोगान है । मैँ आजमगढ़ का रहने वाला हूं और इस समय इलाहाबाद मेँ एक कालेज से B.TECH कर रहा हूँ और पार्ट टाईम कालब्वाय का काम करता हूं ! मेरी उमर 19 साल है! सबसे पहले मैँ अपने बारे मेँ बता दूँ! मैँ 5 फुट 4 इँच का हैँडसम ब्वाय हूँ, मेरे लँड की लम्बाई 6.3 इँच और मोटाई 2.2 इँच है! यह मेरी पहली कहानी है और ये कहानी मेरे पहले सेक्स के बारे में और इस बारे में कैसे मैं एक कालब्वाय(call boy)बना बात उस समय की है जब मैने 12वीँ की इग्जाम दे चुका था! मेरे लगभग सारे दोस्त आगे की पढाई के लिएकहीँ न कहीँ जा रहे थे! मुझे भी इन्जीनियरिँग ईग्जाम की तैयारी के लिए कहीँ न कहीँ जाना था क्योँकि आजमगढ मेँ कोई अच्छी कोचिँग नही है !अन्त मेँ कानपुर जाना तय हुआ! कानपुर मेँ मेरा एक दोस्त (राजेश) पहले से ही था इसलिए मुझे ज्यादा दिक्कत नहीँ थी ! April के मध्य मेँ मैँ कानपुर गया ! दोस्त का रूम हितकारीनगर (छपेड़ा मार्केट के पास) मेँ था ! उसने अपने लाज मे ही एक रूम दिला दिया ! चूँकि वो पहले से ही कोचिँग कर रहा था.इसलिए उसी की कोचिँग मेँ एडमिशन ले लिया!मैथ के लिए विश्नोई क्लाशेज, फिजिक्स के लिए अनीशsrivastav ,कमेस्टी के लिए पँकज अगवाल!!! क्लासेज 10 मई से चलने वाली थीं। चूंकि मैं पहली बार अपने घर से बाहर आया था इसलिये बहुत अजीब लग रहा था । पढ़ने मे मन नहीं लगता था, बार बार घर की याद आती थी। इसलिये मैं और राजेश घूमने निकल जाते थे । मैँ ऐसे शहर से आयाथा जहाँ पर बहुत ज्यादा खुलापन नहीँ है! पर कानपुर मेँ अलग ही नजारा था ! चारों तरफ़ हरियाली ही हरियालीनज़र आती थी । क्या गजब गजब का नजारा होता था जबलडकियाँ हाफ पैँट -जीँस मेँ सामने से गुजरतीँ तो पैँट मेँ उफान आ जाता था , मन करता था कि पकडकर अभी चोद दूँ ! रूम पर पहुँचकर मुठ मारने के बाद भीसाला लण्ड मेँ अकडपन बरकरार रहता! हम लोग रोज शाम को घूमने जाते थे , जे.के.मन्दिर ,माँडल पार्क, विश्नोई पार्क पसन्दीदा जगहेँथी! वहां जाने के दो फायदेथे , एक तो सैर हो जाती थी औरदूसरे मन भी बहल जाता था।वहाँ पर लड़के-लड़कियाँ का पेड़ों की आड़ मेँ किसिँग करना आम बात थी पर हम लोगों के लियेबिल्कुल नई बात थी। कहीं कहीं पर तो शर्ट मे हाथ डालकर चूचियां दबाते और लन्ड चुसाते हुए भी मिल जाते थे ।उन्हे देखकर लण्ड उफान मारने लगता था । अब हम लोँगोँ ने दिसाइड किया कि ऐसी जगह रूम लेते हैँ जहाँ पर चूत का इन्तजाम हो सके ! हमारे लाँज के बगल मेँ ही एक दो मन्जिला मकान था। कहने को तो वो दो मन्जिला था पर बहुत पतला था ,उसमेँ उपर के मन्जिल पर मकान मालिक रहते थे और नीचे के मन्जिल पर एक रुम और एक किचन था जोकि खाली था और वो किरायेदार खोज रहे थे। हम दोनों ने उसे ले लिया! मकान मालिक के परिवार मेँ अँकल आँटी और दो बच्चे जिसमेँ एक 3 साल का और एक 5 साल का था ! अँकल की उमर् लगभग 40 साल और आँटी की उमर् 28 साल थी! अँकल की यह दूसरी शादी थी । उनकी पहली पत्नी का देहान्त हो चुका था जिससे तीन बच्चे थे पर वो अपने ननिहाल मे रहते थे !! अंकल और आंटी में कोई मेल नही था , अंकल देखने में ही हाफ़ लगते थे और क्या गजब की माल थी आँटी ,बडी बडी चूँचियाँ मोटे मोटे गाँड, साली को देखते ही मुँह मेँ पानी आ जाए! जब चलती थी तो गाड लद लद हिलते थे ,मन करता था कि साली को पकडकर खडे खडे ही चोद दूँ ! अँकल , आँटी जल्दी ही हम लोगोँ से घुल मिल गये! अँकल एक कपडा मिल मेँ वर्कर थे! उनकी ड्यूटी सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को 3 बजे से 8 बजे तक रहती थी !! अक्सर रात को उपर से अँकल आँटी के लड़ने की आवाँजेँ आती थी, हम लोगोँ को समझ नहीँ आता था कि ये रात को ही क्योँ लड़ते हैँ पर धीरे धीरे हम समझ गये कि शायद अँकल आँटी को खुश नहीँ कर पाते हैँ !!! एक दिन दोपहर को अँकल जब ड्यूटी से वापस आए तो हम लोगोँ से बोले कि उन्हे एक रिश्तेदार के घर 3-4 के लिए शादी मेँ जाना है ,इसलिए अगले महीने का किराया एडवाँश मेँ चाहिए! चूँकि उतना पैसा पास नहीँ था अतः हमने कहा कि शाम तक A.T.M. से निकाल कर देँगँ! एक घण्टे बाद राजेश a.t.m. से पैसा निकाल कर लाया अँकल को देने के लिए आवाज लगाई,लेकिन उपर से कोई जबाब नहीँ मिला क्योँकि t.v. की आवाज तेज आ रही थी !! उसने मुझसे कहा कि ऊपर जाकर पैसा पहुँचा दूँ ! मैँ ऊपर गया और अँकल-अँकल पुकारा लेकिन कोई नहीँ बोला! फिर मैँ कमरे के पास गया ,कमरे से t.v. की आवाज आ रही थी ,दरवाजे के बगल मेँ खिडकी थी जो थोडा सा खुला था ! मैँ खिडकी से अन्दर झाँका ! अन्दर का नजारा देखकर मैँ खड़ा का खड़ा रह गया ! मेरे रोँगते खडे हो गए !!! अँकल -आँटी दोनोँ नँगे थे , एक दूसरे के ऊपर -नीचे गूँठे हुए थे! अँकल आँटी की चूत चाट रहे थे और आँटी अँकल के लण्ड को चूस रही थी! मैँ आँटी को देखकर हैरान था, उनको बहुत सीधा समझता था पर वो गपागप लँड ले रही थी ! मेरा हाथ अपने आप लँड पर चला गया और मैँ खड़े खड़े मुठ मारने लगा! अँकल अपनी दो अँगुलियाँ आँटी की चूत मेँ पेल रहे थे, आँटी जोर जोर से सित्कार रहीँ थीँ !!अचानक अँकल जोर से आह आह चीखे और उनका माल आँटी के मुँह पर गिरा! कुछ मुँह मेँ चला गया और कुछ चूचियोँ पर !! अँकल बगल मेँ लेट गये और अब आँटी अपने हाथोँ से जोर जोर से चूत को रगडने लगीँ , साथ ही साथ बडबडाने लगीँ! साले भड़वे रण्डीबाज अब मेरी प्यास कौन बुझाएगा! साला रोज जल्दी झड जाता है और मैँ प्यासी रह जाती हूँ! आँटी को मुठ मारते देख मेरा हाथ भी तेजी से चलने लगा और मैँ भी झड गया! अँकल को बिना रुपये दिए मैँ नीचे आ गया! नीचे आकर पार्टनर को सारी बात बतायी और एक बार फिर से मुठ मारा ! शाम को अँकल नीचे आए और पैसे लेकर अपने रिश्तेदार के यहाँ चले गये !!! अँकल के शादी मेँ चले जाने के बाद हम लोगोँ के पास तीन दिन का समय था! हम रातभर योजना बनाते रहे कि आँटी को कैसे पटाया जाए ! अगले दिन आँटी दोपहर मेँ नीचे आयीँ तो पार्टनर उनसे बात करने लगा ,बातोँ ही बातोँ मेँ मैनेँ पूछा कि अक्सर रात मेँ आप लोग झगड़ा क्योँ करते हैँ? यह सुनकर आँटी उदास हो गईँ और कुछ नहीँ बोलीँ !कई बार पूछने पर बोली कि कोई बात नहीँ है, वैसे ही झगड़ा हो जाता है !! जब पार्टनर ने देखा कि आँटी बताने मेँ झिझक रहीँ हैँ तो फ्लर्ट करता हुआ बोला कि अँकल का आपको डाँटना मुझे अच्छा नहीँ लगता ,आप इतनी अच्छी हैँ ,हम लोग आपके कारण ही यहाँ रूम लिए हैँ, हमेँ पता है कि अँकल आपको खुश नहीँ कर पाते हैँ और जल्दी झड जाते हैँ! पार्टनर बिना रुके बोलता रहा! आँटी यह सुनकर आश्चर्यचकित होकर पूँछी कि तुम्हे कैसे पता , तब मैनेँ पूरी बात बताई कि कल कैसे मैने उन्हेँ देखा था? आँटी यह सुनकर सर नीचे करके मुस्कुराने लगी !!ऐसा लग रहा था कि मानो पार्टनर आज आँटी को चोदने के लिए तत्पर था, वह तुरन्त आँटी को पकड कर किस करने लगा!आँटी थोडा झिझकी लेकिन जल्दी ही जबाब देने लगीँ ! मैँ जल्दी से गया और गेट अँदर से बँद कर दिया ! मैँ आँटी के पीछे से चिपक गया और उसकी गाँड को मसलने लगा!आँटी हम दोनोँ के बीच मेँ पिसाने लगीँ! मैँने आँटी के सलवार का नाडा खोल दिया, अब वो नीचे से नँगी थी !मेरे हाथ आँटी के चूत पर रगडाने लगे और मुँह मेँ एक चूची लेकर चूसने लगा ,आँटी मजे से सित्कारने लगी!आँटी ने हम दोनोँ के लौड़ों को दोनो हाथों से पकड लिया और हिलाने लगी ! करीब 8-10 मिनट तक यह सब चलता रहा और हम तीनोँ के मुँह से सीत्कारेँ निकलतीँ रहीँ ! अचानक आँटी जोर जोर से मचलनेँ लगीँ और अपना हाथ तेजी से चलाने लगीँ की! हम दोनोँ के लँड तेजी बर्दाश्त नहीँ कर पाये और झड़ने लगे, आँटी की चूत ने भी पानी छोड दिया !! जीवन मेँ पहली बार झड़ने मेँ इतना मजा आया था! थोडी देर तक वैसे ही खड़े रहने के बाद हम तीनोँ बिस्तर पर लेट गये, कोई किसी से कुछ नहीँ कह रहा था बस तीनोँ एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे! आँटी हम दोनोँ के उपर हाथ फिरा रही थीँ, थोडी ही देर मेँ जोश फिर से वापस आ गया ! दूसरा दौर शुरू हो चुका था ! पार्टनर चूचियाँ पीने मेँ व्यस्त था, मैँ चूत पर टूट पडा !जैसे ही मैनेँ चूत पर मुँह लगाया आँटी तडप उठीँ ! पहली बार किसी चूत को इतने करीब से देख रहा था,छू रहा था,चूस रहा था! दो अँगुलियोँ से चूत के दोनोँ फाकोँ को फैलाया और जीभ अँदर तक पेल दिया! कभी चूस रहा था कभी दाँतोँ से काट रहा था ,आँटी की सित्कारेँ पूरे कमरे मेँ गूँज रही थी !उधर आँटी पार्टनर का लँड चूस रही थीँ ,वह लँड गचागच मुँह मेँ पेले जा रहा था ! आँटी बार बार चोदने के लिए कह रही थी ,पर हम लोगोँ के पास कँडोम नहीँ था इसलिए हम दोनोँ ने पहले से तय किया था कि कोई रिस्क नहीँ लेँगे ,आज केवल उपर से मजा लेते हैँ !! हम दोनो आँटी को जम कर मसल रहे थे,अब दोनो ने अदला बदली कर ली,वो चूत पर आनँद लेने लगा और मैँ चूचियाँ पीने लगा व किस करने लगा! मै और आन्टी एक दूसरे के जीभ का रस पी रहे थे मानोँ अमत रस का पान कर रहे होँ !अब मैँने अपना लौड़ा आँटी के मुँह मेँ पेल दिया ,आँटी एक माहिर खिलाड़ी की तरह गपागप लँड चूस रहीँ थी !आँटी लँड चूसते चूसते जब कभी अँडा पकड कर दबा देती तो मारे उत्त्तेजना के साँस ही अटक जाती ! मैँ धीरे धीरे चरम सीमा पर पहुँचने वाला था,मैँ पूरी स्पीड सेपेलने लगा कुछ ही झटकोँ बाद झडने लगा और पूरा माल आँटी के मुँह मेँ उडेल दिया! मेरी समझ मेँनहीँ आ रहा था कि आज इतना माल कैसे निकला?? निढाल होकर मैँ बिस्तर पर गिड पड़ा ! अब आँटी और पार्टनर गुट्ठमगुट्ठी करने लगे और थोडी देर मेँ दोनोँ झड़ गये! हम तीनोँ बुरी तरह हाफ रहे थे!हम तीनोँ एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे! मैँ और पार्टनर अपनी सफलता पर मुस्कुरा रहे थे और आँटीमहीनोँ बाद सन्तुष्ट होने पर मुस्कुरा रहीँ थीँ ! थोडी देर आराम करने के बादआँटी ऊपर चली गईँ और हम दोनोँ नँगे ही लेटे लेटे सो गये !! शाम को हम मार्केट गये और पूरा एक डिब्बा (करीब 40 पीस) कँडोम लिया! रूम पर आकर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि चुदाई का कार्यकम किचन मेँ किया जाएगा! किचन मेँ एक बिस्तर तेम्परेयरी बिछा दिया गया ! चूत मिलने की खुशी मेँ अब पढाई तो होने से रही ! सो खाना पीना खाकर सोने की तैयारी करने लगे! सोने से पहले से सेक्स मूवीज डाउनलोड करके आँटी को दे दिया ! मुझे जल्दी ही नीँद आ गई ! रात को पेशाब करने के लिया उठा तो देखा कि पार्टनर बिस्तर पर नहीँ है, पेशाब करने के बाद किचन के पास गया तो पता चला कि अँदर र्पोगाम चालू है ! उनकी चुदाई देखकर मेरा भी लँड अँगडाई लेने लगा, मैनेँ उन्हेँ डिस्टर्ब नहीँ किया मुठ मारकर वापस आकर सो गया! सुबह करीब 6 बजे नीँद खुली ,पार्टनर बगल मेँ सो रहा था! र्फेश होने के बाद आँटी को फोन करके नीचे बुलाया! आँटी के दोनोँ बच्चे अभी सो रहे थे!! आँटी फटाफट नीचे आ गई, वो तो विडियो देखकर पहले से ही गर्म थी! आँटी को विडियोज देने का सबसे बडा फायदा समझ मेँ आ गया था कि अब हमेँ उन्हेँ बुलाना नहीँ पड़ेगा बल्कि वो खुद गरम होकर हमेँ बुलाऐँगी! आँटी किचन मेँ चली गईँ ,पीछे पीछे मैँ भी आ गया! हम दोनो ही बेसबर् हो रहे थे ,एक दूसरे पर टूट पडे! काफी देर तक किस करते रहेँ !होठोँ का रसपान करने के बाद चूचियोँ का रस पीने लगा! साथ ही साथ गाँड को मसलने लगा आँटी मेरे लँड को मसल रहीँ थी!अचानक आँटी ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और लँड चूसने लगी!हम दोनो 69 की पोजीशन मेँ हो गये! आँटी ने लौड़ा चूसते चूसते अचानक गाँड़ मेँ अँगुली पेल दी, मैँ मारे उत्तेजना के चिँहुक गया! जबाब मेँ मैने भी दो अँगुली आँटी की गाँड मेँ पेल दिया, वो भी मजे से उछल पडी! चूत और गाँड की ऐसी चुसाई और गोदाई की चूत ने पानी छोड दिया, आँटी ने भी चूस चूस कर लौडे का पानी निकाल दिया और पूरा रस गटक गईं कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद दूसरा दौर शुरू हुआ !एक दूसरे को सहलाते सहलातेफिर से गरम हो चुके थे ! कँडोम निकाल कर लौड़े पर पहना और आन्टी जो कि पीठ के बल लेटी हुई थी,की चूत मेँ पेल दिया ! एक पल को ऐसा लगा किजैसे किसी भट्ठी मेँ डाल दिया हो ! मेरी तो आह निकल गई ,मैँ तेजी से पेलने लगा। 2 मिनट तक पेलने के बाद लगा कि मैं झड़ने वाला हूं तो मैने लन्ड बाहरनिकाल लिया और अन्डे को दबा कर पकड़ लिया । अब मैने आन्टी को घोड़ी बनने के लिये कहा । आन्टी घोड़ी बन गयीं औरमै पीछे से चूत पेलने लगा। चूचियां पकड़ कर पीछे से धक्के लगाने का मजा हीकुछ और होता है। पीछे से धक्का लगता भच्चाक- भच्चाक और आन्टी के मुंह सेनिकलता आह-आह । 7-8 मिनट पेलने के बाद जबझड़ने को हुआ तो चूत से निकाल कर कन्डोम निकाल कर आन्टी के मुंह मे लन्ड डाल दिया। आन्टी एक एक बूंद निचोड़ करपी गयी। दोस्तों ये थी मेरी पहले सेक्स की कहानी। इसके बाद तो लगभग रोज ही मैं ,पार्ट्नर और आन्टी सेक्स करने लगे॥ कहानी कैसी लगी. Posted by Tanvi Jadhav at 02:01 0 comments Labels: Start for Engineering-sexy story in hindi, इन्जीनियरिंग की तैयारी इन्जीनियरिंग की तैयारी,Start for Engineering-sexy story in hindi, इन्जीनियरिंग की तैयारी,Start for Engineering-sexy story in hindi हैलो दोस्तोँ मेरा नाम विशाल लोगान है । मैँ आजमगढ़ का रहने वाला हूं और इस समय इलाहाबाद मेँ एक कालेज से B.TECH कर रहा हूँ और पार्ट टाईम कालब्वाय का काम करता हूं ! मेरी उमर 19 साल है! सबसे पहले मैँ अपने बारे मेँ बता दूँ! मैँ 5 फुट 4 इँच का हैँडसम ब्वाय हूँ, मेरे लँड की लम्बाई 6.3 इँच और मोटाई 2.2 इँच है! यह मेरी पहली कहानी है और ये कहानी मेरे पहले सेक्स के बारे में और इस बारे में कैसे मैं एक कालब्वाय(call boy)बना बात उस समय की है जब मैने 12वीँ की इग्जाम दे चुका था! मेरे लगभग सारे दोस्त आगे की पढाई के लिएकहीँ न कहीँ जा रहे थे! मुझे भी इन्जीनियरिँग ईग्जाम की तैयारी के लिए कहीँ न कहीँ जाना था क्योँकि आजमगढ मेँ कोई अच्छी कोचिँग नही है !अन्त मेँ कानपुर जाना तय हुआ! कानपुर मेँ मेरा एक दोस्त (राजेश) पहले से ही था इसलिए मुझे ज्यादा दिक्कत नहीँ थी ! April के मध्य मेँ मैँ कानपुर गया ! दोस्त का रूम हितकारीनगर (छपेड़ा मार्केट के पास) मेँ था ! उसने अपने लाज मे ही एक रूम दिला दिया ! चूँकि वो पहले से ही कोचिँग कर रहा था.इसलिए उसी की कोचिँग मेँ एडमिशन ले लिया!मैथ के लिए विश्नोई क्लाशेज, फिजिक्स के लिए अनीशsrivastav ,कमेस्टी के लिए पँकज अगवाल!!! क्लासेज 10 मई से चलने वाली थीं। चूंकि मैं पहली बार अपने घर से बाहर आया था इसलिये बहुत अजीब लग रहा था । पढ़ने मे मन नहीं लगता था, बार बार घर की याद आती थी। इसलिये मैं और राजेश घूमने निकल जाते थे । मैँ ऐसे शहर से आयाथा जहाँ पर बहुत ज्यादा खुलापन नहीँ है! पर कानपुर मेँ अलग ही नजारा था ! चारों तरफ़ हरियाली ही हरियालीनज़र आती थी । क्या गजब गजब का नजारा होता था जबलडकियाँ हाफ पैँट -जीँस मेँ सामने से गुजरतीँ तो पैँट मेँ उफान आ जाता था , मन करता था कि पकडकर अभी चोद दूँ ! रूम पर पहुँचकर मुठ मारने के बाद भीसाला लण्ड मेँ अकडपन बरकरार रहता! हम लोग रोज शाम को घूमने जाते थे , जे.के.मन्दिर ,माँडल पार्क, विश्नोई पार्क पसन्दीदा जगहेँथी! वहां जाने के दो फायदेथे , एक तो सैर हो जाती थी औरदूसरे मन भी बहल जाता था।वहाँ पर लड़के-लड़कियाँ का पेड़ों की आड़ मेँ किसिँग करना आम बात थी पर हम लोगों के लियेबिल्कुल नई बात थी। कहीं कहीं पर तो शर्ट मे हाथ डालकर चूचियां दबाते और लन्ड चुसाते हुए भी मिल जाते थे ।उन्हे देखकर लण्ड उफान मारने लगता था । अब हम लोँगोँ ने दिसाइड किया कि ऐसी जगह रूम लेते हैँ जहाँ पर चूत का इन्तजाम हो सके ! हमारे लाँज के बगल मेँ ही एक दो मन्जिला मकान था। कहने को तो वो दो मन्जिला था पर बहुत पतला था ,उसमेँ उपर के मन्जिल पर मकान मालिक रहते थे और नीचे के मन्जिल पर एक रुम और एक किचन था जोकि खाली था और वो किरायेदार खोज रहे थे। हम दोनों ने उसे ले लिया! मकान मालिक के परिवार मेँ अँकल आँटी और दो बच्चे जिसमेँ एक 3 साल का और एक 5 साल का था ! अँकल की उमर् लगभग 40 साल और आँटी की उमर् 28 साल थी! अँकल की यह दूसरी शादी थी । उनकी पहली पत्नी का देहान्त हो चुका था जिससे तीन बच्चे थे पर वो अपने ननिहाल मे रहते थे !! अंकल और आंटी में कोई मेल नही था , अंकल देखने में ही हाफ़ लगते थे और क्या गजब की माल थी आँटी ,बडी बडी चूँचियाँ मोटे मोटे गाँड, साली को देखते ही मुँह मेँ पानी आ जाए! जब चलती थी तो गाड लद लद हिलते थे ,मन करता था कि साली को पकडकर खडे खडे ही चोद दूँ ! अँकल , आँटी जल्दी ही हम लोगोँ से घुल मिल गये! अँकल एक कपडा मिल मेँ वर्कर थे! उनकी ड्यूटी सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को 3 बजे से 8 बजे तक रहती थी !! अक्सर रात को उपर से अँकल आँटी के लड़ने की आवाँजेँ आती थी, हम लोगोँ को समझ नहीँ आता था कि ये रात को ही क्योँ लड़ते हैँ पर धीरे धीरे हम समझ गये कि शायद अँकल आँटी को खुश नहीँ कर पाते हैँ !!! एक दिन दोपहर को अँकल जब ड्यूटी से वापस आए तो हम लोगोँ से बोले कि उन्हे एक रिश्तेदार के घर 3-4 के लिए शादी मेँ जाना है ,इसलिए अगले महीने का किराया एडवाँश मेँ चाहिए! चूँकि उतना पैसा पास नहीँ था अतः हमने कहा कि शाम तक A.T.M. से निकाल कर देँगँ! एक घण्टे बाद राजेश a.t.m. से पैसा निकाल कर लाया अँकल को देने के लिए आवाज लगाई,लेकिन उपर से कोई जबाब नहीँ मिला क्योँकि t.v. की आवाज तेज आ रही थी !! उसने मुझसे कहा कि ऊपर जाकर पैसा पहुँचा दूँ ! मैँ ऊपर गया और अँकल-अँकल पुकारा लेकिन कोई नहीँ बोला! फिर मैँ कमरे के पास गया ,कमरे से t.v. की आवाज आ रही थी ,दरवाजे के बगल मेँ खिडकी थी जो थोडा सा खुला था ! मैँ खिडकी से अन्दर झाँका ! अन्दर का नजारा देखकर मैँ खड़ा का खड़ा रह गया ! मेरे रोँगते खडे हो गए !!! अँकल -आँटी दोनोँ नँगे थे , एक दूसरे के ऊपर -नीचे गूँठे हुए थे! अँकल आँटी की चूत चाट रहे थे और आँटी अँकल के लण्ड को चूस रही थी! मैँ आँटी को देखकर हैरान था, उनको बहुत सीधा समझता था पर वो गपागप लँड ले रही थी ! मेरा हाथ अपने आप लँड पर चला गया और मैँ खड़े खड़े मुठ मारने लगा! अँकल अपनी दो अँगुलियाँ आँटी की चूत मेँ पेल रहे थे, आँटी जोर जोर से सित्कार रहीँ थीँ !!अचानक अँकल जोर से आह आह चीखे और उनका माल आँटी के मुँह पर गिरा! कुछ मुँह मेँ चला गया और कुछ चूचियोँ पर !! अँकल बगल मेँ लेट गये और अब आँटी अपने हाथोँ से जोर जोर से चूत को रगडने लगीँ , साथ ही साथ बडबडाने लगीँ! साले भड़वे रण्डीबाज अब मेरी प्यास कौन बुझाएगा! साला रोज जल्दी झड जाता है और मैँ प्यासी रह जाती हूँ! आँटी को मुठ मारते देख मेरा हाथ भी तेजी से चलने लगा और मैँ भी झड गया! अँकल को बिना रुपये दिए मैँ नीचे आ गया! नीचे आकर पार्टनर को सारी बात बतायी और एक बार फिर से मुठ मारा ! शाम को अँकल नीचे आए और पैसे लेकर अपने रिश्तेदार के यहाँ चले गये !!! अँकल के शादी मेँ चले जाने के बाद हम लोगोँ के पास तीन दिन का समय था! हम रातभर योजना बनाते रहे कि आँटी को कैसे पटाया जाए ! अगले दिन आँटी दोपहर मेँ नीचे आयीँ तो पार्टनर उनसे बात करने लगा ,बातोँ ही बातोँ मेँ मैनेँ पूछा कि अक्सर रात मेँ आप लोग झगड़ा क्योँ करते हैँ? यह सुनकर आँटी उदास हो गईँ और कुछ नहीँ बोलीँ !कई बार पूछने पर बोली कि कोई बात नहीँ है, वैसे ही झगड़ा हो जाता है !! जब पार्टनर ने देखा कि आँटी बताने मेँ झिझक रहीँ हैँ तो फ्लर्ट करता हुआ बोला कि अँकल का आपको डाँटना मुझे अच्छा नहीँ लगता ,आप इतनी अच्छी हैँ ,हम लोग आपके कारण ही यहाँ रूम लिए हैँ, हमेँ पता है कि अँकल आपको खुश नहीँ कर पाते हैँ और जल्दी झड जाते हैँ! पार्टनर बिना रुके बोलता रहा! आँटी यह सुनकर आश्चर्यचकित होकर पूँछी कि तुम्हे कैसे पता , तब मैनेँ पूरी बात बताई कि कल कैसे मैने उन्हेँ देखा था? आँटी यह सुनकर सर नीचे करके मुस्कुराने लगी !!ऐसा लग रहा था कि मानो पार्टनर आज आँटी को चोदने के लिए तत्पर था, वह तुरन्त आँटी को पकड कर किस करने लगा!आँटी थोडा झिझकी लेकिन जल्दी ही जबाब देने लगीँ ! मैँ जल्दी से गया और गेट अँदर से बँद कर दिया ! मैँ आँटी के पीछे से चिपक गया और उसकी गाँड को मसलने लगा!आँटी हम दोनोँ के बीच मेँ पिसाने लगीँ! मैँने आँटी के सलवार का नाडा खोल दिया, अब वो नीचे से नँगी थी !मेरे हाथ आँटी के चूत पर रगडाने लगे और मुँह मेँ एक चूची लेकर चूसने लगा ,आँटी मजे से सित्कारने लगी!आँटी ने हम दोनोँ के लौड़ों को दोनो हाथों से पकड लिया और हिलाने लगी ! करीब 8-10 मिनट तक यह सब चलता रहा और हम तीनोँ के मुँह से सीत्कारेँ निकलतीँ रहीँ ! अचानक आँटी जोर जोर से मचलनेँ लगीँ और अपना हाथ तेजी से चलाने लगीँ की! हम दोनोँ के लँड तेजी बर्दाश्त नहीँ कर पाये और झड़ने लगे, आँटी की चूत ने भी पानी छोड दिया !! जीवन मेँ पहली बार झड़ने मेँ इतना मजा आया था! थोडी देर तक वैसे ही खड़े रहने के बाद हम तीनोँ बिस्तर पर लेट गये, कोई किसी से कुछ नहीँ कह रहा था बस तीनोँ एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे! आँटी हम दोनोँ के उपर हाथ फिरा रही थीँ, थोडी ही देर मेँ जोश फिर से वापस आ गया ! दूसरा दौर शुरू हो चुका था ! पार्टनर चूचियाँ पीने मेँ व्यस्त था, मैँ चूत पर टूट पडा !जैसे ही मैनेँ चूत पर मुँह लगाया आँटी तडप उठीँ ! पहली बार किसी चूत को इतने करीब से देख रहा था,छू रहा था,चूस रहा था! दो अँगुलियोँ से चूत के दोनोँ फाकोँ को फैलाया और जीभ अँदर तक पेल दिया! कभी चूस रहा था कभी दाँतोँ से काट रहा था ,आँटी की सित्कारेँ पूरे कमरे मेँ गूँज रही थी !उधर आँटी पार्टनर का लँड चूस रही थीँ ,वह लँड गचागच मुँह मेँ पेले जा रहा था ! आँटी बार बार चोदने के लिए कह रही थी ,पर हम लोगोँ के पास कँडोम नहीँ था इसलिए हम दोनोँ ने पहले से तय किया था कि कोई रिस्क नहीँ लेँगे ,आज केवल उपर से मजा लेते हैँ !! हम दोनो आँटी को जम कर मसल रहे थे,अब दोनो ने अदला बदली कर ली,वो चूत पर आनँद लेने लगा और मैँ चूचियाँ पीने लगा व किस करने लगा! मै और आन्टी एक दूसरे के जीभ का रस पी रहे थे मानोँ अमत रस का पान कर रहे होँ !अब मैँने अपना लौड़ा आँटी के मुँह मेँ पेल दिया ,आँटी एक माहिर खिलाड़ी की तरह गपागप लँड चूस रहीँ थी !आँटी लँड चूसते चूसते जब कभी अँडा पकड कर दबा देती तो मारे उत्त्तेजना के साँस ही अटक जाती ! मैँ धीरे धीरे चरम सीमा पर पहुँचने वाला था,मैँ पूरी स्पीड सेपेलने लगा कुछ ही झटकोँ बाद झडने लगा और पूरा माल आँटी के मुँह मेँ उडेल दिया! मेरी समझ मेँनहीँ आ रहा था कि आज इतना माल कैसे निकला?? निढाल होकर मैँ बिस्तर पर गिड पड़ा ! अब आँटी और पार्टनर गुट्ठमगुट्ठी करने लगे और थोडी देर मेँ दोनोँ झड़ गये! हम तीनोँ बुरी तरह हाफ रहे थे!हम तीनोँ एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे! मैँ और पार्टनर अपनी सफलता पर मुस्कुरा रहे थे और आँटीमहीनोँ बाद सन्तुष्ट होने पर मुस्कुरा रहीँ थीँ ! थोडी देर आराम करने के बादआँटी ऊपर चली गईँ और हम दोनोँ नँगे ही लेटे लेटे सो गये !! शाम को हम मार्केट गये और पूरा एक डिब्बा (करीब 40 पीस) कँडोम लिया! रूम पर आकर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि चुदाई का कार्यकम किचन मेँ किया जाएगा! किचन मेँ एक बिस्तर तेम्परेयरी बिछा दिया गया ! चूत मिलने की खुशी मेँ अब पढाई तो होने से रही ! सो खाना पीना खाकर सोने की तैयारी करने लगे! सोने से पहले से सेक्स मूवीज डाउनलोड करके आँटी को दे दिया ! मुझे जल्दी ही नीँद आ गई ! रात को पेशाब करने के लिया उठा तो देखा कि पार्टनर बिस्तर पर नहीँ है, पेशाब करने के बाद किचन के पास गया तो पता चला कि अँदर र्पोगाम चालू है ! उनकी चुदाई देखकर मेरा भी लँड अँगडाई लेने लगा, मैनेँ उन्हेँ डिस्टर्ब नहीँ किया मुठ मारकर वापस आकर सो गया! सुबह करीब 6 बजे नीँद खुली ,पार्टनर बगल मेँ सो रहा था! र्फेश होने के बाद आँटी को फोन करके नीचे बुलाया! आँटी के दोनोँ बच्चे अभी सो रहे थे!! आँटी फटाफट नीचे आ गई, वो तो विडियो देखकर पहले से ही गर्म थी! आँटी को विडियोज देने का सबसे बडा फायदा समझ मेँ आ गया था कि अब हमेँ उन्हेँ बुलाना नहीँ पड़ेगा बल्कि वो खुद गरम होकर हमेँ बुलाऐँगी! आँटी किचन मेँ चली गईँ ,पीछे पीछे मैँ भी आ गया! हम दोनो ही बेसबर् हो रहे थे ,एक दूसरे पर टूट पडे! काफी देर तक किस करते रहेँ !होठोँ का रसपान करने के बाद चूचियोँ का रस पीने लगा! साथ ही साथ गाँड को मसलने लगा आँटी मेरे लँड को मसल रहीँ थी!अचानक आँटी ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और लँड चूसने लगी!हम दोनो 69 की पोजीशन मेँ हो गये! आँटी ने लौड़ा चूसते चूसते अचानक गाँड़ मेँ अँगुली पेल दी, मैँ मारे उत्तेजना के चिँहुक गया! जबाब मेँ मैने भी दो अँगुली आँटी की गाँड मेँ पेल दिया, वो भी मजे से उछल पडी! चूत और गाँड की ऐसी चुसाई और गोदाई की चूत ने पानी छोड दिया, आँटी ने भी चूस चूस कर लौडे का पानी निकाल दिया और पूरा रस गटक गईं कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद दूसरा दौर शुरू हुआ !एक दूसरे को सहलाते सहलातेफिर से गरम हो चुके थे ! कँडोम निकाल कर लौड़े पर पहना और आन्टी जो कि पीठ के बल लेटी हुई थी,की चूत मेँ पेल दिया ! एक पल को ऐसा लगा किजैसे किसी भट्ठी मेँ डाल दिया हो ! मेरी तो आह निकल गई ,मैँ तेजी से पेलने लगा। 2 मिनट तक पेलने के बाद लगा कि मैं झड़ने वाला हूं तो मैने लन्ड बाहरनिकाल लिया और अन्डे को दबा कर पकड़ लिया । अब मैने आन्टी को घोड़ी बनने के लिये कहा । आन्टी घोड़ी बन गयीं औरमै पीछे से चूत पेलने लगा। चूचियां पकड़ कर पीछे से धक्के लगाने का मजा हीकुछ और होता है। पीछे से धक्का लगता भच्चाक- भच्चाक और आन्टी के मुंह सेनिकलता आह-आह । 7-8 मिनट पेलने के बाद जबझड़ने को हुआ तो चूत से निकाल कर कन्डोम निकाल कर आन्टी के मुंह मे लन्ड डाल दिया। आन्टी एक एक बूंद निचोड़ करपी गयी। दोस्तों ये थी मेरी पहले सेक्स की कहानी। इसके बाद तो लगभग रोज ही मैं ,पार्ट्नर और आन्टी सेक्स करने लगे॥ कहानी कैसी लगी.

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