FUN-MAZA-MASTI
मे आपको अपना अनुभव बताने जा रहा हूँ. लेकिन बताने से पहले मे आपको ये बता दूँ की ये स्टोरी 100% सच्ची स्टोरी है इसलिय इस स्टोरी के नाम सारे काल्पनिक होंगे. ये स्टोरी है 3 बहनो की जिनकी मे चुदाई कर चुका हूँ. अब मे आपको अपना नाम बता दूँ मेरा नाम है कुमार उम्र इस
टाइम 31 साल हे. वजन 52 kg, 5.7 लम्बाई, लंड की लंबाई नॉर्मल 7 इंच ज़्यादा मोटा नही है पर ठीक है. मेरी शादी फ़रवरी 2000 मे हुई थी. इस टाइम एक बच्चे का बाप भी हूँ पत्नी स्मार्ट है और पूरी तरह से सेक्स लाइफ से मे खुश हूँ।
जीजा की तीन सालियाँ
मे आपको अपना अनुभव बताने जा रहा हूँ. लेकिन बताने से पहले मे आपको ये बता दूँ की ये स्टोरी 100% सच्ची स्टोरी है इसलिय इस स्टोरी के नाम सारे काल्पनिक होंगे. ये स्टोरी है 3 बहनो की जिनकी मे चुदाई कर चुका हूँ. अब मे आपको अपना नाम बता दूँ मेरा नाम है कुमार उम्र इस
टाइम 31 साल हे. वजन 52 kg, 5.7 लम्बाई, लंड की लंबाई नॉर्मल 7 इंच ज़्यादा मोटा नही है पर ठीक है. मेरी शादी फ़रवरी 2000 मे हुई थी. इस टाइम एक बच्चे का बाप भी हूँ पत्नी स्मार्ट है और पूरी तरह से सेक्स लाइफ से मे खुश हूँ।
यह कहानी है 3 बहनो की जो मेरी पत्नी की कज़िन सिस्टर है. इस टाइम उन की उम्र भी बता देता हूँ. बड़ी बहन का नाम है नीरू उम्र 22 साल उस से छोटी वाली का नाम है अमृता उम्र 20 साल और सबसे छोटी का नाम है सोनू उम्र 18 साल. तो अब मे अपनी स्टोरी आगे ले जाता हूँ. एक बार आपको फिर बता दूँ यह एक 100% सच्ची स्टोरी है. मेरी कोई साली नही है सो मेरा और मेरी पत्नी का इन तीनो बहनो से बहुत लगाव है. और हमारा आना जाना हर साल 3-4 बार हो जाता है वो मेरी सिटी से 250 km. दूर रहते है. फिर भी हम साल मे 3-4 बार मिल ही लेते है।
कहानी शुरू होती है 2001 मे नीरू से. उस टाइम नीरू की उम्र 18 साल थी उसका साइज़ था 36 के बोब्स हाईट 5.2 कलर फेर लेकिन दोस्तो मे आपको बता दूँ की कुछ लड़किया एसी होती है की उनके चहरे पर एक कशिश होती है जो भी उसको देखता है चाहे किसी उम्र का हो उसका दिल इस लड़की को चोदने का ज़रूर करता हे. तो मेरी इस नीरू मे ये ही खूबी थी की उसको देखकर ही लंड खड़ा हो जाए सॉरी मे अब आपको दूसरी जगह ना ले जाकर आगे की स्टोरी पर ले जाता हूँ. नीरू के एग्जाम होने के बाद उसका फोन आया की मे आपके पास आना चाहती हूँ तो पत्नी ने मुझे बोला की नीरू के एग्जाम हो गये है आप उसको लेकर आ जाओ.. मेरी रविवार को छुट्टी होती है तो हमने उसको फोन कर दिया की रविवार को लेने आ रहा हूँ और अगले रविवार सुबह मे उसको लेने चला गया और उसी दिन मे नीरू को अपनी कार से अपने घर ले आया. रास्ते मे जो थोड़ी शर्म थी वो भी निकल चुकी थी क्यूकी हम 4 घंटे के रास्ते मे बाते ही करते आए थे।
वो मेरी साली थी और मे उसका जीजू सो आप समझ सकते है की किस तरह की बाते की होंगी. आख़िर हम घर पहुच ही गये. घर आने के बाद पत्नी नीरू से मिलकर बहुत खुश थी. और नीरू भी दोनो मुझे भूलकर बाते करने लगी. जब खाने का टाइम आया तो उनको खाना बनाने का होश आया. खाना खाने के बाद हम अपने रूम मे आ गये. वेसे मेरे पास 3 रूम का मकान है पर नीरू को पत्नी ने अपने साथ ही सुला लिया. अब स्थति ये थी की मे बेड के किनारे उसके बाद मेरी पत्नी उसके बाद मेरा नन्हा सा बच्चा उसके बाद नीरू सोने के लिए तेयार हो गये. बहुत सारी बाते करते रहे और बाते करते करते हमे नींद आ गई. अभी तक मेरा उसको चोदने का विचार मेरे दिमाग मे नही आया था।
हां. ये ज़रूर था कभी कभी उसको छेड़ ज़रूर देता था. इस तरह 4 दिन निकल गये 5वे दिन पत्नी बोली की नीरू अपनी नाईटी भूल आई है इसको सोने मे प्रोब्लम होती है तो बाजार से इसको दिला लाओ… तो मे उसको नाईटी दिलाने ले गया. बाजार मेरे घर से 2 km. दूर था और भीड़ भाड़ वाली जगह थी. तो मे उसको कार से ना ले जाकर अपनी बाइक पर बेठाकर ले गया रात के 9 बज चुके थे अंधेरा हो चुका था. मे मज़ाक मे नीरू से बोला नीरू तुम मुझे सही पकड़ लेना कही गिर ना जाना… तो नीरू ने मुझे तोड़ा ज़ोर से पकड़ लिया और बोली अब ठीक है जीजू.. पर मेने कहा नही अभी ठीक नही है तोड़ा और ज़ोर से तो उसने पूरे ज़ोर से… मुझे पकड़ लिया इतनी ज़ोर से की उसके 36 के बोब्स ने मेरे उपर पूरा दबाब बना दिया तो मेने मज़ाक मे कहा नीरू कुछ चुब रहा है मुझे… नीरू बोली क्या चुब रहा है जीजू… मेने कहा तेरे 2 आम… वो बोली हठ.. आप भी बड़े बेशर्म हो… इतने मे बाजार आ गया और उसने अपने लिए नाईटी ले ली।
वापस आते टाइम भी मेने उसको बोला नीरू पहले जेसे पड़का था उसी तरह इस बार भी पकडो तो उसने मेरी बात मान ली और मुझे कसकर पकड़ लिया मे उसके बोब्स के दबाब का मज़ा लेता हुआ घर आ गया और उसी टाइम मुझे उसके बोब्स दबाने के सपने दिखने लगे. घर आकर वो मेरे से अपनी नज़रे चुराने लगी और मे भी मन ही मन मे मुस्कराने लगा. मे दिमाग मे प्रोग्राम बनाना लगा की आज केसे नीरू के बोब्स का मज़ा लिया जाए सो मेने अपना प्रोग्राम फाइनल कर लिया. मे आपको बता दूँ की मेरी पत्नी का मेरे उपर पूरा विस्वास है उसको सपने मे भी उम्मीद नही है की मे उसके साथ दगा कर सकता हूँ. तो मेने रात मे देर तक जागने का नाटक किया और नीरू से बाते करता रहा।
पत्नी बोली अब तो सो जाओ.. पर मेने कहा नींद नही आ रही है… मे नीरू से बात करके अपना टाइम पास कर लेता हूँ… और मे नीरू के पास आ गया. और बाते करने लगा. थोड़ी देर मे पत्नी सो गई और हम बाते करते रहे पत्नी के सोने के 15-20 मिनिट बाद मेने रूम की लाइट ऑफ कर दी. और सोने का नाटक करने लगा. पत्नी सो चुकी थी लेकिन मेरी आँखो मे नींद नही थी मुझे तो आज नीरू के बोब्स का मज़ा लेना था. लाइट ऑफ करने के 15-20 मिनिट बाद मेने देखा की सारा रूम बिल्कुल शांत है मे आगे की करवाई अब शुरू कर सकता हूँ तो मेने धीरे अपनी करवट बदली और अपना फेस नीरू की तरफ कर दिया और धीरे से अपना हाथ नीरू की कमर पर रख दिया मे नही जानता था की नीरू अभी तक सो चुकी है या जाग रही है पर मुझे नीरू के जागने का भी डर नही था क्युकी मुझे विस्वास था की वो जवान है और उसके दिल मे मेरे लिए भी प्रेम जाग चुका है।
मे उसकी कमर पर हाथ रख चुका था 2 मिनिट तक उसकी तरफ से कोई हरकत नही हुई तो मेने अपना हाथ तोड़ा सा और उपर किया तो मेरे हाथ उसके बोब्स को छूने लगे फिर कोई हरकत नही हुई तो मेने धीरे से अपना हाथ नीरू मे बोब्स पर रख दिया और नीरू की किसी हरकत का इंतजार करने लगा. 2 मिनिट फिर निकल गये नीरू की तरफ से कोई रेस्पोन्स नही मिला तो मेने धीरे धीरे उसके बोब्स सहलाने लगा. नीरू की तरफ से कोई भी रेस्पोन्स नही मिल रहा था लेकिन मे समझ चुका था की नीरू जाग रही है. और वो मेरा विरोध करने की स्थति मे नही हे और बराबर मज़े ले रही है. मेरा साहस बढ़ चुका था मुझे नीरू की तरफ से हरी झंडी ( ग्रीन सिग्नल ) मिल चुका था।
फिर मेने अपना हाथ तोड़ा और उपर किया और उसके होंठ के उपर पहुच गया. वाह कसम से दोस्तो उसके होंठ इतने मुलायम थे जेसे शहद मे डूबा हुआ गुलाब का फूल. आपको मे बता दूँ की मे अभी तक कम से कम कई लड़कियो की चुदाई कर चुका हूँ लेकिन मुझे अभी तक नीरू जेसे होंठ वाली कोई दूसरी लड़की नही मिली है. मे थोड़ी देर उसके होंठ को सहलाता रहा उसके बाद मेने उसकी नाईटी मे हाथ डाला क्युकी मे उसके बोब्स को नंगे हाथो से सहलाना चाहता था लेकिन उसकी नाईटी दबी हुई थी तो नाईटी को उपर करने के लिए नीरू का तोड़ा सा उपर करना ज़रूरी था. मेने अपने हाथ से उसके उपर दबाव बनाया वो समझ गई और तोड़ा उपर हो गई।
उपर होने के बाद मेरा हाथ आराम से उसके नाईटी मे घुस गया और उसके बोब्स तक पहुच गया उसने ब्रा पहन रखी थी लेकिन मुझे तो उसके बिना ब्रा के बोब्स चाहिए थे. मेने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया सच दोस्तो आप खुद सोच सकते हो की 18 साल की लड़की के 36 इंच वाले बोब्स अगर किसी को मिल जाए तो वो क्या फील करेगा वो ही स्थति मेरी थी. मे पागल हो चुका था उसके बोब्स को दबा दबा कर. मेरा 7 इंच का लंड बिल्कुल बंदूक बन चुका था और गोली दागने के लिए तैयार था. आग दोनो तरफ लग चुकी थी वो मदहोश हो चुकी थी. और मे भी अब रूकने के मूड मे नही था. मेने उसका हाथ पकडा और अपने अंडरवेयर मे डाल दिया. उसने मेरा लंड अपने हाथो मे दबा लिया पर दोस्तो जिस तरह से उसने मेरा लंड दबाया था मुझे नही लगा की वो लंड को पहली बार दबा रही है. मुझे लगा की वो सेक्स के मज़े से अंजान नही है पहले भी इसकी चुदाई हो चुकी है. मेरा अनुमान सही था आगे की स्टोरी से आपको भी मालूम हो जाएगा की मेरा अनुमान सही था. इस टाइम हम दोनो इस स्थति मे पहुच चुके थे की रूकना किसी के लिए भी पोसिबल नही था मेने उसकी पेंटी को नीचे सरका दिया और उसकी चूत के उपर अपना हाथ रखा मुलायम मुलायम बालो से सजी हुई चूत थी उसकी।
थोड़ी देर मेने उसकी चूत को सहलाया उसकी पूरी बॉडी अकड़ने लगी और वो मुझे उपर आने का संकेत करने लगी. मे उसका संकेत समझ गया और उसके उपर आ गया अब वो मेरे नीचे थी और मे उसके उपर लंड का दबाव चूत के उपर था सिने आपस मे मिले हुए थे होंठ एक दूसरे के टच हो रहे थे. मेने उसको होंठ को अपने होंठ मे दबा लिया और उसके होंठ को चूसने लगा. मुझे होंठ चूसने मे इतना मज़ा आ रहा था की मे भूल चुका था की सेक्स मे चुदाई भी करते है. नीरू इतनी गर्म हो चुकी थी की उसने मेरे लंड को पकड़ा और खुद ही अपनी चूत मे घुसाने लगी. मे समझ गया की अब इसका क्या इरादा है मेने अपने लंड को निशाने पर लगाया और सच कहु दोस्तो एक ही झटके मे पूरा लंड उसकी चूत मे घुस गया. तो मेरा पक्का विस्वास हो गया की नीरू की चुदाई पहली बार नही हो रही है. लंड को चूत मे घुसने के बाद तोड़ा आराम मिला साथ मे तोड़ा मुझे भी. मुझे भी तोड़ा आराम मिलने के बाद मेरी कुछ सोचने की शक्ति जागी तो मेने देखा की वासना के नशे मे मे क्या कर रहा हूँ. कुँवारी लड़की की मे बिना कॉंडम के लंड घुसा रहा हूँ अगर कुछ हो गया तो क्या होगा मेरी ईज़्ज़त का और नीरू की ईज़्ज़त का और मेने ना चाहते हुए लंड उसकी चूत से बाहर निकल लिया।
लंड निकाला तो नीरू कुछ समझ नही पाई और ना ही मे बोलकर उसको समझा सकता था. लेकिन दोनो की वासना की गर्मी शांत होना भी ज़रूरी थी मे तो अपनी पत्नी से कर भी सकता था पर नीरू का क्या होता तो मे नीरू की बगल मे आ गया और उसके होंठ अपने होंठ के बीच मे दबा कर चूसने लगा और नीरू की चूत मे अपनी 2 अंगुली डाल कर उसको प्यार से सहलाने लगा. शायद नीरू मेरी स्थति समझ चुकी थी की मेने क्यू उसकी चूत मे से लंड निकाला और मेरा आगे क्या इरादा है. तो वो इस स्थति का भी मज़ा लेने लगी. और करीब 10 मिनिट बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसको आराम मिला और उसने ज़ोर से मुझे अपने सिने से भीच लिया. नीरू शांत हो चुकी थी पर मे उसके होंठ चूस चूस कर ज़्यादा गर्म हो चुका था. अब मेरी शांत होने की बारी थी. और अब वो मेरे लंड की अपने हाथ से उपर नीचे करने लगी पर मेरा तो इरादा दूसरा था मेने उसके हाथ से अपने लंड को निकाला और उसको नीचे सरकने का इशारा किया और मे खुद उपर सरक गया उपर नीचे होने से मेरा लंड अब नीरू के सामने आ चुका था नीरू समझ गई की उसको आज अपने जीजू के लंड को चूसना है उसने बिना विरोध किए बिना देर किए गप्प से मेरा लंड अपने मूह मे ले लिया और होंठो से लंड की चूसने लगी।
नीरू के होंठ थे ही मधुशाला और लंड पर उसका दबाब मे जन्नत मे पहुच चुका था और नीरू बड़े प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी मे पूरा उत्तेजित था किसी भी समय अपना वीर्यरस छोड़ सकता था और करीब 10 मिनिट बाद मुझे लगा की अब मे झडने वाला हूँ मेने अपना लंड नीरू के मूह से बाहर निकाला और बाथरूम मे जाकर फ्रेश हो गया. वापस आया और नीरू को एक किस उसकी चूत पर दिया. एक किस उसके मस्त बोब्स पर दिया एक किस उसके होंठ पर दिया और अपनी पत्नी की बगल मे आकर सो गया. तो दोस्तो ये कहानी थी मेरी और मेरी साली की पहली चुदाई की लेकिन जो काम बचा हुआ था वो मेने दूसरे दिन बाजार से कॉंडम लेकर पूरा किया था और लगातार 7 नाइट तक जब तक नीरू मेरे घर रही चोदा था।
लेकिन ये सारी चुदाई एसी थी जिसमे हम 1 वर्ड भी नही बोले थे मेरा मतलब चुदाई तो आपने भी बहुत की होंगी लेकिन एसी ना की होगी जिसमे आप अपने साथी से कुछ भी ना बोले सारा काम इशारो मे हो. अब तक मे नीरू को कई बार चोद चुका हूँ और एसा कोई महिना नही है जिसमे हम आपस मे बाते ना करते हो फोन पर. मुझे नीरू बहुत याद आती है बल्कि नीरू से भी ज़्यादा उसके होंठ याद आते है. मुझे हमेशा उसके होंठ का इंतजार रहता है. में सोचता रहता हूँ कब नीरू के पास जाने का मोका मिले।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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