FUN-MAZA-MASTI
हाय फ्रेंड्स मे फिर से अपनी स्टोरी ले कर हाजिर हूँ ये स्टोरी तब की है जब मे 20 साल का था अब तक मे तीन शादीशुदा ओरत के साथ सेक्स कर चुका था अब तक मुझे सेक्स की पूरी जानकारी पता लग चुकी थी। ये स्टोरी मेरे एक खास दोस्त के घर से शुरू हुई बचपन मे मेरा दोस्त अशोक और मे एक साथ खाते, नहाते, ओर खेलते थे उसकी बहन थी भावना वो हमसे 3 साल कुछ महीने छोटी थी अक्सर हम एक साथ ही खेलते थे बचपन मे आदमी को कुछ पता नही होता इसलिये हम नंगे होकर कई बार बारिश मे नहाते तो कभी स्विम्मिंग टीचर को परेशान करने के लिये नंगे हो जाते मेरा लंड बचपन से ही अशोक के लंड से लंबा था बड़े होने के बाद भावना ओर मेरे मे कुछ नजदीकी हो गई थी अशोक के घर जब भी में जाता उसके साथ टाइम बिताता ओर फिर अपने घर चला जाता.
एक दिन हम लोगो ने वंदावन जाने का प्रोग्राम बनाया जो की मथुरा उतर प्रदेश में पडता है अशोक की कज़िन सिस्टर (उसकी मामा की लड़की) भावना ओर में जिस दिन जाना था उस दिन अशोक की तबीयत ख़राब हो गई उसका जाना केन्सिल हो गया उसके मम्मी पापा ने कहा की भावना ओर प्रीति (कज़िन सिस्टर) के साथ तुम चले जाओ ऐसे स्थानों पर प्रोग्राम बनाने के बाद कभी केन्सिल नही करना चाहिये लो अब एक 20 साल के जवान लड़के के साथ 18 (भावना) ओर 19 (प्रीति) साल की दो लड़किया चल पड़ी.दोस्त की बहन भावना
हाय फ्रेंड्स मे फिर से अपनी स्टोरी ले कर हाजिर हूँ ये स्टोरी तब की है जब मे 20 साल का था अब तक मे तीन शादीशुदा ओरत के साथ सेक्स कर चुका था अब तक मुझे सेक्स की पूरी जानकारी पता लग चुकी थी। ये स्टोरी मेरे एक खास दोस्त के घर से शुरू हुई बचपन मे मेरा दोस्त अशोक और मे एक साथ खाते, नहाते, ओर खेलते थे उसकी बहन थी भावना वो हमसे 3 साल कुछ महीने छोटी थी अक्सर हम एक साथ ही खेलते थे बचपन मे आदमी को कुछ पता नही होता इसलिये हम नंगे होकर कई बार बारिश मे नहाते तो कभी स्विम्मिंग टीचर को परेशान करने के लिये नंगे हो जाते मेरा लंड बचपन से ही अशोक के लंड से लंबा था बड़े होने के बाद भावना ओर मेरे मे कुछ नजदीकी हो गई थी अशोक के घर जब भी में जाता उसके साथ टाइम बिताता ओर फिर अपने घर चला जाता.
मेरे दिमाग़ मे कुछ भी ग़लत नही चल रहा था हम लोग बड़ी परिक्रमा (गोवर्धन पर्वत) की कर चुके थे ओर दूसरी परिक्रमा (राधा कुंड) की कर रहे थे सुबह के 4 बजे का टाइम होगा मुझे जोर से पेशाब लगा में पास के खेतो मे चला गया मेरे पीछे पीछे भावना ओर प्रीति भी हो लिए मेंने कहा तुम लोग कहा आ रही हो तो वो लोग बोले हमें अकेले में डर लगता है इसलिये साथ मे उन्हे भी पेशाब आया था वो लोग भी झाड़ीयो मे चले गये ओर कहने लगे की में जेसे खड़ा हूँ वेसे ही रहो में वेसे ही खड़ा रहा पर अपना लंड अपनी पैंट मे कर चुका था फिर हम लोग घर आ गये कुछ दिन बीतने के बाद एक दिन मे अशोक के घर गया 1st फ्लोर पर उसकी मम्मी सो रही थी.
में IInd फ्लोर पर चला गया वहा पहुँचा तो दरवाजे को थोड़ा सा धक्का दिया दरवाजा खुल गया भावना शमीज़ मे थी ओर अपनी चूत मे उंगली दे रही थी मुझे देख कर वो मेरे पास आ गई मेने उसको इग्नोर करते हुये कहा अशोक कहा है वो बोली वो पापा ने किसी काम से उसे 2 दिन के लिये बाहर भेज दिया है साथ मे मेरा लंड मेरी पेंट के उपर से पकड़ने लगी मेंने कहा यह क्या कर रही हो तो वो बोली जब हम छोटे थे तब भी हम नंगे नहाते थे तब तुम्हारा मेरे भाई से ज्यादा लंबा था ओर उस दिन खेत में जब तुम पेशाब कर रहे थे तब हमने देखा की तुम्हारा लंड लंबा भी अच्छा है ओर मोटा भी प्रीति कह रही थी की उसके बॉयफ्रेंड से भी मेरा ज्यादा लंबा ओर मोटा है अब तक वो मेरा लंड मेरी पेंट से बाहर ला चुकी थी मेंने कहा अगर आंटी आ गई तो वो बोली मम्मी कुंभकरण की बहन है उनकी चिंता मत करो.
मेने उसकी हल्के रुयेदार चूत के दर्शन किये तो मेरा लंड मेरी नाभि से टच करने लगा वो मेरे लंड को सीधा करती तो मुझे दर्द होता पर मुझे उस समय एक कुवांरी चूत दिख रही थी इसलिये में सब कुछ सहन कर रहा था मेंने उसका शमीज उतार दिया उसके बूब्स टाइट थे। यह मेरे लिये कुछ अलग था साथ मे निपल तो थे ही नही। जेसे हम लड़को के भी नही होते जेसे मोटे सेब पर एक डॉट हो मेंने उसका बूब्स पूरे मुँह के अंदर लेने की कोशिश की पर वो मोटे होने के कारण मुँह मे पूरे नही जा रहे थे वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी साथ मे गर्म भी हो रही थी मेंने अब उसका किस लिया बड़ी देर तक किस करता रहा साथ मे अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत के मुँह पर रग़डता रहा उसकी चूत पूरे तरीके से गीली हो चुकी थी.
मैने देर ना करते हुये उसे बेड पर लेटा दिया ओर अपना लंड उसकी कुवांरी चूत मे डाल दिया वो बहुत गर्म थी में उसके बूब्स ज़ोर से दबाने लगा ओर दूसरा बूब्स अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा और अपने दाँतो से काट देता इस तरह मेंने उसकी चूत मे अपना 8 इंच लंबा लंड डाल दिया वो डिसचार्ज के पास थी इसलिये में जोर जोर से शॉट मार रहा था उसने मुझे बहुत टाइट पकड़ लिया इतना टाइट की में शॉट भी नही दे पा रहा था उसका डिसचार्ज हो चुका था वो बोली प्लीज तुम डिसचार्ज अंदर मत कर देना नही तो बहुत बड़ी दिक्कत हो जायेगी मुझे अनुभव था इसलिये मैने लंड बाहर निकाल लिया लंड बाहर आते ही झटके मार रहा था भावना ने नीचे बेठ कर मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगी मेरा सूपड़ा ही उसके मुँह में जा रहा था.
इतनी देर में मैने जेसे ही उसकी चूत मे अपनी उंगली डाली एक खून दी धार बाहर आ गई पर भावना पर लंड चूसने का खुमार था मेंने एक ज़ोर से झटका उसके बालो को पकड़ के उसके मुँह मे दिया ओर मेरा डिसचार्ज हो गया मेरा लंड उसके गले तक चला गया कुछ पानी अंदर कुछ उसके गालो पर साथ ही उसे उल्टी हो गई वो गुस्से से बोली जब में चूस रही थी तब तुम से सब्र नही हुआ इतनी ज़ोर के झटका क्यों दिया मेरे गले मे तुम्हार लंड फंस गया था इस वजह से उल्टी हो गई फिर वो टायलेट गई अपनी चूत साफ़ करके वापस आ गई ओर बोली तुम ने यह पहली बार नही किया है.
मेंने कहा कैसे। वो बोली जिस तरह तुम ने किया था इस तरह तो मुझे ज्यादा तकलीफ़ नही हुई ओर जिस तरह तुम ने मेरे डिसचार्ज के बाद अपना लंड बाहर निकाल दिया पहली बार करने वाला कभी भी ये नही करता उसकी बातोँ को टालते हुये में प्रीति के बॉयफ्रेंड के बारे मे पूछने लगा वो बोली प्रीति तो अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही शादी करेगी ओर उनका सेक्स भी हो चुका है वो तुम्हारा लंड देख के ललचाई नही और बोली भावना इसको पटा ले ये मस्त माल है मेंने भी अपने हाथ से प्रीति को जाता देख कर कहा भावना वो तुम से ज्यादा सेक्सी ओर सुन्दर नही है दोस्तो ये थी मेरी कहानी जिसे मेने कामुकता डॉट कॉम के जरिये आप तक पहुँचाया है।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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