FUN-MAZA-MASTI
ओक्टुबर का महीना था एक दिन मन्नू कि मौसी आ गई ' इस बार मौसी के रंग ढंग एक दम से बदल गए १५ दिन में ' मौसी राजस्थानी ड्रेस कि जगह पर सलवार सूट ,और साडी पहनती तब मौसी कि उम्र और कम लगती मौसी कि सेक्स अपील बढ़ गई मौसी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में झाकते हुए मस्त लगते मौसी के आ जाने के कारण अब मनु और प्रीती भाभी को चोदने का मोका ही नहीं मिलता मौसी दिन भर घर में ही रहती कभी बाजार जाती भी तो साम के समय माकन मालिक के साथ उस समय मनु और भाभी दोनों साथ साथ रहती ' पर मौसी खूब घुल मिल गई ज्यादा से ज्यादा बाते करती जब घर में कोई नहीं रहता ' मौसी नहाते समय ब्लाउज और पेटीकोट में ही बाहर झाड़ू लगाने आ जाती उस समय मौसी के बड़े बड़े बूब्स को ललचाई निगाहो से देखता मनु और प्रीती भाभी के बूब्स इतने बड़े और सेक्सी नहीं लगते जितना कि मौसी कि बूब्स है मन करता कि दबा दू दोनों हाथो से मौसी पतले ट्रांसप्लेंट कपडे का ब्लाउज पहनती दूर से उनकी ब्रा दिखाई देती इसी तरह से सलवार सूट में भी मौसी का जिस्म सेक्सी लगता क्योकि ऊपर का सूट एक दम से जिस्म में कसा रहता ' सलवार सूट में मौसी का पेट नहीं दिखाई देता जबकि साडी में हल्का सा निकला हुआ पेट दिखाई देता है इसी कारन मौसी सलवार सूट जादा पहनती है | नवम्बर का महीना था एक दिन सुबह ११ बजे मौसी ने आवाज दिया तो मैं गया और बोला 'जी मौसी सा ' तो मौसी कहती है कि ओये तू मौसी नहीं कहा कर भाभी बोला कर मुझे तेरे उम्र के मेरे चचेरे देवर है तो मैं बोला टीक है मौसी सा तो फिर से टोकी और बोली चल भाभी बोल तो मैं हस्ते हुए बोला हां भाभी सा बोलिये तो बोली जा एक क्रीम ला दे तो मैं बोला कौन से क्रीम नाम तो बताइये तो शर्माते हुए बोली कि यहाँ कि [कॉख कि तरफ इसारा किया] सफाई करनी है और १०० का नोट पकड़ा दिया तो मैं जाकर 'इंफ्रच हेयर रिमूवर क्रीम ' लाकर दे दिया तो मौसी ने दरवाजा लगा कर अंदर घुस गई और ३० मिनट बाद बाहर निकली तो टू
पीस वाला गाउन पहन रखा था जिसमे से गाउन के ऊपर का हिस्सा नहीं था मौसी इस गाउन में बहुत सेक्सी लग रही थी उनकी पूरी पीठ और बड़े बड़े बूब्स लाल रंग कि ब्रा और पेंटी दिखाई दे रही थी कंधे पर सिर्फ ब्रा कि तरह एक पतली सी रस्सी थी गाउन इतनी पतली थी कि अंदर कि लाळ रंग कि पेंटी साफ़ झलक रही थी ये सब देख कर मैं भी बाहर निकला सोचा कि मौसी सरमा जायेगी पर मौसी नहीं सरमाई बल्कि मेरे पास बाते करने लगी पर मेरी आँखे बार बार मौसी कि सेक्सी बूब्स कि तरफ चले जाते तब मौसी मुस्कुरा कर कहती कि क्या देख रहा है मेरी तरफ देख कर बात कर ना तो मैं झेप कर सरमा गया तो मौसी ने मेरे गाल में एक हल्की से चपत मारा और तिरछी नजर से देखते हुए मुस्कुरा कर चली गई जब मौसी अपने कमरे केपास पहुची तो एक बार फिर में मेरी तरफ पलट कर देखी मैं उस समय मौसी को ही देखे जा रहा था फिर मौसी अंदर घुस गई अब रोज मैं मौसी के सेक्सी जिस्म को किसी न किसी बहाने देखता एक दिन मैं रात को मकान मालिक और मौसी कि चुदाई देखा जिसमे मौसी अतृप्त थी मकान मालिक तो फुर्सत हो गए पर मौसी अभी भी जोर से टांगे दबाये हुए लेती थी बिस्तर पर | दिसंबर का महीना था एक दिन घर के सामने ही रोड पर एक ठेले से मौसी बड़े बड़े मोटे मोटे केले लेकर आई और मुझे आवाज दिया जब मैं गया तो बोली ले केले खायेगा बहुत अच्छे है तो मैं एक केला उठाकर खाने लगा और बोला कि बहुत अच्छे केले है मौसी तो बोली कि तूने फिर से मौसी कहा अब नहीं कहना फिर से टीक है ना बही तो पिटाई कर दुगी तो मैं कान पकड़ते हुए एक उठक बैठक लगाया और बोला सॉरी भाभी तो हसने लगी और बोली ले और खा ना फिर बेसर्मी से कहने लगी कि मोटे केले कि बात ही अलग है एक केला खा लो पेट भर जाता है तब मैं बोला कि केला तो केला है मोटा हो या पतला लंबा हो या छोटा तो मौसी बोली कि नहीं रे मोटे और लम्बे केले कि बात ही अलग होती है बहुत मजा आता है मोटा केला खाने में यह तो नसीब वाले को मिलता है तब मैंने बोला कि भाभी इसमें नसीब वाली बात कहा है जब मन पड़े खा लो बाजार से लाकर तो बोली कि बाजार में मिल जाते है पर जो केला मुझे चाहिए ओ नहीं मिलता तो मैं बोला कि आपको कौन सा केला चाहिए आप तो खूब खाती है केले रात में भी खाती है केले तो मौसी शरमाकर बोली तुझे कैसे पता कि मैं रात में खाती हु तो मैंने बताया कि मैंने देखा है आपको रात में केले खाते तो उदास हो कर बोली कि उस केले में अब मजा नहीं रहा अब ओ केला कमजोर पड़ गया तो मैं हसने लगा और बोला कि केला तो है पर आप उसे देख नहीं रही है और हसने लगा तो मौसी भी हसने लेगी ' एक दिन मौसी अपने रूम में साडी पहन रही थी तब मैं अचानक पहुच गया और मौसी को पीछे से देखने लगा मौसी ड्रेसिंग टेबल में कॉंच के सामने साडी पहन रही थी मैं मौसी को पीछे से बहुत देर तक देखता रहा मौसी पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रही थी मौसी ने मुझे कांच में देख लिया पर जान बूझकर नहीं घूमी मैंने मौसी को भर पेट देखा कुछ देर में मौसी पलटी और मेरे तरफ देख कर बोली क्या देख रहा है तो मैं सर्मा गया कुछ नहीं बोला नीचे कि तरफ देखने लगा इतने में मौसी मेरे पास आई और गाल में एक चपत मारा और बोली तुझे मैं अच्छी लगती हु तब भी मैं कुछ नहीं बोला तो मौसी बोलती है ले इधर भी देख ले मन को सन्ति मिल जायेगी तुझे तब मैं मौसी कि तरफ देखने लगा मौसी ने साडी का पल्लू नहीं लिया था और ब्लाउज का एक हुक भी नहीं लगा था मौसी के बड़े बड़े आधे बूब्स दिखाई दे रहे थे मैंने मौसी कि तारीफ किया बोला कि भाभी आप बहुत सुन्दर है और इस तरह से मेरे और मौसी के बीच में अब बड़ी बेसर्मी से बाते होने लगी मौसी चुदाने के लिए मन ही मन तैयार हो गई बस मोके की तलास है और बह मोका एक दिन मिल गया |
३ जनवरी कि
बात है आज भाभी और मनु कही जा रही है तैयार होकर पूछा तो पता चला कि
भाभी के मायके में सादी है किसी कि इस कारण जा रही है ' मैं तो मन ही मन
खुस हो गया कि अब मौसी को चोदने का मोका मिल जायेगा ' एक दिन क्या हुआ कि
मकान मालिक के मकान में रात में चोरी हो गई चोरो ने घर वालो को मारा भी
खूब इस कारण मौसी खूब डरी हुई थी उसी समय पर माकन मालिक कि रात में १२ बजे
से डूटी हो गया और मेरी डूटी ४ बजे हो गई माकन मालिक जाते और मैं रात को
१२.३० तक आ जाता मौसी एकात दिन तो सो गई अकेले पर ५ जनवरी कि रात को मैं
जैसे ही आया चैनल गेट का ताला खोला तो ताला खोलते ही मौसी आ गई और बोली कि
अभी कुछ देर पहले कोई ताला तोड़ने की कोशिस कर रहा था मैं बोला मुझे तो कोई
नहीं दिखाई दिया ईतना कह कर ताला लगाया और वापस आ गया अपने कमरे मेंचेंज
कारने लगा कपड़ा और बिस्तर पर लेट गया तो किचेन कि तरफ से मौसी ने दरवाजा
ठोका और धीरे से बोली कि महेंद्र मेरे कमरे में आकर सो जा मैं डर रही हु
अकेली तो मैं बोला कि बीच का दरबाजा खोलो भाभी आ जाउगा तो मौसी ने कहा कि
चाबी नहीं है मेरे पास [जबकि मेरे पास चाबी थी मैं जान बूझकर नहीं दिया
मौसी को] तो मैं बोला कि आगे कि तरफ से आउगा तो कोई देख लेगा तो मौसी ने
कहा कि रात में कोई नहीं देखेगा तू तो आ जा तब मैं चुपचाप मौसी के कमरे में
जाकर लेट गया दूसरे बेड पर उस समय पर बहुत भयंकर ठंडी पड़ रही थी पर मौसी
का कमरा गर्म था क्योकि मौसी
ने दरवाजे लगाकर रूम हीटर ऑन कर रखा था ,मुझे नीद तो नहीं आ रही थी पर आगे
होकर मौसी कि तरफ बढ़ने कि हिम्मत भी नहीं पड़ रही थी जबकि मौसी पके हुए फल
कि तरह टपकने को तैयार है पर
मैं
चुपचाप एक कम्बल ओढ़कर लेटा रहा रात में करीब २ बजे तक हलकी ठण्ड लगी तो तो
रजाई खीचकर ओढ़ने लगा तो देखा कि हीटर बंद है फिर मैं रजाई ओढ़कर लेट गया रात
में २.३० बजे भाभी ने आवाज दिया और बोली कि मुझे ठंडी लग रही है तू मेरे
पास आजा ना ,मैं तो इस पल का कबसे इन्तजार कर रहा था मैं जल्दी से उठा और
मौसी के बेड पर पहुच गया ,पहुचते ही मौसी ने अपनी रजाई में दुबका लिया मुझे
,मैं जाते ही मैं मौसी से चिपक गया और किस करने लगा पर मैं ये देख कर
हैरान रह गया कि मौसी इतनी ठंडी में भी सिर्फ ब्रा और पैन्टी में ही लेटी
हुई थी बेड पर '
मेंमौसी को तब तक चोदता रहा जब तक मौसी सांत नहीं हो गई मौसी ने सभी आसनो में चुदवाया और मौसी को लगातार २० दिनों तक चोदता रहा फिर मन्नू और भाभी गई और मौसी कि चुदाई का सिलसिला बंद हो गया ,फिर मोका देख देख कर बारी बारी से मनु और भाभो को ३ साल तक चोदा ,मनु कि सादी हो गई २००२ में मेरी भी सादी हो गई पर प्रीती भाभी को बीच बीच में बाहर होटलो में ले जाकर चोदता रहा आज भी कभी कभी प्रीती भभ को बाहर होटल में लेजाकर चोदता हु |
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बेटी और बहु और साली - 3
ओक्टुबर का महीना था एक दिन मन्नू कि मौसी आ गई ' इस बार मौसी के रंग ढंग एक दम से बदल गए १५ दिन में ' मौसी राजस्थानी ड्रेस कि जगह पर सलवार सूट ,और साडी पहनती तब मौसी कि उम्र और कम लगती मौसी कि सेक्स अपील बढ़ गई मौसी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में झाकते हुए मस्त लगते मौसी के आ जाने के कारण अब मनु और प्रीती भाभी को चोदने का मोका ही नहीं मिलता मौसी दिन भर घर में ही रहती कभी बाजार जाती भी तो साम के समय माकन मालिक के साथ उस समय मनु और भाभी दोनों साथ साथ रहती ' पर मौसी खूब घुल मिल गई ज्यादा से ज्यादा बाते करती जब घर में कोई नहीं रहता ' मौसी नहाते समय ब्लाउज और पेटीकोट में ही बाहर झाड़ू लगाने आ जाती उस समय मौसी के बड़े बड़े बूब्स को ललचाई निगाहो से देखता मनु और प्रीती भाभी के बूब्स इतने बड़े और सेक्सी नहीं लगते जितना कि मौसी कि बूब्स है मन करता कि दबा दू दोनों हाथो से मौसी पतले ट्रांसप्लेंट कपडे का ब्लाउज पहनती दूर से उनकी ब्रा दिखाई देती इसी तरह से सलवार सूट में भी मौसी का जिस्म सेक्सी लगता क्योकि ऊपर का सूट एक दम से जिस्म में कसा रहता ' सलवार सूट में मौसी का पेट नहीं दिखाई देता जबकि साडी में हल्का सा निकला हुआ पेट दिखाई देता है इसी कारन मौसी सलवार सूट जादा पहनती है | नवम्बर का महीना था एक दिन सुबह ११ बजे मौसी ने आवाज दिया तो मैं गया और बोला 'जी मौसी सा ' तो मौसी कहती है कि ओये तू मौसी नहीं कहा कर भाभी बोला कर मुझे तेरे उम्र के मेरे चचेरे देवर है तो मैं बोला टीक है मौसी सा तो फिर से टोकी और बोली चल भाभी बोल तो मैं हस्ते हुए बोला हां भाभी सा बोलिये तो बोली जा एक क्रीम ला दे तो मैं बोला कौन से क्रीम नाम तो बताइये तो शर्माते हुए बोली कि यहाँ कि [कॉख कि तरफ इसारा किया] सफाई करनी है और १०० का नोट पकड़ा दिया तो मैं जाकर 'इंफ्रच हेयर रिमूवर क्रीम ' लाकर दे दिया तो मौसी ने दरवाजा लगा कर अंदर घुस गई और ३० मिनट बाद बाहर निकली तो टू
पीस वाला गाउन पहन रखा था जिसमे से गाउन के ऊपर का हिस्सा नहीं था मौसी इस गाउन में बहुत सेक्सी लग रही थी उनकी पूरी पीठ और बड़े बड़े बूब्स लाल रंग कि ब्रा और पेंटी दिखाई दे रही थी कंधे पर सिर्फ ब्रा कि तरह एक पतली सी रस्सी थी गाउन इतनी पतली थी कि अंदर कि लाळ रंग कि पेंटी साफ़ झलक रही थी ये सब देख कर मैं भी बाहर निकला सोचा कि मौसी सरमा जायेगी पर मौसी नहीं सरमाई बल्कि मेरे पास बाते करने लगी पर मेरी आँखे बार बार मौसी कि सेक्सी बूब्स कि तरफ चले जाते तब मौसी मुस्कुरा कर कहती कि क्या देख रहा है मेरी तरफ देख कर बात कर ना तो मैं झेप कर सरमा गया तो मौसी ने मेरे गाल में एक हल्की से चपत मारा और तिरछी नजर से देखते हुए मुस्कुरा कर चली गई जब मौसी अपने कमरे केपास पहुची तो एक बार फिर में मेरी तरफ पलट कर देखी मैं उस समय मौसी को ही देखे जा रहा था फिर मौसी अंदर घुस गई अब रोज मैं मौसी के सेक्सी जिस्म को किसी न किसी बहाने देखता एक दिन मैं रात को मकान मालिक और मौसी कि चुदाई देखा जिसमे मौसी अतृप्त थी मकान मालिक तो फुर्सत हो गए पर मौसी अभी भी जोर से टांगे दबाये हुए लेती थी बिस्तर पर | दिसंबर का महीना था एक दिन घर के सामने ही रोड पर एक ठेले से मौसी बड़े बड़े मोटे मोटे केले लेकर आई और मुझे आवाज दिया जब मैं गया तो बोली ले केले खायेगा बहुत अच्छे है तो मैं एक केला उठाकर खाने लगा और बोला कि बहुत अच्छे केले है मौसी तो बोली कि तूने फिर से मौसी कहा अब नहीं कहना फिर से टीक है ना बही तो पिटाई कर दुगी तो मैं कान पकड़ते हुए एक उठक बैठक लगाया और बोला सॉरी भाभी तो हसने लगी और बोली ले और खा ना फिर बेसर्मी से कहने लगी कि मोटे केले कि बात ही अलग है एक केला खा लो पेट भर जाता है तब मैं बोला कि केला तो केला है मोटा हो या पतला लंबा हो या छोटा तो मौसी बोली कि नहीं रे मोटे और लम्बे केले कि बात ही अलग होती है बहुत मजा आता है मोटा केला खाने में यह तो नसीब वाले को मिलता है तब मैंने बोला कि भाभी इसमें नसीब वाली बात कहा है जब मन पड़े खा लो बाजार से लाकर तो बोली कि बाजार में मिल जाते है पर जो केला मुझे चाहिए ओ नहीं मिलता तो मैं बोला कि आपको कौन सा केला चाहिए आप तो खूब खाती है केले रात में भी खाती है केले तो मौसी शरमाकर बोली तुझे कैसे पता कि मैं रात में खाती हु तो मैंने बताया कि मैंने देखा है आपको रात में केले खाते तो उदास हो कर बोली कि उस केले में अब मजा नहीं रहा अब ओ केला कमजोर पड़ गया तो मैं हसने लगा और बोला कि केला तो है पर आप उसे देख नहीं रही है और हसने लगा तो मौसी भी हसने लेगी ' एक दिन मौसी अपने रूम में साडी पहन रही थी तब मैं अचानक पहुच गया और मौसी को पीछे से देखने लगा मौसी ड्रेसिंग टेबल में कॉंच के सामने साडी पहन रही थी मैं मौसी को पीछे से बहुत देर तक देखता रहा मौसी पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रही थी मौसी ने मुझे कांच में देख लिया पर जान बूझकर नहीं घूमी मैंने मौसी को भर पेट देखा कुछ देर में मौसी पलटी और मेरे तरफ देख कर बोली क्या देख रहा है तो मैं सर्मा गया कुछ नहीं बोला नीचे कि तरफ देखने लगा इतने में मौसी मेरे पास आई और गाल में एक चपत मारा और बोली तुझे मैं अच्छी लगती हु तब भी मैं कुछ नहीं बोला तो मौसी बोलती है ले इधर भी देख ले मन को सन्ति मिल जायेगी तुझे तब मैं मौसी कि तरफ देखने लगा मौसी ने साडी का पल्लू नहीं लिया था और ब्लाउज का एक हुक भी नहीं लगा था मौसी के बड़े बड़े आधे बूब्स दिखाई दे रहे थे मैंने मौसी कि तारीफ किया बोला कि भाभी आप बहुत सुन्दर है और इस तरह से मेरे और मौसी के बीच में अब बड़ी बेसर्मी से बाते होने लगी मौसी चुदाने के लिए मन ही मन तैयार हो गई बस मोके की तलास है और बह मोका एक दिन मिल गया |
मौसी पीछे से ९९% ऐसी ही लगती थी |
मौसी मेरी जीभ को चूसने लगी कुछ इस तरह से |
मौसी कि चूचियाँ ऐसी है थी |
मौसी के
ब्रा का हुक खोल दिया और मैं भी मौसी के बूब्स मसलने लगा ' मौसी के बूब्स
बड़े बड़े थे दू हाथ से पकड़ने पर भी हाथ में नहीं समा रहे थे ,बूब्स कड़क थे
इस उम्र में भी मौसी के बूब्स ज़रा सा भी नहीं लटके हुए थे मैं मौसी के
बूब्स को चूसने लगा मौसी
मेरे सर पर जांघो पर हाथ घुमाने लगी ' मेरे जीभ को चूसने लगी मैं मौसी कि
जांघो में हाथ घुमाने लगा मौसी जोर जोर से मेरे को किस करने लगी और मेरे
सभी कपडे उतारने लगी और एक एक करके सभी कपडे उतार कर नंगा कर लिया मुझे और
लण्ड को पकड़ लिया और हाथसे सहलाने लगी और धीरे से उलटा लेटते हुए मेरे
लण्ड को
मुह में डाल लिया और लण्ड को चूसने लगी मैं भी उलटा होकर मौसी चूत को
चाटने लगा मौसी गर्म पड़ने लगी तो मौसी को पीठ के बल लिटा दिया और मौसी के
ऊपर चढ़ गया मौसी दोनों टांगो को फैला दिया और में बूब्स को चूसने लगा
मौसी लण्ड को खिलाते खिलाते अपनी चूत में डालने लगी तो मैं एक हल्का से
झटका दिया और लण्ड मौसी कि चूत में घुस गया मौसी कि उम्र के हिसाब से चूत
ढीली नहीं थी बल्कि चूत हलकी सी टाइट थी ,मौसी ने दोनों हाथो को मेरे कमर
डाल कर पकड़ लिया झटके मारने लगा मौसी उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ अ अ हा अह अह
अह आहाह आह अह सी सी सी कि आवाज निकलने लगी मौसी ने अपनी चूत को टाइट कर
लिया और बड़े मजे के साथ चुदवाया | मेंमौसी को तब तक चोदता रहा जब तक मौसी सांत नहीं हो गई मौसी ने सभी आसनो में चुदवाया और मौसी को लगातार २० दिनों तक चोदता रहा फिर मन्नू और भाभी गई और मौसी कि चुदाई का सिलसिला बंद हो गया ,फिर मोका देख देख कर बारी बारी से मनु और भाभो को ३ साल तक चोदा ,मनु कि सादी हो गई २००२ में मेरी भी सादी हो गई पर प्रीती भाभी को बीच बीच में बाहर होटलो में ले जाकर चोदता रहा आज भी कभी कभी प्रीती भभ को बाहर होटल में लेजाकर चोदता हु |
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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