FUN-MAZA-MASTI
करीब
नौल साल पहले की बात है। उस समय मेरी उम्र बाईस साल थी और मैं
पी-दब्ल्यू-डी डिपार्टमेंट में नया-नया भर्ती हुआ था। चुनाव आयोग की ओर से
फोटो वाले कार्ड बाँटने थे। ये काम हमारे डिपार्टमेंट के पास भी था ओर ये
कार्ड बाँटने का काममेरे साथ दो और साथियों को
दिया गया। मेरे पास जो कार्ड थे वो उस इल्लाके के थे जो रईस पैसे वालों का
था। मैं दो दिन तक घरों में जा-जा कर कार्ड बाँटता रहा। गर्मी के दिनों में
ये काम आसान नहीं था।
तीसरे दिन भी मैं कार्ड बाँट रहा था। एक घर में गया तो गेट पे खटखटाने पर कोई नहीं आया। मुझे लगा कि घर में कोई तो मौजूद होना ही चाहिये क्योंकि गेट के अंदर होंडा सिटी कार खड़ी थी और गेट के बाहर भी एक स्कोडा कार मौजूद थी। हिम्मत करके अंदर घुसा और चारों ओर नज़र मारी कि कहीं से कोई कुत्ता ना आ जाये क्योंकि अमीरों के घरों में अक्सर कुत्तों से सावधान रहना पड़ता है। जैसे तैसे घए के मुख्य-दरवाजे पे जाकर घंटी बजायी लेकिन कोई आवाज नहीं सुनी। शायद घंटी खराब थी। दरवाज़ाठोंका तो कोई नहीं आया। कुछ देर मैं वहाँ खड़ा रहा। फिर वापस आने लगा कि तभी मैंने ध्यान दिया कि अंदर से अंग्रेज़ी गाना बजने की आवाज़ आ रही है। मैंने हिम्मत की और बगल में जा कर खिड़की से अंदर देखने गया। खिड़की ऊँची थी तो मैंने वहीं पड़ी एक बाल्टी को उल्टा करके उस पर चढ़ गया।
अंदर देखा तो देखता ही रह गया। मेरे हाथ पैर सुन्न हो गये थे। अंदर दो औरतें पूरी तरह से नंगी थीं और सोफे पर एक-दूसरे से चिपक कर बैठी सिगरेट और शराब पी रही थीं। वहीं मेज पर आधी भरी शराब की बोतल और एक विदेशी सिगरेट का पैकेट और ऐश-ट्रे भी रखी थी। सिगरेट की हल्की सी बू तो मुझे खिड़की के बाहर तक आ रही थी। ये औरतें लगभग पैंतीस साल की रही होंगी। दिखने में दोनों ही बिकुल पटाखा थीं। दोनों के लंबे घने काले बाल, कजरारी आँखें, लिपस्टिक लगे लाल-लाल होंठ। दोनों का नंगा जिस्म बहुत ही सैक्सी और सुडौल था। ज़ाहिर था कि दोनों काफी अमीर थीं क्योंकि उनमें से एक के गले में कीमती मोतियों का हार था और दूसरी के गले में हीरों का नेकलेस था। दोनों की कलाइयों में कीमती कंगन और फैंसी घड़ियाँ भी थीं। एक के पैरों में सफेद रंग के ऊँची पेंसिल हील के सैण्डल थे और दूसरी ने अपने पैरों में लाल रंग के वैसे ही पेंसिल हील के सैण्डल पहने हुए थे। दोनों के मम्मे भी काफी बड़े-बड़े थे और दोनों की चूतें भी बिल्कुल साफ सुथरी और चिकनी थीं। झाँटों का नामोनिशान नहीं था।
वो औरतें शराब पीते हुए बार-बार एक दूसरे को चूम रही थीं और चिपक कर एक दूसरे के मम्मे भी सहला रही थीं। उन औरतों के शराब के ग्लास जब खाली हुए तो दोनों एक बार फिर होंठों से होंठ चिपका कर एक दूसरे को चूमने लगीं। कुछ देर ऐसे ही चूमने के बाद सफेद सैंडल वाली औरत खड़ी हुई और झूमती हुई कमरे से बाहर निकल गयी। उसके लड़खड़ाते कदमों से साफ ज़ाहिर था कि वो नशे में थी। दूसरी औरत सोफे पर पीछे टिक कर बैठ के टाँगें फैलाये अपनी चूत सहलाने लगी। इतने में ही पहले वाली औरत अपने साथ डोबरमैन नस्ल का एक बड़ा सा कुत्ता अपने साथ लेकर वापिस आ गयी।
दूसरी औरत भी नशे में झूमती हुई सोफे से उठी और फिर दोनों औरतें उस कुत्ते को पकड़ कर उसे पुचकारने और दुलारने लगीं और वो कुत्ता उनसे बचने की कोशिश कर रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत ने कुत्ते को पकड़ा ओर दूसरी अपनी टाँग फैला कर बैठ गयी। मेरा लण्ड हरकत कर रहा था। फिर दोनों औरतों ने कुत्ते के सिर को पकड़ कर टाँगें फैला कर बैठी हुई औरत की चूत में कुत्ते का मुँह लगाया। लेकिन कुत्ता अब भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत ने एक हाथ से कुत्ते का लण्ड सहलाना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड अपने पूरे तेवर पर आ गया था। पैंट फाड़ कर बाहर आने को मचलने लगा। कुछ देर में ही कुत्ता शाँत हो गया और टाँगें फैलाये बैठी हुई लाल सैंडल वाली औरत की चूत को चाटने लगा। वो औरत बहुत मस्त हो रही थी और अपनी चूत को रुक-रुक कर ऊपर उठा रही थी। कुत्ता उसकी चूत ज़ोर-ज़ोर से चाट रहा था। दूसरी औरत उसके लण्ड पर हाथ फेर रही थी। कुत्ते का लण्ड थोड़ा-थोड़ा करके बाहर आ रहा था और वो औरत उसके लण्ड को सहला रही थी। फिर जब कुत्ते से अपनी चूत चटवा रही लाल सैण्डल वाली औरत उठने लगी तो कुत्ता उस पर उछलने लगा। वो औरत घूम कर कुत्तिया कि तरह हो गयी। उसकी गाँड कुत्ते के मुँह पर थी और कुत्ता उसको चाटने लगा।
दूसरी औरत ने कुत्ते के आगे के दोनों पैर उठाये और लाल सैंडल वाली औरत के ऊपर चढ़ा दिया। कुत्ते को भी समझ में आ गया कि उसे क्या करना है। शायद वो कुत्ता उन औरतों के साथ पहले भी चुदाई में शामिल हो चुका था। वो जोर-जोर से झटके मारने लगा पर उसका लण्ड बाहर ही था। दूसरी औरत ने कुत्ते का लण्ड पकड़ा और नीचे कुत्तिया बनी लाल सैण्डल वाली औरत की चूत के पास ले गयी। कुत्ता झटके मार रहा था और कईं झटकों के बाद उसका निशाना लग गया ओर कुत्ते का लण्ड लाल सैण्डल वाली औरत की चूत में घुस गया।
वो औरत मस्त हो गयी। कुत्ता झटके मार रहा था। वो औरत कुत्ते के झटकों से पूरी हिल रही थी। दूसरी औरत लड़खड़ाती हुई उठी और कुत्तिया बनी औरत के आगे खड़ी हो गयी और अपनी टाँगें फैला कर झुक गयी। कुत्तिया बनी औरत के मुँह के सामने अब उसकी चूत थी। कुत्ते से चुद रही औरत ने अब सफेद सैंडल वाली औरत की चूत चाटना शुरू किया। खड़ी हुई औरत भी मस्त हो रही थी। वो अब अपने बड़े-बड़े मम्मे अपने ही हाथों से दबाने लगी। कुत्तिया बनी औरत उसकी चूत में कभी अपनी जीभ डालने की कोशिश करती तो कभी उसको चाटने लगती। उधर कुत्ता भी धक्के मार-मार कर चोद रहा था। खड़ी हुई औरत भी नशे में ज्यादा खड़ी नहीं रह सकी और बैठ गयी ओर कुत्ते से चुद रही औरत के खरबूजे जैसे मम्मे दबाने लगी। दोनों शराब और चुदाई की मदहोशी में थीं और उनकी चूत से निकला पानी फ़र्श पर बिखर रहा था।
कुत्ता अब ढीला पड़ गया था पर वो उस औरत की कमर से नीचे नहीं उतरा था। कुछ देर बाद कुत्ता उतरा ओर एक तरफ़ हट कर अपने लण्ड को चाटने लगा। कुत्तिया बनी औरत भी बैठ कर अपनी कमर सीधी करने लगी। वो पीछे की ओर झुकी तो उसकी चूत आगे की ओर निकल गयी। उसकी चूत में से कुत्ते के लण्ड का सफेद माल निकल रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत झुक कर उसकी चूत को चाटते हुए कुत्ते का वीर्य पीने लगी। फिर उसके पूरे बदन को चाटते हुए वो ऊपर पहुँच गयी और अब उसके मुँह में लाल सैंडल वाली औरत के खरबूजे जैसे मम्मे थे जिन्हें वो जोर-जोर से चूस रही थी। लाल सैंडल वाली ने भी सामने वाली के बड़े बड़े मम्मे दबाने शुरू किये ओर फिर दोनों एक दूसरे के बदन को सहलाते हुए खड़ी हो गयीं। खड़े-खड़े एक दूसरे का बदन सहलाते सहलाते दोनों ने एक दूसरे की चूतों में उंगली डाल दी। दोनों का एक हाथ एक दूसरे के मम्मों पर था ओर दूसरा हाथ एक दूसरे की चूत पर था। वो अपनी उंगलियाँ एक दूसरे की चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगी। दोनों की चूत लाल हो गयी थीं। उंगलियों के अंदर बाहर होने से दोनों की चूतों से पानी निकल रहा था जो उनकी उंगलियों के झटके के कारण छिटक-छिटक कर नीचे गिर रहा था।
दोनों ने अब अपनी उंगलियाँ चूतों से निकाल लीं। दोनों अब एक दूसरे को अपनी बाँहों में भर कर चिपक गयी और दोनों के मम्मे आपस में एक दूसरे से ऐसे दब गये जैसे कि दोनों के मम्मे अपनी अपनी ताकत दिखा रहे हों। दोनों औरतें अब एक दूसरे के नंगे जिस्मों को सहला रही थीं। उनके हाथ कुछ देर एक दूसरे के बालों को सहलाते तो कभी पीठ को तो कभी गाँड को। कुत्ता भी बीच-बीच में उन दोनों को आ कर चाट जाता ओर फिर दूर जा कर अपने लण्ड को चाटने लगता। दोनों औरतें एक दूसरे से चिपकी हुई थीं ओर बीच-बीच में एक दूसरे के मम्मे दबा लेती तो कभी चूत ओर गाँड तो कभी पीठ सहला रही थीं। मेरे लण्ड का पानी इस एक घंटे में निकल चुका था ओर वो फिर टनटनाने लगा था। करीब दस मिनट बाद दोनों नंगी ही उस कमरे से बाहर चली गयीं और उनके पीछे कुत्ता भी निकल गया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। हाथ-पैर में जैसे जान ही नहीं थी। मैं चार पाँच मिनट वहँ रुका कि शायद वो औरतें कमरे में वापस आयें पर जब वो नहीं आयीं तो मैं वहाँ से निकल गया। वो पूरा दिन और रात मेरी आँखों के सामने दोनों औरतों की नंगी तस्वीर दिखायी देती रही। मेरा मन उन औरतों में ही अटक गया था। कम उम्र के बावजूद चुदाई के खेल में मैं काफी अनुभवी था लेकिन उन औरतों को आपस में लेस्बियन चुदाई और खासकर के कुत्ते के साथ चुदाई करते हुए देखना मेरे लिये नयी बात थी।
दूसरे दिन मैं फिर कार्ड बाँटने गया ओर पहले दिन के ही समय पर उसी घर में गया। मुझे लगा कि शायद आज भी मुझे वो दोनों औरतें दिखें। मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे उन्हें कुत्ते से चुदते देखने के लिये।
मैं उस घर मैं गया ओर गेट खोल कर पहले खिड़की पर गया पर अंदर कुछ नहीं दिखा। मैं निराश हो गया कि आज कुछ नहीं दिखेगा। मैं मन मार कर कार्ड देने की सोच कर दरवाजे पर लगी घंटी बजायी। अंदर से कुत्ते के भोंकने की आवाज़ से मैं डर गया पर तभी एक औरत की आवाज़ आयी जो कुत्ते को चुप करा रही थी। दरवाज़ा खुला तो एक औरत मेरे सामने खड़ी थी। ये उनमें से एक थी जिसने पिछले दिन लाल सैंडल पहने हुए थे। मैं उसको देखता ही रह गया। मेरे मुँह से आवाज नहीं निकली। तभी उसने मुझसे पूछा कहो,“क्या काम है... कौन हो तुम?”
मैं सकपका कर बोला,“जी वो, कार्ड देना था!” वो बोली, “कौन सा कार्ड?”मैंने उसको बताया और तभी दूसरी औरत पीछे से आयी और पहली औरत से बोली, “क्या हुआ रेशमा?”अब मुझे पता चला कि जिसने दरवाज़ा खोला था उसका नाम रेशमा है।
रेशमा बोली,“कुछ नहीं नसरीन! ये कार्ड देने आया है!” फिर रेशमा मुझसे बोली,“आओ अंदर आ जाओ!” मैं अंदर गया और दोनों मेरे सामने सोफ़े पेर बैठ गयीं। कुत्ता भी एक तरफ बैठा था। दोनों ने सलवार-सूट पहना हुआ था। रेशमा ने आज भी वही लाल रंग के ऊँची पेंसिल हील के सैंडल पहने रखे थे लेकिन नसरीन ने आज काले रंग के ऊँची हील वाले सैंडल पहने हुए थे। वो दोनों मेरे सामने सोफे पर बैठी थीं फिर भी मुझे उनके मुँह से शराब की बू आ गयी। मैं सोच रहा था कि कैसी औरतें हैं जो दिन में ही शराब पीना शुरू कर देती हैं।
मैं उन्हें कार्ड के बारे में बताने लगा। मैंने कार्ड निकाले तो वो रेशमा और उसके शौहर के कार्ड थे। मैं समझ गया कि ये घर रेशमा का है। मैंने पुष्टिकरण के लिये उसके शौहर के बारे में पूछा तो रेशमा बोली कि वो दुबई में काम करते हैं। मैंने उसके शौहर का कोई पहचान पत्र दिखाने को कहा तो दोनों औरतें अंदर की ओर जाने लगीं। नसरीन मुझसे बोली “तुम रुको हम अभी आते हैं!” वो अंदर चली गयीं। मैं अपने आप पर गुस्सा कर रहा था कि थोड़ा देर से आता तो आज फिर कुछ देखने को मिलता। हो सकता है ये दोनों अंदर कुछ कर रही हों पर मैं देखूँ कैसे।
तभी दोनों औरतें बाहर आयीं ओर रेशमा दरवाजे की तरफ़ गयी ओर उसने दरवाजा बंद कर दिया। मैंने पूछा कि “आपने दरवाज़ा क्यों बंद कर दिया?”तो वो बोली,“ये टॉमी (कुत्ता) बाहर भाग जायेगा इसलिये इसे बंद रखते हैं!”मैं नसरीन की ओर देख कर बोला, “आप कहाँ रहती हैं? आप के कार्ड भी दे दूँ!” वो बोली, “अभी जल्दी क्या है?”मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा कि ये हो क्या रहा है! एक दरवाज़ा बंद कर रही है ओर एक कह रही है कि ‘जल्दी क्या है’। दोनों फिर अंदर के कमरे में मुस्कुराते हुए चली गयीं। कुछ देर बाद रेशमा ने मुझे आवाज दी कि “अंदर आ जाओ... मैं अपने हसबैंड का आई-डी दिखा देती हूँ!” मैं सोचने लगा कि ये औरत अपने शौहर का पहचान-पत्र बाहर ला कर क्यों नहीं दिखा सकती जो मुझे अंदर बुला रही है।
मैं अंदर दूसरे कमरे में गया। पर्दा हटाया तो लगा कि मेरा दिल सीने से बाहर आ गया। मेरे दिल की धड़कन काफी तेज़ हो गयी और मुँह सूख गया। मैं सन्न रह गया था क्योंकि मेरे सामने दोनों औरतें नंगी थीं। सिर्फ़ ब्रा ओर पैंटी और ऊँची हील के सैंडल उनके बदन पर बचे थे। मैं अपनी जगह पर जम गया। वो क्या बोल रही थीं मेरा ध्यान नहीं था। मैं उनके नंगे बदन को आँखें फाड़े देख रहा था।
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
दो चुदैल औरतों के साथ मस्ती-1
लेखक: अज्ञात
तीसरे दिन भी मैं कार्ड बाँट रहा था। एक घर में गया तो गेट पे खटखटाने पर कोई नहीं आया। मुझे लगा कि घर में कोई तो मौजूद होना ही चाहिये क्योंकि गेट के अंदर होंडा सिटी कार खड़ी थी और गेट के बाहर भी एक स्कोडा कार मौजूद थी। हिम्मत करके अंदर घुसा और चारों ओर नज़र मारी कि कहीं से कोई कुत्ता ना आ जाये क्योंकि अमीरों के घरों में अक्सर कुत्तों से सावधान रहना पड़ता है। जैसे तैसे घए के मुख्य-दरवाजे पे जाकर घंटी बजायी लेकिन कोई आवाज नहीं सुनी। शायद घंटी खराब थी। दरवाज़ाठोंका तो कोई नहीं आया। कुछ देर मैं वहाँ खड़ा रहा। फिर वापस आने लगा कि तभी मैंने ध्यान दिया कि अंदर से अंग्रेज़ी गाना बजने की आवाज़ आ रही है। मैंने हिम्मत की और बगल में जा कर खिड़की से अंदर देखने गया। खिड़की ऊँची थी तो मैंने वहीं पड़ी एक बाल्टी को उल्टा करके उस पर चढ़ गया।
अंदर देखा तो देखता ही रह गया। मेरे हाथ पैर सुन्न हो गये थे। अंदर दो औरतें पूरी तरह से नंगी थीं और सोफे पर एक-दूसरे से चिपक कर बैठी सिगरेट और शराब पी रही थीं। वहीं मेज पर आधी भरी शराब की बोतल और एक विदेशी सिगरेट का पैकेट और ऐश-ट्रे भी रखी थी। सिगरेट की हल्की सी बू तो मुझे खिड़की के बाहर तक आ रही थी। ये औरतें लगभग पैंतीस साल की रही होंगी। दिखने में दोनों ही बिकुल पटाखा थीं। दोनों के लंबे घने काले बाल, कजरारी आँखें, लिपस्टिक लगे लाल-लाल होंठ। दोनों का नंगा जिस्म बहुत ही सैक्सी और सुडौल था। ज़ाहिर था कि दोनों काफी अमीर थीं क्योंकि उनमें से एक के गले में कीमती मोतियों का हार था और दूसरी के गले में हीरों का नेकलेस था। दोनों की कलाइयों में कीमती कंगन और फैंसी घड़ियाँ भी थीं। एक के पैरों में सफेद रंग के ऊँची पेंसिल हील के सैण्डल थे और दूसरी ने अपने पैरों में लाल रंग के वैसे ही पेंसिल हील के सैण्डल पहने हुए थे। दोनों के मम्मे भी काफी बड़े-बड़े थे और दोनों की चूतें भी बिल्कुल साफ सुथरी और चिकनी थीं। झाँटों का नामोनिशान नहीं था।
वो औरतें शराब पीते हुए बार-बार एक दूसरे को चूम रही थीं और चिपक कर एक दूसरे के मम्मे भी सहला रही थीं। उन औरतों के शराब के ग्लास जब खाली हुए तो दोनों एक बार फिर होंठों से होंठ चिपका कर एक दूसरे को चूमने लगीं। कुछ देर ऐसे ही चूमने के बाद सफेद सैंडल वाली औरत खड़ी हुई और झूमती हुई कमरे से बाहर निकल गयी। उसके लड़खड़ाते कदमों से साफ ज़ाहिर था कि वो नशे में थी। दूसरी औरत सोफे पर पीछे टिक कर बैठ के टाँगें फैलाये अपनी चूत सहलाने लगी। इतने में ही पहले वाली औरत अपने साथ डोबरमैन नस्ल का एक बड़ा सा कुत्ता अपने साथ लेकर वापिस आ गयी।
दूसरी औरत भी नशे में झूमती हुई सोफे से उठी और फिर दोनों औरतें उस कुत्ते को पकड़ कर उसे पुचकारने और दुलारने लगीं और वो कुत्ता उनसे बचने की कोशिश कर रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत ने कुत्ते को पकड़ा ओर दूसरी अपनी टाँग फैला कर बैठ गयी। मेरा लण्ड हरकत कर रहा था। फिर दोनों औरतों ने कुत्ते के सिर को पकड़ कर टाँगें फैला कर बैठी हुई औरत की चूत में कुत्ते का मुँह लगाया। लेकिन कुत्ता अब भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत ने एक हाथ से कुत्ते का लण्ड सहलाना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड अपने पूरे तेवर पर आ गया था। पैंट फाड़ कर बाहर आने को मचलने लगा। कुछ देर में ही कुत्ता शाँत हो गया और टाँगें फैलाये बैठी हुई लाल सैंडल वाली औरत की चूत को चाटने लगा। वो औरत बहुत मस्त हो रही थी और अपनी चूत को रुक-रुक कर ऊपर उठा रही थी। कुत्ता उसकी चूत ज़ोर-ज़ोर से चाट रहा था। दूसरी औरत उसके लण्ड पर हाथ फेर रही थी। कुत्ते का लण्ड थोड़ा-थोड़ा करके बाहर आ रहा था और वो औरत उसके लण्ड को सहला रही थी। फिर जब कुत्ते से अपनी चूत चटवा रही लाल सैण्डल वाली औरत उठने लगी तो कुत्ता उस पर उछलने लगा। वो औरत घूम कर कुत्तिया कि तरह हो गयी। उसकी गाँड कुत्ते के मुँह पर थी और कुत्ता उसको चाटने लगा।
दूसरी औरत ने कुत्ते के आगे के दोनों पैर उठाये और लाल सैंडल वाली औरत के ऊपर चढ़ा दिया। कुत्ते को भी समझ में आ गया कि उसे क्या करना है। शायद वो कुत्ता उन औरतों के साथ पहले भी चुदाई में शामिल हो चुका था। वो जोर-जोर से झटके मारने लगा पर उसका लण्ड बाहर ही था। दूसरी औरत ने कुत्ते का लण्ड पकड़ा और नीचे कुत्तिया बनी लाल सैण्डल वाली औरत की चूत के पास ले गयी। कुत्ता झटके मार रहा था और कईं झटकों के बाद उसका निशाना लग गया ओर कुत्ते का लण्ड लाल सैण्डल वाली औरत की चूत में घुस गया।
वो औरत मस्त हो गयी। कुत्ता झटके मार रहा था। वो औरत कुत्ते के झटकों से पूरी हिल रही थी। दूसरी औरत लड़खड़ाती हुई उठी और कुत्तिया बनी औरत के आगे खड़ी हो गयी और अपनी टाँगें फैला कर झुक गयी। कुत्तिया बनी औरत के मुँह के सामने अब उसकी चूत थी। कुत्ते से चुद रही औरत ने अब सफेद सैंडल वाली औरत की चूत चाटना शुरू किया। खड़ी हुई औरत भी मस्त हो रही थी। वो अब अपने बड़े-बड़े मम्मे अपने ही हाथों से दबाने लगी। कुत्तिया बनी औरत उसकी चूत में कभी अपनी जीभ डालने की कोशिश करती तो कभी उसको चाटने लगती। उधर कुत्ता भी धक्के मार-मार कर चोद रहा था। खड़ी हुई औरत भी नशे में ज्यादा खड़ी नहीं रह सकी और बैठ गयी ओर कुत्ते से चुद रही औरत के खरबूजे जैसे मम्मे दबाने लगी। दोनों शराब और चुदाई की मदहोशी में थीं और उनकी चूत से निकला पानी फ़र्श पर बिखर रहा था।
कुत्ता अब ढीला पड़ गया था पर वो उस औरत की कमर से नीचे नहीं उतरा था। कुछ देर बाद कुत्ता उतरा ओर एक तरफ़ हट कर अपने लण्ड को चाटने लगा। कुत्तिया बनी औरत भी बैठ कर अपनी कमर सीधी करने लगी। वो पीछे की ओर झुकी तो उसकी चूत आगे की ओर निकल गयी। उसकी चूत में से कुत्ते के लण्ड का सफेद माल निकल रहा था। सफेद सैंडल वाली औरत झुक कर उसकी चूत को चाटते हुए कुत्ते का वीर्य पीने लगी। फिर उसके पूरे बदन को चाटते हुए वो ऊपर पहुँच गयी और अब उसके मुँह में लाल सैंडल वाली औरत के खरबूजे जैसे मम्मे थे जिन्हें वो जोर-जोर से चूस रही थी। लाल सैंडल वाली ने भी सामने वाली के बड़े बड़े मम्मे दबाने शुरू किये ओर फिर दोनों एक दूसरे के बदन को सहलाते हुए खड़ी हो गयीं। खड़े-खड़े एक दूसरे का बदन सहलाते सहलाते दोनों ने एक दूसरे की चूतों में उंगली डाल दी। दोनों का एक हाथ एक दूसरे के मम्मों पर था ओर दूसरा हाथ एक दूसरे की चूत पर था। वो अपनी उंगलियाँ एक दूसरे की चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगी। दोनों की चूत लाल हो गयी थीं। उंगलियों के अंदर बाहर होने से दोनों की चूतों से पानी निकल रहा था जो उनकी उंगलियों के झटके के कारण छिटक-छिटक कर नीचे गिर रहा था।
दोनों ने अब अपनी उंगलियाँ चूतों से निकाल लीं। दोनों अब एक दूसरे को अपनी बाँहों में भर कर चिपक गयी और दोनों के मम्मे आपस में एक दूसरे से ऐसे दब गये जैसे कि दोनों के मम्मे अपनी अपनी ताकत दिखा रहे हों। दोनों औरतें अब एक दूसरे के नंगे जिस्मों को सहला रही थीं। उनके हाथ कुछ देर एक दूसरे के बालों को सहलाते तो कभी पीठ को तो कभी गाँड को। कुत्ता भी बीच-बीच में उन दोनों को आ कर चाट जाता ओर फिर दूर जा कर अपने लण्ड को चाटने लगता। दोनों औरतें एक दूसरे से चिपकी हुई थीं ओर बीच-बीच में एक दूसरे के मम्मे दबा लेती तो कभी चूत ओर गाँड तो कभी पीठ सहला रही थीं। मेरे लण्ड का पानी इस एक घंटे में निकल चुका था ओर वो फिर टनटनाने लगा था। करीब दस मिनट बाद दोनों नंगी ही उस कमरे से बाहर चली गयीं और उनके पीछे कुत्ता भी निकल गया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। हाथ-पैर में जैसे जान ही नहीं थी। मैं चार पाँच मिनट वहँ रुका कि शायद वो औरतें कमरे में वापस आयें पर जब वो नहीं आयीं तो मैं वहाँ से निकल गया। वो पूरा दिन और रात मेरी आँखों के सामने दोनों औरतों की नंगी तस्वीर दिखायी देती रही। मेरा मन उन औरतों में ही अटक गया था। कम उम्र के बावजूद चुदाई के खेल में मैं काफी अनुभवी था लेकिन उन औरतों को आपस में लेस्बियन चुदाई और खासकर के कुत्ते के साथ चुदाई करते हुए देखना मेरे लिये नयी बात थी।
दूसरे दिन मैं फिर कार्ड बाँटने गया ओर पहले दिन के ही समय पर उसी घर में गया। मुझे लगा कि शायद आज भी मुझे वो दोनों औरतें दिखें। मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे उन्हें कुत्ते से चुदते देखने के लिये।
मैं उस घर मैं गया ओर गेट खोल कर पहले खिड़की पर गया पर अंदर कुछ नहीं दिखा। मैं निराश हो गया कि आज कुछ नहीं दिखेगा। मैं मन मार कर कार्ड देने की सोच कर दरवाजे पर लगी घंटी बजायी। अंदर से कुत्ते के भोंकने की आवाज़ से मैं डर गया पर तभी एक औरत की आवाज़ आयी जो कुत्ते को चुप करा रही थी। दरवाज़ा खुला तो एक औरत मेरे सामने खड़ी थी। ये उनमें से एक थी जिसने पिछले दिन लाल सैंडल पहने हुए थे। मैं उसको देखता ही रह गया। मेरे मुँह से आवाज नहीं निकली। तभी उसने मुझसे पूछा कहो,“क्या काम है... कौन हो तुम?”
मैं सकपका कर बोला,“जी वो, कार्ड देना था!” वो बोली, “कौन सा कार्ड?”मैंने उसको बताया और तभी दूसरी औरत पीछे से आयी और पहली औरत से बोली, “क्या हुआ रेशमा?”अब मुझे पता चला कि जिसने दरवाज़ा खोला था उसका नाम रेशमा है।
रेशमा बोली,“कुछ नहीं नसरीन! ये कार्ड देने आया है!” फिर रेशमा मुझसे बोली,“आओ अंदर आ जाओ!” मैं अंदर गया और दोनों मेरे सामने सोफ़े पेर बैठ गयीं। कुत्ता भी एक तरफ बैठा था। दोनों ने सलवार-सूट पहना हुआ था। रेशमा ने आज भी वही लाल रंग के ऊँची पेंसिल हील के सैंडल पहने रखे थे लेकिन नसरीन ने आज काले रंग के ऊँची हील वाले सैंडल पहने हुए थे। वो दोनों मेरे सामने सोफे पर बैठी थीं फिर भी मुझे उनके मुँह से शराब की बू आ गयी। मैं सोच रहा था कि कैसी औरतें हैं जो दिन में ही शराब पीना शुरू कर देती हैं।
मैं उन्हें कार्ड के बारे में बताने लगा। मैंने कार्ड निकाले तो वो रेशमा और उसके शौहर के कार्ड थे। मैं समझ गया कि ये घर रेशमा का है। मैंने पुष्टिकरण के लिये उसके शौहर के बारे में पूछा तो रेशमा बोली कि वो दुबई में काम करते हैं। मैंने उसके शौहर का कोई पहचान पत्र दिखाने को कहा तो दोनों औरतें अंदर की ओर जाने लगीं। नसरीन मुझसे बोली “तुम रुको हम अभी आते हैं!” वो अंदर चली गयीं। मैं अपने आप पर गुस्सा कर रहा था कि थोड़ा देर से आता तो आज फिर कुछ देखने को मिलता। हो सकता है ये दोनों अंदर कुछ कर रही हों पर मैं देखूँ कैसे।
तभी दोनों औरतें बाहर आयीं ओर रेशमा दरवाजे की तरफ़ गयी ओर उसने दरवाजा बंद कर दिया। मैंने पूछा कि “आपने दरवाज़ा क्यों बंद कर दिया?”तो वो बोली,“ये टॉमी (कुत्ता) बाहर भाग जायेगा इसलिये इसे बंद रखते हैं!”मैं नसरीन की ओर देख कर बोला, “आप कहाँ रहती हैं? आप के कार्ड भी दे दूँ!” वो बोली, “अभी जल्दी क्या है?”मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा कि ये हो क्या रहा है! एक दरवाज़ा बंद कर रही है ओर एक कह रही है कि ‘जल्दी क्या है’। दोनों फिर अंदर के कमरे में मुस्कुराते हुए चली गयीं। कुछ देर बाद रेशमा ने मुझे आवाज दी कि “अंदर आ जाओ... मैं अपने हसबैंड का आई-डी दिखा देती हूँ!” मैं सोचने लगा कि ये औरत अपने शौहर का पहचान-पत्र बाहर ला कर क्यों नहीं दिखा सकती जो मुझे अंदर बुला रही है।
मैं अंदर दूसरे कमरे में गया। पर्दा हटाया तो लगा कि मेरा दिल सीने से बाहर आ गया। मेरे दिल की धड़कन काफी तेज़ हो गयी और मुँह सूख गया। मैं सन्न रह गया था क्योंकि मेरे सामने दोनों औरतें नंगी थीं। सिर्फ़ ब्रा ओर पैंटी और ऊँची हील के सैंडल उनके बदन पर बचे थे। मैं अपनी जगह पर जम गया। वो क्या बोल रही थीं मेरा ध्यान नहीं था। मैं उनके नंगे बदन को आँखें फाड़े देख रहा था।
वो
दोनों इठलाती हुई मेरे पास आयीं ओर मुझे पकड़ कर बिस्तर पर ले गयीं। मैं
उन्हें बस देखता रहा। मैं कुछ कर नहीं पा रहा था। पिर उन्होंने मेरे हाथ ओर
पैर बाँध दिये। फिर रेशमा ने मेरी शर्ट खोलनी शुरू की। वो एक-एक बटन
धीरे-धीरे खोल रही थी जबकि नसरीन मेरी पैंट खोल रही थी। अब मेरे बदन पर
सिर्फ़ अंडरवीयर थी। रेशमा ने मुझे छोड़ा और कुछ दूर जाकर अपनी ब्रा मेरी ओर
देखते हुए उतारनी शुरू की। वो साथ में धीर-धीरे
हिल रही थी जैसे नाच रही हो। मेरे देखते ही देखते उसने पैंटी भी उतार दी।
मेरे सामने उसकी फूली हुई गुलाबी चूत थी जिस पर एक भी बाल नहीं था। क्या
खूबसूरत नज़ारा था। फिर वो मेरे पस आयी और मेरे बदन को चाटने लगी जैसे कल
कुत्ता चाट रहा था उनकी चूत को। नसरीन भी अब अपनी ब्रा ओर पैंटी उतार रही
थी। मैं तो ये नज़ारा देख कर अपना आपा खो चुका था। नसरीन मेरे पस आयी ओर
उसने मेरी कमर के नीचे के हिस्से को चूमना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड अब तक
खड़ा हो चुका था और अंडरवीयर में उसका दम घुट रहा था। उसे बाहर आने की पड़ी
थी। तभी नसरीन ने मेरी अंडरवीयर पकड़ी और धीरे-धीरे उतारने लगी।
रेशमा मेरे होंठों पर किस करने लगी। फिर वो मेरे होंठ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। नसरीन ने मेरी अंडरवीयर उतारी और मेरी गोलियों को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। एक हाथ से उसने मेरा लण्ड पकड़ रखा था जिसे वो धीरे-धीरे सहला रही थी। रेशमा ने मेरे होंठ चूसना बंद किया और फिर वो अपने बड़े-बड़े गोल मम्मे मेरे चेहरे पर घूमाने लगी। कुछ देर बाद वो अपने मम्मे की चूची मेरे होंठ के पस रख कर बोली, “चूस ना!” मैंने अपना मुँह खोला ओर उसकी चूची चूसने लगा। रेशमा “आआहहहहहहह ऊऊऊऊऊऊईईईईई अल्लाहहऽऽऽ” करने लगी। नसरीन मेरी गोलियों को मुँह से निकाल कर मेरे लण्ड को आईसक्रीम की तरह चाट रही थी। फिर उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में रख लिया और उसे मुँह में अंदर-बाहर करने लगी। तभी दोनों ने एक दूसरे को देखा और कुछ इशारा किया और दोनों खड़ी हो गयीं और अपनी जगह बदल ली। अब रेशमा नीचे मेरे लण्ड को पकड़ेहुए थी ओर नसरीन मेरे सीने पर दोनों ओर पैर डाल कर बैठ गयी। उसके बैठते ही मुझे लगा कि कुछ गीला-गीला है। मैने देखा उसकी चूत से पानी गिर रहा था। वो मेरे मुँह पर झुकी और एक मम्मे की चूची मेरे मुँह में दे दी। मैं उसे चूसने लगा। वो भी “आआआहहहह ऊऊईईईई बहुत मजा आ रहा है रेशमाआऽऽऽ!” इसी तरह बड़बड़ाने लगी।
रेशमा मेरा लण्ड अपने मुँह में ले कर उसे चूस रही थी। मेरा लण्ड अब पानी छोडने वाला था। मैंने सोचा कि उसे बता दूँ। मैंने नसरीन का मम्मा मुँह से निकाला तो नसरीन ने फिर उसे मेरे मुँह में ठूँस दिया। मैं बोल नहीं पाया और मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया। पर रेशमा को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा। वो अब भी मेरा लण्ड चूस रही थी। अब उसकी मुँह से ‘पच-पच’ की आवाज आ रही थी।
मेरा लण्ड धीरे-धीरे मुर्झाने लगा था जिसे रेशमा ने छोड़ा तो नसरीन ने झुक कर अपने मुँह में ले लिया। रेशमा अब मेरे सीने ओर पेट पर किस कर रही थी और साथ में चाट भी रही थी। मेरे लण्ड के झड़ने के कुछ देर बाद मैं सामान्य होने लगा। वो दोनों मेरे लण्ड ओर पूरे बदन को चाट रही थीं। मैंने रेशमा से कहा “आपने मुझे बाँधा क्यों?” वो बोली “हमने एक ब्लू-फिल्म में देखा था! और हमें डर था कि तुम भाग ना जाओ!”
मैंने उसे फिर कहा, “अब तो खोल दो... मैं कहीं नहीं भागुँगा!” दोनों ने मेरे हाथ और पैर खोल दिये ओर बगल में बैठ गयीं। मैं उठकर बैठा तो दोनों औरतें मेरे दोनों तरफ़ बैठी सिगरेट पी रही थीं ओर मेरे बदन को सहला रही थीं। मैंने देखा कि कुत्ता भी कोने में बहुत ही सुस्त सा बैठा देख रहा था। मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा था ओर मेरी हिम्मत भी बढ़ गयी थी। मेरा मन भी उनको चोदने का हो रहा था। मैंने रेशमा की दोनों टाँगें फैलायी ओर अपना लण्ड उसकी चूत में डालने लगा तो वो बोली, “नहीं बिना कंडोम के ऐसे नहीं! कुछ हो गया तो?” उसकी बात सुनकर मैं रुक गया। मेरा लण्ड ओर मन उन दोनों को चोदने को हो रहा था और क्या करूँ ये सोच रहा था। फिर मैंने दोनों से कहा, “कंडोम तो इस वक्त मेरे पास है नहीं! तुम दोनों को चुदवाने की इच्छा नहीं हो रही है क्या?”
वो बोली, “इच्छा तो बहुत हो रही है... दो बार पानी भी गिर गया लेकिन क्या करें... जोखिम नहीं ले सकते!” नसरीन बोली कि “तू कल कंडोम ले कर आना... फिर चुदाई करेंगे! और हाँ इसी वक्त आना!” मैं बहुत मायूस हो गया और सोचने लगा कि ये दोनों तो मेरे जाने के बाद आपस में या फिर इस कुत्ते से अपनी इच्छा पूरी कर लेंगी और मुझे मुठ मार कर काम चलाना पड़ेगा।
मुझे निराश देख कर और मेरा खड़ा लण्ड देखकर उन दोनों ने एक दूसरे को आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया। रेशमा बेड पर कुत्तिया कि तरह झुक गयी और नसरीन ने मेरा लण्ड पकड़ कर रेशमा की गाँड के छेद पर रख दिया। मैं समझ गया और बोला कि “दर्द होगा तो?” रेशमा बोली, “थोड़ा सा तो होगा पर गाँड मरवाने का भी अपना ही मज़ा है! फिर भी तू धीरे से करना... तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही लंबा-मोटा है! और हाँ... मैं कितनी भी चींखूँ या छटपटाऊँ... तू रुकना मत!”
तब तक मैं उसकी गाँड में लण्ड घुसाने की शुरुआत कर चुका था और मेरे लण्ड का ऊपरी हिस्सा उसकी गाँड में था। वो जोर से चिल्लायी, “अल्लाऽऽऽह!”मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिये ओर उसके ऊपर झुक गया और उसे उठने नहीं दिया। फिर मैंने उसके मम्म्मे जोर से दबाने शुरू किये और वो “आआआआहह ऊऊऊईईईई अम्मीईईईऽऽऽ” करने लगी। मैंने तभी जोर से लण्ड को झटका मारा और लण्ड आधा अंदर घुस गया। वो चींखी “आँआँईईईईई फट गयी रेऽऽऽ अम्मीईईई फाड़ डाला!” उसकी हिदायत के मुताबिक मैं रुका नहीं और मैंने झटके मारने शुरू किये तो वो भी शाँत हो गयी और मेरा साथ देने लगी। नसरीन सिगरेट के कश लगाती हुई हमें देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी।
कुछ देर बाद मैंने रेशमा की गाँड से लण्ड निकाला तो रेशमा फिर “आआआहहह ऊऊहहह” करने लगी। मैं नसरीन की तरफ़ गया तो नसरीन नखरा करते हुए बोली, “नहीं मुझे डर लग रहा है... मैं इतना बड़ा लण्ड अपनी गाँड में नहीं लुँगी!” उसकी आवाज़ में किसी डर या चिंता की जगह शोखी ज्यादा थी और आँखों में भी वासना ही भरी थी।
रेशमा बोली, “नूरजहाँ की तरह नखरे मत कर... मैंने भी तो करवाया और देख कितना मज़ा आया!”
“पर तू तो गाँड मरवाने में माहिर है.... आज तक कितने ही लण्ड ले चुकी है तू अपनी गाँड में!” नसरीन सिगरेट का धुँआ उड़ाती हुई बोली।
“तेरी गाँड भी कुँवारी नहीं है... पहले मरवायी है तूने भी!” रेशमा बोली, “और फिर इसका दर्द भी बहुत मीठा होता है!”
“ठीक है लेकिन ज़रा एहतियात से करना.... मेरी गाँड रेशमा बेगम की खेली-खायी गाँड की तरह नहीं है!” नसरीन शोखी से मुस्कुराती हुई तैयार हो गयी। अपनी सिगरेट ऐश-ट्रे में बुझा कर वो भी कुत्तिया बन गयी। अब उसकी गाँड मेरे सामने थी। मैंने पहले उसकी गाँड को अपने हाथों से सहलाया जिससे वो गरम होने लगी। फिर मैंने उसकी गाँड के मुँह पर अपना लण्ड रख कर धक्का दिया। उसकी गाँड का छेद थोड़ा छोटा था और लण्ड को जाने के लिये आसानी से रास्ता नहीं मिल रहा था। मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड के छेद पर रख कर धीरे-धीरे जोर लगाने लगा और जैसे-जैसे मैं जोर लगाता, नसरीन मचल जाती। वो अपना सिर इधर-उधर हिलाने लगी थी। अपने होंठ उसने दाँतों में दबा लिये जिससे चींख ना निकले। रेशमा उठी ओर उसके सामने बैठ गयी और पैर फैला कर अपनी चूत नसरीन के मुँह के सामने पेश कर दी। रेशमा ने अपनी सहेली का सिर पकड़ा ओर उसका मुँह अपनी चूत पर ले गयी। नसरीन अब उसकी चूत चाटने लगी ओर रेशमा नसरीन के मम्मे दबा रही थी। रेशमा ने मुझे आँख मारी और मैं समझ गया कि ये लण्ड अंदर डालने को कह रही है।
मैंने लण्ड पर अपना थूक लगाया ओर नसरीन की गाँड पर रख कर जोर से झटका दिया। अब मेरे लण्ड का टोपा उसकी गाँड में था। नसरीन चींखने को हुई तो रेशमा ने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया जिससे नसरीन की चींख अंदर ही रह गयी। नसरीन भी मचल रही थी और रेशमा भी मजे ले रही थी। मैंने मौका देखा और पूरे जोर से लण्ड को धक्का दिया। नसरीन इतने जोर से धक्के के लिये तयार नहीं थी। वो आगे कीओर नीचे गिरी जिससे रेशमा भी पीछे की ओर गिर गयी। नसरीन के ऊपर मेरे नीचे गिरते ही मेरा लण्ड नसरीन की गाँड में पूरा घुस गया। नसरीन जोर से चिल्लायी, “आआआऊऊऊईईईईई..... अम्मीईईईईई, छोड़ो फट गयीऽऽऽ निकालो फट गयीऽऽऽऽ।” मैं कुछ देर शाँत रहा और थोड़ी देर रुककर मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड में अंदर-बाहर करने लगा। अब नसरीन को मजा आने लगा। वो बोली, “आआआहहहह, मजा आ रहा है.... थोड़ा जोर से अंदर करो! जोर-जोर से! मजा आ रहा है!”उधर रेशमा नसरीन के मम्मे जोर-जोर से दबा रही थी। कुछ देर बाद मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया और मैं नसरीन के ऊपर लेट गया। रेशमा उठी और वो पीछे से मेरे ऊपर आ कर लेट गयी। नसरीन बोली, “रेशमा क्या कर रही है? मुझे मारेगी क्या? गाँड में लण्ड है.... ऊपर से ये ओर उसके ऊपर तू!”
कुछ देर बाद हम अलग हुए। मैंने कपड़े पहनने शुरू किये तो कपड़े पहनते-पहनते भी उन दोनों ने मेरे लण्ड को एक-एक बार चूसा। फिर मैं दूसरे दिन का आने का वादा करके अपने कार्ड ले कर वापस आ गया। वो दोनों नंगी ही सिर्फ सैंडल पहने-पहने ही दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयीं। उनके चेहरे पर अब भी वासना की झलक थी।
दूसरे दिन मैं दोपहर में तीन बजे मैं रेशमा के घर तय वक्त पर पहुँच गया। उसके पहले मैंने काफी घरों में कार्ड बाँट लिये थे। रेशमा ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर मुस्करायी और मुझे खींच कर अंदर ले गयी। अंदर वो अकेली ही थी। मैंने उससे नसरीन के बरे में पूछा तो वो बोली कि वो तो एक घंटा पहले आने वाली थी पर कुछ काम की वजह से नहीं आयी लेकिन थोड़ी में आ जायेगी। दिखने में वो कयामत लग रही थी। उसने काले रंग की सिल्क की झीनी कमीज़ और घूटनों तक का सफेद स्कर्ट पहन हुआ था जिस पर काले फूलों का डिज़ाइन था। उसने कमीज़ नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी जिसके कारण उसके मम्मे झीनी कमीज़ के बाहर से साफ दिख रहे थे।
रेशमा मेरे होंठों पर किस करने लगी। फिर वो मेरे होंठ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। नसरीन ने मेरी अंडरवीयर उतारी और मेरी गोलियों को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। एक हाथ से उसने मेरा लण्ड पकड़ रखा था जिसे वो धीरे-धीरे सहला रही थी। रेशमा ने मेरे होंठ चूसना बंद किया और फिर वो अपने बड़े-बड़े गोल मम्मे मेरे चेहरे पर घूमाने लगी। कुछ देर बाद वो अपने मम्मे की चूची मेरे होंठ के पस रख कर बोली, “चूस ना!” मैंने अपना मुँह खोला ओर उसकी चूची चूसने लगा। रेशमा “आआहहहहहहह ऊऊऊऊऊऊईईईईई अल्लाहहऽऽऽ” करने लगी। नसरीन मेरी गोलियों को मुँह से निकाल कर मेरे लण्ड को आईसक्रीम की तरह चाट रही थी। फिर उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में रख लिया और उसे मुँह में अंदर-बाहर करने लगी। तभी दोनों ने एक दूसरे को देखा और कुछ इशारा किया और दोनों खड़ी हो गयीं और अपनी जगह बदल ली। अब रेशमा नीचे मेरे लण्ड को पकड़ेहुए थी ओर नसरीन मेरे सीने पर दोनों ओर पैर डाल कर बैठ गयी। उसके बैठते ही मुझे लगा कि कुछ गीला-गीला है। मैने देखा उसकी चूत से पानी गिर रहा था। वो मेरे मुँह पर झुकी और एक मम्मे की चूची मेरे मुँह में दे दी। मैं उसे चूसने लगा। वो भी “आआआहहहह ऊऊईईईई बहुत मजा आ रहा है रेशमाआऽऽऽ!” इसी तरह बड़बड़ाने लगी।
रेशमा मेरा लण्ड अपने मुँह में ले कर उसे चूस रही थी। मेरा लण्ड अब पानी छोडने वाला था। मैंने सोचा कि उसे बता दूँ। मैंने नसरीन का मम्मा मुँह से निकाला तो नसरीन ने फिर उसे मेरे मुँह में ठूँस दिया। मैं बोल नहीं पाया और मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया। पर रेशमा को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा। वो अब भी मेरा लण्ड चूस रही थी। अब उसकी मुँह से ‘पच-पच’ की आवाज आ रही थी।
मेरा लण्ड धीरे-धीरे मुर्झाने लगा था जिसे रेशमा ने छोड़ा तो नसरीन ने झुक कर अपने मुँह में ले लिया। रेशमा अब मेरे सीने ओर पेट पर किस कर रही थी और साथ में चाट भी रही थी। मेरे लण्ड के झड़ने के कुछ देर बाद मैं सामान्य होने लगा। वो दोनों मेरे लण्ड ओर पूरे बदन को चाट रही थीं। मैंने रेशमा से कहा “आपने मुझे बाँधा क्यों?” वो बोली “हमने एक ब्लू-फिल्म में देखा था! और हमें डर था कि तुम भाग ना जाओ!”
मैंने उसे फिर कहा, “अब तो खोल दो... मैं कहीं नहीं भागुँगा!” दोनों ने मेरे हाथ और पैर खोल दिये ओर बगल में बैठ गयीं। मैं उठकर बैठा तो दोनों औरतें मेरे दोनों तरफ़ बैठी सिगरेट पी रही थीं ओर मेरे बदन को सहला रही थीं। मैंने देखा कि कुत्ता भी कोने में बहुत ही सुस्त सा बैठा देख रहा था। मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा था ओर मेरी हिम्मत भी बढ़ गयी थी। मेरा मन भी उनको चोदने का हो रहा था। मैंने रेशमा की दोनों टाँगें फैलायी ओर अपना लण्ड उसकी चूत में डालने लगा तो वो बोली, “नहीं बिना कंडोम के ऐसे नहीं! कुछ हो गया तो?” उसकी बात सुनकर मैं रुक गया। मेरा लण्ड ओर मन उन दोनों को चोदने को हो रहा था और क्या करूँ ये सोच रहा था। फिर मैंने दोनों से कहा, “कंडोम तो इस वक्त मेरे पास है नहीं! तुम दोनों को चुदवाने की इच्छा नहीं हो रही है क्या?”
वो बोली, “इच्छा तो बहुत हो रही है... दो बार पानी भी गिर गया लेकिन क्या करें... जोखिम नहीं ले सकते!” नसरीन बोली कि “तू कल कंडोम ले कर आना... फिर चुदाई करेंगे! और हाँ इसी वक्त आना!” मैं बहुत मायूस हो गया और सोचने लगा कि ये दोनों तो मेरे जाने के बाद आपस में या फिर इस कुत्ते से अपनी इच्छा पूरी कर लेंगी और मुझे मुठ मार कर काम चलाना पड़ेगा।
मुझे निराश देख कर और मेरा खड़ा लण्ड देखकर उन दोनों ने एक दूसरे को आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया। रेशमा बेड पर कुत्तिया कि तरह झुक गयी और नसरीन ने मेरा लण्ड पकड़ कर रेशमा की गाँड के छेद पर रख दिया। मैं समझ गया और बोला कि “दर्द होगा तो?” रेशमा बोली, “थोड़ा सा तो होगा पर गाँड मरवाने का भी अपना ही मज़ा है! फिर भी तू धीरे से करना... तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही लंबा-मोटा है! और हाँ... मैं कितनी भी चींखूँ या छटपटाऊँ... तू रुकना मत!”
तब तक मैं उसकी गाँड में लण्ड घुसाने की शुरुआत कर चुका था और मेरे लण्ड का ऊपरी हिस्सा उसकी गाँड में था। वो जोर से चिल्लायी, “अल्लाऽऽऽह!”मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिये ओर उसके ऊपर झुक गया और उसे उठने नहीं दिया। फिर मैंने उसके मम्म्मे जोर से दबाने शुरू किये और वो “आआआआहह ऊऊऊईईईई अम्मीईईईऽऽऽ” करने लगी। मैंने तभी जोर से लण्ड को झटका मारा और लण्ड आधा अंदर घुस गया। वो चींखी “आँआँईईईईई फट गयी रेऽऽऽ अम्मीईईई फाड़ डाला!” उसकी हिदायत के मुताबिक मैं रुका नहीं और मैंने झटके मारने शुरू किये तो वो भी शाँत हो गयी और मेरा साथ देने लगी। नसरीन सिगरेट के कश लगाती हुई हमें देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी।
कुछ देर बाद मैंने रेशमा की गाँड से लण्ड निकाला तो रेशमा फिर “आआआहहह ऊऊहहह” करने लगी। मैं नसरीन की तरफ़ गया तो नसरीन नखरा करते हुए बोली, “नहीं मुझे डर लग रहा है... मैं इतना बड़ा लण्ड अपनी गाँड में नहीं लुँगी!” उसकी आवाज़ में किसी डर या चिंता की जगह शोखी ज्यादा थी और आँखों में भी वासना ही भरी थी।
रेशमा बोली, “नूरजहाँ की तरह नखरे मत कर... मैंने भी तो करवाया और देख कितना मज़ा आया!”
“पर तू तो गाँड मरवाने में माहिर है.... आज तक कितने ही लण्ड ले चुकी है तू अपनी गाँड में!” नसरीन सिगरेट का धुँआ उड़ाती हुई बोली।
“तेरी गाँड भी कुँवारी नहीं है... पहले मरवायी है तूने भी!” रेशमा बोली, “और फिर इसका दर्द भी बहुत मीठा होता है!”
“ठीक है लेकिन ज़रा एहतियात से करना.... मेरी गाँड रेशमा बेगम की खेली-खायी गाँड की तरह नहीं है!” नसरीन शोखी से मुस्कुराती हुई तैयार हो गयी। अपनी सिगरेट ऐश-ट्रे में बुझा कर वो भी कुत्तिया बन गयी। अब उसकी गाँड मेरे सामने थी। मैंने पहले उसकी गाँड को अपने हाथों से सहलाया जिससे वो गरम होने लगी। फिर मैंने उसकी गाँड के मुँह पर अपना लण्ड रख कर धक्का दिया। उसकी गाँड का छेद थोड़ा छोटा था और लण्ड को जाने के लिये आसानी से रास्ता नहीं मिल रहा था। मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड के छेद पर रख कर धीरे-धीरे जोर लगाने लगा और जैसे-जैसे मैं जोर लगाता, नसरीन मचल जाती। वो अपना सिर इधर-उधर हिलाने लगी थी। अपने होंठ उसने दाँतों में दबा लिये जिससे चींख ना निकले। रेशमा उठी ओर उसके सामने बैठ गयी और पैर फैला कर अपनी चूत नसरीन के मुँह के सामने पेश कर दी। रेशमा ने अपनी सहेली का सिर पकड़ा ओर उसका मुँह अपनी चूत पर ले गयी। नसरीन अब उसकी चूत चाटने लगी ओर रेशमा नसरीन के मम्मे दबा रही थी। रेशमा ने मुझे आँख मारी और मैं समझ गया कि ये लण्ड अंदर डालने को कह रही है।
मैंने लण्ड पर अपना थूक लगाया ओर नसरीन की गाँड पर रख कर जोर से झटका दिया। अब मेरे लण्ड का टोपा उसकी गाँड में था। नसरीन चींखने को हुई तो रेशमा ने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया जिससे नसरीन की चींख अंदर ही रह गयी। नसरीन भी मचल रही थी और रेशमा भी मजे ले रही थी। मैंने मौका देखा और पूरे जोर से लण्ड को धक्का दिया। नसरीन इतने जोर से धक्के के लिये तयार नहीं थी। वो आगे कीओर नीचे गिरी जिससे रेशमा भी पीछे की ओर गिर गयी। नसरीन के ऊपर मेरे नीचे गिरते ही मेरा लण्ड नसरीन की गाँड में पूरा घुस गया। नसरीन जोर से चिल्लायी, “आआआऊऊऊईईईईई..... अम्मीईईईईई, छोड़ो फट गयीऽऽऽ निकालो फट गयीऽऽऽऽ।” मैं कुछ देर शाँत रहा और थोड़ी देर रुककर मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड में अंदर-बाहर करने लगा। अब नसरीन को मजा आने लगा। वो बोली, “आआआहहहह, मजा आ रहा है.... थोड़ा जोर से अंदर करो! जोर-जोर से! मजा आ रहा है!”उधर रेशमा नसरीन के मम्मे जोर-जोर से दबा रही थी। कुछ देर बाद मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया और मैं नसरीन के ऊपर लेट गया। रेशमा उठी और वो पीछे से मेरे ऊपर आ कर लेट गयी। नसरीन बोली, “रेशमा क्या कर रही है? मुझे मारेगी क्या? गाँड में लण्ड है.... ऊपर से ये ओर उसके ऊपर तू!”
कुछ देर बाद हम अलग हुए। मैंने कपड़े पहनने शुरू किये तो कपड़े पहनते-पहनते भी उन दोनों ने मेरे लण्ड को एक-एक बार चूसा। फिर मैं दूसरे दिन का आने का वादा करके अपने कार्ड ले कर वापस आ गया। वो दोनों नंगी ही सिर्फ सैंडल पहने-पहने ही दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयीं। उनके चेहरे पर अब भी वासना की झलक थी।
दूसरे दिन मैं दोपहर में तीन बजे मैं रेशमा के घर तय वक्त पर पहुँच गया। उसके पहले मैंने काफी घरों में कार्ड बाँट लिये थे। रेशमा ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर मुस्करायी और मुझे खींच कर अंदर ले गयी। अंदर वो अकेली ही थी। मैंने उससे नसरीन के बरे में पूछा तो वो बोली कि वो तो एक घंटा पहले आने वाली थी पर कुछ काम की वजह से नहीं आयी लेकिन थोड़ी में आ जायेगी। दिखने में वो कयामत लग रही थी। उसने काले रंग की सिल्क की झीनी कमीज़ और घूटनों तक का सफेद स्कर्ट पहन हुआ था जिस पर काले फूलों का डिज़ाइन था। उसने कमीज़ नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी जिसके कारण उसके मम्मे झीनी कमीज़ के बाहर से साफ दिख रहे थे।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment