FUN-MAZA-MASTI
ससुराल में सुहागरात --5
गतान्क से आगे............……………………………….
ललिता का दर्द कम हो चुका था.वो बोली पहेले तो लगा कि मेरी फट ही जाएगी पर आख़िर मे मज़ा आया.वो बोली अब तुझे दर्द नही होगा सिर्फ़ मज़ा ही आएगा.कुछ 15 मिनिट तक हम ने आराम किया.ललिता काफ़ी रेलेक्ष हो चुकी थी.रूपा ने उसे ब्रांडी का पेग दीया ओर कहा इसे दवा समझ कर पी लो.दर्द पूरी तरह मिट जाएगा. तीन पेग के बाद वो मस्त होने लगी.वो उठ कर रूपा को चूमने लगी ओर फिर उसकी चूत चाटने लगी.रूपा ने भी ललिता की चूत को खूब चटा ओर चूसा.इस बीच ललिता फिर एक बार झाड़ गई.उसकी मस्ती बढ़ने लगी.ऱूप ने कहा ललिता अब तो अपने पति के लंड से डर नही लग रहा ना. वो शरमा ते हुए बोली नही अब नही लग रहा है.हां थोड़ा थोडा दर्द ज़रूर है.वो बोली दर्द भी जाता रहेगा फिर तो तू खुद चुदवाने के लिए बेचेन रहेगी.ललिता फिर से गरम हो चुकी थी. वो बोली राज जी आओ फिर मुझे चोदो अब मैं नही रोउंगी.रूपा ने मुझे आँख मारी.मेरा लंड तो वैसे ही टत्टर हो कर झूल रहा था.ललिता को नशा भी होने लगा था फिर भी रूपा ने एक ओर पेग दे दिया.मैने उसे लेटा दिया ओर उसकी चूत चाटने लगा.वो बोली बहोत गुद गुडी हो रही है छोड़ो नाआआआआ. मैने उठ कर उसको चूमा ओर फिर उठा कर पट लेटा दिया.उसे लगा शायद मैं पिछे से चोदने वाला हूँ जैसे डॉली को चोदा था . इस लिए वो कोहनी ओर घुटनो पर जमने लगी.ललिता के गोरे चिकने ओर कसे हुए चुतड खा जाने को मन कर रहा था.मैने एक तकिया लिया ओर उसकी चूत पर लगा दिया जिस से गुदा उपर उठ आए.फिर उसे पट लेटा दिया ओर उसके चुतड को चूमते हुए चाटने लगा ओर फिर उसकी गुदा के च्छेद को जीभ से चाटने लगा.उसके दिमाग़ तुरंत लाइट ऑन हो गई कि ख़तरा है. वो बोली ओह्ह्ह राजा क्या कर रहे हू छ्ह्ह्हीई मेरी गांद मत चूसो प्लीज़.नहिी ऐसा मत करो मैने तुम्हे चूत चोदने को कहा था अगर गांद मारनी हो तो मम्मी की मारलो.मैं मर जाउन्गी मम्मी समझाओ ना इन्हे .रूपा बोली मार लेने दे बएटााआआअ आख़िर एक दिन तो मारेगा ही.आज ही अपने सारे हॉल खुलवा ले.आख़िर इतने दिनो से प्यासा है.तेरे बदले वो इतने दिन हमारे साथ मज़ा कर रहा था ओर हर तरह से मन बहलाता रहा है. प्यारे जमाई जी मार तू इसके रोने पर मत जेया.सहयता की गुहार करती ललिता उल्टी डाँट पड़ने पर सकते मे आ गई .रूपा सिर पर प्यार से हाथ फेरता हुए उसे समझने लगी.रूपा झट जा कर मक्खन ले आई ओर मेरे लंड को माखन से तर कर दिया फिर ललिता की गांद पर लगाया.वो अब भी सिसक रही थी ओह मम्मी रोकूनाअ मैं मर जाउन्गि.वो बोली सारे मज़े ले ले आज. तुझे पूरी तरह तैयार करके ही ससुराल भेजने वाली हूँ मे.मैने मक्खन से लपेट कर गांद मे एक उंगली घुसादी.बहुत टाइट गांद थी उसकी.फिर मैने दूसरी उंगली भी घुसा दी तो वो दर्द के मारे रोने लगी.मुझे बहोत मज़ा आ रहा था.मैने उसे चिढ़ाने के लिए कहा ललिता रानी सच तेरी गांद तो तेरी मा ओर डॉली से भी टाइट है.बड़ा मज़ा आएगा.मैने अपना लाल सूपड़ा उसकी गुदा पर रखा ओर रूपा को इशारा किया. ऱूप ने ललिता का मुँह दबोच लिया ओर मैने तुरंत ही सूपड़ा पेल दिया.मेरा सूपड़ा आधे से ज़्यादा उसकी गांद के छेद को खोलता हुवा घँस गया.ललिता का सरीर एक दम कड़ा हो गया ओर वो च्चटपटाने लगी.रूपा मस्ती मे आ चुकी थी.उसे भी मज़ा आ रहा था.वो बोली जमाई राजा लगता है आज तो फट ही जाएगी इसकी.मैने कहा हां मेरी सासू जान आज तो फाड़ ही देता हूँ इसकी. बड़ा मज़ा आएगा.इसे भी तो पता चले गांद मारना क्या होता है.जब डॉली की मार रहा था तो कैसे मज़े लेकर देख रही थी.मैने ओर मक्खन लगाया और हल्का पुश किया तो सूपदे का अगला हिस्सा गांद मे फँस सा गया.ललिता मारे दर्द के अपने हाथ पैर पचछाड़ने लगी.उसके तड़प्ते सरीर को देख मुझे बड़ा मज़ा आने लगा.उसके दबे मुँह से सीत्कार निकल रहे थे.रूपा भी गरमा उठी उसकी तड़प देख कर वो भी सिसकारियाँ भरने लगी.मैने झुक कर रूपा को चूम लिया ओर ललिता के शांत होने का इंतजार करने लगा. मैने रूपा को अपने करीब किया ओर उसकी चूंचियों को दबाते हुए उसके होंठो को चूमने लगा.वो बोली रुक क्यों गए हो डाल दो ना पूरा अंदर? मैने कहा ऐसे तो उसका दर्द कम हो जाएगा.तुम उसके मुँह से हाथ हटा लो.मैने धीरे धीरे उसकी चीख सुनते हुए डालूँगा ओर पूरा मज़ालूँगा.वो हँसने लगी ओर बोली तू बड़ा मदर्चोद है जो करना हो कर ले.रुक तो ज़रा.उसने अपना हाथ ललिता के मुँह से हटा लिया ओर वो फिर चीखने लगी.ओह माँ मर रही हूँ मययेयिन्न्न निकालूओ ईसीए. रूपा ने उसके मुँह के नीचे से तकिया हटाया ओर अपनी चूत पर मुँह रख कर लेट गई ओर एक हाथ से उसके सिर को चूत पर दबोचने लगी.कुछ देर बाद मैने धीरे धीरे ललिता की गांद मे लंड पेलना सुरू कर दिया.कस कर फँसा होने के बाद भी मक्खन के कारण लंड फिसलकर गहराई मे इंच इंच कर के जा रहा था.वो च्चटपटती तो मैं रुक जाता.फिर लंड पिछे खींच कर पेल देता जिस से वो बुरी तरह कांप उठती.उसकी आँखों से आँसू की धारा बह रही थी. आख़िर मुझसे रहा नही गया ओर मैने लंड पूरा बाहर खींच कर बुरी तरह से धक्का मार दिया.मेरा लंड करीब करीब पूरा उसकी गांद के हॉल मे समा गया ओर वो बुरी तरह से चीख उठी ओह मम्मी मैं मर गई लूट गई मैं मर जौंगिइिईई.उठो देखूूओटो सहियीईई तुम भी मेरी दुश्मन मत बनो बहोत दर्द हो रहा हाीइ मेरी गांद फट रही हाईईईईईईईई .रूपा भी थोड़ा दर गई ओर उठ कर उसकी गांद देखने लगी.वो बोली नही बेटी अब पूरा लंड घुस चुका है.तेरी गांद नही फटी है. फिर उसका दर्द कम करने के लिए उन्होने उसकी चूत पर हाथ लेजाकार उसे सहेलाना सुरू कर दिया.धीरे धीरे उसका चीखना बंद होने लगा.रूपा ने अपनी उंगली उसकी चूत मे घुसा दी ओर अंदर बाहर करती रही.कुछ ही देर मे वो झाड़ ने लगी.उसकी चूत से रस बहने लगा.जब वो पूरी तरह शांत हो गई तो वो बोली तू ज़रा रुक ओर वो उठ कर वापस ललिता के मुँह को अपनी चूत पर लगा कर कस लिया ओर बोली अब मैं भी मज़ा कर लेती हूँ तू अब जी भर कर गंद मार ले.मैने झुक कर ललिता की दोनो चूंचियों को दबोच लिया कस कर ओर ज़ोर ज़ोर से उसकी गांद मारने लगा.वो फिर दर्द से बिल बिला उठी.उसका मुँह खुल कर चूत पर दब जाता ओर दाँत गाढ़ने से रूपा को बड़ा मज़ा आ रहा था.वो बोली राजा कस कस कर पेलो इसके मुँह के दबाव से बड़ा मज़ा आ रहा है.मैं बुरी तरह से उसकी गांद मारता रहा.आख़िर कर वो सिथिल हो गई.मेने एक करारा धक्का मारा ओर स्खलित हो गया. मैने देखा वो बेहोश हो चुकी थी नही तो मेरे उबलते वीर्य की धार से उसकी गांद की सिकाई होती उस से उसे आराम ज़रूर मिलता.रूपा भी झाड़ कर शांत हो चुकी थी.फिर मैने उसे सीधा पीठ के बल लेटा दिया.उसकी गांद भी चूत की तरह बुरी तरह से फूल चुकी थी.जिसे देखमेरा लंड फिर से तन्ना गया.मैं उसके होश मे आने का इंतजार करने लगा. रूपा बड़े प्यार से उसकी चूत ओर गांद को सहेला रही थी.जैसे ही वो होश मे आई मारे दर्द के सिसकने लगी.रूपा ने फिर मेरे लंड पर मक्खन लगाया ओर मैने उसकी दोनो टाँगे उठा कर फिर से उसकी गंद मे लंड पेल दिया.इस बार उसे चीखने दिया.वो बुरी तरह चीखते चीखते लस्त हो गई. रूपा बोली लगता है फिर बेहोश हो गई.बड़ी नाज़ुक है ये तो. तू परवाह मत कर.मार ज़ोर ज़ोर से मसल मसल कर.कुछ नही होगा.अगर होगा तो मैं उसे ले जाउन्गि डॉक्टर के पास.मैं उसके छोटे छोटे स्तन मसल्ते हुए बेहोश ललिता की बेरहेमी से गांद मारता रहा.जैसे वो लड़की नही रॅबर की गुड़िया हो.इस बार करीब 1 घंटे मैं बुरी तरह उसकी मारता रहा.फिर लस्त हो कर लेट गया.हम बुरी तरह थक चुके थे.रूपा भी वही लेट गई.ललिता अब भी बेहोश थी. हम दोनो भी वहीं बगल मे लेट गए.दूसरे दिन सुबह उसके सिसकने की आवाज़ से मेरी आँख खुल गई.वो उठ नही पा रही थी.उसकी हालत बुरी थी.गांद ओर चूत के दर्द के मारे वो लगातार रो रही थी ओर बिलख रही थी.मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा ओर जैसे ही मैं उस पर चढ़ने लगा रूपा ने रोक दिया ओर कहा नही अब अभी नही.उसे दो दिन आराम करने देना.अब जब ये खुद अपने आप को तुम्हारे लिए तैयार ना करले उसे आराम करने दो.तब तक मैं हूना. दो रात तक मैने सिर्फ़ रूपा की चुदाई की.ललिता ठीक चल नही पा रही थी.दो रात उसने हम दोनो की घमासान चुदाई देखी.तीसरी रात वो खुद हमारे कार्यक्रम मे शामिल हो गई.मैने उससे वायदा किया कि मैं उसकी गांद अब नही मारूँगा जब तक वो खुद नही कहेगी.उस रात मैने उसे बहोत सुख दिया ओर बड़े प्यार से चूत चाट चाट कर चोदा.उस रात मैने ललिता ओर रूपा दोनो को दो दो बार चोदा. ललिता को बहोत मज़ा आया.उसके बाद रूपा की माहवारी सुरू हो गई इस लिए वो हमारे खेल मे शामिल नही हो पाई.उस रात मैने ललिता को बहोत ही बुरी तरह से चोदा.आख़िर मे उसकी ज़बरदस्ती गांद मारी.वो रो रो कर बेहोश होकर लस्त पड़ गई.इस भयानक चुदाई के बाद ललिता की हालत दो दिन खराब रही.उसे डॉक्टर के पास भी ले जाना पड़ा.उसे बुखार आ गया ओर ठीक से चल फिर नही पा रही थी. तीन दिन के बाद जब वो संभली तो मैने उसे सिर्फ़ एक बार ही चोदा.धीरे धीरे वो गांद ओर चूत चुदवाने की आदि हो चुकी थी.अब उसे मज़ा आने लगा. था.उसके बाद मैने रूपा से अपने घर जाने की इजाज़त ली.वो बुरी तरह से बिलख पड़ी ओर बोली राज मैं भी अब तुम्हारे बिना नही रहे पाउन्गि.तुम यहीं पर रहे जाओ.मैने कहा मैं घर जमाई बन कर नही रह पाउन्गा.वो बोली तो मुझे तुम अपने साथ ले चलो. मैने उसे अस्वासन दिया ओर कहा मैं पिताजी से इजाज़त ले लूँगा ओर अलग घर ले कर तुम्हे बुलवा लूँगा.तब कही वो शांत हो गई.घर पहुँच कर मैने मम्मी पापा से इजाज़त ली.वो भी बोले बेचारी विधवा अकेली कहाँ रह पाएगी. मैने अलग फ्लॅट ले लिया रो उन्हे भी बुलवा लिया.बीच बीच मे डॉली भी आ जाती ओर हम जी भर कर चुदाई का आनंद लेते. तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
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(¨`·.·´¨) ऑल्वेज़
`·.¸(¨`·.·´¨) कीप लविंग &
(¨`·.·´¨)¸.·´ कीप स्माइलिंग !
`·.¸.·´ -- राज शर्मा --
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ससुराल में सुहागरात --5
गतान्क से आगे............……………………………….
ललिता का दर्द कम हो चुका था.वो बोली पहेले तो लगा कि मेरी फट ही जाएगी पर आख़िर मे मज़ा आया.वो बोली अब तुझे दर्द नही होगा सिर्फ़ मज़ा ही आएगा.कुछ 15 मिनिट तक हम ने आराम किया.ललिता काफ़ी रेलेक्ष हो चुकी थी.रूपा ने उसे ब्रांडी का पेग दीया ओर कहा इसे दवा समझ कर पी लो.दर्द पूरी तरह मिट जाएगा. तीन पेग के बाद वो मस्त होने लगी.वो उठ कर रूपा को चूमने लगी ओर फिर उसकी चूत चाटने लगी.रूपा ने भी ललिता की चूत को खूब चटा ओर चूसा.इस बीच ललिता फिर एक बार झाड़ गई.उसकी मस्ती बढ़ने लगी.ऱूप ने कहा ललिता अब तो अपने पति के लंड से डर नही लग रहा ना. वो शरमा ते हुए बोली नही अब नही लग रहा है.हां थोड़ा थोडा दर्द ज़रूर है.वो बोली दर्द भी जाता रहेगा फिर तो तू खुद चुदवाने के लिए बेचेन रहेगी.ललिता फिर से गरम हो चुकी थी. वो बोली राज जी आओ फिर मुझे चोदो अब मैं नही रोउंगी.रूपा ने मुझे आँख मारी.मेरा लंड तो वैसे ही टत्टर हो कर झूल रहा था.ललिता को नशा भी होने लगा था फिर भी रूपा ने एक ओर पेग दे दिया.मैने उसे लेटा दिया ओर उसकी चूत चाटने लगा.वो बोली बहोत गुद गुडी हो रही है छोड़ो नाआआआआ. मैने उठ कर उसको चूमा ओर फिर उठा कर पट लेटा दिया.उसे लगा शायद मैं पिछे से चोदने वाला हूँ जैसे डॉली को चोदा था . इस लिए वो कोहनी ओर घुटनो पर जमने लगी.ललिता के गोरे चिकने ओर कसे हुए चुतड खा जाने को मन कर रहा था.मैने एक तकिया लिया ओर उसकी चूत पर लगा दिया जिस से गुदा उपर उठ आए.फिर उसे पट लेटा दिया ओर उसके चुतड को चूमते हुए चाटने लगा ओर फिर उसकी गुदा के च्छेद को जीभ से चाटने लगा.उसके दिमाग़ तुरंत लाइट ऑन हो गई कि ख़तरा है. वो बोली ओह्ह्ह राजा क्या कर रहे हू छ्ह्ह्हीई मेरी गांद मत चूसो प्लीज़.नहिी ऐसा मत करो मैने तुम्हे चूत चोदने को कहा था अगर गांद मारनी हो तो मम्मी की मारलो.मैं मर जाउन्गी मम्मी समझाओ ना इन्हे .रूपा बोली मार लेने दे बएटााआआअ आख़िर एक दिन तो मारेगा ही.आज ही अपने सारे हॉल खुलवा ले.आख़िर इतने दिनो से प्यासा है.तेरे बदले वो इतने दिन हमारे साथ मज़ा कर रहा था ओर हर तरह से मन बहलाता रहा है. प्यारे जमाई जी मार तू इसके रोने पर मत जेया.सहयता की गुहार करती ललिता उल्टी डाँट पड़ने पर सकते मे आ गई .रूपा सिर पर प्यार से हाथ फेरता हुए उसे समझने लगी.रूपा झट जा कर मक्खन ले आई ओर मेरे लंड को माखन से तर कर दिया फिर ललिता की गांद पर लगाया.वो अब भी सिसक रही थी ओह मम्मी रोकूनाअ मैं मर जाउन्गि.वो बोली सारे मज़े ले ले आज. तुझे पूरी तरह तैयार करके ही ससुराल भेजने वाली हूँ मे.मैने मक्खन से लपेट कर गांद मे एक उंगली घुसादी.बहुत टाइट गांद थी उसकी.फिर मैने दूसरी उंगली भी घुसा दी तो वो दर्द के मारे रोने लगी.मुझे बहोत मज़ा आ रहा था.मैने उसे चिढ़ाने के लिए कहा ललिता रानी सच तेरी गांद तो तेरी मा ओर डॉली से भी टाइट है.बड़ा मज़ा आएगा.मैने अपना लाल सूपड़ा उसकी गुदा पर रखा ओर रूपा को इशारा किया. ऱूप ने ललिता का मुँह दबोच लिया ओर मैने तुरंत ही सूपड़ा पेल दिया.मेरा सूपड़ा आधे से ज़्यादा उसकी गांद के छेद को खोलता हुवा घँस गया.ललिता का सरीर एक दम कड़ा हो गया ओर वो च्चटपटाने लगी.रूपा मस्ती मे आ चुकी थी.उसे भी मज़ा आ रहा था.वो बोली जमाई राजा लगता है आज तो फट ही जाएगी इसकी.मैने कहा हां मेरी सासू जान आज तो फाड़ ही देता हूँ इसकी. बड़ा मज़ा आएगा.इसे भी तो पता चले गांद मारना क्या होता है.जब डॉली की मार रहा था तो कैसे मज़े लेकर देख रही थी.मैने ओर मक्खन लगाया और हल्का पुश किया तो सूपदे का अगला हिस्सा गांद मे फँस सा गया.ललिता मारे दर्द के अपने हाथ पैर पचछाड़ने लगी.उसके तड़प्ते सरीर को देख मुझे बड़ा मज़ा आने लगा.उसके दबे मुँह से सीत्कार निकल रहे थे.रूपा भी गरमा उठी उसकी तड़प देख कर वो भी सिसकारियाँ भरने लगी.मैने झुक कर रूपा को चूम लिया ओर ललिता के शांत होने का इंतजार करने लगा. मैने रूपा को अपने करीब किया ओर उसकी चूंचियों को दबाते हुए उसके होंठो को चूमने लगा.वो बोली रुक क्यों गए हो डाल दो ना पूरा अंदर? मैने कहा ऐसे तो उसका दर्द कम हो जाएगा.तुम उसके मुँह से हाथ हटा लो.मैने धीरे धीरे उसकी चीख सुनते हुए डालूँगा ओर पूरा मज़ालूँगा.वो हँसने लगी ओर बोली तू बड़ा मदर्चोद है जो करना हो कर ले.रुक तो ज़रा.उसने अपना हाथ ललिता के मुँह से हटा लिया ओर वो फिर चीखने लगी.ओह माँ मर रही हूँ मययेयिन्न्न निकालूओ ईसीए. रूपा ने उसके मुँह के नीचे से तकिया हटाया ओर अपनी चूत पर मुँह रख कर लेट गई ओर एक हाथ से उसके सिर को चूत पर दबोचने लगी.कुछ देर बाद मैने धीरे धीरे ललिता की गांद मे लंड पेलना सुरू कर दिया.कस कर फँसा होने के बाद भी मक्खन के कारण लंड फिसलकर गहराई मे इंच इंच कर के जा रहा था.वो च्चटपटती तो मैं रुक जाता.फिर लंड पिछे खींच कर पेल देता जिस से वो बुरी तरह कांप उठती.उसकी आँखों से आँसू की धारा बह रही थी. आख़िर मुझसे रहा नही गया ओर मैने लंड पूरा बाहर खींच कर बुरी तरह से धक्का मार दिया.मेरा लंड करीब करीब पूरा उसकी गांद के हॉल मे समा गया ओर वो बुरी तरह से चीख उठी ओह मम्मी मैं मर गई लूट गई मैं मर जौंगिइिईई.उठो देखूूओटो सहियीईई तुम भी मेरी दुश्मन मत बनो बहोत दर्द हो रहा हाीइ मेरी गांद फट रही हाईईईईईईईई .रूपा भी थोड़ा दर गई ओर उठ कर उसकी गांद देखने लगी.वो बोली नही बेटी अब पूरा लंड घुस चुका है.तेरी गांद नही फटी है. फिर उसका दर्द कम करने के लिए उन्होने उसकी चूत पर हाथ लेजाकार उसे सहेलाना सुरू कर दिया.धीरे धीरे उसका चीखना बंद होने लगा.रूपा ने अपनी उंगली उसकी चूत मे घुसा दी ओर अंदर बाहर करती रही.कुछ ही देर मे वो झाड़ ने लगी.उसकी चूत से रस बहने लगा.जब वो पूरी तरह शांत हो गई तो वो बोली तू ज़रा रुक ओर वो उठ कर वापस ललिता के मुँह को अपनी चूत पर लगा कर कस लिया ओर बोली अब मैं भी मज़ा कर लेती हूँ तू अब जी भर कर गंद मार ले.मैने झुक कर ललिता की दोनो चूंचियों को दबोच लिया कस कर ओर ज़ोर ज़ोर से उसकी गांद मारने लगा.वो फिर दर्द से बिल बिला उठी.उसका मुँह खुल कर चूत पर दब जाता ओर दाँत गाढ़ने से रूपा को बड़ा मज़ा आ रहा था.वो बोली राजा कस कस कर पेलो इसके मुँह के दबाव से बड़ा मज़ा आ रहा है.मैं बुरी तरह से उसकी गांद मारता रहा.आख़िर कर वो सिथिल हो गई.मेने एक करारा धक्का मारा ओर स्खलित हो गया. मैने देखा वो बेहोश हो चुकी थी नही तो मेरे उबलते वीर्य की धार से उसकी गांद की सिकाई होती उस से उसे आराम ज़रूर मिलता.रूपा भी झाड़ कर शांत हो चुकी थी.फिर मैने उसे सीधा पीठ के बल लेटा दिया.उसकी गांद भी चूत की तरह बुरी तरह से फूल चुकी थी.जिसे देखमेरा लंड फिर से तन्ना गया.मैं उसके होश मे आने का इंतजार करने लगा. रूपा बड़े प्यार से उसकी चूत ओर गांद को सहेला रही थी.जैसे ही वो होश मे आई मारे दर्द के सिसकने लगी.रूपा ने फिर मेरे लंड पर मक्खन लगाया ओर मैने उसकी दोनो टाँगे उठा कर फिर से उसकी गंद मे लंड पेल दिया.इस बार उसे चीखने दिया.वो बुरी तरह चीखते चीखते लस्त हो गई. रूपा बोली लगता है फिर बेहोश हो गई.बड़ी नाज़ुक है ये तो. तू परवाह मत कर.मार ज़ोर ज़ोर से मसल मसल कर.कुछ नही होगा.अगर होगा तो मैं उसे ले जाउन्गि डॉक्टर के पास.मैं उसके छोटे छोटे स्तन मसल्ते हुए बेहोश ललिता की बेरहेमी से गांद मारता रहा.जैसे वो लड़की नही रॅबर की गुड़िया हो.इस बार करीब 1 घंटे मैं बुरी तरह उसकी मारता रहा.फिर लस्त हो कर लेट गया.हम बुरी तरह थक चुके थे.रूपा भी वही लेट गई.ललिता अब भी बेहोश थी. हम दोनो भी वहीं बगल मे लेट गए.दूसरे दिन सुबह उसके सिसकने की आवाज़ से मेरी आँख खुल गई.वो उठ नही पा रही थी.उसकी हालत बुरी थी.गांद ओर चूत के दर्द के मारे वो लगातार रो रही थी ओर बिलख रही थी.मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा ओर जैसे ही मैं उस पर चढ़ने लगा रूपा ने रोक दिया ओर कहा नही अब अभी नही.उसे दो दिन आराम करने देना.अब जब ये खुद अपने आप को तुम्हारे लिए तैयार ना करले उसे आराम करने दो.तब तक मैं हूना. दो रात तक मैने सिर्फ़ रूपा की चुदाई की.ललिता ठीक चल नही पा रही थी.दो रात उसने हम दोनो की घमासान चुदाई देखी.तीसरी रात वो खुद हमारे कार्यक्रम मे शामिल हो गई.मैने उससे वायदा किया कि मैं उसकी गांद अब नही मारूँगा जब तक वो खुद नही कहेगी.उस रात मैने उसे बहोत सुख दिया ओर बड़े प्यार से चूत चाट चाट कर चोदा.उस रात मैने ललिता ओर रूपा दोनो को दो दो बार चोदा. ललिता को बहोत मज़ा आया.उसके बाद रूपा की माहवारी सुरू हो गई इस लिए वो हमारे खेल मे शामिल नही हो पाई.उस रात मैने ललिता को बहोत ही बुरी तरह से चोदा.आख़िर मे उसकी ज़बरदस्ती गांद मारी.वो रो रो कर बेहोश होकर लस्त पड़ गई.इस भयानक चुदाई के बाद ललिता की हालत दो दिन खराब रही.उसे डॉक्टर के पास भी ले जाना पड़ा.उसे बुखार आ गया ओर ठीक से चल फिर नही पा रही थी. तीन दिन के बाद जब वो संभली तो मैने उसे सिर्फ़ एक बार ही चोदा.धीरे धीरे वो गांद ओर चूत चुदवाने की आदि हो चुकी थी.अब उसे मज़ा आने लगा. था.उसके बाद मैने रूपा से अपने घर जाने की इजाज़त ली.वो बुरी तरह से बिलख पड़ी ओर बोली राज मैं भी अब तुम्हारे बिना नही रहे पाउन्गि.तुम यहीं पर रहे जाओ.मैने कहा मैं घर जमाई बन कर नही रह पाउन्गा.वो बोली तो मुझे तुम अपने साथ ले चलो. मैने उसे अस्वासन दिया ओर कहा मैं पिताजी से इजाज़त ले लूँगा ओर अलग घर ले कर तुम्हे बुलवा लूँगा.तब कही वो शांत हो गई.घर पहुँच कर मैने मम्मी पापा से इजाज़त ली.वो भी बोले बेचारी विधवा अकेली कहाँ रह पाएगी. मैने अलग फ्लॅट ले लिया रो उन्हे भी बुलवा लिया.बीच बीच मे डॉली भी आ जाती ओर हम जी भर कर चुदाई का आनंद लेते. तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
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(¨`·.·´¨) ऑल्वेज़
`·.¸(¨`·.·´¨) कीप लविंग &
(¨`·.·´¨)¸.·´ कीप स्माइलिंग !
`·.¸.·´ -- राज शर्मा --
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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