FUN-MAZA-MASTI
हट बेशरम-2
“हाय राम… ममम म इतना बड़ा और मोटा……….तो मैंने कभी किसी का नही देखा
मैंने पूछा “किसका देखा है तुमने… बताओ “
मेरे भैया जब भाभी की चुदाई करते है तो मै अपने कमरे से झाँक कर देखती हूँ.. भाभी भइया के इससे अद्धे से भी कम साइज़ के पेशाब में चिल्लाती है फ़िर इस जैसी पेशाब मै तो मेरा क्या हाल करेगी… मै कभी नही घुसवाउंगी”
मैंने कहा अछा “मत घुसवाना, पर अभी तो इसको शांत करो”
“मै कैसे शांत करू” मीनू ने कहा
मैंने कहा “टाइम बरबाद मत करो, जल्दी से इसे हाथ मैं लो और मेरी मुट्ठ मारो” मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर लगाया और आगे पीछे करवाया. पहले तो मीनू थोड़ा हिचकी फिर बोली ” तुम्हारा लंड बहुत शानदार है मेरी चूत में फ़िर से खुजली होने लगी है……हीई सीइई मैई इ इक्या करू ओम मम म फ्लिच्क कक्क ” एक ही झटके मैं मेरा सुपाडा उसने किसी आइसक्रीम कोण की तरह चूस लिया मै जैसे स्वर्ग में पहुच गया मैंने उसके मुह में धक्के मारे मैंने कहा मेरा पानी निकलने वाला है.
” मेरी चूत फ़िर से गरम हो गई है इसका कुछ करो सी ई इ आअ आ अ ………..” मीनू सिसकारियां भर रही थी मैंने मीनू को फौरन कमोड शीट पर बैठाया और उसकी कुर्ती का कपड़ा उसके मुह मै भर दिया….. जिससे लंड घुसने पर वो चिल्लाये नही मैंने उसको समझाया भी थोड़ा दर्द होगा सहन करना .. मैंने उसकी दोनों टांगें फैली और चूत चाटी दो ऊँगली उसकी चूत मै भी घुसी उसकी चूत बहुत टाइट थी और बहुत गीली लिसलिसी सी गरम थी. मीनू कसमसा रही थी ” हीई इ सी ई इ इ इ अब जल्दी करो.. मेरे बदन मैं करोड़ों चीटियाँ घूम रही है मेरी बुर को ना जाने क्या हो गया है” मीनू ने कुर्ती मुह से निकाल कर कहा.
मैंने अपने लन्ड पर बहुत सारा थूक लगाया और कुछ उसकी गीली चूत मै भी लगाया जिससे उसकी चूत के लिसलिसे रस से मेरा थूक मिलकर और चूत को चिकना कर दे…. मैंने लंड हाथ मैं लेकर सुपाडा मीनू की चूत मैं ऊपर नीचे रगडा .. मीनू अपनी गांड उठा कर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी अब वो बिना लंड डलवाए नही रह सकती थी
उसने मेरे लन्ड को पकड़ा और अपनी बुर पर टिकाया मैंने पहले थोड़ा सा सुपाडा अंदर कर उसको अंदर बाहर कर एडजस्ट किया…. मुझे ऐसा लग रहा था की मेरे लण्ड को किसी जलते हुए चमड़े के क्लंप मैं कस दिया हो. इतनी टाइट बुर थी मीनू की मैंने थोडी और लंड अंदर पेला मीनू की मुह मै यदि कुर्ती ना घुसाई होती तो पूरे कम्पार्टमेंट के यात्री हमें चुदाई करते हुए पकड़ लेते….
मीनू मेरे मोटे लंड के कारन अपना सिर इधर उधर हिलाकर और अपनी आंखों से आंसू निकाल कर बता रही थी की उसको कितना दर्द हो रहा है…….. मैं थोडी देर रुक कर फाटक से एक गहरा और चूत फाड़ धक्का पेला जिससे मीनू की बुर की झिल्ली फटी और लौड़ा उसकी गहराई तक समां गया मीनू की तो हालत ख़राब हो गई थी.. मैंने थोड़ा रुक कर लंड बाहर खींचा तो उसके साथ खून भी बहर आया और फटा फट धक्के मारने लगा. मीनू की टाइट चूत के कारण मेरे गेंदों मै उबाल आना शुरू हो गया था.. मैंने मौके की नजाकत को ताड़ते हुए पहले लंड बाहर निकाला और गहरी साँस लेकर अपनी पोस्शन कंट्रोल करी और मीनू के मुह से कुर्ती हटी और फिर धीरे धीरे पूरा लंड घुसा कर शुरू मै हलके धक्के मारे फ़िर ताबड़ तोड़ धक्के लगाए.
मै अपनी स्पीड गोंडवाना एक्सप्रेस से मिला रहा था…” मीनू की बुर पानी छोड़ने वाली थी क्योंकि उसने अपनी कुर्ती वापिस अपने मुह में डाल ली थी और मीनू की बुर मेरे लौडे को कसने लगी थे मै मीनू के ३२ से ३४ साइज़ हुए मम्मे मसलता हुआ चुदाई कर रहा था.. मीनू बहुत जोरो से झडी तभी मेरे लण्ड ने भी आखिरी सांसे ली तो मैंने मीनू के दोनों मम्मे पूरी ताकत से भीचते हुए अपना लौड़ा मीनू की टाइट बुर मै आखिरी जड़ तक पेल दिया और मीनू की बूर को मैंने पहला वीर्य का स्वाद दिया मीनू भी बहुत खुश हो गई थी. जब साँस थमी तो मैंने लन्ड मीनू की बुर से बाहर निकाल जिससे मीनू की बुर से मेरे वीर्य के साथ मीनू की बुर से जवानी और कुंवारापन का सबूत भी बहकर बाहर आ रहा था.
मैंने मीनू को हटाया और कमोड में पेशाब करी मीनू बड़े गौर से मेरे लंड से पेशाब निकलते देखते रही और एक बार तो उसने मुह भी लगा दिया. उसका पूरा मुह मेरे पेशाब से गीला हो गया कुछ ही उसके मुह में जा पाया मैंने अपना लंड धोया नही उस पर मीनू की बुर का पानी और जवानी की सील लगी रहने दिया और नेक्कर के अंदर किया मीनू की बुर मै सुजन आ गई थी मै इंतज़ार कर रहा था की अब मीनू भी अपनी बुर साफ़ करेगी तो नंगी होगी तो उसने मुझे बाहर जाने को बोला. मै उसकी बात मानकर उसको अपना रुमाल बताकर आ गया. मैंने अपनी घड़ी मै टाइम देखा तो हम लोगो के सवा घंटा गुजर गया था टॉयलेट में… शुक्र है भगवन का कि ठंड के कारण कोई नही जागा था और ट्रेन भी नही रुकी थी. थोडी देर बाद मीनू अपनी बुर पर हा्थ फेरती हुई कुछ लड़खड़ाते हुए बाहर आई मैंने पूछा क्या हाल है जानेमन तुम्हारी बुर के ” सुजन आ गई है पर चुदवाने मै बहुत मजा आया फ़िर से चुदवाने का मन कर रहा है
” ये लो यह रूमाल तुम वहां छोड़ आए थे। स फक्स….इसमे यह क्या लगा है लिसलिसा” यह वोही रुमाल था जिसमे मैंने मीनू के नाम की मुट्ठ मारी थी अपनी सीट पर लेते हुए वोही मुझे देने लगी. “इसमे वोही लिसलिसा है तो अभी तुम्हारी मुनिया मै मेरे लंड ने उडेला है…. और तुम क्या लिए हो” मैंने मीनू को कहा… उसने पहले सूंघा फूले कहने लगी ” ये मेरी पैंटी ही… ख़राब हो गई थी तो मैंने निकाल ली.. और तुम्हारा रुमाल मै ले जा रही हूँ इसे अपने साथ रखूँगी और तुम्हारे पानी का स्वाद लेकर इसे सूंघकर सो जाउंगी.. तुम दिल्ली में कहां रुकोगे.. और किस काम से जा रहे हो” मीनू ने मेरे से पूछा . तुम अपनी पैंटी मुझे दो मैंने मीनू से कहा फिर बताउंगा कि मैं कहां और क्यों जा रहा हूँ. पहले तो मीनू मुझे घुड़की “तुम क्या करोगे मेरी गन्दी पैंटी का” मैंने कहा ” वोही जो तुम मेरे रुमाल के साथ करोगी और मै तुम्हारी पैंटी अपने लंड पर लपेट कर मुट्ठ भी मारूंगा” उसने मेरे को चुम्मा देते हुए कहा “पागल” और अपनी पैंटी मुझे दे दी मैंने वहां जहां उसकी बुर रहती है उसको अपनी नाक से लगाया और जीभ से चाटा तो मीनू शर्मा गई
मैंने मीनू को बताया की मुझे दिल्ली में थोड़ा काम है और एक दोस्त की शादी भी है इतना सुनकर वो कुछ आश्वस्त हुई. मैंने कहा तुम मेरा सेल नम्बर ले लो मेरे को फ़ोन कर लेना मै बता दूँगा की कहा पर रुकुंगा और हम कैसे और कब मिलेंगे यह भी बता देंगे.
मीनू मेरा रुमाल लेकर अपनी सीट पर आ गई और मै अपनी सीट पर. अब मेरा बैग भी आ गया था सो मैंने बैग मै से एयर पिल्लो निकाल और अपने सिराहने रख कर मीनू को याद करने लगा मेरा मेरा लंड फ़िर से खडा होने लगा सो मैंने सीट पर लेटकर मीनू की पैंटी सूंघने लगा उसमे से मीनू की पेशाब और उसके पानी की स्मेल आ रही थी. उस स्मेल ने कमाल ही कर दिया मेरा लंड फंफनाकर बहुत कड़क हो गया मैंने मीनू की पैंटी का वो हिस्सा जो कि उसकी चूत से चिपका रहता था मैंने फाड़ लिया और बाकी की पैंटी लेटे लेटे ही लंड पर लपेट ली नेक्कर के अंदर मैंने मीनू को सपने में चोदते हुए और उसकी बुर की खुसबू सूंघते हुए उसकी पेशाब भरी पैंटी को चाटते हुए मुठ मारने लगा मैंने अपना सारा पानी मीनू की फटी हुई पैंटी और अपनी चड्डी मै निकाल दिया ३ बार झड़ने के कारण पता ही नही चला की कब मै सो गया”
सुबह मुझे एहसास हुआ की कोई मुझे जगा रहा है.. तो मैंने आँख खोलते हुए पुछा कौन है गाड़ी कौन से स्टेशन पर खड़ी है …. मुझे जगाने वाला मेरा साला मीनू का भाई था बोला ” देव जी उठिए निजामुद्दीन पर गाड़ी खड़ी है पिछले १५ मिनिट से सभी आपने घर पहुच गए आप अभी तक सोये हुए हूँ” मै फटाफट उठा और अपना सामान बटोरा वैसे ही हाथ में लिया और प्लेटफोर्म पर उतर आया. वहा सबसे पहले मेरी नज़र मेरी नई चुदैल जानेमन मीनू पर पड़ी वो बिल्कुल फ्रेश लग रही थी. उसके चेहरे से कतई ऐसा नही लग रहा थी कल रात को मैंने इसी ट्रेन मै मीनू की बुर का अपने हल्लाबी लंड से उदघाटन किया था और उसकी सील तोडी थी
प्लेटफॉर्म पर बहुत ठण्ड थी। सुनहरी धूप खिली थी मै टीशर्ट और नेक्कर मै खड़ा था. मैंने मीनू का कम्बल और चादर तह कर के उनको सौंपे और उनका धन्यवाद दिया मै अपने एयर पिल्लो की हवा ऐसे निकाल रहा था जैसे मीनू के दूध दबा रहा हूँ और यह मीनू को और उसकी कजिन को दिखा भी रहा था.
मैंने उन लोगों से पूछा कि आप कहा जायेंगे मीनू का भाई बोला हमको सरोजिनी नगर जाना है और आपको कहा जाना है. मुझे भी सरोजिनी नगर जाना था वहा पर मेरे दोस्त की शादी है… मैंने उन लोगों को जवाब दिया.
मैंने कहा मेरे साथ चलिए…. मुझे लेने गाड़ी आई होगी बाहर….वो लोग बोले नही नहीं आप चलिए हम बहुत सारे लोग है और इतना सारा समान है, आप क्यों तकलीफ करते है….
मैंने कहा इसमे तकलीफ जैसे कोई बात नही हम आखिर एक ही मोहल्ले के लोग है इसमे तकलीफ क्यों और किसे होने लगी फ़िर गाड़ी में अकेला ही तो जाउंगा यह मुझे अच्छा नही लगेगा. मीनू की कजिन धीमे से बोली रात की मेहनत सुबह रंग ला रही है… और मुझे मीनू को देखकर हलके से मुसकुरा पड़ी. हम सभी बाहर आए तो देखा कि एक टाटा सूमो पर मेरे नाम की स्लिप लगी हुई थी मैंने मीनू के भाई और मम्मी से कहा की देखिये किस्मत से मेरे दोस्त ने भी बड़ी गाड़ी भेजी है. इसमे हम सब और पूरा सामान भी आ जाएगा.
गाड़ी में सारा सामान लोड कर सभी को बैठा कर गाड़ी रिंग रोड पर निकलते ही मैंने गाड़ी साइड मै रुकवाई और एक पी सी ओ में घुस गया वहा से अपने दोस्त को फ़ोन किया कि यार मेरे लिए एक रूम का अलग अरेंजमेन्ट हो सकता है क्या… उसने पूछा क्यों…. मैंने कहा देखा तेरे लौडे का इन्तेजाम तो कल हो गया तू कल ही चूत मारेगा मै अपने लिए अपनी चूत का इन्तेजाम सागर से ही कर के लाया हूँ… रात में ट्रेन में मारी थी चूत पर मजा नही आया। तसल्ली से मारना चाहता हूँ.
मेरा दोस्त बोला ” देव भाई तुमसे तो कोई लड़की पटती नही थी यह एक ही रात में तुमने कैसे तीर मार लिए और तुमने उसे चोद भी डाला!
मैंने कहा बोल तू कर सकता है तो ठीक नही तो मै होटल जा रहा हूं। मुझे मेरे दोस्त ने आश्वस्त करा दिया कि वो ऐसा इन्तेजाम कर देगा.
मै फ़ोन का बिल देकर गाड़ी मै बैठा और इंतज़ार कराने के लिए सभी को सॉरी बोला और ड्राईवर को चलने का हुकुम दिया …मैंने पूछा आप लोग सरोजिनी नगर मै किसके यहां जायेंगे…मीनू की मम्मी बोली ” बेटा मेरी बहिन के लड़के की शादी है… कल की मिस्टर कपूर… रोहन कपूर…..
” ओह फ़िर तो मजा ही आ गया भाई” मै उछलता हुआ बोला.. सब मेरे को आश्चर्य भरी निगाहों से देखने लगे सो मै आगे बोला ” वो.. वो.. क्या है की मुझे भी कपूर साहब के बेटे यानि सुमित की शादी मै जाना है..
बातों बातों में कब सुमित का घर आ गया पता ही नही चला…. पर मै सुमित से आँख नही मिला पा रहा था.. जब सब घर के अंदर चले गए तो मैंने ड्राईवर को रुकने को बोला और अपना बैग गाड़ी मै छोड़ कर सुमित को बुलाने उसके घर मै गया… सुमित आकर मेरे से लिपट गया.. बहुत खुश था सुमित पर मै उससे आँख नही मिला पा रहा था मैंने सुमित को एक तरफ़ ले जाकर बोला ” देख यारा बुरा मत मानियो .. तुम्हारे यहां मेहमान बहुत है मै ऐसा करता हूँ कि मै और सुधीर मेरा एक और दोस्त दोनों होटल मै रुक जाते है..”
मेरा इतना कहते ही सुमीत के चेहरे के भाव बदल गए.. सुमित ने कहा ” देख भाई देव मै जानता हूँ की तुम होटल क्यों जा रहे हो यार कोई बात नही तुमने रेखा (मीनू की कजिन) को चोद दिया तो क्या हुआ.. इससे कोई फर्क नही पड़ता.. यदि तुम मीनू को भी चोद देते तो इसमे कोई दिक्कत नही थी मै भी उसको चोदना चाहता था पर मौका नही मिला या मेरी हिम्मत नही हुई.. इसे दिल पे मत ले यार” मौज कर यारा मैंने तेरे लिए स्पेशल रूम का अरेंजमेन्ट किया है वो भी तुम्हारी डार्लिंग के साथ वाले रूम में।
यह सुनकर मेरी जान में जान आई. मै सुमित को क्लीयर कर देना चाहता था की मै रेखा नही मीनू को चोदना चाहता हूँ.” सो मैंने कहा मैंने मीनू को चोदा है ट्रेन में…. और उसको ही तसल्ली से चोदना चाहता हूं..
सुमित बोला ” सेक्सी तो रेखा थी पर तुमने मीनू को कैसे चोद लिया.. वो बधाई हो माई बोय………..तभी मीनू थोड़ा लंगडा के चल रही थी. तुमने तो ऑफिस में अपनी मैडम को भी तगड़ा चोदा था जबकि वो शादी शुदा थी वो तो २ दिन चल फ़िर भी नही सकी थी”
” तुम दोनों दरवाजे पर ही बातें करते रहोगे क्या? सुमित इसे इसके कमरे में पहुंचा दो .. कैसे हो देव बेटा” कहते हुए सुमित के पापा आ रहे थे…..
मैंने उनके पैर छुए और उनसे थोडी बातें करी. फ़िर सुमीत मेरे को अपने रूम मैं ले गया.. सुमीत के पिता बहुत बड़े बिज़नस मैंन थे। बहुत बड़ा बंगला था उनका सुमीत ने मुझे सेकंड फ़लूर पर जहा सिरफ़ ३ ही कमरे थे और मीनू वगैरह भी वहीं रुके थे रूम फिक्स किए थे.. रूम बहुत शानदार था एक डबल बेड, टी वी, वी सी डी प्लेयर, फ़ोन सब कुछ था।
सुमित बोला ” क्यों देव कैसा लगा मेरा इन्तेजाम तुम्हारी चूत भी तुम्हारे बगल में है और एक खास बात बताऊ मैं- मीनू की बाथरूम तुम्हारी बाथरूम से अटैच्ड है बीच में दरवाजा है आओ मैं तुमको दिखा दू उसने मेरे को वो दूर दिखा दिया और कैसे खुलता है वो भी दिखा दिया मैं वहां से मीनू के बाथरूम मैं पहुच सकता था और वहां से उसके रूम मे. अच्छा चल तैयार होजा और फटाफट नीचे आजा साथ नाश्ता करेंगे ..
मैं सुमित को बोला ” सुमित तो मीनू की चूत की खुशबू लेना चाहेगा ?”
सुमित ने कहा कैसे मैंने मीनू की पैंटी का वो फटा हिस्सा उसको दिखाया और उसको सूंघने को दे दिया.. मैं और सुमित पहले भी कई लड़कियां साथ मिलकर चोद चुके थे उसको चूत की स्मेल के बारे में पता था बहुत अच्छी है रे देव मीनू की बुर तो मैं तो उसकी बुर के नाम पर मुट्ठ ही मारता रह गया पर तुने मेरे लन्ड का बदला ले लिया.. यह सब बातें बात बाथरूम में ही हो रही थी… सुमित मेरे रूम से चला गया
घर में काफ़ी हो हल्ला हो रहा था सो मैंने रूम लाक करके टीवी ओं कर दिया और नंगा होकर फ्रेश होने और नहाने बाथरूम मैं घुस गया. बढ़िया गर्म पानी से नहाने लगा तभी मुझे दीवार पर कुछ टकराने की आवाज आई। मैंने शोवेर बंद किया तो उस तरफ़ मीनू नहा रही लगता महसूस हो रही थी…. मैंने …धीरे से दरवाजा खिसकाया जो की बिना किसी आवाज के सरकता था तो देखा एक बिल्कुल जवान नंगा जिस्म शोवेर में मेरी तरफ़ पीठ किया अपनी बुर मैं साबुन लगा रहा था मैं भी मादरजात नंगा था मेरे लंड को चूत का ठिकाना का एहसास होते ही उछाल भरने लगा मैंने आव देखा ना ताव सीधा जाकर उसके मुह पर हाथ रखा जिससे वो डरकर ना चिल्ला पाए और उसकी गांड के बीच मैं अपना हल्लाबी लौदा टिकते हुए उसकी पीठ से चिपक गया.
मेरी पकड़ जबरदस्त थी इसलिए वो हिल भी नही पाई मैंने शोवेर के नीचे ही उसके कानो में कहा कहो जानेमन अब क्या इरादा है चलो एक बार फिर से चुदाई हो जाए और मैं उसकी चूत पर हा्थ फिरने लगा उसने अपनी बुर मैं साबुन घुसा रखा था वो साबुन से अपनी चूत चोद रही थी मैंने कहा यह जगह साबुन रखने की नही लन्ड रखवाने की है और मैं उसके चूत के दाने को मसलने लगा.
पहले तो उसने टाँगे सिकोडी पर दाने को मसलने से वो गरमा गई थी उसने अपनी टाँगे ढीले छोड़ दी मैंने अभी तक उसका मुह ताकत से बंद कर रखा था मैंने कुछ देर इसकी पोसिशन मैं उसकी बुर का दाना मसला और फ़िर मैंने अपनी बीच वाली ऊँगली उसकी बुर के हौले मैं घुसा दी … बहुत गरम और टाइट चूत थी.. मैंने अपनी ऊँगली से उसकी बुर को चोदने लगा था, वो मस्ताने लगी थी थी और उसकी बुर पनियाने लगी वो हिल रही थी अपनी गांड भी जोरो से हिला रही थी।
मैंने अपनी ऊँगली को उसकी बुर मैं तेज़ी से पेलना शुरू कर दिया यानि की स्पीड बड़ा दी इधर मेरा हल्लाबी लौड़ा जो की उसकी मदमाती गांड मैं फसा हुआ था फनफना रहा था उसकी भी बुर गरमा गई थी.. तभी उसने अपने एक हाथ मेरी उस हथेली पर रखा जिससे मैं उसकी बुर को चोद रहा था फ़िर उसने अपना हाथ मेरे लौडे को छूने के लिए नीचे लगाया वो सिर्फ़ मेरे सुपाडे को ही टच कर पाई वो छटपटा रही थी
बहुत गरम और टाइट चूत थी.. तभी वो अपने दोनों हाथो से मेरा हाथ अपने मुह से हटाने की नाकाम कोशिश करने लगी. मुझे उसकी यह हरकत ठीक नही लगी तो मै उसे बाथरूम से खीच कर अपने बेडरूम मै ले आया और उसको उल्टा ही बेड पर पटक दिया जैसे ही वो पलटी मेरे होश फ़ाखता हो गए वो रेखा थी…
मैंने उसको चुप रहने का इशारा किया और अपने टीवी की आवाज थोडी और बढा दी। रेखा का बदन बहुत सेक्सी था उसके कड़क बिल्कुल गोलाकार ३६ साइज़ के मम्मे सुराहीदार गर्दन, २ इंच गहरी नाभि हल्का सा सांवला रंग। रेखा की चूत डबलरोटी की तरह फूली हुई थी रेखा ने अपनी झांटे बड़ी ही कुशलता से सजा रखी थी मै तो रेखा को नंगी देख कर बेकाबू हो रहा था
रेखा अपनी चूत दोनों हाथों से ढक रही थी और मेरे से कहने लगी प्लीज़ मुझे जाने दो .. मीनू नहाकर आजायेगी तो मुझे दिक्कत हो जायेगी.. मैंने पूछा तुम्हारा रूम अंदर से तो लाक है बा.. बोली हां है मैंने कहा तो फ़िर क्या फिकर तुम जैसे सेक्सी लड़की को नहाने मै टाइम तो लगेगा ही. रेखा तुम बहुत सेक्सी और खूबुसूरत और तुम्हारी चूत तो बहुत गजब की है इसमे जबरदस्त रस भरा हुआ है मुझे यह रस पिला दो प्लीज़ और मै रेखा के ऊपर टूट पड़ा।
रेखा के होंठ बहुत ही रस भरे थे मैंने उसके होंठों को अपने ओठों में कस लिए और उसके लिप्स को चूसने लगा मै एक हाथ से रेखा की मस्त जवानी के मम्मे भी मसल रहा था और अपना लौड़ा उसकी बुर के ऊपर टिका कर रगड़ रहा था पहले तो रेखा छटपटाती रही पर जैसे ही मैंने उसके शरीर पर अपने शरीर के हिस्सों का दबाब बढाया तो वो भी कुछ ढीली पड़ने लगी. अब रेखा ने अपनी चूत से अपने हाथ हटा लिए थे मैंने रेखा के शरीर को सहलाना शुरू किया मै उसकी अंदरूनी जांघों और चूत पर ज्यादा ध्यान दे रहा था.
रेखा भी अब जवाब देने लगी थी और सिसियानी लगी थी रेखा का बदन बड़ा ही गुदाज़ बदन था और ऐसे ही फुद्दी वाली उसी बुर थी मै अब रेखा के निप्प्ल को चूसने के लिए उसके होंठों को चूमते और चाटते हुए नीचे मम्मो की घाटी की ओर चल पड़ा रेखा बहुत जोरो से सिसियाने लगी थी.. …… मैंने जैसे ही उसके मस्त मामो की सहलाना और उनके किनारों से चूसना चालू किया रेखा छटपटाने लगी मै एक निप्प्ल हाथ से मसल रहा था और दूसरा नीपल की ओर अपनी जीभ ले जा रहा था
रेखा को रेखा को भी अब मजा आने लगा था उसने नीचे हाथ डाल कर मेरा हल्लाब लौड़ा पकड़ लिया और बोली हाय देव मीनू की बुर कितनी खुशनसीब है जिसको तुम्हारे लौडे जैसा चोदु लवर मिला कल रात में ट्रेन में तुमने उसकी बुर के चीथड़े उड़ा दिए मैंने देखा मीनू लंगडाकर चल रही थी
मैंने तुम दोनों की चुदाई के सपने देखते हुए ३ बार अपनी चूत ऊँगली से झाड़ डाली। हय राजा! बहुत मस्त लौड़ा है…
मैंने कहा रेखा तुम्हारी जवानी में तो आग है तुमहरा बदन बहुत गुदाज और सुंदर सेक्सी है तुम्हारी पाव रोटी जैसे फूली चूत मुझे बहुत अच्छी लगती है और मै तेजी से उसके निप्प्ल चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को नीबू की तरह मसलने लगा रेखा बहुत गरमा गई थी रेखा कहने लगी अब कंट्रोल नही होता अपना लौड़ा मेरी बुर में घुसा दो, फाड़ दो मेरी बुर, बहुत खुजली हो रही है, तुम्हारा लन्ड जो भी लड़की एक बार देख लेगी बिना चुदवाए नही रह सकती.. और जिसने एक बार चुदवा लिया उसके तो कहने ही क्या वो हमेशा अपनी चूत का दरवाजा तुम्हारे लौडे के लिए खोले रखेगी
मुझे जब मीनू ने तुम्हारे लौडे के पानी वाला रुमाल सुंघाया तो मेरी चूत ने अपने आप पानी छोड़ दिया मै समझ गई थी कि तुम्हारा लौड़ा तुम्हारे जैसा ही हल्लाबी होगा जो मेरी बुर की जी भर कर चुदाई करेगा और खुजली मिटाएगा पर यह नही जानती थी कुछ ही घंटो में मुझे मेरी मुराद पूरी होने का मौका मिल जायेगा…हाय अब सहन नही हो रहा जल्दी से अपना लौड़ा मेरी बुर में पेलो…….
मैं रेखा के माम्मे जबरदस्त तरीके से चूस रहा था और रेखा का तना चूत का दाना मसल रहा था रेखा की चूत बहुत पनियाई हुई थी रेखा बहुत चुदासी हो रही थी रेखा की बुर पर करीने से काटी गई बेल बूटेदार झांटें बहुत सुंदर लग रही थी रेखा की पाव रोटी पिचक और फूल रही थी ऐसी बुर को मै पुट्टी वाली बुर कहता हूँ इसको चूसने और चोदने में बहुत मजा आता है। मै रेखा की बुर को उसकी लम्बाई मै कुरेद रहा था और बीच बीच मै एक ऊँगली उसकी बुर मै घुसा कर ऊँगली से बुर भी चोद देता रेखा की बुर मै लिसलिसा सा पानी था मैंने ऊँगली बाहर निकाल कर सूंघी और चाट ली बहुत ही बढ़िया खुशबू थी और टेस्ट तो पूछो ही मत
मेरी चूत के पानी की प्यासी जीभ रेखा की बुर को चूसने के लिए तड़प उठी मैंने रेखा के पैर के अंगूठे से चूसना शुरू किया और उसकी अंदरूनी जांघ तक चूसते चूसते पहुच गया मै रेखा की काली सावली पाव रोटी जैसी पुट्टी वाली बुर के आस पास अपनी जीभ फिरने लगा वह जो उसका पानी लगा हुआ था उसको चाटने में बहुत मजा आ रहा था रेखा से रहा नही जा रहा था.. हाय देव यह क्या हो रहा ही मेरे को ऐसा पहले कभी नही हुआ। हाय मेरी बुर को चूसो इसे चबा जाओ इसे खा जाओ रेखा ने मेरा सर पकड़ कर अपनी बुर पर लगा दिया उसकी पुत्ती वाली बुर को वो अपनी गांड उठाकर मेरे मुह पर रगड़ रही थी
मैंने रेखा की दोनों टांगे फैलाई और उसकी बुर पर किस किया। सी हाई मर गैईईई आया ऐसा कह रही थी फ़िर मैंने रेखा की पाव रोटी को उंगलियों से खोला और जीभ से जबरदस्त चाटनी शुरू कर दी ऊऊम्म्म्म हीईई सीईई बहुत अच्छा लग रहा है देव उम्म्म्म और चूसो और चाटो, अपनी जीभ पूरी घुमा दो, पहले किसी ने ऐसा मजा नही दिया ओम्म्म मेरी चूत झरने वाली है ई अईई जल्दी से कुछ करो। मैंने अपनी जीभ की रफ़्तार बड़ा दी
रेखा अपनी दोनों टांगो से मेरे सर को दबा लिया मैंने अपनी जीभ रेखा की गरम और लिसलिसी बुर की गुफा में घुसा कर जैसे ही गोल गोल घुमाया अरे यार यह क्या कर दिया मेरी बुर तो पानी छोड़ रही है, और जोर से चू्सो और पिच पिच कर के उसकी बुर ने तेज़ी से पुचकारी मारना चालु कर दिया मै तेज़ी से जीभ चलता हुआ उसका पानी पी गया और चूत का दाना फ़िर से अपनी जीभ में भर लिया रेखा मेरा लंड को प्यार करना चाहती थी सो उसने मेरे कहा तुम अपना लौड़ा मेरी ओर करो हम दोनों ६९ में हो गए
रेखा मेरा लौड़ा बहुत तेज़ी से और अच्छे से चूस रही थी ऐसा लग रहा था की रेखा पहली बार नही चुदवा रही वो पहले भी चुदवा चुकी थी मै रेखा की बुर के दाने को तेज़ी से चूस रहा था रेखा मेरे नीचे थी और मेरा लौड़ा चूस रही थी मै जितना प्रेशर उसकी बुर पर अपनी जीभ से डालता उतनी ही प्रेशर से रेखा भी मेरे लौडे को चूसती मुझे ऐसा लग रहा था की मैंने अपना लंड यदि जल्दी रेखा के मुह से न निकाला तो यह झड़ जाएगा मै रेखा के मुह से लंड निकाल कर रेखा की बुर को और गहराई से चूसने लगा।
रेखा फ़िर से तैयार थी.. हाय मेरे चोदु राजा आज लगता है मेरी बुर की खुजली पूरी तरह से शांत होगी। मेरी पाव रोटी में कई लौडे अपने जान गवा चुके है घुसते ही दम तोड़ देते है। आज तुम मेरी बुर की जान निकल दो मेरे राजा….. मैंने रेखा की गांड के नीचे तकिया लगे उसकी पाव रोटी जैसे पुत्ती वाली बुर जैसे घमंड मै और फूल गई उस गुदाज पुत्ती वाली बुर से लिसलिसा सा कुछ निकल रहा था मुझे सहन नही हुआ तो मैंने फ़िर से अपनी जीभ उसकी बुर से लगा दी.. अरे तुम भी डर रहे हो क्या मेरी पाव रोटी में दम तोड़ने से ? सी हीईई कोई तो मेरी बुर की खुजली शांत कर दे मैंने अपना लौड़ा उसकी बुर पर रखा और थोड़ा उसे क्लिटोरिस से बुर के एंड तक रगडा साथ में मै उसके माम्मे बुरी तरह से रगड़ मसल रहा था रेखा अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लन्ड को अपनी बुर मै घुसाने के लिए तड़प उठी मेरे राजा मत तड़पाओ मै मीनू नही रेखा हूँ मै चूत की खुजली से मर जाऊंगी मेरी बुर को चोदो… फाड़ो…
उसने मेरा लन्ड पकड़ा और अपनी बुर के छेद पर टिका लिया और थोडी गांड उठाई तो पुक्क की आवाज के साथ सुपाडा उसकी बुर में घुस गया सुपाडा का गुदाज बुर में घुसना और रेखा के मुह से दर्द की कराह निकलना शुरू हो गई। उई मीनू मेरी बुर में पहली बार किसी ने जलता हुआ लोहा डाला। हाय मेरी बुर चिर गई, फ़ट गई, कोई तो बचा ले मुझे, बहुत मजा आ रहा था मैंने रेखा से कहा रेखा जानेमन पुट्टी वाली गुदाज बुर बहुत कम औरतों को नसीब होती है इनको बड़ी तसल्ली से चुदवाना चाहिए। तुम्हारी चूत की तो मै आज बैन्ड बजा दूँगा
और मैंने रेखा के दोनों मम्मे अपने हाथ में लिए और अपना होंठ उसके होंट से चिपका दिया और पूरा लन्ड एक ही झटके में पेलने के लिए जोरदार धक्का मारा एक झटके में रेखा की बुर की दीवारों से रगड़ खाता हुआ मेरा लंड आधी से ज्यादा रेखा की पाव रोटी वाली बुर मै धस चुका था
मै कुछ देर रुका और लन्ड बाहर खीचा सुपाडा को बुर में रहने दिया और फिर से बुर फाड़ धक्का लगाया। इस बार मेरा लन्ड रेखा की बुर की गहराई में जाकर धस गया मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी गरम मक्खन वाली किसी चीज को मेरे लंड पर बहुत कस कर बाँध दिया हो. उसकी बुर बहुत लिसलिसी और गरम थी मै रेखा को हलके हलके धक्के देकर चोदने लगा रेखा को अब मजा आ रहा था
वो हाय! सी! राजा औरर मारो, यह बुर तुम्हारे लिए है मेरी बुर को चोदने के इनाम में मै तुम्हारी मीनू के साथ सुहागरात मनवाऊंगी। बहुत मजा आ रहा है पहले किसी ने ऐसे नही चोदा, चोदते रहो, मुझे लगता है कि तुम्हारा लन्ड मेरे पेट से भी आगे तक घुसा हुआ है मेरी चूत की तो आज बैन्ड बज गई। अरे देखो सालो ऐसे चुदवाई और चोदी जाती है चूत उम्म्म मेरे राजा बहुत मजा आ रहा ही उई मा मेरी पेट में खलबली हो रही है यह मैं तो झरने वाली हूँ मैं जाने वाली हूँ सो मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी रेखा ने मेरे से कहा देव तुम लेटो मुझे तुम्हारे लौडे की सवारी करने दो मै तुंरत लेट गया रेखा ने लौड़ा को ठिकाने पर रखा और ठप्प से मेरे लौडे पर बैठ गई और फटाफट उचकने लगी रेखा के ३६ साइज़ के मम्मे हवा में उछाल मार रहे थे। रेखा बहुत तेजी से झड़ी पर मै अभी नही झरने वाला था क्योंकि पीछे ६-८ घंटो में ३ बार झर चुका था सो मैंने रेखा को कुतिया बनाया और बहुत बेरहमी से चोदा. रेखा कहने लगी देव बहुत देरी हो जायेगी जल्दी से खाली करो अपना लौड़ा मेरी बुर। मैं फ़िर मैंने और तेज़ी से धक्के मारे और रेखा की बुर की गहराई में झड़ गया रेखा ने मेरा लौड़ा चाट कर साफ़ किया और फ़िर चुदवाने के वादे के साथ विदा हो गई ….
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हट बेशरम-2
“हाय राम… ममम म इतना बड़ा और मोटा……….तो मैंने कभी किसी का नही देखा
मैंने पूछा “किसका देखा है तुमने… बताओ “
मेरे भैया जब भाभी की चुदाई करते है तो मै अपने कमरे से झाँक कर देखती हूँ.. भाभी भइया के इससे अद्धे से भी कम साइज़ के पेशाब में चिल्लाती है फ़िर इस जैसी पेशाब मै तो मेरा क्या हाल करेगी… मै कभी नही घुसवाउंगी”
मैंने कहा अछा “मत घुसवाना, पर अभी तो इसको शांत करो”
“मै कैसे शांत करू” मीनू ने कहा
मैंने कहा “टाइम बरबाद मत करो, जल्दी से इसे हाथ मैं लो और मेरी मुट्ठ मारो” मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर लगाया और आगे पीछे करवाया. पहले तो मीनू थोड़ा हिचकी फिर बोली ” तुम्हारा लंड बहुत शानदार है मेरी चूत में फ़िर से खुजली होने लगी है……हीई सीइई मैई इ इक्या करू ओम मम म फ्लिच्क कक्क ” एक ही झटके मैं मेरा सुपाडा उसने किसी आइसक्रीम कोण की तरह चूस लिया मै जैसे स्वर्ग में पहुच गया मैंने उसके मुह में धक्के मारे मैंने कहा मेरा पानी निकलने वाला है.
” मेरी चूत फ़िर से गरम हो गई है इसका कुछ करो सी ई इ आअ आ अ ………..” मीनू सिसकारियां भर रही थी मैंने मीनू को फौरन कमोड शीट पर बैठाया और उसकी कुर्ती का कपड़ा उसके मुह मै भर दिया….. जिससे लंड घुसने पर वो चिल्लाये नही मैंने उसको समझाया भी थोड़ा दर्द होगा सहन करना .. मैंने उसकी दोनों टांगें फैली और चूत चाटी दो ऊँगली उसकी चूत मै भी घुसी उसकी चूत बहुत टाइट थी और बहुत गीली लिसलिसी सी गरम थी. मीनू कसमसा रही थी ” हीई इ सी ई इ इ इ अब जल्दी करो.. मेरे बदन मैं करोड़ों चीटियाँ घूम रही है मेरी बुर को ना जाने क्या हो गया है” मीनू ने कुर्ती मुह से निकाल कर कहा.
मैंने अपने लन्ड पर बहुत सारा थूक लगाया और कुछ उसकी गीली चूत मै भी लगाया जिससे उसकी चूत के लिसलिसे रस से मेरा थूक मिलकर और चूत को चिकना कर दे…. मैंने लंड हाथ मैं लेकर सुपाडा मीनू की चूत मैं ऊपर नीचे रगडा .. मीनू अपनी गांड उठा कर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी अब वो बिना लंड डलवाए नही रह सकती थी
उसने मेरे लन्ड को पकड़ा और अपनी बुर पर टिकाया मैंने पहले थोड़ा सा सुपाडा अंदर कर उसको अंदर बाहर कर एडजस्ट किया…. मुझे ऐसा लग रहा था की मेरे लण्ड को किसी जलते हुए चमड़े के क्लंप मैं कस दिया हो. इतनी टाइट बुर थी मीनू की मैंने थोडी और लंड अंदर पेला मीनू की मुह मै यदि कुर्ती ना घुसाई होती तो पूरे कम्पार्टमेंट के यात्री हमें चुदाई करते हुए पकड़ लेते….
मीनू मेरे मोटे लंड के कारन अपना सिर इधर उधर हिलाकर और अपनी आंखों से आंसू निकाल कर बता रही थी की उसको कितना दर्द हो रहा है…….. मैं थोडी देर रुक कर फाटक से एक गहरा और चूत फाड़ धक्का पेला जिससे मीनू की बुर की झिल्ली फटी और लौड़ा उसकी गहराई तक समां गया मीनू की तो हालत ख़राब हो गई थी.. मैंने थोड़ा रुक कर लंड बाहर खींचा तो उसके साथ खून भी बहर आया और फटा फट धक्के मारने लगा. मीनू की टाइट चूत के कारण मेरे गेंदों मै उबाल आना शुरू हो गया था.. मैंने मौके की नजाकत को ताड़ते हुए पहले लंड बाहर निकाला और गहरी साँस लेकर अपनी पोस्शन कंट्रोल करी और मीनू के मुह से कुर्ती हटी और फिर धीरे धीरे पूरा लंड घुसा कर शुरू मै हलके धक्के मारे फ़िर ताबड़ तोड़ धक्के लगाए.
मै अपनी स्पीड गोंडवाना एक्सप्रेस से मिला रहा था…” मीनू की बुर पानी छोड़ने वाली थी क्योंकि उसने अपनी कुर्ती वापिस अपने मुह में डाल ली थी और मीनू की बुर मेरे लौडे को कसने लगी थे मै मीनू के ३२ से ३४ साइज़ हुए मम्मे मसलता हुआ चुदाई कर रहा था.. मीनू बहुत जोरो से झडी तभी मेरे लण्ड ने भी आखिरी सांसे ली तो मैंने मीनू के दोनों मम्मे पूरी ताकत से भीचते हुए अपना लौड़ा मीनू की टाइट बुर मै आखिरी जड़ तक पेल दिया और मीनू की बूर को मैंने पहला वीर्य का स्वाद दिया मीनू भी बहुत खुश हो गई थी. जब साँस थमी तो मैंने लन्ड मीनू की बुर से बाहर निकाल जिससे मीनू की बुर से मेरे वीर्य के साथ मीनू की बुर से जवानी और कुंवारापन का सबूत भी बहकर बाहर आ रहा था.
मैंने मीनू को हटाया और कमोड में पेशाब करी मीनू बड़े गौर से मेरे लंड से पेशाब निकलते देखते रही और एक बार तो उसने मुह भी लगा दिया. उसका पूरा मुह मेरे पेशाब से गीला हो गया कुछ ही उसके मुह में जा पाया मैंने अपना लंड धोया नही उस पर मीनू की बुर का पानी और जवानी की सील लगी रहने दिया और नेक्कर के अंदर किया मीनू की बुर मै सुजन आ गई थी मै इंतज़ार कर रहा था की अब मीनू भी अपनी बुर साफ़ करेगी तो नंगी होगी तो उसने मुझे बाहर जाने को बोला. मै उसकी बात मानकर उसको अपना रुमाल बताकर आ गया. मैंने अपनी घड़ी मै टाइम देखा तो हम लोगो के सवा घंटा गुजर गया था टॉयलेट में… शुक्र है भगवन का कि ठंड के कारण कोई नही जागा था और ट्रेन भी नही रुकी थी. थोडी देर बाद मीनू अपनी बुर पर हा्थ फेरती हुई कुछ लड़खड़ाते हुए बाहर आई मैंने पूछा क्या हाल है जानेमन तुम्हारी बुर के ” सुजन आ गई है पर चुदवाने मै बहुत मजा आया फ़िर से चुदवाने का मन कर रहा है
” ये लो यह रूमाल तुम वहां छोड़ आए थे। स फक्स….इसमे यह क्या लगा है लिसलिसा” यह वोही रुमाल था जिसमे मैंने मीनू के नाम की मुट्ठ मारी थी अपनी सीट पर लेते हुए वोही मुझे देने लगी. “इसमे वोही लिसलिसा है तो अभी तुम्हारी मुनिया मै मेरे लंड ने उडेला है…. और तुम क्या लिए हो” मैंने मीनू को कहा… उसने पहले सूंघा फूले कहने लगी ” ये मेरी पैंटी ही… ख़राब हो गई थी तो मैंने निकाल ली.. और तुम्हारा रुमाल मै ले जा रही हूँ इसे अपने साथ रखूँगी और तुम्हारे पानी का स्वाद लेकर इसे सूंघकर सो जाउंगी.. तुम दिल्ली में कहां रुकोगे.. और किस काम से जा रहे हो” मीनू ने मेरे से पूछा . तुम अपनी पैंटी मुझे दो मैंने मीनू से कहा फिर बताउंगा कि मैं कहां और क्यों जा रहा हूँ. पहले तो मीनू मुझे घुड़की “तुम क्या करोगे मेरी गन्दी पैंटी का” मैंने कहा ” वोही जो तुम मेरे रुमाल के साथ करोगी और मै तुम्हारी पैंटी अपने लंड पर लपेट कर मुट्ठ भी मारूंगा” उसने मेरे को चुम्मा देते हुए कहा “पागल” और अपनी पैंटी मुझे दे दी मैंने वहां जहां उसकी बुर रहती है उसको अपनी नाक से लगाया और जीभ से चाटा तो मीनू शर्मा गई
मैंने मीनू को बताया की मुझे दिल्ली में थोड़ा काम है और एक दोस्त की शादी भी है इतना सुनकर वो कुछ आश्वस्त हुई. मैंने कहा तुम मेरा सेल नम्बर ले लो मेरे को फ़ोन कर लेना मै बता दूँगा की कहा पर रुकुंगा और हम कैसे और कब मिलेंगे यह भी बता देंगे.
मीनू मेरा रुमाल लेकर अपनी सीट पर आ गई और मै अपनी सीट पर. अब मेरा बैग भी आ गया था सो मैंने बैग मै से एयर पिल्लो निकाल और अपने सिराहने रख कर मीनू को याद करने लगा मेरा मेरा लंड फ़िर से खडा होने लगा सो मैंने सीट पर लेटकर मीनू की पैंटी सूंघने लगा उसमे से मीनू की पेशाब और उसके पानी की स्मेल आ रही थी. उस स्मेल ने कमाल ही कर दिया मेरा लंड फंफनाकर बहुत कड़क हो गया मैंने मीनू की पैंटी का वो हिस्सा जो कि उसकी चूत से चिपका रहता था मैंने फाड़ लिया और बाकी की पैंटी लेटे लेटे ही लंड पर लपेट ली नेक्कर के अंदर मैंने मीनू को सपने में चोदते हुए और उसकी बुर की खुसबू सूंघते हुए उसकी पेशाब भरी पैंटी को चाटते हुए मुठ मारने लगा मैंने अपना सारा पानी मीनू की फटी हुई पैंटी और अपनी चड्डी मै निकाल दिया ३ बार झड़ने के कारण पता ही नही चला की कब मै सो गया”
सुबह मुझे एहसास हुआ की कोई मुझे जगा रहा है.. तो मैंने आँख खोलते हुए पुछा कौन है गाड़ी कौन से स्टेशन पर खड़ी है …. मुझे जगाने वाला मेरा साला मीनू का भाई था बोला ” देव जी उठिए निजामुद्दीन पर गाड़ी खड़ी है पिछले १५ मिनिट से सभी आपने घर पहुच गए आप अभी तक सोये हुए हूँ” मै फटाफट उठा और अपना सामान बटोरा वैसे ही हाथ में लिया और प्लेटफोर्म पर उतर आया. वहा सबसे पहले मेरी नज़र मेरी नई चुदैल जानेमन मीनू पर पड़ी वो बिल्कुल फ्रेश लग रही थी. उसके चेहरे से कतई ऐसा नही लग रहा थी कल रात को मैंने इसी ट्रेन मै मीनू की बुर का अपने हल्लाबी लंड से उदघाटन किया था और उसकी सील तोडी थी
प्लेटफॉर्म पर बहुत ठण्ड थी। सुनहरी धूप खिली थी मै टीशर्ट और नेक्कर मै खड़ा था. मैंने मीनू का कम्बल और चादर तह कर के उनको सौंपे और उनका धन्यवाद दिया मै अपने एयर पिल्लो की हवा ऐसे निकाल रहा था जैसे मीनू के दूध दबा रहा हूँ और यह मीनू को और उसकी कजिन को दिखा भी रहा था.
मैंने उन लोगों से पूछा कि आप कहा जायेंगे मीनू का भाई बोला हमको सरोजिनी नगर जाना है और आपको कहा जाना है. मुझे भी सरोजिनी नगर जाना था वहा पर मेरे दोस्त की शादी है… मैंने उन लोगों को जवाब दिया.
मैंने कहा मेरे साथ चलिए…. मुझे लेने गाड़ी आई होगी बाहर….वो लोग बोले नही नहीं आप चलिए हम बहुत सारे लोग है और इतना सारा समान है, आप क्यों तकलीफ करते है….
मैंने कहा इसमे तकलीफ जैसे कोई बात नही हम आखिर एक ही मोहल्ले के लोग है इसमे तकलीफ क्यों और किसे होने लगी फ़िर गाड़ी में अकेला ही तो जाउंगा यह मुझे अच्छा नही लगेगा. मीनू की कजिन धीमे से बोली रात की मेहनत सुबह रंग ला रही है… और मुझे मीनू को देखकर हलके से मुसकुरा पड़ी. हम सभी बाहर आए तो देखा कि एक टाटा सूमो पर मेरे नाम की स्लिप लगी हुई थी मैंने मीनू के भाई और मम्मी से कहा की देखिये किस्मत से मेरे दोस्त ने भी बड़ी गाड़ी भेजी है. इसमे हम सब और पूरा सामान भी आ जाएगा.
गाड़ी में सारा सामान लोड कर सभी को बैठा कर गाड़ी रिंग रोड पर निकलते ही मैंने गाड़ी साइड मै रुकवाई और एक पी सी ओ में घुस गया वहा से अपने दोस्त को फ़ोन किया कि यार मेरे लिए एक रूम का अलग अरेंजमेन्ट हो सकता है क्या… उसने पूछा क्यों…. मैंने कहा देखा तेरे लौडे का इन्तेजाम तो कल हो गया तू कल ही चूत मारेगा मै अपने लिए अपनी चूत का इन्तेजाम सागर से ही कर के लाया हूँ… रात में ट्रेन में मारी थी चूत पर मजा नही आया। तसल्ली से मारना चाहता हूँ.
मेरा दोस्त बोला ” देव भाई तुमसे तो कोई लड़की पटती नही थी यह एक ही रात में तुमने कैसे तीर मार लिए और तुमने उसे चोद भी डाला!
मैंने कहा बोल तू कर सकता है तो ठीक नही तो मै होटल जा रहा हूं। मुझे मेरे दोस्त ने आश्वस्त करा दिया कि वो ऐसा इन्तेजाम कर देगा.
मै फ़ोन का बिल देकर गाड़ी मै बैठा और इंतज़ार कराने के लिए सभी को सॉरी बोला और ड्राईवर को चलने का हुकुम दिया …मैंने पूछा आप लोग सरोजिनी नगर मै किसके यहां जायेंगे…मीनू की मम्मी बोली ” बेटा मेरी बहिन के लड़के की शादी है… कल की मिस्टर कपूर… रोहन कपूर…..
” ओह फ़िर तो मजा ही आ गया भाई” मै उछलता हुआ बोला.. सब मेरे को आश्चर्य भरी निगाहों से देखने लगे सो मै आगे बोला ” वो.. वो.. क्या है की मुझे भी कपूर साहब के बेटे यानि सुमित की शादी मै जाना है..
बातों बातों में कब सुमित का घर आ गया पता ही नही चला…. पर मै सुमित से आँख नही मिला पा रहा था.. जब सब घर के अंदर चले गए तो मैंने ड्राईवर को रुकने को बोला और अपना बैग गाड़ी मै छोड़ कर सुमित को बुलाने उसके घर मै गया… सुमित आकर मेरे से लिपट गया.. बहुत खुश था सुमित पर मै उससे आँख नही मिला पा रहा था मैंने सुमित को एक तरफ़ ले जाकर बोला ” देख यारा बुरा मत मानियो .. तुम्हारे यहां मेहमान बहुत है मै ऐसा करता हूँ कि मै और सुधीर मेरा एक और दोस्त दोनों होटल मै रुक जाते है..”
मेरा इतना कहते ही सुमीत के चेहरे के भाव बदल गए.. सुमित ने कहा ” देख भाई देव मै जानता हूँ की तुम होटल क्यों जा रहे हो यार कोई बात नही तुमने रेखा (मीनू की कजिन) को चोद दिया तो क्या हुआ.. इससे कोई फर्क नही पड़ता.. यदि तुम मीनू को भी चोद देते तो इसमे कोई दिक्कत नही थी मै भी उसको चोदना चाहता था पर मौका नही मिला या मेरी हिम्मत नही हुई.. इसे दिल पे मत ले यार” मौज कर यारा मैंने तेरे लिए स्पेशल रूम का अरेंजमेन्ट किया है वो भी तुम्हारी डार्लिंग के साथ वाले रूम में।
यह सुनकर मेरी जान में जान आई. मै सुमित को क्लीयर कर देना चाहता था की मै रेखा नही मीनू को चोदना चाहता हूँ.” सो मैंने कहा मैंने मीनू को चोदा है ट्रेन में…. और उसको ही तसल्ली से चोदना चाहता हूं..
सुमित बोला ” सेक्सी तो रेखा थी पर तुमने मीनू को कैसे चोद लिया.. वो बधाई हो माई बोय………..तभी मीनू थोड़ा लंगडा के चल रही थी. तुमने तो ऑफिस में अपनी मैडम को भी तगड़ा चोदा था जबकि वो शादी शुदा थी वो तो २ दिन चल फ़िर भी नही सकी थी”
” तुम दोनों दरवाजे पर ही बातें करते रहोगे क्या? सुमित इसे इसके कमरे में पहुंचा दो .. कैसे हो देव बेटा” कहते हुए सुमित के पापा आ रहे थे…..
मैंने उनके पैर छुए और उनसे थोडी बातें करी. फ़िर सुमीत मेरे को अपने रूम मैं ले गया.. सुमीत के पिता बहुत बड़े बिज़नस मैंन थे। बहुत बड़ा बंगला था उनका सुमीत ने मुझे सेकंड फ़लूर पर जहा सिरफ़ ३ ही कमरे थे और मीनू वगैरह भी वहीं रुके थे रूम फिक्स किए थे.. रूम बहुत शानदार था एक डबल बेड, टी वी, वी सी डी प्लेयर, फ़ोन सब कुछ था।
सुमित बोला ” क्यों देव कैसा लगा मेरा इन्तेजाम तुम्हारी चूत भी तुम्हारे बगल में है और एक खास बात बताऊ मैं- मीनू की बाथरूम तुम्हारी बाथरूम से अटैच्ड है बीच में दरवाजा है आओ मैं तुमको दिखा दू उसने मेरे को वो दूर दिखा दिया और कैसे खुलता है वो भी दिखा दिया मैं वहां से मीनू के बाथरूम मैं पहुच सकता था और वहां से उसके रूम मे. अच्छा चल तैयार होजा और फटाफट नीचे आजा साथ नाश्ता करेंगे ..
मैं सुमित को बोला ” सुमित तो मीनू की चूत की खुशबू लेना चाहेगा ?”
सुमित ने कहा कैसे मैंने मीनू की पैंटी का वो फटा हिस्सा उसको दिखाया और उसको सूंघने को दे दिया.. मैं और सुमित पहले भी कई लड़कियां साथ मिलकर चोद चुके थे उसको चूत की स्मेल के बारे में पता था बहुत अच्छी है रे देव मीनू की बुर तो मैं तो उसकी बुर के नाम पर मुट्ठ ही मारता रह गया पर तुने मेरे लन्ड का बदला ले लिया.. यह सब बातें बात बाथरूम में ही हो रही थी… सुमित मेरे रूम से चला गया
घर में काफ़ी हो हल्ला हो रहा था सो मैंने रूम लाक करके टीवी ओं कर दिया और नंगा होकर फ्रेश होने और नहाने बाथरूम मैं घुस गया. बढ़िया गर्म पानी से नहाने लगा तभी मुझे दीवार पर कुछ टकराने की आवाज आई। मैंने शोवेर बंद किया तो उस तरफ़ मीनू नहा रही लगता महसूस हो रही थी…. मैंने …धीरे से दरवाजा खिसकाया जो की बिना किसी आवाज के सरकता था तो देखा एक बिल्कुल जवान नंगा जिस्म शोवेर में मेरी तरफ़ पीठ किया अपनी बुर मैं साबुन लगा रहा था मैं भी मादरजात नंगा था मेरे लंड को चूत का ठिकाना का एहसास होते ही उछाल भरने लगा मैंने आव देखा ना ताव सीधा जाकर उसके मुह पर हाथ रखा जिससे वो डरकर ना चिल्ला पाए और उसकी गांड के बीच मैं अपना हल्लाबी लौदा टिकते हुए उसकी पीठ से चिपक गया.
मेरी पकड़ जबरदस्त थी इसलिए वो हिल भी नही पाई मैंने शोवेर के नीचे ही उसके कानो में कहा कहो जानेमन अब क्या इरादा है चलो एक बार फिर से चुदाई हो जाए और मैं उसकी चूत पर हा्थ फिरने लगा उसने अपनी बुर मैं साबुन घुसा रखा था वो साबुन से अपनी चूत चोद रही थी मैंने कहा यह जगह साबुन रखने की नही लन्ड रखवाने की है और मैं उसके चूत के दाने को मसलने लगा.
पहले तो उसने टाँगे सिकोडी पर दाने को मसलने से वो गरमा गई थी उसने अपनी टाँगे ढीले छोड़ दी मैंने अभी तक उसका मुह ताकत से बंद कर रखा था मैंने कुछ देर इसकी पोसिशन मैं उसकी बुर का दाना मसला और फ़िर मैंने अपनी बीच वाली ऊँगली उसकी बुर के हौले मैं घुसा दी … बहुत गरम और टाइट चूत थी.. मैंने अपनी ऊँगली से उसकी बुर को चोदने लगा था, वो मस्ताने लगी थी थी और उसकी बुर पनियाने लगी वो हिल रही थी अपनी गांड भी जोरो से हिला रही थी।
मैंने अपनी ऊँगली को उसकी बुर मैं तेज़ी से पेलना शुरू कर दिया यानि की स्पीड बड़ा दी इधर मेरा हल्लाबी लौड़ा जो की उसकी मदमाती गांड मैं फसा हुआ था फनफना रहा था उसकी भी बुर गरमा गई थी.. तभी उसने अपने एक हाथ मेरी उस हथेली पर रखा जिससे मैं उसकी बुर को चोद रहा था फ़िर उसने अपना हाथ मेरे लौडे को छूने के लिए नीचे लगाया वो सिर्फ़ मेरे सुपाडे को ही टच कर पाई वो छटपटा रही थी
बहुत गरम और टाइट चूत थी.. तभी वो अपने दोनों हाथो से मेरा हाथ अपने मुह से हटाने की नाकाम कोशिश करने लगी. मुझे उसकी यह हरकत ठीक नही लगी तो मै उसे बाथरूम से खीच कर अपने बेडरूम मै ले आया और उसको उल्टा ही बेड पर पटक दिया जैसे ही वो पलटी मेरे होश फ़ाखता हो गए वो रेखा थी…
मैंने उसको चुप रहने का इशारा किया और अपने टीवी की आवाज थोडी और बढा दी। रेखा का बदन बहुत सेक्सी था उसके कड़क बिल्कुल गोलाकार ३६ साइज़ के मम्मे सुराहीदार गर्दन, २ इंच गहरी नाभि हल्का सा सांवला रंग। रेखा की चूत डबलरोटी की तरह फूली हुई थी रेखा ने अपनी झांटे बड़ी ही कुशलता से सजा रखी थी मै तो रेखा को नंगी देख कर बेकाबू हो रहा था
रेखा अपनी चूत दोनों हाथों से ढक रही थी और मेरे से कहने लगी प्लीज़ मुझे जाने दो .. मीनू नहाकर आजायेगी तो मुझे दिक्कत हो जायेगी.. मैंने पूछा तुम्हारा रूम अंदर से तो लाक है बा.. बोली हां है मैंने कहा तो फ़िर क्या फिकर तुम जैसे सेक्सी लड़की को नहाने मै टाइम तो लगेगा ही. रेखा तुम बहुत सेक्सी और खूबुसूरत और तुम्हारी चूत तो बहुत गजब की है इसमे जबरदस्त रस भरा हुआ है मुझे यह रस पिला दो प्लीज़ और मै रेखा के ऊपर टूट पड़ा।
रेखा के होंठ बहुत ही रस भरे थे मैंने उसके होंठों को अपने ओठों में कस लिए और उसके लिप्स को चूसने लगा मै एक हाथ से रेखा की मस्त जवानी के मम्मे भी मसल रहा था और अपना लौड़ा उसकी बुर के ऊपर टिका कर रगड़ रहा था पहले तो रेखा छटपटाती रही पर जैसे ही मैंने उसके शरीर पर अपने शरीर के हिस्सों का दबाब बढाया तो वो भी कुछ ढीली पड़ने लगी. अब रेखा ने अपनी चूत से अपने हाथ हटा लिए थे मैंने रेखा के शरीर को सहलाना शुरू किया मै उसकी अंदरूनी जांघों और चूत पर ज्यादा ध्यान दे रहा था.
रेखा भी अब जवाब देने लगी थी और सिसियानी लगी थी रेखा का बदन बड़ा ही गुदाज़ बदन था और ऐसे ही फुद्दी वाली उसी बुर थी मै अब रेखा के निप्प्ल को चूसने के लिए उसके होंठों को चूमते और चाटते हुए नीचे मम्मो की घाटी की ओर चल पड़ा रेखा बहुत जोरो से सिसियाने लगी थी.. …… मैंने जैसे ही उसके मस्त मामो की सहलाना और उनके किनारों से चूसना चालू किया रेखा छटपटाने लगी मै एक निप्प्ल हाथ से मसल रहा था और दूसरा नीपल की ओर अपनी जीभ ले जा रहा था
रेखा को रेखा को भी अब मजा आने लगा था उसने नीचे हाथ डाल कर मेरा हल्लाब लौड़ा पकड़ लिया और बोली हाय देव मीनू की बुर कितनी खुशनसीब है जिसको तुम्हारे लौडे जैसा चोदु लवर मिला कल रात में ट्रेन में तुमने उसकी बुर के चीथड़े उड़ा दिए मैंने देखा मीनू लंगडाकर चल रही थी
मैंने तुम दोनों की चुदाई के सपने देखते हुए ३ बार अपनी चूत ऊँगली से झाड़ डाली। हय राजा! बहुत मस्त लौड़ा है…
मैंने कहा रेखा तुम्हारी जवानी में तो आग है तुमहरा बदन बहुत गुदाज और सुंदर सेक्सी है तुम्हारी पाव रोटी जैसे फूली चूत मुझे बहुत अच्छी लगती है और मै तेजी से उसके निप्प्ल चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को नीबू की तरह मसलने लगा रेखा बहुत गरमा गई थी रेखा कहने लगी अब कंट्रोल नही होता अपना लौड़ा मेरी बुर में घुसा दो, फाड़ दो मेरी बुर, बहुत खुजली हो रही है, तुम्हारा लन्ड जो भी लड़की एक बार देख लेगी बिना चुदवाए नही रह सकती.. और जिसने एक बार चुदवा लिया उसके तो कहने ही क्या वो हमेशा अपनी चूत का दरवाजा तुम्हारे लौडे के लिए खोले रखेगी
मुझे जब मीनू ने तुम्हारे लौडे के पानी वाला रुमाल सुंघाया तो मेरी चूत ने अपने आप पानी छोड़ दिया मै समझ गई थी कि तुम्हारा लौड़ा तुम्हारे जैसा ही हल्लाबी होगा जो मेरी बुर की जी भर कर चुदाई करेगा और खुजली मिटाएगा पर यह नही जानती थी कुछ ही घंटो में मुझे मेरी मुराद पूरी होने का मौका मिल जायेगा…हाय अब सहन नही हो रहा जल्दी से अपना लौड़ा मेरी बुर में पेलो…….
मैं रेखा के माम्मे जबरदस्त तरीके से चूस रहा था और रेखा का तना चूत का दाना मसल रहा था रेखा की चूत बहुत पनियाई हुई थी रेखा बहुत चुदासी हो रही थी रेखा की बुर पर करीने से काटी गई बेल बूटेदार झांटें बहुत सुंदर लग रही थी रेखा की पाव रोटी पिचक और फूल रही थी ऐसी बुर को मै पुट्टी वाली बुर कहता हूँ इसको चूसने और चोदने में बहुत मजा आता है। मै रेखा की बुर को उसकी लम्बाई मै कुरेद रहा था और बीच बीच मै एक ऊँगली उसकी बुर मै घुसा कर ऊँगली से बुर भी चोद देता रेखा की बुर मै लिसलिसा सा पानी था मैंने ऊँगली बाहर निकाल कर सूंघी और चाट ली बहुत ही बढ़िया खुशबू थी और टेस्ट तो पूछो ही मत
मेरी चूत के पानी की प्यासी जीभ रेखा की बुर को चूसने के लिए तड़प उठी मैंने रेखा के पैर के अंगूठे से चूसना शुरू किया और उसकी अंदरूनी जांघ तक चूसते चूसते पहुच गया मै रेखा की काली सावली पाव रोटी जैसी पुट्टी वाली बुर के आस पास अपनी जीभ फिरने लगा वह जो उसका पानी लगा हुआ था उसको चाटने में बहुत मजा आ रहा था रेखा से रहा नही जा रहा था.. हाय देव यह क्या हो रहा ही मेरे को ऐसा पहले कभी नही हुआ। हाय मेरी बुर को चूसो इसे चबा जाओ इसे खा जाओ रेखा ने मेरा सर पकड़ कर अपनी बुर पर लगा दिया उसकी पुत्ती वाली बुर को वो अपनी गांड उठाकर मेरे मुह पर रगड़ रही थी
मैंने रेखा की दोनों टांगे फैलाई और उसकी बुर पर किस किया। सी हाई मर गैईईई आया ऐसा कह रही थी फ़िर मैंने रेखा की पाव रोटी को उंगलियों से खोला और जीभ से जबरदस्त चाटनी शुरू कर दी ऊऊम्म्म्म हीईई सीईई बहुत अच्छा लग रहा है देव उम्म्म्म और चूसो और चाटो, अपनी जीभ पूरी घुमा दो, पहले किसी ने ऐसा मजा नही दिया ओम्म्म मेरी चूत झरने वाली है ई अईई जल्दी से कुछ करो। मैंने अपनी जीभ की रफ़्तार बड़ा दी
रेखा अपनी दोनों टांगो से मेरे सर को दबा लिया मैंने अपनी जीभ रेखा की गरम और लिसलिसी बुर की गुफा में घुसा कर जैसे ही गोल गोल घुमाया अरे यार यह क्या कर दिया मेरी बुर तो पानी छोड़ रही है, और जोर से चू्सो और पिच पिच कर के उसकी बुर ने तेज़ी से पुचकारी मारना चालु कर दिया मै तेज़ी से जीभ चलता हुआ उसका पानी पी गया और चूत का दाना फ़िर से अपनी जीभ में भर लिया रेखा मेरा लंड को प्यार करना चाहती थी सो उसने मेरे कहा तुम अपना लौड़ा मेरी ओर करो हम दोनों ६९ में हो गए
रेखा मेरा लौड़ा बहुत तेज़ी से और अच्छे से चूस रही थी ऐसा लग रहा था की रेखा पहली बार नही चुदवा रही वो पहले भी चुदवा चुकी थी मै रेखा की बुर के दाने को तेज़ी से चूस रहा था रेखा मेरे नीचे थी और मेरा लौड़ा चूस रही थी मै जितना प्रेशर उसकी बुर पर अपनी जीभ से डालता उतनी ही प्रेशर से रेखा भी मेरे लौडे को चूसती मुझे ऐसा लग रहा था की मैंने अपना लंड यदि जल्दी रेखा के मुह से न निकाला तो यह झड़ जाएगा मै रेखा के मुह से लंड निकाल कर रेखा की बुर को और गहराई से चूसने लगा।
रेखा फ़िर से तैयार थी.. हाय मेरे चोदु राजा आज लगता है मेरी बुर की खुजली पूरी तरह से शांत होगी। मेरी पाव रोटी में कई लौडे अपने जान गवा चुके है घुसते ही दम तोड़ देते है। आज तुम मेरी बुर की जान निकल दो मेरे राजा….. मैंने रेखा की गांड के नीचे तकिया लगे उसकी पाव रोटी जैसे पुत्ती वाली बुर जैसे घमंड मै और फूल गई उस गुदाज पुत्ती वाली बुर से लिसलिसा सा कुछ निकल रहा था मुझे सहन नही हुआ तो मैंने फ़िर से अपनी जीभ उसकी बुर से लगा दी.. अरे तुम भी डर रहे हो क्या मेरी पाव रोटी में दम तोड़ने से ? सी हीईई कोई तो मेरी बुर की खुजली शांत कर दे मैंने अपना लौड़ा उसकी बुर पर रखा और थोड़ा उसे क्लिटोरिस से बुर के एंड तक रगडा साथ में मै उसके माम्मे बुरी तरह से रगड़ मसल रहा था रेखा अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लन्ड को अपनी बुर मै घुसाने के लिए तड़प उठी मेरे राजा मत तड़पाओ मै मीनू नही रेखा हूँ मै चूत की खुजली से मर जाऊंगी मेरी बुर को चोदो… फाड़ो…
उसने मेरा लन्ड पकड़ा और अपनी बुर के छेद पर टिका लिया और थोडी गांड उठाई तो पुक्क की आवाज के साथ सुपाडा उसकी बुर में घुस गया सुपाडा का गुदाज बुर में घुसना और रेखा के मुह से दर्द की कराह निकलना शुरू हो गई। उई मीनू मेरी बुर में पहली बार किसी ने जलता हुआ लोहा डाला। हाय मेरी बुर चिर गई, फ़ट गई, कोई तो बचा ले मुझे, बहुत मजा आ रहा था मैंने रेखा से कहा रेखा जानेमन पुट्टी वाली गुदाज बुर बहुत कम औरतों को नसीब होती है इनको बड़ी तसल्ली से चुदवाना चाहिए। तुम्हारी चूत की तो मै आज बैन्ड बजा दूँगा
और मैंने रेखा के दोनों मम्मे अपने हाथ में लिए और अपना होंठ उसके होंट से चिपका दिया और पूरा लन्ड एक ही झटके में पेलने के लिए जोरदार धक्का मारा एक झटके में रेखा की बुर की दीवारों से रगड़ खाता हुआ मेरा लंड आधी से ज्यादा रेखा की पाव रोटी वाली बुर मै धस चुका था
मै कुछ देर रुका और लन्ड बाहर खीचा सुपाडा को बुर में रहने दिया और फिर से बुर फाड़ धक्का लगाया। इस बार मेरा लन्ड रेखा की बुर की गहराई में जाकर धस गया मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी गरम मक्खन वाली किसी चीज को मेरे लंड पर बहुत कस कर बाँध दिया हो. उसकी बुर बहुत लिसलिसी और गरम थी मै रेखा को हलके हलके धक्के देकर चोदने लगा रेखा को अब मजा आ रहा था
वो हाय! सी! राजा औरर मारो, यह बुर तुम्हारे लिए है मेरी बुर को चोदने के इनाम में मै तुम्हारी मीनू के साथ सुहागरात मनवाऊंगी। बहुत मजा आ रहा है पहले किसी ने ऐसे नही चोदा, चोदते रहो, मुझे लगता है कि तुम्हारा लन्ड मेरे पेट से भी आगे तक घुसा हुआ है मेरी चूत की तो आज बैन्ड बज गई। अरे देखो सालो ऐसे चुदवाई और चोदी जाती है चूत उम्म्म मेरे राजा बहुत मजा आ रहा ही उई मा मेरी पेट में खलबली हो रही है यह मैं तो झरने वाली हूँ मैं जाने वाली हूँ सो मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी रेखा ने मेरे से कहा देव तुम लेटो मुझे तुम्हारे लौडे की सवारी करने दो मै तुंरत लेट गया रेखा ने लौड़ा को ठिकाने पर रखा और ठप्प से मेरे लौडे पर बैठ गई और फटाफट उचकने लगी रेखा के ३६ साइज़ के मम्मे हवा में उछाल मार रहे थे। रेखा बहुत तेजी से झड़ी पर मै अभी नही झरने वाला था क्योंकि पीछे ६-८ घंटो में ३ बार झर चुका था सो मैंने रेखा को कुतिया बनाया और बहुत बेरहमी से चोदा. रेखा कहने लगी देव बहुत देरी हो जायेगी जल्दी से खाली करो अपना लौड़ा मेरी बुर। मैं फ़िर मैंने और तेज़ी से धक्के मारे और रेखा की बुर की गहराई में झड़ गया रेखा ने मेरा लौड़ा चाट कर साफ़ किया और फ़िर चुदवाने के वादे के साथ विदा हो गई ….
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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