FUN-MAZA-MASTI
जोर जोर से करो ना प्लीज़
हल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम जयेश हैं और मैं मुंबई का रहनेवाला हूँ. मैं डेंटल की पढाई करता हूँ सेकण्ड इयर में. मेरी हाईट 5 फिट 10 इंच हैं और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच हैं. यह कहानी मेरी और मेरी बुआ की बेटी की चुदाई की हैं. उसे मैंने गाँव में चोदा था. उसकी सेक्सी चूत को चोदने की पूरी कहानी कुछ ऐसी हैं.
तभी मुझे मेरे बुआ की बेटी कंगना को देखने का अवसर मिला. वाऊ क्या माल हो गई थी वो तो अब. उसे मैंने काफी अरसे के बाद देखा था क्यूंकि वो अपने चाचा के वहाँ रहती थी पढाई के लिए. उसके बूब्स थोड़े बहार आये थे जो उसकी नीली टी-शर्ट पे साफ़ दीखते थे. गांड छोटी सी ही थी और उसकी सेक्सी चूत तो मैं कल्पना में ही बना चूका था. उसने मुझे देख के स्माइल दी और मैं बस उसे घूरता ही रहा. कंगना को लास्ट मैंने 2 साल पहले देखा था और तब तो वो बच्ची ही थी लेकिन अब इस बच्ची के चुंचे और गांड निकल आये थे. मैं मनोमन ही उसका चक्षुचोदन कर रहा था. कुछ देर बाद ही मैं स्वस्थ हुआ और उसके साथ पढाई वगेरह की बातें की. दादा दादी वाले घर में कुछ सीलिंग रिपेरिंग का काम चल रहा था इसलिए हमें बुआ के घर ही सोना था. शाम को बुआ ने मुझे कहा की जयेश तुम भोलू और कंगना के साथ उनके कमरे में ही सो जाना. मेरे लिए तो यह किसी लौटरी से कम नहीं था. कंगना की सेक्सी चूत की और ये मेरा एक कदम ही था.
रात को कंगना के कमरे में हम तीनो कुछ बातें कर रहे थे तभी भोलू ने अंगड़ाई ली और वो मुहं तक चद्दर डाल के so गया. मैंने भोलू के गहरी नींद तक जाने की वेट की और फिर कंगना के साथ कोलेज की बातों बातों में मैंने उसे गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड वाला ट्रेक पकड़ा दिया. उसने मुझे पूछा तो मैंने कहा की मुंबई में बिन्दस्त लडकियां हैं और वो कोलेज में ही सब अनुभव ले लेती हैं. ऐसा कहने पे कंगना हंस पड़ी. मैं समझ गया की मेरे डबल मीनिंग डायलोग वो समझ चुकी थी. कुछ देर बाद उसे भी नींद आने लगी और वो भी लम्बी हो गई. मैं उसके साथ ही लेट गया. मैंने ठंडी का बहाना कर के चद्दर को कमर तक खिंच लिया. मेरी और कंगना की चद्दर एक ही थी. दरअसल भोलू और कंगना को एक चद्दर लेनी थी लेकिन क्यूंकि भोलू जल्दी लुडक गया इसलिए अब हम दोनों एक चद्दर में थे.
10 मिनिट में ही कंगना सो गई. मुझे कैसे भी कर क नींद नहीं आ रही थी. बार बार मेरा ध्यान कंगना की छाती पे जाता था और मैं उसकी सेक्सी चूत के बारे में सोचने लग जाता था. फिर मैंने अपनेआप स कहा की जयेश लंड और चूत के खेल में हिम्मत तो रखनी ही पड़ती हैं. मैंने धीरे से हाथ कर के कंगना के बूब्स को टच कर लिया. किसी नर्म रुई के जैसी वो चुंचियां लंड को करंट मार रही थी मेरे. छूने के बावजूद जब कंगना कुछ नहीं बोली (ना ही वो हिली) तो मेरी हिम्मत खुल पड़ी. मैंने एक बार अपने हाथ से उसके बूब्स को पकड़ा. कंगना अब भी आँख बंध कर के ही पड़ी थी. मेरे लंड ने उधाम मचाया था, उसे सेक्सी चूत में दंगल जो करना था. लेकिन इतनी जल्दी सेक्सी चूत मिलती तो फिर कहने ही क्या थे.
मेरी हिम्मत अब इतनी बढ़ी की मैंने अपनी ज़िप खोल के लंड को बहार निकाला. लंड की नाली से प्रीकम निकल रहा था. मैंने अपने लंड को आगे कर के कंगना की गांड पे धर दिया. उसको भी लंड की गर्मी का अहसास तो जरुर हुआ होंगा. फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड और सेक्सी चूत के भाग में घिसना चालु किया. कसम से इतना मजा आ रहा था कपड़ो के साथ ही की पूछो ही मत. कंगना ने मुड़ के मेरी और देखा और हंस पड़ी. अब तो मुझे सब सिग्नल मिल चुके थे बुआ की बिटिया की सेक्सी चूत को चोदने के, अब मैं कैसे पीछे रहता. मैंने अपनी पेंट को निकाल फेंका चद्दर के अंदर ही. उधर कंगना की पेंट को भी मैं खोल के निकालने लगा. अंदर की पेंटी को सूंघने का बड़ा ही मन कर रहा था मेरा तो! मेरा लंड एकदम टाईट और गरम हो चूका था.
कंगना की चूत की खुशबू सूंघ लेने की इच्छा से मैंने अपनी ऊँगली को उसकी चूत की और बढाई और वहां पे घिस दिया. फिर उस ऊँगली को वापस अपने मुहं की और ले के मैं उसे सूंघ लिया. वाह क्या खुशबूदार थी कंगना की जवान चूत. मैंने सूंघने के बाद ऊँगली को मुहं में डाल के उसे चाट लिया. कंगना की पेंट और पेंटी अब उतर चुकी थी.कंगना भी काफी उत्तेजित लग रही थी, और मैं तो उसकी जवान चूत को चोदने के ख्याल मात्र से पागल बना हुआ था. भोलू देखें और सुने नहीं इसलिए मैंने चद्दर को अब मुहं के ऊपर डाल दिया. चद्दर के अंदर मैं और कंगना नंगे थे. मेरे हाथ उसकी कोमल बिना बाल वाली जवान चूत को मल रहे थे.
अब कंगना और थोड़ी आगे बढ़ी और उसने लंड को 85% जितना मुहं में ले लिया. बड़ा मजा आ रहा था उसके लंड चूसने से मुझे. कंगना लंड को अपनी जबान से बिच बिच में चाट भी रही थी और जब उसकी जबान सुपाड़ें पे जाती तो लगता की बस वो ऐसा ही करती रहे पूरी रात. कंगना के चूत के दाने पे उँगलियाँ फेरते हुए मैं अपनी जबान को उसकी दरार के उपर घिस रहा था. कंगना की चूत ने तभी पानी निकाला और मुझे उसका खारा स्वाद मुहं में आने लगा. मैं अब बेताब था कंगना की जवान चूत में अपना देसी लंड डालने के लिए.
मैंने धीरे से अपनी जगह बदली. कंगना तो मेरे लंड को मुहं से निकालने के लिए तैयार ही नहीं थी. लेकिन मैं उसके मुहं में निकाल के जवान चूत का स्वाद छोड़ना नहीं चाहता था. मैं अब कंगना की साइड में लेटा हुआ था. उसकी चुंचियां लेटी होने की वजह से काफी छोटी लग रही थी. मैंने उन छोटे छोटे बूब्स को अपने मुहं में डाला और अपने लंड को उसके हाथ में दिया. बूब्स से मुहं हटा के मैंने उसके कान में कहा, “तुम ही अपनी चिड़िया के ऊपर इसे सेट कर दो ना कंगना.”
दो मिनिट के बाद कंगना के अंदर क अलग ही ताजगी आती दिखी. उसकी चूत ने अब मेरे लंड के ऊपर मस्त ग्रिप बनाई थी और मैंने महसूस किया की वो भी कमर को आगे पीछे कर के मुझे चुदाई में पूरी मदद कर रही थी. मेरा लंड उसकी गीली चूत में फच फच अंदर बहार हो रहा था और मैं उसकी चुन्चियों को मसल के मजे के साथ उसे चोद रहा था. अब कंगना जोर जोर से अपनी गांड हिला रही थी क्यूंकि उसकी उत्तेजना अब मुझ से भी बढ़ गई थी. मैंने उसकी कमर को साइड से पकड़ा और उसकी चूत को जोर जोर से झटके मारने लगा. कंगना ने अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया. मैंने अपनी जबान उसके दांतों के बिच से ले जा के उसकी जबान से लगा दिया. वो मेरी जबान को कस के चूसने लगी और मैं बिच बिच में उसके होंठो को चूसने लगा. कंगना की चूत में तभी हलचल हुई और उसके बदन में भी कम्पन आने लगे. मैंने अपने झटके बंध कर क उसे पूछा, “क्या हुआ कंगना?”
कंगना ने हंस के कहा, “मैं झड़ने वाली हूँ, तुम मुझे जोर जोर से करो ना प्लीज़.”
उसके उतना कहते ही मैं अपने लंड को और भी जोर जोर से उसकी जवान चूत म ठोकने लगा. कंगना पसीने में लथपथ थी और मैं भी. तभी उसके बदन में एक और झटका लगा और चिकना रस मेरे लंड पे भी आ गया. वो झड़ गई और मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी चूत से बहार निकाला. मेरा लंड अभी भी टाईट था जिसे छेद चाहियें था.
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
जोर जोर से करो ना प्लीज़
हल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम जयेश हैं और मैं मुंबई का रहनेवाला हूँ. मैं डेंटल की पढाई करता हूँ सेकण्ड इयर में. मेरी हाईट 5 फिट 10 इंच हैं और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच हैं. यह कहानी मेरी और मेरी बुआ की बेटी की चुदाई की हैं. उसे मैंने गाँव में चोदा था. उसकी सेक्सी चूत को चोदने की पूरी कहानी कुछ ऐसी हैं.
मेरी फेमली में मैं, मोम, डेड और मेरा छोटा भाई हैं. हम मुंबई में ही रहते हैं. गाँव में दादा दादी रहते हैं. मेरी बुआ की शादी गाँव में ही हुई हैं. बुआ की एक बेटी हैं 18 साल की और एक बेटा हैं 15 साल का. बात उन दिनों की हैं जब मैं वेकेशन में गाँव गया था. गाँव औरंगाबाद के पास ही हैं. घर पहुँच के थोडा आराम किया उतने में बुआ और अंकल भी खेत से वापस आ गए थे.
तभी मुझे मेरे बुआ की बेटी कंगना को देखने का अवसर मिला. वाऊ क्या माल हो गई थी वो तो अब. उसे मैंने काफी अरसे के बाद देखा था क्यूंकि वो अपने चाचा के वहाँ रहती थी पढाई के लिए. उसके बूब्स थोड़े बहार आये थे जो उसकी नीली टी-शर्ट पे साफ़ दीखते थे. गांड छोटी सी ही थी और उसकी सेक्सी चूत तो मैं कल्पना में ही बना चूका था. उसने मुझे देख के स्माइल दी और मैं बस उसे घूरता ही रहा. कंगना को लास्ट मैंने 2 साल पहले देखा था और तब तो वो बच्ची ही थी लेकिन अब इस बच्ची के चुंचे और गांड निकल आये थे. मैं मनोमन ही उसका चक्षुचोदन कर रहा था. कुछ देर बाद ही मैं स्वस्थ हुआ और उसके साथ पढाई वगेरह की बातें की. दादा दादी वाले घर में कुछ सीलिंग रिपेरिंग का काम चल रहा था इसलिए हमें बुआ के घर ही सोना था. शाम को बुआ ने मुझे कहा की जयेश तुम भोलू और कंगना के साथ उनके कमरे में ही सो जाना. मेरे लिए तो यह किसी लौटरी से कम नहीं था. कंगना की सेक्सी चूत की और ये मेरा एक कदम ही था.
रात को कंगना के कमरे में हम तीनो कुछ बातें कर रहे थे तभी भोलू ने अंगड़ाई ली और वो मुहं तक चद्दर डाल के so गया. मैंने भोलू के गहरी नींद तक जाने की वेट की और फिर कंगना के साथ कोलेज की बातों बातों में मैंने उसे गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड वाला ट्रेक पकड़ा दिया. उसने मुझे पूछा तो मैंने कहा की मुंबई में बिन्दस्त लडकियां हैं और वो कोलेज में ही सब अनुभव ले लेती हैं. ऐसा कहने पे कंगना हंस पड़ी. मैं समझ गया की मेरे डबल मीनिंग डायलोग वो समझ चुकी थी. कुछ देर बाद उसे भी नींद आने लगी और वो भी लम्बी हो गई. मैं उसके साथ ही लेट गया. मैंने ठंडी का बहाना कर के चद्दर को कमर तक खिंच लिया. मेरी और कंगना की चद्दर एक ही थी. दरअसल भोलू और कंगना को एक चद्दर लेनी थी लेकिन क्यूंकि भोलू जल्दी लुडक गया इसलिए अब हम दोनों एक चद्दर में थे.
10 मिनिट में ही कंगना सो गई. मुझे कैसे भी कर क नींद नहीं आ रही थी. बार बार मेरा ध्यान कंगना की छाती पे जाता था और मैं उसकी सेक्सी चूत के बारे में सोचने लग जाता था. फिर मैंने अपनेआप स कहा की जयेश लंड और चूत के खेल में हिम्मत तो रखनी ही पड़ती हैं. मैंने धीरे से हाथ कर के कंगना के बूब्स को टच कर लिया. किसी नर्म रुई के जैसी वो चुंचियां लंड को करंट मार रही थी मेरे. छूने के बावजूद जब कंगना कुछ नहीं बोली (ना ही वो हिली) तो मेरी हिम्मत खुल पड़ी. मैंने एक बार अपने हाथ से उसके बूब्स को पकड़ा. कंगना अब भी आँख बंध कर के ही पड़ी थी. मेरे लंड ने उधाम मचाया था, उसे सेक्सी चूत में दंगल जो करना था. लेकिन इतनी जल्दी सेक्सी चूत मिलती तो फिर कहने ही क्या थे.
जब एक दो बार और छूने से भी कंगना नहीं जागी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल दिया. मेरे हाथ में उसकी ब्रा लग रही थी. मैंने हलके से उसकी चुन्ची को दबा दिया, अब की बार वो हिली. मुझे लगा की वो मुझे डांट ना दे. लेकिन उसने आँखे नहीं खोली. लेकिन वो पलट के अपनी गांड मेरी और कर के सो गई. मैं समझा की वो भडक चुकी हैं और अब कुछ नहीं करना चाहिए. लेकिन सेक्सी चूत के दीवाने लंड को यह कौन समझाए. मैंने फिर अपना हाथ लम्बा किया और कंगना की छोटी गांड की दरार पे घिसा. कंगना तो जैसे कुछ हुआ ही नहीं वैसे लेटी थी. मैंने चद्दर को वापस कमर तक किया जो निचे सरक चुकी थी. फिर मैंने उसकी गांड को सहलाना चालू किया. कंगना अभी भी कुछ नहीं कह रही थी. अब मैं समझा की उसकी सेक्सी चूत भी शायद पानी निकाल रही थी, चुदाई के नशे वाला.
मेरी हिम्मत अब इतनी बढ़ी की मैंने अपनी ज़िप खोल के लंड को बहार निकाला. लंड की नाली से प्रीकम निकल रहा था. मैंने अपने लंड को आगे कर के कंगना की गांड पे धर दिया. उसको भी लंड की गर्मी का अहसास तो जरुर हुआ होंगा. फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड और सेक्सी चूत के भाग में घिसना चालु किया. कसम से इतना मजा आ रहा था कपड़ो के साथ ही की पूछो ही मत. कंगना ने मुड़ के मेरी और देखा और हंस पड़ी. अब तो मुझे सब सिग्नल मिल चुके थे बुआ की बिटिया की सेक्सी चूत को चोदने के, अब मैं कैसे पीछे रहता. मैंने अपनी पेंट को निकाल फेंका चद्दर के अंदर ही. उधर कंगना की पेंट को भी मैं खोल के निकालने लगा. अंदर की पेंटी को सूंघने का बड़ा ही मन कर रहा था मेरा तो! मेरा लंड एकदम टाईट और गरम हो चूका था.
कंगना की चूत की खुशबू सूंघ लेने की इच्छा से मैंने अपनी ऊँगली को उसकी चूत की और बढाई और वहां पे घिस दिया. फिर उस ऊँगली को वापस अपने मुहं की और ले के मैं उसे सूंघ लिया. वाह क्या खुशबूदार थी कंगना की जवान चूत. मैंने सूंघने के बाद ऊँगली को मुहं में डाल के उसे चाट लिया. कंगना की पेंट और पेंटी अब उतर चुकी थी.कंगना भी काफी उत्तेजित लग रही थी, और मैं तो उसकी जवान चूत को चोदने के ख्याल मात्र से पागल बना हुआ था. भोलू देखें और सुने नहीं इसलिए मैंने चद्दर को अब मुहं के ऊपर डाल दिया. चद्दर के अंदर मैं और कंगना नंगे थे. मेरे हाथ उसकी कोमल बिना बाल वाली जवान चूत को मल रहे थे.
मैं धीरे से निचे खिसका और कंगना के साथ मैंने 69 पोजीशन बना ली. मेरा इरादा कतई उसे लंड चुसाने का नहीं था. मैं तो उसकी गरम चूत का पानी पीना चाहता था. मैंने हलके से उसकी चूत के होंठो पे अपने होंठ रखे और चुम्मा ले लिया. कंगना ने आह निकाल दी और उसके हाथ मेरे बालों को नोंचने लगे. उसकी जवान चूत का वो खारा पानी बड़ा ही उत्तेजक था. कंगना ने तभी मेरे लंड की अपने हाथ में पकड़ा. अँधेरे में मैं उसे देख तो नहीं पाया लेकिन सच में बड़ा आनंद दे रहा था वो स्पर्श मुझे. कंगना ने लंड को थोडा हिलाया और फट से गोलगप्पे की तरह मुहं में भर लिया. उसके मुहं में लंड जाते ही जैसे मुझे करंट का झटका लगा हो. मैंने अपनी जबान को उसकी साफ़ जवान चूत में डाल दिया और उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा. कंगना मेरे लंड को मुहं में आधा भर के उसे चूस रही थी. मैंने चूत के दाने को हाथ में पकड़ा और उसे मसलने लगा. कंगना की आह निकल के लंड के ऊपर ही मर जा रही थी.
अब कंगना और थोड़ी आगे बढ़ी और उसने लंड को 85% जितना मुहं में ले लिया. बड़ा मजा आ रहा था उसके लंड चूसने से मुझे. कंगना लंड को अपनी जबान से बिच बिच में चाट भी रही थी और जब उसकी जबान सुपाड़ें पे जाती तो लगता की बस वो ऐसा ही करती रहे पूरी रात. कंगना के चूत के दाने पे उँगलियाँ फेरते हुए मैं अपनी जबान को उसकी दरार के उपर घिस रहा था. कंगना की चूत ने तभी पानी निकाला और मुझे उसका खारा स्वाद मुहं में आने लगा. मैं अब बेताब था कंगना की जवान चूत में अपना देसी लंड डालने के लिए.
मैंने धीरे से अपनी जगह बदली. कंगना तो मेरे लंड को मुहं से निकालने के लिए तैयार ही नहीं थी. लेकिन मैं उसके मुहं में निकाल के जवान चूत का स्वाद छोड़ना नहीं चाहता था. मैं अब कंगना की साइड में लेटा हुआ था. उसकी चुंचियां लेटी होने की वजह से काफी छोटी लग रही थी. मैंने उन छोटे छोटे बूब्स को अपने मुहं में डाला और अपने लंड को उसके हाथ में दिया. बूब्स से मुहं हटा के मैंने उसके कान में कहा, “तुम ही अपनी चिड़िया के ऊपर इसे सेट कर दो ना कंगना.”
कंगना हंसी वो मुझे सुनाई दिया. उसने मेरे लंड को पकड के थोडा हिलाया और उसे अपनी जवान चूत के ऊपर रख दिया. कंगना की चूत की चिकनाहट मेरे लंड के सुपाड़ें के ऊपर मजा देने लगी थी. जैसे ही उसने लंड को सेट कर दिया उसने छोटी हुंकार भर दी. मैंने एक ही झटके में आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया. अच्छा हुआ की मैंने उसका मुहं दबा दिया वरना कंगना चीख देती और भोली अपनी बहन को चुदते देख लेता. कंगना ने मुझे हाथ में डांट गड़ा दिए क्यूंकि लंड ने उसे बहुत ही दर्द दिया था. मेरा लंड उसकी जवान चूत में घुस के जैसे फुल गया था.कंगना ऐसे ही दर्द से कराहती हुई लेटी रही और मैंने अपने लंड का एक और झटका उसकी चूत में दे दिया. अब की मेरा लंड कंगना की जवान चूत में पूरा घुस गया. कंगना के मुहं से आह निकल पड़ी और मैं उसे झटके मारने लगा. मेरा लंड उसकी चूत में अंदर बहार हो रहा था और कंगना की हालत ख़राब हुई पड़ी थी. दो मिनिट तक उसके मुहं स सिर्फ सिसकियाँ निकल रही थी और मैं डर रहा था की कई भोलू उठ ना जाएँ.
दो मिनिट के बाद कंगना के अंदर क अलग ही ताजगी आती दिखी. उसकी चूत ने अब मेरे लंड के ऊपर मस्त ग्रिप बनाई थी और मैंने महसूस किया की वो भी कमर को आगे पीछे कर के मुझे चुदाई में पूरी मदद कर रही थी. मेरा लंड उसकी गीली चूत में फच फच अंदर बहार हो रहा था और मैं उसकी चुन्चियों को मसल के मजे के साथ उसे चोद रहा था. अब कंगना जोर जोर से अपनी गांड हिला रही थी क्यूंकि उसकी उत्तेजना अब मुझ से भी बढ़ गई थी. मैंने उसकी कमर को साइड से पकड़ा और उसकी चूत को जोर जोर से झटके मारने लगा. कंगना ने अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया. मैंने अपनी जबान उसके दांतों के बिच से ले जा के उसकी जबान से लगा दिया. वो मेरी जबान को कस के चूसने लगी और मैं बिच बिच में उसके होंठो को चूसने लगा. कंगना की चूत में तभी हलचल हुई और उसके बदन में भी कम्पन आने लगे. मैंने अपने झटके बंध कर क उसे पूछा, “क्या हुआ कंगना?”
कंगना ने हंस के कहा, “मैं झड़ने वाली हूँ, तुम मुझे जोर जोर से करो ना प्लीज़.”
उसके उतना कहते ही मैं अपने लंड को और भी जोर जोर से उसकी जवान चूत म ठोकने लगा. कंगना पसीने में लथपथ थी और मैं भी. तभी उसके बदन में एक और झटका लगा और चिकना रस मेरे लंड पे भी आ गया. वो झड़ गई और मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी चूत से बहार निकाला. मेरा लंड अभी भी टाईट था जिसे छेद चाहियें था.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment