Monday, June 2, 2014

FUN-MAZA-MASTI ब्लेकमेल

FUN-MAZA-MASTI

ब्लेकमेल

हाई दोस्तों, मेरा नाम कलवंत हैं और मैं पंजाब से बिलोंग करती हूँ. लेकिन पिछले ७ साल से मैं केनेडा में हूँ. मैं यहाँ अपने पति के साथ रहती हूँ और हम दोनों ही एक केटरिंग कम्पनी में काम करते हैं. यह कहानी मेरी और जोसेफ की हैं. उस काले हब्सी ने मुझे ब्लेक मेल कर के अपना नव इंच का काला लंड मेरी चूत में डाला था, उसकी कहानी में आज आप के सामने रख रही हूँ.

 

मेरे पति ये नहीं जानते हैं लेकिन कम्पनी में ही एक हरियाणा के लड़के के साथ मेरा अफेर चल गया था. और हम लोग अक्सर कम्पनी के स्टोर रूम में मिलते थे और चुम्मा चाटी और इधर उधर टचिंग करते थे. कसम से उस लड़के को मैंने अपनी चूत कभी नहीं दी थी. लेकिन उस लड़के की वजह से ही मुझे लंबा काला लंड लेना पड़ा येही शायद मेरी किस्मत थी. उस लड़के के साथ एक दिन शाम को मैं स्टोर रूम में थी. वो मेरे बालों में हाथ डाले हुए मुझे किस कर रहा था तभी यह काला कलूटा क्लीनर उधर झाड़ू मारने के लिए आ गया. और उसने इसी हालत में हम दोनों को देख लिया. मुझे लगा की दुसरें बेफिकरे अंग्रेजो की तरह वो भी इसे भूल जायेंगा. लेकिन ऐसा नहीं था, इसे तो अपना काला लंड मेरी चूत में देना था.
मैंने उस लड़के को भगा दिया और मैं खुद भी निचे काम में लग गई. जब ब्रेक में मैं टेबल पे कोफ़ी पी रही थी तभी ये हब्सी आ गया. (उसके साथ की बातें हुई तो अंग्रेजी में थी लेकिन आप लोगों के लिए मैं उसे हिंदी में ही लिख रही हूँ.)
मैं: हेल्लो जोसेफ कैसे हो?
जोसेफ: बस ठीक हूँ, मेरा भी कुछ जुगाड़ करो अब. मेरी बीवी मुझे छोड़ के 2 साल से चली गई हैं और मैं मुठ मार के और रंडी के पास जा के ही गुजारा कर रहा हूँ.
मैं: एक्सक्यूज़ मी. क्या बकवास कर रहे हो?
जोसेफ: बकवास, तेरी माँ की रंडी मारु. बताऊँ तेरे हसबंड को की कैसी तू रोज जवान लौंडे से मिलने जाती हैं ऊपर स्टोर रूम में. और ऐसा मत समझना की मेरे पास प्रूफ नहीं हैं. स्टोर रूम में चार कैमरा हैं; अगर बहुत गांड मस्ती की तो कम्पनी के एचआर में ही कम्प्लेन कर दूंगा.
अब मुझे सच में डर लगा की इस काले की बात में वजूद हैं. लेकिन नहीं चाहती थी की उसका भद्दा काला लंड मेरी चूत के अंदर जाएँ. लेकिन वो तो मुझे चोदने के उपर बिलकुल अड़ा हुआ था. मेरे पास अब कोई चारा नहीं लग रहा था. उसने मुझे कहा की कल मैं काम जल्दी छोड़ दूँ किसी बहाने से और वो मुझे कंपनी के बहार से ही कार में पिक कर लेंगा.
मैं डरी हुई थी और मुझे यह भी डर था की केंटिन में मुझे बहुत लोगों ने इस काले के साथ देखा था. लेकिन यह काला मुझे किसी भी तरह से फसा चूका था और अब उसके लंड का पानी निकाले बिना मैं नहीं बच सकती थी. मैंने सोचा की पति को कहे उस से अच्छा हैं उसके साथ एक बार सो लेती हूँ फिर देखती हूँ की क्या करना हैं.
सोचते सोचते ही दूसरा दिन भी आ गया. जोसफ ने कहा था वैसे मैंने काम दो घंटे पहले छोड़ दिया. मेरे पति की शिफ्ट मेरे साथ में थी इसलिए मेरे पास दो घंटे थे. जैसे ही मैं कम्पनी के गेट के बहार आई मैंने देखा की जोसेफ वही खड़ा सिगरेट फूंक रहा था. मुझे देख के वो आगे चला. मैंने इधर उधर देखा और मैं उसके पीछे पीछे चलने लगी. वो अपनी गाडी में बैठा और मैं भी उसके पीछे उसकी साइड वाली सिट में बैठ गई. ठंडी की वजह से मैंने बड़ा ओवरकोट पहना था. जोसेफ ने गाड़ी चालू की और बोला, “मैंने हिटिंग चालू की हैं तुम अपना कोट उतार दो.”
मेरे कोट उतारते ही उसकी आँखे मेरे बूब्स पे आ गिरी जो एक फिट टी-शर्ट के अंदर बंधे हुए थे. उसका हाथ गियर शाफ़्ट से हट के सीधा मेरे बूब्स पे आ गया. उसने बूब्स को दबाये और फिर मेरे हाथ को पकड के अपने बड़े लंड के ऊपर रख दिए. पेंट के ऊपर से ही मैंने अंदाजा लगा लिया की उसका काला लंड कितना बड़ा और चौड़ा होंगा. वो काला लंड मेरा हाथ लगते ही जैसे जान में आने लगा. जोसेफ ने गाडी को एक मोल की और ली. मैंने उसकी और हैरानी भरी नजरों से देखा. वो मुझे समझाते हुए बोला, “होटल में जा के पैसे क्यूँ खर्च करने. यही मोल की पार्किंग में मेरा दोस्त काम करता हैं. हम पार्किंग के एक कोने में गाडी में ही कर लेंगे.”

 

बाप रे इस काले की हिम्मत का जवाब नहीं. मेरी जिन्दगी का यह सब से बड़ा साहस होने जा रहा था. एक काला लंड मैं मोल की पार्किंग में लेने जा रही थी. जोसेफ ने गाडी को पार्किंग के दुसरे मजले पे ली जहाँ पे एक और काला था. जोसेफ ने उसे हाथ से हाय कहा और उस काले ने एक कोने की और इशारा किया. जोसेफ ने फट से गाडी को कोने में लिया और फिर सभी और देख के अपना काला लंड बहार निकाला. उसने मुझे अपना काला लंड चूसने के लिए कहा.
मैं अभी भी डरी सी थी. मैंने इधर उधर देखा और वो काला लंड अपने हाथ में लिया. बहुत ही बड़ा और चौड़ा था वो. जोसेफ ने मेरे माथे को पीछे से पकड के अपने लंड की और धकेला. मैंने अपने मुहं को खोल के जैसे ही उसके लौड़े को मुहं में लिया जोसेफ के मुहं से आह निकल पड़ी. अभी तो काला लंड मेरे मुहं में थोडा ही गया था. जोसेफ आह आह करते हुए बोला, “चूस मेरा लंड जोर जोर से अपने गले तक. आज मैं तेरी इंडियन चूत को फाड़ के रख दूंगा.”
मैंने अब थोडा जोर और किया और काला लंड मेरे मुहं में आधे से ज्यादा घुस गया…
जोसेफ के ऐसा कहते ही मुझे तो डर सा लगा. क्या वो सच में मेरी चूत फाड़ना चाहता था. उसकी हरकतों से तो लगता ही था की वो मुझे जोर से चोदना चाहता था. मैं यही सोचते हुए उसके लंड को कुल्फी की माफक चूस रही थी. वो किसी बड़ी चोकोबार कैंडी के जैसा ही लंड था. बहार से काला और अंदर से मलाई तो सब की सफ़ेद ही निकलती हैं. जोसेफ ने मेरे बाल पकडे और वो मुझे अपने लंड की और जोर जोर से खिंच रहा था. बाल खींचे जाने से मुझे दर्द हो रहा था लेकिन उसे इसकी जरा भी परवाह नहीं थी. जोसेफ का लंड अब मैंने और थोडा मुहं के अंदर लिया और मुझे लगा की कहीं मेरा मुहं ना फट जाएँ. एकदम मोटा लंड था उसका जो मेरे मुहं में मुश्किल से फिट आ रहा था. लेकिन जोसेफ को उसकी जरा भी परवाह नहीं थी वो तो मेरे मुहं में लंड को जैसे और भी जोर से घुसेड़ना चाहता था. मैंने अब अपनी जबान से उस चौड़े लौड़े को ख़ुश करना चाहा. मैं अपनी जबान को लंड के ऊपर रगड़ के उसे जोर जोर से चाटने लगी. जोसेफ के मुहं से आह आह निकलने लगी और उसका मोटा लंड जैसे की और भी मोटा होने लगा.

 

जोसेफ को अपना लंड चूसा के बहुत ही मजा आ रहा था. हम दोनों ही अब गाडी की पिछली सिट पे थे जहां इस काले ने अपनी पतलून को निकाल के कार की खिड़की के ऊपर टांग दी थी. मैं अभी भी उसकी टांगो के बिच में बैठी हुई वो मोटा लंड अपने मुहं के अन्दर चला रही थी. तभी जोसेफ ने मुझे कंधे से पकड के ऊपर किया. उसने मुझे सिट के ऊपर बिठाया और मेरी जांघ पकड के ऊपर उठाया. उसने मुझे एक कोने पे धकेल दिया और मेरी टांग उठा के चुदाई का एंगल सही करने में लग गया. उसने मुझे साइड में किया था और वो इसी स्टाइल में मेरी चूत में अपना मोटा लंड देना चाहता था. मैंने कई हॉट मूवीज में देखा हैं यह काले साले अलग अलग शॉट में ही चोदने का मजा लेते हैं. उसका लंड अब मेरी चूत में जैसे की दस्तक दे रहा था. मोटे लंड की मोटी नली चूत को छू रही थी. सच कहूँ तो मैं अभी भी सोच रही थी की उसका यह मोटा लंड मेरी चूत में आयेंगा कैसे….!
जोसेफ ने अब लंड को धीरे से अंदर किया. मुझे बहुत सारा दर्द हुआ और मैं कराह उठी. लेकिन उसको जैसे इस कुछ फ़िक्र ही नहीं थी. उसने फिर एक झटका दिया और लंड का सुपाड़ा और कुछ हिस्सा मेरे चूत में आ गया. मुझे लगा की अब चूत से खून निकल जायेंगा, अरे बाप रे कितना मोटा लंड था उसका. मेरी चूत के अंदर एकदम चपोचप टाईट बैठा हुआ था उसका लंड, एक आधी मिलीमीटर जगह भी नहीं बची थी. जोसेफ ने एक झटका और दिया और अब की तो मुझ से रहा नहीं गया. मेरे मुहं से पीड़ा भरी चीख निकल पड़ी. जोसेफ ने अपनी ऊँगली मेरे मुहं में डाली ताकि मैं बोल ना सकूँ. मैं दर्द को कम करने के लिए उसकी ऊँगली को ही सक करने लगी. जोसेफ का लंड अब मेरी चूत को रौंद रहा था. जोसेफ ने एक और सटीक निशान लिया और चूत में लंड ने अपनी खुद की जगह बना ली. पूरा लंड मेरी चूत में आते ही मुझे बहुत ही दर्द हो रहा था. मैंने इस से पहले कई बार चुदाई की हैं लेकिन ऐसा लंड आज तक मुझे नहीं मिला था. जोसेफ एक मिनिट ऐसे ही पड़ा रहा. उसने चूत में झटके नहीं मारें, लेकिन वो मेरी चुन्चियों के साथ खेल रहा था. अपने दोनों ही हाथ से वो मेरे बड़े बड़े मम्मे दबा रहा था. अब मुझे कुछ राहत सा लग रहा था क्यूंकि चूत ने कुछ चिकना पानी छोड़ा था और मैं एडजस्ट हो रही थी.

जोसेफ भी यह समझ चूका था. उसका मोटा लंड अब मेरी चूत में धीरे धीरे अंदर बहार होने लगा, वो अपने लंड को जोर जोर से चूत के अंदर ठोक रहा था. मुझे लग रहा था की उसका लंड जा के मेरे पेट को टकरा रहा हैं और फिर बहार आ रहा हैं. इतने मोटे लंड से चुदने का मजा मुझे भी अब आने लगा था. मैं भी अब चाह रही थी की जोसेफ मुझे अपने काले डंडे से जोर जोर से रौंद दे. जोसेफ ने मेरे कंधे को पकड़ा और वो एक्सप्रेस ट्रेन के जैसे लंड को चूत से टकराने लगा. उसका लंड जैसे जैसे अंदर बहार हो रहा था मुझे उत्तेजना का अलग ही नशा चढ़ रहा था.
अब जोसेफ ने मुझे अपनी गोदी में बिठा लिया और वो मेरे चुंचे मसलते हुए अपना मोटा लंड चूत में देने लगा. मैंने दोनों हाथों को जोसेफ के कंधो के ऊपर रख दिए और मैं खुद उसके लंड के ऊपर जोर जोर से उछलने लगी. जोसेफ को पसीना हो रहा था इतनी ठंडी में भी और मैं भी अब थक चुकी थी. लेकिन यह काला हब्सी थका नहीं था. वो मुझे कमर से पकड के अपने लंड के ऊपर उछाल रहा था और उसका लंड पूरा बहार आके वापस मेरी चूत के अंदर घुस रहा था. 2 मिनिट के उछलने के भीतर ही मेरी चूत से पानी की धार छुट पड़ी. मैं उसके लंड के ऊपर ही झड़ चुकी थी. जोसेफ ने पानी का अहसास पाके अपने झटके और भी तेज कर दिए. उसका मोटा लंड फिर से पीड़ा दे रहा था मुझे अब. और दुसरे ही पल एक गरम पानी का झरना मेरी चूत के अंदर ही छुट पड़ा. जोसेफ ने अपने वीर्य की नदी को चूत की गली में उड़ेल दिया. मैं थक के वही सिट पे लेट गई. जोसेफ ने पतलून पहनी और वो गाडी को ड्राइव करने लगा. मैंने चलती गाडी में ही अपने कपडे ठीक किये.
मुझे लगा की एक चुदाई के बाद मेरा कोई ब्लेकमेल नहीं होंगा. लेकिन मैं गलत थी; जोसेफ को मेरी चूत की आदत सी हो गई हैं अब तो. उसका मोटा लंड हर महीने अलग अलग जगह पे मेरी चूत को टटोल आता हैं……!


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