FUN-MAZA-MASTI
जब यहाँ आया, तो मुझे जिन्दगी की असलियत का पता चला. शुरू मै तो किसी ने मुझे भाव तक नहीं दिया, मेरा काम अच्छा था और मेरी कोशिशो में कोई कमी नहीं थी. तभी मुझे किसी ने एक स्टूडियो का पता दिया और बताया, कि वो लोग नए लडको चांस देते है, वहा जाकर मै मस्त तैयार होकर और पूरी मेहनत से काम करके उसके घर पंहुचा और जब अन्दर गया, तो देखा एक आलिशान बंगला था और उस घर में कोई भी नहीं था. बस एक नौकरानी थी, जो मुझे सोफे पर बैठा कर और जूस देकर चली गयी. सामने से वो औरत शोभा आई और मेरी आँखे खुली रह गयी. वो बहुत ही मस्त और सेक्सी लग रही थी, मुझे कुछ-कुछ लगने लगा था और जो मैने अनुमान लगाया था, वो ठीक था. वो मेरे सामने आकर बैठ गयी और अपनी टाँगे एक के ऊपर एक चढ़ा ली.
उसके चूचो की लकीर उसकी सेक्सी ड्रेस में से साफ़ दिख रही थी और उसकी मस्त चिकनी टांगो को देखकर मेरी लार टपकने लगी थी. मैने रुमाल निकालकर अपने मुह पर रख लिया, मेरी इस हरकत को देखकर वो मुस्कुरा उठी. मेरा लंड भी खड़ा था और मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि अब मुझे क्या करना चाहिए. तभी मेरी हालत देखकर वो बोली, कभी भी अपनी भावनायो को दबाना नहीं चहिये और मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपने कमरे में ले गयी. उसका बेडरूम नहीं था, किसी कामसूत्र की मूवी का सेट था. चारो तरफ नंगे लड़के-लडकियों की तस्वीरे और लाल भड़कीले रंग का बिस्तर. उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दे दिया और मेरे कपडे उतारने लगी और मुझे नंगा कर दिया. उसने मेरा लंड अपने हाथो में ले लिया और उसको मस्ती में दबाने लगी. मेरे मुह से अहहहहः …. ऊऊओ कामुक आवाज़े निकल रही थी.
मुझे मस्ती में लिप्त देखकर उसने अपने भी सारे कपडे उतार दिए और मेरे
ऊपर आ गयी. मेरा लंड उस समय पुरे जोर पर था और एक दम कस चूका था. उसने अपनी
चूत को खोला और मेरे लंड के ऊपर रखकर अपनी गांड को नीचे दबा दिया. मेरा
लंड एक ही बार में, उसकी पूरी चूत के अन्दर गुस गया. ये मेरा पहली बार था,
तो मुझे दर्द भी काफी हो रहा था और वो मुझे किसी घोड़े की तरह चोदे जा रही
थी आआअ …धक् …..धक् ….धक् …थप …थप …वह रे. कुछ ही देर में, उसने मेरे ऊपर
जोर-जोर से कूदना शुरू कर दिया और एक ही झटके के साथ मेरे ऊपर गिर गयी.
यह औरत भी जबरदस्त चुदासी थी क्यूंकि वो जोर जोर के झटके दे के मुझे बहुत ही मादकता से चोद रही थी. मेरा लंड उसकी चूत के अंदर पूरा घुस के चिकना हो के बहार आ रहा था. मैंने उसकी चुंची के ऊपर अपने हाथ रख दिए और उसकी चूत के अंदर और भी जोर के झटके लगाने लगा. अब उसके मुहं से आह आह की आवाज आ रही थी जिसे मैं साफ़ सुन सकता था. और यही आवाज मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दी और मैं अपने लंड को चूत से जोर जोर से टक्कर करवाने लगा. मेरी साँसे फुल चुकी थी और पसीना भी बहने लगा था. उसकी चूंचियों के ऊपर भी पसीना पानी की तरह बह रहा था. मुझे पता था की अब किसी भी पल वो अपना पानी छोड़ेंगी क्यूंकि उसने अपनी चुदाई की स्पीड कम कर दी थी और वो अपनी चूत से मेरे लौड़े के ऊपर मस्त प्रेशर बनाये हुए थी. मैंने भी अब आखिरी मैदान समझ के अपने लौड़े को जोर जोर से चूत में मारना चालू रखा. उसके मुहं से आह आह ओह ओह की आवाजे निकल के मेरे कानो को टक्कर दे रही थी. उसने अब मुझे कंधे से पकड़ा और उसके बदन में जैसे की कंपन सा हुआ. मैं समझ गया की उसकी चूत ने अपना पानी निकाल दिया हैं. उसने 10 सेकण्ड तक मुझे ऐसे ही पकडे रखा और फिर उसके चहरे के पे ख़ुशी और संतुष्ठी के भाव आ गए. मैंने एक बार फिर लंड को चूत में चलाया.
उसके गिरते ही मेरे लंड ने भी अपना रस छोड़ दिया और हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे. उसने मुझे उस रात 4 बार चोदा और सुबह मुझे ऑफिस में बुला लिया. उसके बाद तो मैने जब तक उसके साथ काम किया, हम दोनों काफी राते रंगीन की.
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कामुक औरत की ले ली
लंड की कीमत 1000 से आपको लग रहा होगा, कि किसी ने किसी वेश्या को चोदा होगा. लेकिन ये कहानी किसी वेश्या की नहीं मेरी है, जब मुझे नौकरी पाने के लिए एक औरत को चोदना पड़ा. अब मै 50 के ऊपर हु, लेकिन ये कहानी तब की, जब मै 22 साल का था और मै फोटोग्राफी का शौक रखता था. बड़े शहर जाकर अपने इस शौक को अपने भविष्य में बदलना कोई बच्चो का खेल नहीं था, फिर भी मै अपने पुरे घरवालो से लड़कर बड़े शहर आ गया. मै अपने शहर में पढाई में अव्वल था और मेरे पिता जी और मेरे मास्टर जी ने मुझे हमेशा ही, किसी सरकारी नौकरी के सपने दिखाए थे, लेकिन जब मेरी 18वे जन्मदिन पर मुझे कैमरा मिला, तो उसका भुत मुझे ऐसा चड़ा, कि मैने उसको अपना कैरियर बनाने की ठान ली थी और आ गया था अपने सपने को पूरा करने बड़े शहर.मेरा कुछ काम बन सकता था. उस दिन, मुझे अपने पैदा होने की ख़ुशी से ज्यादा ख़ुशी थी और फ़ोन पर बात करके, पहुच गया उनसे मिलने. वो स्टूडियो एक 45 साल की औरत चलाती थी और उससे बात करके पता चला, कि वो बहुत ठरकी औरत है और जो उसकी हवस को शांत करता है वो उसी को नौकरी देती है. मुझे भी उसने कुछ काम दिया और उसके बाद उसने मुझे अपने घर पर बुलाया. मैंने मन में एक बार तो सोचा की यह मुझे घर क्यों बुला रही हैं? लेकिन फिर सोचा की चलो बुला रही हैं तो जाके ही आता हूँ…!
जब यहाँ आया, तो मुझे जिन्दगी की असलियत का पता चला. शुरू मै तो किसी ने मुझे भाव तक नहीं दिया, मेरा काम अच्छा था और मेरी कोशिशो में कोई कमी नहीं थी. तभी मुझे किसी ने एक स्टूडियो का पता दिया और बताया, कि वो लोग नए लडको चांस देते है, वहा जाकर मै मस्त तैयार होकर और पूरी मेहनत से काम करके उसके घर पंहुचा और जब अन्दर गया, तो देखा एक आलिशान बंगला था और उस घर में कोई भी नहीं था. बस एक नौकरानी थी, जो मुझे सोफे पर बैठा कर और जूस देकर चली गयी. सामने से वो औरत शोभा आई और मेरी आँखे खुली रह गयी. वो बहुत ही मस्त और सेक्सी लग रही थी, मुझे कुछ-कुछ लगने लगा था और जो मैने अनुमान लगाया था, वो ठीक था. वो मेरे सामने आकर बैठ गयी और अपनी टाँगे एक के ऊपर एक चढ़ा ली.
उसके चूचो की लकीर उसकी सेक्सी ड्रेस में से साफ़ दिख रही थी और उसकी मस्त चिकनी टांगो को देखकर मेरी लार टपकने लगी थी. मैने रुमाल निकालकर अपने मुह पर रख लिया, मेरी इस हरकत को देखकर वो मुस्कुरा उठी. मेरा लंड भी खड़ा था और मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि अब मुझे क्या करना चाहिए. तभी मेरी हालत देखकर वो बोली, कभी भी अपनी भावनायो को दबाना नहीं चहिये और मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपने कमरे में ले गयी. उसका बेडरूम नहीं था, किसी कामसूत्र की मूवी का सेट था. चारो तरफ नंगे लड़के-लडकियों की तस्वीरे और लाल भड़कीले रंग का बिस्तर. उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दे दिया और मेरे कपडे उतारने लगी और मुझे नंगा कर दिया. उसने मेरा लंड अपने हाथो में ले लिया और उसको मस्ती में दबाने लगी. मेरे मुह से अहहहहः …. ऊऊओ कामुक आवाज़े निकल रही थी.
यह औरत भी जबरदस्त चुदासी थी क्यूंकि वो जोर जोर के झटके दे के मुझे बहुत ही मादकता से चोद रही थी. मेरा लंड उसकी चूत के अंदर पूरा घुस के चिकना हो के बहार आ रहा था. मैंने उसकी चुंची के ऊपर अपने हाथ रख दिए और उसकी चूत के अंदर और भी जोर के झटके लगाने लगा. अब उसके मुहं से आह आह की आवाज आ रही थी जिसे मैं साफ़ सुन सकता था. और यही आवाज मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दी और मैं अपने लंड को चूत से जोर जोर से टक्कर करवाने लगा. मेरी साँसे फुल चुकी थी और पसीना भी बहने लगा था. उसकी चूंचियों के ऊपर भी पसीना पानी की तरह बह रहा था. मुझे पता था की अब किसी भी पल वो अपना पानी छोड़ेंगी क्यूंकि उसने अपनी चुदाई की स्पीड कम कर दी थी और वो अपनी चूत से मेरे लौड़े के ऊपर मस्त प्रेशर बनाये हुए थी. मैंने भी अब आखिरी मैदान समझ के अपने लौड़े को जोर जोर से चूत में मारना चालू रखा. उसके मुहं से आह आह ओह ओह की आवाजे निकल के मेरे कानो को टक्कर दे रही थी. उसने अब मुझे कंधे से पकड़ा और उसके बदन में जैसे की कंपन सा हुआ. मैं समझ गया की उसकी चूत ने अपना पानी निकाल दिया हैं. उसने 10 सेकण्ड तक मुझे ऐसे ही पकडे रखा और फिर उसके चहरे के पे ख़ुशी और संतुष्ठी के भाव आ गए. मैंने एक बार फिर लंड को चूत में चलाया.
उसके गिरते ही मेरे लंड ने भी अपना रस छोड़ दिया और हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे. उसने मुझे उस रात 4 बार चोदा और सुबह मुझे ऑफिस में बुला लिया. उसके बाद तो मैने जब तक उसके साथ काम किया, हम दोनों काफी राते रंगीन की.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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