Sunday, July 20, 2014

FUN-MAZA-MASTI सीता --एक गाँव की लड़की--19

FUN-MAZA-MASTI

 सीता --एक गाँव की लड़की--19

 सड़कों पर सभी आने-जाने वाले की आँखें मुझे ही घूर रही थी..पसीने से लथपथ शरीर, ब्लाउज के ऊपरी दो बटन टूटी जिसे अपने पल्लू से ढ़ंकने की कोशिश..आँखें पूरी चुदासी सी लग रही थी...मैं सूरज की खड़ी धूप के नीचे बढ़ी जा रही थी..

तभी मेरी नजरें मैदान के अंदर हमसे कुछ ही दूरी पर एक कुतिया अपने कुत्ते का लंड फंसा रखी थी; चली गई..वहीं पर 4-5 आवारा किस्म के लड़के खड़े हो इसका मजा ले रहा था...मेरी नजर उस कुत्ते के लंड पर चली गई जो चूत के अंदर कैद थी..

"देखऽ ना भऊजी..कइसन हाल कऽ देले बारऽन ईऽ कुतिया केऽ"ये शब्द जैसे ही मेरे कानों में पड़ी, मेरी नजर उठती उस लड़के पर चली गई..सब मुझे ही घूरते हुए हँसे जा रहे थे...मचलब सब मुझे ही कह रहे थे..

मैं मुंह नहीं लगना चाहती थी..चुपचाप एक आखिरी नजर कुत्ते के लऩ्ड पर डाली और तेजी से आगे बढ़ने लगी..तभी मुझे सामने कुछ ही दूरी पर शौचालय दिखी..मैं उस तरफ बढ़ गई..यहां अंदर जाने वाली मेनगेट पर ही रेट-तालिका की बोर्ड टंगी थी..

मेरी तो हंसी निकल सी गई कि इन सब के लिए भी पैसे...वैसे शहर होती ही है इतनी तंग कि मजबूरन ये सब कदम उठाने पड़ते हैं...

गेट के अंदर घुसते ही सामने कुर्सी पर बैठा एक मोटा सा आदमी पेपर पढ़ रहा था..उसके आगे टेबल लगी थी और पूरा शौचालय खाली पड़ा था सिवाए एक साफ सफाई करने वाली औरत को छोड़कर..वो औरत फर्श को पानी से धुल रही थी..

मैं समझ गई कि ये आदमी पैसे लेने के लिए ही बैठा है...मैं पैसे निकालने पर्स ब्लॉउज में ढ़ूढने की कोशिश की...पर अब मेरी होश ही गुम हो गई थी..वैसे मैं छोटी सी पर्स रखती हूँ वो भी हाथ में ही...पर कभी-2 जरूरत होने पर अंदर डाल लेती हूँ..

अंदर से कब पर्स गायब हुई, मालूम नहीं..कहीं गिर गई या बस में कोई खींच लिया जब ये बटन टूटे थे और आँखें मेरी बंद थी..या फिर चढ़ते वक्त ही उस कंडक्टर ने हाथ लगाया था तब...उसी ने लिया होगा तभी तो किराये भी नहीं मांगे...पर अब क्या करूँ..

आसपास तो क्या, यहां किसी को जानती तक नहीं...पर फ्रेश जल्द होना चाहती थी क्योंकि अंदर से अब गर्मी की वजह से घुटन सी हो रही थी और ऊपर कपड़े तो भींगे तो थी ही...मैं खड़ी खड़ी सोची पहले बाथरूम से आ जाती हूँ,फिर देखी जाएगी...

यही सोच मैं बिना कुछ पूछे उस आदमी को क्रॉस करती आगे की तरफ बढ़ी..कि उस आदमी ने रॉबीले तरीके से बरस पड़ा,"ऐ मैडम...उधर कहाँ...सरकारी है क्या जो आई और धड़धड़ती अंदर चली जा रही हो...पहले फीस दो इधर,,फिर जाना..."

उसके तेवर देख मेरी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई..अंदर से अचानक तेज प्रेशर पेशाब की जोर मारने लगी..अब क्या कहती इसे कि पैसे तो गुम हो गए हैं..आप बाद में ले लेना..फिर भी हिम्मत कर एक कोशिश की..

"भाग थोड़ी ही जाऊंगी..जल्दी है इसलिए प्लीज जाने दो अभी.."मैं भी कड़क लहजों में बोलनी चाही पर शायद बोल नहीं पाई...जिसे सुनते ही वो आँखें बड़ी बड़ी किए उठा और मेरे निकट आने लगा..मैं डर सी गई कि पता नहीं क्यों आ रहा है..

"देख, वापसी में भी देनी ही है और अभी भी देनी ही है तो अभी ही क्यों नहीं दे देती...बेकार की क्यों प्रेशर बनवा रही होे.." उसने थोड़ा सा झुक अपना चेहरा मेरे चेहरे के निकट लाते बोला...

कह सही रहा था वो पर उसे क्या पता कि मेरे साथ कैसी प्रॉब्लम है इस वक्त...अब कुछ सूझ नहीं रही थी कि क्या जवाब दूँ...

"दरअसल बस में मेरे पर्स चोरी हो गए हैं जिसमें सारे पैसे थे..अब मेरे पास एक भी पैसे नहीं हैं..पर आप टेंशन मत लो मैं कल सुबह 10 बजे तक आपके पैसे लौटा दूँगी.पर अभी प्लीज जाने दो अंदर..."मैं अब सोच ली कि सच कह देती हूँ, थोड़ी नानुकर के बाद तो मान ही जाएगा..

पर शायद मैं गलत थी..उसने मेरी बाँह पकड़ी और सड़क के उस पार मैदान की तरफ दिखाते हुए बोला,"वो जो कचरा है ना जमा, वहां जा और आराम से सूसू कर...कल वापस इधर नहीं भी आएगी ना तो चलेगा...कोई पैसे नहीं लगते हैं ना वहां...भाग इधर से.." कहता हुआ वो बाहर की तरफ धक्का दे दिया...

मैं बाहर की तरफ हल्की सी दौड़ पड़ी ताकि गिरूं नहीं...और अपनी इस तरह की बेइज्जती देख रूआँसी सी हो गई...आँखों से अब लगती कि आँसूं छलक पड़ेगी...काफी घृणा हो रही थी खुद पर कि सब मुसीबत की जड़ तो मौैं खुद ही हूँ...

अब क्या करती..वापस फिर लटके हुए चेहरे ले अंदर घुसी और रिक्वेस्ट करने लगी..तभी वो जोर से चिल्लाया,"विमला, इधर आ..इस शाली की दिमाग मे मेरी बात नहीं जा रही है..समझा के बाहर का रास्ता दिखा नहीं तो...."

मैं उसकी चिल्लाहट सुन घबरा सी गई..मन ही मन कोई और जगह चलने की सोच ली थी..तब तक वो सफाई वाली औरत विमला आई और मुझे बाहर कर बोली,"इतना बुरा नहीं है मेरे साब पर वो क्या है कि धंधे के टाइम, कोई हमदर्दी नहीं..वही बात है...तू यहीं रूक, मैं कहती हूँ.."

मैं नम आँखों से हाँ में सिर हिला दी और इस विमला के वापस आने का इंतजार करने लगी..


 कुछ ही पलों बाद विमला वापस आई और बोली,"आ जा अंदर.." मैं खुशी से फूला नहीं समाई और तेज कदम से अंदर घुस गई...

"ऐ...उधर कोने वाली में जा और हाँ पानी लेती जाना..उसका नल खराब है आज.."पीछे से वो आदमी चिल्लाते हुए बोला..मैं आगे बढ़ते हुए उसकी बात सुनी और कोने में बने बाथरूम में पानी की बाल्टी लिए घुस गई...

अंदर घुसते ही बाल्टी पटकी और धम्म से साड़ी उठा पेशाब करने बैठ गई..मेरी चूत हेलीकॉप्टर माफिक तेज साउण्ड करती पानी की नदी बहाने लगी..मेरे होंठ से रिलेक्स की आँहें निकल पड़ी..ढ़ेर सारी पानी बाहर करने के बाद मैंने कपड़े सारे खोल अच्छी से चूत साफ की और जांघ पर लगे पानी भी साफ की..

फिर सारे कपड़े पहनी और बाहर निकल गई..मुझे बाहर देख वो आदमी वहीं से गुर्राते हुए बोला,"ऐ, पानी मारी कि नहीं अच्छी से...रूक वहीं मैं आ रहा हूँ देखने..एक तो फोकट का उपयोग करने दो, दूसरी ढ़ंग से पानी भी नहीं मारेगा" इसी तरह भनभनाता वो उठा और मेरे निकट आ गया..

मेरी तरफ घूरा ,फिर बाथरूम में झाँका...तभी वो मेरी तरफ मुड़ते हुए बोला,"ऐ...ये क्या है??..."मैं सोच में पड़ गई कि क्या है वो जो वो बता रहा है...बस यही सोचती उसके बगल में से अंदर झाँकने लगी..पर कुछ नहीं था..मैं आश्चर्य से उसकी तरफ देखी तो बड़ी बड़ी आँखों से मेरी तरफ ही देखे जा रहा था...

अचानक से वो मेरी बाँह पकड़ा और अंदर करते हुए मुझे बाँहों में जकड़ लिया...मैं तो डर से थरथर कांपने लगी कि अब मैं तो गई...बड़ी शौक थी ना चूत मरवाने की ना...अब भुगत....

तभी उसने मेरे बाल पकड़े और नीचे खींचते हुए मेरे चेहरे को ऊपर करते हुए बोला,"देख शाली, मैं रंडी कभी नहीं चोदता हूँ...पर तेरी फिगर देख मैं खुद को रोक नहीं पाया और सोचा साथ में पैसे भी वसूल कर लूँ...अब चुपचाप मेरे लंड को शांत कर और हाँ...खबरदार जो अपनी बुर में डालने की कोशिश की तो...समझी...."

मैं उसके इस बर्ताव से तुरंत ही हामी भर दी क्योंकि मेरी चूत जो बच गई थी...अगर वो चोदने की कहता तो शायद कुछ जबरदस्ती भी करता..पर हां सुनते ही मेरे बाल को छोड़ मेरे कंधे पर जोर दे दिया...

जिससे मैं अपने घुटने पर उसके उसके लंड के सामने बैठी थी...फिर वो तेजी से अपना जिप खोला और काला नाग को बाहरमेरे होंठ के सामने कर दिया...उफ्फ...पेशाब की बू आ रही थी उसके लंड से..और काफी गंदा भी था...

अचानक से उसने लंड को पकड़ा और मेरे होंठो पर सटा अंदर करने की कोशिश करने लगा...मैं चाहती तो नहीं थी पर मेरे होंठ अनायास ही खुल गए...होंठ के खुलते ही बदबूदार और काला लंड मेरी गुलाबी होंठ को चीरती अंदर धँस गई..

मैं अपनी नाक-भौं सिकुराने लगी थी..तभी वो मेरे बाल को पकड़ मेरे सिर को कसते हुए स्थिर किया और दनादन करते हुए धक्के लगाने लगा...मैं तो चौंक सी गई कि ये क्या?इसने तो मेरी मुँह चूत समझ चोदना चालू कर दिया...

पर वो तो ताबड़तोड़ अपने लंड को मेरे गले में उतारे जा रहा था..वो तो समझ रहा था कि मुझे इन सब की तो आदत है...मैं गूं गूं करती हुई बैठी अंदर बाहर करती लंड को देखे जा रही थी..अंदर ही अंदर उबकाई हो रही थी...

इधर मेरी चूत एक बार और पानी छोड़ने लगी थी...मै एक हाथ चूत पर ले जाकर रगड़ने लगी और दुसरे हाथ जमीं पर रख अपनी मुँह चुदवाए जा रही थी...

अचानक से उसने कस के धक्के लगाने शुरू कर दिए और भद्दी गाली बके जा रहा था ..और फिर वो अपना अंतिम शॉट मेरे गले में उतारते हुए चीखने लगा...मैं हक्की बक्की सी छूटने की कोशिश कर रही थी पर....

वो अपने लंड का एक एक कतरा मेरे पेट तक पहुँचा कर ही छोड़ना चाहता था...उसके लंड से गर्म-2 पानी मेरे गले में उतर रही थी..ऊपर गर्म पानी की गरमी से मेरी चूत कुनबुनाई और वो भी नीचे फर्श को भिंगोने लगी...

जब वो पूरी तरह झड़ गया तो अपना लण्ड बाहर खींच लिया..झड़ने के बाद वो सिकुड़ गई थी..मैं अपने मुंह में आज मिली इस सौगात को अंदर करती खड़ी हुई...

"ये नीचे देख...क्या है?" उसने नीचे फर्श की तरफ इशारा करते हुए बोला...मैं जब नीचे देखी तो चूतरस को देख वापस उसकी तरफ गुस्से में आँख नचाती हुई देखी...

थैंक्स गॉड...कम से कम उसके होंठो पर हंसी तो आई...वो हँसता हुआ बाहर चला गया...पीछे मैं भी हंसती हुई पानी से भरी बाल्टी बाथरूम में उड़ेल दी...

फिर कपड़े ढ़ंग से ठीक की और बाहर निकल गई...







हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator