FUN-MAZA-MASTI
जीवन संगिनी -1
लेखिका : सीमा
सब दोस्तों को प्यार भरी नमस्ते, इस नाचीज़ सीमा की खूबसूरत हर अदा से प्रणाम !
मैं पच्चीस साल की एक हसीन शादीशुदा लड़की हूँ, शादी को एक साल ही हुआ है अभी बच्चा नहीं हुआ है, पांच फुट पांच इंच लम्बी हूँ घनी लंबी जुल्फें, कमर पतली सी है, चूचे उभरे हुए, उन्हें देख बुड्डे का भी पानी निकल जाए !
लेकिन साला मेरी पति निकम्मा, किसी काम का नहीं है। हमारी लव मैरिज है, शादी से पहले मैं पूरे मजे करती थी, बारहवीं में थी, तभी मैंने चुदवा लिया था।
कॉलेज का सालाना फंक्शन था, मेरी उसमें दो दो आइटम थी, एक कत्थक और एक पंजाबी फोक सोंग पर डांस करना ! उसमें मेरे पति देव शुक्ला मुख्य अतिथि थे, वो एक नामी बिज़नेसमैन थे और जिला मार्कटिंग कमेटी के चीफ थे, बहुत पैसे वाला और अमीर बन्दा था।
पहली आइटम में नाचते नाचते मैंने अपने मम्मे खूब हिलाए, आइटम के बाद शुक्ला जी ने उठकर मुझे शाबाश देते मेरी पीठ सहला दी- बहुत प्यारी दिखती हो !
उसके बाद कत्थक में भी अच्छा परफोर्मेंस दिया। मुझे मेरी सहेलियों ने बताया कि नृत्य के बीच तेरे मम्मे बहुत उछल रहे थे।
तभी एक बंदा स्टेज के पीछे मेरे करीब आया और बोला- आप जरा मेरी बात सुनोगी?
मैंने थोड़ा आगे बढकर अलग होकर उसकी बात सुनी। उसने मुझे शुक्ला जी का कार्ड थमाया और कहा- सर आपसे बात करना चाहते हैं। शाम को मैंने उसको कॉल की।
उसने कहा- मैं आपको पसंद करने लगा हूँ, आप मेरी बनोगी?
"यह आप क्या कह रहे हैं?"
"सही कह रहा हूँ ! तुमसे ही पूछ रहा हूँ- मेरी बनोगी?"
मैंने सोचा कि इतना पैसा है इसके पास ! कहाँ मैं एक सामान्य से परिवार की जहाँ ख्वाहिशें पूरी होनी तो दूर सोच भी नहीं सकती।
उसने कहा- नंबर तेरा पर्सनल है?
मैंने कहा- हमारे पूरे घर में एक मोबाइल है, सभी इसे ही प्रयोग करते हैं।
"कल मुझे मिलने आओगी मेरे घर में? कार्ड पर सब लिखा है।"
"ठीक है !"
सोचा कि अगर सभी फ़ालतू खाली हाथ वाले लड़कों से एफेयर चला कर चुद चुकी हूँ, यह तो माल वाला है ! बैग में सेक्सी टॉप स्किन टाईट जींस रखी पर्स वाली माँ की किट निकाल रख ली, बस स्टैंड जाकर मैंने कपड़े बदले, पटाका बन कर उसके घर पहुँची। रास्ते में जब ऑटो से निकल कर चल रही थी, सभी मेरे हिलते और आधे बाहर निकले चूचों को ताक कर अपने लंड गर्म कर रहे थे।
उसका घर क्या, महल था, उसमें रहने वाला वो अकेला ! उसका भाई अमेरिका में था, माँ बाप कभी वहाँ कभी यहाँ आते जाते रहते थे। नौकर मुझे अंदर लेकर गए !
मानो किसी ज़न्नत में आ गई हूँ मैं !
वो आकर मेरे बिलकुल साथ बैठ गया !
"कैसी हो? बहुत हसीन लग रही हो ! बम्ब हो ! कल कमाल किया तुमने ! फोक डांस पर तुमने सबके खड़े करवा दिए होंगे !"
मैं मुस्कुरा कर रह गई- आपको क्या हो गया है?
"मुझे तुझसे इश्क हो गया है, प्यार हो गया है !"
उसने मेरी जांघ सहलाते हुए एक बाजू कमर से डाली और अपनी तरफ सरकाते हुए मेरे होंठों का रस पीने लगा।
मैंने उसका भरपूर साथ दिया। मेरी बारीक गुलाबी होंठ हैं ही ऐसे, उसने मुझे सोफे पर लिटा मेरा टॉप उठा मेरी ब्रा साइड कर मेरा दूध पीने लगा !
मैं बेकाबू हो रही थी- जानू छोड़ो ! अजीब सा हो रहा है, यह सब क्यूँ करने लगे? तुम तो मुझे चाहते हो या मेरे जिस्म को? मैंने इक्का फेंका।
"यह सब तो लाइफ में होता ही जाएगा आगे चलकर ! चल रूम में तुझे गिफ्ट देना है !" उसने मुझे फिर से बाँहों में भर लिया, कमरे में लेजा कर बैड पर लिटा मुझ पर सवार होने लगा।
मैंने उसको धकेल दिया ! चुदना तो चाहती थी लेकिन मुझे उसका दिल पूरी तरह जीतना था ! चुद तो मैं किसी और आशिक से भी सकती थी।
वो बोला- तुम मुझे प्यार करती हो? पसंद हूँ मैं? मेरी बनोगी?
मैंने आँखें झुका कर शर्माने का ऐसा नाटक किया कि सच्ची में खुद पर ही शर्म आ गई।
उसने मेरा चेहरा ऊपर करके होंठों पर चुम्मा जड़ा- बोलो?
"हाँ ! आप जैसे खूबसूरत मर्द की जीवन संगिनी बनने में मुझे भला क्या कोई इतराज़ होगा?"
"तो किस दिन शादी करना चाहती हो?"
"इतनी जल्दी? मैंने अपने परिवार वालों से अभी तक शादी के बारे कोई बात तक नहीं की, न उन्होंने कभी की है।"
"तुझे करनी पड़ेगी ! और यह तेरे लिए गिफ्ट ! जरा खोल कर देखो !"
जैसे मैंने खोला, मुझे मोबाइल लगा, सैमसंग ग्रैंड था, बहुत महंगा सैट था जो मैं शायद पूरी लाइफ में ना खरीद पाती ! उसमें सिम एक्टिवेटिड था।
"थैंक्स !"
"मेरी जान, आई लव यू !"
मेरी मॉम भी बहुत ज़बरदस्त चीज़ है, मैंने खुद को कहा- चलो आज देखती हूँ कि वो क्या कहती है।
मैंने घर जाकर माँ को मोबाइल दिखाया और पूरी बात बताई कि उसका घर नहीं महल है, बहुत पैसा है, उम्र से बड़ा है लेकिन अमीरी में मर कर भी दुबारा जन्म ले लूँ तो इतना अमीर नहीं मिलेगा।
"तुझे उम्र का क्या करना है ! अभी तुम हाँ कर दे !"
"मैंने तो पहले ही हाँ कर दी है, आप उसे कॉल करो !"
"मैं रात को तेरे पापा को बताऊँगी फ्री माइंड से मक्खन लगा कर !"
सबसे बात हो गई, दिन तय हो गया, उसने मेरे अकाउंट में दो लाख ट्रान्सफर किये शॉपिंग के लिए !
मेरे आशिक मुझसे पार्टी मांग रहे थे।
उस रात मॉम डैड गाँव दादा जी को लेने गए थे, घर में दादी में थी, दादी को कम दीखता है, मैंने अपने पुराने यारों के लिए कमरे में दारु मुर्गे का पूरा इंतजाम किया था, सब रेडीमेड था !
वाह ! सीमा तेरी चांदी हो गई एक एक पैग खींच सोनू ने मुझे बाँहों में में भर लिया, मेरे होंठ चूसने लगा, मैं उसका भरपूर साथ देने लगी।
पीछे से संग्राम ने मेरी सलवार खोल दी चूत पर हाथ फेरने लग गया। मैं गर्म होकर मचलने लगी। बबलू ने मेरा कमीज़ उतरवा दिया मेरे बदन पर दारु डाल कुत्तों की तरह चाटी। पूरी रात उन्होनें ने मुझे चोद चोद कर भरपूर पार्टी हासिल की और सुबह मॉम डैड आ गए।
और फिर वो दिन आया, मंदिर में सात फेरे लेकर सुबह के तीन बजे में मिसेस शुक्ला बन कर डोली में बैठ ससुराल गई। कमरा गज़ब का सजाया गया था। गुलाबों की महक, नर्म नर्म गद्दे थे।
एक एक कर उसने मेर जेवर उतारे जिनसे उसने मुझे लादा था, फिर कपड़े !
मैंने यहाँ फिर से शरमाने का पूरा ड्रामा किया लेकिन जब उसने खुद को नंगा किया। जवान लड़कों जैसी बॉडी नहीं थी, ठीक-ठाक थी, उसका लंड भी ज्यादा बड़ा नहीं था, बस पैसा बड़ा है सबसे !
उसने कहा- मेरा लंड चूस दे !
मैंने नाराज़ नहीं किया, उसका लंड मुह में लिया और उसने अपने तजुर्बे का इस्तेमाल कर छोटे लंड से भी भरपूर सुखी रात काटी। मैं थोड़ी खुश थी। सुबह अगली रात उसने मुझे एक बार ही चोदा, ऐसे दिन बीतने लगे, वो अपने काम में व्यस्त रहने लगा, मैं प्यासी !
उसे कई कई दिनों के लिए बाहर जाना पड़ता, मुझे तो लगता कि मानो वो मुझसे भागता हो कि जवान बीवी उसे बिस्तर में शर्मिंदा न कर दे !
बहुत कुछ बाकी है मेरे दोस्तो, अगले भाग में बताऊँगी कि शादी के बाद पहला पराया मर्द किस तरह आया मेरी जिन्दगी में !
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लेखिका : सीमा
सब दोस्तों को प्यार भरी नमस्ते, इस नाचीज़ सीमा की खूबसूरत हर अदा से प्रणाम !
मैं पच्चीस साल की एक हसीन शादीशुदा लड़की हूँ, शादी को एक साल ही हुआ है अभी बच्चा नहीं हुआ है, पांच फुट पांच इंच लम्बी हूँ घनी लंबी जुल्फें, कमर पतली सी है, चूचे उभरे हुए, उन्हें देख बुड्डे का भी पानी निकल जाए !
लेकिन साला मेरी पति निकम्मा, किसी काम का नहीं है। हमारी लव मैरिज है, शादी से पहले मैं पूरे मजे करती थी, बारहवीं में थी, तभी मैंने चुदवा लिया था।
कॉलेज का सालाना फंक्शन था, मेरी उसमें दो दो आइटम थी, एक कत्थक और एक पंजाबी फोक सोंग पर डांस करना ! उसमें मेरे पति देव शुक्ला मुख्य अतिथि थे, वो एक नामी बिज़नेसमैन थे और जिला मार्कटिंग कमेटी के चीफ थे, बहुत पैसे वाला और अमीर बन्दा था।
पहली आइटम में नाचते नाचते मैंने अपने मम्मे खूब हिलाए, आइटम के बाद शुक्ला जी ने उठकर मुझे शाबाश देते मेरी पीठ सहला दी- बहुत प्यारी दिखती हो !
उसके बाद कत्थक में भी अच्छा परफोर्मेंस दिया। मुझे मेरी सहेलियों ने बताया कि नृत्य के बीच तेरे मम्मे बहुत उछल रहे थे।
तभी एक बंदा स्टेज के पीछे मेरे करीब आया और बोला- आप जरा मेरी बात सुनोगी?
मैंने थोड़ा आगे बढकर अलग होकर उसकी बात सुनी। उसने मुझे शुक्ला जी का कार्ड थमाया और कहा- सर आपसे बात करना चाहते हैं। शाम को मैंने उसको कॉल की।
उसने कहा- मैं आपको पसंद करने लगा हूँ, आप मेरी बनोगी?
"यह आप क्या कह रहे हैं?"
"सही कह रहा हूँ ! तुमसे ही पूछ रहा हूँ- मेरी बनोगी?"
मैंने सोचा कि इतना पैसा है इसके पास ! कहाँ मैं एक सामान्य से परिवार की जहाँ ख्वाहिशें पूरी होनी तो दूर सोच भी नहीं सकती।
उसने कहा- नंबर तेरा पर्सनल है?
मैंने कहा- हमारे पूरे घर में एक मोबाइल है, सभी इसे ही प्रयोग करते हैं।
"कल मुझे मिलने आओगी मेरे घर में? कार्ड पर सब लिखा है।"
"ठीक है !"
सोचा कि अगर सभी फ़ालतू खाली हाथ वाले लड़कों से एफेयर चला कर चुद चुकी हूँ, यह तो माल वाला है ! बैग में सेक्सी टॉप स्किन टाईट जींस रखी पर्स वाली माँ की किट निकाल रख ली, बस स्टैंड जाकर मैंने कपड़े बदले, पटाका बन कर उसके घर पहुँची। रास्ते में जब ऑटो से निकल कर चल रही थी, सभी मेरे हिलते और आधे बाहर निकले चूचों को ताक कर अपने लंड गर्म कर रहे थे।
उसका घर क्या, महल था, उसमें रहने वाला वो अकेला ! उसका भाई अमेरिका में था, माँ बाप कभी वहाँ कभी यहाँ आते जाते रहते थे। नौकर मुझे अंदर लेकर गए !
मानो किसी ज़न्नत में आ गई हूँ मैं !
वो आकर मेरे बिलकुल साथ बैठ गया !
"कैसी हो? बहुत हसीन लग रही हो ! बम्ब हो ! कल कमाल किया तुमने ! फोक डांस पर तुमने सबके खड़े करवा दिए होंगे !"
मैं मुस्कुरा कर रह गई- आपको क्या हो गया है?
"मुझे तुझसे इश्क हो गया है, प्यार हो गया है !"
उसने मेरी जांघ सहलाते हुए एक बाजू कमर से डाली और अपनी तरफ सरकाते हुए मेरे होंठों का रस पीने लगा।
मैंने उसका भरपूर साथ दिया। मेरी बारीक गुलाबी होंठ हैं ही ऐसे, उसने मुझे सोफे पर लिटा मेरा टॉप उठा मेरी ब्रा साइड कर मेरा दूध पीने लगा !
मैं बेकाबू हो रही थी- जानू छोड़ो ! अजीब सा हो रहा है, यह सब क्यूँ करने लगे? तुम तो मुझे चाहते हो या मेरे जिस्म को? मैंने इक्का फेंका।
"यह सब तो लाइफ में होता ही जाएगा आगे चलकर ! चल रूम में तुझे गिफ्ट देना है !" उसने मुझे फिर से बाँहों में भर लिया, कमरे में लेजा कर बैड पर लिटा मुझ पर सवार होने लगा।
मैंने उसको धकेल दिया ! चुदना तो चाहती थी लेकिन मुझे उसका दिल पूरी तरह जीतना था ! चुद तो मैं किसी और आशिक से भी सकती थी।
वो बोला- तुम मुझे प्यार करती हो? पसंद हूँ मैं? मेरी बनोगी?
मैंने आँखें झुका कर शर्माने का ऐसा नाटक किया कि सच्ची में खुद पर ही शर्म आ गई।
उसने मेरा चेहरा ऊपर करके होंठों पर चुम्मा जड़ा- बोलो?
"हाँ ! आप जैसे खूबसूरत मर्द की जीवन संगिनी बनने में मुझे भला क्या कोई इतराज़ होगा?"
"तो किस दिन शादी करना चाहती हो?"
"इतनी जल्दी? मैंने अपने परिवार वालों से अभी तक शादी के बारे कोई बात तक नहीं की, न उन्होंने कभी की है।"
"तुझे करनी पड़ेगी ! और यह तेरे लिए गिफ्ट ! जरा खोल कर देखो !"
जैसे मैंने खोला, मुझे मोबाइल लगा, सैमसंग ग्रैंड था, बहुत महंगा सैट था जो मैं शायद पूरी लाइफ में ना खरीद पाती ! उसमें सिम एक्टिवेटिड था।
"थैंक्स !"
"मेरी जान, आई लव यू !"
मेरी मॉम भी बहुत ज़बरदस्त चीज़ है, मैंने खुद को कहा- चलो आज देखती हूँ कि वो क्या कहती है।
मैंने घर जाकर माँ को मोबाइल दिखाया और पूरी बात बताई कि उसका घर नहीं महल है, बहुत पैसा है, उम्र से बड़ा है लेकिन अमीरी में मर कर भी दुबारा जन्म ले लूँ तो इतना अमीर नहीं मिलेगा।
"तुझे उम्र का क्या करना है ! अभी तुम हाँ कर दे !"
"मैंने तो पहले ही हाँ कर दी है, आप उसे कॉल करो !"
"मैं रात को तेरे पापा को बताऊँगी फ्री माइंड से मक्खन लगा कर !"
सबसे बात हो गई, दिन तय हो गया, उसने मेरे अकाउंट में दो लाख ट्रान्सफर किये शॉपिंग के लिए !
मेरे आशिक मुझसे पार्टी मांग रहे थे।
उस रात मॉम डैड गाँव दादा जी को लेने गए थे, घर में दादी में थी, दादी को कम दीखता है, मैंने अपने पुराने यारों के लिए कमरे में दारु मुर्गे का पूरा इंतजाम किया था, सब रेडीमेड था !
वाह ! सीमा तेरी चांदी हो गई एक एक पैग खींच सोनू ने मुझे बाँहों में में भर लिया, मेरे होंठ चूसने लगा, मैं उसका भरपूर साथ देने लगी।
पीछे से संग्राम ने मेरी सलवार खोल दी चूत पर हाथ फेरने लग गया। मैं गर्म होकर मचलने लगी। बबलू ने मेरा कमीज़ उतरवा दिया मेरे बदन पर दारु डाल कुत्तों की तरह चाटी। पूरी रात उन्होनें ने मुझे चोद चोद कर भरपूर पार्टी हासिल की और सुबह मॉम डैड आ गए।
और फिर वो दिन आया, मंदिर में सात फेरे लेकर सुबह के तीन बजे में मिसेस शुक्ला बन कर डोली में बैठ ससुराल गई। कमरा गज़ब का सजाया गया था। गुलाबों की महक, नर्म नर्म गद्दे थे।
एक एक कर उसने मेर जेवर उतारे जिनसे उसने मुझे लादा था, फिर कपड़े !
मैंने यहाँ फिर से शरमाने का पूरा ड्रामा किया लेकिन जब उसने खुद को नंगा किया। जवान लड़कों जैसी बॉडी नहीं थी, ठीक-ठाक थी, उसका लंड भी ज्यादा बड़ा नहीं था, बस पैसा बड़ा है सबसे !
उसने कहा- मेरा लंड चूस दे !
मैंने नाराज़ नहीं किया, उसका लंड मुह में लिया और उसने अपने तजुर्बे का इस्तेमाल कर छोटे लंड से भी भरपूर सुखी रात काटी। मैं थोड़ी खुश थी। सुबह अगली रात उसने मुझे एक बार ही चोदा, ऐसे दिन बीतने लगे, वो अपने काम में व्यस्त रहने लगा, मैं प्यासी !
उसे कई कई दिनों के लिए बाहर जाना पड़ता, मुझे तो लगता कि मानो वो मुझसे भागता हो कि जवान बीवी उसे बिस्तर में शर्मिंदा न कर दे !
बहुत कुछ बाकी है मेरे दोस्तो, अगले भाग में बताऊँगी कि शादी के बाद पहला पराया मर्द किस तरह आया मेरी जिन्दगी में !
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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