Sunday, July 20, 2014

FUN-MAZA-MASTI भाभी आप मुझे अच्छी लगती हैं-2

FUN-MAZA-MASTI

 भाभी आप मुझे अच्छी लगती हैं-2

?भाभी?. आह रे?. तेरी चूत मारूं?. ओह हां?. चोद डालू?. तेरी तो?. हाय भाभी??..? उसकी सिसकारियां मुझे सुकून पहुंचा रही थी। उसकी गालियाँ मानो चुदाई में रस घोल रही थी?.
?मेरे राजा?. चोद दे तेरी भाभी को?. मार अपना लण्ड?. हाय रे राज?.तेरा मोटा लण्ड?. चोद डाल?.? मैंने उसे गाली देने के लिये उकसाया?. और राज्?.

? मेरी प्यारी भाभी?. भोसड़ी चोद दूं?. तेरी चूत फ़ाड़ डालू?. हाय रे मेरी?. कुतिया?.मेरी प्यारी?.? वो बोलता ही जा रहा था।
?हां मेरे राजा ?. मजा आ रहा है?. मार दे मेरी चूत ?.?

?भाभी ?.तुम बहुत ही प्यारी हो?.कितने फ़ूल झड़ते है तुम्हारी बातों में?. तेरी तो फ़ाड़ डालूं?. साली !? फ़काफ़क उसके धक्के तेज होते गये?. मैं मस्ती के मारे सिसकारियाँ भर रही थी?.वो भी जोश में गालियाँ दे कर मुझे चोद रहा था। उसका लण्ड पहली बार मेरी चूत मार रहा था। सो लग रहा था कि वो अब ज्यादा देर तक रह नहीं पायेगा।
?अरे?. अरे?. ये क्या?.?? मैंने प्यार से कहा?. उसका निकलने वाला था। उसके शरीर में ऐठन चालू हो गई थी। मैं जानती थी कि मर्द कैसे झड़ते हैं।

?हां भाभी?. मुझे कुछ हो रहा है?. शायद पेशाब निकल रहा है?. नहीं नहीं?. ये ?.ये?. हाय्?. भाभी?.ये क्या?.? उसके लण्ड का पूरा जोर मेरी चूत पर लग रहा था। और ?. और?. उसका पानी छूट पड़ा?. उसका लण्ड फ़ूलता?. पिचकता रहा मेरी चूत में सारा वीर्य मेरी चूत में भरने लगा। मैंने उसे चिपका लिया। वो गहरी गहरी सांसे भरने लगा। और एक तरफ़ लुढ़क गया। मैं प्यासी रह गयी?. पर वो एक २२ वर्षीय जवान लड़का था, मेरे जैसी ३३ साल की औरत के साथ उसका क्या मुकाबला?.। उसमें ताकत थी?.जोश था?. पूरी जवानी पर था। वो तुरन्त उठ बैठा। वो शायद मुझे छोड़ना नहीं चाह रहा था। मुझे भी लग रहा था कि कही वो अब चला ना जाये। पर मेरा अनुमान गलत निकला। वो फिर से मुझसे प्यार करने लगा। मुझे अब अपनी प्यास भी तो बुझानी थी। मैंने मौका पा कर फिर से उसे उत्तेजित करना चालू कर दिया। कुछ ही देर में वो और उसका लण्ड तैयार था। एकदम टनाटन सीधा लोहे की तरह तना हुआ खड़ा था।

?भाभी?.प्लीज़ एक बार और?. प्लीज?.? उसने बड़े ही प्यार भरे शब्दों में अनुरोध किया। प्यासी चूत को तो लण्ड चाहिये ही था?. और फिर मुझे एक बार तो क्या?. बार बार लण्ड चाहिये था?.
?मेरे राजा?. फिर देर क्यों ?. चढ़ जाओ ना मेरे ऊपर?.? मैंने अपनी टांगे एक बार फिर चुदवाने के लिये ऊपर उठा दी और चूत के दरवाजे को उसके लण्ड के लिये खोल दिया।

वो एक बार फिर मेरे ऊपर चढ़ गया?. उसका लोहे जैसा लण्ड फिर मेरे शरीर में उतरने लगा। इस बार उसका पूरा लण्ड गहराई तक चोद रहा था। मैं फ़िर से आनन्द में मस्त हो उठी?. चूतड़ों को उछाल उछाल कर चुदवाने लगी। अब वो पहले की अपेक्षा सफ़ाई से चोद रहा था। उसका कोई भी अंग मेरे शरीर से नहीं चिपका था। मेरा सारा शरीर फ़्री था। बस नीचे से मेरी चूत और उसका लण्ड जुड़े हुये थे। दोनो हो बड़ी सरलता से धक्के मार रहे थे। वार सीधा चूत पर ही हो रहा था। छप छप और फ़च फ़च की मधुर आवाजे अब स्पष्ट आ रही थी। वो मेरे बोबे मसले जा रहा था। मेरी उत्तेजना दो चुदाई के बाद चरमसीमा पर आने लगी?. मेरा शरीर जमीन पर पड़े बिस्तर पर कसने लगा, मेरा अंग अंग अकड़ने लगा। मेरे जिस्म का सारा रस जैसे अंग अंग में बहने लगा। मेरे दोनो हाथों को उसने दबा रखे थे। मेरा बदन उसके नीचे दबा फ़ड़फ़ड़ा रहा था।

?मेरे राजा?. मुझे चोद दे जोर से?.हाय राम जी?. कस के जरा?. ओहऽऽऽऽऽऽ ??.. मैं तो गई मेरे राजा?. लगा?.जरा जोर से लगा?.? मेरे शरीर में तेज मीठी मीठी तरावट आने लगी?. लगा सब कुछ सिमट कर मेरी चूत में समा रहा है?. जो कि बाहर निकले की तैयारी में है।

?मेरे राजा?. जकड़ ले मुझे?. कस ले हाऽऽऽय्?. मेरी तो निकली?. मर गयीऽऽऽ ऊईईऽऽऽऽऽ आहऽऽऽऽऽ ?. ? मैं चरमसीमा लांघ चुकी थी?. और मेरा पानी छूट पड़ा। पर उसका लण्ड तो तेजी से चोद रहा था। अब उसके लण्ड ने भी अन्गड़ाई ली और मेरी चूत में एक बार फिर पिचकारी छोड़ दी। पर इस बार मैंने उसे जकड़ रखा था। मेरी चूत में उसका वीर्य भरने लगा। एक बार फिर से मेरी चूत में वीर्य छोड़ने का अह्सास दे रहा था। कुछ देर तक हम दोनों ही अपना रस निकालते रहे। जब पूरा वीर्य निकल गया तो हम गहरी गहरी सांसे लेने लगे। मेरे ऊपर से हट कर वो मेरे पास ही लेट गया। हम दोनो शान्त हो चुके थे?.और पूरी सन्तुष्टि के साथ चित लेटे हुए थे। रात बहुत हो चुकी थी। राज जाने की तैयारी कर रहा था। उसने जाने से पहले मुझे कस कर प्यार किया?. और कहा?.?भाभी?. आप बहुत प्यारी है?. आज्ञा हो तो कल भी?.? हिचकते हुये उसने कहा, पर यहा कल की बात ही कहां थी?.
मैंने उसे कहा -?मेरे राजा?.मेरे बिस्तर पर बहुत जगह है?. यही सो जाओ ना?.?

?जी?.भाभी?.रात को अगर मुझे फिर से इच्छा होने लगी तो?.?

?आज तो हमारी सुहागरात है ना?. फिर से मेरे ऊपर चढ़ जाना?.और चोद देना मुझे?.?

?भाभी?.आप कितनी??..?

?प्यारी हूं ना?. और हां अब से भाभी नही?.मुझे कहो नेहा?.समझे?.? मैंनें हंस कर उसे अपने पास लेटा लिया और बचपन की आदत के अनुसार मैंने अपना एक पांव उसकी कमर में डाल कर सोने की कोशिश करने लगी।







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