FUN-MAZA-MASTI
सीमा और राधा
अब एक बार मैं फिर से ट्रान्सफर होकर दूसरे शहर मे पहुँच चुका था और जैसा कि मैने रेनुका और पूजा की चुदाई कहानी में आपको बता ही चुका हूँ कि मैं तन्त्र मन्त्र में भी यकीन
रखता हूँ उसी कारण मैं यहाँ एक तान्त्रिक बाबा को अपना गुरू बना लिया जिनकी उम्र लगभग सत्तर साल के आस पास थी, उनसे मैनें सारा ज्ञान सीख लिया और अपने ही कमरे में
पूजा पाठ भी करने लगा धीरे धीरे फेमस हो गया चुंकि सेक्सोलाजी से डक्टरेट था ही और अब तन्त्र मन्त्र से भी मजबूत हो गया था इसलिए सेक्स मरीज पर ज्यादा ध्यान देता था,
एक बार एक लेडी सीमा जिनकी उम्र पैतिस के आस पास थी अपनी बेटी राधा जिसकी उम्र लगभग पन्द्रह या सोलह की होगी के साथ आयीं मै उन्हे देखता ही रह गया इतनी सुन्दर
गठीला भरा भरा बदन कामुक चेहरा पैतिस की उम्र में भी बीस का दिखना तीस का सीना बाइस की कमर और राधा दुबली पतली सुन्दर छोटे सन्तरे जैसी चूची लगभग बीस की कमर
मन को गुद्गुदा रही थी सीमा कहने लगी बाबा जी मुझे एक समस्या है कि शादी के सत्रह साल हो गये पर इस लड़की के बाद बच्चा ही नही पैदा हुआ, मुझे एक लड़का हो जाता तो
आपकी आसीम कृपा होती मैने पूंछा कभी अपने पति का और अपना टेस्ट करवाया।
सीमा-- हाँ बाबा बड़े से बड़े डाक्टर को भी दिखाया पर वे बोलते हैं तुममे कोई दिक्कत नही है।
मैं--- और पति में
सीमा-- पता नहीं बाबा वो अपना चेक अप नहीं करवाते बोलते ही चिढ़ जाते हैं। दो साल में एक बार तो आते हैं क्योंकि विदेश रहते हैं।
मैं समझ गया हो न हो पति में ही प्राब्लम है, जब मैंने तन्त्र मन्त्र की शक्ति से चेक किया तो कुछ मिला ही नहीं और सीमा को लौटा सकता नही क्योंकि मेरा नाम खराब होता मैने
सोचा चलो पूजा के नाम पर एक माह सीमा और उसकी बेटी को चोदता हूं और तरकीब सोचने लगा फिर आखे बन्द कर मन्त्र पढ़ा और सीमा से बोला बहुत कठिन है, बहुत बड़ा त्याग
तुमसे नही होगा शिष्या जाओ घर जाओ मै तुम्हे पुत्र रत्न नहीं दे पाऊँगा। सीमा चौंक गयी और बोली बाबा हर प्रकार का त्याग कर लूंगी आप पूजा तो बताइए, मैने कहा ए पूजा एकमासी
होगी जिसमें कोखपवित्रम, सन्तानोंउत्पत्ति, पुत्रिपीठशुधम करना पड़ेगा। सीमा बोली इसमे कठिनाई क्या है मैने कहा पहली बात जबतक पुत्र न प्राप्त हो किसी को बता नहीं सकते और आप
और आपकी बेटी दोनों को पूजा में बैठना पड़ेगा, सन्तानोंउत्पत्ति में आप अकेले होंगी और पुत्रिपीठशुधम में राधा अकेली होगी और ए पूजा सिर्फ़ रात के दूसरे पहर यानी कि लगभग ग्यारह
बजे से चल कर तीन बजे तक चलेगा और पहले सन्तानोंउत्पत्ति बारह दिन, फिर पुत्रिपीठशुधम बारह दिन और अन्त में कोखपवित्रम सात दिन होगा कोखपवित्रम में आपको और राधा को
साथ होना पड़ेगा, तो आपको और राधा को एकमाह यहाँ रहना पड़ेगा पहली बात तो सब पूँछेंगे ही कहाँ जा रही हो, और सबसे कठिन है कि सन्तानोंउत्पत्ति, कोखपवित्रम में लिन्ग पूजन होगा,
और कोखपवित्रम के समय पूजा में शामिल कोई भी वस्त्र धारण नहीं कर सकता। ए सुनकर सीमा सोच में पड़ गयी बहुत देर बाद कहा बाबा अगर मैं यहां रूकूगीं तो दिन में स्नान आदि करने
की क्या व्यवस्था होगी अबकी मैं सोचने लगा और बोला बाथरूम है तब सीमा ने कहा ठीक है बाबा कोखपवित्रम तो एकदम अन्त में होगा चौबिस दिन मै और राधा एकसाथ स्नान करेगें और
बिना कपड़े एक साथ होने की आदत डाल लेंगे और रही बात सबके पूँछने की तो हम किसी रिश्ते दार के यहाँ एकमाह बोलकर घर से निकलेंगे वैसे भी पति का फोन मेरे मोबाइल पर आता है
और अक्सर वे दिन में ही बात करते हैं रात को नौ बजे के बाद मैं मोबाइल बन्द कर देती हूँ कोई दिक्कत नही होगी मैं तैयार हूं बस आप खर्चा बता दीजिए सामान जो लगे यदि आप ही
व्यवस्था कर दें तो कृपा होगी मैं पैसा दे देती हूं, मेरी आत्मा पैसा लेने के लिए तैयार न थी इसलिए मैने कहा सीमा पहले मैं कुछ नहीं लेता जब तुम्हें बच्चा हो जाए तो जो मन करे दे देना।
तुम सिर्फ़ पूजा करो, वो तैयार हो गयी और सब डेट टाइम फ़िक्स कर चली गयी।
सीमा सही समय पर आ गयी मै जहाँ रहता था वो बिल्कुल अलग छोटा सा माकान था जो बाजार से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर था मेरे ग्राहक बढ़ने से मुझे पूरा मकान ही किराए पर
लेना पड़ा था जिसमें तीन कमरे एक बाथरूम, पखाना, और एक छोटा सा आगन था, सुबह चार बजे से नौ और शाम छ बजे से आठ बजे तक मैं ग्राहकों को देखता था, अब मैने एक बोर्ड लगा
दिया कि एकमाह मैं रात्रि पूजा में व्यस्त होने के कारण सिर्फ़ शाम को देखूँगा। पहले दिन की पूजा सन्तानोंउत्पत्ति शुरू होनी थी मै रात्रि को सीमा को बुलाया और एक कमरे की तरफ़ इशारा कर
कहा वो कमरा है जँहा पूजा होगी सीमा कमरे में गयी और जायजा लेने लगी कमरे में एक हवन कुन्ड था एक तखत बड़ा सा था जिसपर एक पतला सा गद्दा लगा था और एक बीस वाट का एनर्जी
सेवर जल रहा था जिससे काफ़ी उजाला था, और गेट में तीन सुराख बड़े बड़े हो रखे थे मैं भी नही बनवा रहा था क्योंकि मेन गेट लोहे का था बन्द होने के बाद बाहर से कोई मतलब नहीं रहता हां
अन्दर तीन कमरों से कोई भी उसमे झांक कर पूरे कमरे में हो रहे क्रिया कलाप देख सकता था अब पूरे घर में तीन ही लोग थे सीमा राधा और मैं।
अब मैने सीमा से कहा अपने सारे कपड़े पूजा के कमरे में निकाल कर बल्टी मे पानी और दूध का मिश्रण रखा है उससे स्नान करके वहीं एक सूती पीली सी धोती रखी है वही लपेट लो सीमा ने कहा
बाबा पेटीकोट पहनना है न नही सिर्फ़ वही धोती नीचे से ऊपर तक लपेट लो मैं आता हूं और सन्कल्प करवाता हूं फिर राधा का सन्कल्प होगा और रोज रात में पूजा होने तक तुम और राधा वही पहनोगी
कह कर मैं भी बाथरूम में घुस गया अन्दर जाकर मैंने अपना लन्ड अच्छी तरह से साफ़ किया जो कि अब दस इन्च लम्बा और तीन इन्च मोटा था अपने छोटी गोलियों को भी रगड़ कर साफ़ किया और
एक ऐसी धोती लपेट लिया मेरी राधा और सीमा सबकी धोतियां हल्की पारदर्शी थीं दो लपेटा होने से कुछ खास दिख नही रहा था पर हर अन्ग का सांचा बन गया था सीमा बहुत शर्मा रही थी और चुपचाप
धोती पहन कर हवनकुण्ड के पास बैठी थी मैं पहुंचा और फ़टाफ़ट संकल्प करवाया फिर सीमा को एक किनारे बैठा कर राधा का भी संकल्प करवा कर बोला कि अब तुम दूसरे कमरे में जाओ जगती रहना,
ए दरवाजा बाहर से बन्द कर देना यदि जरूरत पड़ी तो बुलाया जायेगा राधा जाते जाते दरवाजा भी बन्द कर गयी अब मैने सीमा को सामने बैठाया और पूजा के मन्त्र शुरू किए।
कुछ देर बाद सीमा को एक फूल देकर कहा दोनों हाथ ऊपर उठा कर जो मैं बोलूं दुहराना और आंख बन्द रखना जब तक मैं खोलने न बोलूं सीमा ने वैसा ही किया वैसा करते ही सीमा की धोती का लपेटा सरक
गया मैं देखता ही रह गया बिल्कुल दूधिया चूचक दिखने लगा उसपर ब्राउन कलर का छोटा सा निप्पल गुलाब की तरह खिल रहा था मन कर रहा था कि चूसना शूरू कर दूं पर अभी उचित समय नहीं था मै मन्त्र
बोलता जाता सीमा दुहराती मेरी आंखें उस मस्त चूचक से हट ही नहीं रहीं थीं सीमा की बन्द थीं फिर मैने कहा अब आंखें खोल कर फूल गिरा दो, सीमा ने वैसा ही किया और देखा कि उसके चूचक एकदम से नंगे
हैं तो वो शर्मा कर जल्दी से उसे ढकने लगी मैनें उसे समझाया शरीर पर ध्यान मत दो वैसे भी बाद की पूजा तो बिना वस्त्र ही करनी है शर्म को त्याग दो, वो कुछ नहीं बोली फिर मैनें सीमा के पैर के पन्जे पर थोडा
सा तेल गिरा कर कहा कि इसे सामने की तरफ करके खोलो और बन्द करो ए आकार में सीमा समझ नही पा रही थी मैं उसे समझाने के लिए अपना पैर खोल बन्द कर दिखाने लगा चूचक देखने के नाते लन्ड महोदय जोश में
थे, पैर खुलते ही सीमा को लन्ड दर्शन हो जाता वो हतप्रभ मेरे धोती के अन्दर देख रही थी अनायास ही वो बड़बड़ायी बाप रे मैनें पूँछा कुछ कहा वो बोली नही बाबा और फिर पैर वैसा ही करके बैठ गयी मैने कहा
आंखें बन्द कर लो और जब मैं जल का छिड़काव करूँ तो पैर खोल लेना सीमा की सांसे तेज चल रही थीं मैं समझ गया था कि लन्ड देखने से उसे कुछ गर्मी शुरू हो गयी है, उसने आंखे बन्द कर जैसे ही पैर खोला उसकी बुर
हमे साफ साफ दिखने लगी लम्बे लम्बे सुनहरे बाल लहरा रहे थे और बुर के होंठ थोड़े काले किन्तु सुन्दर हल्के खुले हुए थे उसमें लाल लाल पन्खुड़ी दिख रही थी उसके नीचे छेद हल्का सा खुल कर मनो लन्ड को निम्न्त्रण दे
रहा था इस तरह मैं बार बार सीमा की बुर और चूचक देखता रहा और पूजा करता रहा अन्त में सीमा से मैंने कहा अब दूध लेकर मेरे पैर पर लगा कर फिर गन्गा जल से धोकर माथे चढ़ा कर आज की पूजा खतम करो और
ध्यान रखना यदि पूजा के दिनों तुम्हारी अन्दर की यौन गर्मी यौनांग से बाहर आये तो उस रस को इस शीशी में इकट्ठा करना और पूजा में मैं वस्त्र विहीन रहूँगा यदि मुझमे दिखे तो उसे भी उसी शीशी मे एकत्रित करना और
राधा को भी यही बता देना ध्यान देना नीचे न गिरने पाये वो बोली जी बाबा और मैं अपना पैर ए आकार में करके बैठ गया, मेरा लन्ड तो हुंकार मार ही रहा था वैसे बैठने के नाते नीचे की धोती पूरी तरह नीचे हो गयी और
ऊपर घुटने पर मैं आंखे बन्द किए ध्यान का नाटक कर रहा था और सीमा की निगाह पूरी तरह लन्ड को निहार रही थी और हाथ पैर रगड़ रहे थे धीरे धीरे उसकी रगड़ बढ़ रही थी और लन्ड से पानी निकल रहा था तुरन्त
सीमा को मेरी बात याद आयी और वो फटाक मेरे लन्ड का टोपी पकड़ कर उसमें फटे छेद को शीशी के मुख पर रख कर जिस तरह गाय का दूध निकालते हैं गारने लगी और शीशी में लगभग पच्चास ग्राम पानी आ गया,
तभी मैनें आंखे खोल दीं सीमा ने शर्माते हुए कहा माफ करना बाबा मुझे पानी दिख गया बस टपकने ही वाला था मैं आपसे बोल भी नही पायी की शिशी लगानी पड़ी मैं उस तरह के एह्सास से एकदम मस्त हो गया था,
मैनें कहा अति उत्तम तुम्हारी पूजा जरूर सफल होगी अब जाओ आराम करो पर सीमा एकदम गर्म हो चुकी थी उसका चूचक तेज गती से उपर नीचे हो रहा था।
मुझे लगने लगा कि इसका मतलब कल की पूजा से ही लन्ड की सेवा शूरू हो जाएगी।
अब जितने दिन सीमा की पूजा चलती रही उसकी चुदाई जम कर होती रही इस तरह
से बारह दिनों तक लगातार सीमा को ही चोदता रहा बारह दिन के बाद अब राधा की पूजा शूरू होनी थी आज राधा का पहला दिन था राधा कम उम्र की कमसिन
कली थी सीमा को चुदते देख ही चुकी थी बस अब हमे किसी तरह से उससे दूरी मिटाना था, सीमा जान चुकी थी कि अब राधा चुदेगी पर वो चाहती थी कि वो
देखे कि राधा कैसे झेलेगी मेरे लन्ड को इसलिए वो खिड़की से सब कुछ देखने की परम इच्छा थी, मैनें भी परमीशन दे दी थी, अब राधा की पहले दिन की पूजा
शुरू हो रही थी।
राधा का सन्कलप करा कर मैनें कहा राधा पहले तो तुम जान लो कि ए पूजा क्या है और कैसे होगा उसका लाभ क्या है अगर तुम तन मन से तैयार होगी तभी
ए पूजा सफल हो सकती है, पुत्रिपीठशुधम नामक यह पूजा बारह दिन तक चलेगी इस पूजा से तुम्हे भाई तथा अच्छा सा वर प्राप्त होगा और इस पूजा मे तुम्हारे
पूरे शरीर पर या हर हिस्से पर ए लेप जो कि तुम्हारी मम्मी के मन्थन मे निकला है लगाया जाएगा और तुम्हारी कोख में भी इसका लेप लगेगा बोलो तैयार हो
वो हां में अपना सिर हिला दी फिर मैनें राधा की पहले दिन की पूजा शुरू कर दी करीब एक घन्टे के मन्त्रोंउच्चारण के बाद मैने राधा से कहा अब चल कर उस
तख्ते पर लेट जाओ ए तीन प्रकार के लेप करने के बाद मन्थन मर्दन होगा राधा लेट गयी मैं सबसे पहले हल्का गरम तेल लेकर मन्त्र पढ़ते हुए राधा की गर्दन
से तेल लगाना शुरू कर दिया राधा सिर्फ़ धोती ही पहनी थी जैसा की पार्ट वन में बताया जा चुका है, मैं उसके गर्दन पर चारों तरफ़ हल्के हाथ की मालिश देते
हुए हाथ को उसकी सन्तरे जैसी चूची के उपर सीने पर तेल लगाते हुए उसकी धोती सरका दिया राधा निःशब्द आँखे बन्द किए शर्म से लाल चुपचाप लेटी थी
मैंने राधा से कहा राधा वो ऊं ही बोली मैने कहा धोती हटानी पड़ेगी वो उसी मुद्रा मे बोली नहीं बाबा मुझे बहुत लज्जा आ रही है और घबराहट भी हो रही है
मम्मी की पूजा मैने चुपके से देख लिया था मुझे क्षमा करना पर डर भी लग रहा है, कुछ गड़बड़ हो गया तो मैं भाई चाहती हूं बेटा नहीं, घबराओ मत मैं
पागल नहीं हूं यदि ए पूजा का जरूरी हिस्सा न होता तो तुमको पूजा में शामिल ही न करता पर तुम्हे कोई बच्चा नहीं होगा ए मेरी जिम्मेदारी है वो बोली
इसी लिए मैं भी चुपचाप ए पूजा करवा रही हूं बाबा क्योंकि मम्मी को बेटे के लिए बिलखते देखा है, बाबा जो भी करना है आप किजिए पर मैं शर्म बस अभी
अपनी आंखें नहीं खोल सकती। मैंने धीरे से उसकी धोती सरका कर एक तरफ़ रख दिया अब वो बिल्कुल नन्गी मेरे सामने लेटी थी सन्तरे जैसी छोटी चुचियां
गोरा तरासा हुआ बदन बहुत छोटी सी बुर जिसपर अभी हल्के से बाल निकल रहे थे वो उसकी पहली खेती थी जिसकी कटाई एकबार भी नहीं हुआ था बिल्कुल
कच्ची कली उसकी चूचियों पर निप्पल बिल्कुल छोटे अनछुए थे बुर का छेद इतना छोटा कि मेरी उन्गुली भी न जा सके मैं भी सोचने लगा कि कैसे इस बुर
में मेरा दस इन्च लम्बा और तीन इन्च मोटा लन्ड कैसे घुसेगा पर सोचा थोड़ी मेहनत करनी ही पड़ेगी और राधा की चूचियों पर बारी बारी तेल लगा कर हल्के
हाथ से उन्हें मशलने लगा राधा हल्की सिसकारी लेते हुए शरीर को थोड़ा एठने लगी थी फिर मैं धीरे धीरे उसकी कमर तक तेल लगाते हुए पहुँच गया और अब
तेल उसके कोमल झाँटों पर रगड़ रहा था फिर धीरे से बुर के होठ पर उन्गुली से तेल सहलाने लगा राधा एकदम से एँठ रही थी मै जान रहा था कि वो नशे में
आ रही है पर मै चाहता था कि इतना नशा राधा के अन्दर भर दूँ कि इसकी बुर फूल कर थोड़ी बड़ी हो जाय इस प्रकार सहलाते हुए बीच बीच मे पूरे हथेली से
उसकी बुर पकड़ कर मशल देता वो ऊं ऊं करके रह जाती पर आँख एकदम से बन्द थी, मैने कहा राधा शर्माओ मत अब आँखें खोलो नहीं तो मैं तुम्हारी कोख
तक मन्थन नहीं पहुँचा पाऊंगा इस जगह जो भी हो रहा है ए बात कभी बाहर नही जाएगी तुम खुल कर बिना हिचक अपने अनुभव शेयर करो राधा ने धीरे
धीरे अपनी आंखे खोल दी बोली बाबा बहुत गर्मी हो रही है, मैने कहा चिन्ता न करो चिर आन्नद की प्राप्ति भी होगी और भाई भी बस थोड़ा सा कष्ट है, सहन
कर लो और तुमको जो भी लगे बताती रहना अब मैं दूसरा लेप ले कर राधा की बुर पर लगा कर सहलाने लगा सहलाते सहलाते राधा की बुर लाल हो गयी और
भयकर ज्वाला फेंक रही थी मैं जान चुका था ज्यादा सहलाते रहने से राधा झड़ जायेगी फिर मैने राधा से कहा उठो चलो पानी से अब इसे धोना पड़ेगा राधा उठ
गयी मैं बर्फ जैसे पानी से राधा की बुर धोते हुए एक उन्गुली का हल्का सा पोढ़ राधा की छेद में ठेल दिया वो उछल कर एक हाथ दूर जा पड़ी और चीख पड़ी
आह मा दर्द हो रहा है बाबा आह मा ऊह बाबा अ…स्…स्… मैने कहा थोड़ा मजबूत बनों राधा आओ इधर फिर वो आ गयी और पानी का सीधा छीटा उसकी
बुर पर मार मार कर मैनें खूब साफ किया और अब वो ठन्ढी भी हो गयी थी फिर मैने उसे तखते पर लेटा कर उसकी चूचियों को अपनी जीभ से सहलाने लगा
चाटने लगा फिर वो मस्त होने लगी जीभ से चाटते हुए मैं नीचे सरकते हुए उसकी नभी तक पहुंच कर वहीं अपनी जीभ घुमाते हुए हाथ से चूची मशलने लगा
और धीरे धीरे उसके बुर के बालों पर भी ठुड्डी रगड़ कर उसकी बुर के पतले होठों को जीभ से चाटने लगा अब वो मस्त एकदम से चूतड़ उठाने लगी फिर मैं
जीभ को उसके बुर के छेद के आस पास घुमाते हुए धीरे से अपनी जीभ उसकी बुर के छेद में ठेल ठेल कर चोदने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था वो भी अपनी
गांड़ उचका उचका कर जीभ को अन्दर ले रही थी उसकी बुर एकदम से गीली होकर फूल भी गयी थी फिर उसी मुद्रा में मैनें अपनी उन्गुली पर ढेर सारा बेसलीन
लगा कर जीभ की जगह उन्गुली खड़ा कर दिया राधा हचाक से जोश मे गांड़ उन्गुली पर पटक दिया और चीख पड़ी उइ मा अरे बाप रे स स स स दर्द हो रहा
है मैनें कहा चुप रहो राधा मजा आयेगा और उन्गुली को बड़े प्यार से अन्दर बाहर करने लगा कुछ देर बाद राधा फिर से नशे मे आकर सी सी करते हुए चुदने
लगी कुछ ही देर में वो झड़ गयी और बुर रस मेरे हाथ पर ही गिरने लगा मैने पूँछा राधा कैसा लगा वो बोली बाबा बहुत मजा आया ऐसे लग रहा है जैसे कोई
बुरी आत्मा अन्दर में घुसी थी निकल गयी बड़ी शान्ती मिल रही है मैने कहा चलो अब लिंग पूजन करके आज की पूजा खतम करें मैने बताया वो लेप ले लो
और ऊकरू बैठ जाओ राधा वैसे ही की मैं अपनी धोती एकतरफ फेंक कर हुंकार रहे लन्ड को आजाद कर दिया राधा इतने करीब से लन्ड को देख कर डर गयी
अरे बाप रे बाबा ए क्या है, लिंग है राधा बाबा ए कितना मोटा है और लम्बा बाप रे कैसे मम्मी इसको उफ्………………… मैने कहा तुम देखती जाओ राधा तीन
चार दिन में ए तुम पुरी तरह निगल जाओगी वो शायद नहीं समझी मेरी बात और चुप चाप मेरे कहे अनुसार लेप लन्ड पर लगा कर मुठियाने लगी फिर मैने
कहा राधा इसे मुख में लेकर खूब जोर जोर से सुरक सुरक कर पियो वो मुख खोल कर लाल सुपाड़ा अन्दर लेना चाह रही थी पर कामयाब नहीं हुई तब मैने कहा
चलो तुम्हारा मुख छोटा है एककाम करो लाल सुपाड़े के अगले हिस्से पर मुख रख कर उसके छेद को चूसो वो वैसा ही करने लगी मेरे कहे अनुसार मेरी दोनों
गोलियों को सहला भी रही थी और मैं लन्ड को अपने हाथ से नीचे से ऊपर की ओर झटक रहा था करीब आधा घन्टा बाद राधा के मुख मे एक पाव वीर्य उलट
दिया वो बड़ी तेजी से उलट कर ऊई ऊई करके वोमटिंग सा करते हुए बोली अरे बाप रे ए क्या है कैसा लग रहा है नमकीन नमकीन छी न चाहते हुए भी कुछ
माल उसके हलक से नीचे उतर गया था, उस दिन की पूजा मैनें वहीं समाप्त कर दी।
अब दूसरे दिन की पूजा शुरू हुई मैने पुन: राधा का सन्कल्प करवा कर उसे तखत पर नन्गा लिटा दिया और अब खुद भी नन्गा होकर उसके गर्दन से लेप
मालिश करते हुए बुर तक पहुंच कर फिर मुख से गर्दन पर चूमते हुए दोनों छोटी चूचियों को चुभला चुभला कर पीते हुए जीभ को सरकाते हुए नाभी तक लाता
और फिर ऊपर की ओर चला जाता और हाथ उसके बुर के ऊपर के बालों को सहलाते उन्गुली बुर के छेद पर करतब दिखा रही थी राधा मस्त होती जा रही थी
और वो अपने छोटे कोमल हाथों से मेरे मूसल लन्ड को मुठिया रही थी काफी देर तक ए क्रीड़ा चलती रही फिर मैनें अपने लन्ड पर ढेर सारा तेल लगा कर
राधा के गर्दन पर रगड़ते हुए लाल सुपाड़े को चूचियों के निप्पल पर घुमाने लगा और फिर दोनों चूचियों के बीच में रगड़ते हुए नाभी तक ले जाता और उसकी
नाभि पर लन्ड के सुपाड़े को हल्के से पटक देता इससे राधा इतना मस्त हो रही थी कि उसकी बुर नशे से फूल कर कचौड़ी हो गयी अब मैं राधा के नीचे पहुंच
गया था और लन्ड का अगला भाग राधा के बुर के पतले होठों पर रगड़ने लगा फिर उसकी बुर के होठों को फैला कर उसकी गुलाबी पन्खुड़ियों पर सुपाड़ा रगड़ते
हुए बुर की छेद पर भी रगड़ देता कभी लन्ड को ऊपर से नीचे सरकाता कभी नीचे से ऊपर, उसके बुर का छेद मुश्किल से दो इन्च चौड़ा रहा होगा राधा जल बिन
मछली की तरह तड़प रही थी मैं रगड़ते हुए उसकी चूची मर्दन भी करता जा रहा था बीच बीच में झुक कर चूचियों को चूस भी लेता था, लन्ड में बहुत सारा तेल
लगा होने के कारण और बुर के छेद पर रगड़ने से राधा की बुर चिकनी हो गयी अब मैं राधा की कमर पकड़ कर लन्ड के सुपाड़े को धीरे से राधा की बुर के छेद
पर टिका कर एक हल्का झटका दिया पर विफल हो गया लन्ड सट से सरक कर बुर की फालों के बीच से झांटों के रास्ते ऊपर को निकल गया राधा चौंक गयी और
बोली बाबा अन्दर मत घुसाइए इतना मोटा और बड़ा मेरे अन्दर नहीं जा पाएगा मैने कहा चिन्ता मत करो बस दूसरे तरह से रगड़ रहा हूं, वो चुप चाप लेटी रही,
मैने दूसरा प्रयास किया अबकी बार लन्ड सट से सरक कर गाँड की तरफ भाग गया राधा को इस रगड़ घिस मे मजा आ रहा था वो बोली वाह बाबा ए लेप लगाने
का मस्त तरीका है, मजा आ रहा है, वो एकदम खुल चुकी थी, अबकी बार मैने लन्ड को पकड़ कर उसके छेद पर रखा और झुक कर देखा कि ऐसा क्यों हो रहा
है तो देखा कि राधा के बुर की छेद से मेरा लन्ड काफी मोटा था इसलिए अन्दर नहीं जा रहा था इधर उधर सरक जा रहा था, छेद पर रख कर लन्ड को थोड़ा
दाए बाए हिला कर बुर के मुख को हल्का सा सुपाड़े में फन्सा कर हल्के से ठेलने लगा बस लन्ड को सही रास्ता मिल गया था राधा चिल्लाने लगी अरे बाबा अन्दर
जा रहा है, मैने कहा थोड़ा सा जाने दो बस, वो चुप चाप लेटी रही, और सुपाड़े का जरा सा हिस्सा बुर में चला गया था, उसी पर मैने फिर जोर लगा दिया अबकी
बार बुर की दीवारों को बुरी तरह से रगड़ते हुए लाल सुपाड़ा अन्दर हो गया राधा एकदम से चिल्ला उठी और बड़ी तेजी से बुर को पीछे खींचने लगी पर मैं कमर
पकड़ रखा था वो सफल न हो सकी मैं उसी पोजीशन में रुक गया और उसकी चूचियों को रगड़ने लगा और धीरे धीरे सुपाड़े को ही हिलाने लगा वो चिल्ला कर कह
रही थी बाबा बस मर जाऊंगी लग रहा है जैसे गरम मुग्दर पेल दिया मेरी फुद्दी में मैने कहा घबराओ मत अभी गुद्गुदी होने लगेगी उसी तरह कुछ देर रगड़ने के बाद
बुर थोड़ी सी ढीली हो गयी थी, अब मैं धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा इतना आहिस्ते से ऊपर नीचे कर रहा था कि राधा को पता ही नहीं चला कि कब तीन इन्च लन्ड
बुर में चला गया, बुर और लन्ड दोनों तेल और पानी से चिकने हो गये थे, अब शायद लन्ड कौमार्य की झिल्ली तक पहुंच गया था मैने राधा को बातों में उलझाया
कहा राधा तुम आज पहली बार चुद रही हो और ए चुद नही रही हो बल्की तुम्हारे कोख तक पहुंचने का रास्ता मैं बना रहा हूं पहली बार थोड़ी सी समस्या होती है,
उसके बाद देखना तुम कितने मजे पाने वाली हो तुम्हारा भाग्य उदय हो गया समझो क्योंकि ऐसे लन्ड के लिए लोग तरसते हैं जो तुम्हे मुफ्त मे मिल गया एक दिन
सोचोगी कि काश वो बाबा का लन्ड हमेशा मेरे पास होता, और एक जोर दार धक्का दे मारा अबकी न चाहते हुए भी राधा की चीख निकल पड़ी और वो रोने लगी आंख से
आंसू निकलने लगे माथे से पसीने छूट गये मेरे एक झटके से चार इन्च लन्ड और घुस चुका था और उसकी कौमार्य झिल्ली फट गयी थी बुर और लन्ड से रिसता हुआ लाल
पानी नीचे एकदम गरम गरम गिर रहा था वो बोल रही थी बाबा बहुत जलन हो रहा है बस अब निकाल लो मै मर जाऊंगी और उसे वोम्टिंग भी आ रही थी, जोर जोर से
उगलाई ले रही थी शरीर बुखार की तरह गरम होता जा रहा था, मैं कुछ देर युं ही पड़ा रहा और उसकी चूचियों को पीता रहा पूरे शरीर को सहलाता रहा कुछ देर के बाद
लन्ड को हल्के से हिलाया वो फिर चीख पड़ी बोली बाबा लगता है मेरी बुर फट गयी है बहुत जोर का दर्द हो रहा है, मैने कहा चिन्ता मत करो अभी कुछ देर में ही तुम्हे
मजा आने लगेगा, फिर मैं उसकी चीख पुकार की चिन्ता किए बिना ही धक्के देने लगा उसी चीख पुकार में कब तीन इन्च लन्ड और चला गया पता ही न चला हर बार
ऐसा लगता जैसे बुर मे रगड़ते हुए लन्ड जा रहा था इतनी टाईट बुर मैं आज तक न चोदा था ऐसे लग रहा था जैसे एक बहुत छोटा सा नाग बिल्ली को निगल रहा हो,
जब मैं लन्ड बाहर की तरफ खींचता तो ढेर सारा लाल पानी बाहर आता साफ पता चल रहा था कि झिल्ली फटने की वजह से और बुर में नया रास्ता बनाने की वजह से
बुर काफी क्षति ग्रस्त हो गयी है, करीब आधे घन्टे बाद उसकी बुर ढीली होने लगी और लाल पानी भी बन्द हो गया पर टाईट बुर की वजह से मै आपा खो बैठा और लन्ड
वीर्य की बौछार से बुर को भर दिया शायद ये गरम माल बुर को राहत पहुंचा रहा था राधा बोल रही थी बाबा लगता है आपका सफेदा निकल गया लग रहा है अन्दर कोई
दवा लग गया दर्द कम हो रहा है, मैं लन्ड को अन्दर डाले ही राधा की चूचियो और शरीर से खेलने लगा कुछ देर बाद लन्ड पुनः जोश मे आ गया अबकी बार मैं लन्ड को
पूरा बाहर निकाल कर एक कपड़े से राधा की बुर साफ कर बहुत सारा वेसलीन लन्ड पर लगा कर उसकी बुर के छेद पर सुपाड़ा रख कर एक ही साट मे पूरा दे मारा वो
फिर से चीख पड़ी पर अबकी लन्ड सट से अन्दर चला गया दस बारह ठाप के बाद ही राधा भी चुतड़ उछालने लगी और फिर हमारी चुदाई रफ्तार पकड़ ली राधा की बुर भी
पानी छोड़ने लगी जिससे फच फच की आवाज आ रही थी और वो ऊ उ उ उ उ स स स स स कर चुदवाने लगी और फिर दोनों झड़ गये। इसी तरह पूजा के नाम पर राधा
बारह दिन चुदती रही फिर जब कोख्पवित्रम का नम्बर आया तो सीमा को उगलाई आ रही थी मुझे शन्का हुआ तो मैने प्रेगनेन्टी चेक किया वो पास्टिव थी मैने कहा जाकर
अल्ट्रासाउन्ड करवा कर चेक करो जब वो आयी तो खुश होकर के कहा बाबा लड़का ही है, मैने आगे की पूजा बन्द कर दी और राधा को बोल दिया जब भी तुम्हारा मन
करे आकर लन्ड का स्वाद ले सकती हो दोनों खुश थीं सीमा बहाने से अपने पति को दस दिन के लिए बुला लिया और मुझसे एक दिखावे की पूजा कर्वा कर पति से सेक्स
किया फिर पति को बताया कि आप बाप बनने वाले हो पति भी उल्ट्रासाउन्ड करवाकर खुश हो गया और मुझे दस हजार की भेंट देकर चला गया बाद में सीमा ने सुन्दर
लड़के को जन्म दिया वो पूरा परिवार आज भी हमारा परम भक्त है।
the end
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सीमा और राधा
अब एक बार मैं फिर से ट्रान्सफर होकर दूसरे शहर मे पहुँच चुका था और जैसा कि मैने रेनुका और पूजा की चुदाई कहानी में आपको बता ही चुका हूँ कि मैं तन्त्र मन्त्र में भी यकीन
रखता हूँ उसी कारण मैं यहाँ एक तान्त्रिक बाबा को अपना गुरू बना लिया जिनकी उम्र लगभग सत्तर साल के आस पास थी, उनसे मैनें सारा ज्ञान सीख लिया और अपने ही कमरे में
पूजा पाठ भी करने लगा धीरे धीरे फेमस हो गया चुंकि सेक्सोलाजी से डक्टरेट था ही और अब तन्त्र मन्त्र से भी मजबूत हो गया था इसलिए सेक्स मरीज पर ज्यादा ध्यान देता था,
एक बार एक लेडी सीमा जिनकी उम्र पैतिस के आस पास थी अपनी बेटी राधा जिसकी उम्र लगभग पन्द्रह या सोलह की होगी के साथ आयीं मै उन्हे देखता ही रह गया इतनी सुन्दर
गठीला भरा भरा बदन कामुक चेहरा पैतिस की उम्र में भी बीस का दिखना तीस का सीना बाइस की कमर और राधा दुबली पतली सुन्दर छोटे सन्तरे जैसी चूची लगभग बीस की कमर
मन को गुद्गुदा रही थी सीमा कहने लगी बाबा जी मुझे एक समस्या है कि शादी के सत्रह साल हो गये पर इस लड़की के बाद बच्चा ही नही पैदा हुआ, मुझे एक लड़का हो जाता तो
आपकी आसीम कृपा होती मैने पूंछा कभी अपने पति का और अपना टेस्ट करवाया।
सीमा-- हाँ बाबा बड़े से बड़े डाक्टर को भी दिखाया पर वे बोलते हैं तुममे कोई दिक्कत नही है।
मैं--- और पति में
सीमा-- पता नहीं बाबा वो अपना चेक अप नहीं करवाते बोलते ही चिढ़ जाते हैं। दो साल में एक बार तो आते हैं क्योंकि विदेश रहते हैं।
मैं समझ गया हो न हो पति में ही प्राब्लम है, जब मैंने तन्त्र मन्त्र की शक्ति से चेक किया तो कुछ मिला ही नहीं और सीमा को लौटा सकता नही क्योंकि मेरा नाम खराब होता मैने
सोचा चलो पूजा के नाम पर एक माह सीमा और उसकी बेटी को चोदता हूं और तरकीब सोचने लगा फिर आखे बन्द कर मन्त्र पढ़ा और सीमा से बोला बहुत कठिन है, बहुत बड़ा त्याग
तुमसे नही होगा शिष्या जाओ घर जाओ मै तुम्हे पुत्र रत्न नहीं दे पाऊँगा। सीमा चौंक गयी और बोली बाबा हर प्रकार का त्याग कर लूंगी आप पूजा तो बताइए, मैने कहा ए पूजा एकमासी
होगी जिसमें कोखपवित्रम, सन्तानोंउत्पत्ति, पुत्रिपीठशुधम करना पड़ेगा। सीमा बोली इसमे कठिनाई क्या है मैने कहा पहली बात जबतक पुत्र न प्राप्त हो किसी को बता नहीं सकते और आप
और आपकी बेटी दोनों को पूजा में बैठना पड़ेगा, सन्तानोंउत्पत्ति में आप अकेले होंगी और पुत्रिपीठशुधम में राधा अकेली होगी और ए पूजा सिर्फ़ रात के दूसरे पहर यानी कि लगभग ग्यारह
बजे से चल कर तीन बजे तक चलेगा और पहले सन्तानोंउत्पत्ति बारह दिन, फिर पुत्रिपीठशुधम बारह दिन और अन्त में कोखपवित्रम सात दिन होगा कोखपवित्रम में आपको और राधा को
साथ होना पड़ेगा, तो आपको और राधा को एकमाह यहाँ रहना पड़ेगा पहली बात तो सब पूँछेंगे ही कहाँ जा रही हो, और सबसे कठिन है कि सन्तानोंउत्पत्ति, कोखपवित्रम में लिन्ग पूजन होगा,
और कोखपवित्रम के समय पूजा में शामिल कोई भी वस्त्र धारण नहीं कर सकता। ए सुनकर सीमा सोच में पड़ गयी बहुत देर बाद कहा बाबा अगर मैं यहां रूकूगीं तो दिन में स्नान आदि करने
की क्या व्यवस्था होगी अबकी मैं सोचने लगा और बोला बाथरूम है तब सीमा ने कहा ठीक है बाबा कोखपवित्रम तो एकदम अन्त में होगा चौबिस दिन मै और राधा एकसाथ स्नान करेगें और
बिना कपड़े एक साथ होने की आदत डाल लेंगे और रही बात सबके पूँछने की तो हम किसी रिश्ते दार के यहाँ एकमाह बोलकर घर से निकलेंगे वैसे भी पति का फोन मेरे मोबाइल पर आता है
और अक्सर वे दिन में ही बात करते हैं रात को नौ बजे के बाद मैं मोबाइल बन्द कर देती हूँ कोई दिक्कत नही होगी मैं तैयार हूं बस आप खर्चा बता दीजिए सामान जो लगे यदि आप ही
व्यवस्था कर दें तो कृपा होगी मैं पैसा दे देती हूं, मेरी आत्मा पैसा लेने के लिए तैयार न थी इसलिए मैने कहा सीमा पहले मैं कुछ नहीं लेता जब तुम्हें बच्चा हो जाए तो जो मन करे दे देना।
तुम सिर्फ़ पूजा करो, वो तैयार हो गयी और सब डेट टाइम फ़िक्स कर चली गयी।
सीमा सही समय पर आ गयी मै जहाँ रहता था वो बिल्कुल अलग छोटा सा माकान था जो बाजार से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर था मेरे ग्राहक बढ़ने से मुझे पूरा मकान ही किराए पर
लेना पड़ा था जिसमें तीन कमरे एक बाथरूम, पखाना, और एक छोटा सा आगन था, सुबह चार बजे से नौ और शाम छ बजे से आठ बजे तक मैं ग्राहकों को देखता था, अब मैने एक बोर्ड लगा
दिया कि एकमाह मैं रात्रि पूजा में व्यस्त होने के कारण सिर्फ़ शाम को देखूँगा। पहले दिन की पूजा सन्तानोंउत्पत्ति शुरू होनी थी मै रात्रि को सीमा को बुलाया और एक कमरे की तरफ़ इशारा कर
कहा वो कमरा है जँहा पूजा होगी सीमा कमरे में गयी और जायजा लेने लगी कमरे में एक हवन कुन्ड था एक तखत बड़ा सा था जिसपर एक पतला सा गद्दा लगा था और एक बीस वाट का एनर्जी
सेवर जल रहा था जिससे काफ़ी उजाला था, और गेट में तीन सुराख बड़े बड़े हो रखे थे मैं भी नही बनवा रहा था क्योंकि मेन गेट लोहे का था बन्द होने के बाद बाहर से कोई मतलब नहीं रहता हां
अन्दर तीन कमरों से कोई भी उसमे झांक कर पूरे कमरे में हो रहे क्रिया कलाप देख सकता था अब पूरे घर में तीन ही लोग थे सीमा राधा और मैं।
अब मैने सीमा से कहा अपने सारे कपड़े पूजा के कमरे में निकाल कर बल्टी मे पानी और दूध का मिश्रण रखा है उससे स्नान करके वहीं एक सूती पीली सी धोती रखी है वही लपेट लो सीमा ने कहा
बाबा पेटीकोट पहनना है न नही सिर्फ़ वही धोती नीचे से ऊपर तक लपेट लो मैं आता हूं और सन्कल्प करवाता हूं फिर राधा का सन्कल्प होगा और रोज रात में पूजा होने तक तुम और राधा वही पहनोगी
कह कर मैं भी बाथरूम में घुस गया अन्दर जाकर मैंने अपना लन्ड अच्छी तरह से साफ़ किया जो कि अब दस इन्च लम्बा और तीन इन्च मोटा था अपने छोटी गोलियों को भी रगड़ कर साफ़ किया और
एक ऐसी धोती लपेट लिया मेरी राधा और सीमा सबकी धोतियां हल्की पारदर्शी थीं दो लपेटा होने से कुछ खास दिख नही रहा था पर हर अन्ग का सांचा बन गया था सीमा बहुत शर्मा रही थी और चुपचाप
धोती पहन कर हवनकुण्ड के पास बैठी थी मैं पहुंचा और फ़टाफ़ट संकल्प करवाया फिर सीमा को एक किनारे बैठा कर राधा का भी संकल्प करवा कर बोला कि अब तुम दूसरे कमरे में जाओ जगती रहना,
ए दरवाजा बाहर से बन्द कर देना यदि जरूरत पड़ी तो बुलाया जायेगा राधा जाते जाते दरवाजा भी बन्द कर गयी अब मैने सीमा को सामने बैठाया और पूजा के मन्त्र शुरू किए।
कुछ देर बाद सीमा को एक फूल देकर कहा दोनों हाथ ऊपर उठा कर जो मैं बोलूं दुहराना और आंख बन्द रखना जब तक मैं खोलने न बोलूं सीमा ने वैसा ही किया वैसा करते ही सीमा की धोती का लपेटा सरक
गया मैं देखता ही रह गया बिल्कुल दूधिया चूचक दिखने लगा उसपर ब्राउन कलर का छोटा सा निप्पल गुलाब की तरह खिल रहा था मन कर रहा था कि चूसना शूरू कर दूं पर अभी उचित समय नहीं था मै मन्त्र
बोलता जाता सीमा दुहराती मेरी आंखें उस मस्त चूचक से हट ही नहीं रहीं थीं सीमा की बन्द थीं फिर मैने कहा अब आंखें खोल कर फूल गिरा दो, सीमा ने वैसा ही किया और देखा कि उसके चूचक एकदम से नंगे
हैं तो वो शर्मा कर जल्दी से उसे ढकने लगी मैनें उसे समझाया शरीर पर ध्यान मत दो वैसे भी बाद की पूजा तो बिना वस्त्र ही करनी है शर्म को त्याग दो, वो कुछ नहीं बोली फिर मैनें सीमा के पैर के पन्जे पर थोडा
सा तेल गिरा कर कहा कि इसे सामने की तरफ करके खोलो और बन्द करो ए आकार में सीमा समझ नही पा रही थी मैं उसे समझाने के लिए अपना पैर खोल बन्द कर दिखाने लगा चूचक देखने के नाते लन्ड महोदय जोश में
थे, पैर खुलते ही सीमा को लन्ड दर्शन हो जाता वो हतप्रभ मेरे धोती के अन्दर देख रही थी अनायास ही वो बड़बड़ायी बाप रे मैनें पूँछा कुछ कहा वो बोली नही बाबा और फिर पैर वैसा ही करके बैठ गयी मैने कहा
आंखें बन्द कर लो और जब मैं जल का छिड़काव करूँ तो पैर खोल लेना सीमा की सांसे तेज चल रही थीं मैं समझ गया था कि लन्ड देखने से उसे कुछ गर्मी शुरू हो गयी है, उसने आंखे बन्द कर जैसे ही पैर खोला उसकी बुर
हमे साफ साफ दिखने लगी लम्बे लम्बे सुनहरे बाल लहरा रहे थे और बुर के होंठ थोड़े काले किन्तु सुन्दर हल्के खुले हुए थे उसमें लाल लाल पन्खुड़ी दिख रही थी उसके नीचे छेद हल्का सा खुल कर मनो लन्ड को निम्न्त्रण दे
रहा था इस तरह मैं बार बार सीमा की बुर और चूचक देखता रहा और पूजा करता रहा अन्त में सीमा से मैंने कहा अब दूध लेकर मेरे पैर पर लगा कर फिर गन्गा जल से धोकर माथे चढ़ा कर आज की पूजा खतम करो और
ध्यान रखना यदि पूजा के दिनों तुम्हारी अन्दर की यौन गर्मी यौनांग से बाहर आये तो उस रस को इस शीशी में इकट्ठा करना और पूजा में मैं वस्त्र विहीन रहूँगा यदि मुझमे दिखे तो उसे भी उसी शीशी मे एकत्रित करना और
राधा को भी यही बता देना ध्यान देना नीचे न गिरने पाये वो बोली जी बाबा और मैं अपना पैर ए आकार में करके बैठ गया, मेरा लन्ड तो हुंकार मार ही रहा था वैसे बैठने के नाते नीचे की धोती पूरी तरह नीचे हो गयी और
ऊपर घुटने पर मैं आंखे बन्द किए ध्यान का नाटक कर रहा था और सीमा की निगाह पूरी तरह लन्ड को निहार रही थी और हाथ पैर रगड़ रहे थे धीरे धीरे उसकी रगड़ बढ़ रही थी और लन्ड से पानी निकल रहा था तुरन्त
सीमा को मेरी बात याद आयी और वो फटाक मेरे लन्ड का टोपी पकड़ कर उसमें फटे छेद को शीशी के मुख पर रख कर जिस तरह गाय का दूध निकालते हैं गारने लगी और शीशी में लगभग पच्चास ग्राम पानी आ गया,
तभी मैनें आंखे खोल दीं सीमा ने शर्माते हुए कहा माफ करना बाबा मुझे पानी दिख गया बस टपकने ही वाला था मैं आपसे बोल भी नही पायी की शिशी लगानी पड़ी मैं उस तरह के एह्सास से एकदम मस्त हो गया था,
मैनें कहा अति उत्तम तुम्हारी पूजा जरूर सफल होगी अब जाओ आराम करो पर सीमा एकदम गर्म हो चुकी थी उसका चूचक तेज गती से उपर नीचे हो रहा था।
मुझे लगने लगा कि इसका मतलब कल की पूजा से ही लन्ड की सेवा शूरू हो जाएगी।
अब जितने दिन सीमा की पूजा चलती रही उसकी चुदाई जम कर होती रही इस तरह
से बारह दिनों तक लगातार सीमा को ही चोदता रहा बारह दिन के बाद अब राधा की पूजा शूरू होनी थी आज राधा का पहला दिन था राधा कम उम्र की कमसिन
कली थी सीमा को चुदते देख ही चुकी थी बस अब हमे किसी तरह से उससे दूरी मिटाना था, सीमा जान चुकी थी कि अब राधा चुदेगी पर वो चाहती थी कि वो
देखे कि राधा कैसे झेलेगी मेरे लन्ड को इसलिए वो खिड़की से सब कुछ देखने की परम इच्छा थी, मैनें भी परमीशन दे दी थी, अब राधा की पहले दिन की पूजा
शुरू हो रही थी।
राधा का सन्कलप करा कर मैनें कहा राधा पहले तो तुम जान लो कि ए पूजा क्या है और कैसे होगा उसका लाभ क्या है अगर तुम तन मन से तैयार होगी तभी
ए पूजा सफल हो सकती है, पुत्रिपीठशुधम नामक यह पूजा बारह दिन तक चलेगी इस पूजा से तुम्हे भाई तथा अच्छा सा वर प्राप्त होगा और इस पूजा मे तुम्हारे
पूरे शरीर पर या हर हिस्से पर ए लेप जो कि तुम्हारी मम्मी के मन्थन मे निकला है लगाया जाएगा और तुम्हारी कोख में भी इसका लेप लगेगा बोलो तैयार हो
वो हां में अपना सिर हिला दी फिर मैनें राधा की पहले दिन की पूजा शुरू कर दी करीब एक घन्टे के मन्त्रोंउच्चारण के बाद मैने राधा से कहा अब चल कर उस
तख्ते पर लेट जाओ ए तीन प्रकार के लेप करने के बाद मन्थन मर्दन होगा राधा लेट गयी मैं सबसे पहले हल्का गरम तेल लेकर मन्त्र पढ़ते हुए राधा की गर्दन
से तेल लगाना शुरू कर दिया राधा सिर्फ़ धोती ही पहनी थी जैसा की पार्ट वन में बताया जा चुका है, मैं उसके गर्दन पर चारों तरफ़ हल्के हाथ की मालिश देते
हुए हाथ को उसकी सन्तरे जैसी चूची के उपर सीने पर तेल लगाते हुए उसकी धोती सरका दिया राधा निःशब्द आँखे बन्द किए शर्म से लाल चुपचाप लेटी थी
मैंने राधा से कहा राधा वो ऊं ही बोली मैने कहा धोती हटानी पड़ेगी वो उसी मुद्रा मे बोली नहीं बाबा मुझे बहुत लज्जा आ रही है और घबराहट भी हो रही है
मम्मी की पूजा मैने चुपके से देख लिया था मुझे क्षमा करना पर डर भी लग रहा है, कुछ गड़बड़ हो गया तो मैं भाई चाहती हूं बेटा नहीं, घबराओ मत मैं
पागल नहीं हूं यदि ए पूजा का जरूरी हिस्सा न होता तो तुमको पूजा में शामिल ही न करता पर तुम्हे कोई बच्चा नहीं होगा ए मेरी जिम्मेदारी है वो बोली
इसी लिए मैं भी चुपचाप ए पूजा करवा रही हूं बाबा क्योंकि मम्मी को बेटे के लिए बिलखते देखा है, बाबा जो भी करना है आप किजिए पर मैं शर्म बस अभी
अपनी आंखें नहीं खोल सकती। मैंने धीरे से उसकी धोती सरका कर एक तरफ़ रख दिया अब वो बिल्कुल नन्गी मेरे सामने लेटी थी सन्तरे जैसी छोटी चुचियां
गोरा तरासा हुआ बदन बहुत छोटी सी बुर जिसपर अभी हल्के से बाल निकल रहे थे वो उसकी पहली खेती थी जिसकी कटाई एकबार भी नहीं हुआ था बिल्कुल
कच्ची कली उसकी चूचियों पर निप्पल बिल्कुल छोटे अनछुए थे बुर का छेद इतना छोटा कि मेरी उन्गुली भी न जा सके मैं भी सोचने लगा कि कैसे इस बुर
में मेरा दस इन्च लम्बा और तीन इन्च मोटा लन्ड कैसे घुसेगा पर सोचा थोड़ी मेहनत करनी ही पड़ेगी और राधा की चूचियों पर बारी बारी तेल लगा कर हल्के
हाथ से उन्हें मशलने लगा राधा हल्की सिसकारी लेते हुए शरीर को थोड़ा एठने लगी थी फिर मैं धीरे धीरे उसकी कमर तक तेल लगाते हुए पहुँच गया और अब
तेल उसके कोमल झाँटों पर रगड़ रहा था फिर धीरे से बुर के होठ पर उन्गुली से तेल सहलाने लगा राधा एकदम से एँठ रही थी मै जान रहा था कि वो नशे में
आ रही है पर मै चाहता था कि इतना नशा राधा के अन्दर भर दूँ कि इसकी बुर फूल कर थोड़ी बड़ी हो जाय इस प्रकार सहलाते हुए बीच बीच मे पूरे हथेली से
उसकी बुर पकड़ कर मशल देता वो ऊं ऊं करके रह जाती पर आँख एकदम से बन्द थी, मैने कहा राधा शर्माओ मत अब आँखें खोलो नहीं तो मैं तुम्हारी कोख
तक मन्थन नहीं पहुँचा पाऊंगा इस जगह जो भी हो रहा है ए बात कभी बाहर नही जाएगी तुम खुल कर बिना हिचक अपने अनुभव शेयर करो राधा ने धीरे
धीरे अपनी आंखे खोल दी बोली बाबा बहुत गर्मी हो रही है, मैने कहा चिन्ता न करो चिर आन्नद की प्राप्ति भी होगी और भाई भी बस थोड़ा सा कष्ट है, सहन
कर लो और तुमको जो भी लगे बताती रहना अब मैं दूसरा लेप ले कर राधा की बुर पर लगा कर सहलाने लगा सहलाते सहलाते राधा की बुर लाल हो गयी और
भयकर ज्वाला फेंक रही थी मैं जान चुका था ज्यादा सहलाते रहने से राधा झड़ जायेगी फिर मैने राधा से कहा उठो चलो पानी से अब इसे धोना पड़ेगा राधा उठ
गयी मैं बर्फ जैसे पानी से राधा की बुर धोते हुए एक उन्गुली का हल्का सा पोढ़ राधा की छेद में ठेल दिया वो उछल कर एक हाथ दूर जा पड़ी और चीख पड़ी
आह मा दर्द हो रहा है बाबा आह मा ऊह बाबा अ…स्…स्… मैने कहा थोड़ा मजबूत बनों राधा आओ इधर फिर वो आ गयी और पानी का सीधा छीटा उसकी
बुर पर मार मार कर मैनें खूब साफ किया और अब वो ठन्ढी भी हो गयी थी फिर मैने उसे तखते पर लेटा कर उसकी चूचियों को अपनी जीभ से सहलाने लगा
चाटने लगा फिर वो मस्त होने लगी जीभ से चाटते हुए मैं नीचे सरकते हुए उसकी नभी तक पहुंच कर वहीं अपनी जीभ घुमाते हुए हाथ से चूची मशलने लगा
और धीरे धीरे उसके बुर के बालों पर भी ठुड्डी रगड़ कर उसकी बुर के पतले होठों को जीभ से चाटने लगा अब वो मस्त एकदम से चूतड़ उठाने लगी फिर मैं
जीभ को उसके बुर के छेद के आस पास घुमाते हुए धीरे से अपनी जीभ उसकी बुर के छेद में ठेल ठेल कर चोदने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था वो भी अपनी
गांड़ उचका उचका कर जीभ को अन्दर ले रही थी उसकी बुर एकदम से गीली होकर फूल भी गयी थी फिर उसी मुद्रा में मैनें अपनी उन्गुली पर ढेर सारा बेसलीन
लगा कर जीभ की जगह उन्गुली खड़ा कर दिया राधा हचाक से जोश मे गांड़ उन्गुली पर पटक दिया और चीख पड़ी उइ मा अरे बाप रे स स स स दर्द हो रहा
है मैनें कहा चुप रहो राधा मजा आयेगा और उन्गुली को बड़े प्यार से अन्दर बाहर करने लगा कुछ देर बाद राधा फिर से नशे मे आकर सी सी करते हुए चुदने
लगी कुछ ही देर में वो झड़ गयी और बुर रस मेरे हाथ पर ही गिरने लगा मैने पूँछा राधा कैसा लगा वो बोली बाबा बहुत मजा आया ऐसे लग रहा है जैसे कोई
बुरी आत्मा अन्दर में घुसी थी निकल गयी बड़ी शान्ती मिल रही है मैने कहा चलो अब लिंग पूजन करके आज की पूजा खतम करें मैने बताया वो लेप ले लो
और ऊकरू बैठ जाओ राधा वैसे ही की मैं अपनी धोती एकतरफ फेंक कर हुंकार रहे लन्ड को आजाद कर दिया राधा इतने करीब से लन्ड को देख कर डर गयी
अरे बाप रे बाबा ए क्या है, लिंग है राधा बाबा ए कितना मोटा है और लम्बा बाप रे कैसे मम्मी इसको उफ्………………… मैने कहा तुम देखती जाओ राधा तीन
चार दिन में ए तुम पुरी तरह निगल जाओगी वो शायद नहीं समझी मेरी बात और चुप चाप मेरे कहे अनुसार लेप लन्ड पर लगा कर मुठियाने लगी फिर मैने
कहा राधा इसे मुख में लेकर खूब जोर जोर से सुरक सुरक कर पियो वो मुख खोल कर लाल सुपाड़ा अन्दर लेना चाह रही थी पर कामयाब नहीं हुई तब मैने कहा
चलो तुम्हारा मुख छोटा है एककाम करो लाल सुपाड़े के अगले हिस्से पर मुख रख कर उसके छेद को चूसो वो वैसा ही करने लगी मेरे कहे अनुसार मेरी दोनों
गोलियों को सहला भी रही थी और मैं लन्ड को अपने हाथ से नीचे से ऊपर की ओर झटक रहा था करीब आधा घन्टा बाद राधा के मुख मे एक पाव वीर्य उलट
दिया वो बड़ी तेजी से उलट कर ऊई ऊई करके वोमटिंग सा करते हुए बोली अरे बाप रे ए क्या है कैसा लग रहा है नमकीन नमकीन छी न चाहते हुए भी कुछ
माल उसके हलक से नीचे उतर गया था, उस दिन की पूजा मैनें वहीं समाप्त कर दी।
अब दूसरे दिन की पूजा शुरू हुई मैने पुन: राधा का सन्कल्प करवा कर उसे तखत पर नन्गा लिटा दिया और अब खुद भी नन्गा होकर उसके गर्दन से लेप
मालिश करते हुए बुर तक पहुंच कर फिर मुख से गर्दन पर चूमते हुए दोनों छोटी चूचियों को चुभला चुभला कर पीते हुए जीभ को सरकाते हुए नाभी तक लाता
और फिर ऊपर की ओर चला जाता और हाथ उसके बुर के ऊपर के बालों को सहलाते उन्गुली बुर के छेद पर करतब दिखा रही थी राधा मस्त होती जा रही थी
और वो अपने छोटे कोमल हाथों से मेरे मूसल लन्ड को मुठिया रही थी काफी देर तक ए क्रीड़ा चलती रही फिर मैनें अपने लन्ड पर ढेर सारा तेल लगा कर
राधा के गर्दन पर रगड़ते हुए लाल सुपाड़े को चूचियों के निप्पल पर घुमाने लगा और फिर दोनों चूचियों के बीच में रगड़ते हुए नाभी तक ले जाता और उसकी
नाभि पर लन्ड के सुपाड़े को हल्के से पटक देता इससे राधा इतना मस्त हो रही थी कि उसकी बुर नशे से फूल कर कचौड़ी हो गयी अब मैं राधा के नीचे पहुंच
गया था और लन्ड का अगला भाग राधा के बुर के पतले होठों पर रगड़ने लगा फिर उसकी बुर के होठों को फैला कर उसकी गुलाबी पन्खुड़ियों पर सुपाड़ा रगड़ते
हुए बुर की छेद पर भी रगड़ देता कभी लन्ड को ऊपर से नीचे सरकाता कभी नीचे से ऊपर, उसके बुर का छेद मुश्किल से दो इन्च चौड़ा रहा होगा राधा जल बिन
मछली की तरह तड़प रही थी मैं रगड़ते हुए उसकी चूची मर्दन भी करता जा रहा था बीच बीच में झुक कर चूचियों को चूस भी लेता था, लन्ड में बहुत सारा तेल
लगा होने के कारण और बुर के छेद पर रगड़ने से राधा की बुर चिकनी हो गयी अब मैं राधा की कमर पकड़ कर लन्ड के सुपाड़े को धीरे से राधा की बुर के छेद
पर टिका कर एक हल्का झटका दिया पर विफल हो गया लन्ड सट से सरक कर बुर की फालों के बीच से झांटों के रास्ते ऊपर को निकल गया राधा चौंक गयी और
बोली बाबा अन्दर मत घुसाइए इतना मोटा और बड़ा मेरे अन्दर नहीं जा पाएगा मैने कहा चिन्ता मत करो बस दूसरे तरह से रगड़ रहा हूं, वो चुप चाप लेटी रही,
मैने दूसरा प्रयास किया अबकी बार लन्ड सट से सरक कर गाँड की तरफ भाग गया राधा को इस रगड़ घिस मे मजा आ रहा था वो बोली वाह बाबा ए लेप लगाने
का मस्त तरीका है, मजा आ रहा है, वो एकदम खुल चुकी थी, अबकी बार मैने लन्ड को पकड़ कर उसके छेद पर रखा और झुक कर देखा कि ऐसा क्यों हो रहा
है तो देखा कि राधा के बुर की छेद से मेरा लन्ड काफी मोटा था इसलिए अन्दर नहीं जा रहा था इधर उधर सरक जा रहा था, छेद पर रख कर लन्ड को थोड़ा
दाए बाए हिला कर बुर के मुख को हल्का सा सुपाड़े में फन्सा कर हल्के से ठेलने लगा बस लन्ड को सही रास्ता मिल गया था राधा चिल्लाने लगी अरे बाबा अन्दर
जा रहा है, मैने कहा थोड़ा सा जाने दो बस, वो चुप चाप लेटी रही, और सुपाड़े का जरा सा हिस्सा बुर में चला गया था, उसी पर मैने फिर जोर लगा दिया अबकी
बार बुर की दीवारों को बुरी तरह से रगड़ते हुए लाल सुपाड़ा अन्दर हो गया राधा एकदम से चिल्ला उठी और बड़ी तेजी से बुर को पीछे खींचने लगी पर मैं कमर
पकड़ रखा था वो सफल न हो सकी मैं उसी पोजीशन में रुक गया और उसकी चूचियों को रगड़ने लगा और धीरे धीरे सुपाड़े को ही हिलाने लगा वो चिल्ला कर कह
रही थी बाबा बस मर जाऊंगी लग रहा है जैसे गरम मुग्दर पेल दिया मेरी फुद्दी में मैने कहा घबराओ मत अभी गुद्गुदी होने लगेगी उसी तरह कुछ देर रगड़ने के बाद
बुर थोड़ी सी ढीली हो गयी थी, अब मैं धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा इतना आहिस्ते से ऊपर नीचे कर रहा था कि राधा को पता ही नहीं चला कि कब तीन इन्च लन्ड
बुर में चला गया, बुर और लन्ड दोनों तेल और पानी से चिकने हो गये थे, अब शायद लन्ड कौमार्य की झिल्ली तक पहुंच गया था मैने राधा को बातों में उलझाया
कहा राधा तुम आज पहली बार चुद रही हो और ए चुद नही रही हो बल्की तुम्हारे कोख तक पहुंचने का रास्ता मैं बना रहा हूं पहली बार थोड़ी सी समस्या होती है,
उसके बाद देखना तुम कितने मजे पाने वाली हो तुम्हारा भाग्य उदय हो गया समझो क्योंकि ऐसे लन्ड के लिए लोग तरसते हैं जो तुम्हे मुफ्त मे मिल गया एक दिन
सोचोगी कि काश वो बाबा का लन्ड हमेशा मेरे पास होता, और एक जोर दार धक्का दे मारा अबकी न चाहते हुए भी राधा की चीख निकल पड़ी और वो रोने लगी आंख से
आंसू निकलने लगे माथे से पसीने छूट गये मेरे एक झटके से चार इन्च लन्ड और घुस चुका था और उसकी कौमार्य झिल्ली फट गयी थी बुर और लन्ड से रिसता हुआ लाल
पानी नीचे एकदम गरम गरम गिर रहा था वो बोल रही थी बाबा बहुत जलन हो रहा है बस अब निकाल लो मै मर जाऊंगी और उसे वोम्टिंग भी आ रही थी, जोर जोर से
उगलाई ले रही थी शरीर बुखार की तरह गरम होता जा रहा था, मैं कुछ देर युं ही पड़ा रहा और उसकी चूचियों को पीता रहा पूरे शरीर को सहलाता रहा कुछ देर के बाद
लन्ड को हल्के से हिलाया वो फिर चीख पड़ी बोली बाबा लगता है मेरी बुर फट गयी है बहुत जोर का दर्द हो रहा है, मैने कहा चिन्ता मत करो अभी कुछ देर में ही तुम्हे
मजा आने लगेगा, फिर मैं उसकी चीख पुकार की चिन्ता किए बिना ही धक्के देने लगा उसी चीख पुकार में कब तीन इन्च लन्ड और चला गया पता ही न चला हर बार
ऐसा लगता जैसे बुर मे रगड़ते हुए लन्ड जा रहा था इतनी टाईट बुर मैं आज तक न चोदा था ऐसे लग रहा था जैसे एक बहुत छोटा सा नाग बिल्ली को निगल रहा हो,
जब मैं लन्ड बाहर की तरफ खींचता तो ढेर सारा लाल पानी बाहर आता साफ पता चल रहा था कि झिल्ली फटने की वजह से और बुर में नया रास्ता बनाने की वजह से
बुर काफी क्षति ग्रस्त हो गयी है, करीब आधे घन्टे बाद उसकी बुर ढीली होने लगी और लाल पानी भी बन्द हो गया पर टाईट बुर की वजह से मै आपा खो बैठा और लन्ड
वीर्य की बौछार से बुर को भर दिया शायद ये गरम माल बुर को राहत पहुंचा रहा था राधा बोल रही थी बाबा लगता है आपका सफेदा निकल गया लग रहा है अन्दर कोई
दवा लग गया दर्द कम हो रहा है, मैं लन्ड को अन्दर डाले ही राधा की चूचियो और शरीर से खेलने लगा कुछ देर बाद लन्ड पुनः जोश मे आ गया अबकी बार मैं लन्ड को
पूरा बाहर निकाल कर एक कपड़े से राधा की बुर साफ कर बहुत सारा वेसलीन लन्ड पर लगा कर उसकी बुर के छेद पर सुपाड़ा रख कर एक ही साट मे पूरा दे मारा वो
फिर से चीख पड़ी पर अबकी लन्ड सट से अन्दर चला गया दस बारह ठाप के बाद ही राधा भी चुतड़ उछालने लगी और फिर हमारी चुदाई रफ्तार पकड़ ली राधा की बुर भी
पानी छोड़ने लगी जिससे फच फच की आवाज आ रही थी और वो ऊ उ उ उ उ स स स स स कर चुदवाने लगी और फिर दोनों झड़ गये। इसी तरह पूजा के नाम पर राधा
बारह दिन चुदती रही फिर जब कोख्पवित्रम का नम्बर आया तो सीमा को उगलाई आ रही थी मुझे शन्का हुआ तो मैने प्रेगनेन्टी चेक किया वो पास्टिव थी मैने कहा जाकर
अल्ट्रासाउन्ड करवा कर चेक करो जब वो आयी तो खुश होकर के कहा बाबा लड़का ही है, मैने आगे की पूजा बन्द कर दी और राधा को बोल दिया जब भी तुम्हारा मन
करे आकर लन्ड का स्वाद ले सकती हो दोनों खुश थीं सीमा बहाने से अपने पति को दस दिन के लिए बुला लिया और मुझसे एक दिखावे की पूजा कर्वा कर पति से सेक्स
किया फिर पति को बताया कि आप बाप बनने वाले हो पति भी उल्ट्रासाउन्ड करवाकर खुश हो गया और मुझे दस हजार की भेंट देकर चला गया बाद में सीमा ने सुन्दर
लड़के को जन्म दिया वो पूरा परिवार आज भी हमारा परम भक्त है।
the end
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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