FUN-MAZA-MASTI
सौतेला बाप--38
अब आगे
**********
काव्या के जाते ही रश्मि जल्दी से तैयार हुई और ड्राइवर के साथ मार्केट निकल गयी..क्योंकि उसके पास तो पूल मे पहनने के लिए कोई स्वीमिंग सूट ही नही था..आज उसके मन मे ऐसी खुशी की लहर दौड़ रही थी जैसे वो फिर से जवानी की दहलीज पर पहुँच गयी है..वो अपने इस नये प्रेमी यानी विक्की को पूरी तरह से इंप्रेस कर देना चाहती थी..
वो सीधा एक माल में गयी और एक बड़े से रीटेल शोरुम के अंदर चली गयी..अंदर पूछने पर किसी ने बता भी दिया की फर्स्ट फ्लोर पर स्वीमिंग सूट्स का कलेक्शन है..वो उपर गयी तो वहां हेंगर्स मे लगे सूट्स को देखकर उसकी आँखे खुली रह गयी..ऐसे रंग बिरंगे स्वीमिंग सूट तो उसने मूवीस मे भी नहीं देखे थे..
तभी पीछे से आवाज़ आई
"मेम ...केन आई हेल्प यू..''
रश्मि ने पीछे मुड़कर देखा तो एक नेपाली लड़का खड़ा था..लगभग 22 की उम्र का..उसने टाई लगा रखी थी..वो था बड़ा गोरा चिट्टा और चिकना सा..उसकी स्माइल देखकर रश्मि भी उस पर मोहित हो गयी..
पर अगले ही पल उसे ख्याल आया की वो तो लेडीस सेक्शन है...और ख़ासकर स्वीमिंग सूट के लिए तो कोई लड़की ही होनी चाहिए वहां पर..
रश्मि : "या...पर यहाँ कोई लड़की नही है...इस सेक्शन के लिए..''
उसने एक हेंगर अपने हाथ मे लेकर कहा..
लड़का, जिसका नाम राघव था, बोला : "सॉरी मेम ..यहा जो लड़की है वो आज छुट्टी पर है..बट आई केन हेल्प यू ...''
इतना कहकर उसकी नज़र सीधा रश्मि के वक्षस्थल पर गयी..उसका साइज़ जानने के लिए..और उसके चेहरे पर अजीब सी स्माइल आ गयी..और फिर उसकी नज़रें नीचे उसकी गांड तक गयी...उसको स्केन करते हुए..और अच्छी तरह से अपनी एक्सरे मशीन पर उसको परखने के बाद राघव बोला : "मेम ....आप बॉडी कवर सूट लेना चाहेंगी या टू पीस बिकिनी...''
रश्मि को बहुत शर्म आ रही थी..जब राघव ने उसके शरीर को अपनी नज़रों के इंचीटेप से नापा था..वो अंदर से काफ़ी असहज महसूस कर रही थी..पर साथ ही साथ उसके दिल की धड़कने भी बढ़ गयी थी..
उसके अंदर से आवाज़ आई 'ये हो क्या रहा है रश्मि...आजकल तू कुछ ज़्यादा ही नोटी नही हो रही है क्या......पहले विक्की और अब ये नेपाली लड़का..जवान बेटी की माँ है तू..और तू है की उसी उम्र के लड़को को देखकर तेरा मन मचल रहा है आजकल...'
वो अपने अंतर्मन की आवाज़ सुनकर खुद ही शरमा गयी...उसे ऐसे मंद -2 मुस्कुराते हुए देखकर राघव बोला : "मेम ...प्लीस आप मेरे साथ वहां आइए...आपके साइज़ के स्विमवीयर वहां पर है..''
दोपहर का समय था..और उपर वाले फ्लोर पर ज़्यादा भीड़ भी नही थी..ऐसे मे अपने मचलते हुए अरमानो के साथ वो होले -2 मुस्कुराती हुई राघव के पीछे चल दी.
रश्मि ने नोट किया की उस सेक्शन में उसके साइज़ के ही स्वीमिंग सूट्स थे..और पास ही एक डम्मी भी खड़ी थी,एक लड़की की, जिसपर एक बड़ा ही खूबसूरत सा टू पीस वाला स्वीमिंग सूट लगा हुआ था..
रश्मि ने उसे देखा और वो उसके लिए बोलने ही वाली थी की राघव उसकी मंशा समझ कर बोला : "ये वाला बहुत बाड़िया पीस है मेम ...ये लीजिए..ये रहा..''
पतली डोरी से बँधे तिकोने थे बस..जो सिर्फ़ आधे मुम्मे को ही ढक सकते थे..डम्मी के मुम्मे तो लगभग 32 थे पर फिर भी उसकी साइड्स बाहर निकल रही थी...रश्मि का साइज़ तो 38 था...वो तो उसको आधे भी कवर नही कर पाएँगे...
रश्मि धीरे से बोली : "पर ये छोटा लग रहा है...''
राघव : "नही मेम ...ये स्ट्रेचेबल कपड़ा है...ये स्ट्रेच करते हुए पूरी ब्रेस्ट को कवर करेगा...ये देखिए...''
और उसने रश्मि के हाथ से लेकर आगे वाले कपड़े को दोनो हाथो से खींचा..और वो फैलकर लगभग दुगने आकार का हो गया..
राघव : "आप अगर पीछे से ज़ोर से नॉट बाँधेंगी तो ये पूरा कवर करेगा ...ये 36-38 साइज़ के लिए ही है...''
रश्मि समझ गयी की उसने अपनी आँखो से सही से नाप लिया है उसके मुम्मों का..क्योंकि उसका साइज़ 38 ही था
और अचानक उसके मन मे उसके साथ मज़ा लेने की सूझी..
रश्मि : "पर मेरा साइज़ तो 40 है...ये छोटा ही रहेगा...''
राघव एकदम से हड़बड़ा सा गया : "नही..नही मेम ...ये आपके साइज़ का ही है...आपके 40??? लगते तो नही है...''
रश्मि (उसकी आँखो मे देखकर) : "मेरी प्रॉपर्टी है...मुझे अच्छी तरह पता है...''
राघव (थोड़ा शरमाते हुए) : "बट मेम ...इसमे तो 40 साइज़ आता ही नही है...आपको मैं कुछ और दिखाऊ क्या..''
उसे शायद अभी तक विश्वास नही हो पा रहा था की रश्मि का साइज़ 40 है...उसकी पारखी आँखे ऐसे धोखा नही खा सकती थी..
रश्मि ने उसके चेहरे की तरफ देखा और एकदम से उसके मुँह से हँसी निकल गयी : "हा हा ....आई एम सॉरी....मैं तो मज़ाक कर रही थी...तुमने ठीक कहा था..38 ही है ...''
रश्मि की बात सुनकर राघव भी मुस्कुरा उठा.. : "क्या मेम ...आप भी ना ..''
और फिर हंसते हुए उसने नीचे से उस पीस के चार कलर निकाल कर सामने रख दिए ..रश्मि ने रेड और वाइट के कॉम्बो वाला पीस लिया...क्योंकि वो उसके उजली स्किन पर बहुत जंच रहा था..
राघव : "आप चाहे तो एक बार ट्राइ करके भी देख सकती है...नही तो चेंज करने के लिए आना पड़ेगा आपको..''
रश्मि जानती थी की वो अच्छी तरह से आ जाएगा उसके बदन पर...फिर भी थोड़ा और मज़ा लेने के लिए उसने राघव की बात मान ली...वो देखना चाहती थी की विक्की को भी क्या वो ड्रेस पसंद आएगी..क्योंकि राघव की उम्र भी लगभग विक्की के जितनी ही थी..
उसने वो टू पीस बिकनी ली और चेंजिंग रूम की तरफ चल दी..अंदर जाकर उसने अपना सूट और सलवार उतार दी..फिर ब्रा और पेंटी भी...सामने के शीशे मे उसने अपने बदन को बड़े ही गौर से देखा...और तब उसे ख्याल आया की उसे तो हेयर भी रिमूव करने है...टाँगो के..हाथो के...चूत तो उसने कल ही सॉफ कर ली थी घर पर...इसलिए जल्द से जल्द यहाँ से निकल कर उसे पार्लर भी जाना होगा..
उसने जल्दी से वो कच्छी पहनी जो उसके बड़े-2 कूल्हों से बुरी तरह से लिपट कर पूरी तरह से कवर हो गयी..उसने गोर से देखा तो उसे अपनी केमल टो भी सॉफ नज़र आई..और गीली होने के बाद तो ये और भी अच्छी तरह से चमक कर दिखेगी...
फिर उसने वो उपर वाला पीस भी पहन लिया..पर पीछे हाथ करते हुए वो सही से बाँध नही पा रही थी उसको...ब्रा के हुक तो वो आगे की तरफ खिसका कर लगा लेती थी..पर ये नॉट कैसे बाँधे..क्योंकि गले के पीछे और कमर के पीछे दो जगह नॉट लगानी थी...उसने गले के पीछे वाली तो बांध ली पर पीछे हाथ करके वो कमर वाली नही बाँध पा रही थी...
उसने धीरे से दरवाजा खोला तो देखा की राघव बिल्कुल बाहर ही खड़ा है..जैसे उसके किसी आदेश का इंतजार कर रहा हो..
रश्मि : "ये पीछे वाली नॉट नही बंध रही....''
राघव : "मेम .इसके लिए आपको किसी कि हेल्प लेनी पड़ेगी...अभी के लिए मैं बांध देता हूँ ...''
और वो बिना किसी परमिशन के दरवाजा धकेल कर अंदर ही आ गया..रश्मि ने घबराकर दरवाजा फिर से बंद कर दिया
राघव ने बड़े ही आराम से रश्मि के पीछे जाकर दोनो डोरियो को पकड़ा...और उन्हे पीछे की तरफ खींचा..ऐसा करते ही रश्मि के दोनो थन छोटे से कपड़े के शिकंजे मे आकर कस गये
राघव : "इतना ठीक है या और टाइट करू मेम ...'' उसने ठीक रश्मि के कंधे के पीछे से सिर निकाल कर आगे की तरफ देखा..और उसके कान मे कहा..
रश्मि जानती थी की जिस एंगल से राघव देख रहा है..उसकी क्लीवेज़ के साथ-2 अंदर तक की घाटी भी सॉफ दिख रही होगी उसको...
रश्मि ने जब अपनी नज़रें नीचे करके अपनी छातियों को देखा तो उसने पाया की ज़्यादा उत्तेजना की वजह से उसके दोनो निप्पल बुरी तरह से अकड़ कर सॉफ दिख रहे हैं...
रश्मि : "पर...ये ...इनका इंप्रेशन सॉफ दिख रहा है यहाँ पर...''
रश्मि की उंगली अपने निप्पल पर थी और वो शीशे मे देखकर पीछे खड़े राघव को बोल रही थी..
राघव एकदम से घूमकर आगे आ गया और बड़े ही गौर से रश्मि की छाती पर उगे निप्पल को देखने लगा...रश्मि को तो ऐसा फील हो रहा था की वो एकदम से नंगी खड़ी है उसके सामने..छोटी सी चड्डी और नाममात्र की ब्रा मे तो उसको पता ही नही चल पा रहा था की उसने कुछ पहना भी है या नही..
राघव : "ओहो...ये तो बहुत बड़े हैं...तभी दिख रहे हैं...''
रश्मि की समझ मे नही आया की वो उसके मुम्मों के बारे मे बोल रहा है या उसके लम्बे निप्पल्स के बारे मे..
राघव : "आप चिंता मत करिए मेम ..मेरे पास इसका भी इलाज है..''
इतना कहकर वो बाहर निकल गया..
जब तक वो बाहर था...रश्मि घूम-घूमकर हर एंगल से अपने शरीर को निहार रही थी...कपड़े की फिटिंग सच मे काफ़ी अच्छी थी..और वो कलर भी काफ़ी जंच रहा था...उसके दोनो उरोजों को संभाले हुए वो छोटी सी ब्रा भी काफ़ी सेक्सी लग रही थी..
फिर वो उछल-२ कर देखने लगी की कहीं ज्यादा जोर पड़ने से पीछे वाली डोरी तो नहीं खुल जाएगी, पर जब ऐसा नही हुआ तो वो निश्चिंत हो गयी
वो अपने आप को निहार ही रही थी की दरवाजा फिर से खुला और राघव अंदर आ गया.
उसके हाथ मे दो बड़े सिक्के के आकार की चीज़ थी...जो बीच मे से दबी हुई थी..जैसे कोई छोटी सी उड़न तश्तरी
राघव : "ये लीजिए मेम ...इन्हे अंदर लगा लीजिए..''
रश्मि ने उसे अपने हाथ मे लिया और बोली : "ये क्या है ...''
राघव : "मेम ....ये लगाने के बाद आपके निप्स का इंप्रेशन बाहर नही दिखेगा...इसमें सेल्फ एडहेसिव लगा है जिसकी वजह से एक ही जगह पर चिपका रहेगा ,हिलेगा भी नहीं , अगर आपको वो नही दिखाना तो आप ये लगा लीजिए अंदर...नही तो ऐसे ही रहने दो...आप काफ़ी सेक्सी लग रही है इसमें ...''
राघव की पेंट मे उसका उभार सॉफ दिख रहा था.
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सौतेला बाप--38
अब आगे
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काव्या के जाते ही रश्मि जल्दी से तैयार हुई और ड्राइवर के साथ मार्केट निकल गयी..क्योंकि उसके पास तो पूल मे पहनने के लिए कोई स्वीमिंग सूट ही नही था..आज उसके मन मे ऐसी खुशी की लहर दौड़ रही थी जैसे वो फिर से जवानी की दहलीज पर पहुँच गयी है..वो अपने इस नये प्रेमी यानी विक्की को पूरी तरह से इंप्रेस कर देना चाहती थी..
वो सीधा एक माल में गयी और एक बड़े से रीटेल शोरुम के अंदर चली गयी..अंदर पूछने पर किसी ने बता भी दिया की फर्स्ट फ्लोर पर स्वीमिंग सूट्स का कलेक्शन है..वो उपर गयी तो वहां हेंगर्स मे लगे सूट्स को देखकर उसकी आँखे खुली रह गयी..ऐसे रंग बिरंगे स्वीमिंग सूट तो उसने मूवीस मे भी नहीं देखे थे..
तभी पीछे से आवाज़ आई
"मेम ...केन आई हेल्प यू..''
रश्मि ने पीछे मुड़कर देखा तो एक नेपाली लड़का खड़ा था..लगभग 22 की उम्र का..उसने टाई लगा रखी थी..वो था बड़ा गोरा चिट्टा और चिकना सा..उसकी स्माइल देखकर रश्मि भी उस पर मोहित हो गयी..
पर अगले ही पल उसे ख्याल आया की वो तो लेडीस सेक्शन है...और ख़ासकर स्वीमिंग सूट के लिए तो कोई लड़की ही होनी चाहिए वहां पर..
रश्मि : "या...पर यहाँ कोई लड़की नही है...इस सेक्शन के लिए..''
उसने एक हेंगर अपने हाथ मे लेकर कहा..
लड़का, जिसका नाम राघव था, बोला : "सॉरी मेम ..यहा जो लड़की है वो आज छुट्टी पर है..बट आई केन हेल्प यू ...''
इतना कहकर उसकी नज़र सीधा रश्मि के वक्षस्थल पर गयी..उसका साइज़ जानने के लिए..और उसके चेहरे पर अजीब सी स्माइल आ गयी..और फिर उसकी नज़रें नीचे उसकी गांड तक गयी...उसको स्केन करते हुए..और अच्छी तरह से अपनी एक्सरे मशीन पर उसको परखने के बाद राघव बोला : "मेम ....आप बॉडी कवर सूट लेना चाहेंगी या टू पीस बिकिनी...''
रश्मि को बहुत शर्म आ रही थी..जब राघव ने उसके शरीर को अपनी नज़रों के इंचीटेप से नापा था..वो अंदर से काफ़ी असहज महसूस कर रही थी..पर साथ ही साथ उसके दिल की धड़कने भी बढ़ गयी थी..
उसके अंदर से आवाज़ आई 'ये हो क्या रहा है रश्मि...आजकल तू कुछ ज़्यादा ही नोटी नही हो रही है क्या......पहले विक्की और अब ये नेपाली लड़का..जवान बेटी की माँ है तू..और तू है की उसी उम्र के लड़को को देखकर तेरा मन मचल रहा है आजकल...'
वो अपने अंतर्मन की आवाज़ सुनकर खुद ही शरमा गयी...उसे ऐसे मंद -2 मुस्कुराते हुए देखकर राघव बोला : "मेम ...प्लीस आप मेरे साथ वहां आइए...आपके साइज़ के स्विमवीयर वहां पर है..''
दोपहर का समय था..और उपर वाले फ्लोर पर ज़्यादा भीड़ भी नही थी..ऐसे मे अपने मचलते हुए अरमानो के साथ वो होले -2 मुस्कुराती हुई राघव के पीछे चल दी.
रश्मि ने नोट किया की उस सेक्शन में उसके साइज़ के ही स्वीमिंग सूट्स थे..और पास ही एक डम्मी भी खड़ी थी,एक लड़की की, जिसपर एक बड़ा ही खूबसूरत सा टू पीस वाला स्वीमिंग सूट लगा हुआ था..
रश्मि ने उसे देखा और वो उसके लिए बोलने ही वाली थी की राघव उसकी मंशा समझ कर बोला : "ये वाला बहुत बाड़िया पीस है मेम ...ये लीजिए..ये रहा..''
पतली डोरी से बँधे तिकोने थे बस..जो सिर्फ़ आधे मुम्मे को ही ढक सकते थे..डम्मी के मुम्मे तो लगभग 32 थे पर फिर भी उसकी साइड्स बाहर निकल रही थी...रश्मि का साइज़ तो 38 था...वो तो उसको आधे भी कवर नही कर पाएँगे...
रश्मि धीरे से बोली : "पर ये छोटा लग रहा है...''
राघव : "नही मेम ...ये स्ट्रेचेबल कपड़ा है...ये स्ट्रेच करते हुए पूरी ब्रेस्ट को कवर करेगा...ये देखिए...''
और उसने रश्मि के हाथ से लेकर आगे वाले कपड़े को दोनो हाथो से खींचा..और वो फैलकर लगभग दुगने आकार का हो गया..
राघव : "आप अगर पीछे से ज़ोर से नॉट बाँधेंगी तो ये पूरा कवर करेगा ...ये 36-38 साइज़ के लिए ही है...''
रश्मि समझ गयी की उसने अपनी आँखो से सही से नाप लिया है उसके मुम्मों का..क्योंकि उसका साइज़ 38 ही था
और अचानक उसके मन मे उसके साथ मज़ा लेने की सूझी..
रश्मि : "पर मेरा साइज़ तो 40 है...ये छोटा ही रहेगा...''
राघव एकदम से हड़बड़ा सा गया : "नही..नही मेम ...ये आपके साइज़ का ही है...आपके 40??? लगते तो नही है...''
रश्मि (उसकी आँखो मे देखकर) : "मेरी प्रॉपर्टी है...मुझे अच्छी तरह पता है...''
राघव (थोड़ा शरमाते हुए) : "बट मेम ...इसमे तो 40 साइज़ आता ही नही है...आपको मैं कुछ और दिखाऊ क्या..''
उसे शायद अभी तक विश्वास नही हो पा रहा था की रश्मि का साइज़ 40 है...उसकी पारखी आँखे ऐसे धोखा नही खा सकती थी..
रश्मि ने उसके चेहरे की तरफ देखा और एकदम से उसके मुँह से हँसी निकल गयी : "हा हा ....आई एम सॉरी....मैं तो मज़ाक कर रही थी...तुमने ठीक कहा था..38 ही है ...''
रश्मि की बात सुनकर राघव भी मुस्कुरा उठा.. : "क्या मेम ...आप भी ना ..''
और फिर हंसते हुए उसने नीचे से उस पीस के चार कलर निकाल कर सामने रख दिए ..रश्मि ने रेड और वाइट के कॉम्बो वाला पीस लिया...क्योंकि वो उसके उजली स्किन पर बहुत जंच रहा था..
राघव : "आप चाहे तो एक बार ट्राइ करके भी देख सकती है...नही तो चेंज करने के लिए आना पड़ेगा आपको..''
रश्मि जानती थी की वो अच्छी तरह से आ जाएगा उसके बदन पर...फिर भी थोड़ा और मज़ा लेने के लिए उसने राघव की बात मान ली...वो देखना चाहती थी की विक्की को भी क्या वो ड्रेस पसंद आएगी..क्योंकि राघव की उम्र भी लगभग विक्की के जितनी ही थी..
उसने वो टू पीस बिकनी ली और चेंजिंग रूम की तरफ चल दी..अंदर जाकर उसने अपना सूट और सलवार उतार दी..फिर ब्रा और पेंटी भी...सामने के शीशे मे उसने अपने बदन को बड़े ही गौर से देखा...और तब उसे ख्याल आया की उसे तो हेयर भी रिमूव करने है...टाँगो के..हाथो के...चूत तो उसने कल ही सॉफ कर ली थी घर पर...इसलिए जल्द से जल्द यहाँ से निकल कर उसे पार्लर भी जाना होगा..
उसने जल्दी से वो कच्छी पहनी जो उसके बड़े-2 कूल्हों से बुरी तरह से लिपट कर पूरी तरह से कवर हो गयी..उसने गोर से देखा तो उसे अपनी केमल टो भी सॉफ नज़र आई..और गीली होने के बाद तो ये और भी अच्छी तरह से चमक कर दिखेगी...
फिर उसने वो उपर वाला पीस भी पहन लिया..पर पीछे हाथ करते हुए वो सही से बाँध नही पा रही थी उसको...ब्रा के हुक तो वो आगे की तरफ खिसका कर लगा लेती थी..पर ये नॉट कैसे बाँधे..क्योंकि गले के पीछे और कमर के पीछे दो जगह नॉट लगानी थी...उसने गले के पीछे वाली तो बांध ली पर पीछे हाथ करके वो कमर वाली नही बाँध पा रही थी...
उसने धीरे से दरवाजा खोला तो देखा की राघव बिल्कुल बाहर ही खड़ा है..जैसे उसके किसी आदेश का इंतजार कर रहा हो..
रश्मि : "ये पीछे वाली नॉट नही बंध रही....''
राघव : "मेम .इसके लिए आपको किसी कि हेल्प लेनी पड़ेगी...अभी के लिए मैं बांध देता हूँ ...''
और वो बिना किसी परमिशन के दरवाजा धकेल कर अंदर ही आ गया..रश्मि ने घबराकर दरवाजा फिर से बंद कर दिया
राघव ने बड़े ही आराम से रश्मि के पीछे जाकर दोनो डोरियो को पकड़ा...और उन्हे पीछे की तरफ खींचा..ऐसा करते ही रश्मि के दोनो थन छोटे से कपड़े के शिकंजे मे आकर कस गये
राघव : "इतना ठीक है या और टाइट करू मेम ...'' उसने ठीक रश्मि के कंधे के पीछे से सिर निकाल कर आगे की तरफ देखा..और उसके कान मे कहा..
रश्मि जानती थी की जिस एंगल से राघव देख रहा है..उसकी क्लीवेज़ के साथ-2 अंदर तक की घाटी भी सॉफ दिख रही होगी उसको...
रश्मि ने जब अपनी नज़रें नीचे करके अपनी छातियों को देखा तो उसने पाया की ज़्यादा उत्तेजना की वजह से उसके दोनो निप्पल बुरी तरह से अकड़ कर सॉफ दिख रहे हैं...
रश्मि : "पर...ये ...इनका इंप्रेशन सॉफ दिख रहा है यहाँ पर...''
रश्मि की उंगली अपने निप्पल पर थी और वो शीशे मे देखकर पीछे खड़े राघव को बोल रही थी..
राघव एकदम से घूमकर आगे आ गया और बड़े ही गौर से रश्मि की छाती पर उगे निप्पल को देखने लगा...रश्मि को तो ऐसा फील हो रहा था की वो एकदम से नंगी खड़ी है उसके सामने..छोटी सी चड्डी और नाममात्र की ब्रा मे तो उसको पता ही नही चल पा रहा था की उसने कुछ पहना भी है या नही..
राघव : "ओहो...ये तो बहुत बड़े हैं...तभी दिख रहे हैं...''
रश्मि की समझ मे नही आया की वो उसके मुम्मों के बारे मे बोल रहा है या उसके लम्बे निप्पल्स के बारे मे..
राघव : "आप चिंता मत करिए मेम ..मेरे पास इसका भी इलाज है..''
इतना कहकर वो बाहर निकल गया..
जब तक वो बाहर था...रश्मि घूम-घूमकर हर एंगल से अपने शरीर को निहार रही थी...कपड़े की फिटिंग सच मे काफ़ी अच्छी थी..और वो कलर भी काफ़ी जंच रहा था...उसके दोनो उरोजों को संभाले हुए वो छोटी सी ब्रा भी काफ़ी सेक्सी लग रही थी..
फिर वो उछल-२ कर देखने लगी की कहीं ज्यादा जोर पड़ने से पीछे वाली डोरी तो नहीं खुल जाएगी, पर जब ऐसा नही हुआ तो वो निश्चिंत हो गयी
वो अपने आप को निहार ही रही थी की दरवाजा फिर से खुला और राघव अंदर आ गया.
उसके हाथ मे दो बड़े सिक्के के आकार की चीज़ थी...जो बीच मे से दबी हुई थी..जैसे कोई छोटी सी उड़न तश्तरी
राघव : "ये लीजिए मेम ...इन्हे अंदर लगा लीजिए..''
रश्मि ने उसे अपने हाथ मे लिया और बोली : "ये क्या है ...''
राघव : "मेम ....ये लगाने के बाद आपके निप्स का इंप्रेशन बाहर नही दिखेगा...इसमें सेल्फ एडहेसिव लगा है जिसकी वजह से एक ही जगह पर चिपका रहेगा ,हिलेगा भी नहीं , अगर आपको वो नही दिखाना तो आप ये लगा लीजिए अंदर...नही तो ऐसे ही रहने दो...आप काफ़ी सेक्सी लग रही है इसमें ...''
राघव की पेंट मे उसका उभार सॉफ दिख रहा था.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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