FUN-MAZA-MASTI
प्यार की चाहत
हैल्लो फ्रेंड्स मैं आपको अपना परिचय कराता हूँ। दोस्तों मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र 22 साल की है। मैं दिल्ली का रहने बाला हूँ। दोस्तों ये स्टोरी मेरी एक सच्ची स्टोरी है। ये तब की है, जब मैं वहाँ पर पढ़ाई कर रहा था। में दिल्ली मे एक कॉलोनी मे रहता था। वहाँ पर बहुत सारे मैस थे जिसमे सारे आवारा लड़के, लड़कियाँ रहते थे। मैं वहाँ पर अक्सर घूमता फिरता था। तभी एक दिन घूमने के वक्त मैने एक लड़की को वहाँ पर देखा फिर उसे लाईन मारने लगा उसके साथ और भी लड़कियाँ थी। वो भी सभी ये बात नोटीस कर रही थी।
ये काम करीब 15-17 दिन तक चला फिर अचानक से लड़कियाँ गायब हो गई। फिर मैं एक दिन घूम रहा था और तभी में उस लड़की की फ्रेंड को देखा, वो मुझे देखकर मुस्कुराई फिर मेरा मन किया कि मैं खुद उसके पास जाकर उससे बात करूं, फिर मै उसके पास गया तब उससे बात करने पर उसने अपना नाम सुप्रिया बताया और हमने कुछ देर बात की, फिर मैने आते वक्त उससे उसका मोबाईल नंबर ले लिया और उसने भी मेरे नंबर ले लिये।
फिर दो दिन के बाद उसने मुझे फोन किया कि वो मुझसे मिलना चाहती है। फिर मैने कहा कि ठीक है और मैं उससे मिलने चला गया। ये सिलसिला सात दिन तक चला। फिर एक दिन उसने मुझे बातो बातो मे प्रपोज़ किया और मुझे आई लव यू कहा, फिर मैने भी उसे मन ही मन अपनी आँखों से आई लव यू टू कहा और उसे गले लगा लिया। वो दिखने मे बहुत सुंदर थी कलर थोड़ा गौरा था, लेकिन उसके फिगर कयामत थे उसके फिगर करीब 34-28-36 थे। जब उसने मुझे प्रपोज़ किया तो मैं कुछ भी नहीं बोला।
फिर जब मै रात को सोने जा रहा था, तो मेरे सामने उसकी नंगी तस्वीर नाचने लगी और फिर मैने सोच लिया कि कैसे भी करके मुझे इसे चोदना है। फिर अगले दिन सबह जब वो मुझे मिली तो कहने लगी कि, बोले तुमने क्या सोचा? तभी मैने उसे प्यार के लिए मना कर दिया और बोला कि हमारा कास्ट अलग है और हम सफल नहीं हो सकते। तो वो थोड़ी देर शांत हो गई और बोली तो फिर जब तक हम पास हैं, तो प्यार कर सकते हैं। फिर मैं थोड़ा सोचने लगा और बोला कि ठीक है। फिर हम दोनो मे बातचीत चलती रही।
फिर करीब 10-15 दिन के बाद मैं घर आया था तो उसको भी कुछ जरुरी काम की वजह से आना पड़ा। मैं जिस दिन रिटर्न जाने वाला था उस दिन उसका फोन आया मैने बोला कि मै आज जा रहा हूँ, तो वो बोली कि ठीक है मुझे भी आज रिटर्न जाना है और फिर मैने कहा कि तो फिर मै दो टिकिट बुक करवा लेता हूँ। तभी मेरे तो मन मे जैसे लड्डू फूटने लगे क्योंकि पूरी रात भर मैं उसके साथ ट्रॅवेल करूँगा। फिर रात को करीब 10 बजे हम लोग बस मे चड़ गये। ठंड का महीना था।
मैं सिर्फ़ एक जेकेट पहने हुए था और वो एक शोल और जेकेट पहने हुई थी। फिर जब मुझसे ठंड सही नहीं गई तो वो मुझे देखकर बोली ये शोल थोड़ा बड़ा है और तुम भी ओढ़ लो मैने कहा कि ठीक है और मैं भी शोल के अंदर चला गया हम दोनो यूँ ही बात कर रहे थे। तभी कुछ देर के बाद अचानक से बस ने ब्रेक मार दिये तो मेरे हाथ उसके बूब्स मे लग गये, फिर मैने उसे सॉरी बोला तो वो ठीक है बोली और मुस्कुरा दी। तभी कुछ देर बाद मैने उसे अपनी मर्जी से छूना चाहा और धीरे धीरे उसे टच करने लगा कभी बूब्स तो कभी गांड लेकिन वो कुछ भी नहीं बोली, तब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था और वो मुस्कुराई मैने फिर थोड़ी देर के बाद मेरा हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और सहलाने लगा तो वो मेरे हाथ को जोर से पकड़ने लगी मै समझ गया कि अब वो गरम हो चुकी है।
फिर मैने अपना हाथ जाँघ से हटाकर उसकी ड्रेस के ऊपर से बूब्स पर रख दिया वो मस्त होकर काँपने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद मै उसके बूब्स को दबाने लगा तो वो बेकाबू होकर मेरी जाँघ को नोचने लगी। फिर मैने अपने एक हाथ से उसके हाथ को पकड़ कर अपनी पेंट के अंदर डाल दिया मेरा लंड खड़ा हुआ था तो वो उसे जोर से पकड़ने लगी। अब मुझे और मज़ा आ रहा था और उसको भी फिर वो बोली कि ड्रेस के अंदर से हाथ डालकर दबाओ तभी मैने उसकी ड्रेस के अंदर हाथ डाल दिया और बॅक साइड से उसकी ब्रा के हुक खोल दिये अब बूब्स फ्री हो गए थे, मै आराम से बूब्स को दबाता रहा जिससे उसके निप्पल बहुत टाईट हो गये थे।
फिर मैने उसे बोला कि तुम मेरा थोड़ा लंड हिला दो, तो वो आराम से मेरे लंड को हिलाने लगी। तभी थोड़े देर के बाद मैने अपना सारा माल उसके हाथ मैने ही छोड़ दिया, ये सिलसिला करीबन मॉर्निंग चार बज़े तक चला। फिर वो बोली कि प्लीज कल कैसे भी करके तुम मुझको अपने रूम मे ले चलो। तभी मैं समझ गया था कि ये अब मुझसे से चुदवाना चाहती है। फिर मैने बोला कि मेरे वहाँ मकान मालिक रहता है, मैं कल उन्हें कोई बहाना बना दूँगा की मेरे रिलेटिव आए हैं और तुम आ जाना। फिर करीब 6 बजे हम अपने स्टॉप पर पहंच गये।
फिर मैं अपने रूम पर गया और वो अपने रूम परचली गई। फिर मैने प्लान के हिसाब से अपने मकान मालिक से बात की और वो तैयार हो गये, फिर ये बात मैने उसको बताई तो वो भी बहुत खुश हो गई। फिर करीब दस बजे उसने मेरे रूम के सामने से मुझे फोन किया तभी मै अपने रूम से निकल कर उसको लेने गया। फिर उसे अपने साथ रूम के अंदर ले आया रूम के अंदर आते ही मैने दरवाजा बंद कर लिया और उसको किस किया टाईट से बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने पर थे और दोनो को बहुत मज़ा आ रहा, अब हम दोनों मदमस्त हो चुके थे। फिर मैने उसे अपने बिस्तर पर लिटा कर उसे चूमने लगा वो पूरी गरम हो चुकी थी।
फिर मैने धीरे धीरे उसके सारे कपड़े खोल दिये और उसकी ब्रा और पेंटी भी, फिर मै उसके बूब्स को पागल की तरह चूमने और काटने लगा तो वो भी अब पागल की तरह होने लगी फिर मै अपनी एक उंगले उसकी चूत मे घुसाने लगा, तो वो दर्द की वजह से तड़पने लगी, लेकिन थोड़ी देर के बाद चुप हो गई। फिर मै अपनी दो उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे डालने लगा, फिर से अब वो धीरे धीरे करके मेरे लंड के पास अपना हाथ लाने लगी और फिर उसने झट से लंड पकड़ लिया फिर उसने मेरी अंडरवियर और शर्ट को पूरा खोल दिया, थोड़ा हिलाते हिलाते वो झट से मेरे लंड को अपने मुहं मे लेने लगी और चूसने लगी और बीच बीच मे काटने लगी।
कुछ समय बाद मैं उसके मुहं मे ही झड़ गया। अब थोड़े टाईम के बाद उसने फिर से मेरे लंड को खड़ा कर दिया और बोली प्लीज़ अब करो ना मुझसे रहा नहीं जाता। तभी मैने उसकी दोनो टाँगो को फैला दिया और मेरे खड़े लंड को उसकी चूत के होल के बीच रखकर एक हल्का धक्का दिया और फिर मेरा लंड उसकी चूत मे थोड़ा अंदर चला गया, लेकिन वो अब दर्द में जोर जोर से आवाज निकालने लगी, फिर मैं चार पांच मिनट तक चुप रहा और फिर मैने एक जोर का झटका दिया और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराइयों के अंदर चला गया और वो दर्द की वजह से रोने लगी। तभी मैने उसको थोड़ा समझाया और धीरे धीरे से लंड को आगे पीछे करने लगा, फिर धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब वो कहने लगी कि ओहह अह्ह्ह प्लीज़ थोड़ा रुक जाओ मुझे दर्द है आहह तभी मैं थोड़ा रुक गया और फिर मैने एक तकिये को उसकी गांड के नीचे सेट कर दिया और अब मै फिर से जोर जोर से झटके देने लगा, उसको भी अब बहुत मज़ा आने लगा था, वो अब मुझसे जोर जोर से चोदने को कह रही थी और कह रही थी चोदो और जोर से चोदो। फिर करीब 15-20 मिनट के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैने उसे पूछा की कहाँ छोड़ूं अपना माल तो वो बोली मेरे अंदर ही छोड़ दो, फिर चार पांच धक्का के बाद ही मैं उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया। फिर करीब एक घंटे तक उसने मेरे पूरे शरीर को चूमा और चाटा और फिर मेरे लंड को खड़ा कर दिया। अब वो फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई। वो पूरी नंगी मेरे सामने दस बजे से पांच बजे तक पड़ी रही।
अब मेरा जब भी लंड खड़ा होता था तो मैं उसको चोदने के लिए पूछता था और वो तुरंत ही हाँ करके तैयार हो जाती थी। मैने दिन भर उसकी चूत में लंड देकर उसकी आग बुझाई और मेरे लंड को भी शांत किया। फिर अब मैने उसकी गांड मारने को कहा वो बोली कि मुझे दर्द होगा ये मै पहली बार कर रही हूँ। तभी मैने थोड़ा उसे समझया और अब वो मान गई। फिर मैने उसे घोड़ी बनाकर लंड उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और थोड़ा मेरे खड़े लंड पर तेल लगाया और उसकी उसको कहा कि तुम अपने दोनों हाथो से गांड को फैला लो उसने वैसा ही किया और फिर मै धीरे धीरे लंड अंदर डालने लगा वो दर्द से थोड़ा थोड़ा चिल्ला रही थी। लेकिन अब मै कहाँ रुकने वाला था, मैने एक ही जोर के धक्के के साथ पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और उसके बूब्स को पीछे से हाथ मे लेकर दबाते दबाते झटके लगाता रहा, उसकी गांड बहुत टाईट थी। थोड़ी देर बाद मैने उसकी कमर को जोर से पकड़ लिया और अब मै जोर जोर के धक्को के साथ उसे चोदे जा रहा था और वो दर्द से चीख रही थी और कह रही थी प्लीज धीरे करो मै मर जाउंगी। लेकिन अब कुछ देर बाद इस चुदाई से उसे भी मज़ा आने लगा और वो उछल उछल कर चुदवाती रही, लेकिन अब भी उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे।
फिर करीब 15 मिनट चोदने के बाद मैं उसकी गांड के अंदर ही झड़ गया और हम दोनों लिपट कर सो गये। उस दिन मॉर्निंग दस बजे से शाम पांच बज़े तक करीब चार बार मैने उसको चोदा और वो भी बिना कंडोम के और हर बार एक अलग अलग स्टाईल मे। मैने शाम को उसकी लिये एक गिलास जूस और कुछ खाने पीने की चीजे ले आया और वो भी मेरे साथ बैठकर खाने लगी। उस दिन से करीब तीन चार महीने तक जब भी हम दोनो का मन करता था तो हम लोग मेरे रूम मे आकर साथ मे सेक्स करते थे, मैने इस बीच उसे कई बार चोदा उसे चोद चोद कर आज पूरी रंडी बना दिया है।
अब तो वो बिना लंड लिये रह ही नहीं सकती वो हर कभी चुदने के लिये तैयार हो जाती है और मैने पूरा पूरा साथ देती है ।।
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प्यार की चाहत
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ये काम करीब 15-17 दिन तक चला फिर अचानक से लड़कियाँ गायब हो गई। फिर मैं एक दिन घूम रहा था और तभी में उस लड़की की फ्रेंड को देखा, वो मुझे देखकर मुस्कुराई फिर मेरा मन किया कि मैं खुद उसके पास जाकर उससे बात करूं, फिर मै उसके पास गया तब उससे बात करने पर उसने अपना नाम सुप्रिया बताया और हमने कुछ देर बात की, फिर मैने आते वक्त उससे उसका मोबाईल नंबर ले लिया और उसने भी मेरे नंबर ले लिये।
फिर दो दिन के बाद उसने मुझे फोन किया कि वो मुझसे मिलना चाहती है। फिर मैने कहा कि ठीक है और मैं उससे मिलने चला गया। ये सिलसिला सात दिन तक चला। फिर एक दिन उसने मुझे बातो बातो मे प्रपोज़ किया और मुझे आई लव यू कहा, फिर मैने भी उसे मन ही मन अपनी आँखों से आई लव यू टू कहा और उसे गले लगा लिया। वो दिखने मे बहुत सुंदर थी कलर थोड़ा गौरा था, लेकिन उसके फिगर कयामत थे उसके फिगर करीब 34-28-36 थे। जब उसने मुझे प्रपोज़ किया तो मैं कुछ भी नहीं बोला।
फिर जब मै रात को सोने जा रहा था, तो मेरे सामने उसकी नंगी तस्वीर नाचने लगी और फिर मैने सोच लिया कि कैसे भी करके मुझे इसे चोदना है। फिर अगले दिन सबह जब वो मुझे मिली तो कहने लगी कि, बोले तुमने क्या सोचा? तभी मैने उसे प्यार के लिए मना कर दिया और बोला कि हमारा कास्ट अलग है और हम सफल नहीं हो सकते। तो वो थोड़ी देर शांत हो गई और बोली तो फिर जब तक हम पास हैं, तो प्यार कर सकते हैं। फिर मैं थोड़ा सोचने लगा और बोला कि ठीक है। फिर हम दोनो मे बातचीत चलती रही।
फिर करीब 10-15 दिन के बाद मैं घर आया था तो उसको भी कुछ जरुरी काम की वजह से आना पड़ा। मैं जिस दिन रिटर्न जाने वाला था उस दिन उसका फोन आया मैने बोला कि मै आज जा रहा हूँ, तो वो बोली कि ठीक है मुझे भी आज रिटर्न जाना है और फिर मैने कहा कि तो फिर मै दो टिकिट बुक करवा लेता हूँ। तभी मेरे तो मन मे जैसे लड्डू फूटने लगे क्योंकि पूरी रात भर मैं उसके साथ ट्रॅवेल करूँगा। फिर रात को करीब 10 बजे हम लोग बस मे चड़ गये। ठंड का महीना था।
मैं सिर्फ़ एक जेकेट पहने हुए था और वो एक शोल और जेकेट पहने हुई थी। फिर जब मुझसे ठंड सही नहीं गई तो वो मुझे देखकर बोली ये शोल थोड़ा बड़ा है और तुम भी ओढ़ लो मैने कहा कि ठीक है और मैं भी शोल के अंदर चला गया हम दोनो यूँ ही बात कर रहे थे। तभी कुछ देर के बाद अचानक से बस ने ब्रेक मार दिये तो मेरे हाथ उसके बूब्स मे लग गये, फिर मैने उसे सॉरी बोला तो वो ठीक है बोली और मुस्कुरा दी। तभी कुछ देर बाद मैने उसे अपनी मर्जी से छूना चाहा और धीरे धीरे उसे टच करने लगा कभी बूब्स तो कभी गांड लेकिन वो कुछ भी नहीं बोली, तब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था और वो मुस्कुराई मैने फिर थोड़ी देर के बाद मेरा हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और सहलाने लगा तो वो मेरे हाथ को जोर से पकड़ने लगी मै समझ गया कि अब वो गरम हो चुकी है।
फिर मैने अपना हाथ जाँघ से हटाकर उसकी ड्रेस के ऊपर से बूब्स पर रख दिया वो मस्त होकर काँपने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद मै उसके बूब्स को दबाने लगा तो वो बेकाबू होकर मेरी जाँघ को नोचने लगी। फिर मैने अपने एक हाथ से उसके हाथ को पकड़ कर अपनी पेंट के अंदर डाल दिया मेरा लंड खड़ा हुआ था तो वो उसे जोर से पकड़ने लगी। अब मुझे और मज़ा आ रहा था और उसको भी फिर वो बोली कि ड्रेस के अंदर से हाथ डालकर दबाओ तभी मैने उसकी ड्रेस के अंदर हाथ डाल दिया और बॅक साइड से उसकी ब्रा के हुक खोल दिये अब बूब्स फ्री हो गए थे, मै आराम से बूब्स को दबाता रहा जिससे उसके निप्पल बहुत टाईट हो गये थे।
फिर मैने उसे बोला कि तुम मेरा थोड़ा लंड हिला दो, तो वो आराम से मेरे लंड को हिलाने लगी। तभी थोड़े देर के बाद मैने अपना सारा माल उसके हाथ मैने ही छोड़ दिया, ये सिलसिला करीबन मॉर्निंग चार बज़े तक चला। फिर वो बोली कि प्लीज कल कैसे भी करके तुम मुझको अपने रूम मे ले चलो। तभी मैं समझ गया था कि ये अब मुझसे से चुदवाना चाहती है। फिर मैने बोला कि मेरे वहाँ मकान मालिक रहता है, मैं कल उन्हें कोई बहाना बना दूँगा की मेरे रिलेटिव आए हैं और तुम आ जाना। फिर करीब 6 बजे हम अपने स्टॉप पर पहंच गये।
फिर मैं अपने रूम पर गया और वो अपने रूम परचली गई। फिर मैने प्लान के हिसाब से अपने मकान मालिक से बात की और वो तैयार हो गये, फिर ये बात मैने उसको बताई तो वो भी बहुत खुश हो गई। फिर करीब दस बजे उसने मेरे रूम के सामने से मुझे फोन किया तभी मै अपने रूम से निकल कर उसको लेने गया। फिर उसे अपने साथ रूम के अंदर ले आया रूम के अंदर आते ही मैने दरवाजा बंद कर लिया और उसको किस किया टाईट से बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने पर थे और दोनो को बहुत मज़ा आ रहा, अब हम दोनों मदमस्त हो चुके थे। फिर मैने उसे अपने बिस्तर पर लिटा कर उसे चूमने लगा वो पूरी गरम हो चुकी थी।
फिर मैने धीरे धीरे उसके सारे कपड़े खोल दिये और उसकी ब्रा और पेंटी भी, फिर मै उसके बूब्स को पागल की तरह चूमने और काटने लगा तो वो भी अब पागल की तरह होने लगी फिर मै अपनी एक उंगले उसकी चूत मे घुसाने लगा, तो वो दर्द की वजह से तड़पने लगी, लेकिन थोड़ी देर के बाद चुप हो गई। फिर मै अपनी दो उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे डालने लगा, फिर से अब वो धीरे धीरे करके मेरे लंड के पास अपना हाथ लाने लगी और फिर उसने झट से लंड पकड़ लिया फिर उसने मेरी अंडरवियर और शर्ट को पूरा खोल दिया, थोड़ा हिलाते हिलाते वो झट से मेरे लंड को अपने मुहं मे लेने लगी और चूसने लगी और बीच बीच मे काटने लगी।
कुछ समय बाद मैं उसके मुहं मे ही झड़ गया। अब थोड़े टाईम के बाद उसने फिर से मेरे लंड को खड़ा कर दिया और बोली प्लीज़ अब करो ना मुझसे रहा नहीं जाता। तभी मैने उसकी दोनो टाँगो को फैला दिया और मेरे खड़े लंड को उसकी चूत के होल के बीच रखकर एक हल्का धक्का दिया और फिर मेरा लंड उसकी चूत मे थोड़ा अंदर चला गया, लेकिन वो अब दर्द में जोर जोर से आवाज निकालने लगी, फिर मैं चार पांच मिनट तक चुप रहा और फिर मैने एक जोर का झटका दिया और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराइयों के अंदर चला गया और वो दर्द की वजह से रोने लगी। तभी मैने उसको थोड़ा समझाया और धीरे धीरे से लंड को आगे पीछे करने लगा, फिर धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब वो कहने लगी कि ओहह अह्ह्ह प्लीज़ थोड़ा रुक जाओ मुझे दर्द है आहह तभी मैं थोड़ा रुक गया और फिर मैने एक तकिये को उसकी गांड के नीचे सेट कर दिया और अब मै फिर से जोर जोर से झटके देने लगा, उसको भी अब बहुत मज़ा आने लगा था, वो अब मुझसे जोर जोर से चोदने को कह रही थी और कह रही थी चोदो और जोर से चोदो। फिर करीब 15-20 मिनट के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैने उसे पूछा की कहाँ छोड़ूं अपना माल तो वो बोली मेरे अंदर ही छोड़ दो, फिर चार पांच धक्का के बाद ही मैं उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया। फिर करीब एक घंटे तक उसने मेरे पूरे शरीर को चूमा और चाटा और फिर मेरे लंड को खड़ा कर दिया। अब वो फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई। वो पूरी नंगी मेरे सामने दस बजे से पांच बजे तक पड़ी रही।
अब मेरा जब भी लंड खड़ा होता था तो मैं उसको चोदने के लिए पूछता था और वो तुरंत ही हाँ करके तैयार हो जाती थी। मैने दिन भर उसकी चूत में लंड देकर उसकी आग बुझाई और मेरे लंड को भी शांत किया। फिर अब मैने उसकी गांड मारने को कहा वो बोली कि मुझे दर्द होगा ये मै पहली बार कर रही हूँ। तभी मैने थोड़ा उसे समझया और अब वो मान गई। फिर मैने उसे घोड़ी बनाकर लंड उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और थोड़ा मेरे खड़े लंड पर तेल लगाया और उसकी उसको कहा कि तुम अपने दोनों हाथो से गांड को फैला लो उसने वैसा ही किया और फिर मै धीरे धीरे लंड अंदर डालने लगा वो दर्द से थोड़ा थोड़ा चिल्ला रही थी। लेकिन अब मै कहाँ रुकने वाला था, मैने एक ही जोर के धक्के के साथ पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और उसके बूब्स को पीछे से हाथ मे लेकर दबाते दबाते झटके लगाता रहा, उसकी गांड बहुत टाईट थी। थोड़ी देर बाद मैने उसकी कमर को जोर से पकड़ लिया और अब मै जोर जोर के धक्को के साथ उसे चोदे जा रहा था और वो दर्द से चीख रही थी और कह रही थी प्लीज धीरे करो मै मर जाउंगी। लेकिन अब कुछ देर बाद इस चुदाई से उसे भी मज़ा आने लगा और वो उछल उछल कर चुदवाती रही, लेकिन अब भी उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे।
फिर करीब 15 मिनट चोदने के बाद मैं उसकी गांड के अंदर ही झड़ गया और हम दोनों लिपट कर सो गये। उस दिन मॉर्निंग दस बजे से शाम पांच बज़े तक करीब चार बार मैने उसको चोदा और वो भी बिना कंडोम के और हर बार एक अलग अलग स्टाईल मे। मैने शाम को उसकी लिये एक गिलास जूस और कुछ खाने पीने की चीजे ले आया और वो भी मेरे साथ बैठकर खाने लगी। उस दिन से करीब तीन चार महीने तक जब भी हम दोनो का मन करता था तो हम लोग मेरे रूम मे आकर साथ मे सेक्स करते थे, मैने इस बीच उसे कई बार चोदा उसे चोद चोद कर आज पूरी रंडी बना दिया है।
अब तो वो बिना लंड लिये रह ही नहीं सकती वो हर कभी चुदने के लिये तैयार हो जाती है और मैने पूरा पूरा साथ देती है ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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