Saturday, October 11, 2014

FUN-MAZA-MASTI आय्याश बाप और बेटी--6

FUN-MAZA-MASTI

 आय्याश बाप और बेटी--6



जब से उसने रात में ब्लू-फिल्म देखी थी, तभी से वो पागल हो रही थी और दूसरी बात रणजीत का लंड था जो उसकी आँखों से ओझल होने का नाम ही नहीं ले रहा था।
अब वो भी रणजीत के साथ हम-बिस्तर होना चाहती थी।
वो कैंटीन में चली गई और एक कॉफी लेकर समय का इन्तजार करने लगी।
एक घंटे के बाद फिर उसने फिर ट्राई किया, इस बार फोन खुद ही बज पड़ा रणजीत ने ही फोन किया।
रणजीत- हाँ.. मेरी जान बोलो क्या बात है।
रानी- मैं आपसे मिलना चाहती हूँ और हाँ अब मुझसे यह जवानी सहन नहीं होती। बताओ मैं क्या करूँ..?
रणजीत- मुस्कुराते हुए तुमने तो कहा था कि शादी तक इन्तजार करोगी, तो क्या हुआ?
रानी- शादी तकनहीं..नहीं.. मैं मर जाऊँगी और वैसे भी जब से आपका लंड देखा है और रात में ब्लू-फिल्म देखी है तब से अंग-अंग में आग सी लग गई हैअब रहा नहीं जाता.. प्लीज़ फक मी.. अब मेरी भी सुहागरात मनवा दो प्लीज़।
रणजीत- मैं तो कब से तैयार हूँ.. मुझे क्या है.. नखरे तो तुम ही कर रही थी।
रानी- अब नहीं करूँगी प्लीज़।
रणजीत- ठीक है जाओ, पर अकेले आना और हाँ 5 बजे के बाद ही आना। अभी 2 बजे घर जाऊँगा.. उसके बाद आऊँगा।
रानी मुस्कुरा दी और वो ज़ोर से उछल पड़ी, जैसे उसे बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी हो।
अब वो भी अपने हॉस्टल की तरफ जाने लगी, आज तो उसका कोई क्लास था नहीं.. सो वो आराम करने के लिए हॉस्टल में चली गई।
हॉस्टल में उसके अलावा कोई नहीं था, उसने अपने सारे कपड़े उतार लिए और कमरे में बिल्कुल नंगी दर्पण के सामने खड़ी होकर अपने आपको देखा।
क्या बला की खूबसूरत थी।
फिर वो नीचे देखा.. उसकी चूत पर झाँटें काफ़ी उग गई थीं। उसने एक तौलिया लिया और बाथरूम में चली गई, फिर बाल हटाने वाली क्रीम अपने चूत पर लगाई और थोड़ी देर बाद उसे वॉश किया।
चूत एकदम चमकने लगी थी।
फिर खूब मल-मल कर स्नान किया।
स्नान करने के बाद बाहर निकली और एक सफेद रंग की ड्रेस पहन ली जो उसका पसंदीदा थी।
तैयार होने के बाद नीचे मैस में लंच के लिए गई।
लंच लेने के बाद वो थोड़ी देर सो गई।
करीब 4 बजे वो वॉर्डन के कमरे में आई और एक एप्लिकेशन दी कि मेरे मामा जी आए हुए हैं पैसा लेने जाना है सो 4 घंटे की छुट्टी चाहिए। करीब 9 बजे तक जाऊँगी।
वॉर्डन ने उसे छुट्टी दे दी।
रानी एक पैकेट हाथ में लिए हुए बाहर निकली और एक ऑटो किया।
अब वो प्रकाश अपार्टमेंट तक गई। प्रकाश अपार्टमेंट के बाहर एक पार्क था, वहीं पर वो एक जगह बैठ गई और रणजीत का इन्तजार करने लगी।
थोड़ी देर बाद रणजीत भी अपनी बाइक से गया।
उसने देखा कि रानी बिल्कुल ऊपर से नीचे तक सफेद लिबास में बला की खूबसूरत लग रही थी। पार्क में सारे लोग उसी को ही देख रहे थे।
रणजीत ने दूर से ही अपना हाथ हिला कर उसेहायकहा।
रानी ने अपनी नज़र ऊपर देखा, ‘हायरणजीत जी कैसे हैं।
रणजीत- अभी तक तो ठीक हूँ.. पर तुम्हारे हुस्न को देख कर नहीं रहूँगा।
रानी- रहने दीजिए.. ऐसी क्या बात है मेरे में..!
रणजीत- क्या नहीं है.. क्या मस्त जवानी है.. देखो ना जो भी रहा है तुम्हीं को ही देख रहा है।
रानी- लोगों को छोड़िए.. अपनी कहिए।
रणजीत- अपनी ही तो कह रहा हूँ कि अब बस रहा नहीं जाता।
उसने झुक कर रानी के होंठों को चूम लिया।
रानी- अरे.. अरे.. क्या कर रहे हैं.. यह पब्लिक प्लेस है सर..
रणजीत- तो फिर चलते हैं अपने घोंसले में..!
और एक आँख दबा दी।
रानी ने भी उसका समर्थन किया और दोनों उठ कर बाइक पर बैठ कर चले गए।
रणजीत ने रास्ते में एक दुकान पर गाड़ी रोकी और कुछ चिप्स, कोल्ड-ड्रिंक और पानी की बोतल ले लीं और फिर चल दिए।
अपार्टमेंट के सबसे आखरी फ्लोर पर उसका था जिसमें लॉक लगा हुआ था, रणजीत ने लॉक खोला और अन्दर गया।
रानी भी साथ-साथ गई।
रणजीत- पहले बताओ कि कितनी देर के लिए आई हो।
रानी- 9 बजे तक उसके बाद जाना होगा।
रणजीत- तो ठीक है.. जाओ।
उसे बाँहों में ले लिया और उसे लिए हुए खाने की मेज पर गया। खाने की मेज पर कुछ सामान रखा था।
रानी ने सामान को अलग कर दिया और वहीं गोल टेबल पर बैठ गई।
रणजीत ने भी उससे चिपक कर उसके बालों को सहलाते हुए कहा- बोलो डार्लिंग, क्या बात है बहुत गर्म दिख रही हो.. क्या बात है?
रानी मुस्कुराते हुए- रात में एक ब्लू-फिल्म देखी थी, तभी से आपका ख्याल आया और फिर आपका लंड.. जो बार-बार मेरी आँखों से दूर ही नहीं जा रहा था, सो मैंने सोचा है कि शादी से पहले आपसे जवानी का पूरा मज़ा लूँगी। आपसे एक निवेदन है कि मेरी चुदाई जम कर करें। अब मैं आपके बगैर नहीं रह सकती प्लीज़..!
रणजीत- ओके.. पर तुम्हारे पास समय कम है और मैं चाहता हूँ कि तुम्हें सारी रात चोदूँ.. बोलो क्या करूँ?
रानी- तो ऐसा करते हैं कि.. अरे हाँ तुम ही मेरे मामा बन जाओ और मेरे वार्डन से कहो कि मैं अपनी बिटिया को कल सुबह भेज सकता हूँ।
रणजीत ने वार्डन को फोन किया और उससे कहा- रानी गुड़गाँव से दिल्ली 9 बजे तक नहीं सकती। प्लीज़ उसे एक दिन की छुट्टी दे दें, सुबह 9 बजे तक जाएगी।
वॉर्डन मान गई।
रानी सोफे से उछल पड़ी, रणजीत भी खुश हो गया।
दोनों अब हाथ में हाथ डाले पूरे कमरे में डांस करने लगे।
देखा तुम्हारा काम कर दिया.. अब तुम आराम से ऐश कर सकती हो, पर मुझे घर फोन करना है, क्योंकि मेरी श्रीमती साहिबा नाराज़ हो जाएँगी।
रानी- ओके.. फोन कर लो.. पर ..!
रणजीत- चिंता मत करो डार्लिंग, सब ठीक ही होगा।
रणजीत ने फोन मिलाया, फोन डॉली ने उठाया।
रणजीत- हैलो कौन गुड्डी..?
डॉली- हाँ पापा मैं हूँ.. कैसे हैं? घर नहीं आना? मम्मी इन्तजार कर रही थीं।
रणजीत- कहाँ है?
डॉली- वो अभी जाएँगी, दवा लाने गई हैं गिर गई थी, घुटने में चोट है।
रणजीत- तो तुम चली जातीमम्मी को क्यों भेजा?
डॉली- मम्मी ने कहा कि रहने दो वे ले लेंगी और चली गईं।
रणजीत- घबराने की कोई बात तो नहीं ना।
डॉली- नहीं पापा.. हल्का खून निकल आया है।
रणजीत- मैं कल सुबह आऊँगा.. अभी मुझे डीआईजी के पास जाना है।
डॉली- ओके पापा.. कल जाना।
रणजीत- ओके
जब वार्तालाप खत्म हो गया तो रानी ने कहा- ओके बॉस तुम ग्रेट हो.. अब जाओ.. कुछ खेला खेली हो जाए?
रानी और रणजीत अपने काम में लग गए।
पहले रणजीत ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और चूमने लगा, साथ ही साथ उसकी गोल चूचियों को भी दबाने लगा।
चूची क्या थीं जबरदस्त मस्त संतरे थे।
चूची दबाने से रणजीत का काला कोबरा जाग गया।
अब रानी को दिक्कत करने लगा यानि उसकी गाण्ड में हलचल होने लगी, उसने अपने नीचे एक हाथ डाल कर उसे पकड़ लिया और कहा- बदमाश.. मुझे तंग कर रहा हैये ले और उसके अगले भाग को दबाने लगी।
रणजीत को पीड़ा होने लगी- अरे अरे.. छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है…!
रानी- तो फिर यह मुझे परेशान क्यों कर रहा है।
रणजीत- अरे डार्लिंग.. परेशान नहीं कर रहा है बल्कि प्यार कर रहा है। तुम हो ही ऐसी मस्त कि तुम्हारी गाण्ड में ये घुसने का मन बना रहा है।
रानी- मुझे नहीं मरवानी अपनी गाण्ड। अगर चोद सको तो मेरी चूत हाज़िर है।
रणजीत ने उसे अपने आगोश में ले लिया मेरी जान मैं तो पहले तेरी चूत ही चोदूँगा आज.. तेरी सील जो तोड़नी है। लेकिन पहले थोड़ा खा-पी लें।
उसे मुर्गी के जैसे दबोचे हुए खाने की टेबल पर गया और अपने साथ लाए हुए स्नॅक्स और कोल्ड ड्रिंक को रानी ने सजाया और एक-दूसरे को खिलाने लगे।
रणजीत- अरे हाँ.. तुमने कभी गंदा सेक्स देखा है।
रानी- मतलब?
रणजीत- गंदा सेक्स.. मतलब लंड चूसना बुर चाटना.. गाण्ड चाटना आदि।
रानी- हाँ उस दिन तो मैंने आपका लंड तो चाटा था.. भूल गए?
रणजीत- हाँ सही में, तुमने तो लंड चाटा है। फिर जाओ !
और रणजीत ने रानी को अपने लंड पर पुनः बिठा लिया और उसे अपना कोल्ड-ड्रिंक पिलाने लगा। जब रानी एक घूँट ले लेती तो उसके मुँह पर अपने होंठ रख देता ताकि अगर एक भी बूँद बाहर गिरेगी तो रणजीत उसे नीचे नहीं गिरने नहीं देगा और वो उसे चाट जाएगा।
यही प्रक्रिया रानी भी कर रही थी।
यही प्रक्रिया चल रहा था कि कोल्ड ड्रिंक का गिलास रणजीत के हाथ से गिर गया और कोल्ड-ड्रिंक की कुछ बूंदे रानी के मम्मों पर गिर गईं उसकी चूचियां गीली हो गईं।
रानी ने हल्का सा गुस्सा भी किया पर उसने बाद में रणजीत के गले में अपनी बाँहें डाल दीं और कहा- क्या इरादा है?
रणजीत- इरादा बिल्कुल साफ़ है, इसे उतारो अच्छे नहीं लगते।
रानी- मैं तो नहीं उतारुँगी.. अगर तुम उतार सको तो उतार लो।
रणजीत ने अपनी हाथ आगे कर के बटनों को खोल दिया और उसके शरीर से सूट को अलग कर दिया।
रानी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी और काले रंग की पैन्टी थी क्योंकि रणजीत ने एक झटके में ही पज़ामा भी उतार दिया था।
अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में ही रह गई थी।
रानी- मुझे नहाना है.. गर्मी बहुत है।
रणजीत- तुम्हारी मर्ज़ी.. जाओ नहा लो।
रानी- लेकिन में पहनूँगी क्या?
रणजीत- पहनने की ज़रूरत क्या है? मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो जाना और वैसे भी तुम चुदते समय बिल्कुल नंगी ही रहोगी।
दोनों मुस्कुरा दिए।
रानी- आप भी चलो ना बाथरूम में।
रणजीत- ठीक है चलो.. पर मैं नहाऊँगा नहीं.. तुम्हें नहलाऊँगा।














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