Thursday, October 30, 2014

FUN-MAZA-MASTI घर का बिजनिस -16

FUN-MAZA-MASTI

 घर का बिजनिस -16

 पायल की बातों ने मुझे हैरान कर दिया था क्योंकि वो 2-3 दिन में ही इतना बोल्ड हो गई थी कि दीदी और बुआ भी नहीं हो सकी थी और परेशानी की बात ये थी कि आखिर पायल किससे अपनी गाण्ड मरवाना चाहती है? कौन है वो?
मैंने उस रात दो बार और भी पायल की चुदाई की और उससे पूछता भी रहा कि आखिर वो किससे चुदवाना चाहती है? लेकिन उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया।

सुबह मैं उठा और नहाने के बाद नाश्ता ले आया और पायल को भी उठा दिया जो कि वैसे ही नंगी सो रही थी। पायल ने उठकर हाथ मुँह धोया और आकर नाश्ता करने बैठ गई। पायल उस वक़्त भी नंगी ही थी फिर हमने नाश्ता खतम किया और मैंने बापू को काल की और पूछा- “कब आ रहे हो?

तो बापू ने कहा- यार बस 5 मिनट में हम तुम्हारे पास होंगे।

मैंने काल कट की और पायल की तरफ देख जो कि अभी भी नंगी ही बैठी हुई टीवी देख रही थी और कहा- पायल तुम अभी कपड़े पहन लो बापू आ रहे हैं।

पायल ने हैरानी से मेरी तरफ देखा और बोली- क्यों भाई? बापू आ रहे हैं तो क्या हुआ? मैं कपड़े क्यों पहनूं?

मैंने कहा- वो बात ये है कि हो सकता है कि बापू के साथ कुछ और लोग भी हों इसलिए तुम अपने कपड़े पहन लो।

पायल कुछ देर हैरानी से मेरी तरफ देखती रही और फिर उठकर अपने रूम में चली गई लेकिन उसने कपड़े नहीं पहने और बेड पे लेट गई और अपने ऊपर एक चादर ले ली। मुझे पायल की इन हरकतों से बड़ी उलझन हो रही थी लेकिन मैंने पायल को कुछ नहीं कहा। और खामोशी से बैठा टीवी देखने लगा कि तभी डोरबेल बज उठी और मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया। बापू अकेले ही आए थे और काफी खुश भी लग रहे थे।

मैं बापू को अंदर लाया तो बापू ने आते ही कहा- “पायल कहाँ है? नजर नहीं आ रही है।

मैंने कहा- वो रूम में है और आराम कर रही है।

बापू ने कहा- “आलोक बेटा, हमारे तो दिन ही फिर गये हैं। पता है अरविंद साहब ने हमें एक कीनल का मकान लेकर दिया है और शर्त सिर्फ़ इतनी है कि अंजली किसी और के साथ वक़्त नहीं गुजारेगी और ना ही हम उस घर में कोई ऐसा वैसा काम करेंगे…”
मैं भी बापू की बात सुनकर खुश हो गया और बोला- “सच में बापू, अब मजा आएगा…”

अभी मैंने इतना ही कहा था कि पायल जो कि रूम में नंगी ही थी, बाहर निकल आई और बापू के पास आकर खड़ी हो गई और बोली- बापू, हमारा नया घर कहाँ है?

बापू जो कि पायल के नंगे जिश्म का नजारा कर रहे थे पायल की बात सुनकर चौंक गये और बापू ने एक पाश एरिया का नाम बता दिया जहाँ कोई भी घर हमारे जैसा और गरीब नहीं था। बापू जिस तरह पायल को देख रहे थे, मुझे लग रहा था कि बापू की भी नियत पायल को इस तरह नंगा देखकर खराब हो रही है और पायल भी बापू से किसी किश्म की कोई शरम नहीं कर रही थी जिससे मुझे पायल की कल रात वाली बात भी समझ में आ गई कि वो कौन है जिससे पायल अपनी गाण्ड खोलवाना चाहती है।

मुझे बापू से जलन हो रही थी क्योंकि पायल ने मुझे छोड़ के बापू से अपनी गाण्ड मरवाने का सोचा था। लेकिन फिर ये सोचकर कि मेरा लौड़ा जितना बड़ा है अगर मैं अपनी इस छोटी बहन की गाण्ड में झटके से घुसा देता तो उसकी गाण्ड फट ही जाती इसलिए तो उसने पापा से गाण्ड मरवाने का सोचा था तो अच्छा ही किया था।

बापू ने अब पायल को अपने पास बिठा लिया था और अपना एक हाथ से पायल के कंधों को पकड़कर पायल को अपनी तरफ खींच लिया और बोले- हाँ तो मेरी रानी बेटी, तुम सुनाओ क्या हाल हैं? भाई ने तंग तो नहीं किया?

पायल- नहीं बापू, भाई तो बहुत अच्छे हैं मुझे बड़े प्यार और आराम से रखा है भाई ने।

बापू- अच्छा, लेकिन मुझे तो लगता है कि इसने तुम्हें काफी तंग किया होगा?

पायल- बापू, भाई तो मुझे तंग करना चाहते थे लेकिन मैंने मना कर दिया कि नहीं अभी तंग नहीं करो तो भाई मान गया कि पहले कोई और तंग कर ले फिर मुझे और भाई दोनों को कोई परेशानी नहीं होगी।

बापू- क्यों आलोक, ये मैं क्या सुन रहा हूँ कि तुम मेरी इस रानी बेटी को तंग करने की कोशिश करते रहे हो?

पायल- नहीं पापा, भाई ने तंग थोड़ा ही किया है, हाँ प्यार जरूर किया है।

मैं- बापू, लगता है कि पायल चाहती है कि आप उसे तंग करो क्योंकि मुझे तो इसने मना कर दिया था।

पायल मेरी बात सुनकर मुझे घूरने लगी और बोली- “भाई, मैं नहीं चाहती थी कि कोई ज्यादा मसला हो जाये इसलिए मना किया था लेकिन आप तो लगता है कि दिल पे लिए बैठे हो अभी तक…”

बापू- आलोक यार, मुझे भी तो बताओ कि बात क्या है? हो सकता है कि मैं ही कुछ फैसला कर दूँ, तुम लोगों का।

पायल- “बापू, करना तो आप ही ने है…” और मेरी तरफ देखने लगी।

तो मैं भी पायल की बात सुनकर मुश्कुरा दिया।

बापू- अरे बेटी, मैंने कब मना किया है? जो कहो, मैं करने के लिए तैयार हूँ क्योंकि तुम लोग ही तो मेरा सरमाया हो, तुम्हारी नहीं मानूंगा तो किसकी मानूंगा?

बापू की बात सुनकर पायल सोफे से उठी और नीचे गिरे हुये गिलास को उठाने के लिए झुक गई जिससे उसकी गाण्ड और फुद्दी खुलकर बापू के सामने आ गई जिसे देखकर बापू अपने लण्ड को शलवार के ऊपर से ही मसलने लगे।
पायल गिलास उठाकर सीधी हुई और टेबल पे रखकर बापू की तरफ घूम गई और बापू को अपना लण्ड मसलते हुये देखकर हँस पड़ी और बोली- बापू, लगता है कि आपका ये शहजादा कुछ माँग रहा है?

बापू भी थोड़ा खुल गये और बोले- “अरे बेटी, इसका क्या पूछती हो? ये तो माँगता ही रहता है लेकिन जरूरी तो नहीं कि इसे सब कुछ मिल ही जाये…”

पायल- “बापू, हो सकता है कि जो ये माँग रहा हो इसे मिल जाए? आप बता के तो देखो…”

बापू ने कहा- बेटी, अब तुम खुद समझदार हो, मैं क्या बताऊँ कि ये क्या माँगता है और क्यों?



 पायल बापू के पास बैठ गई और बापू के हाथ को पकड़कर लण्ड से हटा दिया और बोली- “तो लगता है कि मुझे इससे ही पूछना पड़ेगा कि इसे क्या चाहये है…” पायल ने इतना बोलते हुये बापू के लण्ड को पकड़ लिया और बोली- “हाँ शैतान शहजादे, क्यों मेरे बापू को तंग कर रहे हो? बोलो जरा…”

मैं पायल की इन हरकतों को देखकर हँस पड़ा और बोला- पायल, तुमसे ज्यादा कौन जानता होगा कि इसे क्या चाहिए? और ये बापू को क्यों तंग कर रहा है?

पायल ने बापू की तरफ देख तो बापू ने सर झुका लिया। तो पायल ने कहा- क्यों बापू क्या हुआ? क्या बेटी को दूसरे लोगों से चुदवाना ही आता है? क्या खुद कुछ करते हुये शरम आ रही है?

बापू ने पायल की तरफ बड़ी हैरानी से देखा और फिर मेरी तरफ देखा तो मैं बापू की आँखों में लिखा साफ पढ़ गया की बापू को पायल के इतना बोल्ड होने का यकीन ही नहीं हो रहा था। कुछ देर के बाद बापू इस कैफियत से बाहर निकल आए और एक झटके से पायल को अपनी तरफ खींच लिया और उसके तपते होंठों के साथ अपने होंठ भी लगा दिए और किस करने लगे और साथ ही अपना एक हाथ पायल की गाण्ड पे रख दिया और सहलाने लगे।

बापू अब पायल के होंठों को बुरी तरह चूस रहे थे और पायल की गाण्ड को भी मसल रहे थे जिससे कि पायल बुरी तरह से मचल रही थी और बापू के साथ और भी लिपटने की कोशिश कर रही थी। बापू और पायल के इस तरह किस करने से मैं भी गरम हो उठा और अपनी शलवार को खोल दिया और लण्ड को बाहर निकालकर हाथ में पकड़ लिया।

अब बापू ने पायल को सोफे पे गिरा दिया और खुद खड़े हो गये और अपने कपड़े उतारने लगे जिसे देखकर पायल का चेहरा लाल होने लगा और होंठ काँपने लगे थे। बापू ने अपने कपड़े उतार दिए और पायल की टाँगों को खोलकर बीच में बैठ गये और पायल की फुद्दी के साथ अपना मुँह लगा दिया और पायल की फुद्दी चाटने लगे।

बापू के फुद्दी पे मुँह लगाते ही पायल बुरी तरह तड़प उठी और सिसकी- “आअह्ह… बापूऊउ उंमन्ह… आज अपनी बेटी की फुद्दी को खा जाओ… कुतिया बना दो मुझे बापूऊउ…”

बापू ने अब अपनी जुबान बाहर निकाल ली और उसे पायल की फुद्दी में घुसाकर चाटने लगे और साथ ही अपने एक हाथ की बिचली-उंगली को पायल की गाण्ड के छेद पे रख दिया और दबाने लगे। जैसे-जैसे बापू की उंगली पायल की गाण्ड में घुस रही थी, पायल के चेहरा पे दर्द का एहसास साफ नजर आने लगा था और वो आऐ… बापू जी, थोड़ा और गीला करो… प्लीज़्ज़… दर्द हो रहा है।

पायल की बात को सुनते ही बापू ने अपनी उंगली निकाल ली और अपने मुँह में घुसाकर चाटने लगे और फिर पायल की गाण्ड के छेद पे भी हल्का सा थूक लगा दिया और फिर से अपनी उंगली पायल की गाण्ड के सुराख पे रखा और एक ही झटके में पूरी उंगली घुसा दी।

उंगली के घुसते ही पायल के मुँह से- “आऐ… बापूऊउ प्लीज़्ज़… रुको… आराम से आअह्ह… दर्द होता है बापूऊउ…”

बापू ने अबकी पायल की कोई बात नहीं सुनी और उंगली को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया और साथ ही पायल की फुद्दी को भी चाटने लगे जिससे पायल का दर्द खतम हो गया और वो मजा लेने लगी जो कि उसकी सिसकियों से भी पता चल रहा था।

पायल- “आअह्ह… बापू, आप कितने अच्छे हो… उन्म्मह… अब अच्छा लग रहा है…”

बापू और पायल की बातों सी मैं भी काफी उत्तेजित हो रहा था तो मैं भी उठा और अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और पायल के पास जा के नीचे ही बैठ गया और पायल की चूचियां के साथ अपना मुँह लगाकर चूसने लगा।

पायल को मेरा इस तरह करना अच्छा लगा और वो मेरे बालों में अपनी ऊँगलियां घुमाने लगी और सिसकी- “हाँ भाई, चूसो इन्हें… उन्म्मह… भाई जरा जोर से चूसो… आअह्ह…”

मैंने अपना सर पायल की चूचियां से उठाया और बापू की तरफ देखकर बोला- “बापू रूम में चलते हैं, यहाँ ठीक नहीं…”



बापू ने सर उठाकर मेरी तरफ देखा और फिर अपनी उंगली भी पायल की गाण्ड में से निकाल ली और पायल का हाथ पकड़कर उठा लिया और हम रूम में आ गये। रूम में आते ही मैं बाथरूम में गया और तेल उठा लाया। मेरे हाथ में तेल देखते ही बापू मुश्कुरा दिए और बोले- आलोक बेटा, ये अच्छा किया जो तेल ले आए इससे पायल की गाण्ड मारने में मजा आ जाएगा…” और तेल मेरे हाथ से ले लिया और पायल को उल्टा लिटा के उसके नीचे एक तकिया रख दिया जिससे पायल की गाण्ड उभर के ऊपर को हो गई तो बापू ने पायल की गाण्ड को हाथ से सहलाया और तेल लगाने लगे।

पायल की गाण्ड पे तेल लगाने के बाद बापू ने अपने लण्ड को भी तेल से भर दिया और मेरी तरफ देखा तो मैं आगे बढ़कर पायल की गाण्ड को दोनों हाथों से पकड़कर खोल दिया, तो बापू ने अपना लण्ड पायल की गाण्ड के छेद पे रखकर हल्का सा दबा दिया। जिससे बापू के लण्ड का सुपाड़ा पायल की गाण्ड में घुस गया।

लण्ड का सुपाड़ा घुसते ही पायल की दर्द से भरी आवाज सुनाई दी- बापू अभी रोुको प्लीज़्ज़… अभी और आगे नहीं करना।

बापू पायल की बात सुनकर थोड़ा रुक गये और फिर कुछ देर रुकने के बाद अपने लण्ड को अपनी बेटी की गाण्ड में दबाने लगे जिससे बापू का लण्ड आहिस्ता-आहिस्ता पायल की गाण्ड में जाने लगा तो पायल ने अपनी गाण्ड को दबा के बापू के लण्ड को अंदर जाने से रोकने की कोशिश की और बोली- “बापू प्लीज़्ज़… आराम से आऐ… बापू जी फट जायेगी…”

बापू ने अब अपने लण्ड को थोड़ी देर वहीं रोक लिया और बोले- हाँ मेरी जान… बेटी, ज्यादा दर्द हो रहा है क्या?

पायल की आँखों में अब आँसू नजर आ रहे थे तो वो बोली- जीए बापू, बड़ा दर्द हो रहा है… बस इससे ज्यादा नहीं करो, इतना ही ठीक है।

बापू ने मुझे इशारा किया कि मैं पायल को कस के पकड़ लूं, तो मैंने ऐसा ही किया।

जिससे पायल चौंक गई और बोली- “नहीं बापू, प्लीज़्ज़… ऐसा मत करना नहीं तो मेरी गाण्ड फट जायेगी…”

बापू ने कहा- “नहीं बेटी, मैं बाहर निकालने लगा हूँ…” और थोड़ा सा लण्ड को बाहर खींचा जिससे पायल रिलैक्स हो गई। तभी बापू ने अपनी पूरी ताकत से अपने लण्ड को पायल की गाण्ड में उतार दिया।

लण्ड के जड़ तक घुसते ही पायल चिल्ला उठी- “हाऐ… अम्मी जी, मुझे बचा लो… फट गई मेरी… नहीं बापू… बाहर निकालो प्लीज़्ज़… मुझे नहीं करना है… भाई, बापू को बोलो ना प्लीज़्ज़…”

अब बापू ने अपने लण्ड को पायल की गाण्ड में ऐसे ही रोक दिया और ऊपर लेट गये तो मैं पायल के पास लेट गया और उसके नीचे हाथ घुसाकर चूचियों को पकड़कर दबाने लगा कि पायल का दर्द जल्दी कम हो जाए।

पायल बुरी तरह मचल रही थी और अब गालियां भी दे रही थी- “आअह्ह… बापू, बहनचोद बाहर निकालो नहीं तो मैं मर जाऊँगी… बापू प्लीज़्ज़ बाहर निकालो… आअह्ह… आलोक, बहनचोद रंडी के बच्चे… कुछ बोलता क्यों नहीं? बोल ना बापू को बाहर निकाल लें…”

बापू ऐसे ही पायल के ऊपर लेटे रहे और पायल के कानों की लौ को अपने मुँह में भर के चूसते और कभी गर्दन पे किस करते और इस तरह कुछ देर के बाद पायल के दर्द में कमी होना शुरू हो गया और कुछ देर के बाद पायल के मुँह से आवाज निकलना भी बंद हो गया।

.
कहानी जारी है.


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