FUN-MAZA-MASTI
नौकर ने माँ को गुलाम बनाया -2
आगे की कहानी …
हैल्लो दोस्तों में आज फिर एक बार अपनी माँ की करतूत आप सभी को बताने आया हूँ। दोस्तों जैसा कि मैंने आप सभी को बताया था कि मेरी माँ अब मेरे नौकर भीमा से चुदाई का वादा कर चुकी थी और उसने वैसा ही किया। वो दोनों अब रात देखते थे ना दिन बस चुदाई में लग जाते थे। फिर एक रात उन दोनों ने मिलकर मुझे खाने में नींद की दवा मिलाकर मुझे सुला दिया और फिर दोनों चुदाई में मस्त हो गये लेकिन फिर जब मेरी आंख खुली तब मुझे पता चला कि वो चुदाई कर रहे है लेकिन में कुछ भी नहीं बोला और बस चुपचाप चुदाई के मजे लेता रहा। भीमा ने एक दिन मुझसे कहा था कि तू बस चुदाई के मजे ले और फिर जब मुझे लगेगा की तू अब चुदाई कर सकता है तो में तुझे एक चूत का इंतजाम करके दूंगा, इसलिए में बस पड़ा रहा एक चूत की चाह में। भीमा को यह बात पता थी कि हम कल अपने घर जाने वाले है और माँ की चुदाई के लिये उसके पास आज आखरी रात है। तो फिर भीमा ने माँ को अपनी पूरी आगोश में ले लिया था। उसने अब तक माँ की चूत में लंड को सेट करके लंड का कुछ हिस्सा घुसा दिया था।नौकर ने माँ को गुलाम बनाया -2
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फिर भीमा का लंड धीरे धीरे माँ की चूत में अंदर बाहर हो रहा था और वो माँ के दोनो हाथों को अपनी हथेली पर दबाए हुए आराम से अपने लंड को माँ की चूत पर ऊपर नीचे कर रहा था। तभी माँ के मुहं में अपनी जीभ घुमाते हुए लोलीपोप की तरह चूस रहा था। फिर उसने माँ की पीठ को थोड़ा ऊपर करके उनका ब्लाउज खोल दिया उसके बाद ब्रा का स्ट्रीप भी खोलकर ब्रा को निकाल लिया अब मेरी माँ बिल्कुल ही नंगी होकर भीमा के नीचे लेटी हुई थी। तभी उनके दोनों घुटने भीमा की कमर के पास थे और भीमा उनकी चूची को मसल रहा था। तभी भीमा ने अपने मुहं को उनके मुँह से अलग किया और उनके बूब्स पर टूट पड़ा उनके कसे हुए बूब्स को चूसने लगा और दूसरे बूब्स के निप्पल को हाथ में मसलने लगा। फिर माँ धीरे धीरे गहरी साँसे ले रही थी लेकिन फिर भी भीमा बारी बारी से उनके बूब्स को चूसता रहा।
फिर बीच बीच में वो उनके निप्पल को दाँत में काट भी लेता था तो माँ दर्द से आहह करती। तभी भीमा बाकी लंड का हिस्सा भी चूत के अंदर डालने लगा था लेकिन उसका लंड इतना मोटा था कि आसानी से अंदर नहीं जा रहा था। फिर भीमा एक पक्के खिलाड़ी की तरह आराम से आहिस्ता आहिस्ता करके ठोक रहा था, उसे कोई ज़ल्दी नहीं थी और उसे पता था कि अब तो सारी रात पड़ी है। फिर उसने अपने हाथ से माँ के दोनो पैरो को अपनी कमर के ऊपर ले लिया और माँ की कमर को एक हाथ से थोड़ा नीचे ले आया जिससे उसका बाकी लंड भी अंदर घुसने मे आसानी हो। तभी माँ ने अपने दोनों पैरो से उसकी कमर को जकड़ लिया। फिर वो माँ की निपल्स को फिर से ज़ोर से काट रहा था और फिर माँ ने आहह करके उसके सर पर हाथ रख लिया।
फिर कुछ देर के बाद जब माँ ने अपना हाथ उसके सर से हटाया तो उसने फिर से निपल्स को अपने दांतो से ज़ोर से काट लिया और तभी माँ दर्द से तड़प उठी और फिर उनका हाथ भीमा के सर पर चला गया और माँ ने दर्द के कारण उसके सर के बालो को पकड़ लिया जैसे माँ ने उसके सर से फिर से हाथ हटाया तो फिर उसने वैसा ही किया और माँ ने ऊऊहह धीरे दर्द होता है कहते हुए फिर उसके सर के बालों को अपने दोनो हाथों से पकड़ लिया। फिर माँ ने उसके सर से हाथ नहीं हटाया और वो छोटे बच्चे की तरह माँ के किशमिश के दाने जैसी निप्पल को बारी बारी से चूसता रहा। अब माँ ने उसके सर को दोनो हाथों से पकड़ कर रखा था में भी समझ गया था कि माँ के हाथ हटाते ही वो उनके निप्पल को फिर दांत से ज़ोर से काटेगा।
फिर माँ उसके सर को सहला रही थी और वो बड़े प्यार से मेरी माँ के बूब्स का मज़ा ले रहा था। तभी माँ के मुँह से बहुत ही धीमी धीमी सिसकियाँ निकल रही थी जैसे अह्ह्ह स्सस्सस्सस्शह। फिर वो करीब 10-12 मिनट तक वैसे ही उनकी निप्पल को चूसता रहा जब एक बूब्स के निप्पल को चूसता तो दूसरे बूब्स को हाथ से मसलता दबाता और निप्पल को दोनों उंगलियो के बीच रख कर आहिस्ते आहिस्ते से मसलता। यह सब करते हुए वही धीमी रफ़्तार से उनकी चूत पर ऊपर नीचे भी हो रहा था और फिर माँ नीचे से अपनी कमर उठाकर धक्का देने लगी। तभी मुझे लग रहा था की शायद माँ अपने पूरे जोश में भीमा की चुदाई का आनंद लेने लगी हैं भीमा भी समझ गया अब तक उसने पूरा लंड तो डाला ही नहीं था और भी 40 प्रतिशत से ज़्यादा लंड माँ की चूत से बाहर ही था। फिर उसने माँ के निप्पल को चूसना छोड़ कर उनके गालों को और होंठो को चाटना शुरू किया और एक ज़ोर का धक्का लगाया। माँ सिसक उठी अह्ह्ह अब भी उसके लंड का 30 प्रतिशत हिस्सा बचा हुआ था। फिर उसने माँ से पूछा दीदी क्या दर्द हो रहा है? तभी माँ ने धीरे से सर हिलाकर कहा हाँ थोड़ा धीरे। तभी भीमा ने कहा दीदी तुम्हारी चूत बहुत ही टाईट है क्या तुम बहुत दिनो से चुदी नहीं हो?
फिर माँ ने कहा कि अगर तू पहली रात ही लंड चूत में ही रहने देता तो थोड़ी चूत फैल जाती। तभी उसने और एक धक्का लगाया जिससे उसका लंड का और कुछ हिस्सा मेरी मम्मी की चूत के अंदर चला गया। माँ फिर से आअहहस्स्स थोड़ा धीरे कर ले भीमा कह कर भीमा की गांड पर अपना हाथ ले गई। तभी भीमा लंड का जितना हिस्सा अंदर गया हुआ था उसी को चूत के अंदर बाहर करने लगा और माँ के होंठो को चूमने चाटने लगा उसने फिर से माँ को कहा कि दीदी एक बच्चा निकलने के बाद भी इतनी टाईट है तुम्हारी चूत, ऐसा कैसे? क्या आपका पति आपको चोदता नहीं है?
फिर माँ ने कुछ नहीं कहा तो उसने फिर से पूछा बताओ ना दीदी क्या तुम्हारी चूत को राज के डेडी ठीक से चोदते नहीं? फिर मुझे इस तरह की बातें सुनकर और उनकी चुदाई देखकर बहुत ही गर्मी चढ़ रही थी। फिर उसने माँ से फिर से पूछा दीदी कहो ना अब कैसी शर्म सिर्फ़ आज रात के लिए मुझ से शरमाना छोड़ दो, कल तो तुम चली जाओगी और अगले साल जब आओगी तब में भी यहाँ नहीं रहूँगा, अब शरमाना छोड़ कर खुलकर बताओ। फिर दीदी क्या तुम्हारे पति ने तुम्हे ठीक से चोदा नहीं है आज तक? फिर माँ ने कहा कि वो चुदाई करते तो हैं लेकिन तेरा लंड बहुत बड़ा है तेरा लंड पूरा अंदर जाने में जितना टाईम लगाता है उनका लंड उतना टाईम नहीं लगाता।
तभी भीमा ने कहा कि पूरा तो मेरा लंड अब तक गया नहीं है। तभी माँ चौंक कर बोली क्या? फिर भीमा ने कहा कि दीदी तुम हाथ लगाकर देख लो और कितना बाकी है और उसने माँ के हाथ को अपने एक हाथ से पकड़ कर उनकी चूत के छेद के पास पहुँचा दिया जहाँ अब भी उसका करीब आधा लंड चूत में बिना घुसे बाहर ही था। तभी माँ कहने लगी कि यह तो बहुत बड़ा है और फिर माँ ने उसके लंड को टटोलते हुए कहा और मोटा भी यह अब चूत में और अंदर नहीं जाएगा। तभी वो कहने लगा कि जाएगा दीदी बस में जैसा कहूँ तुम वैसे ही करती रहना। फिर तुम्हे और भी मज़ा आएगा और फिर उसने लंड को आगे पीछे करते हुए पूछा दीदी तुम्हे मज़ा आ रहा है ना? फिर माँ ने कुछ नहीं कहा। उसने फिर से पूछा बोलो ना दीदी मज़ा आ रहा है ना?
फिर माँ ने कहा कि में नहीं जानती। तभी भीमा बोला अगर तुम्हे पता नहीं चल रहा है कि मज़ा आ रहा है या नहीं तो फिर में लंड को बाहर निकाल लेता हूँ और फिर यह कहकर उसने पूरा लंड चूत से निकाल लिया। उसका लंड 90 डिग्री में लोहे जैसा तन कर टाईट हो गया था। तभी माँ ने सोचा कि वो ऐसे ही बीच में ही निकाल लेगा तो आज फिर बिना चुदी रहना पड़ेगा तभी माँ ने उउफ्फ करके उसकी गांड पर एक हाथ फिराते हुए दूसरे हाथ से उसके लंड को पकड़कर अपनी चूत के छेद पर रखकर कमर को थोड़ा उठाकर बोली आ रहा है बहुत मजा अब दे अंदर। फिर में समझ चुका था कि माँ को चुदाई का नशा छाने लगा है और भीमा मेरी माँ को पसंद करने लगा है मुझे यह उम्मीद भी नहीं थी कि मेरी माँ जैसी सीधी साधी भोली संस्कार वाली औरत की भी चूत में भी आग होती है। फिर भीमा तो उस्ताद खिलाड़ी था उसने बस अपने लंड की टोपी को चूत के छेद में रखकर पूछा कि कहो ना दीदी क्या मजा आ रहा है? में तभी जाकर लंड को चूत के अंदर डालूँगा।
तभी माँ ने थोड़ा झिझक कर कहा कि हाँ मज़ा आ रहा है और अपनी कमर को थोड़ा सा ऊपर करके दोनो हाथों से भीमा की गांड पर रखकर नीचे दबाने लगी जिससे लंड फिर से अंदर चले जाए। तभी भीमा को मौका मिल गया था उसने लंड को बिना घुसाए सिर्फ़ चूत पर रगड़ते हुए पूछा कि दीदी बताओ ना अब क्या करूँ? तभी माँ कहने लगी कि में नहीं जानती। फिर भीमा बोला कि तो फिर में ऐसे आधा लेटा रहूँगा बताओ ना दीदी अब क्या करूँ? फिर माँ बोली कि अंदर डाल भीमा। तभी भीमा बोला कि क्या? फिर माँ ने उसके लंड को पकड़ कर कहा कि इसे। फिर भीमा ने कहा कि यह क्या है? तभी माँ बोली कि में नहीं जानती अगर करना है तो कर नहीं तो जा। तभी भीमा ने एक झटका दिया और करीब करीब आधा लंड माँ की चूत में चला गया। माँ फिर से आहहाहहहह करके सिसक उठी, तभी भीमा ने फिर से लंड को एक झटके में ही बाहर निकाल लिया। माँ फिर से तड़प उठी अब क्या है? तभी उनकी आवाज़ से उनकी बेसब्री साफ साफ पता चल रही थी।
तभी भीमा ने उनके गालों को और कंधो को चाटते हुए कहा कि कहो ना दीदी यह क्या है? फिर माँ ने कहा कि में नहीं जानती गंदी बातें यह कहकर वो फिर से उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत के ऊपर खींचने लगी। तभी भीमा ने कहा कि दीदी चुदवाते वक़्त ऐसी गंदी गंदी बातें करने से शरम चली जाती है फिर और भी ज़्यादा मज़ा आता है कहो ना यह कि लंड डाल, फिर डालूँगा। फिर माँ के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था। भीमा ने पहले उनके जिस्म को काबू किया था अब वो उनके दिमाग़ को भी काबू में ले रहा था। फिर माँ कहने लगी कि यह लुल्ली है। तभी भीमा कहने लगा कि दीदी यह लुल्ली नहीं है यह तो तना हुआ लंड है। फिर माँ ने सिसकते हुए कहा कि लंड क्या? और फिर उसको अपने ऊपर खींचने लगी। तभी भीमा उनके बूब्स को दबाते हुए होंठो को ज़बान से सहलाकर पूछने लगा कि पूरा खुलकर बताओ दीदी यह क्या है? इसे कहाँ डालूँगा? बताओ ना दीदी। फिर जमकर तुम्हारी चूत को चोदुंगा खुलकर बताओ ना दीदी यह क्या है और मुझे आगे क्या करना है?
तभी माँ समझ चुकी थी कि भीमा की बात मानकर ही उनको मज़ा मिलेगा वो थोड़ा हिचकिचाकर बोली कि ये लंड है और तू इसको मेरी चूत के अंदर डालेगा। तभी माँ को इस तरह की बात करती सुनकर में तो दंग रह गया। फिर भीमा भी जोश में आकर लंड को चूत पर टिका कर जोर जोर से धक्का देने लगा। तभी माँ अपनी आवाज़ को दबाती हुई भी थोड़ा चीख उठी ऊओययईई माँ में मर गई आहह। तभी भीमा ज़ोर ज़ोर से लगातार 4-5 धक्के देते हुए कहने लगा कि दीदी मेरा लंड अब पूरा जा रहा है तेरी चूत में उउहह कितनी टाईट और मस्त है दीदी आप बुरा नहीं मानोगी अगर में आपको गंदी गंदी गालियाँ देते हुए चोदूं? बताओ आ दीदी गंदी गाली देते हुए चोदूं? तभी माँ ने सर हिलाकर कहा कि हाँ उउहह ठीक है जो मर्ज़ी पड़े कर लेकिन थोड़ा धीरे हहूओ। तभी भीमा ने अपनी स्पीड पकड़े हुए बोलने लगा कि ऊहह दीदी अपनी गांड ऊपर उठा कर चुदवा मुझसे उऊहमम्म साली रंडी क्या चूत है तेरी मादरचोद तू छिनाल है रे मेरी रंडी दीदी तेरी चूत को फाड़ दूँगा साली कमिनी आहह मेरी रंडी गांड उठाकर चुदवा मुझसे और फिर वो ज़ोर से धक्के पे धक्के दे रहा था। फिर माँ अपने ने दोनों पैरो से उसकी कमर को कसकर पकड़ रखा था और फिर जैसे भीमा कह रहा था वैसे ही वो अपनी गांड उठा उठाकर भीमा को कामुक कर रही थी। उनकी आवाज़ में भी वासना भारी हुई थी ऊहह भीमा धीरे तेरा बहुत मोटा है आहह मर गई। तभी भीमा बोला कि हाँ रंडी साली हम्म तू मस्त माल है तेरा पति मादरचोद है साला, तेरी चूत को अभी तक फाड़ा नहीं है। मेरी रंडी दीदी मेरा लंड तेरी चूत में घुसा है बहुत गरम है रे तेरी चूत, तुझे मज़ा आ रहा है ना बोल साली।
फिर माँ अब ज़ोर ज़ोर से हाँफने लगी थी उसने कसकर भीमा को पकड़ रखा था और बोल रही थी हाँ मज़ा आ रहा है तेरा बहुत मोटा बहुत बड़ा है आहह। फिर धक्को को बड़ाते हुए भीमा कहने लगा मेरा आआआहह क्या मोटा और बड़ा है साली बोल? फिर माँ मछली की तरह तड़पती हुई बोली कि तेरा लंड आज मेरी चूत फाड़ रहा है उउउइमाआ कितना मोटा लंड आअहह म्म्माइएन्न्न् मर गई। तभी भीमा भी रॉकेट की स्पीड में धक्का लगा रहा था ऊओह दीदी मेरी रांड साली आअहह मुझे ज़ोर से पकड़ में झड़ने वाला हूँ तेरी चूत में, दीदी पानी अंदर ही डाल दूँ बताओ? फिर माँ ने कहा कि हाँ। फिर वो कहने लगा कि मेरा निकलने वाला है ऊहह। फिर माँ भी अपनी कमर उछाल उछाल कर भीमा को दबोच कर ज़ोर से चिपकी हुई थी हाँ इस में आअहह पानी अंदर आअहह ही छोड़ दे में भी मर गई। फिर कुछ ही देर में एक साथ दोनों झड़ गये।
में भी यह सब देखकर और सुनकर बिस्तर गीला कर चुका था फिर थोड़ी देर बाद भीमा माँ के ऊपर लेटा रहा फिर उनके पास में लेट गया माँ भी चैन से लेटी हुई थी रात की करीब 1:30 बज चुके थे। फिर माँ की चूची को धीरे धीरे सहलाकर भीमा ने कहा दीदी मुझे बहुत मज़ा आया और आपको? फिर माँ ने धीरे से कहा हाँ मुझे भी। फिर भीमा ने कहा कि दीदी सिर्फ़ आज की रात ही तो है मुझे आपको सुबह तक चोदना है। तभी माँ शरमाती हुई बोली में बुरी तरह थक चुकी हूँ पहले थोड़ा आराम कर लेते हैं फिर देखेंगे। तभी भीमा ख़ुशी से जैसे पागल हो गया और माँ के होठों को चूसने लग गया में भी समझ गया कि आज की रात तो मस्त कटेगी ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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