Saturday, December 27, 2014

FUN-MAZA-MASTI रंगीले चाचा

FUN-MAZA-MASTI
 रंगीले चाचा मेरे चाचाजी बहुत ही रंगीले किस्म के इंसान हैं. उनका प्रिय शौक है साड़ी पहनना. कितनी बार तो साड़ी पहन कर मुझसे गांड मरवा चुके हैं. मेरे चाचा की चूचियां भी हैं, वो भी नेचुरल. वो सी-कप वाली ब्रा पहनते हैं. मेरे से गांड मरवाने से पहले चाचाजी बहुत ही मामूली किस्म की साडीयाँ खरीदते थे. मैंने उनसे तब अच्छी साडीयाँ खरीदने के लिए कहा. तब से जब भी साड़ी खरीदनी हो मुझे अपने साथ ले जाते. वो पहले चाची और अपने लिए साड़ी खरीदते थे तब खुद के लिए मामूली और चाची के लिए बढ़िया वाली खरीदते थे. अब वो दोनों के लिए अच्छी साडीयाँ ही लेते हैं. परन्तु दुःख की बात ये थी की जहाँ मेरे चाचा की फिगर औरतों वाली है, चाची की फिगर मर्दों वाली थी. चाचा की आवाज़ भी दबी दबी सी है और चाची की एकदम कड़क. मतलब ये है की चाचा अगर मेरी चाची और चाची मेरे चाचा होते तो एकदम परफेक्ट होता. गौर करने वाली बात भी ये थी की मेरे चाचा होटल में कुक थे यानि खाना बनाते थे और मेरी चाची डॉक्टर थी.

चाचाजी ने मुझसे गांड मरवाने से पहले कभी किसी से गांड नहीं मराई थी. उन्हें बस औरतों के कपडे पहनना पसंद था. मैंने चाचा की गांड पहली बार कैसे मारी ये भी बहुत मजेदार घटना है. इसके लिए मुझे बहुत मशक्कत करनी पड़ी. उनकी फिगर और उनके उभार उनकी गांड तो अच्छी अच्छी हेरोइने को पीछे छोड़ दे. मैं कॉलेज में पढता था. चाचा का घर नजदीक होने के कारन अक्सर वहां जाया करता था. उस बार मैं करीब १ हफ्ते के लिए चला गया था. चाचा को चाची को चोदने का मौका नहीं मिल पा रहा था. इसलिए वो अपना दूसरा मनपसंद शौक पूरा कर रहे थे, रात में साड़ी पहनने का. ३ दिनों के बाद जब चुदाई का मौका नहीं मिल पाया तो वो उस रात साड़ी पहन रहे थे. मैं सोया नहीं था और खटपट सुनकर उठ गया. गलती से उनकी रूम का दरवाजा खुला रह गया था. चाचा ब्रा और साया में थे और साड़ी पहन रहे थे. मैं तो पहले से आशिक था उनपर. आज मौका मिला था और मैं गंवाना नहीं चाहता था. मैंने झट से अन्दर घुस कर दरवाजा बंद कर लिया. अब चाचा की हालत देखने लायक थी.उनका खड़ा लंड अचानक से बैठ गया.
मैंने कहा चाचा अब अगर इज्ज़त बचानी है तो चुपचाप मेरा लंड चूसना शुरू कर दो. मरता क्या न करता चाचा मेरा चूसने के लिए तैयार हो गए. चाचा जो अब मेरी चची बने हुए थे, ने मेरे कपडे उतारे. तब मैंने चाचा को घुटनों के बल बैठने को कहा और मेरा चूसने को कहा. चाचा ने नाक भों सिकोड़ कर मेरा चूसना शुरू किया. मुझे ख़ास मजा तो नहीं आया पर चाचा से कौन हर कोई चुसवा सकता है ये सोच कर मेरा कड़क ही रहा. करीब १०-१५ मिनट के बाद मुझे लगा की मैं झड जाऊँगा तो मैंने चाचा को रुकने के लिए कहा. मैंने तब तक सोच लिया था की ये मजा एक बार का नहीं होगा. और बार बार मजे लेने के लिए चाचा को इसकी आदत लगवानी पड़ेगी. चाचा के चूसने से पहले का चेहरा देख कर समझ गया था की चाचा ने कभी नहीं चुस्वाया होगा, इसका मतलब की चाची कभी चूसती नहीं होगी. चाचा को चुस्वाने का मजा दिलवाना होगा.

मैंने चाचा को बिस्तर पर लेट जाने के लिए कहा, चाचा चुपचाप लेट गए. मैंने चाचा की साड़ी उठाई और पैंटी नीचे सरकाया. चाचा का लंड डर से सोया हुआ था. मैंने धीरे से उसे अपने मूंह में लिया, मैंने चाचा के अंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया. चाचा का धीरे-धीरे खड़ा होने लगा. मैंने चूस-चूसकर चाचा के लंड को बिलकुल खड़ा करवा दिया, अब चाचा को भी मजा आने लगा था. यही मौका था लोहा गरम था चोट करने में मैंने लेट न की और चाचा को 69 स्तिथि में आने के लिए कहा. मैंने कहा चाचा जैसा मैंने चूसा है वैसे तुम भी चूसना शुरू कर दो. हम दोनों बहुत गरम हो चुके थे. दोनों ने अपनी स्पीड बाधा दी. थोड़ी देर में हम दोनों साथ साथ झड गए. चाचा ने मेरा उगल दिया और मैंने चाचा को पूरा का पूरा पी लिया. चाचा को बड़ी घिन आई कि ये क्या करते हो कोई पीता भी है क्या? मैंने कहा चाचा इससे बढ़िया जाम तो कुछ हो ही नहीं सकता. कभी तुम भी try करना.


उस रात तो बस शुरुआत थी. एक ही रात में ज्यादा जोर देना मैंने ठीक न समझा, इसलिए चाचा को जाने दिया, अगर उस दिन गांड मार ली होती तो शायद चाचा दर्द के कारण फिर न मराते. इसलिए मैंने कुछ वक़्त रुकने का फैसला किया.

अगले दिन चाचा बहुत खुश थे. उन्हें नए तरह के सेक्स का आनंद जो मिला था. सुबह मैंने धीरे से उनकी गांड दबा दी. चाचा ने हलकी सी मुस्कराहट मुझे दी, मैं समझ गया कि मैंने पहली मुश्किल हल कर ली है. आगे आगे तो बस कमाल ही कमाल है. अब चाचा मेरी गिरफ्त में थे.

मैं अब अक्सर ही उनके घर आने जाने लगा, चाचा भी मौका लगा कर मेरा चूसते और चुसवाते थे, इस बीच उन्हें अच्छे से चूसना आ गया और वो अब मेरा पूरा मूठ गटक कर पी जाते थे. एक बार मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में भी चोदा. तब से वो मेरे लंड के और भी बड़े कद्रदान हो गए हैं, 


लेकिन अभी मेरा किला आधा ही फतह हुआ था, मुझे अभी चाची को भी चोदना था. इसका वादा चाचा ने मुझसे किया था, लेकिन ये इतना आसान नहीं था. एक तो चाची यूँ न मानती और दुसरे कोई भी मर्द नहीं चाहता कि उसकी औरत किसी और से चुदे, इसलिए मुझे ही कोई तिकड़म भिड़ानी पड़ी.


चाचा अब मुझे अपने लिए साड़ियाँ खरीदने के लिए मुझे भी ले जाने लगे थे. कुछेक साड़ियाँ तो उन्होंने मेरे लिए भी ली हैं. मैंने उन्हें महँगी और अच्छी साड़ियाँ खरीदायीं. काफी बार चाची का मन ललक जाता था ऐसी साड़ियों पर. प्रत्यक्ष में मुझे चाचा का साडी पहनना पता नहीं है| तो एक दिन मैंने चाची को नयी (चाचा की) साडी पहनने के लिए और इधर चाचा से कह रखा था कि चूँकि चाची चाचा को गांड नहीं देती तो चाची को चाचा कि साड़ियाँ नहीं पहननी चाहिए. चाचा को कहा कि कभी चाची ने चाचा कि साडी पहन ली तो चाचा को चाची कि गांड जरूर मारनी चाहिए. उस दिन चाची ने मेरे कहने पर चाचा कि सबसे महँगी और पसंद वाली साडी पहन ली. चाचा ने देखा और कहा "ऐ हो! हमर साडी कहे पहिन ले लो हो?" कह कर चाचा ने पीछे से चाची कि गांड पकड़ ली, चाची भी गरम हो गयी. दोनों रूम में चले गए. चाचा ने चाची को नंगा कर दिया और बस गांड मारने ही वाले थे कि मैंने दरवाज़ा खटखटा दिया. चाचा चिढ गए. "कौन है?" "चाचा मेरे पापाजी आये हैं" बड़े भैया आये हैं ये सुन कर चाचा को दरवाज़ा खोलना पड़ा. मैंने चाचा के पजामे में बना तम्बू देखा. मैंने कहा "चाचा कोई नहीं आया है, आज तो बस मेरा काम कर दो." और फिर मैं पजामे के ऊपर से ही चाचा का सहलाने लगा. चाचा को इस समय इतनी गर्मी चढ़ी थी कि उन्होंने हाँ कह दी. मैं और चाचा दोनों अन्दर घुस गए और देखा कि चाची ने अभी पूरे कपडे नहीं पहने हैं. चाची मुझे देख कर घबडा गयी और कहा "जेठजी कहाँ हैं?" मैंने कहा "चाची आज नया कुछ होने वाला है, क्यों न ३-सम करे?" चाची ने कहा "बेटा वो तो २ औरतें और एक मर्द के साथ होता है?" मैंने कहा तो आज भी वही होगा. फिर चाचा ने मेरे लिए साडी निकली और चाची कि उतारी साडी खुद पहन ली. चाची अब नंगी थी. मैंने चाची को अपनी चड्डी पहनाया और फिर बनियान  पैंट शर्ट पहनने के लिए कहा. अब चाची मेरे चाचा थे और चाचा मेरी चाची और मैं उनकी भतीजी. हम तीनो बिस्तर पर आ गए. चाचा को गांड मारनी थी तो वे चाची के पीछे और मुझे चाची कि बुर मारनी थी तो मैं आगे ही रहा. सबने कपडे पहन के ही चुदाई मचाई. मैंने अपनी साड़ी उठाई और फिर अपना लंड पेंटी से निकला. चाची को किस करने के साथ साथ मैंने उनके पैंट की चैन खोली. उनके चड्डी को सरका के उनके जिप से ही अपना लंड उनकी बर्र में डाला. उधर चाचा दोनों हाथो से चाची की चूचियां मसल रहे थे. फिर उन्होंने चाची की पैंट और चड्डी नीचे की. चाची की गांड में एक ऊँगली घुसी. चाची कराहने लगी. जैसे ही चाचा ने ३ उँगलियाँ घुसी, चाची ने दर्द के मारे मेरे होठ काट लिए. जवाब में मैंने भी चाची के होठ चबाने शुरू कर दिए. फिर चाचा ने अपनी उँगलियाँ निकली और उसे सूंघने लगे. फिर चाचा चाची की गांड  चाटने लगे. चाटने से चाची की गांड नरम हो गयी. फिर तो चाचा ने एक झटके में चाची की गांड में अपना लोहे जैसा लंड पेल दिया. चाची आगे से मेरा लंड और पीछे से चाचा का लंड झेल रही थी. चाची दर्द के मारे चिल्लाने लगी. तो मैंने उनकी चूत से लंड निकल कर उनके मुंह में पेल दिया. चाचा ने चाची की गांड चौड़ी की और साड़ी संभल कर उनकी गांड में पेल दिया. चाचा के झड जाने के बाद मेरा नंबर आया. मैंने कहा चाचा, अब आप चाची के मुंह में लंड पेलो, मैं उनकी बुर मारता हूँ. चाचा ने चाची की चूचियां भी मसली और उनके मुंह में लंड भी पेला. चाची मेरी चूचियां मसल रही थी.  तृप्त हो जाने पर मैंने कहा कि आप कि जोड़ी ऐसे ही सही है. चाचा मेरी चाची होते और चाची मेरे चाचा तो कितना अच्छा होता. ये बात उनको लग गयी.

चाची मेरी खुद डॉक्टर हैं, उन्हें लिंग परिवर्तन के बारे में पता ही था. ये बात तो शायद उनके मन में पहले से ही था कि वो मर्द बने और शायद पति में औरतों के गुण भी देखे थे चाची ने. चाची बाहर का और चाचा घर का काम आसानी से कर सकते थे. लेकिन बदनामी का डर था. इसलिए वो दोनों मुंबई चले गए. वहां एक महीने के बाद मुझे पता चला कि मेरे चाचा अब एक औरत हैं और चाची एक मर्द. उनदोनो का धंधा भी अच्छा चल रहा है. मैं भी अब बहाने बना कर अक्सर मुंबई जाता हूँ और मजे लेता हूँ. आप भी हमारे साथ मजे ले सकते हो.









हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator