FUN-MAZA-MASTI
साली की चूत का उद्घाटन
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम सुनील है और मेरी उम्र 30 साल की है। में आपके लोगो के सामने फन मज़ा मस्ती पर अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी बहुत पसंद आएगी। दोस्तों जब मेरी साली कुवांरी थी तो मैंने ही मेरी साली की चूत का उद्घाटन किया था। अब उसकी शादी हो चुकी है।
दोस्तों मेरी साली हीना और उसके पति महेश को एक किराए के मकान की जरूरत थी तो मैंने अपने एरिया के एक मकान किराए पर देने वाले एजेंट से बात की और फिर उनके लिए एक मकान ढूंढा जो कि मेरे घर से कुछ ही दूरी पर था और ऐसा मैंने जानबूझ कर किया था क्योंकि में ये चाहता था कि में जब भी चाहूँ तब हीना के साथ सेक्स कर पाऊं और उसे भी ये बात मालूम थी और वो इस बात से बहुत खुश थी। फिर मकान के किराए का अग्रीमेंट मिलने पर महेश ने मुझे कॉल किया और हम तीनो उनका समान लाने के लिए गये। फिर हमने सारा समान लाकर नये मकान में रख दिया और अपने घर चले गये।
महेश अपनी माँ के घर गया और हीना अपनी माँ के घर.. जाते वक़्त हीना ने मुझे इशारे से कॉल करने के लिए कहा था और मैंने उसे शाम को 5 बजे कॉल किया तो उसने मुझसे कहा कि आज रात को वो मुझसे मिलेगी। में तो बहुत खुश था और उसने मुझसे कहा कि उसने अपनी माँ को बहाना बनाकर कहा है कि आज रात को वो अपनी एक सहेली के साथ उसके घर पर रुकने वाली है क्योंकि उसकी सहेली के घर के सभी लोग किसी काम से बाहर गए हुए है और वो घर पर अकेली बहुत डरती है और ये बात महेश को बिलकुल ना बताए क्योंकि वो मना कर देगा। तभी मुझे भी अपने घर पर कुछ ऐसा ही एक झूठ बोलना था.. जिससे मेरी बात भी सभी लोग मान ले। तभी मैंने अपने घर वालो से कहा कि में अपने दोस्त के घर पर जाकर आता हूँ क्योंकि मेरे दोस्त सुनील की तबीयत बहुत खराब है।
फिर में शाम को 7 बजे घर से निकला हीना मुझे नये मकान के पास ही मिलने वाली थी। फिर उसके आने के बाद हमने सोचा कि अगर हम साथ साथ मकान पर गये तो पड़ोसी देख लेंगे और वो ये जानते है कि में हीना का पति नहीं हूँ। तभी इस पर हमने एक तरकीब सोची। प्लान के मुताबिक पहले हीना रूम में जाएगी और फिर में चुपचाप अंदर जाऊंगा। तभी हीना आगे चली गयी और में उसके पीछे खड़ा खड़ा सोच रहा था कि रात को अगर मेरी ज़ोर से खासने की आवाज़ कोई सुन लेगा तो पड़ोसियों को मालूम हो जाएगा कि महेश के मकान में कोई है और मुझे इसकी बहुत चिंता हो रही थी.. क्योंकि मुझे बहुत खांसी थी। फिर मैंने मेडिकल पर जाकर खांसी के लिए कोई बहुत ही अच्छी दवाई देने को कहा.. तब उसने मुझे दवाई की बड़ी बॉटल दी। दवाई और एक पानी की बॉटल को लेकर में मकान की तरफ बड़ा और मैंने अपना मोबाईल फोन भी साइलेंट किया था। फिर मकान की सीढ़ियां चढ़ते वक्त भी मैंने देखा कि कोई मुझे ना देख ले। तभी पहली मंज़िल पर ही हीना का मकान था और उसने मकान का दरवाज़ा थोड़ा खोल रखा था.. में तुरंत ही अंदर चुपके से घुस गया। हीना मेरा इंतज़ार ही कर रही थी.. तभी उसने मुझसे देर से आने की वजह पूछी।
मैंने बताया कि में दुकान पर खांसी की दवा लेने गया था। फिर उसने कहा कि तुम बहुत शातिर हो रूम में अंधेरा ही था लाईट चालू नहीं की थी ताकि पड़ोस वाले ना जान पाए कि अंदर कोई है। फिर हमने बहुत देर तक बातें की इस बीच में उसे बाहों में भरकर लेटा हुआ था और वो मुझे चूम रही थी। धीरे धीरे माहोल बहुत गरम होने लगा। फिर हमने एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिए और एक दूसरे के बदन को चूमने चाटना शुरू किया। हीना का बहुत अच्छा फिगर मेरे अंदर बहुत सेक्स जगा रहा था। हीना की पसंद क्या है उसने मुझे पहले ही सिखाया था और फिर वो धीरे धीरे मेरे पेट पर से होते हुए मेरे लंड को चूमने के लिए आगे बढ़ी। फिर उसने पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया और फिर बहुत ज़ोरो से हिला हिलाकर चूसने लगी। चूसने की आवाज़ रूम में गूँज रही थी और तभी उसने अपनी स्पीड कम कर दी और फिर में नीचे से उसकी चूत पर से अपनी जीभ किसी जानवर की तरह चला रहा था.. जिससे वो और पागल हो रही थी और मेरा मुहं अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी।
मेरी सांसे भी बीच बीच में अटक रही थी। फिर कुछ देर बाद उसने मेरे सर के बालों को ज़ोर से पकड़ा और चूत को मुहं में पूरा घुसाना चाहा और उसका बदन सिकुड़ रहा था.. में समझ गया कि वो अब अमृत बरसाने वाली है और तुरंत ही उसने अपना सारा पानी मेरे मुहं पर गिरा दिया.. इसी समय मुझे खांसी भी आ रही थी लेकिन मैंने वो सारा रस पी लिया.. अब वो बहुत संतुष्ट लग रही थी। तभी मैंने भी उठकर थोड़ी दवाई पी ली और वापस आकर उसके पास लेट गया। हम फिर बातों में खो गये और दवाई पीने की वजह से कब आँख लगी पता ही नहीं चला। रात को करीब 3.30 बजे मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी। मैंने चादर उठाकर देखा तो हीना उठकर बैठी थी उसे बाथरूम जाना था.. लेकिन बाहर जाने में बहुत डर रही थी और उसने मुझे भी उठाया और मुझे टॉयलेट के दरवाज़े के पास खड़ा होने को कहा में सिर्फ़ अंडरवियर में था और वो सिर्फ़ शर्ट पहने थी। वो बिना लाईट जलाए नीचे बैठी और पेशाब करने लगी। उसकी पेशाब करने की आवाज़ से मेरा सोया हुआ लंड जागने लगा और इस वक्त तो मेरा लंड मानो गरम होकर तन रहा था।
फिर हीना जब बाहर आई तो आगे जाते वक्त उसका हाथ मेरे लंड से छू गया.. इससे उसे भी मेरे सख़्त हुए लंड का एहसास हुआ और वो धीरे से हंस दी। तभी मैंने तुरंत उसे उठाकर नीचे लेटा दिया और किस करने लगा। नीचे मेरा लंड उसके पेट में घुस रहा था। किस करते करते वो अचानक मेरे सीने के नीचे जाकर मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी। मैंने भी फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू किया.. वो अभी अभी पेशाब करके आई थी.. इसीलिए एक अलग ही नमकीन सा स्वाद आ रहा था। दोस्तों उस वक्त हम बिल्कुल मदहोश हो रहे थे। फिर मैंने उसको सीधा लेटाया और उसको मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर चूत में डालने को कहा.. तभी उसने ठीक से अपने दोनों पैरो को फैला लिया और मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर दो तीन बार हिलाया और लंड को धीरे धीरे चूत के अंदर सरकाने लगी और उस समय लंड की चमड़ी भी धीरे धीरे उसकी चूत के अन्दर से चिपक कर पीछे सरक रही थी। वो एक ज़बरदस्त अहसास था। फिर जब लंड पूरा चूत में अपनी जगह पर आ गया तो उसके बाद झटको का सिलसिला शुरू हुआ।
फिर उस अंधेरे रूम में छप छप की मादक आवाज़े गूँज रही थी और हम दोनों का पसीना पानी की तरह निकल रहा था। तभी में उसकी जीभ को पूरी तरह अपने मुहं में लेने की कोशिश कर रहा था.. नीचे से हीना भी अपनी चूत को उठा उठाकर मेरे पेट के नीचे पटक रही थी और लंड आरी के जैसे उसकी चूत में आगे पीछे चल रहा था इसलिए कुछ ही देर में उसकी चूत बहुत ढीली हो गयी थी और हीना को भी ये एहसास हुआ तो उसने लंड को चूत से निकालकर उसके पीछे वाले छेद में डालना चाहा तो वो थोड़ा टाईट था। फिर मैंने अपने हाथों से उसकी चूत का थोड़ा जूस लेकर उसकी गांड के छेद पर लगाया तो थोड़ा चिकनापन आ गया। उसके बाद अपनी दो उंगली घुसाकर उसे और ढीला किया।
फिर हीना ने लंड को गांड के अंदर घुसाने की भरपूर कोशिश की और धीरे धीरे लंड उसके छेद में जा रहा था और वो दर्द महसूस कर रही थी.. लेकिन उसने रोका नहीं और जब वो आधे से ज़्यादा अंदर गया तभी मैंने धीरे धीरे अंदर और बाहर करना शुरू किया मुझे भी बहुत जलन हो रही थी.. लेकिन हीना ने मुझे कमर से बहुत टाईट पकड़ कर रखा। मेरा लंड अंदर ही था और उसने मुझे अपने नीचे लिया और खुद ऊपर सवार हो गयी.. वाह मुझे जैसे जन्नत मिल गई थी। अब उसने घुड़सवारी शुरू की और इस तरह उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी। अब मेरे लंड पर बहुत प्रेशर आ रहा था.. उसने अपना एक बूब्स मेरे मुहं में डाल दिया और में उसे चूसने लगा उसकी रफ़्तार तेज़ हो रही थी। थोड़ी देर बाद में समझ गया कि हीना जूस निकालने वाली है। वो और तेज़ हो गयी और अचानक मेरे लंड पर जैसे किसी ने गरम आमलेट पलट दिया हो.. मुझे ऐसा लगा।
फिर वो जल्दी से नीचे आकर लंड चूसने लगी। मेरा भी अब पिचकारी मारने का टाईम आया था.. वो भी ये समझ चुकी थी और वो लंड को दोनों हाथों से पकड़ कर हिलाते हिलाते चूस रही थी। तभी उसके सर के बाल मैंने खींच कर पकड़ लिए। अब उसने पूरा लंड जड़ तक मुहं में ले लिया और निगलने लगी जल्दी से मैंने उसके मुहं में सारा वीर्य निकाल दिया और वो सारा पी गयी और लंड को किसी भूखी बिल्ली के जैसे चाट चाटकर साफ कर दिया। हमें ऐसा लग रहा था कि सातवां आसमान छू कर हम अभी अभी ज़मीन पर आए है। फिर हम एक दूसरे को चाटते चूमते सो गए ।।
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साली की चूत का उद्घाटन
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम सुनील है और मेरी उम्र 30 साल की है। में आपके लोगो के सामने फन मज़ा मस्ती पर अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी बहुत पसंद आएगी। दोस्तों जब मेरी साली कुवांरी थी तो मैंने ही मेरी साली की चूत का उद्घाटन किया था। अब उसकी शादी हो चुकी है।
दोस्तों मेरी साली हीना और उसके पति महेश को एक किराए के मकान की जरूरत थी तो मैंने अपने एरिया के एक मकान किराए पर देने वाले एजेंट से बात की और फिर उनके लिए एक मकान ढूंढा जो कि मेरे घर से कुछ ही दूरी पर था और ऐसा मैंने जानबूझ कर किया था क्योंकि में ये चाहता था कि में जब भी चाहूँ तब हीना के साथ सेक्स कर पाऊं और उसे भी ये बात मालूम थी और वो इस बात से बहुत खुश थी। फिर मकान के किराए का अग्रीमेंट मिलने पर महेश ने मुझे कॉल किया और हम तीनो उनका समान लाने के लिए गये। फिर हमने सारा समान लाकर नये मकान में रख दिया और अपने घर चले गये।
महेश अपनी माँ के घर गया और हीना अपनी माँ के घर.. जाते वक़्त हीना ने मुझे इशारे से कॉल करने के लिए कहा था और मैंने उसे शाम को 5 बजे कॉल किया तो उसने मुझसे कहा कि आज रात को वो मुझसे मिलेगी। में तो बहुत खुश था और उसने मुझसे कहा कि उसने अपनी माँ को बहाना बनाकर कहा है कि आज रात को वो अपनी एक सहेली के साथ उसके घर पर रुकने वाली है क्योंकि उसकी सहेली के घर के सभी लोग किसी काम से बाहर गए हुए है और वो घर पर अकेली बहुत डरती है और ये बात महेश को बिलकुल ना बताए क्योंकि वो मना कर देगा। तभी मुझे भी अपने घर पर कुछ ऐसा ही एक झूठ बोलना था.. जिससे मेरी बात भी सभी लोग मान ले। तभी मैंने अपने घर वालो से कहा कि में अपने दोस्त के घर पर जाकर आता हूँ क्योंकि मेरे दोस्त सुनील की तबीयत बहुत खराब है।
फिर में शाम को 7 बजे घर से निकला हीना मुझे नये मकान के पास ही मिलने वाली थी। फिर उसके आने के बाद हमने सोचा कि अगर हम साथ साथ मकान पर गये तो पड़ोसी देख लेंगे और वो ये जानते है कि में हीना का पति नहीं हूँ। तभी इस पर हमने एक तरकीब सोची। प्लान के मुताबिक पहले हीना रूम में जाएगी और फिर में चुपचाप अंदर जाऊंगा। तभी हीना आगे चली गयी और में उसके पीछे खड़ा खड़ा सोच रहा था कि रात को अगर मेरी ज़ोर से खासने की आवाज़ कोई सुन लेगा तो पड़ोसियों को मालूम हो जाएगा कि महेश के मकान में कोई है और मुझे इसकी बहुत चिंता हो रही थी.. क्योंकि मुझे बहुत खांसी थी। फिर मैंने मेडिकल पर जाकर खांसी के लिए कोई बहुत ही अच्छी दवाई देने को कहा.. तब उसने मुझे दवाई की बड़ी बॉटल दी। दवाई और एक पानी की बॉटल को लेकर में मकान की तरफ बड़ा और मैंने अपना मोबाईल फोन भी साइलेंट किया था। फिर मकान की सीढ़ियां चढ़ते वक्त भी मैंने देखा कि कोई मुझे ना देख ले। तभी पहली मंज़िल पर ही हीना का मकान था और उसने मकान का दरवाज़ा थोड़ा खोल रखा था.. में तुरंत ही अंदर चुपके से घुस गया। हीना मेरा इंतज़ार ही कर रही थी.. तभी उसने मुझसे देर से आने की वजह पूछी।
मैंने बताया कि में दुकान पर खांसी की दवा लेने गया था। फिर उसने कहा कि तुम बहुत शातिर हो रूम में अंधेरा ही था लाईट चालू नहीं की थी ताकि पड़ोस वाले ना जान पाए कि अंदर कोई है। फिर हमने बहुत देर तक बातें की इस बीच में उसे बाहों में भरकर लेटा हुआ था और वो मुझे चूम रही थी। धीरे धीरे माहोल बहुत गरम होने लगा। फिर हमने एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिए और एक दूसरे के बदन को चूमने चाटना शुरू किया। हीना का बहुत अच्छा फिगर मेरे अंदर बहुत सेक्स जगा रहा था। हीना की पसंद क्या है उसने मुझे पहले ही सिखाया था और फिर वो धीरे धीरे मेरे पेट पर से होते हुए मेरे लंड को चूमने के लिए आगे बढ़ी। फिर उसने पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया और फिर बहुत ज़ोरो से हिला हिलाकर चूसने लगी। चूसने की आवाज़ रूम में गूँज रही थी और तभी उसने अपनी स्पीड कम कर दी और फिर में नीचे से उसकी चूत पर से अपनी जीभ किसी जानवर की तरह चला रहा था.. जिससे वो और पागल हो रही थी और मेरा मुहं अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी।
मेरी सांसे भी बीच बीच में अटक रही थी। फिर कुछ देर बाद उसने मेरे सर के बालों को ज़ोर से पकड़ा और चूत को मुहं में पूरा घुसाना चाहा और उसका बदन सिकुड़ रहा था.. में समझ गया कि वो अब अमृत बरसाने वाली है और तुरंत ही उसने अपना सारा पानी मेरे मुहं पर गिरा दिया.. इसी समय मुझे खांसी भी आ रही थी लेकिन मैंने वो सारा रस पी लिया.. अब वो बहुत संतुष्ट लग रही थी। तभी मैंने भी उठकर थोड़ी दवाई पी ली और वापस आकर उसके पास लेट गया। हम फिर बातों में खो गये और दवाई पीने की वजह से कब आँख लगी पता ही नहीं चला। रात को करीब 3.30 बजे मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी। मैंने चादर उठाकर देखा तो हीना उठकर बैठी थी उसे बाथरूम जाना था.. लेकिन बाहर जाने में बहुत डर रही थी और उसने मुझे भी उठाया और मुझे टॉयलेट के दरवाज़े के पास खड़ा होने को कहा में सिर्फ़ अंडरवियर में था और वो सिर्फ़ शर्ट पहने थी। वो बिना लाईट जलाए नीचे बैठी और पेशाब करने लगी। उसकी पेशाब करने की आवाज़ से मेरा सोया हुआ लंड जागने लगा और इस वक्त तो मेरा लंड मानो गरम होकर तन रहा था।
फिर हीना जब बाहर आई तो आगे जाते वक्त उसका हाथ मेरे लंड से छू गया.. इससे उसे भी मेरे सख़्त हुए लंड का एहसास हुआ और वो धीरे से हंस दी। तभी मैंने तुरंत उसे उठाकर नीचे लेटा दिया और किस करने लगा। नीचे मेरा लंड उसके पेट में घुस रहा था। किस करते करते वो अचानक मेरे सीने के नीचे जाकर मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी। मैंने भी फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू किया.. वो अभी अभी पेशाब करके आई थी.. इसीलिए एक अलग ही नमकीन सा स्वाद आ रहा था। दोस्तों उस वक्त हम बिल्कुल मदहोश हो रहे थे। फिर मैंने उसको सीधा लेटाया और उसको मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर चूत में डालने को कहा.. तभी उसने ठीक से अपने दोनों पैरो को फैला लिया और मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर दो तीन बार हिलाया और लंड को धीरे धीरे चूत के अंदर सरकाने लगी और उस समय लंड की चमड़ी भी धीरे धीरे उसकी चूत के अन्दर से चिपक कर पीछे सरक रही थी। वो एक ज़बरदस्त अहसास था। फिर जब लंड पूरा चूत में अपनी जगह पर आ गया तो उसके बाद झटको का सिलसिला शुरू हुआ।
फिर उस अंधेरे रूम में छप छप की मादक आवाज़े गूँज रही थी और हम दोनों का पसीना पानी की तरह निकल रहा था। तभी में उसकी जीभ को पूरी तरह अपने मुहं में लेने की कोशिश कर रहा था.. नीचे से हीना भी अपनी चूत को उठा उठाकर मेरे पेट के नीचे पटक रही थी और लंड आरी के जैसे उसकी चूत में आगे पीछे चल रहा था इसलिए कुछ ही देर में उसकी चूत बहुत ढीली हो गयी थी और हीना को भी ये एहसास हुआ तो उसने लंड को चूत से निकालकर उसके पीछे वाले छेद में डालना चाहा तो वो थोड़ा टाईट था। फिर मैंने अपने हाथों से उसकी चूत का थोड़ा जूस लेकर उसकी गांड के छेद पर लगाया तो थोड़ा चिकनापन आ गया। उसके बाद अपनी दो उंगली घुसाकर उसे और ढीला किया।
फिर हीना ने लंड को गांड के अंदर घुसाने की भरपूर कोशिश की और धीरे धीरे लंड उसके छेद में जा रहा था और वो दर्द महसूस कर रही थी.. लेकिन उसने रोका नहीं और जब वो आधे से ज़्यादा अंदर गया तभी मैंने धीरे धीरे अंदर और बाहर करना शुरू किया मुझे भी बहुत जलन हो रही थी.. लेकिन हीना ने मुझे कमर से बहुत टाईट पकड़ कर रखा। मेरा लंड अंदर ही था और उसने मुझे अपने नीचे लिया और खुद ऊपर सवार हो गयी.. वाह मुझे जैसे जन्नत मिल गई थी। अब उसने घुड़सवारी शुरू की और इस तरह उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी। अब मेरे लंड पर बहुत प्रेशर आ रहा था.. उसने अपना एक बूब्स मेरे मुहं में डाल दिया और में उसे चूसने लगा उसकी रफ़्तार तेज़ हो रही थी। थोड़ी देर बाद में समझ गया कि हीना जूस निकालने वाली है। वो और तेज़ हो गयी और अचानक मेरे लंड पर जैसे किसी ने गरम आमलेट पलट दिया हो.. मुझे ऐसा लगा।
फिर वो जल्दी से नीचे आकर लंड चूसने लगी। मेरा भी अब पिचकारी मारने का टाईम आया था.. वो भी ये समझ चुकी थी और वो लंड को दोनों हाथों से पकड़ कर हिलाते हिलाते चूस रही थी। तभी उसके सर के बाल मैंने खींच कर पकड़ लिए। अब उसने पूरा लंड जड़ तक मुहं में ले लिया और निगलने लगी जल्दी से मैंने उसके मुहं में सारा वीर्य निकाल दिया और वो सारा पी गयी और लंड को किसी भूखी बिल्ली के जैसे चाट चाटकर साफ कर दिया। हमें ऐसा लग रहा था कि सातवां आसमान छू कर हम अभी अभी ज़मीन पर आए है। फिर हम एक दूसरे को चाटते चूमते सो गए ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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