Thursday, December 25, 2014

FUN-MAZA-MASTI बदलाव के बीज--83

FUN-MAZA-MASTI
 बदलाव के बीज--83

अब आगे ....

 पिताजी और चन्दर भैया डाइनिंग टेबल पर बैठे सब देख रहे थे|

पिताजी: अरे भई ये क्या हो रहा है? बड़ी माफियाँ मांगी जा रही हैं?

मैं: कुछ नहीं पिताजी ...वो दोनों ने मिलके सरप्राइज प्लान किया था और मैं लेट हो गया तो.....

पिताजी: कैसा सरप्राइज बेटा?

इतने में भौजी ड्राइंग रूम से बोलीं;

भौजी: पिताजी...इधर है सरप्राइज|

हम सब ड्राइंग रूम में पहुंचे तो वहाँ सेंटर टेबल पे एक केक रखा हुआ था|

पिताजी: वाह भई वाह! केक!!! बहु ये अच्छा किया तुमने...बहुत सालों से हमने इसका जन्मदिन नहीं मनाया| हमेशा पैसे ले के निकल जाता था और दोस्तों को बहार ही खिला-पिला देता था| रात को हम घर पर कुछ बहार से माँगा लेते ..बस हो गया जन्मदिन|

मैं: Wow !!!

माँ: चल जल्दी से केक काट!

चन्दर भैया: जन्मदिन मुबारक हो मानु भैया|

मैं: Thanks भैया|

मैंने candle बुझाईं...केक काटा और पहला टुकड़ा पिताजी को खिलाया...दूसरा माँ को...तीसरा चन्दर भैया को ....चौथा नेहा और आयुष को!आखरी टुकड़ा उठा के मैंने भौजी को खिलाना चाहा पर उन्होंने शर्म दिखाते हुए मना कर दिया| वैसे भी उन्होंने घूँघट काढ़ा हुआ था तो ऐसे में वो पिताजी के पास घूँघट कैसे उठातीं| सब वापस डाइनिंग टेबल पे आ गए बस भौजी और मैं ही कमरे में रह गए|

मैं: नाराज हो मुझसे?

भौजी: नहीं तो...आज कैसे नाराज हो सकती हूँ! आपका एक सरप्राइज घर पे wait कर रहा है!

मैं: सच में? यार You're full of surprises!

फिर हम सबने खाना खाया और बचा हुआ केक हमने स्वीट डिश में खा लिया और केक खत्म| लंच के बाद भैया और पिताजी तो काम पे चले गए और मुझे आज दोस्तों के साथ एन्जॉय करने को कह गए| मैं सोने जा रहा था क्यों की दिषु कुछ दिनों के लिए बहार गया हुआ था|


तभी भौजी का फोन आया;

मैं: हाँ जी बोलो

भौजी: जल्दी से घर आ जाओ!

मैं उनके घर पहुँच गया| बच्चे सो चुके थे बस भौजी जाग रहीं थीं|

मैं: हाँ तो क्या है सरप्राइज?

भौजी ने एक छोटा सा गत्ते का बॉक्स मेरे सामने खोला| उसमें दो पेस्ट्री थीं| उन्होंने एक पे एक मोमबत्ती लगा दी और उसे जल दिया|

मैं: okay !

भौजी: वो प्लान बच्चों का था...और ये वाला Specially आपके लिए ...मेरी तरफ से!

मैंने candle बुझाई और वो टुकड़ा उन्हें खिलाया, भुजी ने दूसरा टुकड़ा मुझे खिलाया| भौजी मुझसे लिपट गईं और बोलीं;

भौजी: Happy B'day जानू!

मैंने अब भी उन्हें नहीं छुआ था.... वो मुझसे लिपटीं थीं पर मेरे हाथ उनकी कमर या पीठ पे नहीं थे, बल्कि मैंने अपने हाथ पीछे मोड़ रखे थे|

मैं: thanks

फिर मैंने उन्हें खुद से दूर किया और सामने पड़ी कुर्सी पे बैठ गया| जाहिर था की इतने दिनों से मेरा व्यवहार उन्हें अटपटा लग रहा था और आखिर उन्होंने पूछ ही लिया;

भौजी: आप पिछले कुछ दिनों से इतना weired क्यों behave कर रहे हो? अब भी नाराज हो?

मैं: नहीं तो

भौजी: तो बात क्या है? ना आप मुझे छूते हो...ना पहले के जैसे "जान" कह के बुलाते हो... कल रात आपको मैंने I Love You कहा...आपने उसका कोई जवाब नहीं दिया...बल्कि मुझे अपने खरांटे सुनाने लगे...क्या मैं नहीं जानती की आप खरांटे नहीं लेते? आज सुबह भी आपने मेरे कहने पर भी I Love You नहीं कहा? अकेले में जब भी आपको छूतीं हूँ या कोशिश करती हूँ तो आप भाग जाते हो? आखिर क्यों मुझसे दूरी बना रहे हो? मैं यहाँ सिर्फ आपके लिए ही तो आई हूँ|

मैं: जानता हूँ...पर ....पर ....अब सब कुछ पहले जैसा नहीं रहा| आप...आप मेरे लिए वो नहीं रहे जो पहले थे! I mean I use to love you…but now its like …I….I worship you! उस दिन आपने जो कुछ कहा...I mean आयुष और नेहा ...वो...वो सब.... I still feel guilty! आप हमेशा सही थे...और मैं आपको ही गलत मानता रहा| मैंने आपको दोषी बना डाला... सरे इल्जाम आप पर थोप दिए... मतलब... hHow could I ever do that! और इस सब के होने के बाद मेरे पास आपको छूने का या कुछ भी कहने का हक़ नहीं रहा| मेरे लिए तो आप वो संगे मरमर की मूरत हो जिसे मेरे जैसा पापी अगर देख भर ले तो वो मूरत गन्दी हो जाए...ऐसे में मैं आपको कैसे छूं| the truth is I don’t deserve you!

भौजी: Oh God ! I’m not a Goddess !!! मैं बस आपसे प्यार करती हूँ..और बस यही चाहती हूँ की आप मुझे वैसे ही प्यार करो जैसे किया करते थे| मैंने आप पर कोई एहसान नहीं किया..बलिक एहसान तो आपने किया है| आप मेरी जिंदगी में आय...और मुझे वो साड़ी खुशियां दीं जो मुझे मिलनी चाहिए थी| उसके बाद मेरी एक गलती की वजह से आप बिना कुछ कहे बिना कुछ मांगे...चले गए| आप ने तो expect करना ही छोड़ दिया| I mean आपकी जगह कोई और होता तो वो मुझसे कितनी उम्मीद बाँध लेता...और जैसा मैंने किया उसके बाद तो वो सब जगह जाके ढिंढोरा पीट देता की ये बच्चा उसका है और उसके बाद क्या होता ये मुझे कहने कोई जर्रूरत नहीं| आपने तो यहाँ तक आयसुह को खुद को "पापा" कहने से भी रोक दिया सिर्फ इसलिए की किसी को पता न चल जाये| और आज भी आप मुझे छूने से झिझकते हो....इतना बड़ा दिल किस इंसान का होता है? It’s you who should be worshipped!

मैं: Oh No..No…I don’t deserve that!

भौजी: तो promise me आप ये सब नहीं सोचोगे?

मैं: I can’t do that!

भौजी: Ok… कहते हैं जब घी सीधी ऊँगली से न निकले तो ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ती है|

मैं: क्या मतलब?

भौजी: जब तक आप मुझे नहीं छूते मैं खाना-पीना सब छोड़ दूंगी|

मैं: That’s not fair!

भौजी: Well you once said, everything’s fair in love and war.

मैं जानता था की अगर मैंने उन्हें छुआ नहीं तो वो फिर से बीमार पड़ जाएँगी| तभी भौजी का फोन आया;

मैं: हाँ जी बोलो

भौजी: जल्दी से घर आ जाओ!

मैं उनके घर पहुँच गया| बच्चे सो चुके थे बस भौजी जाग रहीं थीं|

मैं: हाँ तो क्या है सरप्राइज?

भौजी ने एक छोटा सा गत्ते का बॉक्स मेरे सामने खोला| उसमें दो पेस्ट्री थीं| उन्होंने एक पे एक मोमबत्ती लगा दी और उसे जल दिया|

मैं: okay !

भौजी: वो प्लान बच्चों का था...और ये वाला Specially आपके लिए ...मेरी तरफ से!

मैंने candle बुझाई और वो टुकड़ा उन्हें खिलाया, भुजी ने दूसरा टुकड़ा मुझे खिलाया| भौजी मुझसे लिपट गईं और बोलीं;

भौजी: Happy B'day जानू!

मैंने अब भी उन्हें नहीं छुआ था.... वो मुझसे लिपटीं थीं पर मेरे हाथ उनकी कमर या पीठ पे नहीं थे, बल्कि मैंने अपने हाथ पीछे मोड़ रखे थे|

मैं: thanks

फिर मैंने उन्हें खुद से दूर किया और सामने पड़ी कुर्सी पे बैठ गया| जाहिर था की इतने दिनों से मेरा व्यवहार उन्हें अटपटा लग रहा था और आखिर उन्होंने पूछ ही लिया;

भौजी: आप पिछले कुछ दिनों से इतना weired क्यों behave कर रहे हो? अब भी नाराज हो?

मैं: नहीं तो

भौजी: तो बात क्या है? ना आप मुझे छूते हो...ना पहले के जैसे "जान" कह के बुलाते हो... कल रात आपको मैंने I Love You कहा...आपने उसका कोई जवाब नहीं दिया...बल्कि मुझे अपने खरांटे सुनाने लगे...क्या मैं नहीं जानती की आप खरांटे नहीं लेते? आज सुबह भी आपने मेरे कहने पर भी I Love You नहीं कहा? अकेले में जब भी आपको छूतीं हूँ या कोशिश करती हूँ तो आप भाग जाते हो? आखिर क्यों मुझसे दूरी बना रहे हो? मैं यहाँ सिर्फ आपके लिए ही तो आई हूँ|

मैं: जानता हूँ...पर ....पर ....अब सब कुछ पहले जैसा नहीं रहा| आप...आप मेरे लिए वो नहीं रहे जो पहले थे! I mean I use to love you…but now its like …I….I worship you! उस दिन आपने जो कुछ कहा...I mean आयुष और नेहा ...वो...वो सब.... I still feel guilty! आप हमेशा सही थे...और मैं आपको ही गलत मानता रहा| मैंने आपको दोषी बना डाला... सरे इल्जाम आप पर थोप दिए... मतलब... hHow could I ever do that! और इस सब के होने के बाद मेरे पास आपको छूने का या कुछ भी कहने का हक़ नहीं रहा| मेरे लिए तो आप वो संगे मरमर की मूरत हो जिसे मेरे जैसा पापी अगर देख भर ले तो वो मूरत गन्दी हो जाए...ऐसे में मैं आपको कैसे छूं| the truth is I don’t deserve you!

भौजी: Oh God ! I’m not a Goddess !!! मैं बस आपसे प्यार करती हूँ..और बस यही चाहती हूँ की आप मुझे वैसे ही प्यार करो जैसे किया करते थे| मैंने आप पर कोई एहसान नहीं किया..बलिक एहसान तो आपने किया है| आप मेरी जिंदगी में आय...और मुझे वो साड़ी खुशियां दीं जो मुझे मिलनी चाहिए थी| उसके बाद मेरी एक गलती की वजह से आप बिना कुछ कहे बिना कुछ मांगे...चले गए| आप ने तो expect करना ही छोड़ दिया| I mean आपकी जगह कोई और होता तो वो मुझसे कितनी उम्मीद बाँध लेता...और जैसा मैंने किया उसके बाद तो वो सब जगह जाके ढिंढोरा पीट देता की ये बच्चा उसका है और उसके बाद क्या होता ये मुझे कहने कोई जर्रूरत नहीं| आपने तो यहाँ तक आयसुह को खुद को "पापा" कहने से भी रोक दिया सिर्फ इसलिए की किसी को पता न चल जाये| और आज भी आप मुझे छूने से झिझकते हो....इतना बड़ा दिल किस इंसान का होता है? It’s you who should be worshipped!

मैं: Oh No..No…I don’t deserve that!

भौजी: तो promise me आप ये सब नहीं सोचोगे?

मैं: I can’t do that!

भौजी: Ok… कहते हैं जब घी सीधी ऊँगली से न निकले तो ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ती है|

मैं: क्या मतलब?

भौजी: जब तक आप मुझे नहीं छूते मैं खाना-पीना सब छोड़ दूंगी|

मैं: That’s not fair!

भौजी: Well you once said, everything’s fair in love and war.

मैं जानता था की अगर मैंने उन्हें छुआ नहीं तो वो फिर से बीमार पड़ जाएँगी|  

भौजी आयुष और नेहा के कमरे में जा रहीं थी की मैं उठा और पीछे से जाके उन्हें कमर से पकड़ लिया| मैं उनकी शरीर की महक को आज बरसों बाद सूंघ रहा था....भौजी ने भी मेरे हाथों को कस के पका डी लिया और अपने जिस्म पे दबाने लगीं|

भौजी: ह्म्म्म्म्म्म्म

मैं: So sorry ..... for behaving so weired .....so are you Happy now?

भौजी: ना ...You're missing something ?

मैं: Oh .... I love you

भौजी: I Love You Too !

फिर मैंने पीछे से ही भौजी के गालों को चूमा और उन्हें अपनी गिरफ्त से आजाद किया|

भौजी: वैसे.... मुझे अभी भी आपसे एक चीज चाहिए? जिसके लिए मैं बहुत तड़पी हूँ|

मैं: क्या?

भौजी: Kiss !

मैं: दिया तो अभी!

भौजी: वो Kiss थोड़े ही था...वो तो आपने घांस काटी है|

इतने में बच्चे उठ गए और दोनों आके मेरी गोद में बैठ गए| भौजी उठ के कपडे लेने के लिए छत पे चली गईं| मैंने भी बच्चों को अपने घर भेज दिया ये कहके की मैं अभी आ रहा हूँ| नीचे ताला लगाया और मैं भी छत पे पहुँच गया|
 


 मैं: तो “जान”...आप कुछ मांग रहे थे?

भौजी ने शरारत भरी नजरों से मेरी ओर देखा ओर बोलीं;

भौजी: नहीं तो...

मैं: ठीक है ...मुझे लगा आपको वो अभी चाहिए था...पर ठीक है…..मैं जा रहा हूँ|

मैं जाने के लिए जैसे ही घुमा भौजी भाग के मेरे पास आऐं और मुझे झटके से पानी ओर घुमाया, मेरी कमीज के कॉलर को दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे होठों पे अपने होंठ रख दिए| उनकी दोनों बाहों ने मेरी गर्दन के इर्द-गीर्द घेरा बना लिया और उन्होंने मेरे होठों को अपने मुँह में भर के चूसना शुरू कर दिया| जैसे ही बहूजी ने मेरे होठों को छोड़ा मैंने उनके होठों का रस पान शुरू कर दिया| दस मिनट तक हम एक दूसरे के इसी तरह Kiss करते रहे| जब अलग हुए तो भौजी बोलीं;

भौजी: सात साल...fucking सात साल इन्तेजार किया मैंने इसके लिए!!!

मैं: All you had to do was call me !

भौजी: पर तब वो आनंद नहीं आता जो आज आया| अच्छा आप ये बताओ...गाँव में तो आप मेरे कमरे में रात को आ जाया करते थे...तो यहाँ भी ऐसा ही करोगे?

मैं: ना यार... यहाँ कैसे हो सकता है| किसी ने रात में आपके पास आते देख लिया तो?

भौजी: वो मैं नहीं जानती.... आप आज रात आओगे|

इतने में मेरे फोन में मैसेज आया| मैंने मैसेज पढ़ा तो वो दिषु का था| उसके पास बैलेंस नहीं था और उसने मुझे कॉल करने को कहा था|मैंने तुरंत उसे फोन मिलाया;

मैं: हाँ भाई बोल?

दिषु: अगले दो घंटों में मैं दिल्ली पहुँच रहा हूँ| तू मुझे स्टेशन मिल|

मैं: पर किस लिए?

दिषु: ओये! बर्थडे ट्रीट कौन देगा?

मैं: यार पर....

दिषु: पर-वर कुछ नहीं... और हाँ...कपडे मस्त वाले पहनियो!

मैं: क्यों?

दिषु: मिल तब बताता हूँ|

मैंने फोन काटा और भौजी जो खडीन हमारी बातें सुन रहीं थी









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