FUN-MAZA-MASTI
यह कहानी दो साल पहले की है। मेरे घर में हम सब संयुक्त परिवार में रहते
हैं। मेरे चाचा ने छोटे बच्चे के देखबाल के लिए एक लड़की को रखा हुआ था।
चाचा-चाची दोनों काम पर जाते थे और मेरे मम्मी-पापा भी काम पर जाते हैं। घर
में सिर्फ दादा-दादी ही होते हैं इसलिए मैं हमेशा छोटू से मिलने के लिए या
खेलने के लिए वहाँ अक्सर जाता था। उस नौकरानी का नाम रूपा था, उम्र 19-20
साल होगी, दिखने में साधारण पर उभार ऐसे थे कि कामदेव ने खुद तराशे हों।
मेरे मन में उसे पाने की इच्छा जागृत हुई, वो हमेशा मुझे देख कर शरमा कर हंसती थी। मैं चाचा के कम्प्यूटर पर हमेशा बैठा करता था लेकिन सिर्फ पढ़ाई या गाने सुनने के लिए।
मुझे एक ख्याल आया, मैंने सुबह चाचा के कम्प्यूटर पर एक अंग्रेजी फिल्म लगाई। रूपा उधर ही छोटू के साथ खेल रही थी। वो भी फिल्म देखने लगी।
बाद में छोटू को सोना था, इसलिए रूपा बोली- आवाज कम कर दो !
मैंने फिल्म बंद कर दी और कहा- मैं ऊपर टीवी देख लूँगा ! तुम छोटू को सुला दो।
उसने कहा- ठीक है ! पर मझे भी टीवी देखना है।
मैं बोला- तुम छोटू को सुलाकर उपर आ जाना।
वो बोली- ठीक है।
मैं अपने बेडरूम में आया, टीवी लगाकर उस पर फ़ैशन चैनल जो लॉक था, अनलॉक कर दिया और रूपा का इंतजार करने बैठ गया।
थोड़ी देर बाद रूपा आई, मैंने उसे अपने पास बाजू में बैठने को कहा तो वो बैठ गई।
तब मैंने कहा- क्या देखोगी?
उसने कहा- आप ही देखो जो देखना है।
मैंने कहा- जो मैं देखूँगा वो तुम्हें शायद पसंद न आए !
उसने सिर्फ हंस कर मेरे तरफ देखा तो मैंने फ़ैशन चैनल लगा दिया और देखने लगा। उसके चेहरे पर शर्म साफ दिख रही थी।
वो कुछ बोल नहीं रही थी।
टीवी पर बिकनी पहने मॉडल आई तो तभी मैंने कहा- तुम हंस क्यों रही हो?
उसने टीवी की तरफ़ देखा और फ़िर मेरी तरफ।
मैं समझ गया और कहा- तुम ऐसे कपड़े नही पहनती?
उसने गर्दन ना में हिलाई।
तो क्या पहनती हो?
उसने कुछ नहीं कहा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे ऐसे ही कुछ सामान्य सवाल पूछे तो वो जवाब देने लगी। आखिर मैंने पूछा- तुम्हें यह देखने में मजा आया?
उसकी गर्दन हाँ में हिलाई। वो अब खुल रही थी।
तब मैंने कहा- तुम नीचे फिल्म देख कर हंस रही थी, वो क्योंकि हीरो-हिरोइन गले लग रहे थे इसलिए या वे चूम रहे थे इसलिए?
उसने कहा- मैंने ऐसा पहले नहीं देखा था इसलिए।
मैं बोला- और देखना है?
वो हाँ बोली तो मैंने कहा- ठीक है नीचे चलो !
और हम फिर से पीसी पर वो फिल्म कम आवाज करके देखने लगे। मैंने उसे 007 के बेड सीन दिखाए और मैं रूपा को देख रहा था। तभी छोटू उठ गया और वो वहाँ से चली गई।
मैंने उससे पूछा- अच्छा लगा? वो बोली- हाँ।
मैंने कहा- तुम कल भी देखना चाहोगी?
वो हाँ बोली तो मैंने बोला- इससे ज्यादा अच्छा पर गंदा भी है।
उसने कहा- ठीक है, मैं जरूर देखूंगी पर कहाँ?
कल छोटू सो जाने के बाद ऊपर मेरे बेडरूम में आ जाना !
वो बोली- ठीक है।
तभी मैंने छोटू के साथ खेलना शुरु किया। उसकी गोद में छोटू था और मैंने उसे गुदगुदी करने के बहाने रूपा के उभारों को हल्के से छू दिया। वो कुछ नहीं बोली या फिर उसे पता नहीं चला। इसलिए मैंने दोबारा वैसे ही किया पर इस बार दबाव थोड़ा बढ़ाया। फिर भी वो कुछ नहीं बोली।
मैं समझ गया और वहाँ से निकल कर ऊपर आ गया और सोचने लगा कि मेरे पास कोई ब्लू फिल्म नहीं थी क्योंकि उसको रखना खतरनाक होता है इसलिए मैंने अपनी सीडी अपने दोस्तों को दे रखी थी।
फिर मैं अपने दोस्त के घर गया और सीडी लाकर घर में छुपा कर रख दी और दूसरे दिन के सपनों में खो गया। रातभर नींद नहीं आई, पहली बार मैं किसी लड़की के साथ कुछ करने जा रहा था।
दूसरे दिन सुबह मैं देर से उठा और तैयारी करने लगा।
पहले तो सीडी-प्लेयर में सीडी डाल दी और चला कर देख ली। फिर नहा-धोकर तैयार हुआ और मेरे खास छुपाये हुए कोंडम ड्राअर से निकाल कर रखे। दोस्तों ने कहा था कि बिना कोंडम कुछ मत करना।
आखिरकार वो छोटू को सुलाकर दोपहर को ऊपर आई। मैंने दरवाजा खुला रखा था।
वो आई और मेरी तरफ देखने लगी।
मैं बोला- टीवी देखें?
उसने कहा- हाँ। फिर पहले फ़ैशन चैनल लगाया और उससे कहा- आओ, बैठो !
वो मेरे पास आकर बैठ गई। उसका शरीर थोड़ा कांप रहा था और मेरा भी ! लेकिन मुझ से रहा नहीं जा रहा था फिर भी मै चुप रहा। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके हाथ के पास रखा और धीरे-धीरे उससे सटकर बैठ गया।
वो सिर्फ टीवी देख रही थी। थोड़ी देर बाद टीवी पर एक मॉडल के स्तन ड्रेस के बाहर निकले हुए देखकर मैं बोल पड़ा- वाह !
उसने मेरी तरफ देखा और बोली- तुम्हें ऐसी नंगी लडकियाँ पसंद हैं?
मैंने कहा- वो दिखा रही हैं, मै देख रहा हूँ।
उनको शर्म नहीं आती? उसने कहा।
तो मैं बोला- हर एक के पास जो है, वो है, उसमें क्या शर्माना?
वो बोली- तुम यही दिखने वाले थे या वो कल वाला जहाँ वो दोनों थे?
मैंने पूछा- कौन दोनों?
कल फिल्म में लड़का और लड़की थे, वैसे !
ठीक है, पर आज थोड़ा अलग है।
वो बोली- अलग क्या है?
तो मै बोला- देखती रहो !
और रूपा के दूसरी तरफ़ पड़ा रिमोट लिया हाथ उधर ही रख कर सीडी-प्लेयर ऑन किया। टीवी पर चैनल बदलते ही फिल्म चालू हो गई। पहले लड़का-लड़की पास आकर चूमा-चाटी करने लगे। मैंने अपना हाथ उसकी पीठ से ले जाते हुए उसकी नरम जांघों पर रख दिया। उसका शरीर कांप रहा था, धड़कन तेज हो रही थी। उसकी सांसें मेरे करीब से गुजर रही थी, वो मदहोश हो रही थी।
मेरा हाथ उसकी जांघों पर धीरे-धीरे घूम रहा था।
तभी फिल्म में दोनों ने अपने कपड़े उतारे और वो प्यार करने लगे।
शायद रूपा ने मर्द का तना हुआ लंड पहली बार देखा था तो वो उसे गौर से देखने लगी।
लड़की ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वैसे ही उसने मेरे हाथ को जोर से पकड़ कर दबाया। मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसके योनि को एक हाथ से सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका स्तन पकड़ लिया।
वो सिसकारियाँ ले रही थी और मेरे लंड पर दबाव डाल रही थी। हम कपड़े पहने थे इसलिए हमारे बदन की गर्मी बढ़ने लगी, दोनों पसीने-पसीने हो गए।
टीवी पर उस लड़के ने उस लड़की को चोदना शुरू कर दिया।
मेरे पास इतनी ताकत नहीं थी कि मैं इतना दबाव पहली बार में झेल जाऊँ। मैं उसके पीछे जाकर बैठ गया, अपने पैर उसके पैरों पर रख लिए।
मेरा लंड उसकी गांड पर घिस रहा था, रगड़ खा रहा था। उसके बोबे मेरे हाथों से मसले जा रहे थे, उसकी योनि रगड़ कर मैं उसे और उत्तेजित कर रहा था।
लेकिन कुछ ही पल बाद वो मेरी बाहों में सुस्त पड़ गई, मै भी पैंट में ही झड़ गया।
हम थोड़े शांत हो गए। फिर भी टीवी पर चुसाई-चुदाई के दृश्य हमें भड़का रहे थे।
तभी मैंने उससे कहा- तुम मेरे साथ वैसा करना चाहोगी?
उसने कहा- हाँ जरूर ! जल्दी करो ! मैं बेचैन हो रही हूँ।
मैंने उसे वहीं छोड़ बाथरूम में जाकर अपना लंड साफ किया। ठंडा पानी लगते ही वो खड़ा हो गया। मेरा लंड आज पहली बार इतना ताकतवर दिख रहा था- साढ़े पाँच इन्च लम्बा और डेढ़ इन्च मोटा। फिर मैं वापिस कमरे में आया और रूपा को गले लगाया। वो भी ऐसे लिपट गई जैसे वो मेरे शरीर का हिस्सा हो।
मैंने उसके होंटों को चूमा और रगड़-रगड़ कर घायल कर दिया। फिर मैंने उसकी टॉप उतारी, ब्रा भी उतारी और उसके सफेद बड़े से बोबे देखकर मैं पागल हो गया जिन पर गुलाबी रंग के चुचूक उनकी शोभा बढ़ा रहे थे।
मैं उन्हें चूसने लगा पागलों की तरह ! उन्हीं में डूब गया ! वो अपने होंटों को चबा रही थी और मुँह से सिसकारियाँ निकाल रही थी। मैंने अपने दांत उसके चुचूक पर गड़ा दिए। वो ‘आ-आई’ करके चिल्लाई।
फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी, पैंट भी उतारी, उसने अपनी स्कर्ट निकाली हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे तो मैंने कहा- इसे क्यूँ रखे हो?
मैंने उसकी और उसने मेरी चड्डी उतारी !
हम बिल्कुल नंगे खड़े थे। वो मेरे लंड को घूर रही थी और मैं उसकी काले बालों से ढकी चूत को देखकर पगला रहा था।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके होंटों को चूमते हुए चूचियों से होते हुए उसकी चूत पर पहुँच गया और चूसने लगा।उसकी सीत्कारें बढ़ने लगी। तभी मैंने अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया। वो उसे चूसने लगी तो मैं भी उसके चूत में उंगली डाल कर चूसता रहा। बाद में मैंने समय न गंवाते हुए कोंडम निकाल कर पहन लिया, उसकी टाँगें ऊपर उठा कर लंड सही जगह रख कर मैंने उसका मुँह पूरा जीभ से भर कर जोर से एक धक्का मारा।
मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया और वो मुझसे छुटने की नाकाम कोशिश करती रही।
मैंने उसके बोबे बहुत सहलाए। थोड़ी देर बाद वो कमर उठाने लगी तो तभी मैंने उसका मुँह छोड़ा और आधा लंड अंदर-बाहर करने लगा और दूसरा जोरों का धक्का दिया।
उसका मुँह हाथ से बंद करके रखा था, उसके चुचूक रगड़ रहा था, चूस रहा था।
दो मिनट बाद मैं उसे दनादन चोदने लगा और वो मुँह से आह ! अहा! आ ! आअ ! अआया ! कर रही थी। बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं छुटने वाला था। वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी। कमरे में धप-धप की आवाज आ रही थी।
हम दोनों झड़ने लगे और उस स्वर्ग से एहसास के धीरे-धीरे कम होते हुए हम निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़े रहे।
मैं उठा, उसकी चूत से निकला खून मेरे लंड और चादर पर था।
फिर हमने अपने कपड़े पहने। उसने चादर धो दी और दूसरे दिन मिलने को कहकर उसे प्रगाढ़ चुम्बन किया।
यह थी मेरी पहली चुदाई !
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मेरे मन में उसे पाने की इच्छा जागृत हुई, वो हमेशा मुझे देख कर शरमा कर हंसती थी। मैं चाचा के कम्प्यूटर पर हमेशा बैठा करता था लेकिन सिर्फ पढ़ाई या गाने सुनने के लिए।
मुझे एक ख्याल आया, मैंने सुबह चाचा के कम्प्यूटर पर एक अंग्रेजी फिल्म लगाई। रूपा उधर ही छोटू के साथ खेल रही थी। वो भी फिल्म देखने लगी।
बाद में छोटू को सोना था, इसलिए रूपा बोली- आवाज कम कर दो !
मैंने फिल्म बंद कर दी और कहा- मैं ऊपर टीवी देख लूँगा ! तुम छोटू को सुला दो।
उसने कहा- ठीक है ! पर मझे भी टीवी देखना है।
मैं बोला- तुम छोटू को सुलाकर उपर आ जाना।
वो बोली- ठीक है।
मैं अपने बेडरूम में आया, टीवी लगाकर उस पर फ़ैशन चैनल जो लॉक था, अनलॉक कर दिया और रूपा का इंतजार करने बैठ गया।
थोड़ी देर बाद रूपा आई, मैंने उसे अपने पास बाजू में बैठने को कहा तो वो बैठ गई।
तब मैंने कहा- क्या देखोगी?
उसने कहा- आप ही देखो जो देखना है।
मैंने कहा- जो मैं देखूँगा वो तुम्हें शायद पसंद न आए !
उसने सिर्फ हंस कर मेरे तरफ देखा तो मैंने फ़ैशन चैनल लगा दिया और देखने लगा। उसके चेहरे पर शर्म साफ दिख रही थी।
वो कुछ बोल नहीं रही थी।
टीवी पर बिकनी पहने मॉडल आई तो तभी मैंने कहा- तुम हंस क्यों रही हो?
उसने टीवी की तरफ़ देखा और फ़िर मेरी तरफ।
मैं समझ गया और कहा- तुम ऐसे कपड़े नही पहनती?
उसने गर्दन ना में हिलाई।
तो क्या पहनती हो?
उसने कुछ नहीं कहा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे ऐसे ही कुछ सामान्य सवाल पूछे तो वो जवाब देने लगी। आखिर मैंने पूछा- तुम्हें यह देखने में मजा आया?
उसकी गर्दन हाँ में हिलाई। वो अब खुल रही थी।
तब मैंने कहा- तुम नीचे फिल्म देख कर हंस रही थी, वो क्योंकि हीरो-हिरोइन गले लग रहे थे इसलिए या वे चूम रहे थे इसलिए?
उसने कहा- मैंने ऐसा पहले नहीं देखा था इसलिए।
मैं बोला- और देखना है?
वो हाँ बोली तो मैंने कहा- ठीक है नीचे चलो !
और हम फिर से पीसी पर वो फिल्म कम आवाज करके देखने लगे। मैंने उसे 007 के बेड सीन दिखाए और मैं रूपा को देख रहा था। तभी छोटू उठ गया और वो वहाँ से चली गई।
मैंने उससे पूछा- अच्छा लगा? वो बोली- हाँ।
मैंने कहा- तुम कल भी देखना चाहोगी?
वो हाँ बोली तो मैंने बोला- इससे ज्यादा अच्छा पर गंदा भी है।
उसने कहा- ठीक है, मैं जरूर देखूंगी पर कहाँ?
कल छोटू सो जाने के बाद ऊपर मेरे बेडरूम में आ जाना !
वो बोली- ठीक है।
तभी मैंने छोटू के साथ खेलना शुरु किया। उसकी गोद में छोटू था और मैंने उसे गुदगुदी करने के बहाने रूपा के उभारों को हल्के से छू दिया। वो कुछ नहीं बोली या फिर उसे पता नहीं चला। इसलिए मैंने दोबारा वैसे ही किया पर इस बार दबाव थोड़ा बढ़ाया। फिर भी वो कुछ नहीं बोली।
मैं समझ गया और वहाँ से निकल कर ऊपर आ गया और सोचने लगा कि मेरे पास कोई ब्लू फिल्म नहीं थी क्योंकि उसको रखना खतरनाक होता है इसलिए मैंने अपनी सीडी अपने दोस्तों को दे रखी थी।
फिर मैं अपने दोस्त के घर गया और सीडी लाकर घर में छुपा कर रख दी और दूसरे दिन के सपनों में खो गया। रातभर नींद नहीं आई, पहली बार मैं किसी लड़की के साथ कुछ करने जा रहा था।
दूसरे दिन सुबह मैं देर से उठा और तैयारी करने लगा।
पहले तो सीडी-प्लेयर में सीडी डाल दी और चला कर देख ली। फिर नहा-धोकर तैयार हुआ और मेरे खास छुपाये हुए कोंडम ड्राअर से निकाल कर रखे। दोस्तों ने कहा था कि बिना कोंडम कुछ मत करना।
आखिरकार वो छोटू को सुलाकर दोपहर को ऊपर आई। मैंने दरवाजा खुला रखा था।
वो आई और मेरी तरफ देखने लगी।
मैं बोला- टीवी देखें?
उसने कहा- हाँ। फिर पहले फ़ैशन चैनल लगाया और उससे कहा- आओ, बैठो !
वो मेरे पास आकर बैठ गई। उसका शरीर थोड़ा कांप रहा था और मेरा भी ! लेकिन मुझ से रहा नहीं जा रहा था फिर भी मै चुप रहा। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके हाथ के पास रखा और धीरे-धीरे उससे सटकर बैठ गया।
वो सिर्फ टीवी देख रही थी। थोड़ी देर बाद टीवी पर एक मॉडल के स्तन ड्रेस के बाहर निकले हुए देखकर मैं बोल पड़ा- वाह !
उसने मेरी तरफ देखा और बोली- तुम्हें ऐसी नंगी लडकियाँ पसंद हैं?
मैंने कहा- वो दिखा रही हैं, मै देख रहा हूँ।
उनको शर्म नहीं आती? उसने कहा।
तो मैं बोला- हर एक के पास जो है, वो है, उसमें क्या शर्माना?
वो बोली- तुम यही दिखने वाले थे या वो कल वाला जहाँ वो दोनों थे?
मैंने पूछा- कौन दोनों?
कल फिल्म में लड़का और लड़की थे, वैसे !
ठीक है, पर आज थोड़ा अलग है।
वो बोली- अलग क्या है?
तो मै बोला- देखती रहो !
और रूपा के दूसरी तरफ़ पड़ा रिमोट लिया हाथ उधर ही रख कर सीडी-प्लेयर ऑन किया। टीवी पर चैनल बदलते ही फिल्म चालू हो गई। पहले लड़का-लड़की पास आकर चूमा-चाटी करने लगे। मैंने अपना हाथ उसकी पीठ से ले जाते हुए उसकी नरम जांघों पर रख दिया। उसका शरीर कांप रहा था, धड़कन तेज हो रही थी। उसकी सांसें मेरे करीब से गुजर रही थी, वो मदहोश हो रही थी।
मेरा हाथ उसकी जांघों पर धीरे-धीरे घूम रहा था।
तभी फिल्म में दोनों ने अपने कपड़े उतारे और वो प्यार करने लगे।
शायद रूपा ने मर्द का तना हुआ लंड पहली बार देखा था तो वो उसे गौर से देखने लगी।
लड़की ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वैसे ही उसने मेरे हाथ को जोर से पकड़ कर दबाया। मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसके योनि को एक हाथ से सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका स्तन पकड़ लिया।
वो सिसकारियाँ ले रही थी और मेरे लंड पर दबाव डाल रही थी। हम कपड़े पहने थे इसलिए हमारे बदन की गर्मी बढ़ने लगी, दोनों पसीने-पसीने हो गए।
टीवी पर उस लड़के ने उस लड़की को चोदना शुरू कर दिया।
मेरे पास इतनी ताकत नहीं थी कि मैं इतना दबाव पहली बार में झेल जाऊँ। मैं उसके पीछे जाकर बैठ गया, अपने पैर उसके पैरों पर रख लिए।
मेरा लंड उसकी गांड पर घिस रहा था, रगड़ खा रहा था। उसके बोबे मेरे हाथों से मसले जा रहे थे, उसकी योनि रगड़ कर मैं उसे और उत्तेजित कर रहा था।
लेकिन कुछ ही पल बाद वो मेरी बाहों में सुस्त पड़ गई, मै भी पैंट में ही झड़ गया।
हम थोड़े शांत हो गए। फिर भी टीवी पर चुसाई-चुदाई के दृश्य हमें भड़का रहे थे।
तभी मैंने उससे कहा- तुम मेरे साथ वैसा करना चाहोगी?
उसने कहा- हाँ जरूर ! जल्दी करो ! मैं बेचैन हो रही हूँ।
मैंने उसे वहीं छोड़ बाथरूम में जाकर अपना लंड साफ किया। ठंडा पानी लगते ही वो खड़ा हो गया। मेरा लंड आज पहली बार इतना ताकतवर दिख रहा था- साढ़े पाँच इन्च लम्बा और डेढ़ इन्च मोटा। फिर मैं वापिस कमरे में आया और रूपा को गले लगाया। वो भी ऐसे लिपट गई जैसे वो मेरे शरीर का हिस्सा हो।
मैंने उसके होंटों को चूमा और रगड़-रगड़ कर घायल कर दिया। फिर मैंने उसकी टॉप उतारी, ब्रा भी उतारी और उसके सफेद बड़े से बोबे देखकर मैं पागल हो गया जिन पर गुलाबी रंग के चुचूक उनकी शोभा बढ़ा रहे थे।
मैं उन्हें चूसने लगा पागलों की तरह ! उन्हीं में डूब गया ! वो अपने होंटों को चबा रही थी और मुँह से सिसकारियाँ निकाल रही थी। मैंने अपने दांत उसके चुचूक पर गड़ा दिए। वो ‘आ-आई’ करके चिल्लाई।
फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी, पैंट भी उतारी, उसने अपनी स्कर्ट निकाली हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे तो मैंने कहा- इसे क्यूँ रखे हो?
मैंने उसकी और उसने मेरी चड्डी उतारी !
हम बिल्कुल नंगे खड़े थे। वो मेरे लंड को घूर रही थी और मैं उसकी काले बालों से ढकी चूत को देखकर पगला रहा था।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके होंटों को चूमते हुए चूचियों से होते हुए उसकी चूत पर पहुँच गया और चूसने लगा।उसकी सीत्कारें बढ़ने लगी। तभी मैंने अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया। वो उसे चूसने लगी तो मैं भी उसके चूत में उंगली डाल कर चूसता रहा। बाद में मैंने समय न गंवाते हुए कोंडम निकाल कर पहन लिया, उसकी टाँगें ऊपर उठा कर लंड सही जगह रख कर मैंने उसका मुँह पूरा जीभ से भर कर जोर से एक धक्का मारा।
मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया और वो मुझसे छुटने की नाकाम कोशिश करती रही।
मैंने उसके बोबे बहुत सहलाए। थोड़ी देर बाद वो कमर उठाने लगी तो तभी मैंने उसका मुँह छोड़ा और आधा लंड अंदर-बाहर करने लगा और दूसरा जोरों का धक्का दिया।
उसका मुँह हाथ से बंद करके रखा था, उसके चुचूक रगड़ रहा था, चूस रहा था।
दो मिनट बाद मैं उसे दनादन चोदने लगा और वो मुँह से आह ! अहा! आ ! आअ ! अआया ! कर रही थी। बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं छुटने वाला था। वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी। कमरे में धप-धप की आवाज आ रही थी।
हम दोनों झड़ने लगे और उस स्वर्ग से एहसास के धीरे-धीरे कम होते हुए हम निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़े रहे।
मैं उठा, उसकी चूत से निकला खून मेरे लंड और चादर पर था।
फिर हमने अपने कपड़े पहने। उसने चादर धो दी और दूसरे दिन मिलने को कहकर उसे प्रगाढ़ चुम्बन किया।
यह थी मेरी पहली चुदाई !
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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