Saturday, December 21, 2013

गुपचुप कहानियाँ- राबिया का बेहेनचोद भाई--10

Lovers-point गुपचुप कहानियाँ-

 राबिया का बेहेनचोद भाई--10
. इसी तरह खाते हुए हम टहलने लगे.....फिर भाई ने घर चलने के बारे में पुछा ..... हाए !!! भाई थोड़ा और घूमते है ना.....नही अब रहने दे.....रात काफ़ी हो चुकी है.....किसी दिन और.....प्रॉमिस भाई.....हा प्रॉमिस.....ठीक है भाई फिर कल......ठीक है कल.....बाइक बैलेंस कर भाई बैठा तो बोला....पैर दोनो तरफ करके बैठ ना.....मैने कहा....नही मैं नही बैठ ती....अरी बाइक का बैलेंस अच्छा बनता है.....मैने मन ही मन कहा चल साले सीधा बोला ना लंड का बैलेंस ठीक करना है तुझे...... लगा कर चूंची का मज़ा लेगा, इतना क्यों तड़प रहा पूरी चूंची नंगी कर दूँगी पर थोड़ा इंतेज़ार कर....



मैने कहा...क्या भाईजान आप भी.....कोई देखेगा तो....बिलवजह शक़ करेगा.....अरी शक़ किस बात का.....आप नही जानते....शबनम बता रही थी ऐसे बाय्फ्रेंड के साथ बैठा जाता है....तुम कोई मेरे बाय्फ्रेंड हो......तू और तेरी सहेलियाँ....ऐसे तो कोई भी बैठ सकता है....फिर हमे यहाँ कौन पहचानता है.....नही रहने दो.....मुझे शरम आती है.....ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी कहते हुए उसने बाइक स्टार्ट कर दी.....रास्ते में उसने दो तीन बार ब्रेक लगाया मगर कुछ हुआ नही.....



खैर हम घर वापस आ गये......अगले दिन छुट्टी थी.....थोड़ी देर से उठी....देखा भाई अभी तक सो रहा है.....मैने झटपट सॉफ सफाई की और बाथरूम में जा कर नहाने लगी.....तभी मुझे अहसास हुआ की शायद कोई बाथरूम के दरवाजे के पास खड़ा है....दरवाजे पर नीचे परच्छाई सी बन रही थी....सिवाए भाई के और कौन हो सकता था....मैने सोचा इसको कुछ दिखा दूँ बहुत तड़प रहा है बेचारा.....




समीज़ खोल कर ब्रा उतार कर खूंटी पर टाँग दिया और दरवाजे की तरफ घूम एक झलक अपने कबूतरो का दिखा कर फिर से दरवाजे की तरफ पीठ कर लिया.....मैने सलवार नही खोली.....मैं जानती थी की वो चूत देखने के लिए तड़प रहा होगा......जिस दरार सो वो देखने की कोशिश कर रहा था उसके ठीक उपर एक खूँटी थी....मैने उस पर तौलिया ले कर टाँग दिया......मेरी इस हरकत से भाई की झांट जल गई होगी..... पर कुतियापने में मुझ से शायद ही कोई हरा सकता था......सिवाए अम्मी के.....अपने सुलगते झांट और लंड को लेकर बाहर दरवाजे पर क्या करता चुप-चाप वहा से चला गया.....

दिन में खाना खाया.....फिर मैं बेडरूम में जा कर सो गई.....समझ में नही आ रहा था अब आगे कैसे बढूँ .....भाई तो हिम्मत ही नही दिखा रहा था.....चोरी चुप्पे देखता था मगर डरता था.....आँखे खुली तो देखा...अंधेरा हो गया था.....भाई चाए बना रहा था....हम लोगो ने चाए पिया....फिर भाई बेडरूम में जा कर तैयार होने लगा....कहा जा रहे हो भाई....मार्केट से सामनले आता हूँ....मैने मचलते हुए अदा के साथ पुछा ....



आज कहा घूमने ले जाओगे... भाई एक पल को रुका फिर मुस्कुआरने लगा......हसो मत कल आपने प्रॉमिस किया था.....हा हा तो मैं कहा मना कर रहा हू....कहता हुआ वो चला गया... भाई तुरंत आ गया....आते ही बोला....खाना भी बाहर खाएँगे....तैयार हो जा.....और फिर तैयार होने लगा....मैने आज खूबसूरत सा समीज़ सलवार निकाला.....रेड कलर की समीज़ ब्लॅक कलर का सलवार....उस पर शानदार कशीदा....भाई तुरंत तैयार हो गया....मैं बेड रूम में थी.....मैने समीज़ पहन लिया....भाई ने आवाज़ दी....क्या हुआ तैयार नही हुई...मैं खाली समीज़ में थी....सलवार पहन रही थी.....एक पैर में थोड़ा सा सलवार फंसायें बाहर निकल... इतराते हुए बोली.....आ तो रही हू....

आप भी ना भाई शोर मचाने लगते हो...बिना सलवार के ....समीज़ की साइड से गोरी चमकती टांगे दिख गई....मेरा मकसद पूरा हुआ....भाई वही दीवान पर बैठ इंतेज़ार करने लगा.......मैने आराम से सलवार को पहना फिर....ग्रीन कलर की नाइल पोलिश ली....बाहर आ सोफे पर बैठ.....लगाने लगी....भाई देखने लगा....अच्छा तो था...गुलाबी.....क्यों कर चेंज कर रही है....



ग्रीन नैल्पोलिश आजकल का फैशिोन है भाई.....तुम भी ना......अच्छा....मुझे क्या पता......कल कैसे बोल रहे थे मैं अच्छी लग रही हू.....जब तुम्हे कुछ पता ही नही.....भाई मेरे इस सवाल से शर्मा गया....अच्छा जल्दी कर...कर तो रही हू....वो बारे गौर से देख रहा था....क्या देख रहे हो भाई.....कितने सुंदर है तेरे पैर.....गोरे छोटे ....एकदम सॉफ्ट.....धत ! आप भी ना....अरे लड़कियों के पैर ऐसे ही होते है........आज माल चलेंगे...बहुत बड़ा माल है....सब कुछ है वहा....फिर हम दोनो बाहर आ गये.....



बाइक पार्क कर बहुत देर घूमते रहे....बहुत बड़ा माल था.....लड़के लड़कियां खूब सारे....मौज मस्ती करते घूम रहे थे.....बहुत देर घूमने के बाद एक जगह मॅक-डोनल्ड से आइस-क्रीम के लिए रुके....अचानक एक जाना पहचाना चेहरा नज़र आया....गौर से देखा तो....फ़रज़ाना थी....ऐसे तो मैं नही बोलती मगर....वो एकदम सामने... हाए !!! फर्रू....वो भी रुक गई....हँसते हुए उसने मुझे गले लगाया....वो जीन्स और टी - शर्ट में थी....दुआ- सलाम हुई...


 वो बोलने लगी की ऐसे ही कुछ ख़रीदारी करनी थी....तभी देखा उसका भाई दो आइस-क्रीम लिए आया....फ़रज़ाना जल्दी से बोली....अच्छा चलती हू और अपने भाई के साथ चल दी....वो भाई से नही मिलवाना चाहती थी....तभी भाईजान आइस-क्रीम ले आ गये....कौन थी....वो कॉलेज की सहेली है....क्या नाम है....क्यों तुम्हे क्या....मैने शैतानी भरी मुस्कान के साथ पुछा .....खीजने वाले अंदाज में बोला...अरी ऐसे ही पूछ रहा था.....तू तो...अरे तो नाराज़ क्यो हो रहे हो.... फ़रज़ाना है...अपने भाई के साथ ख़रीदारी करने आई थी....भाई चौंकते हुए बोला....


भाई के साथ....हा.....जैसे मैं और तुम....भाई हैरानी से बोला....वो लड़का उसका भाई था.....हा भाई वो उसके बारे भाई है....भाई गर्दन हिलाते बोला....तूने उसका हाथ देखा...मैने कहा....नही मैने गौर नही किया.....क्यों क्या हुआ....जानती है तू वो कहा से आ रही थी....नही... कहा से....वो डिस्को से आ रही थी....अब मेरी बड़ी थी हैरान होने की....डिस्को के बारे में मुझे भी पता था की वहा क्या होता है.....मैने पुछा ....पर आपको कैसे पता....इसलिए तो पूछ रहा हू तूने उसका हाथ देखा क्या...नही ना....उसके हाथ पर मुहर लगी थी....डिस्को में एंट्री के पहले.....गेट पर....एक ठप्पा लगा देते है....मैने कहा....हो सकता है गई होगी....पर इसमे ताज्जुब...भाई प्यार से मेरी आँखो में झँकते बोला....
तुझे पता है वहा क्या होता है...आइस-क्रीम लेते हुए कहा....हा लोग डांस करते.....मौज मस्ती...भाई मुस्कुराते हुए बोला....मेरी बहना तेरी सहेली भाई के साथ डांस करने गई थी क्या.....मैं शर्मा गई.....धत ! भाई के साथ डांस करेगी.....मैं तो सब समझ गई थी मगर झूट का नाटक कर रही थी... हाए !!! साली ये फ़रज़ाना के तो मज़े ही मज़े है है...भाई के साथ डिस्को में.. हाए !!! कितनी लकी है....फिर बोली....अरे हा ये तो मैने सोचा ही नही....भाई मुस्कुराने लगा...मैं थोड़ा झेप गई.....फिर मैने सवाल किया...भाई आप कभी डिस्को गये हो....नही यार....कभी मौका....क्यों भाई.....अरे यार मेरी कोई गर्लफ्रेंड तो है नही....अकेले लड़के को कौन एंट्री देगा...ऐसा क्यों भाई.....वहा कोई लड़का बगैर किसी लड़की के साथ नही जा सकता....समझी.....ऐसा....



हा फ़रज़ाना का भाई अकेले नही जा सकता....तेरी सहेली को ले गया....दोनो मज़े कर के आ गये....धत ! भाई...वो ऐसे ही घूमने गई होगी....चलो छोड़ो हमे क्या....हम दोनो चुप हो गये...कुछ देर ही घूमने के बाद.....भाई रुक गया और अचानक बोला...चलेगी...मैने ताज्जुब से आँखे नाचते पुछा .....कहा....वही जहा तेरी सहेली....डिस्को में...धत ! भाई....क्यों क्या हुआ....हम भी... हाए !!! नही मुझे शर्म आती है....अरे शर्म की क्या बात.....मेरा दिल तो बल्लियों उछल रहा था......अच्छे मकाम पर फर्रू मिल गई....कम से कम अकल तो आई....पर नखड़ा तो ज़रूरी था.....

चल ना रबिया प्लीज़....खाली घूम कर आ जाएँगे....मैने थोड़ा शरमाने का नाटक किया....फिर बोली...पर सलवार कमीज़ में.....तो क्या हुआ......ऐसे ही घूम लेंगे....डांस करने को थोड़ी कह रहा हू.....मैं धीरे से हँसते हुए गाल गुलाबी करते हुए बोली....तुम कल से मेरे पीछे परे हो....कल से....हा और क्या...कल बाइक पर बैठा रहे थे गर्लफ्रेंड की तरह....और आज तो....चलो....भाई समझ गया की मैं तैयार हू.....हम माल की दूसरी तरफ बने डिस्को की और चल दिए....भाई ने समझाया....वहा भाईजान कह कर मत बुला देना... हाए !!!..इतनी समझदार हू भाईजान...मैने भाईजान की कमर में हल्के से चिकोटी काटी...भाई ने मेरा हाथ पकड़ हल्के से दबा दिया.....






मैं भी खुशी से उछल रही थी.....शर्मो-हया और नाज़-नखड़े को थोड़ी देर के लिए अम्मी चुदाने भेज दिया मैने.....पैसे दिए....ठप्पा लगवाया और डिस्को के अंदर चले गये....ओह क्या माहौल था....छोटे शहर में तो सोच भी नही सकता कोई.....तेज म्यूज़िक....हल्की लाइट्स....हर तरफ शोर शराबे और मस्ती का माहौल....डांस फ्लोर पर लड़के -लड़कियां ....एक दूसरे की कमर में हाथ डाले....बार काउंटर पर ग्लास हाथ में पकडे लोग....टेबल पर हसी मज़ाक करते दोस्त....उफफफ्फ़....ऐसा लग रहा था जैसे जन्नत है....कही कोई गम नही....खुलेपन का माहौल....हर कोई मस्ती में डूबा ....



मैं और भाई चुप-चाप एक टेबल पर जा कर बैठ गये...हल्के हल्के मुस्कुराते हुए हमने एक दूसरे को देखा....मैने थोड़ा शरमाने का नाटक किया....भाई बोला....कितने मज़े का माहौल है....तुझे कैसा... हाए !!! भाई मुझे तो शर्म आ रही है....फिर जान-बूझ कर बोला... हाए !!! भाई कितने बेशर्म है सब....क्या मतलब.. हाए !!! देखो कैसे सब एक दूसरे की गले में बाहें डाले... हाए !!! मुझे तो शर्म आ रही है....अरी तू भी ना...ये बड़ा शहर है....फिर सब बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड है....या मियाँ-बीबी....या फिर हमारी तरह......मौज मस्ती आख़िर ऐसे ही तो होती है....हमारी तरह.....और क्या....



बहुत सारे इनमे से भाई-बहन होंगे.....मज़ा करने....धत ! कहते हुए मैने अपने गाल लाल कर लिए....भाई ने वेटर को बुला कुछ ड्रिंक्स मंगाए.....और कुछ खाने के लिए....भाई पता नही क्या पी रहा था....मैं ऑरेंज जूस ले रही थी.....थोड़ी देर बाद मेरे हाथ पर हाथ रख कर बोला....रबिया एक बात बोलू....क्या भाई....लोग डांस करते हुए कितने अच्छे लग रहे है...है ना....हा भाई...साले सीधा बोल ना.....डांस करने के अरमान जाग रहे है.....बहुत अच्छा लग रहा है देख कर....तेरा दिल नही करता डांस करने.. हाए !!! धत !....सच बता ना रबिया... हाए !!! नही...मैं नही जानती....अरे बता ना... हाए !!! नही छोड़ो ....आप का दिल करता है क्या....



भाई एक पल चुप रहा फिर बोला... हाए !!! मेरा तो बहुत दिल करता है....डांस करने का... हाए !!! तो जाओ कर लो...मैं किसी से नही कहूँगी... हाए !!! पर अकेले....क्यों अकेले डांस करने पर रोकते है क्या....अरे नही ये बात नही....अकेले डांस करता मैं गधा नही लगूंगा....सब क्या सोचेंगे....गधा तो तू है ही...चूतिये अकल से भी और लंड से भी....सीधा बोल ना तेरे साथ डांस करनी है....मैने कहा....अब डांस करने के लिए पारटनेर कहा मिलेगी....छोड़ो फिर कभी....फिर कभी कौन सा मिल जाएगी....ये रबिया प्लीज़ नाराज़ मत होना...तू चल ना....तेरा भी दिल तो करता होगा...प्लीज़...

 तूने आज तक नही देखा ना....नही भाई....देख लेना कैसा होता है... हाए !!! नही भाई लोग क्या सोचेंगे..... यहाँ कौन है हमे देखने वाला.....पर भाई हम दोनो भाई-बेहन है.... अरे लोगो को क्या पता हम भाई बेहन....हमारी पेशानी पर लिखा है क्या..... नही भाई किसी को भी शक़ हो सकता है...अरे तेरी सहेली भी तो अपने भाई.....उसका पता नही...पर मुझे डर लग रहा है....तेरा डर बिलवाजह है....कही डिस्को वाले पूंछे की कौन है तो क्या......अव्वल तो पूंछेगे नही....अगर पुछा भी तो बोल देंगे... हाए !!! क्या बोलूँगी....शौहर....मैने शरारत से हँसते हुए कहा....अरे नमकूल....बाय्फ्रेंड नही बोल सकती क्या.... हाए !!! नही.....भाई को बाय्फ्रेंड....तेरी सहेली भी तो यही बोल के गई होगी.....


 चल ना रबिया प्लीज़....खाली घूम कर आ जाएँगे....मैने थोड़ा शरमाने का नाटक किया....फिर बोली...पर सलवार कमीज़ में.....तो क्या हुआ......ऐसे ही घूम लेंगे....डांस करने को थोड़ी कह रहा हू.....मैं धीरे से हँसते हुए गाल गुलाबी करते हुए बोली....तुम कल से मेरे पीछे परे हो....कल से....हा और क्या...कल बाइक पर बैठा रहे थे गर्लफ्रेंड की तरह....और आज तो....चलो....भाई समझ गया की मैं तैयार हू.....हम माल की दूसरी तरफ बने डिस्को की और चल दिए....भाई ने समझाया....वहा भाईजान कह कर मत बुला देना... हाए !!!..इतनी समझदार हू भाईजान...मैने भाईजान की कमर में हल्के से चिकोटी काटी...भाई ने मेरा हाथ पकड़ हल्के से दबा दिया.....






मैं भी खुशी से उछल रही थी.....शर्मो-हया और नाज़-नखड़े को थोड़ी देर के लिए अम्मी चुदाने भेज दिया मैने.....पैसे दिए....ठप्पा लगवाया और डिस्को के अंदर चले गये....ओह क्या माहौल था....छोटे शहर में तो सोच भी नही सकता कोई.....तेज म्यूज़िक....हल्की लाइट्स....हर तरफ शोर शराबे और मस्ती का माहौल....डांस फ्लोर पर लड़के -लड़कियां ....एक दूसरे की कमर में हाथ डाले....बार काउंटर पर ग्लास हाथ में पकडे लोग....टेबल पर हसी मज़ाक करते दोस्त....उफफफ्फ़....ऐसा लग रहा था जैसे जन्नत है....कही कोई गम नही....खुलेपन का माहौल....हर कोई मस्ती में डूबा ....



मैं और भाई चुप-चाप एक टेबल पर जा कर बैठ गये...हल्के हल्के मुस्कुराते हुए हमने एक दूसरे को देखा....मैने थोड़ा शरमाने का नाटक किया....भाई बोला....कितने मज़े का माहौल है....तुझे कैसा... हाए !!! भाई मुझे तो शर्म आ रही है....फिर जान-बूझ कर बोला... हाए !!! भाई कितने बेशर्म है सब....क्या मतलब.. हाए !!! देखो कैसे सब एक दूसरे की गले में बाहें डाले... हाए !!! मुझे तो शर्म आ रही है....अरी तू भी ना...ये बड़ा शहर है....फिर सब बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड है....या मियाँ-बीबी....या फिर हमारी तरह......मौज मस्ती आख़िर ऐसे ही तो होती है....हमारी तरह.....और क्या....



बहुत सारे इनमे से भाई-बहन होंगे.....मज़ा करने....धत ! कहते हुए मैने अपने गाल लाल कर लिए....भाई ने वेटर को बुला कुछ ड्रिंक्स मंगाए.....और कुछ खाने के लिए....भाई पता नही क्या पी रहा था....मैं ऑरेंज जूस ले रही थी.....थोड़ी देर बाद मेरे हाथ पर हाथ रख कर बोला....रबिया एक बात बोलू....क्या भाई....लोग डांस करते हुए कितने अच्छे लग रहे है...है ना....हा भाई...साले सीधा बोल ना.....डांस करने के अरमान जाग रहे है.....बहुत अच्छा लग रहा है देख कर....तेरा दिल नही करता डांस करने.. हाए !!! धत !....सच बता ना रबिया... हाए !!! नही...मैं नही जानती....अरे बता ना... हाए !!! नही छोड़ो ....आप का दिल करता है क्या....



भाई एक पल चुप रहा फिर बोला... हाए !!! मेरा तो बहुत दिल करता है....डांस करने का... हाए !!! तो जाओ कर लो...मैं किसी से नही कहूँगी... हाए !!! पर अकेले....क्यों अकेले डांस करने पर रोकते है क्या....अरे नही ये बात नही....अकेले डांस करता मैं गधा नही लगूंगा....सब क्या सोचेंगे....गधा तो तू है ही...चूतिये अकल से भी और लंड से भी....सीधा बोल ना तेरे साथ डांस करनी है....मैने कहा....अब डांस करने के लिए पारटनेर कहा मिलेगी....छोड़ो फिर कभी....फिर कभी कौन सा मिल जाएगी....ये रबिया प्लीज़ नाराज़ मत होना...तू चल ना....तेरा भी दिल तो करता होगा...प्लीज़...


 हाए !!!.... भाई आप भी ना.. हाए !!!....कैसी-कैसी बाते करते हो....मैं आपकी बहन हू.....मैने नाराज़ होने का दिखावा किया... हाए !!! रबिया तू भी ना...मैं कब कह रहा हू तू मेरी बहन नही.....मैं तो बस एक छोटी सी दरखास्त कर रहा हू.....मान लेगी तो.....भाई का चेहरा उतर गया...नही भाई....अच्छा लगेगा क्या....भाई-बेहन चिपक कर डांस करते....मैने चिपक जुमले पर ज़ोर देते हुए कहा...ओह हो मैं कब कह रहा हू हम चिपक कर....अलग-अलग खड़े रह कर....वो कैसे होगा...सब तो एक-दूसरे के गले में बाहें डाल कर....वो तू मेरे उपर छोड़ ना....



ही पता नही तुम कैसे कह रहे हो मेरी समझ में तो नही आ रहा....फिर हम दोनो भाई-बेहन...तू भी ना....तेरी सहेली भी तो आई थी....फिर यहाँ कौन पहचानता है की हम भाई-बेहन... हाए !!! फिर भी....आज भर के लिए मेरी गर्लफ्रेंड बन जा....धत !....बदमाश... हाए !!! गर्लफ्रेंड... खाली आज भर के लिए....बेशरम भाई... हाए !!! ज़रा भी शरम नही... हाए !!! प्लीज़ रबिया....थोड़ा करेंगे...बस थोड़ा सा.... हाए !!! अल्लाह....अफ....मैने अपना चेहरा अपने हथेली से धक लिया....थोड़ी देर तक सोचने का नाटक करती रही....भाई प्लीज़ प्लीज़ किए जा रहा था....फिर हथेली हटाई और मुस्कुराती हुई नकली दाँत पीसने का नाटक करती भाई की कंधे पर एक मुक्का मारा...बदमाश....चलो अम्मी से शिकायत करूँगी आज....कहती हुई धीरे से उठ गई...भाई को इशारा काफ़ी था....



हम दोनो डांस फ्लोर पर....मैं धीरे से बोली... हाए !!! देखो तो कितना ख़राब लग रहा है....मैं इस सलवार समीज़ में.....भाई मेरा हाथ पकड़ अपने सामने करता मेरे एक हाथ पकड़ अपने कंधे पर रखता बोला....तुझे पता है तू यहाँ की सारी लड़कियों से खूबसूरत दिख रही है....धत ! ...दूसरे हाथ से उसके पेट पर हल्की चिकोटी ली....भाई ने अपना एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया....तू देख ना अपने चारो तरफ सब तुझे कैसे देख रहे है....वो इसलिए देख रहे होंगे क्योंकि मैं सलवार समीज़ में....अरी नही रे...देख वो लड़की कैसे अपने बॉय-फ्रेंड का मुँह मोड़ रही है....साले कामीने....



मैने भाई का दिमाग़ दूसरी तरफ मोड़ने के लिए कहा.....अरे छोड़ो ना....फिर तुम क्यों इधर उधर देख रहे हो.....मुझे देखो....भाई के चेहरे पर मुस्कान आ गई....और मेरी आँखो में देखने लगा.....मैने शर्मा कर नज़रे झुका ली....भाई सरगोशी करते बोला.....काश सच में तू मेरी गर्लफ्रेंड होती....धत !....गंदे....कहते हुए उसकी छाती पर हल्का सा मारा....तभी म्यूज़िक चेंज हुआ....सॉफ्ट म्यूज़िक.....कोई लव सॉंग....लाइट और कम हो गई लगभग अंधेरा....हम धीरे धीरे डांस कर रहे थे....भाई का हाथ धीरे धीरे मेरी कमर को सहला रहा था....म्यूज़िक और अंधेरे ने अपना असर दिखाया.....हम दोनो धीरे धीरे एक दूसरे के करीब आते जा रहे थे....


पता ही नही चला कब मैं और भाई एक दूसरे से चिपक चुके थे....मेरा सिर भाई के कंधे पर था.....भाई आराम से मेरी पीठ और कमर को सहला रहा था....मेरी चूंचीयाँ भाई की सीने से चिपकी हुई थी.....भाई का हाथ कमर से होता हुआ धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ रहा था....मेरी चूतड़ों के उपरी हिस्से पर....तेज चलती गर्म साँसे....मेरी कमर भाई की पेट से चिपक रही...मुझे अहसास हो रहा था...एक सख़्त चीज़ का....एक गर्म चीज़ का....जो की मेरी पेट के निचले हिस्से पर चुभ रहा था....वो चीज़ मेरी तो नही थी....जो मुझे से चिपका था उसकी थी....भाई की थी...ये उसके सख़्त और गर्म हो चुके लंड की चुभन थी....सारी शर्मों हया को हमने ताख पर रख दिया था....

मेरी साँसे तेज चल रही थी.....दोनो भाई-बहन एक दूसरे की बाहों में....एक दूसरे से चिपके हुए....उफ़फ्फ़....मेरी चूत पसिजने लगी....उसका पसीना निकल रहा था....भाई का लंड मेरी चूत के उपरी हिस्से पर रगड़ खा रहा था....मेरी कमर अपने आप उसकी कमर से छिपकने की कोशिश कर रही थी.....मेरा दिल कर रहा था...समा जाऊं उसके बदन में...चिपक जाऊं....भाई मुझे कस कर दबा ले अपनी बाहों में....मेरी हड्डियों को कड़का दे....चूर चूर कर दे....यही इसी डांस फ्लोर पर मेरी बुर में अपना सख़्त लंड डाल दे....हम दोनो में से कोई बात नही कर रहा था...बात करने की ज़रूरत क्या थी .....लंड और चूत आपस में सरगोशियाँ कर रहे थे.....पर तभी इस सरगोशिमें खलल पर गई....म्यूज़िक बंद हो गया...लाइट जल उठी.. हाए !!! करते हुए मैने अपने आप को भाई से अलग किया....आसमान से सीधा ज़मीन पर लाकर पटक दिया....



हम दोनो चुप थे...कोई एक दूसरे से नज़र नही मिला रहा था....भाई ने धीरे से मेरी कलाई पकड़ी और हम टेबल पर चले गये....वहा खाना भी मिलता था...उसने ऑर्डर दे दिया....हम चुप चाप खाने लगे.....खाते-खाते अचानक भाई बोला....सॉरी रबिया....मैने शरमाने का नाटक करते हुए कहा...धत ! चुप रहिए....मेरे इतना कहने से ही भाई को पता चल गया की हम दोनो के चिपक कर डांस करने का मुझे भी अहसास है और....मैं इसका बुरा नही मान रही बल्कि...शर्मा कर खुद के शामिल होने की गवाही दे रही हू....भाई ने हँसते हुए कहा....यार पता ही नही लगा....गाल गुलाबी करते मैने कहा...अफ हो भाई....चुप रहिए ना जो हुआ सो हुआ....फिर हमने चुप चाप खाना ख़तम किया...मेरी चूत की फांकें अभी भी फड़फड़ा रही थी....दिल जोरो से धड़क रहा था....आँखे अभी भी गुलाबी थी....चूंची के निपल अभी भी खड़े थे.....थोड़ी देर बाद हम दोनो नॉर्मल हो गये...





 

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