Thursday, December 19, 2013

चाचा की साली

चाचा की साली 

प्रेषक : पवन मेहत
हैलो दोस्तो, मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ, आशा करता हूं कि आपको पसंद आयेगी, अपनी प्रतिक्रिया जरूर मुझे भेजियेगा...
तो बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं के इम्तिहान देने के लिए रायपुर गया था, वहाँ मेरी चाची और उसकी बहन रोशनी और मेरे चाचा रहते थे। उनकी बहन देखने में तो बड़ी खूबसूरत थी परंतु मुझे भैया कह कह कर उठे लंड पर पानी डाल देती थी।
मेरा पहला पेपर था और मुझे डर भी बहुत लग रहा था क्योंकि मेरी तैयारी पूरी नहीं थी, फिर मैं अपनी तरफ से दोपहर में तैयारी कर रहा था। पहला पेपर मेरा गणित का था और कुछ सवाल मुझे सूझ नहीं रहे थे।
शाम को जब चाचा आये तो उन्होंने मुझे गणित समझाने में मदद की, वे गणित के प्रोप्रेसर थे और उनकी साली मतलब चाची की बहन कोई अनपढ़ नहीं थी, उसने भी साथ में बैठकर अनेक सवालों के जवाब दिये।
उससे मैंने पूछा- आप क्या करती हैं?
तो सुन कर मैं दंग रह गया, वो गणित में एम.एस.सी थी। अब तो मुझे लगा कि मेरी मुँह मांगी मुराद मिल गई, मैंने सोचा कि उसकी चूचियों को देखते हुये रात भर गणित की पढ़ाई करूँगा उसके साथ !
खाने के बाद चाचा ने मुझे आवाज लगाई- बेटा विक्की, सुनो, तुम बैठक में बैठकर पढ़ाई करो और मदद चाहिए तो रोशनी से मदद ले लेना !
मेरे मन में लड्डू फ़ूटने लगे और सभी काम निपटाकर सभी जब सोने चले गये तो चाची का छोटा बेटा रोहण मेरे साथ बैठकर मुझे पढ़ता हुए देखने लगा। मैं अभी अकेले ही पढ़ रहा था। कुछ देर बाद रोहण वहीं सोफ़े पर सो गया तो मैं उसे उठाकर चाचा के कमरे में ले जाने लगा।
अचानक पीछे से आवाज आई, वह आवाज रोशनी की थी- रूको विक्की, अंदर मत जाओ !
एक बार मैं सदमे में आ गया, फिर पूछा- क्यों भला?
अंदर तुम्हारे चाचा गहरी नींद में सोये है। और तुम जाकर उनको डिस्टबर्ड कर दोगे।
मैं रूक गया। फिर रोशनी रोहण को लेकर अपने कमरे में चली गई और मैं पढ़ने लग गया। कुछ देर बाद मुझे रोशनी के कमरे से कुछ आवाज सुनाई देने लगी। मैं उठा और उसके कमरे की तरफ जाने लगा तो मैंने अंदर का नजारा देखा तो दंग रह गया, रोशनी सोई हुई थी और चाचाजी उसके उरोजों को दबा रहे थे।
मैं पूरा माजरा समझ गया कि चाचाजी चुपके से रोशनी के कमरे में जाते थे और उसके साथ अश्लील हरकतें करते थे।
अचानक रोशनी उठी और बोली- अरे जीजाजी, आप सोये थे तो मैंने रोहण को अपने साथ सुला लिया था, रूकिये मैं रोहण को दीदी के पास छोड़ देती हूँ।
फिर अचानक चाचाजी ने उसको दोनों हाथों से जकड़ लिया और बोले- रोशनी, प्लीज एक बार अपने यौवन में मुझे डुबा लो ! भगवान कमस ! मना मत करना !
"अरे जीजाजी, यह आप क्या कह रहे हैं? छोड़िये मुझे, मैं दीदी को अभी बता कर आती हूँ, इसी कारण आप मुझे यहाँ लाने की जिद कर रहे थे ! दीदी की तबीयत खराब नहीं थी, मुझे ही अक्ल नहीं थी कि मैं आपको पिता समान समझ कर यहाँ आ गई।"
चाचाजी एक बार तो सदमे में आ गये और हंस कर बोले- अरे पगली, मैं तो मजाक कर रहा था !
और रोहण को लकर अपने कमरे में चले गये, पर इसका बहुत बुरा प्रभाव मेरे दिमाग पर हुआ, जो लण्ड रोशनी को देखकर खड़ा हो रहा था वो अब हिल भी नहीं रहा था।
खैर कुछ देर बाद मैं शांत मन से पढ़ाई करने लगा। रात के करीब 2 से 2.30 बजे रहे होंगे, अचानक नाइटी पहने रोशनी मेरे बगल में आकर बैठ गई और बोली- तुम्हारी कुछ मदद कर दूँ क्या?
अंदर से मैं बोला- चोदने दोगी क्या? यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
अचानक वास्तविकता में आते ही मैंने बोला- हाँ बड़ी देर से आपके जगने का इंतजार कर रहा था ! यह मैथ्स का सवाल मुझे नहीं हो रहा है, क्या आप बतायेंगी?
रोशनी बोली- जरूर, क्यों नहीं, लाओ दिखाओ।
फिर उसने समझाना शुरू किया परन्तु मेरा पूरा ध्यान तो उसके गोल गोल बड़े-बड़े दुद्दूओं में अटका था, बार बार उसका निप्पल फ़ूलता और पिचकता था, मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था।
अचानक उसकी नजर मेरे नजर की ओर गई, बोली- क्यों उस्ताद क्या मैं गणित का सवाल मेरे दुद्दुओं में समझा रही हूँ जो तुम उसे देखे जा रहे हो?
अचानक मैं हड़बड़ा सा गया और अपने आप को सम्हालते हुये बोला- नहीं तो ऐसी बात नहीं है।
फिर वो बोली- चलो आओ, तुम्हे एक चीज दिखाती हूँ।
वह सीधे चाचा के कमरे की ओर ले गई और अंदर झांकने के लिए बोली। अंदर का दृश्य देखकर मैं दंग रह गया, चाचा चाची को बड़े मजे से चोद रहे थे।
सब देखने के बाद वो बोली- तुम्हारे चाचा रात में मेरी दीदी को कम से कम 3 बार चोदते हैं। और ये सब देख कर मैं भी किसी तुम जैसे का इंतजार कर रही थी। तुम्हारे चाचा तो मुझे रोज रात में चोदने के लिए रात में आते है। परन्तु मुझे मालूम था कि तुम हमें देख रहे हो तो मैंने चाचा को डाँटने का नाटक किया था। क्या तुम मुझे चोदना चाहते हो?
मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ?
"तो शुरू किया जाए?" रोशनी बोली- क्या तुमने पहले किसी लड़की को चोदा गै?
मैंने झूठ कहा- नहीं, तो आज तक नहीं !
"चलो, मैं तुम्हें सिखाती हूँ !" कहकर अपने कमरे में ले गई और पहले उसने अपनी नाइटी उतारी और ब्रा और अंडरवियर को पहने रखा। मेरी तो हालत पतली होती जा रही थी, फिर धीरे से मेरे हाथ को अपने सीने के ऊपर रख दिया। अब तो मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया और मैं उसकी इजाजत के बिना उसकी चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा।
उसने मुझे टोका, बोली- क्या रे, कभी किसी के दुद्दू भी नहीं दबाए क्या? जरा धीरे धीरे आराम से !
फिर धीरे से अपनी ब्रा को बदन से अलग किया और जो नजारा था वो क्या बताऊँ दोस्तो, गोल सफेद एकदम ठोस ! शायद ही मैंने जिंदगी में ऐसे दुद्दू देखे हों !
अब तो मेरा लौड़ा पूरी तरह से खड़ा हो गया था और मस्ती में नाचने लगा था, मैंने रोशनी से कहा- दीदी, क्या अब चोदने की क्रिया चालू करें?
रोशनी बोली- अबे गांडू, क्या मुझे मां बनाने का इरादा है? कंडोम लगा और फिर चोद !
मैंने कहा- दीदी, लेकिन इंग्लिश फिल्म में क्या चूसते चाटते हैं।
वो बोली- अबे गांडू, वो सब छोड़, जल्दी से अपना कच्छा उतार और चोद मुझे !
मैंने उसके कहे अनुसार अपना अंडरवियर उतारा और चोदना चालू किया, बड़ी मुश्किल से उसकी बुर में मैं लंड डाल पाया।
यह क्या? उसकी बुर में दर्द होना चालू हो गया। मुझे समझ नहीं आया कि यह क्या हो रहा है। मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो देखा कि मेरा लंड खून से सना हुआ था।
मैंने रोशनी से पूछा- यह क्या हुआ?
वो बोली- मैं सच बताऊँ, आज तक मुझे किसी ने मुझे चोदा नहीं है। और मैं आज तक कुआंरी थी, लेकिन तुम्हारे चाचा की रोज रात को कामक्रिया देख कर मुझे चुदवाने का जुनून था और मैं उसी से चुदवाना चाहती थी जिसने आज तक किस को ना चोदा हो ! तुम मुझे सच्चे लगे और मजा भी खूब आया, अभी जब तक तुम रहोगे, मुझे रोज चोदना !
और वहाँ रहते हुए रोज रात को मैंने उसको भरपूर चोदा और फिर वापस चला आया।
बाद में पता चला कि उसकी अगले महीने शादी होने वाली है तो मैं पूरा माजरा समझ गया। वह शादी से पहले सेक्स का आनन्द लेना चाहती थी।
हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator