वो मान गई !
प्रेषक : रॉय ओबरॉयहाय ! मेरा नाम राज है, मैं अपनी कहानी लिखने जा रहा हूँ। वैसे मैं आगरा से हूँ। मेरा कद ५'८.३" है, दिखने में भी ठीक हूँ।
एक दिन मैं नेट पर संवाद कर रहा था तो मुझे एक लड़की मिली जिसका नाम था श्रुति (बदला हुआ नाम), हम दोनों रोज बात किया करते थे। करीब एक साल बात करी हम दोनों ने !
एक दिन वो आगरा आई अपना पेपर देने ! तब उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैं गया मिलने तो उसे देखा। वो सलवार और सूट में थी। मैंने सोचा- अगर यह लड़की मेरी गर्ल-फ़्रेन्ड बन जाए तो कैसा रहेगा। तब मैं उसे मन ही मन में जीन्स और टॉप पहने हुए सोचने लगा। मुझे सोच कर अच्छा लगा। मैंने उससे करीब १० मिनट ही बात की और वो चली गई। मैं भी घर आ गया और उसे मोबाइल पर ही प्रोपोज़ कर दिया।
शाम तक वो मान गई। ऐसे करते करते काफ़ी समय निकल गया और वो मुझ पर विश्वास करने लगी। तब एक दिन मैंने उसे सेक्स के लिए कहा।
पहले उसने कहा- यह संभव नहीं है।
मेरे मनाने पर वो मान गई।
हाँ ! मैं उसक बारे में बताना ही भूल गया। उसका बदन की क्या कहूँ, एक दम मस्त ३४ २९ ३२ ! तो मैंने एक दिन अपने दोस्त का कमरा ले लिया और उसकी चुदाई का प्रोग्राम बनाया। जब हम कमरे में गये तो मैंने जाते ही उसे चूमना शुरू कर दिया। करीब २० मिनट तक किस करता रहा मैं ! उसकी सांसें तेज होने लगी और मेरा हाथ उसकी चूत तक पहुंच गया।
वो गर्म होती जा रही थी। तब मैंने उसकी जींस और फिर टॉप उतार दिया। माँ कसम, क्या कयामत लग रही थी ! अगर मुर्दा उसे देख ले तो फिर से जिन्दा हो जाये ! चुम्मा-चाटी के बाद मैंने उसकी चूत पर चूसना शुरू किया।
वो बोली- राज ! प्लीज़ मत करो ! कुछ हो रहा है !
मैंने कहा- अभी बहुत कुछ होना है डार्लिंग !
मैं नहीं हटा और चूसता रहा। इतने में वो झड़ गई लेकिन मैं अभी तो शुरू ही हुआ था। मैंने अपना लण्ड निकाला।
उसने देखते ही कहा- इसे मत डालना ! मैं मर जाउँगी !
वैसे मेरा लण्ड ज्यादा बड़ा नहीं है, बस ७ इंच का है और ३.४ मोटा है।
मैं कहाँ मानने वाला था ! मैंने उसकी चूत में लण्ड को रखा और थोड़ा अंदर किया। वो बोली- बस रुको यहीं पर !
मैं थोड़ा सा रुका लेकिन माना नहीं और एक दम झटके से लण्ड घुसा दिया।
वो चिल्ला उठी- मर गईईईऽऽऽ माआआआआआ फट गई मेरीऽऽऽ !
मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए और तब मैं बहुत धीरे-धीरे कर रहा था जिससे उसे और दर्द ना हो !
फिर वो बोली- तेज करो राज !
मैं तेज तेज करने लगा। करीब २५ मिनट में दो बार झड़ गई। कुछ देर के बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया और कुछ देर तक ऐसे ही गिरे पड़े रहे।
जब हम उठे, मैंने कहा- एक बार और डार्लिंग !
उसने कहा- ओके !
लेकिन उसे नहीं पता कि इस बार उसकी गांड की बारी है !
मैंने उसे कहा- घोड़ी बन जाओ !
वो बन गई और बोली- प्लीज़, इस बार धीरे करना !
मैंने कहा- ओके !
लेकिन मुझे कहाँ मानना था। मैंने सीधे उसकी गांड की बारी लगा दी। सिर्फ ३ झटकों में मेरा पूरा अन्दर चला गया।
वो बोली- राआआआआआआज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज !
और मैं रुक गया। कुछ देर बाद जब उसका दर्द बंद हुआ तो बोली- तेज तेज करो !
मैं करता गया, करता गया और इस बार मैं ४५ मिनट तक चोदता रहा। हम दोनों एकदम पसीने में नहा गये थे। ४५ मिनट बाद मेरा पूरा पानी उसकी गांड में था और मैं वैसे ही उसके ऊपर गिर गया और हमारी आंख लग गई। दो घण्टे बाद हम दोनों उठे और नहाये, एक दूसरे को किस किया और होटल में जाकर डिनर किया।
लेकिन श्रुति से चला नहीं जा रहा था।
वो दिन हम दोनों को आज तक याद है ! उसके बाद भी हमने बहुत बार चुदाई की, लेकिन पहली चुदाई तो पहली ही होती है ना !
आप सबको मेरी कहनी कैसी लगी?
हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !
No comments:
Post a Comment