FUN-MAZA-MASTI
चुदाई के नौकर -पार्ट--1
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक ओर मस्त कहानी के साथ हाजिर हूँ . कहानी
कैसी है ये तो आप ही बताएँगे . अब आप कहानी का मज़ा लीजिए
मेरा नाम मीनाक्षी माथुर है. मेरे पति शरद माथुर ठेकेदारी का काम करते थे. उनका ठेकेदारी का काम बहुत ही लंबा चौड़ा था. उनका एक मॅनेजर था जिसका नाम राजेंद्र प्रताप था. वो उनका दोस्त भी था और उनका सारा काम देखता था. वो हमारे घर सुबह के 8 बजे आ जाता था और नाश्ता करने के बाद मेरे पति के साथ साइट पर निकल जाता था. मैं उसे राज कह कर बुलाती थी और वो मुझे मीना कह कर बुलाता था.
उस समय उसकी उमर लगभग 23 साल की थी और वो दिखने में बहुत ही हॅंडसम था. वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था. शादी के 5 साल बाद मेरे पति की एक कार एक्सिडेंट में मौत हो गयी. अब उनका सारा काम मैं ही संभालती हूँ और राज मेरी मदद करता है. मेरे पति बहुत ही सेक्सी थे और मैं भी.
उनके गुजर जाने के बाद लगभग 6 महीने तक मुझे सेक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने लगी. एक दिन राज ने कहा,
क्या बात है मीना, आज कल तुम बहुत उदास रहती हो. मैने कहा,
बस ऐसे ही. वो बोला,
मुझे अपनी उदासी की वजह नहीं बतओगि, शायद मैं तुम्हारी उदासी दूर करने में कुच्छ मदद कर सकूँ. मैने कहा,
अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी दूर कर सकते हो. आज पूरे दिन बहुत काम है. मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की वजह ज़रूर बताउन्गि. मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद तुम मेरी उदासी दूर कर सको. मेरी उदासी दूर करने में शायद तुम्हें बहुत ज़्यादा वक़्त लग जाए, हो सकता है पूरी रात ही गुजर जाए इस लिए आज तुम अपने घर बता देना कि कल तुम सुबह को आओगे. मैं शाम को तुम्हें सब कुच्छ बता दूँगी. वो बोला,
ठीक है. हम दोनो सारा दिन काम में लगे रहे. 1 मिनट की भी फ़ुर्सत नहीं मिली. घर वापस आते आते रात के 8 बज गये. घर पहुचने के बाद मैने राज से कहा,
मैं एक दम थक गयी हूँ. पहले मैं थोड़ा गरम पानी से नहा लूँ उसके बाद बात करेंगे. वो बोला,
नहाना तो मैं भी चाहता हूँ. पहले तुम नहा लो उसके बाद मैं नहा लूँगा. मैं नहाने चली गयी और राज बैठ कर टीवी देखने लगा. 15 मिनट बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आई तो राज नहाने चला गया. मैने केवल गाउन पहन रखा था. गाउन के बाहर से ही मेरे सारे बदन की झलक एक दम सॉफ दिख रही थी. राज मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला,
आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो. मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी. उसके बाद राज नहाने चला गया. मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगी. थोड़ी देर बाद राज ने मुझे बाथरूम से ही पुकारा तो मैं बाथरूम के पास गयी और पूचछा,
क्या बात है. वो अंदर से ही बोला,
मीना, मैं अपने कपड़े तो लाया नहीं था और नहाने लगा. अब मैं क्या पहनूंगा. मैने कहा,
तुम टवल लपेट कर बाहर आ जाओ. मैं अभी तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम कर दूँगी. राज एक टवल लपेट कर बाहर आ गया. मैने कहा,
तुम बैठ कर टीवी देखो, मैं चाय बना कर लाती हूँ. उसके बाद मैं तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम भी कर दूँगी. वो सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा. मैं किचन में चाय बनाने चली गयी. थोड़ी देर बाद मैं चाय ले कर आई. मैने टेबल पर चाय रखी और चाय बनाने लगी. मैने राज को चाय दी. वो चुप चाप चाय पीने लगा. मैं भी सोफे पर बैठ कर चाय पीने लगी. चाय पी लेने के बाद राज ने मुझसे पूचछा,
अब तुम अपनी उदासी की वजह बताओ. मैं तुम्हारी उदासी दूर करने की कोशिश करूँगा. मैं उठ कर राज के बगल में बैठ गयी. फिर मैने उसके लंड पर हाथ रख दिया और कहा,
मेरी उदासी की वजह ये है. मेरे पति को गुज़रे हुए 6 महीने हो गये हैं और तब से ही मैं एक दम प्यासी हूँ. वो रोज ही जम कर मेरी चुदाई करते थे. 6 महीने से मुझे चुदाई का मज़ा बिल्कुल नहीं मिला है और ये कमी तुम पूरी कर सकते हो. वो कुच्छ नहीं बोला. मैने राज के लंड पर से टवल हटा दिया. राज का लंड एक दम ढीला था लेकिन था बहुत ही लंबा और मोटा. मैने कहा,
तुम्हारा लंड तो उनके लंड से ज़्यादा लंबा और मोटा लग रहा है. मुझे तुमसे चुदवाने में बहुत मज़ा आएगा. वो बोला,
मैं तुम्हें नहीं चोद सकता. मैने पुछा, क्यों. राज ने अपना सिर झुका लिया और बोला,
मेरा लंड खड़ा नहीं होता. उसकी बात सुन कर मैं सन्न रह गयी. मैने कहा,
तुम्हारी शादी भी तो 2 महीने पहले हुई है. वो बोला,
मेरा लंड खड़ा नहीं होता इस लिए वो अभी तक कुँवारी ही है. मेरी बीवी मुझसे इसी वजह से बहुत नाराज़ रहती है. वो कहती है कि जब तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होता था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की.
मैने राज से कहा,ठीक है, जब मैं अपने लिए कोई अच्च्छा सा मर्द खोज लूँगी जिसका लंड खूब लंबा और मोटा हो और जो खूब देर तक मेरी चुदाई कर सके. उसके बाद तुम एक दिन अपनी बीवी को भी यहाँ बुला लाना, मैं तुम्हारी बीवी को भी उस से चुदवा दूँगी. इस तरह तुम्हारी बीवी सुहागरात भी मना लेगी और उसे चुदवाने का पूरा मज़ा आ जाएगा. उसके बाद वो तुमसे कभी नाराज़ नहीं रहेगी. क्यों ठीक है ना. राज बोला,
क्या तुम सही कह रही हो कि वो फिर मुझसे नाराज़ नहीं रहेगी. मैने कहा,
हां मैं एक दम सच कह रही हूँ लेकिन जब तुम अपनी बीवी को यहाँ लाना तो उसे कुच्छ भी मत बताना. राज बोला,
ठीक है. दूसरे दिन मैं राज के साथ एक साइट पर गयी. वो साइट मेरे घर से लगभग 80-85 किमी. दूर था. उस साइट पर लगभग 40 मज़दूर काम करते थे. उस साइट का मॅनेजर उन सब को पैसे दे रहा था. सारे मज़दूर लाइन में खड़े थे. मैं मॅनेजर के बगल में एक चेर पर बैठ गयी. सभी ने निकर और बनियान पहन रखा था. मैं नेकर के उपर से ही उन सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी.
जब मॅनेजर लगभग 20-25 मज़दूर को पैसे दे चुका तो मेरी नज़र एक मज़दूर के लंड पर पड़ी. मैने नेकर के बाहर से ही अंदाज़ लगा लिया कि उसका लंड कम से कम 8-10" लंबा और खूब मोटा होगा. उसकी उमर लगभग 22-23 साल की रही होगी और बदन एक दम गातीला था. मैने उस मज़दूर से पुचछा,
क्या नाम है तुम्हारा. वो बोला,
मेरा नाम मोनू है. मैने पुचछा,
तुम्हारे कितने बच्चे हैं. वो शरमाते हुए बोला,
मालकिन, अभी तक मेरी शादी नही हुई है. मैने कहा,
मुझे अपने घर के लिए एक आदमी की ज़रूरत है. मेरे घर पर काम करोगे. वो बोला,
आप कहेंगी तो ज़रूर करूँगा. मैने राज से कहा,
इसे घर का काम करने के लिए रख लो. राज समझ गया और बोला,
ठीक है. राज ने उस मज़दूर से कहा,
मोनू तुम घर जा कर बता दो और अपना समान ले आओ. आज से तुम मेडम के घर पर काम करोगे. वो बोला,
जी साहब. वो अपने घर चला गया. लगभग 1 घंटे के बाद वो वापस आ गया. उसके बाद हम सब कार से घर वापस चल पड़े. रात के 8 बजे हम सब घर पहुचे. मैने मोनू को घर का सारा काम समझा दिया और उसे ड्रोइंग रूम में सोने के लिए कह दिया. घर में केवल एक ही बाथरूम था इस लिए मैने मोनू से कहा,
घर में केवल एक ही बाथरूम है. तुम इसी बाथरूम से काम चला लेना. वो बोला,
ठीक है मालकिन. मैने कहा,
घर पर मुझे मालकिन कहलाना पसंद नहीं है. तुम मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो. वो बोला,
ठीक है मालकिन. मैने उसे डांता और कहा,
मालकिन नहीं मीना कह कर बुलाओ. वो बोला,
ठीक है मीना जी. मैं कहा,
मीना जी नहीं, केवल मीना. वो शरमाते हुए बोला,
ठीक है मीना. मैने कहा,
लग रहा है की तुमने बहुत दीनो से नहाया नहीं है. मैं तुम्हें एक साबुन दे देती हूँ, तुम बाथरूम में जा कर ठीक से नहा लो. मोनू बोला,
ठीक है. मैने मोनू को एक खुश्बुदार साबुन दे दिया तो वो नहाने चला गया. थोड़ी देर बाद मोनू नहा कर बाहर आया. अब उसका सारा बदन एक दम खिल उठा था और महक भी रहा था. वो पॅंट और शर्ट पहन ने लगा तो मैने कहा,
घर में पॅंट शर्ट पहन ने की कोई ज़रूरत नहीं है. तुम नेकर और बनियान में ही रह सकते हो. राज बोला,
मैं घर जा रहा हूँ. मैने कहा,
ठीक है. कल मैं कहीं नहीं जाउन्गि. अब तुम परसों सुबह आना. राज ने मुस्कुराते हुए कहा,
ठीक है. मैं कल नहीं आउन्गा. उसके बाद राज चला गया. रात के 10 बजने वाले थे. मैने बेडरूम में जा कर पॅंटी और ब्रा को छ्चोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और उपर से गाउन पहन लिया. उसके बाद मैने मोनू को पुकारा. वो मेरे पास आया और बोला,
क्या है. मैने कहा,
मेरा सारा बदन दुख रहा है. तुम थोड़ा सा तेल लगा कर मेरे सारे बदन की मालिश कर दो. वो बोला,
आप मुझसे मालिश करवाएँगी. मैने कहा,
शहर में ये सब आम बात है. गाओं की तरह यहाँ की औरतें शरम नहीं करती. तुम ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आओ और मेरे बदन की मालिश करो. वो ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आया तो मैने अपना गाउन उतार दिया और पेट के बल लेट गयी. वो घूर घूर कर मेरे गोरे बदन को देखने लगा. उसकी निगाहों में भी सेक्स की भूख सॉफ दिख रही थी. मैने कहा,
क्या देख रहे हो. चलो मालिश करो. वो शरमाते हुए मेरे बगल में बेड पर बैठ गया. मैने कहा,
पहले मेरी पीठ और कमर की मालिश करो. वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा. उसका हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस जाता था. मैने कहा,
तुम्हारा हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस रहा है. तुम इसे खोल दो और ठीक से मालिश करो. उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मालिश करने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा,
और नीचे तक मालिश करो. वो और ज़्यादा नीचे तक मालिश करने लगा. अभी उसका हाथ मेरे चुत्तऱ पर नहीं लग रहा था. मैने कहा,
थोड़ा और नीचे तक मालिश करो. वो शरमाते हुए और नीचे तक मालिश करने लगा. जब उसका हाथ मेरी पॅंटी को टच करने लगा तो मैने कहा,
पॅंटी को भी थोड़ा नीचे कर दो फिर मालिश करो. उसने मेरी पॅंटी को भी थोडा सा नीचे कर दिया. अब मेरा आधा चुत्तऱ उसे दिखने लगा. वो बड़े प्यार से मेरी चुत्तऱ की मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मेरे दोनो चुत्तऱ को हल्का हल्का सा दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. थोड़ी देर तक मालिश करवाने के बाद मैने कहा,
अब तुम मेरे हाथों की मालिश करो. मैने जानबूझ कर अपनी ब्रा को नहीं पकड़ा और पलट कर पीठ के बल लेट गयी. मेरी ब्रा सरक गयी और उसने मेरी दोनो चुचियों को साफ साफ देख लिया. वो मुस्कुराने लगा तो मैने तुरंत ही अपनी ब्रा से अपनी चुचियों को ढक लिया लेकिन उसका हुक बंद नहीं किया. वो मेरे हाथों की मालिश करने लगा. मेरी ब्रा बार बार सरक जा रही थी और मैं बार बार उसे अपनी चुचियों पर रख लेती थी. जब वो मेरे हाथ की मालिश कर चुका तो मैने कहा,
अब तुम मेरे पैरों की मालिश कर दो. वो घुटने के बल बैठ कर मेरे पैरों की मालिश करने लगा. मैने देखा की मोनू का लंड एक दम खड़ा हो चुका था और उसका नेकर तंबू की तरह हो गया था. वो केवल घुटने तक ही मालिश कर रहा था तो मैने कहा,
क्या कर रहे हो, मोनू. मेरी जांघों की भी मालिश करो. वो मेरी जांघों तक मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मालिश करते करते वो अपनी उंगली मेरी चूत पर टच करने लगा तो मैं कुच्छ नहीं बोली. उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को पॅंटी के उपर से ही सहलाते हुए पैरों की मालिश करने लगा. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. मैं मन ही मन खुश हो रही थी की अब बस थोड़ी ही देर में मेरा काम होने वाला है.
थोड़ी ही देर बाद मोनू जोश से एक दम बेकाबू हो गया और उसने मेरी पॅंटी नीचे सरका दी और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा. मैं फिर भी कुच्छ नहीं बोली तो उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने मेरे पैरों की मालिश बंद कर दी और अपनी बीच की उंगली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. मैं मन ही मन एक दम खुश हो गयी कि अब मेरा काम बन गया. वो दूसरे हाथ से मेरी चुचियों को मसल्ने लगा. थोड़ी ही देर में मैं एक दम जोश में आ गयी और आहें भरने लगी. वो मेरी चुचियों को मसल्ते हुए अपनी उंगली बहुत तेज़ी के साथ मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा तो 2 मिनट में ही मैं झाड़ गयी और मेरी चूत एक दम गीली हो गयी.
मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींच लिया. वो मेरा इशारा समझ गया और मेरी चूत को चाटने लगा. उसने अपने नेकर का नाडा खोल कर अपना नेकर नीचे सरका दिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसका लंड तो लगभग 8" ही लंबा था लेकिन मेरे पति के लंड से बहुत ज़्यादा मोटा था. मैं उसके लंड को सहलाने लगी तो थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया. वो मेरी चूत को बहुत तेज़ी से चाट रहा था. मैं जोश से पागल सी होने लगी तो मैने मोनू से कहा,
मोनू, अब देर मत करो. मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा है. मेरे इतना कहते ही उसने एक झट्के से मेरी पॅंटी जो कि पहले से ही नीचे थी, उतार दी और मेरी ब्रा को भी खींच कर फेंक दिया. उसके बाद उसने अपना नेकर भी उतार कर फेंक दिया. उसके बाद वो मेरी टाँगों के बीच आ गया. उसने मेरी टाँगों को पकड़ कर दूर दूर फैला दिया और अपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत की लिप्स के बीच रख दिया. उसके बाद उसने अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया. उसका लंड बहुत ज़्यादा मोटा था इसलिए मुझे थोड़ा दर्द होने लगा. मैने दर्द के मारे अपने होठों को ज़ोर से जाकड़ लिया जिस से मेरे मूँ'ह से आवाज़ ना निकल पाए. मेरी धड़कने तेज होने लगी. लग रहा था की जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस रहा हो.
धीरे धीरे उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसने लगा. दर्द के मारे मेरी टाँगें थर थर काँपने लगी. मेरी धड़कने बहुत तेज चलने लगी. मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया. उसका लंड स्लिप करता हुआ धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर लगभग 5" तक घुस चुका था. दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था. मैने सोचा कि अगर मैने मोनू को रोका नहीं तो मेरी चूत फॅट जाएगी. मैने मोनू से रुक जाने को कहा तो वो रुक गया. उसने मेरी टाँगों को छ्चोड़ दिया. उसने मेरी दोनो चुचियों के निपल्स को पकड़ कर धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया और मुझे चूमने लगा. मैं भी उसके होठों को चूमने लगी.
क्रमशः...............
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दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक ओर मस्त कहानी के साथ हाजिर हूँ . कहानी
कैसी है ये तो आप ही बताएँगे . अब आप कहानी का मज़ा लीजिए
मेरा नाम मीनाक्षी माथुर है. मेरे पति शरद माथुर ठेकेदारी का काम करते थे. उनका ठेकेदारी का काम बहुत ही लंबा चौड़ा था. उनका एक मॅनेजर था जिसका नाम राजेंद्र प्रताप था. वो उनका दोस्त भी था और उनका सारा काम देखता था. वो हमारे घर सुबह के 8 बजे आ जाता था और नाश्ता करने के बाद मेरे पति के साथ साइट पर निकल जाता था. मैं उसे राज कह कर बुलाती थी और वो मुझे मीना कह कर बुलाता था.
उस समय उसकी उमर लगभग 23 साल की थी और वो दिखने में बहुत ही हॅंडसम था. वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था. शादी के 5 साल बाद मेरे पति की एक कार एक्सिडेंट में मौत हो गयी. अब उनका सारा काम मैं ही संभालती हूँ और राज मेरी मदद करता है. मेरे पति बहुत ही सेक्सी थे और मैं भी.
उनके गुजर जाने के बाद लगभग 6 महीने तक मुझे सेक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने लगी. एक दिन राज ने कहा,
क्या बात है मीना, आज कल तुम बहुत उदास रहती हो. मैने कहा,
बस ऐसे ही. वो बोला,
मुझे अपनी उदासी की वजह नहीं बतओगि, शायद मैं तुम्हारी उदासी दूर करने में कुच्छ मदद कर सकूँ. मैने कहा,
अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी दूर कर सकते हो. आज पूरे दिन बहुत काम है. मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की वजह ज़रूर बताउन्गि. मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद तुम मेरी उदासी दूर कर सको. मेरी उदासी दूर करने में शायद तुम्हें बहुत ज़्यादा वक़्त लग जाए, हो सकता है पूरी रात ही गुजर जाए इस लिए आज तुम अपने घर बता देना कि कल तुम सुबह को आओगे. मैं शाम को तुम्हें सब कुच्छ बता दूँगी. वो बोला,
ठीक है. हम दोनो सारा दिन काम में लगे रहे. 1 मिनट की भी फ़ुर्सत नहीं मिली. घर वापस आते आते रात के 8 बज गये. घर पहुचने के बाद मैने राज से कहा,
मैं एक दम थक गयी हूँ. पहले मैं थोड़ा गरम पानी से नहा लूँ उसके बाद बात करेंगे. वो बोला,
नहाना तो मैं भी चाहता हूँ. पहले तुम नहा लो उसके बाद मैं नहा लूँगा. मैं नहाने चली गयी और राज बैठ कर टीवी देखने लगा. 15 मिनट बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आई तो राज नहाने चला गया. मैने केवल गाउन पहन रखा था. गाउन के बाहर से ही मेरे सारे बदन की झलक एक दम सॉफ दिख रही थी. राज मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला,
आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो. मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी. उसके बाद राज नहाने चला गया. मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगी. थोड़ी देर बाद राज ने मुझे बाथरूम से ही पुकारा तो मैं बाथरूम के पास गयी और पूचछा,
क्या बात है. वो अंदर से ही बोला,
मीना, मैं अपने कपड़े तो लाया नहीं था और नहाने लगा. अब मैं क्या पहनूंगा. मैने कहा,
तुम टवल लपेट कर बाहर आ जाओ. मैं अभी तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम कर दूँगी. राज एक टवल लपेट कर बाहर आ गया. मैने कहा,
तुम बैठ कर टीवी देखो, मैं चाय बना कर लाती हूँ. उसके बाद मैं तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम भी कर दूँगी. वो सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा. मैं किचन में चाय बनाने चली गयी. थोड़ी देर बाद मैं चाय ले कर आई. मैने टेबल पर चाय रखी और चाय बनाने लगी. मैने राज को चाय दी. वो चुप चाप चाय पीने लगा. मैं भी सोफे पर बैठ कर चाय पीने लगी. चाय पी लेने के बाद राज ने मुझसे पूचछा,
अब तुम अपनी उदासी की वजह बताओ. मैं तुम्हारी उदासी दूर करने की कोशिश करूँगा. मैं उठ कर राज के बगल में बैठ गयी. फिर मैने उसके लंड पर हाथ रख दिया और कहा,
मेरी उदासी की वजह ये है. मेरे पति को गुज़रे हुए 6 महीने हो गये हैं और तब से ही मैं एक दम प्यासी हूँ. वो रोज ही जम कर मेरी चुदाई करते थे. 6 महीने से मुझे चुदाई का मज़ा बिल्कुल नहीं मिला है और ये कमी तुम पूरी कर सकते हो. वो कुच्छ नहीं बोला. मैने राज के लंड पर से टवल हटा दिया. राज का लंड एक दम ढीला था लेकिन था बहुत ही लंबा और मोटा. मैने कहा,
तुम्हारा लंड तो उनके लंड से ज़्यादा लंबा और मोटा लग रहा है. मुझे तुमसे चुदवाने में बहुत मज़ा आएगा. वो बोला,
मैं तुम्हें नहीं चोद सकता. मैने पुछा, क्यों. राज ने अपना सिर झुका लिया और बोला,
मेरा लंड खड़ा नहीं होता. उसकी बात सुन कर मैं सन्न रह गयी. मैने कहा,
तुम्हारी शादी भी तो 2 महीने पहले हुई है. वो बोला,
मेरा लंड खड़ा नहीं होता इस लिए वो अभी तक कुँवारी ही है. मेरी बीवी मुझसे इसी वजह से बहुत नाराज़ रहती है. वो कहती है कि जब तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होता था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की.
मैने राज से कहा,ठीक है, जब मैं अपने लिए कोई अच्च्छा सा मर्द खोज लूँगी जिसका लंड खूब लंबा और मोटा हो और जो खूब देर तक मेरी चुदाई कर सके. उसके बाद तुम एक दिन अपनी बीवी को भी यहाँ बुला लाना, मैं तुम्हारी बीवी को भी उस से चुदवा दूँगी. इस तरह तुम्हारी बीवी सुहागरात भी मना लेगी और उसे चुदवाने का पूरा मज़ा आ जाएगा. उसके बाद वो तुमसे कभी नाराज़ नहीं रहेगी. क्यों ठीक है ना. राज बोला,
क्या तुम सही कह रही हो कि वो फिर मुझसे नाराज़ नहीं रहेगी. मैने कहा,
हां मैं एक दम सच कह रही हूँ लेकिन जब तुम अपनी बीवी को यहाँ लाना तो उसे कुच्छ भी मत बताना. राज बोला,
ठीक है. दूसरे दिन मैं राज के साथ एक साइट पर गयी. वो साइट मेरे घर से लगभग 80-85 किमी. दूर था. उस साइट पर लगभग 40 मज़दूर काम करते थे. उस साइट का मॅनेजर उन सब को पैसे दे रहा था. सारे मज़दूर लाइन में खड़े थे. मैं मॅनेजर के बगल में एक चेर पर बैठ गयी. सभी ने निकर और बनियान पहन रखा था. मैं नेकर के उपर से ही उन सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी.
जब मॅनेजर लगभग 20-25 मज़दूर को पैसे दे चुका तो मेरी नज़र एक मज़दूर के लंड पर पड़ी. मैने नेकर के बाहर से ही अंदाज़ लगा लिया कि उसका लंड कम से कम 8-10" लंबा और खूब मोटा होगा. उसकी उमर लगभग 22-23 साल की रही होगी और बदन एक दम गातीला था. मैने उस मज़दूर से पुचछा,
क्या नाम है तुम्हारा. वो बोला,
मेरा नाम मोनू है. मैने पुचछा,
तुम्हारे कितने बच्चे हैं. वो शरमाते हुए बोला,
मालकिन, अभी तक मेरी शादी नही हुई है. मैने कहा,
मुझे अपने घर के लिए एक आदमी की ज़रूरत है. मेरे घर पर काम करोगे. वो बोला,
आप कहेंगी तो ज़रूर करूँगा. मैने राज से कहा,
इसे घर का काम करने के लिए रख लो. राज समझ गया और बोला,
ठीक है. राज ने उस मज़दूर से कहा,
मोनू तुम घर जा कर बता दो और अपना समान ले आओ. आज से तुम मेडम के घर पर काम करोगे. वो बोला,
जी साहब. वो अपने घर चला गया. लगभग 1 घंटे के बाद वो वापस आ गया. उसके बाद हम सब कार से घर वापस चल पड़े. रात के 8 बजे हम सब घर पहुचे. मैने मोनू को घर का सारा काम समझा दिया और उसे ड्रोइंग रूम में सोने के लिए कह दिया. घर में केवल एक ही बाथरूम था इस लिए मैने मोनू से कहा,
घर में केवल एक ही बाथरूम है. तुम इसी बाथरूम से काम चला लेना. वो बोला,
ठीक है मालकिन. मैने कहा,
घर पर मुझे मालकिन कहलाना पसंद नहीं है. तुम मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो. वो बोला,
ठीक है मालकिन. मैने उसे डांता और कहा,
मालकिन नहीं मीना कह कर बुलाओ. वो बोला,
ठीक है मीना जी. मैं कहा,
मीना जी नहीं, केवल मीना. वो शरमाते हुए बोला,
ठीक है मीना. मैने कहा,
लग रहा है की तुमने बहुत दीनो से नहाया नहीं है. मैं तुम्हें एक साबुन दे देती हूँ, तुम बाथरूम में जा कर ठीक से नहा लो. मोनू बोला,
ठीक है. मैने मोनू को एक खुश्बुदार साबुन दे दिया तो वो नहाने चला गया. थोड़ी देर बाद मोनू नहा कर बाहर आया. अब उसका सारा बदन एक दम खिल उठा था और महक भी रहा था. वो पॅंट और शर्ट पहन ने लगा तो मैने कहा,
घर में पॅंट शर्ट पहन ने की कोई ज़रूरत नहीं है. तुम नेकर और बनियान में ही रह सकते हो. राज बोला,
मैं घर जा रहा हूँ. मैने कहा,
ठीक है. कल मैं कहीं नहीं जाउन्गि. अब तुम परसों सुबह आना. राज ने मुस्कुराते हुए कहा,
ठीक है. मैं कल नहीं आउन्गा. उसके बाद राज चला गया. रात के 10 बजने वाले थे. मैने बेडरूम में जा कर पॅंटी और ब्रा को छ्चोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और उपर से गाउन पहन लिया. उसके बाद मैने मोनू को पुकारा. वो मेरे पास आया और बोला,
क्या है. मैने कहा,
मेरा सारा बदन दुख रहा है. तुम थोड़ा सा तेल लगा कर मेरे सारे बदन की मालिश कर दो. वो बोला,
आप मुझसे मालिश करवाएँगी. मैने कहा,
शहर में ये सब आम बात है. गाओं की तरह यहाँ की औरतें शरम नहीं करती. तुम ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आओ और मेरे बदन की मालिश करो. वो ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आया तो मैने अपना गाउन उतार दिया और पेट के बल लेट गयी. वो घूर घूर कर मेरे गोरे बदन को देखने लगा. उसकी निगाहों में भी सेक्स की भूख सॉफ दिख रही थी. मैने कहा,
क्या देख रहे हो. चलो मालिश करो. वो शरमाते हुए मेरे बगल में बेड पर बैठ गया. मैने कहा,
पहले मेरी पीठ और कमर की मालिश करो. वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा. उसका हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस जाता था. मैने कहा,
तुम्हारा हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस रहा है. तुम इसे खोल दो और ठीक से मालिश करो. उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मालिश करने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा,
और नीचे तक मालिश करो. वो और ज़्यादा नीचे तक मालिश करने लगा. अभी उसका हाथ मेरे चुत्तऱ पर नहीं लग रहा था. मैने कहा,
थोड़ा और नीचे तक मालिश करो. वो शरमाते हुए और नीचे तक मालिश करने लगा. जब उसका हाथ मेरी पॅंटी को टच करने लगा तो मैने कहा,
पॅंटी को भी थोड़ा नीचे कर दो फिर मालिश करो. उसने मेरी पॅंटी को भी थोडा सा नीचे कर दिया. अब मेरा आधा चुत्तऱ उसे दिखने लगा. वो बड़े प्यार से मेरी चुत्तऱ की मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मेरे दोनो चुत्तऱ को हल्का हल्का सा दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. थोड़ी देर तक मालिश करवाने के बाद मैने कहा,
अब तुम मेरे हाथों की मालिश करो. मैने जानबूझ कर अपनी ब्रा को नहीं पकड़ा और पलट कर पीठ के बल लेट गयी. मेरी ब्रा सरक गयी और उसने मेरी दोनो चुचियों को साफ साफ देख लिया. वो मुस्कुराने लगा तो मैने तुरंत ही अपनी ब्रा से अपनी चुचियों को ढक लिया लेकिन उसका हुक बंद नहीं किया. वो मेरे हाथों की मालिश करने लगा. मेरी ब्रा बार बार सरक जा रही थी और मैं बार बार उसे अपनी चुचियों पर रख लेती थी. जब वो मेरे हाथ की मालिश कर चुका तो मैने कहा,
अब तुम मेरे पैरों की मालिश कर दो. वो घुटने के बल बैठ कर मेरे पैरों की मालिश करने लगा. मैने देखा की मोनू का लंड एक दम खड़ा हो चुका था और उसका नेकर तंबू की तरह हो गया था. वो केवल घुटने तक ही मालिश कर रहा था तो मैने कहा,
क्या कर रहे हो, मोनू. मेरी जांघों की भी मालिश करो. वो मेरी जांघों तक मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मालिश करते करते वो अपनी उंगली मेरी चूत पर टच करने लगा तो मैं कुच्छ नहीं बोली. उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को पॅंटी के उपर से ही सहलाते हुए पैरों की मालिश करने लगा. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. मैं मन ही मन खुश हो रही थी की अब बस थोड़ी ही देर में मेरा काम होने वाला है.
थोड़ी ही देर बाद मोनू जोश से एक दम बेकाबू हो गया और उसने मेरी पॅंटी नीचे सरका दी और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा. मैं फिर भी कुच्छ नहीं बोली तो उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने मेरे पैरों की मालिश बंद कर दी और अपनी बीच की उंगली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. मैं मन ही मन एक दम खुश हो गयी कि अब मेरा काम बन गया. वो दूसरे हाथ से मेरी चुचियों को मसल्ने लगा. थोड़ी ही देर में मैं एक दम जोश में आ गयी और आहें भरने लगी. वो मेरी चुचियों को मसल्ते हुए अपनी उंगली बहुत तेज़ी के साथ मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा तो 2 मिनट में ही मैं झाड़ गयी और मेरी चूत एक दम गीली हो गयी.
मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींच लिया. वो मेरा इशारा समझ गया और मेरी चूत को चाटने लगा. उसने अपने नेकर का नाडा खोल कर अपना नेकर नीचे सरका दिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसका लंड तो लगभग 8" ही लंबा था लेकिन मेरे पति के लंड से बहुत ज़्यादा मोटा था. मैं उसके लंड को सहलाने लगी तो थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया. वो मेरी चूत को बहुत तेज़ी से चाट रहा था. मैं जोश से पागल सी होने लगी तो मैने मोनू से कहा,
मोनू, अब देर मत करो. मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा है. मेरे इतना कहते ही उसने एक झट्के से मेरी पॅंटी जो कि पहले से ही नीचे थी, उतार दी और मेरी ब्रा को भी खींच कर फेंक दिया. उसके बाद उसने अपना नेकर भी उतार कर फेंक दिया. उसके बाद वो मेरी टाँगों के बीच आ गया. उसने मेरी टाँगों को पकड़ कर दूर दूर फैला दिया और अपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत की लिप्स के बीच रख दिया. उसके बाद उसने अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया. उसका लंड बहुत ज़्यादा मोटा था इसलिए मुझे थोड़ा दर्द होने लगा. मैने दर्द के मारे अपने होठों को ज़ोर से जाकड़ लिया जिस से मेरे मूँ'ह से आवाज़ ना निकल पाए. मेरी धड़कने तेज होने लगी. लग रहा था की जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस रहा हो.
धीरे धीरे उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसने लगा. दर्द के मारे मेरी टाँगें थर थर काँपने लगी. मेरी धड़कने बहुत तेज चलने लगी. मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया. उसका लंड स्लिप करता हुआ धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर लगभग 5" तक घुस चुका था. दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था. मैने सोचा कि अगर मैने मोनू को रोका नहीं तो मेरी चूत फॅट जाएगी. मैने मोनू से रुक जाने को कहा तो वो रुक गया. उसने मेरी टाँगों को छ्चोड़ दिया. उसने मेरी दोनो चुचियों के निपल्स को पकड़ कर धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया और मुझे चूमने लगा. मैं भी उसके होठों को चूमने लगी.
क्रमशः...............
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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