Monday, March 24, 2014

FUN-MAZA-MASTI दिलो की फरियाद--1

FUN-MAZA-MASTI

 दिलो की फरियाद--1


यह कहानी है तीन लड़कियों की जो अभी अच्छे दोस्त है पर कुछ समय पहले एक दूसरे से बिल्कुल अंजाने थे, तीनो की नौकरी के कारण मुलाक़ात हुई थी और अब तब से एक साथ है। पिंकी , नेहा और संगीता, इनमे पिंकी जिसकी उमर लगभग 25 साल है उसकी शादी 2 साल पहले हो चुकी है और उसका एक 1 साल का बच्चा भी है लेकिन नौकरी की कारण उसे अपने पति से दूर यहा एक छोटे से कस्बे में अकले रहना पड़ता है। नेहा 23 साल की और संगीता 24 साल की उमर के है ये दोनो एक साथ एक किराए के मकान में रहतें है। पिंकी इनके मकान से कुछ दूर पे ही किराए से रहती है। पिंकी नेहा और संगीता तीनो एक ही ऑफीस में क्लर्क का काम करती है, इसलिए अक्सर एक साथ ऑफीस आया जाया करती है। पिंकी जिस मकान में रहती है उसी मकान में एक और लड़का रहता था जिसका नाम शरद है, शरद की उमर लगभग 27 साल थी और अभी भी कुँवारा था, और वह एक टीचर है जो पास के एक हाई स्कूल में पढ़ाता था।
एक छुट्टी की दिन जब नेहा और संगीता शाम के समय पास के गार्डन में टहल रहे थे, शरद भी उसी गार्डन के एक किनारे में घास पे बैठा उहा था। चूँकि शरद पिंकी का पड़ोसी है इसलिए वह नेहा और संगीता को भी अच्छी तरह से जनता पहचानता था। नेहा और संगीता गार्डन में घूमते हुए जब वे शरद के करीब से निकल रहे थे तब नेहा ने अचानक शरद की पास जाकर बैठ गये उसके पीछे संगीता भी वही पर बैठ गयी और फिर दोनो शरद से बातें करने लगे।
नेहा बोली सर आप अकेले यहा पर बैठकर क्या सोच रहे है
शरद क्या करूँ आप लोग जैसा कोई मेरी गर्ल फ्रेंड नही है ना इसलिए अकेले बैठकर इस गार्डन के खूबसूरती का नज़ारो का आनंद ले रहा हूँ।
गर्ल फ्रेंड का नाम सुनकर नेहा थोड़ी सी झिझक गयी और संगीता की तरफ देखकर थोड़ा हंस दी
संगीता बोली, “सर आपकी कोई गर्ल फ्रेंड अभी नही है की हमेशा ही बिना किसी गर्ल फ्रेंड के थे
शरद गर्ल फ्रेंड से मेरा मतलब है की कोई भी लड़की से मेरी आज तक अच्छी दोस्ती नही हुई हैऔर आगे का मुझे पता नही……।।वैसे आप लोग अकेले हो की आपके भी बॉय फ्रेंड है।
संगीता हम लोग यहा नही बता सकती की हमारे कोई बॉय फ्रेंड है की नही……।।
नेहा अच्छा अब हम चलते है…………”

 नेहा अच्छा अब हम चलते है…………”
और नेहा और संगीता दोनो वहाँ से चल दिए, जब नेहा और संगीता अपने रूम में पहुँची तब नेहा बोली
नेहा, “वैसे शरद सर ने एक अच्छी बात बोली……
संगीता क्याबात
नेहा, “यही की तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है की नही, ए संगीता बता ना तूने कभी किसी से प्यार किया है की नही
संगीता धीरे धीरे चलते हुए जैसे की मन में कोई चीज़ घूम रही हो थोड़ी डर बाद बोली।
संगीता पहले तू बताक्या तूने कभी किसी से प्यार किया है?”
नेहा मेरी किस्मत में ऐसी बात कहा, हाँ एक बार लगा की कोई लड़का मुझको पसंद करता पर बाद में पता चला की वह मेरी दोस्त अनामिका को लाइन मारता था। तब से आज तक मान मे इच्छा है की काश कोई लड़का मुझे प्यार करता और मैं भी उसे खूब प्यार देता, अपना तन मन धन सब कुछ उस पर कुर्बान कर देती।
संगीता तेरा शरद के बारे में क्या ख़याल है……”
नेहा मै तेरा मतलब नही समझी
संगीता अरे मेरा मतलब नही समझी ,,,,, देख तू चाहती है की तेरे लाइफ में कोई लड़का हो, शरद के लाइफ में भी कोई लड़की नही है, जैसा उसने बातया है, और तुम दोनो एक ही जाति के भी हो। तू शरद को ट्राइ मार के देख क्या पता वह तेरे लिए सेट हो जाए।
नेहा पता नही वह मुझे पसंद करता है की नही……”
संगीता अच्छा पहले तू मुझे यह बता की कभी भी शरद को देखकर तेरे मॅन में इच्छा हुई थी की काश मैं ये मेरे बॉय फ्रेंड होता, मै इसके साथ बात करती और इसके साथ घूमती।।
नेहा, “हाँ मान में कभी कभी सोचती हूँ की काश शरद के साथ मै गार्डन में घूमती, मार्केट जाती और कभी मेरे सुंडर से गालो को और होंटो को चूमतालेकिन कभी हिम्मत ही नही हुई, और कभी उसने भी ऐसे नज़ारो से नही देखा जिससे मुझे लगता की वह मुझे पसंद करता है।
संगीता वहह! मन में लड्डू पहले से ही फूट रहे है।।चल उसको पटाने मैं तेरी मदद करूँगी

 
नेहा। तेरी बातों से ऐसे लग रहा की तेरे भी के साथ चक्कर है।।ए संगीता बता ना तू किससे प्यार करती है कौन है वो।।।।अब चुप चाप मत रह, अगर तू सच मेरी मदद करना चाहती है तो उससे पहले तुझे अपना लव स्टोरी मुझे सुनना पड़ेगा।
संगीता ज़िद मत नेहा ऐसे कोई मेर चक्कर नही है।
नेहा नही तेरा हैपर तू बताना नही चाहती है, ठीक है अगर तू बताना नही चाहती है तो मत बता ये ज़रूरी नही पर मैं तुझ पर विश्वास करती हूँ तो मेरी मदद कर सकती है
संगीता अरे नाराज़ मत हो, मै बताती हूँ। मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूँ और वो भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं, हम दोनो शादी भी करना चाहते है। लेकिन………
नेहा लेकिन क्या हो गया……।।
संगीता तू तो जानती है हम सब मिड्ल क्लास के लोग समाज के विरुध नही जा सकते, यही सब कुछ है, उसके परिवहर वहले नही चाहते की वह मुझसे शादी करें, क्योंकि हम दोनो अलग अलग जाति के जो हैं।
नेहा तुम दोनो घर से भागकर शादी क्यो नही कर लेते हो………आज कल बहुत कपल घर से बाहर रहतें है, और आराम से अपना जीवन जी रहे है।।
संगीता अभी उसका समय नही आया है, जीतू (संगीता का प्रेमी) अभी बेरोज़गार है कॉम्पेटतीओं एग्ज़ॅम में लगा हुआ है जैसे ही उसकी अच्छी नौकरी लगेगी हम दोनो तुरंत शादी कर लेंगे। हो सकता है अगले साल तक उसकी नौकरी लग जाएगा क्योकि जीतू बता रहा था उसका कई एग्ज़ॅम बहुत अच्छा गया है।
नेहा भगवान करे उसकी नौकरी तुरंत लग जाए और तुम दोनो शादी कर लो, पर संगीता अगर किसी कारण अगर ऐसा कुछ ना हुआ तो,,,,,,,,,,,,,,,,,”
संगीता तब मै शायद जिंदगी भर उसका इंतज़ार करूँगी, मै उसके बिना जी नही सकती हो सकता है मैं शायद घुट घुट के मार जाओं………”
संगीता रो पड़ी और उसके आँखूं से आँसुओ की धार निकालने लगी
नेहा नही नही।।मत रो संगीता तुम्हारी शादी उसी से होगी जिससे तुम चाहती हो, अपने आँसुओ को सॉफ करो और मत रो, भगवहन सच्चे दिलो की फरियाद सुनता है
थोड़ी देर बाद संगीत ने अपने आँसुओ को रोक लिया, तब नेहा उससे बोली,,,,,
नेहा क्या तुम मेरे प्यार के लिए मेरा मदद करोगी ना?”
संगीता ने हंसते हुआ कहा हाँ हाँ मै तुम्हारी बिल्कुल मदद करूँगी

 नेहा। तेरी बातों से ऐसे लग रहा की तेरे भी के साथ चक्कर है।।ए संगीता बता ना तू किससे प्यार करती है कौन है वो।।।।अब चुप चाप मत रह, अगर तू सच मेरी मदद करना चाहती है तो उससे पहले तुझे अपना लव स्टोरी मुझे सुनना पड़ेगा।
संगीता ज़िद मत नेहा ऐसे कोई मेर चक्कर नही है।
नेहा नही तेरा हैपर तू बताना नही चाहती है, ठीक है अगर तू बताना नही चाहती है तो मत बता ये ज़रूरी नही पर मैं तुझ पर विश्वास करती हूँ तो मेरी मदद कर सकती है
संगीता अरे नाराज़ मत हो, मै बताती हूँ। मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूँ और वो भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं, हम दोनो शादी भी करना चाहते है। लेकिन………
नेहा लेकिन क्या हो गया……।।
संगीता तू तो जानती है हम सब मिड्ल क्लास के लोग समाज के विरुध नही जा सकते, यही सब कुछ है, उसके परिवहर वहले नही चाहते की वह मुझसे शादी करें, क्योंकि हम दोनो अलग अलग जाति के जो हैं।
नेहा तुम दोनो घर से भागकर शादी क्यो नही कर लेते हो………आज कल बहुत कपल घर से बाहर रहतें है, और आराम से अपना जीवन जी रहे है।।
संगीता अभी उसका समय नही आया है, जीतू (संगीता का प्रेमी) अभी बेरोज़गार है कॉम्पेटतीओं एग्ज़ॅम में लगा हुआ है जैसे ही उसकी अच्छी नौकरी लगेगी हम दोनो तुरंत शादी कर लेंगे। हो सकता है अगले साल तक उसकी नौकरी लग जाएगा क्योकि जीतू बता रहा था उसका कई एग्ज़ॅम बहुत अच्छा गया है।
नेहा भगवान करे उसकी नौकरी तुरंत लग जाए और तुम दोनो शादी कर लो, पर संगीता अगर किसी कारण अगर ऐसा कुछ ना हुआ तो,,,,,,,,,,,,,,,,,”
संगीता तब मै शायद जिंदगी भर उसका इंतज़ार करूँगी, मै उसके बिना जी नही सकती हो सकता है मैं शायद घुट घुट के मार जाओं………”
संगीता रो पड़ी और उसके आँखूं से आँसुओ की धार निकालने लगी
नेहा नही नही।।मत रो संगीता तुम्हारी शादी उसी से होगी जिससे तुम चाहती हो, अपने आँसुओ को सॉफ करो और मत रो, भगवहन सच्चे दिलो की फरियाद सुनता है
थोड़ी देर बाद संगीत ने अपने आँसुओ को रोक लिया, तब नेहा उससे बोली,,,,,
नेहा क्या तुम मेरे प्यार के लिए मेरा मदद करोगी ना?”
संगीता ने हंसते हुआ कहा हाँ हाँ मै तुम्हारी बिल्कुल मदद करूँगी

नेहा रात भर शरद के बारे में सोच सोच कर ठीक से सोई नही थी और सुबह जल्दी उठकर उसने संगीता से पूछा की शरद को उसे अपना बनाने के लिए क्या करना चाहिए।
संगीता एक काम करते है आज शाम को ऑफीस के बाद हम दोनो पिंकी के यहाँ चेलेंगे और बाकी मै कुछ सोचती हूँ, तू चिंता मत कर मै तेरा काम चुटकी में कर दूँगी।
नेहा ने कहा ठीक है, मै शाम तक का वेट करूँगी:
शाम के समय पिंकी, नेहा और संगीता ऑफीस से एक साथ वापस आए और जैसे संगीता ने नेहा से सुबह कहा था ठीक उसी प्रकार नेहा और संगीता थोड़ी देर के लिए पिंकी के यहाँ रुके। शरद भी तब तक स्कूल से रिटर्न हो गया था। तीनो आपस में कुछ कुछ बातें कर रहे थे तभी बीच में संगीता ने कहा:
संगीता चलो आज थोड़ा शरद सर से मिलते है, मुझे आज उनसे थोड़ा ज़रूरी काम है।
पिंकी कोई खास बात है क्या
संगीत नही बस ऐसे हेई।
पिंकी चलो मै भी तुम लोगो के साथ चलती हूँ।
आब तीन मिलकर शरद के कमरे की तरफ बढ़ते है और शरद के कमरे का दरवाजा को खत खटाते है, शरद दरवाजा खोलता है तीनो को अपने कमरे के सामने देखकर थोड़ा सोच में पड़ जाता है।
शरद वॉट आ सर्प्राइज़! आप तीनो को एक साथ इश्स ग़रीब के यहाँ कभी सोचा ना था, वेलकम वेलकम


तीनो कोई शरद के कमरे के अंदर आकर बैठती है। शरद का कमरा एक बॅचलर के कर्मरों की तरह थोड़ा अस्तव्यस्त था। पिंकी और शरद भले ही एक ही मकान में किराए से रहते हैं पर पिंकी आज पहली बार शरद के कमरे में आई थी। शरद के पास केवल एक 12x12 का कमरा और उसे अटॅच रसोई टाय्लेट और बाथरूम था। नेहा और पिंकी शरद के कमरो की इधर उधर निहारने लगे तभी संगीता शरद से बोली:
संगीता अपने ने अपने क्वॉर्टर को अच्र्छी तरह से मैटेन कर के रखा है
शरद थॅंक्स, आप लोग पहली बार मेरे यहाँ आए है, क्या आप लोग चाय लेंगे?”
यह कहकर वह रसोई की ओर चल दिया।संगीता और पिंकी ने माना किया फिर भी शरद रसोई में चाय बनाना लगा। नेहा तभी वहाँ से उठी और शरद को हेल्प करने की लिए रसोई में चली गयी। नेहा और शरद ने मिलकर चाय बनाया फिर चारो कोई चाय की चुस्की ले रहे थे। इतने मे संगीता बोली;
संगीता शरद सर आप टुयशन पढ़ते है
शरद कौन पढ़ेगा।?”
संगीता कोई है जो आपसे इंग्लीश की कोचैंग करना चाहती है
शरद ठीक है आप उसे मेरे पास भेज देना।
संगीता क्या आप पढ़ानें के लिए उसके घर जएँगे?”
शरद लेकिन पहले ये तो बताओ की वह कौन है उसका नाम क्या है
संगीता नेहा है उसका नाम………”
नेहा बीच में अचानक मैंनेकब कहा…”
संगीता उसे रोकती हुई “……।नेहा कहती है उसकी इंग्लीश थोड़ी कमजोर है और वह आपसे टुयशन करना चाहती है


शरद ठीक है मैं शाम को रोज आने का कोशिश करूँगा
शरद के मुंह से हाँ सुनकर खुश हो गयी, इसके बाद तीनो अपने अपने घरो में वापस आ गये। घर आकर संगीता नेहा को बोली :
संगीता अब शरद रोज तुमको पढ़ने यहाँ आएगा और इसी समय तुम शरद के सामने अपनी चाहत का इज़हार करना, लेकिन याद रहे इसके लिए जल्दबाज़ी मत करना धीरे धीरे शरद को तुम्हार अंदर के ज़ज्बात दिखाने लगेंगे और वह तुम्हारी तरफ आकर्षित होने लगेगा।
नेहा ठीक है, मैं समझ गयी मुझे क्या करना है…”
शरद आज पहली बार नेहा और संगीता के मकान में आ रहा है, इसलिए नेहा ने अपने कमरे को आपने प्रीतम के लिया सजाया, उसने कोशिश की उसका कमरा शरद को पसंद आए, इसके लिए उसने अपने कमरे को खुश्बुदार पर्फ्यूम से स्प्रे किया और वह भी नहा कर फ्रेश हो गयी, सज धज कर, श्रृंगार कर तैयार हो गयी। शरद नेहा और संगीता के मकान के पहुचने पर दरवाजा खटखटाया, नेहा ने दौड़ के आके दरवाजा खोला। जैसे ही नेहा ने दरवाजा खोलो शरद की नज़र सीधे उस पर पढ़ी, आज नेहा शरद को बिल्कुल अलग दिख रही थी। संगीता भी घर के अंदर थी लेकिन वह शरद के आने तुरंत बाद ही किसी काम का बहाना बनाकर उन दोनो को छोड़कर चली गयी। अब शरद और नेहा बस दोनो ही थे। नेहा शरद को अपने कमरे में लेकर आए और स्टडी टेबल के सामने दोनो बैठ गये। शरद तो नहको पढ़ने आया था लेकिन बार बार उसकी नज़रे नेहा पर जा कर टिक जाती थी, जब नेहा उसको देखती शरद अपनी आँखूं को नीची कर लेता था, यहा क्रम पूरे पढ़ाई के दौरान चलता रहा। अंत में शरद ने खीजकर कहा:
शरद पता नही आज किया मै अपने आप को कॉन्सन्ट्रेट नही कर पा रहा हूँ, आज पढ़ाई छोड़ देता है कल पढ़ेंगे,”
नेहा ठीक है कल पढ़ेंगे, पर संगीता के वापस आने तक आप थोड़ा रुक जाइए, मै आपको अच्र्छी सी चाय बना कर पिलाती हूँ

शरद ओके! चलेगा
नेहा रसोई में चली गयी, नेहा की शरीर से आती हुई भीनी भीनी टॅल्क की खुश्बु ने शरद को भी उसके पीछे- पीछे रसोई में आने को मजबूर कर दिया। अब शरद भी रसोई में ही नेहा के बगल में खड़ा है।
शरद नेहा अगर तुम बुरा ना मानो तो एक बात बोलू…”
नेहा एक नही कई बात बोल सकती मैं बुरा नही मानूँगी
शरद आज तक तुम्हे मैंने कई बार देखा है पर तुम आज बिल्कुल अलग लग रही हो, शायद ब्यूटिफुल कहना सही होगा
नेहा अपनी तारीफ सुनकर अंदर ही अंदर बहुत सुकुन महसूस कर रही थी और अपनी इस ख़ुशी का इज़हार नही किया।
नेहा नही मै तो रोज ही ऐसे रहती हूँ शायद तुमने कभी गौर नही किया होगा
शरद हो सकता होगा
इतने में संगीता बाहर से घूमकर वापस आ गयी, तीनो मिलकर चाय पीये और थोड़ी देर बाद शरद चला गया। शरद के जाने के बाद नेहा खुशी के मारे झूम कर बोली:
नेहा संगीता आज तो मज़ा आ गया, शरद की नज़ारे मुझसे हट ही नही थी, वह तो मुझे पढ़ा भी नही सका, ऐसा लगा की उसका मान मुझे पर आने लगा है
संगीता वेरी गुड, मैं जैसा बोलूँगी वैसा ही करना, देखा एक दिन शरद ही तुमको प्रपोज़ करेगा। मै तुम्हे और शरद को एक साथ छोड़ के बाहर में अपने जीतू से मोबाइल पर बात करते रहूंगी ऐसे में तेरा काम भी हो जाएगा और मेरा भी। अगर तुम दोनो को बोर लगे बाहर गार्डन में भी चले जाना। 
 
 


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