Sunday, March 23, 2014

FUN-MAZA-MASTI एक चुदक्कड परिवार -1

FUN-MAZA-MASTI


एक चुदक्कड परिवार -1

प्रेषक : गुमनाम
हेल्लो दोस्तो, ये कहानी एक परिवार की मस्त कहानी है। उम्मीद है आप पसंद करेंगे।  
मोहसीन आज 17 साल का हो गया था और वो अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन की पार्टी करने जा रहा था. उसके कुछ दोस्त तो अपनी गर्लफ्रेंड को भी पार्टी पर ला रहे थे. जब वो तैयार हो रहा था
तो उसकी ज़ैनब दीदी भी पार्टी में जाने की ज़िद करने लगी. ज़ैनब अपने भाई से 3साल बड़ी थी. मोहसीन जानता था की उसके दोस्त उसकी दीदी को पटाखा कह कर मज़े लेते हैं. ज़ैनब थी ही इतनी सेक्सी. 5फीट 3 इंच का कद, गोरी जैसे कोई अँग्रेज़ लड़की हो, भूरी आँखें, गोल चेहरा, भरा हुआ जिस्म, गठीली जांगे, मस्त चूची, सपाट पेट, नुकीले निप्पल, मस्त होंठ और सब से ज्यादा उसके मस्त कूल्हे।
मोहसीन जब अपनी दीदी को चलते देखता तो उसका दिल बेईमान होने लगता. ज़ैनब के मटकते कूल्हे उसके दिल पर वार करते और वो सिसकी लेकर रह जाता. ज़ैनब घर में तो स्कर्ट पहन  कर घूमती और बाहर जीन्स पहनती जिस के ऊपर वो टाइट से टाइट बिना कॉलर वाली टी-शर्ट   पहनती थी. जब उसकी चुचि ऊपर नीचे होती तो उसका भाई मोहसीन तो एक तरफ उसका अब्बू (पापा) भी बस देखता ही रह जाता. अब्बू की उम्र 50 के करीब थी लेकिन उसका लंड बैठने का नाम ना लेता और वो अफ़सोस करने लगता की ज़ैनब जैसी मस्त लड़की को चोदना किसी गैर मर्द की किस्मत में है. “काश मैं अपनी बेटी को चोद सकता” एक बाप अपनी ही बेटी की चूत में लंड डालने के लिए तरस जाता तो मोहसीन तो उसका भाई था. मोहसीन 6 फुट का मर्द था और उसका 8 इंच का लंड अभी कुँवारा था जो बस अपने ही घर की औरतों को देख मन माँर कर रह जाता था।

ज़ैनब बिल्कुल अपनी माँ की तरह दिखती है” अब्बू अपने आप से कहता था. ज़ैनब की अम्मी 43 साल की मस्त चुदकर औरत है. रिश्ते में अब्बू के चाचा की लड़की थी और निकाह से पहले अब्बू को भाईजान कह कर पुकारती रही थी. अब्बू जानता था की उसके चाचा की लड़की बहुत चालू है और उसके कई दोस्त उसको चोद भी चुके थे, लेकिन उसने अपने चाचा की लड़की से निकाह कर लिया. इसका कारण नंबर एक, अम्मी एक बहुत गर्म सेक्स बम थी. दूसरा कारण अपने घर का इतना बढ़िया माल किसी और को चोदने के लिए देना पाप था. आख़िर चाचा की लड़की पर सब से पहला हक अब्बू का था. तीसरा कारण, उसका चाचा बहुत अमिर था और आयेश (अम्मी) एकलोती लड़की थी. आज भी आयेश एक से संतुष्ट नही होने वाली सेक्सी औरत थी जिसको हर वक्त लंड चाहिए है. अब्बू और आयेश खुले विचारों वाले हैं और उनमें कोई पर्दा नहीं है.
खैर जब ज़ैनब ने पार्टी पर जाने की ज़िद की तो मोहसीन उसको ना नहीं कह सका. लेकिन उसको यह डर ज़रूर था की दीदी के सामने शराब नहीं पी सकेंगे उसके दोस्त. दीदी, आप पार्टी में क्या करेंगी?  मेरे दोस्त मौज करना चाहते हैं और वो आपके सामने शरमा जाएँगे… आप मुझे अकेले जाने दो ना…” मोहसीन ने आख़िरी तीर मारते हुए कहा. ज़ैनब ने शीशे में देखते हुए कहा, ‘मेरे भाई, मैं तुम लोगों को खा नहीं जाऊँगी… तुम जो चाहे करना… मुझे कोई एतराज़ नहीं है… क्या तुम बियर पीना चाहते हो?  तो पी लेना… कहीं लड़कियाँ तो नहीं बुला रखी?  मैं जानती हूँ तुम जवान हो चुके हो… मज़े करना… आज अपनी दीदी के सामने ही मज़े लूट लेना..” कहते हुए ज़ैनब ने मोहसीन के गले में बाहें डाल दी और उसकी आँखों में देखने लगी. ज़ैनब का उन्नत सीना मोहसीन की छाती से टकराने लगा और मोहसीन की पेन्ट में तंबू बन गया. एक मादक सुगंध भाई के नाक में समा गयी. उसका मन था की अपनी दीदी के कूल्हे कस कर थाम ले लेकिन समाज और दुनिया के रिश्तों को याद करके रुक गया. लेकिन मोहसीन का लंड मान नहीं रहा था. उसने अपने लंड को पकड़ कर मसल दिया ताकी वो बैठ जाए लेकिन लंड था की मान ना रहा था. ” भाई अभी से इतना उत्तेज़ित होने की ज़रूरत नहीं है, पार्टी में अभी वक्त है और मैं तेरी गर्लफ्रेंड नहीं बहन हूँ… मोहसीन सकपका गया और जल्दी से अपनी दीदी से अलग हो गया. लेकिन एक ही पल में उसके शैतान दिमाग़ ने अपनी दीदी को नग्न रूप मे कल्पना में देख लिया।
शाम को 6 बजे ज़ैनब ने अपने नौकर रामू के कमरे का दरवाजा खटखटाया. रामू छोटी जात का एक बेहद काला युवक था. वो ड्राइवर का काम भी करता था. वो एक कमरे में रहता था और माला, नौकरानी भी उसके साथ वाले कमरे में रहती थी. रामू कोई 30साल का हट्टा खट्टा मर्द था और माला कोई 26साल की गोरी चिट्टी औरत थी. रामू देखने में बहुत सेक्सी था. ज़ैनब की आदत थी की जब किसी के घर जाती तो पहले ताक झाक करने की कोशिश करती. आज भी उसने पहले दरवाज़े के छेद से झाका. अंदर रामू सोफे पर लेटा था और माला पूरी नंगी होकर उसका लंड चूस रही थी और रामू उसके चेहरे पर हल्की हल्की छपत लगा रहा था.” ओह…वाहह….यार क्या लंड चूसती हो तुम…..कहा से ट्रैनिंग ली थी लंड चूसने की….आआहह साली….बस कर ,…मैं झर जाउंगा….रुक जा रानी…आज रात बहुत मज़े लूटने हैं हमको….उनके साथ….” तभी ज़ैनब ने खट खटाया. रामू झट से उठ गया और माला हडबड़ा उठी. अभी कौन आ गया बहनचोद!!!” वो बोला और पजामा पहनने लग गया।
माला ने भी झट से एक कुर्ता पहन लिया. दरवाज़ा खोला तो ज़ैनब को पाया. रामू की वासना भरी नज़र अपने मालिक की बेटी के सीने पर गयी.” ओह भगवान…..काश ज़ैनब जैसा माल चोदने को मिल जाए!!! एसी मख्खन जैसी चूत का भुर्ता बना दूँ !!!” उसके मन से यह प्रार्थना निकली.” छोटी मालकिन…आप?  क्या बात है?”  ज़ैनब ने एक नज़र रामू के लंड पर डाली और बोली,’ मैने और मोहसीन ने पार्टी पर जाना है… तुम हमको वहा छोड़ दो… वापिस हमको मोहसीन का कोई दोस्त छोड़ देगा… क्या तुम कुछ कर रहे थे?” रामू बोला,’ हां..नहीं..कुछ नहीं कर रहा था….मैं छोड़ आता हूँ..”  ज़ैनब ने माला को देखा तो हंस कर बोली,’ कोई बात नहीं…अगर कोई काम कर रहे थे तो पहले वो ख़त्म कर लो.. कहते हुए ज़ैनब हँसती हुई चली गयी।
थोड़ी देर में रामू तैयार होकर ज़ैनब के रूम में पहुँच गया. मोहसीन और ज़ैनब तैयार थे. ज़ैनब ने ब्लॅक टाइट जीन्स और रेड शर्ट पहनी हुई थी जो की उसके भारी उभार ढकने में नाकामयाब थी. मोहसीन की ललचाती हुई नज़र बार बार अपनी दीदी के सीने पर चली जाती. दोनो भाई बहन कार की पिछली सीट पर बैठ गये और रामू कार ड्राइव करने लगा. “मोहसीन साहिब, जन्मदिन मुबारक हो!!” रामू ने बधाई दी. शुक्रिया रामू..” मोहसीन ने जवाब दिया. 15 मिनिट में वो रेस्टोरेंट पहुँच गये. मोहसीन के दोस्त वहा मौजूद थे।

विक्की और रोहित अपनी गर्लफ्रेंड के साथ थे जब की अफ़ज़ल अपनी अम्मी के साथ था. थोड़ी देर बातें करने के बाद अफ़ज़ल की अम्मी बोली,’ मोहसीन यार कुछ पीने को हो जाए.. ये पार्टी है, कुछ बियर ही हो जाए… विक्की और रोहित की गर्लफ्रेंड आज सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड बन जाएँ… यारी दोस्ती में ये सब तो चलता ही है… ज़ैनब, तुम भी जवान हो, इन लोगों के साथ मिलकर मस्ती करो डांस करो.. खाओ पीयो!!!” ज़ैनब ने कुछ नहीं कहा. बस मुस्कुरा पड़ी. मोहसीन के दोस्तों की नज़र ज़ैनब के चेहरे से हट नहीं रही थी. बियर का दौर चला और सभी तोड़ा सा बहकने लगे।
विक्की की गर्लफ्रेंड कविता ने मोहसीन का हाथ पकड़ा और डांस करने लगी. मोहसीन डांस तो कविता के साथ कर रहा था लेकिन उसके दिलो दिमाग़ पर तो ज़ैनब दीदी छाई हुई थी. नशे में उसको कविता भी उसकी दीदी लग रही थी. तभी अफ़ज़ल ने ज़ैनब की कमर में हाथ डाल कर डांस करने की इच्छा ज़ाहिर की तो ज़ैनब खुशी से डांस करने लगी. बेशक अफ़ज़ल भी ज़ैनब को दीदी कहता था लेकिन जब अफ़ज़ल का लंड खड़ा होकर ज़ैनब के पेट पर चुभने लगा तो ज़ैनब शरारत से मुस्कुरा पड़ी.” ये सब बेशक मुझे दीदी कहते हैं लेकिन दिल से सभी मेरे आशिक हैं और मौका मिलते ही चोद डालेंगे मुझे!!! इनका बस चले तो अफ़ज़ल की अम्मी को भी चोद डालें. और चोदे क्यों ना? अम्मी भी बहुत सेक्सी दिखती है!!!” ज़ैनब सोच रही थी।
तभी मोहसीन का सेल बज उठा. फोन पर उसकी अम्मी आयेश थी और पूछ रही थी की कब वापिस आओगे. मोहसीन बोला की रात के 12 बजे लौटेंगे. वापिस जब मोहसीन अपनी सीट पर बैठा तो बियर पीने लगा. उसने देखा की विक्की उसकी दीदी को भी बियर पीला रहा था और विक्की की बाहें ज़ैनब की कमर पर थी. अफ़ज़ल की अम्मी मोहसीन को गौर से देख रही थी और फिर अम्मी ने उसके चेहरे पर हाथ फेरते हुए कहा,’ मोहसीन बेटा, ज़ैनब तो बहुत जवान हो गयी है… ज़रा उसके कूल्हे तो देखो… मैं शर्त से कह सकती हूँ की यहाँ हर मर्द उसके साथ लिपटने को तरस रहा होगा..” कहते हुए अम्मी का एक हाथ मोहसीन की जांग पर रेंगने लगा और अम्मी की उंगलियाँ उसके लंड को स्पर्श करने लगी. मोहसीन की नज़र अम्मी के सीने पर गयी तो उसकी पहाड़ जैसी चुचि को देख कर मस्ती से झूम उठा. अम्मी आप मेरे साथ डांस करोगी?” वो शरारत से मुस्कुराइ और मोहसीन से बोली,” क्यों मादरचोद अब अम्मी के साथ डांस करोगे क्योंकी तेरी दीदी तेरे दोस्तों के साथ डांस कर रही है?”
अम्मी मादरचोद तो अभी बना नहीं हूँ… जब मुझे यह खिताब दे दोगी तो मादरचोद का नाम भी दे देना… अभी तो मैं अम्मी के साथ डांस ही करना चाहता हूँ… सच कहता हूँ आप हैं बहुत सेक्सी… अगर अफ़ज़ल मेरा दोस्त ना होता तो मैं ना जाने क्या कर देता… आप जैसा जिस्म तो जवान लड़की का भी नहीं है… उफफफफ्फ़ अम्मी आपका जिस्म!!” मोहसीन ने अम्मी के साथ फ्लर्ट करते हुए कहा और उसको बाहों में भर के डांस करने ले गया. मोहसीन डांस करते हुए अम्मी को अंधेरे की तरफ ले गया जहा उनको कोई देख नहीं सकता था. उसने अम्मी को ज़ोर जकड़ रखा था और वो अपना लंड अम्मी की चूत पर रग़ड रहा था. अपने बेटे जैसे लड़के के साथ ऐसे लिपट कर उसके लंड को महसूस करके अम्मी की चूत भीग गयी. ” ओह बेटे….अफ़ज़ल दोपहर को 2 से 5 बजे तक कोचिंग के लिए जाता है और उसके अब्बू दुकान पर होते हैं… घर पर कोई नहीं होता… अगर मेरे पास आओगे तो बता दूँगी की अफ़ज़ल की अम्मी क्या चीज़ है… तुझे बता दूँगी की औरत क्या होती है…. कभी चोदा है किसी को? मादरचोद तेरा तो बहुत बड़ा है!!!” उसने अचानक मोहसीन के लंड पर हाथ रख दिया जो की दहक रहा था. ” ज़रूर आउंगा  अम्मी जान… ऐसा इन्विटेशन कब मिलता है मुझ जैसे को?” मोहसीन ने अम्मी की चुचि को दबा दिया।

उधर विक्की ज़ैनब से इश्क लड़ा रहा था. उसने ज़ैनब के गले में बाहें डाल कर डांस करते हुए उसके कान में कहा,” दीदी आपके साथ डांस करके बहुत मज़ा आया… आप तो मेरी गर्लफ्रेंड से भी अधिक सेक्सी हैं… मेरी इच्छा है की मैं आपको और अपनी गर्लफ्रेंड दोनो को एक साथ बिस्तर में ले जाऊं… एक तरफ गर्लफ्रेंड और दूसरी तरफ दीदी, काश एसा हो सकता” तभी रेस्टोरेंट का मेनेजर आया और कहने लगा,’ सॉरी डिस्टर्ब किया… हिंदू-मुस्लिम लोगो में दंगा हो गया हे सिटी में कफ्यू लग गया हे… जिस कारण से रेस्टोरेंट बंद करना पड़ रहा हे… में आप सब से माफ़ी मांगता हूँ… सॉरी”
सभी का नशा उतर गया. अफ़ज़ल ने मोहसीन और ज़ैनब को घर छोड़ने की ऑफर की. मोहसीन के सभी दोस्त उसी वक्त घर को निकल पड़े. अफ़ज़ल की अम्मी और ज़ैनब नशे में थे. रेस्टोरेंट से बाहर आते ही बारिश शुरू हो गयी. अफ़ज़ल ने ज़ैनब के कमर पर बाहें डालते हुए कहा,’ दीदी चलो दौड़ कर हम कार ले आते हैं… अम्मी और मोहसीन यहीं वेट करते हैं. मैं नहीं चाहता की अम्मी भीग जाए”
ज़ैनब शरारत से हंस कर बोली,” बहनचोद अपनी अम्मी को भीगोना नहीं चाहता लेकिन दीदी को भीगोना चाहता है… ओह अफ़ज़ल भाईजान, ये बारिश बहुत मस्त लग रही है… कितना मज़ा आ रहा था… हिंदू मुसलमानो को भी अभी लड़ना था… ये ज़िंदगी प्यार के लिए ही इतनी छोटी है और ये उसको लड़ कर बर्बाद कर रहे हैं..”

जब अफ़ज़ल कार चला रहा था तो ज़ैनब उसके साथ बैठी थी और मोहसीन और अम्मी पीछे वाली सीट पर थे. अम्मी भी बहुत उत्तेज़ित हो चुकी थी और उसका हाथ रह रह कर मोहसीन के लंड को सहला देता. मोहसीन की बार बार सिसकारी निकल जाती. अगर अफ़ज़ल या दीदी कार में ना होते तो मोहसीन अपने यार की अम्मी ज़रूर चोद लेता. तभी अफ़ज़ल ने कार रोक दी. मोहसीन का घर आ चुका था. अच्छा दीदी, गुड नाइट” कहते ही अफ़ज़ल ने सब के सामने ज़ैनब को होंठों पर किस कर लिया और उसी वक्त अम्मी ने मोहसीन को होंठों पर किस कर लिया. बारिश बहुत तेज़ हो चुकी थी. “लगता है कोई तूफान आने वाला है” ज़ैनब ने बारिश में भीगते हुए कहा.” “मुझे तो लगता है तूफान आ चुका है” मोहसीन ने सोचा. “मोहसीन हम पिछले दरवाजा से अंदर जाते हैं. हमको अम्मी और अब्बू की नींद खराब नहीं करनी चाहिए” मोहसीन ने हां में सिर हिला दिया.

आगे कि कहानी अगले भाग में  . . . .














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