FUN-MAZA-MASTI
मेरी कहानी
दोस्तों आज मैं आपको मेरी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो की एक सच्ची कहानी है | मैंने अपनी गांड में लंड बहुत छोटी उम्र में ही लगवा लिया था | मैं उस समय स्कूल में पढता था और मेरी उम्र उस समय १०-१२ साल की थी और मैं उस समय ४ क्लास में पढता था | मेरी ही क्लास में एक जीतेन्द्र नाम का लड़का भी पढता था| उसकी उम्र उस समय १५-१६ के आस पास थी| वो स्कूल की बाई का लड़का था और कच्ची बस्ती में रहता था | उस वक़्त मेरी लुल्ली खड़ी होने लग गयी थी और जीतेन्द्र मेरा दोस्त था तो मैं उस से इस बारे में बात कर लिया करता था | उस वक़्त मेरे को यह पता नहीं था की गांड कैसे मारी जाती है या कैसे मरवाई जाती है| जीतेन्द्र ने ही मुझे बताया था की चुदाई मैं बहुत मजा आता है वो शायद उस उम्र में चुदाई का अनुभव ले चुका था | तो एक दिन मैंने भी उस से पूछा की गांड कैसे मारी जाती है तो उसने मुझे कहा की कल अपनी छुट्टी है कल घर आजा मैं तुझे सब बता दूंगा और कल माँ की छुट्टी नहीं है तो वो तो स्कूल में ही रहेगी घर पर सिर्फ हम दोनों रहेगे तो बहुत मजा करेंगे| मैं भी मान गया क्यूंकि मैं बहुत खुश था की मैं भी सीखूंगा की चुदाई कैसे की जाती है| दुसरे दिन मैं उसके घर गया, वहां वो अकेला था| हम दोनों सेक्स की बातें करने लग गए, फिर मैंने उसे पूछा की तू मुझे बताने वाला था चुदाई के बारे मैं तो उसने कहा हाँ ठीक है मैं तुझे बताऊंगा की गांड कैसे मारी जाती है, मैंने कहा की ठीक है| हम सेक्स की बातें कर रहे थे इसलिए मेरी लुल्ली खड़ी हो गयी थी| उसने मुझसे कहा की तू नेकर उतार दे| मैंने नेकर उतार दिया क्यूंकि हम पहले भी एक दुसरे को अपनी लुल्लियाँ दिखा चुके थे| अब वो मेरी लुल्ली से खेलने लगा मुझे अच्छा लगने लगा , मैंने भी उसकी लुल्ली से खेलना शुरू कर दिया | वो मुझसे बड़ा था इसलिए उसकी लुल्ली मुझसे बड़ी थी तो मुझे उसकी लुल्ली से खेलने मैं मजा आ रहा था | फिर उसने मुझसे कहा की चल मैं तुझे सिखाता हूँ की गांड कैसे मारते है, मैंने हाँ कह दिया तो उसने मुझे कहा की मैं तेरी गांड मारूंगा तो तुझे मजा भी आयेगा और तू अच्छी तरह से सीख जायेगा| मैंने हाँ कह दी, मुझे उसके इरादों की भनक भी न लग पायी| फिर वो तेल की बोटल ले आया मैंने उस से पूछा की यह क्यूँ तो उसने कहा की यह गांड मारते वक़्त काम आएगी, मुझे कुछ पता नहीं था तो मैं कुछ नहीं बोला| अब वो अपनी लुल्ली पे तेल लगाने लगा तो मैंने उसे कहा की मेरी लुल्ली पर भी तेल लगा तो उसने कहा की रुक जा अभी मैं लगा लू फिर तेरी गांड पर लगाऊंगा लुल्ली पर नहीं तो मैंने कहा की तू लुल्ली पर लगा रहा है तो मैं भी लुल्ली पर लगवाऊंगा तो उसने मुझे डांट दिया की तुझे चुदाई सीखना है या नहीं, मैं चुप हो गया अब उसने मुझे बिस्तर पर उल्टा लेट जाने को कहा मैंने वैसा ही किया, अब उसने मेरी गांड के छेद पर तेल लगाना शुरू कर दिया मुझे गुदगुदी होने लगी मैंने कहा यार इसमें तो बहुत मजा आ रहा है अब मैं सीख गया गांड कैसे मारते है तो उसने कहा नहीं अभी कहा मारी है अभी तो बस शुरुआत है| फिर उसने तेल लगाने के बाद अपनी लुल्ली मेरी गांड के छेद पर लगा दी| मुझे और गुदगुदी होने लगी मैं खुश हो गया, मुझे नहीं पता था की अब कुछ देर बाद मेरी गांड फटने वाली है| फिर उसने जोर लगाया और अपनी लुल्ली मेरी गांड में डालने लगा मेरी गांड में बहुत तेज दर्द हुआ उसकी लुल्ली का टोपा मेरी गांड मैं घुस चुका था| मैं जोर जोर से रोने लगा चिल्लाने लगा तो वो डर गया और अपनी लुल्ली मेरी गांड से निकाल ली, और मुझे मनाने लगा मैं नहीं माना और घर आ गया| तो इस तरह में अपनी गांड में लंड लगवा के आ गया और आधी अधूरी गांड मरवा के आ गया| अब मेरी गांड को लंड लग चुका था अब वो लंड मांगने लगी थी| अब मैं अपनी गांड की खुजली से परेशान रहने लगा था| एक तरफ तो मुझे गांड मरवाने की इच्छा होती थी और दूसरी तरफ गांड फटती थी दर्द का सोच कर| खैर इसी तरह दिन निकलते गए और मैं १० क्लास में आ गया मैं अब १५ साल का हो चुका था और मेरी गांड की खुजली अपने चरम तक पहुँच चुकी थी | अब तक में सेक्स के बारे में काफी कुछ जान चुका था | तो मैंने निश्चय कर लिया की अब मैं एक बार और गांड मरवाने की कोशिश जरुर करूँगा | मेरे पड़ोस में एक अंकल औंटी रहते थे उनका एक लड़का था उसका नाम रवि था और वो करीब ३५-३६ साल का था | वो एक गुंडे किस्म का आदमी था मुझे उसके बारे मैं पता लग गया था | मुझे यह भी पता लग गया था की यह लड़को की गांड भी मारता है | तो मैंने decide कर लिया की मैं अब इसी से गांड मरवाऊंगा | और मैं उस से गांड मरवाने की प्लानिंग करने लगा | सर्दियों के दिन थे, मैं छत पर पतंग उड़ाया करता था| वो सर्दियों में सुबह छत पर आकर बदन की तेल मालिश किया करता था और फिर नहाने चला जाता था| हमारी छतों पर दरवाजे लगे हुए थे जिन्हें बंद किया जा सकता था | एक रविवार को मैं छत पर पतंग उड़ा रहा था और वो छत पर बैठ कर अपने बदन की तेल मालिश कर रहा था | अचानक मेरी पतंग कट गयी और मेरे पास दूसरी पतंग भी नहीं थी तो मैंने अपना सामान समेट लिया| उसने मुझे देखा और बोला कि क्या हुआ आज अभी से पतंग उड़ाना बंद कर दिया, तो मैंने कहा कि हाँ आज दूसरी पतंग नहीं है और जो पतंग थी वो कट गयी है| तो उसने कहा कि बेकार मांझा खरीदोगे तो पतंग तो कटेगी ही ना | मैंने कहा हाँ लेकिन आजकल अच्छा मांझा मिलता ही नहीं बाजार में, तो उसने कहा कि अपने लिए मांझा खुद बनाया करो| मैं दीवार फांद कर उसकी छत पर चला गया और उसके पास जाकर बैठ गया | हम दोनों ने छत के दरवाजे को बंद किया हुआ था इसलिए कोई और छत पर नहीं आ सकता था, और आस पास कि छत पर कोई नहीं आता था | तो मैं जाकर उसके पास बैठ गया और वो मुझे अच्छा मांझा कैसे बनाते है मुझे बताने लगा | उसके बाद मैंने उस से पूछा कि तुम यह तेल मालिश क्यूँ करते हो तो उसने मुझे बताया कि इस से बदन मजबूत होता है| और हम इसी तरह इधर उधर कि बातें कर रहे थे, तभी मैंने सोचा कि आज मौका अच्छा है try करता हूँ इस से गांड मरवाने कि | फिर हम बातें कर रहे थे तो मैंने उस से पूछा कि भैया यह गांड मारना क्या होता है ? तो वो हंसने लगा और बोला क्यूँ क्या हुआ? मैंने उसे बताया कि मेरे कुछ दोस्त मुझे गाली देते रहते है कि हम तेरी गांड मार देंगे, और मैं चुपचाप आ जाता हूँ मुझे तो पता ही नहीं है कि गांड मारना किसे कहते है? फिर हमारे बीच थोडी देर शांति रही फिर मैंने उस से कहा कि भैया बताओ ना कि गांड मारना क्या होता है? तो फिर उसने मुझे बताया कि गांड में लंड डालने को गांड मारना कहते है| मैंने फिर उस से पूछा कि यह गांड क्या होती है? तो उसने मेरी गांड पे हाथ रख कर बताया कि इसे गांड कहते है| मैंने उसे कहा कि इसे तो कुल्हे कहते है| तो उसने कहा हाँ इसे कुल्हे भी कहते है और गांड भी| फिर मैंने उसे पूछा कि भैया यह लंड क्या होता है ? तो उसने मुझसे पूछा तुझे नहीं पता कि लंड क्या होता है ? मैंने ना में सर हिलाया तो उसने कहा देखेगा लंड क्या होता है? मैंने कहा हाँ देखूंगा तो उसने कहा कि यह बात किसी को मत बताना अपने बीच में ही रखना मैंने कहा ठीक है यह बात अपन दोनों के बीच ही रहेगी उसने कहा ठीक है अब मैंने तुझे अपना लंड दिखाता हूँ कि लंड कैसा होता है? मैंने कहा हाँ भैया दिखाओ फिर उसने अपने अंडरवियर को साइड में किया और अपना लंड बाहर निकाल लिया| उसका लंड काफी लम्बा था करीब ७ इंच लम्बा लेकिन ज्यादा मोटा नहीं था| उसका लंड पूरी तरह खडा था और उससे थोडा थोडा pre-cum भी निकल रहा था| मैंने उसे कहा कि भैया इसे तो लुल्ली कहते है तो उसने मुझे कहा कि नहीं इसे लंड कहते है, लुल्ली तो बचपन मैं कहते है क्यूंकि तब यह छोटा होता है फिर मैंने कहा भैया आपका लंड तो बहुत अच्छा है और बहुत लम्बा भी है मेरा तो इतना लम्बा नहीं है तो उसने कहा कि तुम बड़े हो जाओगे तो लंड भी बड़ा हो जायेगा फिर मैंने उसे कहा कि भैया क्या मैं आपके लंड को हाथ लगा लूँ? तो उन्होंने कहा कि लगा ले लेकिन इधर दीवार कि ओट में आजा ताकि किसी को दिखेगा नहीं| फिर हम दोनों दीवार कि ओट में हो गए और मैं उसके लंड से खेलने लगा| मुझे उसके लंड से खेलने में बहुत मजा आ रहा था| मैंने उस से पूछा कि भैया यह लंड तो इतना बड़ा होता है फिर यह गांड मैं कैसे घुस जाता है? तो उन्होंने कहा कि घुस जाता है| मैंने कहा कि नहीं आप झूठ बोल रहे हो यह गांड में घुस ही नहीं सकता| तो उन्होंने कहा कि ठीक है मैं इसे तेरी गांड मैं डाल कर दिखाता हूँ कि यह कैसे गांड में घुस जाता है मैंने कहा हाँ दिखाओ मैं भी देखना चाहता हूँ कि यह इतना बड़ा लंड गांड मैं कैसे घुस सकता है वो मुस्कुराने लगा और उसने मुझसे कहा कि यार तू मुझे direct बता देता कि तुझे गांड मरवानी है मैं मना थोडी करता तो मैंने कहा कि मुझे डर था कि कही आप गुस्सा ना हो जाओ इसलिए नहीं कहा फिर उसने मुझसे पूछा कि पहले कभी मरवाई है तुमने गांड? तो मैंने उसे मेरा और जीतेन्द्र का किस्सा सुना दिया तो वो बोला कि वो अनाड़ी था उसे गांड मारना नहीं आता था, अब तू देख मैं कैसे तेरी गांड मारता हूँ, तुझे मजा भी आएगा और दर्द भी नहीं होगा मैंने कहा हाँ ठीक है आप मेरी गांड मारो मैं भी अपनी गांड मरवाना चाहता हूँ फिर उसने कहा कि तुम पहले मेरा लंड चूसो और इसे तैयार करो| मैंने उसके तोलिये से उसका लंड पूछा और उसे चूसने लगा शुरू में मुझे थोडा अजीब सा लगा लेकिन बाद में मजा आने लगा| मैं जब उसका लंड चूस रहा था तो उसने मेरी नेकर उतार दी और मेरी गांड के छेद पर तेल लगा दिया और मेरी गांड के छेद की मालिश करने लगा | मैं उसका लंड चूस रहा था और वो मेरी गांड की मालिश कर रहा था| फिर उसने धीरे धीरे अपनी उंगली मेरी गांड में डालना शुरू कर दिया| वो एक्सपर्ट था उसने मेरी गांड में पूरी उंगली घुसा दी लेकिन मुझे बिलकुल भी दर्द नहीं हुआ| अब मैं उसका लंड चूस रहा था और वो उंगली से मेरी गांड मार रहा था थोडी देर बाद उसने मुझे रोका और अपनी कमर के बल लेट गया और मुझे कहा की तुम अब धीरे धीरे मेरे लंड पर बैठो और मेरा लंड धीरे धीरे अपनी गांड में लो लेकिन थोडा थोडा ही लेना जब दर्द हो तो रुक जाना और फिर जब दर्द कम हो जाये तो फिर से थोडा और लेना मैं समझ गया की वो क्या कहना चाह रहा है उसने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगाया और थोडा मेरी गांड पर भी और मुझे बैठने का इशारा किया मैंने अब उसके लंड को अपनी गांड के छेद पर एडजस्ट किया और धीरे धीरे बैठने लगा | लंड थोडा अन्दर घुसा तो मुझे दर्द हुआ और मैं वही रुक गया और वैसे ही बैठा रहा फिर थोडी देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और मैं फिर जोर लगाने लगा इस बाद उसका पूरा टोपा मेरी गांड में था और इस तरह रुक रुक कर मैंने उसका पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया फिर उसने मुझे थोडी देर ऐसे ही बैठे रहने को कहा मैंने वैसा ही किया फिर उसने मुझे बोला की ३-४ बार तुम उठो और लंड को बाहर निकालो लेकिन पूरा बाहर मत निकालना टोपा अन्दर ही रहने देना और फिर जब टोपे तक लंड बाहर आ जाये तो फिर बैठ जाना और पूरा लंड अपनी गांड में ले लेना मैंने ऐसे ही किया| अब मेरी गांड खुल चुकी थी| उसने अब मुझे उठा दिया और उसका पूरा लंड मेरी गांड से बाहर आ गया| मैंने उसे कहा की तुमने बाहर क्यों निकल लिया तो उसने कहा की यह तो बस मैं तुम्हारी गांड को एडजस्ट कर रहा था गांड तो मैं अब मारूंगा अब उसने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरी गांड में लुंड घुसा दिया और धक्के लगा लगा कर मेरी गांड चोदने लगा | उसके धक्के से मुझे दर्द भी होता और मजा भी आता | अब मैं उस से गांड मरवाने लगा मुझे भी मजा आ रहा था | कुछ देर ऐसे ही मेरी गांड मारने के बाद उसने मुझे घोडी बना दिया और मुझे घोडी बना कर चोदने लगा | मैं मस्त होकर अपनी गांड मरवा रहा था आज बहुत सालो बाद मेरी गांड की खुजली मिट रही थी| करीब १० मिनट चोदने के बाद उसने मेरी गांड में ही पानी छोड़ दिया | उसने मुझसे पूछा की कैसा लगा? मैंने कहा की बहुत मजा आया आज आपने मेरी गांड की खुजली मिटा दी| उस के बाद उसने मेरा लंड हिला कर मेरा भी पानी निकल दिया| फिर जब तब उन्होंने अपना घर नहीं बदल लिया तब तक मैंने रवि भैया से कई बार गांड मरवाई तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी यह कहानी? बताइयेगा जरुर
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मेरी कहानी
दोस्तों आज मैं आपको मेरी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो की एक सच्ची कहानी है | मैंने अपनी गांड में लंड बहुत छोटी उम्र में ही लगवा लिया था | मैं उस समय स्कूल में पढता था और मेरी उम्र उस समय १०-१२ साल की थी और मैं उस समय ४ क्लास में पढता था | मेरी ही क्लास में एक जीतेन्द्र नाम का लड़का भी पढता था| उसकी उम्र उस समय १५-१६ के आस पास थी| वो स्कूल की बाई का लड़का था और कच्ची बस्ती में रहता था | उस वक़्त मेरी लुल्ली खड़ी होने लग गयी थी और जीतेन्द्र मेरा दोस्त था तो मैं उस से इस बारे में बात कर लिया करता था | उस वक़्त मेरे को यह पता नहीं था की गांड कैसे मारी जाती है या कैसे मरवाई जाती है| जीतेन्द्र ने ही मुझे बताया था की चुदाई मैं बहुत मजा आता है वो शायद उस उम्र में चुदाई का अनुभव ले चुका था | तो एक दिन मैंने भी उस से पूछा की गांड कैसे मारी जाती है तो उसने मुझे कहा की कल अपनी छुट्टी है कल घर आजा मैं तुझे सब बता दूंगा और कल माँ की छुट्टी नहीं है तो वो तो स्कूल में ही रहेगी घर पर सिर्फ हम दोनों रहेगे तो बहुत मजा करेंगे| मैं भी मान गया क्यूंकि मैं बहुत खुश था की मैं भी सीखूंगा की चुदाई कैसे की जाती है| दुसरे दिन मैं उसके घर गया, वहां वो अकेला था| हम दोनों सेक्स की बातें करने लग गए, फिर मैंने उसे पूछा की तू मुझे बताने वाला था चुदाई के बारे मैं तो उसने कहा हाँ ठीक है मैं तुझे बताऊंगा की गांड कैसे मारी जाती है, मैंने कहा की ठीक है| हम सेक्स की बातें कर रहे थे इसलिए मेरी लुल्ली खड़ी हो गयी थी| उसने मुझसे कहा की तू नेकर उतार दे| मैंने नेकर उतार दिया क्यूंकि हम पहले भी एक दुसरे को अपनी लुल्लियाँ दिखा चुके थे| अब वो मेरी लुल्ली से खेलने लगा मुझे अच्छा लगने लगा , मैंने भी उसकी लुल्ली से खेलना शुरू कर दिया | वो मुझसे बड़ा था इसलिए उसकी लुल्ली मुझसे बड़ी थी तो मुझे उसकी लुल्ली से खेलने मैं मजा आ रहा था | फिर उसने मुझसे कहा की चल मैं तुझे सिखाता हूँ की गांड कैसे मारते है, मैंने हाँ कह दिया तो उसने मुझे कहा की मैं तेरी गांड मारूंगा तो तुझे मजा भी आयेगा और तू अच्छी तरह से सीख जायेगा| मैंने हाँ कह दी, मुझे उसके इरादों की भनक भी न लग पायी| फिर वो तेल की बोटल ले आया मैंने उस से पूछा की यह क्यूँ तो उसने कहा की यह गांड मारते वक़्त काम आएगी, मुझे कुछ पता नहीं था तो मैं कुछ नहीं बोला| अब वो अपनी लुल्ली पे तेल लगाने लगा तो मैंने उसे कहा की मेरी लुल्ली पर भी तेल लगा तो उसने कहा की रुक जा अभी मैं लगा लू फिर तेरी गांड पर लगाऊंगा लुल्ली पर नहीं तो मैंने कहा की तू लुल्ली पर लगा रहा है तो मैं भी लुल्ली पर लगवाऊंगा तो उसने मुझे डांट दिया की तुझे चुदाई सीखना है या नहीं, मैं चुप हो गया अब उसने मुझे बिस्तर पर उल्टा लेट जाने को कहा मैंने वैसा ही किया, अब उसने मेरी गांड के छेद पर तेल लगाना शुरू कर दिया मुझे गुदगुदी होने लगी मैंने कहा यार इसमें तो बहुत मजा आ रहा है अब मैं सीख गया गांड कैसे मारते है तो उसने कहा नहीं अभी कहा मारी है अभी तो बस शुरुआत है| फिर उसने तेल लगाने के बाद अपनी लुल्ली मेरी गांड के छेद पर लगा दी| मुझे और गुदगुदी होने लगी मैं खुश हो गया, मुझे नहीं पता था की अब कुछ देर बाद मेरी गांड फटने वाली है| फिर उसने जोर लगाया और अपनी लुल्ली मेरी गांड में डालने लगा मेरी गांड में बहुत तेज दर्द हुआ उसकी लुल्ली का टोपा मेरी गांड मैं घुस चुका था| मैं जोर जोर से रोने लगा चिल्लाने लगा तो वो डर गया और अपनी लुल्ली मेरी गांड से निकाल ली, और मुझे मनाने लगा मैं नहीं माना और घर आ गया| तो इस तरह में अपनी गांड में लंड लगवा के आ गया और आधी अधूरी गांड मरवा के आ गया| अब मेरी गांड को लंड लग चुका था अब वो लंड मांगने लगी थी| अब मैं अपनी गांड की खुजली से परेशान रहने लगा था| एक तरफ तो मुझे गांड मरवाने की इच्छा होती थी और दूसरी तरफ गांड फटती थी दर्द का सोच कर| खैर इसी तरह दिन निकलते गए और मैं १० क्लास में आ गया मैं अब १५ साल का हो चुका था और मेरी गांड की खुजली अपने चरम तक पहुँच चुकी थी | अब तक में सेक्स के बारे में काफी कुछ जान चुका था | तो मैंने निश्चय कर लिया की अब मैं एक बार और गांड मरवाने की कोशिश जरुर करूँगा | मेरे पड़ोस में एक अंकल औंटी रहते थे उनका एक लड़का था उसका नाम रवि था और वो करीब ३५-३६ साल का था | वो एक गुंडे किस्म का आदमी था मुझे उसके बारे मैं पता लग गया था | मुझे यह भी पता लग गया था की यह लड़को की गांड भी मारता है | तो मैंने decide कर लिया की मैं अब इसी से गांड मरवाऊंगा | और मैं उस से गांड मरवाने की प्लानिंग करने लगा | सर्दियों के दिन थे, मैं छत पर पतंग उड़ाया करता था| वो सर्दियों में सुबह छत पर आकर बदन की तेल मालिश किया करता था और फिर नहाने चला जाता था| हमारी छतों पर दरवाजे लगे हुए थे जिन्हें बंद किया जा सकता था | एक रविवार को मैं छत पर पतंग उड़ा रहा था और वो छत पर बैठ कर अपने बदन की तेल मालिश कर रहा था | अचानक मेरी पतंग कट गयी और मेरे पास दूसरी पतंग भी नहीं थी तो मैंने अपना सामान समेट लिया| उसने मुझे देखा और बोला कि क्या हुआ आज अभी से पतंग उड़ाना बंद कर दिया, तो मैंने कहा कि हाँ आज दूसरी पतंग नहीं है और जो पतंग थी वो कट गयी है| तो उसने कहा कि बेकार मांझा खरीदोगे तो पतंग तो कटेगी ही ना | मैंने कहा हाँ लेकिन आजकल अच्छा मांझा मिलता ही नहीं बाजार में, तो उसने कहा कि अपने लिए मांझा खुद बनाया करो| मैं दीवार फांद कर उसकी छत पर चला गया और उसके पास जाकर बैठ गया | हम दोनों ने छत के दरवाजे को बंद किया हुआ था इसलिए कोई और छत पर नहीं आ सकता था, और आस पास कि छत पर कोई नहीं आता था | तो मैं जाकर उसके पास बैठ गया और वो मुझे अच्छा मांझा कैसे बनाते है मुझे बताने लगा | उसके बाद मैंने उस से पूछा कि तुम यह तेल मालिश क्यूँ करते हो तो उसने मुझे बताया कि इस से बदन मजबूत होता है| और हम इसी तरह इधर उधर कि बातें कर रहे थे, तभी मैंने सोचा कि आज मौका अच्छा है try करता हूँ इस से गांड मरवाने कि | फिर हम बातें कर रहे थे तो मैंने उस से पूछा कि भैया यह गांड मारना क्या होता है ? तो वो हंसने लगा और बोला क्यूँ क्या हुआ? मैंने उसे बताया कि मेरे कुछ दोस्त मुझे गाली देते रहते है कि हम तेरी गांड मार देंगे, और मैं चुपचाप आ जाता हूँ मुझे तो पता ही नहीं है कि गांड मारना किसे कहते है? फिर हमारे बीच थोडी देर शांति रही फिर मैंने उस से कहा कि भैया बताओ ना कि गांड मारना क्या होता है? तो फिर उसने मुझे बताया कि गांड में लंड डालने को गांड मारना कहते है| मैंने फिर उस से पूछा कि यह गांड क्या होती है? तो उसने मेरी गांड पे हाथ रख कर बताया कि इसे गांड कहते है| मैंने उसे कहा कि इसे तो कुल्हे कहते है| तो उसने कहा हाँ इसे कुल्हे भी कहते है और गांड भी| फिर मैंने उसे पूछा कि भैया यह लंड क्या होता है ? तो उसने मुझसे पूछा तुझे नहीं पता कि लंड क्या होता है ? मैंने ना में सर हिलाया तो उसने कहा देखेगा लंड क्या होता है? मैंने कहा हाँ देखूंगा तो उसने कहा कि यह बात किसी को मत बताना अपने बीच में ही रखना मैंने कहा ठीक है यह बात अपन दोनों के बीच ही रहेगी उसने कहा ठीक है अब मैंने तुझे अपना लंड दिखाता हूँ कि लंड कैसा होता है? मैंने कहा हाँ भैया दिखाओ फिर उसने अपने अंडरवियर को साइड में किया और अपना लंड बाहर निकाल लिया| उसका लंड काफी लम्बा था करीब ७ इंच लम्बा लेकिन ज्यादा मोटा नहीं था| उसका लंड पूरी तरह खडा था और उससे थोडा थोडा pre-cum भी निकल रहा था| मैंने उसे कहा कि भैया इसे तो लुल्ली कहते है तो उसने मुझे कहा कि नहीं इसे लंड कहते है, लुल्ली तो बचपन मैं कहते है क्यूंकि तब यह छोटा होता है फिर मैंने कहा भैया आपका लंड तो बहुत अच्छा है और बहुत लम्बा भी है मेरा तो इतना लम्बा नहीं है तो उसने कहा कि तुम बड़े हो जाओगे तो लंड भी बड़ा हो जायेगा फिर मैंने उसे कहा कि भैया क्या मैं आपके लंड को हाथ लगा लूँ? तो उन्होंने कहा कि लगा ले लेकिन इधर दीवार कि ओट में आजा ताकि किसी को दिखेगा नहीं| फिर हम दोनों दीवार कि ओट में हो गए और मैं उसके लंड से खेलने लगा| मुझे उसके लंड से खेलने में बहुत मजा आ रहा था| मैंने उस से पूछा कि भैया यह लंड तो इतना बड़ा होता है फिर यह गांड मैं कैसे घुस जाता है? तो उन्होंने कहा कि घुस जाता है| मैंने कहा कि नहीं आप झूठ बोल रहे हो यह गांड में घुस ही नहीं सकता| तो उन्होंने कहा कि ठीक है मैं इसे तेरी गांड मैं डाल कर दिखाता हूँ कि यह कैसे गांड में घुस जाता है मैंने कहा हाँ दिखाओ मैं भी देखना चाहता हूँ कि यह इतना बड़ा लंड गांड मैं कैसे घुस सकता है वो मुस्कुराने लगा और उसने मुझसे कहा कि यार तू मुझे direct बता देता कि तुझे गांड मरवानी है मैं मना थोडी करता तो मैंने कहा कि मुझे डर था कि कही आप गुस्सा ना हो जाओ इसलिए नहीं कहा फिर उसने मुझसे पूछा कि पहले कभी मरवाई है तुमने गांड? तो मैंने उसे मेरा और जीतेन्द्र का किस्सा सुना दिया तो वो बोला कि वो अनाड़ी था उसे गांड मारना नहीं आता था, अब तू देख मैं कैसे तेरी गांड मारता हूँ, तुझे मजा भी आएगा और दर्द भी नहीं होगा मैंने कहा हाँ ठीक है आप मेरी गांड मारो मैं भी अपनी गांड मरवाना चाहता हूँ फिर उसने कहा कि तुम पहले मेरा लंड चूसो और इसे तैयार करो| मैंने उसके तोलिये से उसका लंड पूछा और उसे चूसने लगा शुरू में मुझे थोडा अजीब सा लगा लेकिन बाद में मजा आने लगा| मैं जब उसका लंड चूस रहा था तो उसने मेरी नेकर उतार दी और मेरी गांड के छेद पर तेल लगा दिया और मेरी गांड के छेद की मालिश करने लगा | मैं उसका लंड चूस रहा था और वो मेरी गांड की मालिश कर रहा था| फिर उसने धीरे धीरे अपनी उंगली मेरी गांड में डालना शुरू कर दिया| वो एक्सपर्ट था उसने मेरी गांड में पूरी उंगली घुसा दी लेकिन मुझे बिलकुल भी दर्द नहीं हुआ| अब मैं उसका लंड चूस रहा था और वो उंगली से मेरी गांड मार रहा था थोडी देर बाद उसने मुझे रोका और अपनी कमर के बल लेट गया और मुझे कहा की तुम अब धीरे धीरे मेरे लंड पर बैठो और मेरा लंड धीरे धीरे अपनी गांड में लो लेकिन थोडा थोडा ही लेना जब दर्द हो तो रुक जाना और फिर जब दर्द कम हो जाये तो फिर से थोडा और लेना मैं समझ गया की वो क्या कहना चाह रहा है उसने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगाया और थोडा मेरी गांड पर भी और मुझे बैठने का इशारा किया मैंने अब उसके लंड को अपनी गांड के छेद पर एडजस्ट किया और धीरे धीरे बैठने लगा | लंड थोडा अन्दर घुसा तो मुझे दर्द हुआ और मैं वही रुक गया और वैसे ही बैठा रहा फिर थोडी देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और मैं फिर जोर लगाने लगा इस बाद उसका पूरा टोपा मेरी गांड में था और इस तरह रुक रुक कर मैंने उसका पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया फिर उसने मुझे थोडी देर ऐसे ही बैठे रहने को कहा मैंने वैसा ही किया फिर उसने मुझे बोला की ३-४ बार तुम उठो और लंड को बाहर निकालो लेकिन पूरा बाहर मत निकालना टोपा अन्दर ही रहने देना और फिर जब टोपे तक लंड बाहर आ जाये तो फिर बैठ जाना और पूरा लंड अपनी गांड में ले लेना मैंने ऐसे ही किया| अब मेरी गांड खुल चुकी थी| उसने अब मुझे उठा दिया और उसका पूरा लंड मेरी गांड से बाहर आ गया| मैंने उसे कहा की तुमने बाहर क्यों निकल लिया तो उसने कहा की यह तो बस मैं तुम्हारी गांड को एडजस्ट कर रहा था गांड तो मैं अब मारूंगा अब उसने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरी गांड में लुंड घुसा दिया और धक्के लगा लगा कर मेरी गांड चोदने लगा | उसके धक्के से मुझे दर्द भी होता और मजा भी आता | अब मैं उस से गांड मरवाने लगा मुझे भी मजा आ रहा था | कुछ देर ऐसे ही मेरी गांड मारने के बाद उसने मुझे घोडी बना दिया और मुझे घोडी बना कर चोदने लगा | मैं मस्त होकर अपनी गांड मरवा रहा था आज बहुत सालो बाद मेरी गांड की खुजली मिट रही थी| करीब १० मिनट चोदने के बाद उसने मेरी गांड में ही पानी छोड़ दिया | उसने मुझसे पूछा की कैसा लगा? मैंने कहा की बहुत मजा आया आज आपने मेरी गांड की खुजली मिटा दी| उस के बाद उसने मेरा लंड हिला कर मेरा भी पानी निकल दिया| फिर जब तब उन्होंने अपना घर नहीं बदल लिया तब तक मैंने रवि भैया से कई बार गांड मरवाई तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी यह कहानी? बताइयेगा जरुर
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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