Sunday, March 30, 2014

FUN-MAZA-MASTI सुष्मिता भाभी पार्ट--3

FUN-MAZA-MASTI

 सुष्मिता भाभी पार्ट--3

गतान्क से आगे.................


शालु ने उसे अपनी चूत में लंड डाल कर चोदने को कहा. वो शालु को चित सुलाकर उसके जांघों के बीच बैठ गया. शालु ने अपनी जांघों को मोड़ कर फैलाते हुवे अपनी जांघों के बीच उसके लिए जगह बना लिया था. वो शालु के जांघों के बीच बैठ कर अपना सर उसके चूत पर झुकाते हुवे अपने दोनो हाथों से उस के चूत को चिदोर कर उस में अपनी जीभ रगड़ने लगा. वो शालु की चूत चाट रहा था और तुमाहरी बीवी अपना चुटटर उच्छाल उच्छाल कर उस से अपना चूत चाटवा रही थी. उत्तेजना के मारे शालु के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी. अब उस की उत्तेजना इतनी बढ़ गयी थी की वह चुटटर हवा में उठा कर लगातार अपना चूत उसके मुँह में ठेले जा रही थी. शालु उस से बोली, "अब बर्दस्त नहीं हो रहा है जीभ निकाल कर अब मेरे चूत में अपना लंड घुसेड कर चोद दो, फिर चाहो तो चोदने के बाद मेरी फुददी जी भर के चाट लेना". . अच्छा समबहालो अपना चूत अब मैं अपना फौलादी लंड तेरे चूत में डाल रहा हूँ. अपने हाथों से अपनी चूत को फैलाते हुवे शालु ने कहा, "डालो मेरे भोले राजा अपना फलादी लंड मेरे प्यासी चूत में". उसने अपने लंड का फूला हुवा बड़ा सा सुपारा शालु की फैली हुई चूत के मुँह पर रख कर एक करारा धक्का लगाया. उस के चूत पर उसने इतने ज़ोर का धक्का मारा था की एक ही धक्के में उसके मोटे लंड का आधा हिसा शालु के गरम चूत में घुस गया. उस के लंड का मोटाई इतना ज़्यादा था कि उत्तेजना के मारे लंड निगलने को व्याकुल तेरी बीवी के चूत में ज़ोर का जलन हुआ जिस से वो उई मा कहती हुई अपनी गांद ऐसे सिकोडी की उसका लंड उसके चूत के बाहर आ गया. अरे गांद क्यों सिकोडी अभी अभी तो बड़ा ऐंठ रही थी लंड डालवाने के लिए, अब क्या हुवा मेरी भाभी जान. कुच्छ नहीं धक्का इतने ज़ोर का था कि मेरी चूत बर्दस्त नहीं कर सकी, अब ज़रा प्यार से मेरे चूत में अपना लंड पेलो फिर हुमच हुमच के चोदना, कहती हुई उसने अपने हाथों से अपना चूत फैला कर फिर से उसका लंड अपनी चूत के मुँह पर रखती हुई अपना दाँत ज़ोर से भींच लिया. उसने फिर पहले से भी अधिक ज़ोर से अपना लंड उसके चूत में तेल दिया. इस बार भी उस के मुँह से चीख निकल पड़ी, पहले से भी अधिक, लगभग उसके लंड का दो तिहाई भाग उसके चूत में एक ही धक्के में समा चुक्का था, लेकिन इस बार उस ने अपनी गांद नहीं सिकोडी. उसने तुरंत अपना लंड थोड़ा सा बाहर खींच कर फिर पूरे ताक़त से एक और धक्का उस के चूत पर मार दिया, जिस से उसका लंबा और मोटा लंड पूरा उसके चूत के अंदर समा गया. उसका लंड शालु के चूत को कस के फिला दिया था. उस का लंड शालु के चूत में ऐसे फिट बैठा था की लगता है किसी लोहे के रोड को किसीने ज़ोर से पिलास से दबा रखा हो. उस के चूत में कहीं से थोड़ा सा भी गॅप नहीं दिख रहा था. थोड़ी देर तक उसने अपने लंड को यूँ ही उसके चूत में छ्चोड़ दिया, जिस पर वो बोल पड़ी, अरे मेरे पेलू राजा क्या ऐसे ही चूत में लंड डाले पड़े रहोगे या चुदाई भी करोगे. चलो अब धक्के मारना सुरो करो, मेरी चूत अब हर फौलादी धक्के के लिए तैयार है. उसने पहले धीरे धीरे शालु के चूत में धक्का मारना शुरू किया फिर धीरे धीरे उस के चूत में धक्कों का स्पीड बढ़ाने लगा. अब वो तेज़ी के साथ शालु के चूत में अपने लंड को पेल रहा था. शालु उसके हरेक धक्कों के जवाब में अपनी चुटटर उपर की तरफ इस तरह उच्छाल रही थी जैसे उसका 10 इंच लंबा लंड भी उसके चूत के लिए छ्होटा पड़ रहा हो और वो और ज़्यादा लंबा लंड अपनी चूत में डालवाने के लिए व्याकुल हो रही हो. उस के मुँह से भी बड़ा अजीब किस्म का आवाज़ निकल रहा था. . उस की चुदाई को देख देख कर मेरी चूत भी पानी छ्चोड़ने लगी थी. मेरी चूत में उस लड़की के घुसती निकलती जीभ अब कोई खाश मज़ा नहीं दे पा रही थी. मन कर रहा था कि मैं अब शालु के चूत से वो मोटा लंड खींच कर अपनी चूत में पेल्वा कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मर्वाउ. मैं पलंग पर खिसकते हुवे शालु के पास चली गयी और उस के पेरू के रास्ते अपना एक हाथ उस के चूत तक ले गयी. उस का लंड जब शालु के चूत से थोडा बाहर आता तो मैं उसे अपने हाथों से सहला देती. कभी कभी उस के लंड के साथ ही मैं अपनी एक उंगली भी शालु के चूत में घुसेड देती. इस से शालु की उत्तेजना और बढ़ती गयी. वो बोलने लगी . हे जालिम तुम तो बड़े चडॅक्केड बन रहे थे, लेकिन तुम्हारा लंड तो मेरी चूत में ना जाने कहाँ खो गया है. मेरी चूत में तुम अपना पूरा लंड नहीं डाल रहे हो क्या. पूरा लंड मेरे चूत में पेल के मेरे चूत में जल्दी जल्दी धक्के मारो ताकि मेरी प्यासी चूत की चुदाई की प्यास बुझ जाए. हाय पेलो अपना लंबा मूसल जैसा लंड ओह .... ओह ... मेरी चूत में. ओह .... बहुत मज़ा आ रहा है. ओह ... वो अपनी पूरी ताक़त के साथ उसके चूत में धक्के मार रहा था लेकिन राजधानी एक्शप्रेस के पिस्टन से भी तेज़ी के साथ उसके चूत में घुसते निकलते उस के लंड का स्पीड भी शालु को कम लग रहा था. वो अपनी गांद उच्छाल उच्छाल कर और ज़ोर ज़ोर से जल्दी जल्दी अपनी चूत में उसके लंड से धक्के मरवा रही थी. साथ ही साथ वो चिल्लाती भी जा रही थी वो इसी तरह चिल्ला चिल्ला कर अपना चूत चुदवा रही थी. उस के चूत में राजधानी एक्सप्रेस के पिस्टन से भी तेज चाल में उस का मोटा लंड घुस निकल रहा था. जितनी तेज़ी से वो उस के चूत में अपना लंड पेलता उतनी ही तेज़ी में वो अपनी गांद उच्छाल उच्छाल कर अपनी चूत में उसका लंड पेल्वा रही थी. इसी तरह लगभग 40 मिनिट की जबरदस्त चुदाई के बाद वो शांत हुई. उस के शांत होते ही उस ने अपना लंड उस के चूत से बाहर खींचा. चूत से बाहर लंड निकलते ही उसकी चूत पक से आवाज़ कर के सिकुड गयी. उस के चूत से खींचने के बाद वो अपना लंड शालु के मुँह के पास लेजकर उसके मुँह में थेल दिया वो उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. करीब 4-5 मिनिट की चाटाई के बाद उसका लंड शालु के मुँह में ही झरने लगा. फ़च फ़च करके उसके लंड से निकलता हुवा उसका वीर्या शालु के मुँह में उसकी जीभ पर गिरने लगा. तुम्हारी बीवी अपना मुँह खोल कर अपनी जीभ बाहर निकाल रखी थी. उसने अपने लंड को निचोड़ निचोड़ कर अपने लंड से निकलने वाले वीर्या का एक एक कतरा उसके मुँह में गिरा दिया. बाप रे बाप उसके लंड से वीर्या भी कितना निकला था. जैसा तगड़ा उसका लंड था उतना ही ज़्यादा उसने वीर्या भी ऊडेला था. कोई 50-60 म्ल रहा होगा उसका वीर्या जो उस के मुँह से फिसलकर उस के होंठों और गाल्लों पे भी फैल गया था. वो अपनी जीभ निकाल कर उस के वीर्या को चाटने लगी. वीर्या का जो हिस्सा उसके जीभ की पंहुच से बाहर था उसे वो अपनी उंगलियों से अपने मुँह में थेल कर चाट गयी. उसके बाद उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. अब वो काफ़ी सन्तुस्त दिख रही थी, लेकिन उसकी शानदार चुदाई को देख कर मेरी चूत का हालत काफ़ी खराब हो गया था.

अब मैं शालु के मुँह के पास अपनी जीभ लेजकर शालु के गाल्लों को चाटने लगी. अब तक उस का लंड शालु के मुँह में ही था जिसे वो उस के मुँह से निकाल कर मेरे मुँह में थेल दिया. अब मैं उसके लंड को चूसने लगी. धीरे धीरे उसका लंड फिर से तन्तनाने लगा. अब मैं उस के लंड को अधिक से अधिक अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. शालु अपनी टाँगों को फिलाकर चित लेटी हुई हमारा खेल देख रही थी. उस के चूत के अगाल बगल उसके चूत से निकला पानी और उस में मिला हुवा उस के लंड का पानी फैला हुवा था. वो लड़की शालु के चूत के उपर अपनी जीभ रख कर उसके चूत पे फैले चूत और लंड के मिश्रित पानी को चाटने लगी. वो उसके चूत के अंदर अपनी जीभ डाल डाल कर चूत के भीतर फैले पानी को चाट ती रही. मैं उसके लंड को तब तक चुस्ती रही जब तक वो फिर से फौलाद की तरह खड़ा ना हो गया. अब उसका लंड फिर से ताव में आकर फुफ्कारने लगा था. वो मेरे मुँह में ही धक्के मारने लगा. मेरी चूत तो पहले से ही शालु के चूत की चुदाई देख देख कर चुद्वाने को उत्तावली थी ही, उपर से उसके लंड की चाटाई और उसके द्वारा अपने मुँह में पड़ते लंड के दहक्के का असर मुझे सीधे अपनी चूत पे पड़ते दिखा. मैने उस से अपनी चूत में लंड डाल कर चोदने को कहा. कब तक मुँह में ही लंड पेलते रहोगे, मेरी चूत जल रही है इसे अपने लंड से चोद कर इस का आग शांत करो, प्लीज़. . मेरे आग्रह को मानते हुवे उसने मुझे घुटने के बल झुकने को कहा. मैं अपने घुटने पे झुक गयी. वो मेरे पिछे आकर खड़ा हो गया और अपना लंड मेरी गांद पर रगड़ने लगा. मेरी गांद पर अपना लंड रगड़ते रगड़ते उसने अपना लंड पिच्चे से ही मेरी चूत पे टीका कर मेरी चूत में थेल दिया. .. मैने अपना चूत फैला लिया. थोड़े प्रायाश के बाद ही उसके लंड का सुपारा मेरे चूत के फांकों को चीरता हुवा मेरे चूत में घुस गया. उसने मेरे चूत में अपने लंड को ठीक से सेट करने के बाद मेरी कमर को अपने हाथों से पकड़ कर चूत में अपना लंड पूरी ताक़त के साथ थेल दिया. उसका मोटा लंड एक ही धके में आधा से ज़्यादा मेरे चूत में घुस गया. चूत में उसके लंड के घुसने से थोडा दर्द तो हुवा लेकिन अपनी चूत में उसके लंड के घुसने से जो मज़ा मुझे आया उसकी खातिर अपने होंठों को चबाकर मैं सारा दर्द पी गयी. उसने धीरे से अपने लंड को थोड़ा बाहर कर के दाना दान तेज़ी के साथ 3-4 धक्का मेरे छूट में जड़ दिया, जिस से उसका पूरा लॉरा मेरे चूत में चला गया. अब वो ताबाद तोड़ मेरे चूत में दहक्के मारने लगा. जब वो ज़ोर से अपने मोटे लंड को मेरे चूत में थेल्ता तो लगता था कि उसका सुपारा मेरी बछेदनि के मुँह पर घुस्सा मार रहा हो. उस के मोटे लंड के घुसने से मेरी चूत पूरी तरह फैल गयी थी. उस का लंड मेरे चूत दाने को रगड़ता हुवा मेरे चूत में अंदर बाहर हो रहा था. मैं अपनी कमर को आगे पिछे हिला हिला कर उसे चोदने में सहयोग कर रही थी. उस का लंड बड़ा तेज गति से मेरे चूत में अंदर बाहर होने लगा था. अब मैं भी शालु की तरह ही उत्तेजना के मारे चिल्ला चिल्ला कर उस के लंड से अपना चूत चुदवा रही थी. वो दाना दान मेरी फुददी चोदे जा रहा था. मैं कमर हिला हिला कर उस से चुड़वाए जा रही थी. लगभग 15-20 मिनिट तक मेरी चूत को चोदने के बाद उसने अपना लंड चूत से खींच कर एका एक मेरी गांद में पेल दिया. अरे बाप रे बाप निकालो अपना लंड मेरी गांद से तुम्हारे इतने मोटे लंड से मेरी गांद फॅट जाएगी. फटी मेरी गांद . है . निकालो अपना लंड. लेकिन उसे मेरे चिल्लाने का परवाह कहाँ थी. उसने ताबार टॉर मेरी गांद में 4-5 धक्का लगाकर अपना पूरा लंड मेरी गांद में ठूंस दिया. दर्द के मारे मेरी गांद की हालत पस्त हो चुकी थी. लेकिन वो मान ने वाला कहाँ था. वह मेरे दर्द और मेरी गांद की हालत की परवाह किए बिना लगातार अपने लंड को गांद में पेलता गया. अब मेरी गांद का दर्द धीरे धीरे कम होने लगा था और मेरी गांद में घुसता निकलता उसका लंड धीरे धीरे मज़ा देने लगा था. वो गांद में लंड को पेलने का गति तेज करने लगा. अब उसका लंड गांद में सटा सॅट अंदर बाहर होने लगा था. जब उसका लंड गांद में घुसता तो मेरी चूत भी फैल जाती और उसके लंड के गांद से बाहर निकलते ही मेरी चूत भी सिकुड जाती थी. मुझे अब अपनी गांद में उसका लंड पेल्वाने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैं वैसे पहले भी कई बार अपनी गांद मरवा चुकी थी लेकिन गांद मरवाने में मुझे आज तक ऐसा मज़ा नहीं आया था. गांद मरवाने में आज मुझे जो आनंद मिल रहा था उसे मैं सबदों में बयान नहीं कर सकती.

शालु खिसकते हुवे मेरे नीचे आ गयी और मेरी गांद में पड़ते लंड के हर धक्के के असर से हिलती हुई मेरी चूचियों को अपने मुँह में लेकर चुभलाने लगी जिस से मेरा आनंद और भी बढ़ गया. वो लड़की अब भी शालु के चूत को चाते जा रही थी और शालु अपना पेरू सटका सटका कर उस से अपनी चूत चटवाए जा रही थी. शालु मेरी एक चूची को मुँह में लेकर चूस्ते हुवे मेरी दूसरी चूची की घुंडी को अपने उंगलियों में लेकर मसालते जा रही थी. इस तरह तुमहरी बीवी से अपना चूची चुस्वाते और मसलवाते हुवे उस का लंड अपनी गांद में पेल्वाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरा मन कर रहा था कि गांद में घुसते लंड की तरह ही एक और मोटा सा लंड कोई नीचे से मेरे चूत में पेल देता. मैं अपना हाथ नीचे लेजा कर अपनी चूत को मलने लगी थी. वो लड़की शायद मेरे मन की बात ताड़ गयी थी. वो उठकर वहीं पड़े टेबल के ड्रॉयर से दो मोटे नकली लंड निकाल लाई. एक लंड करीब 12 इंच लंबा था और दूसरे का साइज़ 14 इंच के आस पास था. छ्होटा वाला लंड शालु ने ले लिया और उसे मेरे चूत में पेलने लगी. दो तीन धक्कों में ही उसने पूरा लंड मेरी चूत में थेल दिया. अब एक तगड़ा लंड मेरी गांद में अंदर बाहर हो रहा था और उस से भी बड़ा एक लंड मेरे चूत में अंदर बाहर हो रहा था. मैने शालु से वो छ्होटा वाला लंड निकाल कर बड़ा लंड मेरी चूत में पेलने को कहा. उसने तुरंत मेरे चूत में ठुसे लंड को निकाल कर उस लड़की को थमाते हुए उसके हाथ से लंबा वाला लंड लेकर मेरे चूत में थेल दिया. वो लड़की मेरे चूत से निकाल कर दिए लंड को शालु के चूत में पेलने लगी. . अब मेरे चूत में 14 इंच लंबा और गांद में 10 इंच लंबा लंड सटा सॅट अंदर बाहर होने लगे थे. मैं तो अपने दोनो च्छेदों में घुसते निकलते लंडों के मज़े को पाकर स्वर्ग का सफ़र करने लगी थी. यूँ ही तेरी बीवी मेरे चूत में और वो जालिम मर्द मेरी गांद में अपना लंड पेलते रहे. मैं गांद हिला हिला कर अपनी गांद और चूत में एक साथ लंड पेल्वाति रही.

उधर वो लड़की शालु के छूट में 12 इंच लंबा आर्टिफिशियल लंड पेलकर हिलाते जा रही थी. मैं चरम बिंदु के करीब पहुँच चुकी थी की तभी उस ने अपने लंड का पानी मेरी गांद में उडेल दिया. मेरी चूत भी ठीक उसी वक़्त अपना पानी छ्चोड़ने लगी. वो अपना लंड कच कचाकर मेरी गांद में और शालु आर्टिफिशियल लंड को मेरे चूत में ठेले हुवे थी. मैने अपना चूत और गांद दोनो बड़ी ज़ोर से सिकोडे हुवे अपने दोनो च्छेदों में एक एक लंड को संभाली हुई थी. हमारा पहले राउंड की चुदाई ख़तम होते ही बाहर से दरवाजा नॉक हुवा. उस लड़की ने कौन है पुछ्ते हुवे दरवाजा खोल दिया. रूम में एक साथ 10 लड़के प्रविस्ट हुवे. हमें पहले से ही नंगा देख कर वी जल्दी जल्दी अपने कापरे खोलने लगे और कुच्छ ही देर में वी सब भी नंगे हो गये. उन में से हर एक का लंड ताना हुवा था. उन में से किसी का भी लंड 10 इंच से कम का नहीं था. वो दो ग्रूप में बाँट कर हम दोनो की तरफ बढ़ने लगे. मेरे पास आकर एक ने मेरी एक चूची को तथा दूसरे ने मेरी दूसरी चूची को अपने हाथों में ले लिया और मसलने लगे. एक ने मेरी चूत में तथा एक ने मेरी गांद में उंगली पेल डी और अंदर बाहर करने लगे, पाँचवे लड़के ने अपना लंड मेरे मुँह में पेल दिया जिसे मैने चूसना शुरू कर दिया. ठीक इसी तरह शालु के गांद तथा चूत में दो लड़के अपनी उंगली पेलने लगे तथा दो लड़के उसकी एक एक चूची अपने मुँह में लेकर चुभलाने लगे और पाँचवे ने अपना लंड उसके मुँह पे सटा दिया जिसे वो चूसने लगी थी. शालु उन दोनो लड़कों का लंड अपने दोनो हाथों में लेकर सहला रही थी जो उसकी चूचियों को चूस रहे थे. मेरे और शालु के गांद और चूत में जो लड़के अपनी उंगलियाँ अंदर बाहर पेल रहे थे उनका लंड हमारे कमर के पास हिचकोले मार रहे थे. हम दोनो के साथ एक बार में पाँच पाँच लड़के भिड़े हुवे थे. वो पहले वाला मर्द जो अभी कुच्छ ही देर पहले तेरी बीवी को और फिर मुझे चोद चुक्का था वो अब उस लड़की को अपनी गोद में लेकर सोफे पे बैठा हमारा खेल देखता हुवा उसकी छ्होटी छ्होटी चूचियों से खेल रहा था.

वो लड़की उसकी गोड में बैठी अपनी चुटटर उस के लंड पे रगड़ रही थी. उस का लंड उसके चुटटर को स्प्रिंग की तारह उपर उठा रहा था. दस पंद्रह मिनिट तक हमारे साथ ऐसे ही खेलते खेलते वी लड़के काफ़ी गरम हो गये, हम दोनो का बदन तो पहले से ही गरम था ही उपर से दस दस लड़कों के तनतनाए हुवे लंड देख कर और अपने बदन पे उनके द्वारा की गयी च्छेदखानी के कारण हमारी चूतो में खुजली होने लगी थी. उन में से मेरी चूंचियों से खेलते लड़कों में से एक ने नीचे चित लेटते हुवे मुझे अपने उपर खींच लिया और अपना लंड मेरे चूत पे रखते हुवे मुझे उपर से धक्का मारने को बोला. जब मैं उपर से धक्का मारी तो उसने नीचे से अपना चुटटर उच्छल कर अपना पूरा लंड मेरे चूत में पेल दिया. मेरी दूसरी चूची से खेलता लड़का मेरे पिछे आकर मेरी गांद में अपना लंड पेल दिया. मेरी गांद में उंगली करते लड़के ने अपना लंड मेरे मुँह में रख दिया जिसे मैं चाटने लगी. बाकी दोनो लड़कों का लंड मैं अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी. उसी तरह एक लड़के के उपर चढ़ कर शालु ने उसका लंड अपनी चूत में ले लिया और ठीक मेरी ही तरह एक लड़के ने अपना लंड उस की गांद में और दूसरे ने अपना लंड उस के मुँह में पेल दिया था. वो भी एक एक लड़के का लंड अपने हाथों में लेकर सहला रही थी. हम दोनो के चूत, गांद और मुँह में एक एक लंड एक साथ अंदर बाहर हो रहे थे और हम अपने हाथों में एक एक लंड पकड़े कभी उन्हें सहलाने लगती थी तो कभी सिर्फ़ ज़ोर से पकड़ कर अपनी चूत गांद और मुँह में लंड पेल्वाने का मज़ा लेने लगती थी. हमारे चूत और गांद में उनके लंडो के धक्के का स्पीड हर पल बढ़ता ही जा रहा था. चूत और गांद में जिस रफ़्तार से लंड घुस और निकल रहे थे उस से भी तेज गति से हमारे मुँह में लंड का धक्का पड़ रहा था. आनंद के मारे हम पागल हुवे जा रही थी. .. ऐसी जानदार चुदाई का खेल हम दोनो में से किसी ने भी आज से पहले नहीं खेला था. दस पंडरह मिनिट की शानदार चुदाई के बाद उन लड़कों ने अपना पोज़िशन चेंज किया. मेरी गांद में जो अब तक अपना लंड पेल रहा था वो अब अपना लंड मेरे मुँह में पेलने लगा. जिन दो लड़कों का लंड मैं अपने हाथों से सहला रही थी उन में से एक ने अपना लंड मेरी चूत में और दूसरे ने अपना लंड मेरी गांद में पेल, धक्का मारने लगा. शालु की चूत चोद्ते लड़के ने अपना लंड अब उस के मुँह में पेल दिया और जिन दो लड़कों का लंड वो हाथों से सहला रही थी उन में से एक ने अपना लंड उसकी चूत में और दूसरे ने अपना मोटा लंड उसकी गांद में पेल कर घचा घच चोदना शुरू कर दिया था. हमारे गिड गिदने से वो लड़के तो मान गये लेकिन हमें वान्हा लाने वाले मर्द ने कहा, अरे भाभियों आज मेरी वजह से तुम लोगों को इतने शानदार चुदाई का मौका मिला और तुम्हारी घंटों की जानदार चुदाई देख देख कर मेरा लंड तुम्हारे चूत और गांद के लिए पागल हो रहा है, कम से कम एक एक बार अपना चूत और गांद का रास्पान तो करा दो इसे. उसके आग्रह और उसके लपलपते लंड पे हमें तरस आ गया और फिर पहले शालु ने और उस के बाद मैने उसके लंड को एक एक बार अपनी चूत और गांद का रास्पान करा दिया. हमारे चूत और गांद से उनका वीर्या टपक टपक कर बाहर चू रहा था. हमारे बदन पे भी हर जगह उन का वीर्या लगा हुवा होने के कारण हमारा पूरा बदन चिप चिपा हो गया था. हमें लाने वाले मर्द ने हमे एक दूसरे के चूत और गांद से टपकते वीर्या को चाटने का और एक दूसरे के बदन पे लगे वीर्या को चाट चाट कर साफ करने का निर्देश दिया. हमने वैसा ही किया, फिर हम ने उस के बाथ रूम में जाकर पेशाब किया और नहाने लगे. हमारी चूत और गांद उन में पड़े उनके घंटों के धक्के के कारण दोनो फूल कर लाल लाल हो गयी थी. उसी तरह हमारी चूचियाँ भी सूज गयी तीन और वी भी लाल लाल हो गयी थी. . हमारे बदन के बिभिन्न हिस्सों पे भी उनके नाख़ून और दाँत के निसान दिख रहे थे जो चोद्ते वक़्त उन्होनें अपने नाखूनों तथा दाँतों से काट काट कर बना दिए थे. नहाने के बाद हमने अपने कापरे पहने, मॅक-अप ठीक किया और लड़खड़ते कदमों से अपना होंठ चबाकर चूत और गांद में उठते दर्द को पीते हुवे अपने घर की तरफ वापिस आ गये. हमने वहाँ से चलते वक़्त फिर से वहाँ आने का वादा किया था लेकिन वहाँ जाने के नाम से ही हमारी चूत और गांद दुखने लगती थी. इस लिए आज तक हम ने फिर कभी उन से संपर्क नहीं किया.

क्रमशः.................


दोस्तों पूरी कहानी जानने के लिए  जरूर पढ़े .................................
आपका दोस्त
राज शर्मा







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