FUN-MAZA-MASTI
सुष्मिता भाभी पार्ट--5 लास्ट
गतान्क से आगे.................
मैं सुष्मिता के ब्लाउस को खोल कर उस के बदन से निकाल दिया और ब्रा में कसी उस की चूचियों को मसल्ने लगा. मैने ब्रा के उपर से ही उसकी चूचियों को चूम लिया और फिर उस के ब्रा के हुक को खोल दिया. अब उसकी चूंचिया मेरे मुँह के पास झूल रही थी. मैने बारी बारी से पहले दोनो चूचियों को चूम लिया फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. एक चूची को चूस्ते हुवे मैं उस की दूसरे चूची को अपने हाथों से मसलता जा रहा था. पिंकी हमारे खेल को हैरत भारी निगाहों से चुप चाप देखे जा रही थी. मैं करीब पंडरह मिनिट तक सुष्मिता की चूचियों से इसी तरह खेलता रहा. उस के बाद मैने सुष्मिता की सारी और पेटिकोट खोल दिया. अब उस के बदन पे कप्रों के नाम पर सिर्फ़ पॅंटी ही रह गयी थी. मैं सुष्मिता की जांघों को अपने हाथों से, फिर होंठों से सहलाने लगा. मैं सुष्मिता की दोनो जांघों और राणो को अपने होंठों और हाथों से सहलाता रहा. वो हमें ही देखे जा रही थी. उस के सामने ये सब करते हुवे हम दोनो काफ़ी रोमांचित हुवे जा रहे थे. उसे दिखा दिखा कर ये सब करने में हमें बड़ा मज़ा आ रहा था. करीब पाँच सात मिनूट तक उसकी जांघों से खेलने के बाद मैने सुष्मिता की पॅंटी उतार दी. अब पिंकी बड़े गौर से सुष्मिता की चूत को निहार रही थी. सुष्मिता ने अपने दोनो हाथों से अपनी चूत को दबाना शुरू किया और अंत में उस ने उंगलियों से पिंकी की तरफ अपना चूत कर के, चिदोर कर उसे अपनी चूत की अन्द्रुनि लाली को दिखाया. वो अपनी उंगलियों से अपनी चूत को बार बार फैला और सिकोर रही थी. मैं अपने ही हाथों से अपने लंड को सहलाए जा रहा था. सुष्मिता की फैलती और सिकुद्ती चूत और मेरे लंड पे फिसलते मेरे हाथ को देख देख कर पिंकी गरम होने लगी थी. कमीज़ के उपर से ही वो खुद अपने ही हाथों से अपनी चूचियों को मसलना शुरू कर चुकी थी. कभी कभी वो अपने ही हाथों से सलवार के उपर से अपनी चूत को भी खुजलने लगती थी. उस को मस्ती में आते देख कर हम दोनो भी मस्त हो रहे थे. सुष्मिता ने मुझे खींच कर बेड पर चिट लेटा दिया और मेरे उपर झुक कर अपनी चूचियों को मेरे पूरे बदन पे रगड़ने लगी. उस ने अपनी चूचियों को मेरे पैर से सटा कर रगड़ना शुरू किया था और धीरे धीरे उपर की तरफ बढ़ रही थी. मेरे पैर से होते हुवे उसकी चुचियाँ मेरी जाँघो के उपर से होते हुवे मेरे लंड तक पहुँच गयी थी. मेरे लंड पे कुच्छ देर तक अपनी चूचियों को रगड़ने के बाद उस ने फिर उपर की तरफ बढ़ते हुवे अपनी चूचियों को मेरे पेरू, पेट और छ्चाटी के उपर से घूमती हुई अब वो चूचियों को मेरे गालों पे घुमा रही थी. मैने अपना मुँह खोल लिया था और वह दोनो चूचियों के निपल्स को बारी बारी से मेरे मुँह में थेल रही थी. मैं उस के चूचियों के निपल्स को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था. कुच्छ देर तक इसी तरह चूचियों को चुसवाने के बाद वो अपनी चूत मेरे मुँह पे रख कर बैठ गयी. मैं उस की चूत पे अपनी जीभ रगड़ने लगा. सुष्मिता ने पिंकी से कहा, साली क्या देख रही है अपने हाथों से मेरा चूत फैला ताकि ये मेरे चूत के भीतर तक अपनी जीभ घुसा के चाट सके. सुष्मिता की बातों ने उस के उपर जादू सा असर किया और उसने अपने हाथों से सुष्मिता की चूत को कस के फैला दिया. .. चूत फैलते ही सुष्मिता की चूत के गुलाबी च्छेद में मैने अपनी जीभ घुसा दी और उस की चूत के भीतर जीभ को घुमाने लगा. सुष्मिता ने उस की चूचियों को पकड़ कर कमीज़ के उपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
वो काफ़ी उत्तेजित हो चुकी थी, उस ने कहा, मुझे मेरे कापरे अब खोल लेने दो और मेरी चूत भी अपने यार से चाटवा दो. प्लीज़ मेरे चूचियों को भी अपनी ही तरह चुस्वा दो, प्लीज़ अब मुझ से बर्दास्त नहीं हो रहा है. ठीक है अपने काप्रा उतार लो, सुष्मिता ने कहा. उस ने अपना कमीज़ उतार दिया, अब ब्रा में कसी उसकी छ्होटी छ्होटी चूंचियाँ बिल्कुल तनी हुई दिख रही थी. कमीज़ के बाद उसने अपना सलवार उतारा, उसकी जंघें बिल्कुल चिकनी थी. उस की चूचियाँ और चूत अब भी ब्रा और पॅंटी में च्छूपी हुवी थी. उसने पहले अपने ब्रा का हुक खोल कर अपनी चूचियों को नंगा किया. ब्रा के बंधन से मुक्त होते ही उसकी नन्ही चूचियाँ बिल्कुल अकड़ कर हमारी आँखो के सामने चमकने लगी थी. उस की चूचियों का निपल्स भी उस की चूचियों के समान ही हल्के गुलाबी रंग के थे. उस के निपल्स बिल्कुल कड़े हो चुके थे.
अब वा अपने हाथ को पॅंटी पर रख कर, पॅंटी को धीरे धीरे नीचे की तरफ सरकाने लगी. उस की पॅंटी में चूत के पास का हिस्सा गीला हो चुक्का था. शायद हमारे खेल को देख देख कर उस की चूत पनिया गयी थी. उस ने अंततः अपनी पॅंटी को भी उतार फेंका. उसकी नन्ही सी चूत बिल्कुल चिकनी लग रही थी. उस ने शायद आज ही अपनी चूत पे उगी झांतों को साफ किया था. उस की चूत से धीरे धीरे पानी रिस रिस कर बाहर आ रहा था. अपने जिस्म को कप्रों की क़ैद से आज़ाद करने के बाद इठलाती हुई वो फिर हमारे करीब आ गयी. सुष्मिता ने उस की चूचियों को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया. मैं अब भी सुष्मिता की चूत को चाट रहा था. अब सुष्मिता मेरे उपर से उतार कर बेड पे चौपाया बन गयी और मुझे पिछे से आकर अपनी चूत में लंड डालने को कही. मैने सुष्मिता के पिछे आकर उस की चूत में लंड डाल कर धक्के मारना शुरू किया. सुष्मिता अपनी गांद हिला हिला कर चोदने में मुझे सहयोग करने लगी. मैं दाना दान सुष्मिता की चूत में अपना लंड ठेलने लगा. अब सुष्मिता भी पूरी मस्ती में आ चुकी थी. वो उत्तेजना के मारे बड़बड़ाने लगी थी. अरे साले आज तुम्हारे लंड को क्या हो गया है? ज़ोर ज़ोर से धक्के मार ना. साले और्र्ररर कस्स के चोद. हायययी ज्ज्जल्लददिईई जल्लद्दई ढ़हाक्के म्मार. प्युरे त्टकककत से अप्प्पंा ल्लान्न्द म्म्मीरररी कक्च्छुत मींणन तहील सेल. ओउर जाल्दीीई जल्लदीीई ढ़हकक्क्की मररर. . सुष्मिता की उत्तेजित आवाज़ से मेरी उत्तेजना भी और बढ़ती जा रही थी और मैं उसकी चूत में और तेज़ी से अपना लंड पेलने लगा था. मैं बड़ी तेज गति से सुष्मिता की चुदाई कर रहा था. पिंकी सुष्मिता की चूत में घुसते निकलते मेरे लंड को बड़े गौर से देख रही थी. करीब दस मिनिट तक पिछे से सुष्मिता की चूत में धक्के मारने के बाद वो मुझ से अलग हो गयी और खींच कर मुझे चिट सुला दी और खुद मेरे उपर चढ़ कर अपनी चूत मेरे लंड पे रख कर बैठ गयी. उस की गीली चूत से सट्टे ही मेरा लंड फिसल कर उस की चूत में समा गया. अब सुष्मिता ने उपर से धक्के मारना शुरू कर दिया. इस पोज़ में हमें चुदाई करते हुवे, पिंकी बड़े गौर से देख रही थी. सुष्मिता की फैली हुवी चूत में मेरा लंड बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था. सुष्मिता के धक्कों के साथ ही मैं भी नीचे से अपनी कमर हिला हिला कर लंड चूत में ठेले जा रहा था. दस पंडरह मिनिट तक इसी तरह चुड़वाने के बाद सुष्मिता चिट हो कर लेट गयी और मुझे अपने उपर चढ़ कर चोदने को कही. मैं सुष्मिता की जांघों को फैला कर उसके बीच बैठते हुवे उसकी चूत में लंड डाल कर ताबर तोर धक्के मारने लगा. अब राज़धनी एक्सप्रेस के पिस्टन के तरह मेरा लंड सुष्मिता की चूत में चल रहा था. पिंकी हमारी चुदाई को ध्यान से देख रही थी. वो अपने हाथों से अपनी चूचियों और चूत को माल भी रही थी. अब मैं झड़ने के करीब था इस लिए सुष्मिता की चूत में घुसते निकलते मेरे लंड की गति और भी बढ़ गयी थी. मैं दाना दान उस की चूत में अपने लंड से जोरदार धक्के मारे जा रहा था. करीब तीन चार मिनिट में ही मेरा लंड भालभाला कर सुष्मिता की चूत में अपना रस छ्चोड़ दिया जो उस की चूत से रिस रिस कर बाहर फैलता जा रहा था. झड़ने के बाद दस पन्दरह धक्के और लगाने के बाद मैं सुष्मिता के उपर से हट गया. सुष्मिता की चूत पर मेरे लंड और उस की चूत के पानी को मेरे लंड द्वारा फेंट जाने के कारण फेन सा बन कर फैल गया था.
कुच्छ देर तक शांत रहने के बाद सुष्मिता ने पिंकी को पकड़ कर अपने उपर खींच लिया और उसके गालों को चूमते हुवे उसकी चूचियों को दबाने लगी. उसने पिंकी से पुचछा, कैसी लगी हमारी चुदाई. बहुत अच्छा, ऐसे करीब से चुदाई का खेल मैने नहीं देखा था. तुम्हारी चुदाई देख कर मेरी चूत भी चुड़वाने के लिए बेचैन हो गयी है. अब इसे भी चुदवा दो ना. ठीक है लेकिन पहले तुम मेरी चूत चातो और मैं तुम्हारी चूत चाट ती हूँ. ये देख कर मेरे राजा का लंड तुम्हे चोदने के लिए तैयार हो जाएगा. नहीं मुझे घिन लग रही है. प्लीज़ मुझे अपनी चूत चाटने के लिए नहीं कहो. . बिना चाते काम नहीं चलेगा, ऐसा करो अपनी सलवार से मेरी चूत पोंच्छ कर साफ कार्लो फिर चातो. उसने ऐसा ही किया और पिंकी और सुष्मिता एक दूसरे से 69 पोज़िशन में भीड़ गये. वो एक दूसरे की चूत फैला फैला कर चाट रहे थे. पिंकी की चूत बड़ी टाइट लग रही थी. सुष्मिता की चूत तो चोद्वाते चोद्वाते फैल कर भोंसदा बन गयी थी.
इस लिए सुष्मिता की चूत में पिंकी की पूरी जीभ चली जाती थी लेकिन सुष्मिता पिंकी की चूत के दरार में ही अपनी जीभ की नोख फिरा फिरा कर उस की चूत चाट रही थी. मैने अपने एक हाथ से सुष्मिता की और दूसरे हाथ से पिंकी की एक एक चूची पकड़ कर मसलना शुरू किया. सुष्मिता ने अपनी जीभ पिंकी की चूत से निकाल कर उस की जगह चूत में अपनी एक उंगली थेल दी. उंगली तो उस की चूत में चली गयी लेकिन वो छितक कर बोली, मेरी चूत में तूने क्या डाल दिया. चूत में जलन हो रही है. सुष्मिता ने कहा, घबराओ नहीं मैं तुम्हारी चूत में लंड के आने जाने का रास्ता साफ कर रही हूँ. जब इस में लंड जाएगा तो देखना कितना मज़ा आता है. तूने कभी किसी से चुडवाया है या नहीं. नहीं मैने आज तक किसी से नहीं चुडवाया है. लो तो अब मैं ज़्यादा देर नहीं करना चाहती हूँ. अब अपनी चूत में लंड डलवा कर चुदाई का मज़ा ले, कहती हुई सुष्मिता पिंकी के उपर से हट गयी और उसे चोदने के लिए मुझे इसारा किया. .. मैने पिंकी की जांघों के बीच बैठ कर उस की चूत को अपनी उंगलियों से फैलाया और उस की चूत के मुँह पर अपना लंड रखते हुवे कहा, सम्भालो अब मैं तुम्हारी चूत में लंड थेल रहा हूँ. ठीक है ठेलो लेकिन पहले धीरे धीरे घुसाना, मैने पहले कभी नहीं चुड़वाया है. मैने धीरे से अपने लंड पे दबाव बढ़ाया, लंड का सुपारा पिंकी की कसी चूत में चला गया. मैं उस की चूत में धीरे धीरे अपने लंड का सुपारा रगड़ने लगा. उस की चूत काफ़ी देर से पानी छ्चोड़ रही थी इस लिए चूत काफ़ी चिकनी हो गयी थी. लंड पे बढ़ते दबाव से मेरा लंड धीरे धीरे पिंकी की चूत के अंदर दाखिल होते जा रहा था. अब मेरा लंड करीब दो इंच तक पिंकी की चूत के भीतर समा चुक्का था. मैने अपने लंड को थोड़ा बाहर खींचा और पिंकी की चूत में एक जोरदार धक्का लगा दिया. मेरा लंड करीब चार इंच तक उसकी चूत में समा गया. मैने थोडा भी वक्त गँवाए बगैर अपने लंड को थोडा बाहर खींच कर दाना दान 4-5 धक्के और लगा दिए. अब मेरा पूरा लंड पिंकी की चूत में समा चुक्का था, लेकिन दर्द के मारे वो चाटपाटा रही थी. मेरा मोटा लंड उसकी चूत के पतले छेद में अंडश गया था. मैं उसकी चूचियों को धीरे धीरे सहलाने लगा. मेरी कमर अपने आप हिल कर उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करने को उतावली हो रही थी. लेकिन इसे रोके रख कर मैं उसकी चूचियों को सहलाते हुवे उसके होंठों को चूम चूम कर उसे धादस बांधता रहा. थोड़ी देर में जब वो कुच्छ नॉर्मल होती दिखी तो मैने धीरे धीरे उसकी चूत में जकड़े अपने लंड को चूत में हिलाना शुरू किया. वो अपने होंठों को अपने ही दाँतों से दबा कर दर्द को बर्दस्त करने की कोसिस करती रही. इधर मैं अपने लंड को अब आधा बाहर खींच कर फिर उसे उसकी चूत में थेल देता. इसी तरह प्यार से उसकी चूचियों को सहलाते और उसके होंठों को चूमते हुवे मैं उसकी चूत में अपने लंड की स्पीड अब धीरे धीरे बढ़ाता गया. अब मेरा लंड उसकी चूत में अपने आने जाने का रास्ता बना चुक्का था और बड़ी तेज़ी से उसकी चूत में गोते मार रहा था. अब पिंकी को भी मज़ा आने लगा था, ये बात मैं इस लिए कह सकता हूँ की अब उसके चुटटर मेरे लंड के साथ ही हिलने लगे थे. अब वो अपनी गांद उठा उठा कर अपनी चूत में मेरा लंड पेल्वा रही थी. मैं अपना लंड सटा सॅट उसके चूत में पेल रहा था. मेरा लंड गपगाप उसकी चूत में धुक रहा था. मेरी कमर की स्पीड हर पल बढ़ती जा रही थी और उसी के साथ मेरा लंड भी पिंकी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था. पिंकी अब पूरी मस्ती में आकर गंदी बातें बड़बड़ाने लगी थी. उस के मुँह से निकालने वाली बातें बेहद सेक्सी थी. पहली बार लंड खा कर उसकी चूत ऐसी मस्ती दिखा रही थी की उस की आवाज़ मेमियाते हुवे उसके मुँह से निकली ही जा रही थी. सुष्मिता उस के पास ही खड़ी होकर चुप चाप हम लोगों की चुदाई देखते हुवे, अपनी चूत में अपनी ही उंगलियों को पेल कर, अपनी चूत की गर्मी को कम करने की नाकाम कोसिस कर रही थी. पिंकी सुष्मिता की तरफ देखती हुई बोली, अरे भोंसड़ी की रंडी हमारी चुदाई देख कर इतना पनिया गयी की अपनी चूत अपनी ही उंगलियों से चोदने लगी, उस रात बस में तुम्हें चोद्वाते देख कर मेरा क्या हाल हुवा होगा कभी सोची थी, अरे साली तुम तो रंडी हो ही लेकिन आज अपने भरतार से चोद्वाकर मुझे भी रंडी बना दी. है आब्ब्ब्बब कक्ककया हुवा आरीए रायंडियियी की भंडुवव उई ससाललेली कच्चोड़ न्नाना जजाल्द्दीदी जल्ल्दी हाय्यी मेमररियर्रईयियी चुचुत्त्त्त जा जा जल्ल्ल रराहि हॅयायियी च चोद च... चोद कारर इस की गररगार्र्र्मीी मितादी. उउउइइ म्माआ म्माइ पगगाल हूओ जौउनगिइइ अर्ररी हररममज़ाड़े और हुउंम्माचछ हुमच्छ कीए हुन्नको ना उन्न ओउउर्र्ररर क्काअस्स क़ास्स्स की पेलू अप्प्प्नॅ लॅंड ..... हाययययी अभिइ इश्स बहन्स्ड्डियी रॅयंडियियी का छुत्त्त काईईसीए छूओद्द्द्द रहहाअ थाआ .... उउस्स ससी भीइ तीजी सी चूड्दद छ्छूऊद्दद कार्रर्र्ररर मीररीए चुउउत्त्त्त कूओ भीई आअज्जजज्ज्ज्ज्ज हिन्न भूंसस्सदा बना डालूऊ. उसकी आवाज़ को सुन कर मैने और भी अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी लेकिन उसे अब भी अपनी चूत में पड़ते मेरे लंड के ढकों का स्पीड कम ही लग रहा था. मैं और जल्दी जल्दी उसकी चूत चोदने लगा. मेरे धक्कों के साथ ही उसी रफ़्तार में वो अपनी चूत को उचका उचका कर चोदवा रही थी. उस की चूत में लंबे समय तक ढके लगाते लगाते मेरा लंड बौखलाकर उस की चूत में ही अपना घी उडेल दिया. हम दोनो हानफते हुवे एक दूसरे से अलग हुवे. हमारे अलग होते ही सुष्मिता हमारे बीच आ गयी और पहले उसने पिंकी की चूत चाट कर साफ की और फिर मेरा लंड चाट कर उस पे लगे उसकी चूत और मेरे लंड से निकले क्रीम को चट करती चली गयी. उस के बाद मैने उस दिन फिर से सुष्मिता को एक बार और पिंकी को एक बार चोदा. अंत में घर जाने के लिए पिंकी जब अपने कापरे पहन कर तैयार हुई और सुष्मिता के ड्रेसिंग टेबल पे जाकर अपना मेक-उप ठीक की तो चोद्वाने के बाद इस रूप में वो इतनी आकरसाक लग रही थी कि मेरा तो हाल ही मत पुछो. सुष्मिता भी अपने आप को नहीं रोक सकी और उस से लिपट कर उसके तमतमाए गालों और लपलपाते होंठों को चूम ली. मैं कप्रों के उपर से ही उसके हर अंग को चूम कर, उसकी चुन्चिओ को मसलकर तथा उस की चूत और गांद में अपनी उंगलियों से खोद कर, उस से आते रहने का वादा करा कर, उसे बीदा कर दिया. उसके बाद सुष्मिता और मेरी चुदाई के ग्रूप में वो अक्सर सामिल होने लगी.
एंड
आपका दोस्त
राज शर्मा
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सुष्मिता भाभी पार्ट--5 लास्ट
गतान्क से आगे.................
मैं सुष्मिता के ब्लाउस को खोल कर उस के बदन से निकाल दिया और ब्रा में कसी उस की चूचियों को मसल्ने लगा. मैने ब्रा के उपर से ही उसकी चूचियों को चूम लिया और फिर उस के ब्रा के हुक को खोल दिया. अब उसकी चूंचिया मेरे मुँह के पास झूल रही थी. मैने बारी बारी से पहले दोनो चूचियों को चूम लिया फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. एक चूची को चूस्ते हुवे मैं उस की दूसरे चूची को अपने हाथों से मसलता जा रहा था. पिंकी हमारे खेल को हैरत भारी निगाहों से चुप चाप देखे जा रही थी. मैं करीब पंडरह मिनिट तक सुष्मिता की चूचियों से इसी तरह खेलता रहा. उस के बाद मैने सुष्मिता की सारी और पेटिकोट खोल दिया. अब उस के बदन पे कप्रों के नाम पर सिर्फ़ पॅंटी ही रह गयी थी. मैं सुष्मिता की जांघों को अपने हाथों से, फिर होंठों से सहलाने लगा. मैं सुष्मिता की दोनो जांघों और राणो को अपने होंठों और हाथों से सहलाता रहा. वो हमें ही देखे जा रही थी. उस के सामने ये सब करते हुवे हम दोनो काफ़ी रोमांचित हुवे जा रहे थे. उसे दिखा दिखा कर ये सब करने में हमें बड़ा मज़ा आ रहा था. करीब पाँच सात मिनूट तक उसकी जांघों से खेलने के बाद मैने सुष्मिता की पॅंटी उतार दी. अब पिंकी बड़े गौर से सुष्मिता की चूत को निहार रही थी. सुष्मिता ने अपने दोनो हाथों से अपनी चूत को दबाना शुरू किया और अंत में उस ने उंगलियों से पिंकी की तरफ अपना चूत कर के, चिदोर कर उसे अपनी चूत की अन्द्रुनि लाली को दिखाया. वो अपनी उंगलियों से अपनी चूत को बार बार फैला और सिकोर रही थी. मैं अपने ही हाथों से अपने लंड को सहलाए जा रहा था. सुष्मिता की फैलती और सिकुद्ती चूत और मेरे लंड पे फिसलते मेरे हाथ को देख देख कर पिंकी गरम होने लगी थी. कमीज़ के उपर से ही वो खुद अपने ही हाथों से अपनी चूचियों को मसलना शुरू कर चुकी थी. कभी कभी वो अपने ही हाथों से सलवार के उपर से अपनी चूत को भी खुजलने लगती थी. उस को मस्ती में आते देख कर हम दोनो भी मस्त हो रहे थे. सुष्मिता ने मुझे खींच कर बेड पर चिट लेटा दिया और मेरे उपर झुक कर अपनी चूचियों को मेरे पूरे बदन पे रगड़ने लगी. उस ने अपनी चूचियों को मेरे पैर से सटा कर रगड़ना शुरू किया था और धीरे धीरे उपर की तरफ बढ़ रही थी. मेरे पैर से होते हुवे उसकी चुचियाँ मेरी जाँघो के उपर से होते हुवे मेरे लंड तक पहुँच गयी थी. मेरे लंड पे कुच्छ देर तक अपनी चूचियों को रगड़ने के बाद उस ने फिर उपर की तरफ बढ़ते हुवे अपनी चूचियों को मेरे पेरू, पेट और छ्चाटी के उपर से घूमती हुई अब वो चूचियों को मेरे गालों पे घुमा रही थी. मैने अपना मुँह खोल लिया था और वह दोनो चूचियों के निपल्स को बारी बारी से मेरे मुँह में थेल रही थी. मैं उस के चूचियों के निपल्स को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था. कुच्छ देर तक इसी तरह चूचियों को चुसवाने के बाद वो अपनी चूत मेरे मुँह पे रख कर बैठ गयी. मैं उस की चूत पे अपनी जीभ रगड़ने लगा. सुष्मिता ने पिंकी से कहा, साली क्या देख रही है अपने हाथों से मेरा चूत फैला ताकि ये मेरे चूत के भीतर तक अपनी जीभ घुसा के चाट सके. सुष्मिता की बातों ने उस के उपर जादू सा असर किया और उसने अपने हाथों से सुष्मिता की चूत को कस के फैला दिया. .. चूत फैलते ही सुष्मिता की चूत के गुलाबी च्छेद में मैने अपनी जीभ घुसा दी और उस की चूत के भीतर जीभ को घुमाने लगा. सुष्मिता ने उस की चूचियों को पकड़ कर कमीज़ के उपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
वो काफ़ी उत्तेजित हो चुकी थी, उस ने कहा, मुझे मेरे कापरे अब खोल लेने दो और मेरी चूत भी अपने यार से चाटवा दो. प्लीज़ मेरे चूचियों को भी अपनी ही तरह चुस्वा दो, प्लीज़ अब मुझ से बर्दास्त नहीं हो रहा है. ठीक है अपने काप्रा उतार लो, सुष्मिता ने कहा. उस ने अपना कमीज़ उतार दिया, अब ब्रा में कसी उसकी छ्होटी छ्होटी चूंचियाँ बिल्कुल तनी हुई दिख रही थी. कमीज़ के बाद उसने अपना सलवार उतारा, उसकी जंघें बिल्कुल चिकनी थी. उस की चूचियाँ और चूत अब भी ब्रा और पॅंटी में च्छूपी हुवी थी. उसने पहले अपने ब्रा का हुक खोल कर अपनी चूचियों को नंगा किया. ब्रा के बंधन से मुक्त होते ही उसकी नन्ही चूचियाँ बिल्कुल अकड़ कर हमारी आँखो के सामने चमकने लगी थी. उस की चूचियों का निपल्स भी उस की चूचियों के समान ही हल्के गुलाबी रंग के थे. उस के निपल्स बिल्कुल कड़े हो चुके थे.
अब वा अपने हाथ को पॅंटी पर रख कर, पॅंटी को धीरे धीरे नीचे की तरफ सरकाने लगी. उस की पॅंटी में चूत के पास का हिस्सा गीला हो चुक्का था. शायद हमारे खेल को देख देख कर उस की चूत पनिया गयी थी. उस ने अंततः अपनी पॅंटी को भी उतार फेंका. उसकी नन्ही सी चूत बिल्कुल चिकनी लग रही थी. उस ने शायद आज ही अपनी चूत पे उगी झांतों को साफ किया था. उस की चूत से धीरे धीरे पानी रिस रिस कर बाहर आ रहा था. अपने जिस्म को कप्रों की क़ैद से आज़ाद करने के बाद इठलाती हुई वो फिर हमारे करीब आ गयी. सुष्मिता ने उस की चूचियों को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया. मैं अब भी सुष्मिता की चूत को चाट रहा था. अब सुष्मिता मेरे उपर से उतार कर बेड पे चौपाया बन गयी और मुझे पिछे से आकर अपनी चूत में लंड डालने को कही. मैने सुष्मिता के पिछे आकर उस की चूत में लंड डाल कर धक्के मारना शुरू किया. सुष्मिता अपनी गांद हिला हिला कर चोदने में मुझे सहयोग करने लगी. मैं दाना दान सुष्मिता की चूत में अपना लंड ठेलने लगा. अब सुष्मिता भी पूरी मस्ती में आ चुकी थी. वो उत्तेजना के मारे बड़बड़ाने लगी थी. अरे साले आज तुम्हारे लंड को क्या हो गया है? ज़ोर ज़ोर से धक्के मार ना. साले और्र्ररर कस्स के चोद. हायययी ज्ज्जल्लददिईई जल्लद्दई ढ़हाक्के म्मार. प्युरे त्टकककत से अप्प्पंा ल्लान्न्द म्म्मीरररी कक्च्छुत मींणन तहील सेल. ओउर जाल्दीीई जल्लदीीई ढ़हकक्क्की मररर. . सुष्मिता की उत्तेजित आवाज़ से मेरी उत्तेजना भी और बढ़ती जा रही थी और मैं उसकी चूत में और तेज़ी से अपना लंड पेलने लगा था. मैं बड़ी तेज गति से सुष्मिता की चुदाई कर रहा था. पिंकी सुष्मिता की चूत में घुसते निकलते मेरे लंड को बड़े गौर से देख रही थी. करीब दस मिनिट तक पिछे से सुष्मिता की चूत में धक्के मारने के बाद वो मुझ से अलग हो गयी और खींच कर मुझे चिट सुला दी और खुद मेरे उपर चढ़ कर अपनी चूत मेरे लंड पे रख कर बैठ गयी. उस की गीली चूत से सट्टे ही मेरा लंड फिसल कर उस की चूत में समा गया. अब सुष्मिता ने उपर से धक्के मारना शुरू कर दिया. इस पोज़ में हमें चुदाई करते हुवे, पिंकी बड़े गौर से देख रही थी. सुष्मिता की फैली हुवी चूत में मेरा लंड बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था. सुष्मिता के धक्कों के साथ ही मैं भी नीचे से अपनी कमर हिला हिला कर लंड चूत में ठेले जा रहा था. दस पंडरह मिनिट तक इसी तरह चुड़वाने के बाद सुष्मिता चिट हो कर लेट गयी और मुझे अपने उपर चढ़ कर चोदने को कही. मैं सुष्मिता की जांघों को फैला कर उसके बीच बैठते हुवे उसकी चूत में लंड डाल कर ताबर तोर धक्के मारने लगा. अब राज़धनी एक्सप्रेस के पिस्टन के तरह मेरा लंड सुष्मिता की चूत में चल रहा था. पिंकी हमारी चुदाई को ध्यान से देख रही थी. वो अपने हाथों से अपनी चूचियों और चूत को माल भी रही थी. अब मैं झड़ने के करीब था इस लिए सुष्मिता की चूत में घुसते निकलते मेरे लंड की गति और भी बढ़ गयी थी. मैं दाना दान उस की चूत में अपने लंड से जोरदार धक्के मारे जा रहा था. करीब तीन चार मिनिट में ही मेरा लंड भालभाला कर सुष्मिता की चूत में अपना रस छ्चोड़ दिया जो उस की चूत से रिस रिस कर बाहर फैलता जा रहा था. झड़ने के बाद दस पन्दरह धक्के और लगाने के बाद मैं सुष्मिता के उपर से हट गया. सुष्मिता की चूत पर मेरे लंड और उस की चूत के पानी को मेरे लंड द्वारा फेंट जाने के कारण फेन सा बन कर फैल गया था.
कुच्छ देर तक शांत रहने के बाद सुष्मिता ने पिंकी को पकड़ कर अपने उपर खींच लिया और उसके गालों को चूमते हुवे उसकी चूचियों को दबाने लगी. उसने पिंकी से पुचछा, कैसी लगी हमारी चुदाई. बहुत अच्छा, ऐसे करीब से चुदाई का खेल मैने नहीं देखा था. तुम्हारी चुदाई देख कर मेरी चूत भी चुड़वाने के लिए बेचैन हो गयी है. अब इसे भी चुदवा दो ना. ठीक है लेकिन पहले तुम मेरी चूत चातो और मैं तुम्हारी चूत चाट ती हूँ. ये देख कर मेरे राजा का लंड तुम्हे चोदने के लिए तैयार हो जाएगा. नहीं मुझे घिन लग रही है. प्लीज़ मुझे अपनी चूत चाटने के लिए नहीं कहो. . बिना चाते काम नहीं चलेगा, ऐसा करो अपनी सलवार से मेरी चूत पोंच्छ कर साफ कार्लो फिर चातो. उसने ऐसा ही किया और पिंकी और सुष्मिता एक दूसरे से 69 पोज़िशन में भीड़ गये. वो एक दूसरे की चूत फैला फैला कर चाट रहे थे. पिंकी की चूत बड़ी टाइट लग रही थी. सुष्मिता की चूत तो चोद्वाते चोद्वाते फैल कर भोंसदा बन गयी थी.
इस लिए सुष्मिता की चूत में पिंकी की पूरी जीभ चली जाती थी लेकिन सुष्मिता पिंकी की चूत के दरार में ही अपनी जीभ की नोख फिरा फिरा कर उस की चूत चाट रही थी. मैने अपने एक हाथ से सुष्मिता की और दूसरे हाथ से पिंकी की एक एक चूची पकड़ कर मसलना शुरू किया. सुष्मिता ने अपनी जीभ पिंकी की चूत से निकाल कर उस की जगह चूत में अपनी एक उंगली थेल दी. उंगली तो उस की चूत में चली गयी लेकिन वो छितक कर बोली, मेरी चूत में तूने क्या डाल दिया. चूत में जलन हो रही है. सुष्मिता ने कहा, घबराओ नहीं मैं तुम्हारी चूत में लंड के आने जाने का रास्ता साफ कर रही हूँ. जब इस में लंड जाएगा तो देखना कितना मज़ा आता है. तूने कभी किसी से चुडवाया है या नहीं. नहीं मैने आज तक किसी से नहीं चुडवाया है. लो तो अब मैं ज़्यादा देर नहीं करना चाहती हूँ. अब अपनी चूत में लंड डलवा कर चुदाई का मज़ा ले, कहती हुई सुष्मिता पिंकी के उपर से हट गयी और उसे चोदने के लिए मुझे इसारा किया. .. मैने पिंकी की जांघों के बीच बैठ कर उस की चूत को अपनी उंगलियों से फैलाया और उस की चूत के मुँह पर अपना लंड रखते हुवे कहा, सम्भालो अब मैं तुम्हारी चूत में लंड थेल रहा हूँ. ठीक है ठेलो लेकिन पहले धीरे धीरे घुसाना, मैने पहले कभी नहीं चुड़वाया है. मैने धीरे से अपने लंड पे दबाव बढ़ाया, लंड का सुपारा पिंकी की कसी चूत में चला गया. मैं उस की चूत में धीरे धीरे अपने लंड का सुपारा रगड़ने लगा. उस की चूत काफ़ी देर से पानी छ्चोड़ रही थी इस लिए चूत काफ़ी चिकनी हो गयी थी. लंड पे बढ़ते दबाव से मेरा लंड धीरे धीरे पिंकी की चूत के अंदर दाखिल होते जा रहा था. अब मेरा लंड करीब दो इंच तक पिंकी की चूत के भीतर समा चुक्का था. मैने अपने लंड को थोड़ा बाहर खींचा और पिंकी की चूत में एक जोरदार धक्का लगा दिया. मेरा लंड करीब चार इंच तक उसकी चूत में समा गया. मैने थोडा भी वक्त गँवाए बगैर अपने लंड को थोडा बाहर खींच कर दाना दान 4-5 धक्के और लगा दिए. अब मेरा पूरा लंड पिंकी की चूत में समा चुक्का था, लेकिन दर्द के मारे वो चाटपाटा रही थी. मेरा मोटा लंड उसकी चूत के पतले छेद में अंडश गया था. मैं उसकी चूचियों को धीरे धीरे सहलाने लगा. मेरी कमर अपने आप हिल कर उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करने को उतावली हो रही थी. लेकिन इसे रोके रख कर मैं उसकी चूचियों को सहलाते हुवे उसके होंठों को चूम चूम कर उसे धादस बांधता रहा. थोड़ी देर में जब वो कुच्छ नॉर्मल होती दिखी तो मैने धीरे धीरे उसकी चूत में जकड़े अपने लंड को चूत में हिलाना शुरू किया. वो अपने होंठों को अपने ही दाँतों से दबा कर दर्द को बर्दस्त करने की कोसिस करती रही. इधर मैं अपने लंड को अब आधा बाहर खींच कर फिर उसे उसकी चूत में थेल देता. इसी तरह प्यार से उसकी चूचियों को सहलाते और उसके होंठों को चूमते हुवे मैं उसकी चूत में अपने लंड की स्पीड अब धीरे धीरे बढ़ाता गया. अब मेरा लंड उसकी चूत में अपने आने जाने का रास्ता बना चुक्का था और बड़ी तेज़ी से उसकी चूत में गोते मार रहा था. अब पिंकी को भी मज़ा आने लगा था, ये बात मैं इस लिए कह सकता हूँ की अब उसके चुटटर मेरे लंड के साथ ही हिलने लगे थे. अब वो अपनी गांद उठा उठा कर अपनी चूत में मेरा लंड पेल्वा रही थी. मैं अपना लंड सटा सॅट उसके चूत में पेल रहा था. मेरा लंड गपगाप उसकी चूत में धुक रहा था. मेरी कमर की स्पीड हर पल बढ़ती जा रही थी और उसी के साथ मेरा लंड भी पिंकी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था. पिंकी अब पूरी मस्ती में आकर गंदी बातें बड़बड़ाने लगी थी. उस के मुँह से निकालने वाली बातें बेहद सेक्सी थी. पहली बार लंड खा कर उसकी चूत ऐसी मस्ती दिखा रही थी की उस की आवाज़ मेमियाते हुवे उसके मुँह से निकली ही जा रही थी. सुष्मिता उस के पास ही खड़ी होकर चुप चाप हम लोगों की चुदाई देखते हुवे, अपनी चूत में अपनी ही उंगलियों को पेल कर, अपनी चूत की गर्मी को कम करने की नाकाम कोसिस कर रही थी. पिंकी सुष्मिता की तरफ देखती हुई बोली, अरे भोंसड़ी की रंडी हमारी चुदाई देख कर इतना पनिया गयी की अपनी चूत अपनी ही उंगलियों से चोदने लगी, उस रात बस में तुम्हें चोद्वाते देख कर मेरा क्या हाल हुवा होगा कभी सोची थी, अरे साली तुम तो रंडी हो ही लेकिन आज अपने भरतार से चोद्वाकर मुझे भी रंडी बना दी. है आब्ब्ब्बब कक्ककया हुवा आरीए रायंडियियी की भंडुवव उई ससाललेली कच्चोड़ न्नाना जजाल्द्दीदी जल्ल्दी हाय्यी मेमररियर्रईयियी चुचुत्त्त्त जा जा जल्ल्ल रराहि हॅयायियी च चोद च... चोद कारर इस की गररगार्र्र्मीी मितादी. उउउइइ म्माआ म्माइ पगगाल हूओ जौउनगिइइ अर्ररी हररममज़ाड़े और हुउंम्माचछ हुमच्छ कीए हुन्नको ना उन्न ओउउर्र्ररर क्काअस्स क़ास्स्स की पेलू अप्प्प्नॅ लॅंड ..... हाययययी अभिइ इश्स बहन्स्ड्डियी रॅयंडियियी का छुत्त्त काईईसीए छूओद्द्द्द रहहाअ थाआ .... उउस्स ससी भीइ तीजी सी चूड्दद छ्छूऊद्दद कार्रर्र्ररर मीररीए चुउउत्त्त्त कूओ भीई आअज्जजज्ज्ज्ज्ज हिन्न भूंसस्सदा बना डालूऊ. उसकी आवाज़ को सुन कर मैने और भी अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी लेकिन उसे अब भी अपनी चूत में पड़ते मेरे लंड के ढकों का स्पीड कम ही लग रहा था. मैं और जल्दी जल्दी उसकी चूत चोदने लगा. मेरे धक्कों के साथ ही उसी रफ़्तार में वो अपनी चूत को उचका उचका कर चोदवा रही थी. उस की चूत में लंबे समय तक ढके लगाते लगाते मेरा लंड बौखलाकर उस की चूत में ही अपना घी उडेल दिया. हम दोनो हानफते हुवे एक दूसरे से अलग हुवे. हमारे अलग होते ही सुष्मिता हमारे बीच आ गयी और पहले उसने पिंकी की चूत चाट कर साफ की और फिर मेरा लंड चाट कर उस पे लगे उसकी चूत और मेरे लंड से निकले क्रीम को चट करती चली गयी. उस के बाद मैने उस दिन फिर से सुष्मिता को एक बार और पिंकी को एक बार चोदा. अंत में घर जाने के लिए पिंकी जब अपने कापरे पहन कर तैयार हुई और सुष्मिता के ड्रेसिंग टेबल पे जाकर अपना मेक-उप ठीक की तो चोद्वाने के बाद इस रूप में वो इतनी आकरसाक लग रही थी कि मेरा तो हाल ही मत पुछो. सुष्मिता भी अपने आप को नहीं रोक सकी और उस से लिपट कर उसके तमतमाए गालों और लपलपाते होंठों को चूम ली. मैं कप्रों के उपर से ही उसके हर अंग को चूम कर, उसकी चुन्चिओ को मसलकर तथा उस की चूत और गांद में अपनी उंगलियों से खोद कर, उस से आते रहने का वादा करा कर, उसे बीदा कर दिया. उसके बाद सुष्मिता और मेरी चुदाई के ग्रूप में वो अक्सर सामिल होने लगी.
एंड
आपका दोस्त
राज शर्मा
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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