Sunday, March 30, 2014

FUN-MAZA-MASTI भाई बहन की दोस्ती--1

FUN-MAZA-MASTI

  भाई बहन की दोस्ती--1



 मेरा नाम अदिती है और मै चन्डीगढ की रहने वाली हूं.आज मै आप को अपनी फ़ैमली की एक ऐसी काहानी बताने जा रही हूं जो मैने अबतक किसी से भी शेयर नही करी है. इस काहानी मे कुछ भी झूट नही है हर बात सच सच है लेकिन सिर्फ़ नाम बदल दिये हैं मैने. मै एक मिडल क्लास फ़ैमली से हूं. हमारी फ़ैमली एक बडी फ़ैमली है. मेरे दो भाई और एक बैहन हैं. सब से बडा भाई सुनील २५ साल फिर समीर २२ साल फिर मै २० साल और सबसे छोटी कल्पना १७ साल की है. मेरे पिताजी की एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी है. मा ग्रिहणी हैं. बडा भाई शादी शुदा है और वो भी पिताजी के साथ काम करता है. हम सब साथ ही रहते हैं. बाकी बहन भाई शादी शुदा नही हैं. मै और समीर घर मे सब से अच्छे दोस्त हैं. हमारी सिटी मे शायद ही किसी बहन भाई मे इतनी दोस्ती हो जितनी के मेरी और समीर की है. मैने कभी भी ये सोचा ना था के मै ऐसा भी कर बैठूंगी. पता नही समीर के दिमाग मै ऐसी बातें कब से आ गयी थीं. अक्सर हम रात को देर रात तक बातें करते रहते थे. एक रात हम बातें करते करते टीवी भी देख रहे थे और हमारी बातों का टॊपिक लव मैरिज था. उस का कैहना था के शादी हमेशा मा बाप की मरज़ी से करनी चाहिये और मै लव मैरिज को वोट कर रही थी. क्यों के मुझे एक लडके से प्यार था लेकिन समीर को इस बात का पता नही था.. उस रात जब मैने लव मैरिज को इतना वोट किया तो अचानक समीर ने मुझसे एक सवाल किया जिसके लिये मै तय्यार नही थी. उसने काहा: अदिती एक बात तो बताओ. क्या तुम्हे किसी लडके मे इन्टरस्ट है? मेरा मतलब क्या तुम किसी से प्यार करती हो? मै अचानक इस सवाल को सुन कर चुप हो गयी. वो फिर बोला: बताओ तो सही........ .इस मे कोई बुराई तो नही. सब को हो जाता है. हो सकता है तुम को भी हो गया हो, मुझ से शेयर कर लोगी तो शायद मै तुम्हारी मदद कर सकूं. ये सुन कर मेरा कुछ हौसला बढ गया. और मैने सिर्फ़ सर हिला कर उसे हां काहा. वो बोला: कौन है वो? मैने उसे बता दिया के मै अपनी क्लास के लडके रिशी को पसन्द करती हूं. कुछ देर बाद वो बोला: एक बात बताओ..... ......सच सच बताना. क्या तुम दोनो मे कुछ हुआ है? मै ये सवाल समझ नही सकी तो मैने पूछा: क्या मतलब? वो फिर बोला........ .....मेरा मतलब कोई ऐसी वैसी हर्कत की है उसके साथ? अब मै उस का मतलब समझ गयी और बोली : नही. वो कई बार कोशिश कर चुका है. पर मैने कभी भी उसे अपने को छूने नही दिया. वो बोला: वैसे मै जानता हूं उसके बारे में. काफ़ी लडकियां हैं उसके जाल मे तुम्हारी तरह. और बहुतों के साथ तो वो काफ़ी कुछ कर भी चुका है. मै बोली: क्या कर चुका है? वो कुछ देर चुप रहने के बाद बोला........ ...सेक्स कर चुका है और क्या. मै सुन कर हैरान रह गयी और फ़ोरन समीर से लडने वाले अन्दाज़ मे बोली: नही वो ऐसा नही है......... .....हां मुझसे वो ज़रूर छेड छाड करता है मगर उसका किसी और लडकी के साथ चक्कर नही है. वो बोला: अरे तुम चाहो तो मेरे दोस्त की बहन सिमरन से पूछ लेना. वो उसकी शिकार बन चुकी है. ये सुन कर मै बहुत परेशान हो गयी लेकिन मुझे अब भी इस बात का यकीन नही था. एक दो दिन बाद मुझे सिमरन मिली तो मैने उससे रिशी के बारे मे पूछा. सिमरन ने समीर की बात को कन्फ़र्म कर दिया के दो साल पहले रिशी ने उसे पटा के उसके साथ सेक्स किया था. मुझे बहुत बडा धक्का लगा और मैने रिशी से अपना रिशता तोड दिया. उस दिन मै घर आके सारा दिन रोती रही. रात को भी ठीक से नही सोई और रोती रही. अगले दिन सन्डे था. जब मै उठी तो ९ बज चुके थे पर मेरी आंखें अभी भी लाल थी. मा ने देख कर पूछा क्या हुआ अदिती तुम को? मै बोली कुछ नही मा बस रात को नीन्द ठीक से नही आई. वो ये सुन कर दांटने लगी : एक तो तुम दोनो बहन भाई पता नही रात को इतनी देर तक क्या बातें करते रहते हो. कभी जलदी भी सो जाया करो, बीमार हो जायेगी और वो तुम्हारा भाई भी. मै बोली: कुछ नही होता मा. और बाथरूम मे चली गयी. नाश्ता करते हुए मा ने बताया के आज रोहित का मुन्डन है और हम सब जा रहे हैं, नाशते के बाद तय्यार हो जाओ. (रोहित मेरी चाची का दो साल का लडका है) मेरा जाने का मूड नही था इसलिये बोली: मा मेरी तबीयत ठीक नही है. मै नही जाना चाहती. मा ये सुन कर गुस्से मे बोली: और जागो सारी सारी रात, लेकिन तुम घर मै अकेली क्या करोगी? समीर बोला: मा मै भी नही जाना चाह राहा. मै अदिती के पास रहता हूं आप लोग चले जाओ. नाशते के बाद सब लोग तय्यार होने लगे और करीब ११ बजे सब चले गये. अब घर में सिर्फ़ मै और समीर थे. वो टीवी देख राहा था और मै अपने कमरे में थी. कुछ देर बाद समीर मेरे कमरे में आया और बोला : कैसी हो अदिती तुम अब? मै: ठीक हूं समीर. समीर: नराज़ हो क्या मुझसे? मै: नही समीर ये कैसे सोच लिया तुमने? समीर: बात तो करती नही मुझसे तो फिर ऐसा ही सोचूंगा ना. मै: कुछ नही समीर तुम भी ना..... अच्छा चलो कोयी और बात करो. समीर: पहले हंस कर दिखाओ. इस बात पर मै फ़ोरन ही हंस पडी और उसने मुझे हंस्ता हुआ देख कर उसने अपने गले लगा लिया. उसने मुझे माथे पर किस भी किया. ऐसा पहले कभी नही किया था उसने. मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मै और भी चिपक गयी उसके साथ. हम ऐसे ही कोई २ - ३ मिनट तक रहे. फिर मैने भाई से पूछा: समीर एक बात तो बताओ? समीर: क्या? मै: क्या सब लडके हम लडकियों के बारे मै ऐसा ही सोचते हैं? समीर: म्म्म्म्म हां ज़्यादा तर लडके ऐसा ही सोचते हैं आज कल. मै: क्या तुम भी ऐसा सोचते हो किसी के लिये? समीर: म्म्म्म्म्*म्म्म्म्म हां मै: किसके लिये? समीर: हो सकती है कोई भी तुम्हे इससे क्या मतलब? मै : नही....मुझे बताओ ना? समीर: छोडो इस बात को अब..........किस तरह की बातें कर रही हो तुम? मै: तुमने रात को ही काहा था के हम सब कुछ शेयर कर सकते हैं. अब क्यों छुपा रहे हो? समीर:देख लो. तुम जानती हो की मै काफ़ी बोल्ड हूं. अगर कुछ बोला तो किसी को बताना नही. मै: नही बताऊंगी.........अब बताओ ना? समीर: तो सुनो...........मै रीना के बारे मै ऐसा सोचता हूं. (रीना मेरी भाभी हैं) मै ये सुन कर हैरान हो गयी.....और उससे पीछे हट गयी. वो अब मुझे सिर्फ़ मुसकुराता हुआ देखता राहा. मेरी समझ मे नही आ राहा था के अब मै उससे क्या कहूं. फिर मै बोली: क्या मतलब है तुम्हारा? क्या तुम भाभी की बात कर रहे हो? समीर : हां..........उसी की बात कर राहा हूं.........और बात बताऊं तुमको? उसे भी ये पता है और उसे ये सुन कर खुशी हुई थी. अब तो मेरी हैरानगी की कोयी हद नही थी. मेरी समझ मे नही आ राहा था के वो क्या कह राहा है. फिर मै बोली: समीर तुम को पता है ना तुम क्या कह रहे हो? वो तुम्हारी भाभी हैं. कैसे सोच लिया तुमने उसके बारे में? समीर: भाभी हैं तो क्या हुआ. हैं तो एक लडकी ही ना आखिर. खुबसूरत हैं मुझे अच्छी लगती हैं और उसे मै भी अच्छा लगता हूं. इसमे बुराई क्या है? मै: एक बात बताओ...........किस किसम का रिशता है तुम्हारा और रीना भाभी का? समीर: वैसा ही जैसा होता है इस सूरत मे. मै: क्या मतलब.....कैसा होता है इस सूरत मे? समीर: प्यार भरा और क्या मै: क्या तुम उसके साथ कुछ कर तो नही बैठे? समीर: हां थोडा बहुत कर चुका हूं मै: हे भगवान..........भाभी के साथ? समीर तुम पागल तो नही हो गये? किस हद तक गये हो तुम उसके साथ? समीर: हां पागल कर दिया था उसने........मै क्या करता........और रही बात हद की, तो प्यार मे कोई हद नही होती मै: क्या मतलब? समीर: वही जो प्यार करने वाले करते हैं...........कुछ किसिंग.......कुछ हगिंन्ग ...............और कुछ वो भी. मै: वो भी......................? सच सच बताओ..................कहीं सेक्स तो नही क्या तुम ने? समीर: हां हो तो गया है ..........इसमे मेरा क्या कसूर? इतनी खुबसूरत औरत जब पास हो तो आदमी से ये कुछ भी हो सकता है. मै: कसूर.............? क्या मतलब ? अगर कोई भी खुबसूरत औरत हो तुम उसके बारे मे ऐसा ही सोचोगे? चाहे वो तुम्हारी बहन ही क्यों ना हो समीर:म्म्म्म्म्*म्म्म्म्म्*म्म्म.................. ...........हां ................ऐसा ही है.............. ये सुन कर तो मेरा दिमाग खराब होने लगा........कुछ देर तो मै चुप रही...........फिर बोली: क्या तुम मेरे बारे भी इस तरह से सोचते हो? समीर: देखो अदिती..........तुम मेरी सब से अच्छी दोस्त हो.........बहन ही..........इस लिये तुमसे कुछ नही छुपाऊंगा..........हां तुम मुझे आकर्शित करती हो.............अगर तुम मेरी बहन ना होती तो मै तुमसे शादी करने की सोचता. मै: समीर!!.....................तुम पागल तो नही हो गये ..... मै तुम्हारी बहन हूं ............कैसे आदमी हो तुम? समीर: बहन तो हो.............पर खुबसूरत भी बहुत हो.............और सेक्सी भी..............अब मेरा क्या कसूर? पता नही क्यों समीर की इन बातों से मज़ा आ राहा था और मै भाभी वाली बात का धक्का भूल गयी थी.अजीब सी हालत थी मेरी.मै सोच रही थी की अब मै इसे क्या कहूं और कैसे कहूं...............दिमाग मै कुछ नही आ राहा था.......लेकिन मै एक बात ज़रूर नोट कर रही थी. वो ये के समीर की ये बातें बुरी नही लगी मुझे. मै अब कुछ नही बोल रही थी और वो मुझ को सिर्फ़ देख राहा था और मुसकुरा राहा था. मै कुछ डर भी रही थी..............पता नही क्या हो राहा था मुझे..................पता नही मै शर्मा कर या डर कर रूम से बाहर चली गयी..............समीर वहीं बैठा राहा....................मेरे अन्दर एक अजीब सी हालत थी..........मेरा भाई और मेरे बारे मै ये सोचता है..............क्या मै सच मे इतनी खुबसूरत हूं?.............अब मुझे क्या करना चाहिये?...........................कैसे हैन्डल करूं इस हालात को? अब मै समीर के बारे मै एक और ही तरह से सोच रही थी. ये बात तो सच थी के समीर है काफ़ी हैन्ड्सम और सेक्सी भी................लेकिन वो मेरा भाई है........................ये बात बार बार मेरे दिमाग मै आ रही थी. उस दिन मैने फिर समीर से इस टॊपिक पर ज़्यादा बात नही की क्योंकी मै पहले ही बहुत शॊक मे थी. मुझे अपने लव अफ़ेयर का सदमा कुछ ही दिन मे भूल गया क्योंकी मै अपने बॊयफ़्रेन्ड पर बहुत ही गुस्सा थी. मैने उससे बिलकुल मिलना छोड दिया और फिर उससे कोई रिशता ना रखने की कसम खा ली. एक दिन रात को टीवी देखते हुए मुझे एक खयाल आया के आखिर समीर ने जो भी मुझको रीना भाभी के बारे मे बताया है क्या वो सच हो सकता है के नही. इसलिये मैने सोचा क्यों ना इस बात का पता लगाया जाये और मै अब समीर से नही बल्के भाभी से इसके बारे में पूछूं. लेकिन कैसे?

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