Monday, March 24, 2014

FUN-MAZA-MASTI दिलो की फरियाद--3

 FUN-MAZA-MASTI
 दिलो की फरियाद--3

 नेहा शरद प्लीज़ ऐसे मत करो, मुझसे यह सब बर्दाश्त नही मेरे पूरे शरीर में अजीब सी गुदगुदी हो रही मै जादा देर तक सह ना पाऊँगी, प्लीज़
शरद नेहा मै अपने आप को कंट्रोल नही पा रहा था, मुझे तुमको प्यार करने का बहुत मन था।
नेहा प्यार करने के लिए तो अभी पूरी जिंदगी बाकी है
चाय के उबलने की आवाज दोनो के ध्यान को भंग कर देती है, चाय बनकर तैयार हो जाती दोनो चाय पीते है फिर दोनो हाथो मे हाथ डालकर गार्डन घूमने के लिए निकल जाते। आज नेहा बहुत खुश रहती है, क्योंकि आज उसका दिलदार, उसका प्यार, मोहब्बत उसके पास है। शाम को नेहा जब अपने मकान में पहुँचती है तो वह पूरी बात संगीता को बताती है। इधर शरद भी खुश रहता है क्योंकि उसने अपनी परेसानी का हाल निकल लिया है। शरद अब रात भर नेहा के ख़यालो में डूब कर चैन की नींदद सोता है, पर उसकी यह खुशी बस थोडे ही दिनो की रहती है।
अब नेहा रोज शरद से मिलने की लिए कोचैंग के बहाने आया करती थी। जो पढ़ाई कभी एक घंटे में ख़तम हो जया करती थी अब उसके दो से तीन घंटे लग जया करते थे। नेहा के पढ़ने का तरीका भी बदल गया था, स्टडी टेबल से वो बिस्तर में आ गयी थी, नेहा शरद के अप्पर लेट जया करती थी और सोए रहती थी। वक़्त गुज़रता गया नेहा और शरद के बीच लाज़ के पर्दे भी हटने लगे, दोनो घंटो लेटें रहते।
नेहा के रोज शरद के यहाँ आने से शरद और पिंकी की मिलना जुलना और शरद के पिंकी के कमरे में आना और जाना तथा उसके बच्चे रोहित से खेलना बढ़ गया, लेकिन जब भी शरद पिंकी के सामने होता पिंकी का नंगा बदन उसके आँखों के सामने झूलता रहता। कम से कम रोहित के बहाने ही सही पिंकी के चेहरे का दीदार हो जाता था।


 एक बार पिंकी, नेहा और संगीता किसी टूरिस्ट प्लेस में मौज मस्ती करने की योजना बनाई, और साथ में यह भी फ़ैसला हुआ की शरद, मोहन (पिंकी का हज़्बेंड), जीतू (संगीता का प्रेमी) भी उनके साथ चॅलेंज। इनका 6 लोगो का एक अच्छा ग्रूप बन गया। उन्होने एक तारीख को फाइनल किया ट्रेन में रिज़र्वेशन भी करा लिया और यह तय हुआ की मोहन और जीतू उनसे स्टेशन पर मिलेंगे जब की शरद और तीनो लड़कियाँ स्टेशन तक एक टॅक्सी करके जाएँगे। सभी के सभी टूर में जाने के लिए बहुत खुश थे, पर उनके टूर पर जाने से पहले शरद और पिंकी के बीच एक सेक्सी घटना घटी।
करीब 4 दिन पहले सनडे के दिन शरद टूर के लिए अपना समान, केमरा को देख रहा था, तभी उसके दिमाग़ में विचार आया की क्यों ना इसे एक बार पिंकी को दिखा दिया जाए। वह केमरा के लेकर पिंकी के कमरे की ओर चला गया, पिंकी का कमरा खुला हुआ था, शरद अंदर आ गया। पिंकी उसे कमरे में नही दिखी उसने सोचा की शायद वह कहीं बाहर में हो पर उसके बेटा रोहित वहीं पर खेल रहा था। शरद रोहित के पास बैठकर उसकी फोटो खीचने लगा, बड़ी मुस्किल से 4 से 5 फोटो खीचा ही था की बाथरूम के दरवाज़े की सिटकिनी की आवाज़ आई। शरद ने देखा पिंकी बाथरूम से बाहर निकल रही रही है, पिंकी ने सिर्फ़ एक चड्डी पहनी हुई थी और टावेल को अपने बालो में बांध के रखी थी, जैसा की उसने अपनी बाल धोया हो। पानी से भीगा हुआ पिंकी का बदन बड़ा सेक्सी लग रहा था, शरद जो रोहित के पास बैठ था उठ खड़ा हुआ और वह अपनी नज़रों से एक टक देखने लगा, अभी पिंकी का पीठ शरद की तरफ था इसलिए पिंकी ने शरद को नही देखा था।
पिंकी अपने कपड़ो को लेने के लिया वह मुडी और उसकी नज़रें शरद पर पड़ी, और फिर तुरंत उसने अपने आप को देखा की बिल्कुल नंगी एक दूसरे आदमी के सामने खड़ी है। शरद ने पिंकी के ब्रेस्ट को स्पस्ट सामने देखकर उसकी नज़रें उस पर अटक गयी। पिंकी ने तुरंत ही टावेल को सिर से खोल कर अपने स्तनो को ढ़कने का प्रयास की पर तब तक बहुत लेट हो चुकी थी, क्योंकि शरद सब कुछ देख चुका था। पिंकी अपने खुले हुए गीले बालो में और वह भी सिर्फ़ एक टावेल में बहुत सेक्सी और कामुक लग रही थी। शरद तो पिंकी ऐसी हालत में देख कर अपने आप को भूल गया था। उसके मूह से आवाज़ नही निकल रहा था।

 शरद के मूह से अचानक, “आप बिना कपड़ो के बहुत सेक्सी लग रहीं थीं, मेरा मन कर रहा था कि तुरंत आकर आपसे लिपट जाऊ ।
पिंकी अअअअआप,,,,,,,,,,,मेमेरे,,,,,,,,,,,, कमरे में क्या कर रहे हो, किसी औरत के कमरे में ऐसे चले आना अच्छी बात नही है, तुरंत यहाँ से जाइए
पिंकी ऐसा बोलते हुआ वापस बाथरूम में घुस गयी और दरवाजे के आड़ से बात करने लगी। पर, शरद के दिमाग में अलग ही बात चल रही थी।
शरद मैं,,,,,,,,,,,,,,, मैं तो आपको यह केमरा दिखाने आया था।
पिंकी बाथरूम के दरवाजे के आड़ से ही पर क्यों दिखाने आए थे
शरद टूर में यह काम आएगा इसलिए
पिंकी मैने आपका केमरा देख लिया अब आप जाइए, मुझे कपड़े पहनने दो।
शरद आप कपड़े पहन लीजिए, मैं यहीं पर आपका वेट कर रहा हूँ
पिंकी पर मेरे कपड़े वहीं पर है प्लीज़ आप यहाँ से जाइए मैं कपड़े पहन लूँगी ।
शरद ने पिंकी के कपड़ो को अपने हाथों से उठाया और पिंकी की तरफ आगे बड़ा, पिंकी के पास जाकर कपड़े को देते हुए बोला।
शरद आप अपने कपड़े पहन लीजिए, और अगर आप बुरा ना माने तो मैं थोडी देर में आपके पास आता हूँ
पिंकी ने कहा थॅंक यु आज आप ने मेरा मान रख लिया, आप यहीं पर रोहित के पास बैईठये, मैं अभी तैयार होकर आती हूँ।
शरद वहीं पर बैठ गया और रोहित के साथ खेलने लगा। कुछ देर में पिंकी भी अपने कपड़े को पहन कर आ गयी। चूँकि शरद ने पिंकी को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देख लिया था इसलिए पिंकी अब किसी चीज़ छुपाने की ज़रूरत नही समझी । पिंकी ने शॉर्ट सिल्की गाउन पहने हुई थी, गाउन बड़ी मुस्किल से उसके घुटनो तक हो रही थी, और ऊपर से गाउन में स्लीव्स भी नही थे, पीठ भी आधा खुला दिख रहा था, और गाउन के अंदर उसने सिर्फ़ अपनी चड्डी ही पहनी थी। उसके निपल्स गाउन के ऊपर से स्पस्ट दिख रहे थे। इस गाउन में वह पूरी तरह से सेक्सी लग रही थी। पिंकी ने सोचा कि शरद अगर चाहता तो वह पिंकी साथ उस समय कुछ भी कर सकता था लेकिन उसने ऐसा कुछ नही किया इसलिए पिंकी के मन में उसका मान बड़ गया होगा। पिंकी गाउन में बाहर निकली और शरद तथा रोहित जहाँ पर बैठे थे वहीं पर वो भी आ गई। पिंकी अपने गाउन बहुत सेक्सी लग रही थी।

शरद “सॉरी मुझे ऐसे आपके कमरे में ऐसे नहीं आना चाहिए था, पर क्या करूँ मुझे लगा यह केमरा ट्रिप के लिए कैसे यह सोच कर मैं दिखाने आ गया” शरद और पिंकी एक दूसरे से आँख मिला कर बात नही कर पा रहे थे, पिंकी की नज़रे रोहित पर थी जबकि शरद की नज़र पिंकी के सीने पर। पिंकी “आपकी भी पूरी ग़लती नही है मुझे भी कपड़े बाथरूम के अंदर पहने चाहिए थे, खैर इन बातो को छोड़िए आप वो केमरा दिखाइए” शरद ने केमरा पिंकी की तरफ खिसका दिया, पिंकी ने केमरा चालू किया और उसे खीचे हुए फोटो को देखने लगी, आखरी में रोहित के भी फोटो थे जिसे शरद ने तुरंत लिया था। पिंकी “इसके फोटो काफ़ी सॉफ है, केमरा अच्छा है आप इसे ज़रूर रखना” शरद “एक और बात बोलू” पिंकी “हाँ,,,,, हाँ क्यो नही” शरद “आप बिनो कपड़ो के बहुत सेक्सी लग रहीं थी, मन कर रहा था की तुरंत जाकर लिपट जाओं” पिंकी कुछ नही बोली बल्कि चुप थी। वह वहां से उठी और रोहित को साथ लेकेर अपने बेडरूम में चली गई। शरद को लगा शायद वह नाराज़ हो गई। शरद भी उठा और उनके बेडरूम के दरवाज़े तक गया। शरद “लगता है मेरी बातों से आप नाराज़ हो गई है” पिंकी रोहित को सुलाकर बेडरूम से बाहर निकल रही थी पिंकी का पावं एक खिलौने पर पड़ा जिसके कारण वह फिसल गई, लेकिन शरद जो वहीं दरवाज़े के पास था उसने पिंकी को गिरने से बचाने के लिए उसे अपने हाथों से थामने की कोशिश की। पर गलती से शरद के हांथ पिंकी के स्तनो को चले गये, और पिंकी को गिरने से बचाने के लिए शरद को उसके स्तनो को जोर से पकड़ना पड़ा, लेकिन फिर भी पिंकी शरद के ऊपर गिर गई। पिंकी अब शरद के सीने पर आ गई थी और शरद के हाथ उसके दोनो स्तनो पर थे। यह सब इतनी जल्दी में हुआ की पिंकी बचने के लिए कुछ और ना कर पाई। पिंकी को यह अहसास हो रहा था की शरद के दोनो हांथ उसके स्तनो को मजबूती से पकड़े हुए है, और दोनो के होंठ, आँखे बिल्कुल एक दूसरे के आमने सामने को थे। पिंकी ने कहा “प्लीज़ अपने हाथों से मेरे स्तन को छोड़ दो मुझे अजीब सी अहसास हो रही है” शरद ने उसके स्तनो को छोड़ दिया, शरद के हाथ ही पिंकी को ऊपर उठा के रखे हुए था, उसके हांथ हटाने से पिंकी शरद के ऊपर उसके सीने पर आ गयी और पिंकी के होंठ शरद के होंठो से सीधे संपर्क में आ गया। पिंकी के शरीर की गर्मी ने शरद को उत्तेजित कर दी,और शरद ने पिंकी के होंठो को चूमना शुरू कर दिया, पिंकी भी अपने आप को भूल कर शरद का साथ दे रही थी, दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमे जा रहे थे, कभी पिंकी के जीभ शरद के मूह के अंदर जाकर रास्ता तलास्ते तो कभी शरद के जीभ। यह क्रम चल रहा था दोनो रुकने का नाम नही ले रहे थे। पिंकी एक प्यार की भूखी औरत की तरह शरद के होंठो को चूम रही थी।  


 पिंकी अब शरद के सीने को चूमने लगी, उसने शरद के दोनो निप्पलें को बारी बारी चूमने लगी, शरद उत्तेजित हो रहा थे, शरद का लंड खड़ा हो गया था, पिंकी ने उसके कठोर लंड को अपनी हाथो से पकड़ कर उसे भी चूमने लगी, शरद की उत्तेजना चरम पर थी। पिंकी उसके लंड को मूह के अंदर डालकर चूसने लगी, शरद की साँसे बड़ गयी थी, और उसकी उत्तेजना की चरम पर लंड से एक पिचकारी की धार फेंकी जो सीधे पिंकी के मूह पर पड़ी।
शरद अब ऊपर आ गया था और पिंकी नीचे, शरद ने पिंकी के शरीर का एक मात्र कपड़ा उसके गाउन को उतार कर फेंक दिया। पिंकी शरद के सामने निर्वस्त्र लेती हुई थे, शरद ने अपने दोनो हांथो से उसके दो स्तनो को धीरे धीरे मसलने लगा, पिंकी ने अपनी आँखें बंद कर ली थी और करहा रही थी। शरद स्तनो को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा, फिर उसने अपने मूह से एक स्तन के निपल को चूसने लगा जबकि दूसरे स्तन पर उसका एक हांथ अभी भी मसलने का काम कर रहा था। शरद ने निपल को और दबाकर चूसने लगा, अब दूसरे स्तन के निपल को चूसने लगा। पिंकी के साँसें तेज हो गयी थी और वह ज़ोर से करहने लगी। पिंकी से ये सब बर्दाश्त नही हो रहा था और अपनी चड्डी निकल कर फेंक दी।
पिंकी शरद अब मुझे और ना तड़पाव, प्लीज़ अपने कठोर खड़े लंड मेरे अंदर करो
शरद ने अपनी अंडरवेर निकल ली और अपने समान को अंदर घुसने का प्रयास किया, पर पहली बार में उसका लंड कहनी और चला जाता था। आखिकार एक दो कोशिश में उसको सही जगह मिल ही गया। जैसे ही शरद का लंड को रास्ता मिला उसने एक ज़ोर से धक्का दिया और लंड पिंकी के चुत में समा गया। पिंकी के मूह से एक ज़ोर के चीख निकली और उसे दर्द में उसने शरद को ज़ोर से पकड़ लिया। शरद अब अपने समान को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। पिंकी अपने सपनो के संसार में डूबकर गोते लगा रही थी और बीच बीच में बोले जा रही थी।
पिंकी शरद और ज़ोर से ,,,,,,और ज़ोर से मुझे आज चोद डालो
शरद हाँ जानेमन आज मैं कोई कसर नही छोडूंगा।
शरद इन अपनी रफ़्तार बड़ा दी थी, कमरे में पिंकी की सिसकियों की आवाज़ और फक फक.....गूँज़ रही थी।
पिंकी और ज़ोर से करो ऐसा लग रहा जैसे बस मैं अपने चरम पर हूँ
पिंकी आह,, आह,,,,आहहहहहहहह,,,,,आआआ,,,,,,. आहहहहहहह,,,,,,.आआह,,,,,,आआहहहहहह प्लीज़ मुझे चोदो और चोदो और
शरद बस मुझे पकड़ के रखो मैं भी बस ख़त्म होने वाला हूँ
थोड़ी ही देर में शरद ने अपनी वीर्य को एक बार फिर फेंका, लेकिन इस बार वह सीधे पिंकी के चुत के अंदर गया और शरद पस्त होकर पिंकी के ऊपर लेट गया। कुछ देर तक दोनो ऐसे ही लेटे रहे, जब शरद कर लंड सामान्यहो गया उसने अपने समान को बाहर निकाला। पिंकी और शरद बुरी तरह से थक गये थे इसलिए शायद उन दोनो की नींद लग गयी। करीब 1 घंटे में पिंकी के नींद खुली तो उसने देखा की वह बिल्कुल नंगी शरद के बगल में सोई हुई है। उसने तुरंत ही दूसरा गाउन पहन लिया जो उसके शरीर को सिर से पावं तक ढक रही थी। पिंकी ने शरद को भी उठाया और फिर पिंकी खाना पकाने लगी।
आज शरद पहली बार पिंकी के यहाँ खाना खा रहा है। पिंकी आज बहुत खुश थी क्योंकि बड़े दीनो बाद आज उसे लंड का सुख मिला था। इसलिए वह खाना के समय शरद को देख कर मुस्करा रही थी। खाना के बाद पिंकी ने शरद को उसी के यहाँ रुकने के लिए माना लिया और दोनो एक बार फिर हमबिस्तर हुए। एक बार फिर पिंकी ने शरद के साथ कामसुख का भोग किया।

 नेहा रोज की तरह आज भी शरद के पास अपने क्लास के लिए आई, पर आज शरद कमरे में नहीं था। नेहा इन शरद को इधर उधर ढूंढा पर वह कहनी पर भी नहीं मिला। शरद पिंकी के कमरे में बैठा हुआ था, नेहा पिंकी के पास मिलने चली आई, पर शरद तो यहाँ पर बैठा था। नेहा ने शरद को पिंकी के यहाँ कभी नहीं देखा था इसलिए उसको थोड़ा अचराज़ हुआ। नेहा कुछ देर तक पिंकी और शरद के साथ बैठी थी फिर वह आज जल्दी चली गयी। नेहा के जाने के बाद पिंकी ने शरद से कहा:
पिंकी “नेहा बहुत अच्छी लड़की है, उसका साथ कभी मत छोड़ना ।”
शरद “मैं आपकी बात समझा नहीं,,,,।”
पिंकी “जानबुझकर अंजान मत बनो, नेहा आपको बहुत पसंद करती है और आपसे ही शादी करने के सपने देख रही है। नेहा ने एक दिन अपने दिल बात मुझको बताई थी। आज हम दोनो के बीच जो भी हुआ उसे नेहा को मत पता चलने देना नहीं तो आपकी बनती हुई बात भी बिगड़ जाएगी,,,,,,,,,,,”
शरद ने कुछ नहीं कहा वह चुप रहा पिंकी की सारी बातों को ध्यान से सुन रहा था। शरद ने पिंकी इन बातों को सुनकर वह अपने कमरे में चला गया और आराम करने लगा।
शरद के जाने के बाद पिंकी अब अकेली बैठी थी और अपने आप से कुछ-कुछ बोलने लगी “मैने आज उत्तेजना में आकर ग़लत काम कर दिया है, मुझे और शरद को सोना नहीं चाहिए था पर पता नहीं उस वक़्त मुझे क्या हो गे था मैं खुद को रोक नहीं पा रही थी। लेकिन आज मेरी तन की प्यास शांत हो गयी यह सुख तो मुझे कभी-कभी ही मिल पता है, मैं और मेरे पति कब से फिर एक साथ रहना शुरू करेंगें । तब तक मैं तड़प तड़प के मार ना जाऊ ।” पिंकी ने अचानक देखा की शरद कैमरा वहीं पर भूल कर चला गया था।
शरद घर आकर पिंकी की बातों को सोचने लगा, शायद उसे नेहा से यह बात नहीं बतानी चाहिए। इन्ही बातों को विचार करते हुआ शरद को याद आया की वह कैमरा तो पिंकी के पास ही भूल गया है। फिर उसने सोचा की कैमरा पिंकी के पास सुरक्षित रहेगा इसलिये उसे चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।


अगले दिन सोमवार था, अभी टूर के लिए 3 दिन और बाकी थे, सब कोई अपने ऑफीस चले गये और फिर शाम को वापस आकर टूर की तैयारी के लिए प्लॅनिंग करने लगे। नेहा, संगीता, पिंकी और शरद सब मिलकर शरद के कमरे में बातें कर रहे थे, जब सभी प्लॅनिंग हो गयी उसके बाद सभी निश्चिंत होकर अपने-अपने घरो को चले गये। करीब रात के 11 बजे शरद के दरवाजे की खड़कने की आवाज़ आई। शरद ने जब दरवाजा खोला तो देखा पिंकी कमरे के बाहर खड़ी है। पिंकी ने अभी उसी दिन वाली नाइट गाउन पहन रखी है। दरवाजा खुलते ही पिंकी कमरे के अंदर आ गयी, उसके हांथो में शरद का कैमरा भी था।
पिंकी “ये लीजिए आपका कैमरा, यह उस दिन मेरे पास ही रखा हुआ था”
शरद ने आश्चर्य हो कर कहा “सिर्फ़ इस कैमरा को देने के लिया आप आई है”
पिंकी “एक और बात है,,,,,,,,,,,,,मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए आपके पास कुछ समय गुजरने के लिए आ गयी”।
शरद ने पिंकी को अपने बेडरूम के अंदर लाकर पलंग पे बिठाया। पिंकी जब पलंग पर बैठी थी तब उसका गाउन उसके जाँघो को ढँक नहीं पा रहा था, पिंकी के गोरे गोरे जाँघ को देखकर शरद का मान उसकी चिकनी गोरी गोरी जाँघ को छुने के बेकरार हो गया।
शरद “रात के 11 बजे कोई आपो मेरे यहाँ देख लेगा तो क्या समझेगा।”
पिंकी “इस घर के सभी लोग अब तक सो चुके है”
शरद ने कमरे के सभी लाइट्स और बल्ब्स जला दिया, अब उसका कमरा दिन के समान जगमगा रहा था।
पिंकी “सारे लाइट्स क्यों चलो कर दिए”
शरद “अभी बताता हूँ” शरद ने पिंकी के कलाई को पकड़ कर उसे दीवार से सटकर खड़ा कर दिया, और उसने अपने कैमरा ऑन कर दिया, “चलो मैं आपकी कुछ फोटो लेता हूँ”
पिंकी “नहीं नहीं ऐसे कपड़ो में नहीं, मेरे पास कुछ और अच्छे ड्रेस है मैं उनको पहनकर आती हूँ”
शरद “इस नाइट गाउन में आप बहुत सेक्सी लग रही है, इसमे भी फोटो अच्छी आएगी”
पिंकी “फिर भी मुझे अच्छा नहीं लग रहा है, कम से कम कुछ ड्रेस को लेकर आती हूँ आप जिसे बोलोगे मैं उसे पहनूँगी”
ऐसे बोलते हुए पिंकी हुआ से तुरंत चली गयी और कुछ देर बाद 2-3 ड्रेस लेकर वापस आ गयी।
पिंकी “ये देखिए इनमे से किस ड्रेस मैं अच्छी लागूंगी”
शरद ने कपड़ो में से एक जीन्स और टॉप्स को निकाला और बोला “पहले राउंड के लिए ये पहनो”
पिंकी ड्रेस चेंज करने के लिए बाथरूम जाने लगी।
शरद ने रोककर कहा “अंदर जाकर ड्रेस चेंज करने की ज़रूरत नहीं, यहीं पर चेंज कर लो, वैसे भी मुझसे क्या छिपा है।
पिंकी “नहीं मुझे शर्म आएगी” ऐसा बोलते हुए वह बाथरूम में चली गयी और तुरंत ही जीन्स और टॉप्स में बहार आई।”
शरद “आप इस जीन्स और टॉप्स में एक दम हिरोईन लग रही हो, टूर में इसी ड्रेस को पहनना”
शरद ने पिंकी बहुत सारे फोटोग्राफ्स लिया, उसके बाद शरद इन पिंकी के कपड़ो के एक-एक कर के उतारने को कहा, लेकिन पिंकी ने इसमे आपत्ति जताई, पर शरद ने समझाया, की ऐसे फोटो में वह और भी हॉट और बोल्ड लगेगी। पिंकी मान गयी। 

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