Monday, June 2, 2014

FUN-MAZA-MASTI कभी सोचा भी ना था--1

FUN-MAZA-MASTI

 कभी सोचा भी ना था--1

 बात कुछ महीने पहले कि है मेरी बुआ के घर उसकी बेटी शादी थी, हम सब को बुआ के घर जाना था। शादी के लिए नए कपड़े चाहिए थे, तो मैंने मम्मी से नए कपड़े के लिए कहा।
उन्होंने कहा- ठीक है।
फिर मम्मी और मैं नए कपड़े लेने के लिए मार्किट गए। मम्मी ने अपने लिए साड़ी ली, पर मुझे समझ नहीं आ रहा थी कि मैं क्या खरीदूँ..!
तब मैंने मम्मी से कहा- मम्मी, क्यूँ न मैं भी साड़ी ही खरीद लूँ क्योंकि मुझे साड़ी पहनने का मन है।
तो मम्मी ने कहा- ठीक है, तुम भी साड़ी ही ले लो।
तब मैंने गुलाबी रंग की एक सुन्दर सी साड़ी खरीदी और हम घर आ गए।
अगले दिन मैंने मम्मी से कहा- मम्मी में इस साड़ी का ब्लाउज कहाँ सिलवाऊँ?
तो मम्मी ने कहा- यहीं अपने घर के पास जो मास्टर जी हैं, उन्हीं से सिलवा लो।
तब मैंने कहा- नहीं.. नहीं.. मैं तो किसी बुटीक में डिजाइनर ब्लाउज सिलवाऊँगी।
तो मम्मी ने कहा- ठीक है तुम्हें जैसा करना है.. कर लो।
तब मैंने अपनी एक सहेली को कॉल किया और उससे एक बुटीक का पता लिया।
अगले दिन में उस बुटीक में गई, वो बहुत बड़ा बुटीक था। बुटीक में एक लड़का बैठा था, उसकी उम्र कुछ 25-26 की थी।
उसने मुझे से कहा- कैन आई हेल्प यू मैम?
मैंने उससे कहा- मुझे ब्लाउज सिलवाना है।
तो उसने मुझे से ब्लाउज का कपड़ा माँगा, मैंने उसे कपड़ा दिया।
उसने मुझसे पूछा- मैम आपको ब्लाउज कब तक चाहिए?
तो मैंने कहा- कल शाम तक आप सिल कर दे दीजिए।
उसने कहा- ठीक है मैम, हो जायेगा।
फिर उसने मुझे से नाप के लिए कोई ब्लाउज माँगा।
तो मैंने कहा- मेरे पास कोई नाप नहीं है.. मैं पहली बार साड़ी पहन रही हूँ मेरी बुआ की बेटी की शादी है.. इसलिए कुछ अच्छी सी डिजायन का ब्लाउज सिलवाना चाहती हूँ।
तो उसने कहा- मैं आपका ब्लाउज बिना नाप के कैसे सिलूँगा..!
मैं चुप खड़ी थी।
फिर उसी ने कहा- रुकिए मेम, मेरे पास कुछ ब्लाउज हैं, आप उन्हें पहन कर देख लो.. अगर उनमें से कोई आप को फिट हो गया तो मैं उसी के नाप का सिलवा दूँगा।
उसने मुझे 4-5 ब्लाउज दिए। मैंने ट्राई-रूम में उन्हें पहन के देखा, पर एक भी मुझे फिट नहीं हो रहा था, तब मैंने उसे कहा- आप मेरा नाप ले लो।
तब उसने टेप निकाला और नाप लेने मेरे पास आया।
उसने मुझे से कहा- मैम, आप अपने हाथ ऊपर करें।
मैंने अपने हाथ ऊपर किए और वो मेरा नाप लेने लगा।
नाप लेते हुए जब उसके हाथ मेरे मम्मों पर पड़े, तो मेरे अन्दर एक अजीब सी झनझनाहट हुई, पर मैंने उसे कुछ नहीं कहा।
मुझे विरोध न करता देख उसने फिर एक बार मेरे मम्मों को जोर से दबा दिया।
तब मेरे मुँह से एक जोर की ‘आह्ह्ह’ निकली और मैंने उससे कहा- जरा धीरे करो मुझे दर्द हो रहा है।
उसने मेरा नाप लिया फिर एक तरफ खड़ा होकर कुछ सोचने लगा।
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
तो उसने कहा- मैम, मैंने नाप तो ले लिया है पर…!
तब मैंने कहा- क्या पर…?
तो उसने कहा- ब्लाउज की फिटिंग तो मैं कर दूँगा पर मैं आपको उसकी गोलाइयाँ ठीक से नहीं दे पाउँगा, क्योंकि उसका नाप मैं कैसे लूँ?
तब मैंने उस का हाथ पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिया और कहा- लो अपने इस हाथ से मेरी गोलाई को नाप लो।
तब उसने अपना दूसरा हाथ भी मेरे मम्मों पर रखा और हाथों को थोड़ा इधर-उधर करके मेरे मम्मों को सहलाने लगा।
फिर मैंने कहा- अब मेरा ब्लाउज ठीक से बनना चाहिए.. नहीं तो मैं पैसे नहीं दूँगी।
मैंने तिरछी नजरों से देखा तो उसकी पैन्ट में लंड का उभार साफ दिखाई दे रहा था।
उसका मेरे मम्मों को दबाना मुझे अच्छा लग रहा था।
फिर मैंने उसके हाथों को अपने मम्मों पर से हटाया और कहा- मुझे कल शाम को आप ब्लाउज को सिल कर मेरे घर भिजवा दीजिएगा।
और मैंने उसे अपने घर का पता दे दिया।
उसने कहा- कल मैं खुद ही देने के लिए आ जाऊँगा।
फिर मैं घर आ गई।
जब मैं घर आई तो मम्मी ने मुझे बताया कि रोमा हमें कल सुबह ही तुम्हारी बुआ के घर जाना है, वहाँ शादी के बहुत काम हैं।
मैंने मम्मी से कहा- पर मम्मी मेरी साड़ी का ब्लाउज अभी तक सिला नहीं है, वो तो कल शाम तक ही सिल कर मिलेगा।
“हम्म..!”
फिर मैंने मम्मी से कहा- मम्मी, आप और पापा कल सुबह चले जाओ, मैं परसों आ जाऊँगी। वैसे भी शादी में अभी 4 दिन बाकी हैं। मैं कल से ही जाकर क्या करुँगी..!
तब मम्मी ने कहा- ठीक है, मैं और तेरे पापा चले जाते हैं, तू बाद में आ जाना।
अगले दिन मम्मी पापा चले गए। मैं घर में अकेली थी, तभी मुझे बीते कल की याद आई कि कैसे वो बुटीक वाला लड़का मेरे मम्मों को दबा रहा था।
मुझे वो सोच-सोच कर बहुत अच्छा लग रहा था।
शाम को घर के दरवाजे की घंटी बजी, मैंने जाकर दरवाजा खोला, तो वही बुटीक वाला लड़का था।
मैंने उसे कहा- ओह्ह.. आप.. मैं कब से आपका ही इन्तजार कर रही थी।
मैंने उसे अन्दर बुलाया और बिठाया।
फिर मैंने उससे पूछा- बताइए क्या लेंगे आप..!
उसने मुझ से पानी माँगा, मैंने उसे पानी लाकर दिया।
उसने मुझसे पूछा- क्या आप अकेले रहती हो?
तब मैंने उसे बताया कि मम्मी-पापा आज सुबह ही बुआ के घर चले गए हैं। मुझे ब्लाउज लेना था, इसलिए मैं अभी नहीं गई हूँ।
उसने मुझे एक बैग दिया, जिसमें ब्लाउज था।
मैंने उसे ‘थैंक्स’ कहा.. क्योंकि उसने इतने कम टाइम में मुझे ब्लाउज सिल कर दिया।
तो उसने कहा- इसमें थैंक्स की कोई बात नहीं है, यह तो मेरा काम है।
फिर उसने मुझसे कहा- मेम आप एक बार ब्लाउज को पहन कर देख लीजिए.. कुछ गड़बड़ हुई तो मैं उसे ठीक कर दूँगा।
तब मैंने कहा- ठीक है मैं अभी पहन कर देख लेती हूँ !
और मैं वो बैग लेकर अन्दर कमरे में गई।
मैंने उस टाइम टी-शर्ट और घुटनों तक का स्कर्ट पहनी हुई थी, तो मैं अपनी टी-शर्ट उतार कर वो ब्लाउज पहन कर ड्रेसिंग टेबल के सामने देखने लगी कि मैं कैसी लग रही हूँ।
ब्लाउज बहुत ढीला था, मुझे बहुत गुस्सा आया कि इतना कहने के बाद भी ब्लाउज ठीक से नहीं सिला था। तभी मैंने ड्रेसिंग टेबल के आईने में देखा कि वो लड़का मेरे पीछे खड़ा था।
मैंने अपना मुँह उसकी तरफ घुमाया और उससे कहा- देखो, यह क्या सिला है तुमने..! इतना ढीला है ये..! ज़रा सी भी फिटिंग नहीं है इसमें..!
और मैंने वो ब्लाउज उतार कर उसके मुँह पर फेंक दिया और मैं अब उसके सामने ब्रा और स्कर्ट में खड़ी थी, वो मुझे एकटक घूरे जा रहा था।
फिर मैंने उससे कहा- अब ऐसे क्या देख रहे हो..! ठीक करके दो इस ब्लाउज को मुझे..!
वो अभी भी मुझे एकटक देखे जा रहा था, जैसे वो मेरी बात ही न सुन रहा हो। फिर मुझे ध्यान आया कि मैं सिर्फ ब्रा और स्कर्ट में उसके सामने खड़ी हूँ इसलिए वो मुझे घूर रहा था तो मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट पहनी।
उसने ब्लाउज को उठाया और मुझसे कहने लगा- मैम, ठीक से नाप न होने के कारण ब्लाउज सिलने में ग़लती हो गई होगी। आप मुझे यह ब्लाउज फ़िर से पहन कर बताइए ताकि मैं देख सकूँ कि इसमें क्या कमियाँ हैं।
तब मैंने उससे कहा- ठीक है तुम बाहर जाओ, मैं पहनती हूँ।
तो वो कहने लगा- मैं बाहर चला जाऊँगा तो मैं आप को देखूँगा कैसे..? मैं यहीं हूँ, आप मुझे पहन कर बताइए।
तब मैंने उससे ब्लाऊज़ लिया अपनी टी-शर्ट उतार कर ब्लाउज पहना और उसे दिखाते हुए कहा- देखो, यह कितना ढीला है।
तब उसने कहा- हाँ है.. मुझे से गलती हो गई है, मैं उसे ठीक करवा दूँगा। मैं फ़िर से नाप ले लेता हूँ और वो मेरे पास आया और मेरी पीठ के पास जहाँ ब्लाऊज़ का हुक था, उस पर हाथ रख कर उसने मुझ से कहा- मैं ब्लाउज को पीछे खींच कर टाईट करता हूँ आप देखिएगा कि आपको कितनी फिटिंग चाहिए..!
अब उसके हाथ मेरी पीठ घूमने लगे थे। फ़िर उसने अपने दोनों हाथ को मेरी दोनों हाथों के बगल के नीचे से लाकर मेरे मम्मों पर रखे और उन्हें धीरे-धीरे दबाने लगा।
उसका यूं मेरे मम्मों दबाना मुझे अच्छा लग रहा था।
उसने मुझे अपने से इस तरह चिपका लिया था कि उसका खड़ा लंड मेरे चूतड़ों की दरार में घुसने लगा। वो मेरे मम्मों दबाए जा रहा था और मैं भी अब गर्म होने लगी थी।
फ़िर उसने धीरे से ब्लाउज के हुक खोल कर ब्लाउज को निकाल फेंका और मुझे कहने लगा- मैम, आपको पता नहीं है कि आपके ये कबूतर कितने सेक्सी हैं बहुत नर्म-नर्म हैं ये..!
और फ़िर से मेरे मम्मों दबाते हुए मेरी गर्दन पर चुम्बन करने लगा।
मैं उससे कहने लगी- देखो ऐसा मत करो..
तो उसने कहा- मैम, मुझे पता है कि यह आपको भी अच्छा लगा रहा है, तो प्लीज़ आप इसके मजे लो।
फिर उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरे होंठों को चूसने लगा और मुझे दीवार से टिका दिया। मुझे भी अच्छा लगने लगा तो मैंने अपने आप को उसे सौंपते हुए मैं भी उसके होंठों को चूसने लगी।
कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही एक-दूसरे के होंठों को चूमते रहे। फ़िर उसने मेरी ब्रा को नीचे कर के मम्मों को बाहर निकाल कर एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा तथा दूसरी चूची को हाथ से दबाने लगा।
मैं अब और ज्यादा गर्म हो गई और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।
मैं अपने हाथ को उसके सिर के बालों में घुमा रही थी, कभी वो मेरी एक चूची को चूसता तो कभी दूसरी चूची को..
फ़िर वो धीरे-धीरे नीचे जाने लगा, मेरी नाभि में अपनी जुबान डाल कर उसे भी चूमने लगा।
अब वो अपने घुटनों के बल बैठ गया था और मेरी जाँघों पर हाथ फिराने लगा। फ़िर उसने अपने हाथों को मेरी स्कर्ट के अन्दर डाल दिया और मेरी चूत को पैन्टी के ऊपर से ही सहलाने लगा।
अचानक उसने मेरी स्कर्ट के अन्दर अपना सिर डाल दिया और पैन्टी के ऊपर से ही चूत को चूमने लगा। उसकी इस हरकत से मेरी पैन्टी गीली हो गई थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
फ़िर उसने अपने दोनों हाथों को मेरी पैन्टी की इलास्टिक में फँसाया और उसने पैन्टी को नीचे सरकाने की कोशिश करने लगा, मगर मैंने पैर अच्छी तरह भींच लिए कि पैन्टी जरा भी नहीं खिसके।
अब वह जीभ से पैन्टी के ऊपर से ही चूत को इस कदर तेजी से सहलाने लगा कि मैंने अपने आप को ढीला छोड़ दिया।
उसने अब एक उंगली पैन्टी के बाजू से चूत के छेद पर रखकर धीरे से दबाव बनाया तो उंगली चूत के अन्दर चली गई। उंगली को वह अन्दर-बाहर इस तरह से कर रहा था कि साथ में मेरी चूत के दाने को भी रगड़ मिल रही थी।
वो यह सब मेरी स्कर्ट के अन्दर ही कर रहा था। मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। बस मैं महसूस कर रही थी कि वो क्या-क्या कर रहा है।
मैंने अपने पैरों को ढीला कर दिया था, तो उसने पैन्टी थोड़ी नीचे करके चूत के ऊपरी भाग पर होंठ रख दिए।
मैं अनियंत्रित सी हो गई तथा मैं उसके सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।
उसने मौका देख पैन्टी को पूरा नीचे सरका दिया और मेरे पैरों से उसे निकालने लगा। तो मैंने भी उसका साथ देते हुए अपने पैरों में से पैन्टी को निकालने में उसकी मदद की और फिर वो चूत को जीभ से सहलाने लगा।
वो जोर-जोर से मेरी चूत में अपनी जीभ डाल रहा था और मेरी चूत को चूसे जा रहा था। मैं पागलों की तरह सिसकारियाँ ले रही थी और उसके सिर को अपनी चूत पर दबाए जा रही थी।
कुछ देर वो चूत को चूसता ही रहा फ़िर वो खड़ा हो गया और अपनी टी-शर्ट उतारने लगा।
अब मैं अपने घुटनों पर बैठ गई और उसकी जींस के बटन को खोल कर जींस नीचे कर दिया।
तब मैंने देखा कि उसका लंड उसकी अंडरवियर में इतना बड़ा लग रहा था कि वो अभी अंडरवियर को फाड़ कर जैसे बाहर आ जाएगा। फ़िर मैंने उसकी अंडरवियर में हाथ डाल कर उसके लंड को बाहर निकाल लिया, बहुत ही मस्त और जानदार लंड मेरे हाथ लगा था।
फ़िर उसने अपनी जींस और अंडरवियर भी उतार दिया और मेरे शरीर पर जो ब्रा और स्कर्ट था उसने उसे भी उतार दिया।
अब हम दोनों ही पूर्ण नग्न हो गए थे। मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्यूँकि मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी थी।
वो बोला- देखो जान, बेशरम बन जाओ, तभी मज़ा ले सकोगी।
मैंने भी सोचा कि जब चुदवाना ही है तो शरमाना कैसा !
तो क्यूँ न बेशरम बन कर ही चुदवाऊँ !
तो फ़िर मैंने काँपते हाथों से उनका लंड पकड़ा, वो एकदम गर्म था, मैंने उसको अपने होंठों से लगाया।
मैंने उसके लंड को चारों तरफ चूमना शुरू कर दिया।
उसके मुँह से ‘ओह मेरी जान आ.. या..या बड़ा मज़ा आ रहा है..’ इस तरह के शब्द निकलने लगे।
मैंने उसके लंड की टोपी पर अपनी ज़ुबान रखी तो उसने मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुँह में अपना लंड ज़बरदस्ती घुसेड़ दिया।
उसकी ताक़त के आगे मैं कुछ नहीं कर सकी, उसका पूरा लंड एक झटके में मेरे हलक से जा टकराया।
मैंने लंड मुँह से निकालने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही।
वो बोला- अगर मैं जानता कि तू मुझसे चुदवाना चाहती है तो तुझे मैं अपने बुटीक में ही चोद देता..!
ऐसा कह कर वो अपना लंड मेरे मुँह में आगे-पीछे करने लगा। उसके झटकों से मेरी आँखों में आँसू आ गए लेकिन अब वो इंसान नहीं, जानवर बन चुका था। उसको मुझे तड़पता देख कर मज़ा आ रहा था।
वो बोला- अब तू मेरी ज़िंदगी है, मेरी जान है !
ऐसी बातें बोलते हुए उसकी स्पीड भी बढ़ गई और दस मिनट बाद ही उसके लंड ने मेरे मुँह में पहली बारिश की। मेरा पूरा मुँह उसकी मलाई से भर गया।
मैंने अपने मुँह से लंड निकालना चाहा लेकिन वो बोला- पी ले ! अब तो तू मेरी जान है, मैं जो कहूँगा, करना पड़ेगा तुझे !
मुझे उसका पूरा पानी पीना पड़ा।
अब मेरा मुँह बुरी तरह दुख रहा था, मैं चाहती थी कि वो मुझे चोदे लेकिन वो मुझे तड़पाना चाहता था।
वो चाहता था कि मैं उनसे बोलूँ कि मुझे चोदो।
उसका पानी निकलने के बाद उसका लंड ढीला हो गया।
वो बेड पर बैठ गया और मुझे अपने पैर पर ऐसे लिटाया कि उनका लंड मेरे मुँह के पास था।
मैं तो ऐसे ही उसके लंड को देख कर पागल हो गई थी, मैं उसके लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी और उससे मैंने पूछा- इतना कुछ हमारे बीच हो ग़या पर तुमने अपना नाम नहीं बताया?
तो वो कहने लगा कि तूने भी तो अपना नाम नहीं बताया।
तो फ़िर मैंने उसे अपना नाम बताया- मेरा नाम रोमा है..!
फ़िर उसने अपना नाम ‘आनन्द’ बताया।
फ़िर उसने मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराते हुए मेरी चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी। मेरे मुँह से सिर्फ़ ‘आहह’ की आवाज़ निकली।
वो बोला- तेरी चूत तो एकदम गीली है, लगता है मुँह में जो पानी डाला था वो तेरी चूत से निकल रहा है ! ज़रा बेड पर बैठ कर अपनी टाँगें तो फ़ैला..! मैं तेरी चूत को क़रीब से देखना चाहता हूँ।
मैं अब तक बिल्कुल बेशर्म हो चुकी थी। मैं उसके सामने बेड पर अपनी टाँगें फ़ैला कर बैठ गई।
वो मेरी गुलाबी चूत को देख कर बोला- बहुत प्यासी लग रही है ! लगता है काफी दिनों से नहीं चुदी है, इसकी प्यास और बढ़ाओ तो मज़ा आएगा..!
मुझसे नहीं रहा जा रहा था, मैं बोली- आनन्द, प्लीज़ मुझे चोदो ! मेरी चूत तुम्हारे लंड के पानी के लिए तरस रही है।
तो उसने कहा- इतनी जल्दी क्या है? अब तो तू आज पूरी रात के लिए मेरी है ! आज तुझे पूरी रात चोदूँगा और इतनी हसीन जान का इस्तेमाल इतनी जल्दी ठीक नहीं।
कुछ देर रुक कर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे। वो मेरी चूत सहलाता रहा और मैं उसका लौड़ा हिलाती रही।
आनन्द का लंड अब फिर से खड़ा होने लगा था, अबकी बार वो और डरावना लग रहा था। आनन्द अब मेरे बदन के बाकी हिस्सों को भी सहलाने लगा।
फिर खुद खड़ा होकर मुझे भी खड़ा होने को बोला और जब मैं उसके सामने खड़ी हुई तो मुझे बांहों में भर लिया और मेरे चूतड़ों को मसलने लगा।
उसके होंठ मेरे कान पर गए और चूसने लगे मेरी चूत लौड़ा माँग रही थी और बदन खुशी से मस्त हुए जा रहा था।
जो हो रहा था कभी सोचा भी ना था।
मेरे चेहरे के हर हिस्से में उस के होंठ की मोहर लग रही थी और होंठ के साथ आनन्द की जीभ भी अब साथ निभा रही थी।
मेरी आँखें इस स्वर्ग से सुख के मारे बन्द हो चुकी थीं और मैं आनन्द के प्यार को महसूस कर रही थी, जो मेरे बदन पर बहने लगा था।
अचानक से आनन्द ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और चूसने लगा।
मैं भी उसके होंठ काट कर चूसने लगी। अब मेरी चूत रस छोड़ रही थी।
उधर आनन्द का एक हाथ चूत को ऐसे सहला रहा था जैसे किसी बच्चे को सहला रहा हो।
इतने प्यार से वो चूत से खेल रहा था, दूसरा हाथ मेरे उरोजों की मालिश कर रहा था और उसके होंठ मेरे होंठों का अमृत पी रहा था। मैंने भी होंठ को चूसते हुए आनन्द के लंड को मेरे हाथ में ले लिया और उसे मसलने लगी।







हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator