Monday, June 2, 2014

FUN-MAZA-MASTI कभी सोचा भी ना था--2

FUN-MAZA-MASTI

 कभी सोचा भी ना था--2

 इतने प्यार से वो चूत से खेल रहा था, दूसरा हाथ मेरे उरोजों की मालिश कर रहा था और उसके होंठ मेरे होंठों का अमृत पी रहा था। मैंने भी होंठ को चूसते हुए आनन्द के लंड को मेरे हाथ में ले लिया और उसे मसलने लगी।
आनन्द उससे और मस्ती में आ गया और मुझे गले पर, गालों पर, आँखों पर, कान पर, न ज़ाने कहाँ-कहाँ चूमने लगा।
फिर उसने मुझे नज़ाकत से बेड पर लिटाया और चेहरा झुका कर गले पर, गले के नीचे, मम्मों पर चूमने लगा और दोनों हथेलियों में मेरे संतरों को दबोच कर दबा रहा था।
मैं अब भी आँखों को मूंद कर मज़ा ले रही थी, मैं एक मर्द की बांहों में थी और वो मुझे सही मायने में औरत बना रहा था, दुनिया का सबसे बड़ा सुख दे रहा था।
आनन्द मेरे बोबे दबाता, मेरे निप्पल पर गोल-गोल जीभ घुमा रहा था, चाट रहा था।
मैंने कहा- आनन्द ज़ोर से रगड़ो और ज़ोर से दबा डालो मेरे चुच्चों को !
और यह सुन आनन्द और भी जोश में आ गया और मेरे निप्पल मुँह में लेकर दांतों से काटने लगा, पूरी चूची मुँह में लेकर चूसने लगा।
वो धीरे-धीरे नीचे सरक कर अब आनन्द चूत के ऊपर के हिस्से पर होंठ घुमाते हुए चूम रहा था, मेरी टाँगें खुद ब खुद खुल रही थीं जैसे आनन्द को मेरी टाँगों के बीच में आने की सहूलियत दे रही हों।
अब मैं कंट्रोल नहीं कर पा रही थी, मैंने कहा- आनन्द अब तो मुझे चोद दो !
लेकिन आनन्द को जैसे जल्दी ही नहीं थी, मेरे खूबसूरत बदन से खेलने में जैसे उसे ख़ुशी मिल रही थी और मेरी तड़प का मज़ा ले रहा था।
आनन्द की गर्म सांसों को चूत पर मैं महसूस कर रही थी। वो भी अब मेरी गुलाबी चूत को देख पागल हो रहा था। उसने अपने दोनों हाथ मेरे मम्मों से हटा कर मेरी चूत पर लगा कर दोनों पुत्तियों को चीर दिया और जीभ डाल दी।
मुझे ऐसा लग रहा था कि वो आज मेरी चूत खा ही जाएगा। अब तक मेरी चूत एक बार पहले ही पानी छोड़ चुकी थी।
आनन्द का विशाल लंड तन कर फूल चुका था। आनन्द अब मुझे पागल साण्ड जैसे दिख रहा था।
आनन्द ने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत के मुहाने पर रख दिया।
मैंने कहा- आनन्द, अब तो चूत मार दो…!
लेकिन वो कुछ नहीं सुन रहा था। फ़िर उसने लंड का सुपारा थोड़ा चूत में घुसेड़ा और फिर एक झटका इतनी ज़ोर से मारा कि आनन्द का लंड थोड़ा सा चूत में घुस गया।
मैं जोर से चिल्ला पड़ी।
आनन्द का इतना बड़ा काला लंड मेरी चूत में थोड़ा सा घुसा था और मुझे लग रहा था कि मेरी चूत फटने को है।
आनन्द ने फिर अपने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को पकड़ लिए और फिर ज़ोर का एक झटका मारा तो आनन्द का आधा लंड अब मेरी चूत में था।
मैंने चीख कर कहा- आनन्द प्लीज लंड को बाहर निकालो ! मुझे नहीं चुदना !
मैं रो रही थी और आनन्द मुस्कुराते हुए मुझे देख रहा था। कुछ देर इसी हालत मे वो मेरे मम्मों ही दबाता रहा।
मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो चूत फिर लंड माँगने लगी, अपने आप मेरे चूतड़ ऊपर को उठ गए।
आनन्द भाँप गया कि मुझे चुदना है, तो अब मेरी कमर को पकड़ कर एक और ज़ोर का धक्का दिया उसका लंड अब पूरा का पूरा मेरी चूत को चीरते हुए अन्दर घुस ग़या।
मैं दर्द से तड़प रही थी लेकिन मेरी आवाज़ नहीं निकल रही थी।
आनन्द ने कहा- साली, अब तक तो चूत में लंड लेने बेताब थी, अब लंड चूत में घुसा तो नखरे कर रही है !
आनन्द का मुझसे इस तरह बात करना अच्छा लग रहा था।
फ़िर मैंने कहा- आनन्द अब नहीं चुदना मुझे ! तुम्हारा लंड मेरी चूत बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।
वो कुछ नहीं बोला। जब उसे लगा कि अब मेरी चूत लंड ले पाएगी तो फिर मुझे चोदना चालू किया। धीरे-धीरे लंड चूत में आगे-पीछे हो रहा था और मेरी चूत भी मस्ती में आती जा रही थी।
आनन्द पहले धीरे, फिर ज़ोर से मेरी चूत चोदने लगा। मेरे बदन को चूम रहा था, मम्मों को मसल रहा था।
मैं अब उसको जोश दिला रही थी, बोल रही थी- आनन्द, चोद दो, बेदर्दी से पेल दो मेरी चूत ! आहहहह ! फाड़ दो चूत को ! बहुत तड़पाया है तुमने ! अब रहम मत करना ! आहहहह आनन्द !
वो बेदर्दी से मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था। इतने बड़े लंड से चुद कर मेरी चूत में जलन हो रही थी। लेकिन दिल करता था कि चुदती ही रहूँ।
आनन्द कहने लगा- साली चुदना भी चाहती है और नाटक भी कर रही है कि दर्द हो रहा है?
फ़िर अचानक वो मुझे गालियाँ देने लगा- साली.. मादरचोद.. देख आज तुझे मैं जन्नत की सैर कराता हूँ… ले साली मादरचोद..!
आनन्द मेरी टांगों को तरह-तरह से मोड़ कर चोद रहा था। मैं उसके नीचे जन्नत का मज़ा ले रही थी, जलन को भूल, चूत चुदा रही थी। अब आनन्द ने अपनी चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी और मैं भी गान्ड उठा-उठा कर लंड ले रही थी।
आनन्द ने मेरा आधा बदन कमर से मोड़ कर टांगें मेरे मम्मों पर दबा दीं और अपना कड़क लण्ड मेरी चूत की गहराई में घुसा कर कहने लगा- बहन की लौड़ी, मादरचोद तेरी चूत कितनी मखमली है, माँ की लौड़ी.. मादरचोद आज मैं तुझे इतना चोदूँगा कि तू अब तक की सारी चुदाइयाँ भूल जाएगी।
उसकी गालियाँ सुन कर मेरा रोम-रोम खिल रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। आनन्द मेरे पूरे बदन को नोच रहा था, चोद रहा था मेरी हसीन गुलाबी चूत को और फिर कुछ देर में हम दोनों के बदन एक साथ अकड़ने लगे !
आनन्द की साँस फूल रही थी, उसने मुझे अपने साथ कस लिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और फिर हम दोनों साथ ही झड़ गए।
आनन्द मेरे वक्ष पर अपना सिर रख कर लेट गया। उसका लंड अब भी मेरी चूत में समाया था, मैं पागल सी आनन्द के चेहरे को चूमने लगी। आज मुझे चुदने में जो मज़ा मिला था, पहले कभी नहीं मिला था।
आनन्द मेरे उभारों पर हाथ फेरते हुए बोला- रोमा आज तुम मेरी हो गईं, तुम मेरी ज़िंदगी बन गई !
और फिर मेरे बालों में ऊँगलियाँ फेरते हुए सिर सहलाने लगा, मैं उसकी पीठ पर हाथ फेर रही थी।
हमारी आँख कब लग गई, हमें पता ही नहीं चला।
रात के करीब 2 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखी कि आनन्द फ़िर से मेरी चूत को चूम रहा है।
उसने देखा कि मैं जाग गई हूँ तो उसने मुझसे कहा- रोमा मैं एक बार और तुम को चोदना चाहता हूँ तो तुम तैयार हो जाओ चुदने के लिए।
मेरे तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई, मैंने उससे कहा- लो चोद लो मेरे राजा… जी भर के चोद लो..!
तब उसने मुझे बेड पर से उतारा और मुझे जमीन पर घुटनों पर बिठा कर खुद खड़ा हो गया और अपना लंड मेरे मुँह में भर दिया।
मैं फ़िर से मजे लेकर उसका लण्ड चूसने लगी। मैं कुछ देर लण्ड को चूसती रही, फ़िर उसने मुझे उठाया और मेरे स्टडी टेबल पर बैठा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैला कर मेरी चूत चूसने लगा।
कुछ ही देर बाद, उसने मेरे एक पैर को अपने कन्धे पर रख लिया और अपना लण्ड मेरी चूत में लगा कर खड़े-खड़े ही मुझे चोदने लगा।
अब आनन्द काफ़ी जोश में आ गया। वो मुझ को गंदी-गंदी गाली दे रहा था।
रंडी… मादरचोद.. माँ की लौड़ी.. कुतिया और ना जाने क्या-क्या कह रहा था, जिससे मेरा जोश और बढ़ रहा था, मैं भी जोश में आकर कहने लगी, “चोदो मुझे और जोर-जोर से चोद साले..!”
5 मिनट की इस चुदाई के बाद आनन्द ने मुझे उसी चुदाई की हालत में अपनी गोद में उठाया और मुझ को ज़मीन पर लिटा दिया और हम 69 की पोजीशन में आ गए।
उनका लंड मेरे हलक से अन्दर तक घुस रहा था, वो मेरे मुँह पर बैठ कर मेरे मुँह को चोद रहा था और आहिस्ता-आहिस्ता चाटते हुए वो मेरी चूत की तरफ बढ़ रहा था, अपने दोनों हाथों से मेरी चूत की पंखुड़ियों को फ़ैला दिया जिससे मेरी चूत का छेद साफ नज़र आने लगा।
आनन्द ने अपनी ज़ुबान की नोक मेरे छेद पर जैसे ही रखी, मेरा बदन एकदम से अकड़ गया, मेरी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया। आनन्द ने पूरा पानी चाट लिया।
यह पहली बार आनन्द ने मेरी चूत पर मेहरबानी की। मैं पूरे जोश में उसके लंड को चूसने लगी। उसके लंड से भी वीर्य की गाढ़ी बाढ़ मेरे मुँह में गिरने लगी। इस बार मैं एक दासी की तरह उसका पानी पी गई।

 वो मेरी चूत में अपनी ऊँगली अन्दर बाहर करते हुए बोला- रंडी.. तुझ को चोदने में बड़ा मज़ा आएगा !
मैंने उनका काला लंड जो थोड़ा-थोड़ा सख्त था, मुँह से निकाल कर बोली- अगर इतनी अच्छी चूत है तो चोदते क्यों नहीं?
तो आनन्द ने कहा- मादरचोदी, अगर जल्दी चोद दूँगा तो मेरे लंड की अहमियत तेरे को क्या मालूम होगी और तेरे जैसी गोरे और चिकना बदन वाली को तो अब हमेशा चोदता ही रहूंगा, जल्दी क्या है?
आनन्द ने मुझे कुतिया की तरह झुकने को कहा। मैं आज पहली बार इतनी ज़िल्लत उठाने के बावजूद अपने आपको दुनिया की सबसे खुशनसीब औरत समझ रही थी।
मैं एक लंड से चुदने के लिए बेचैन थी। वो मुझ को अपने इशारों पर नचा रहा था और मैं नाच रही थी। आनन्द ने अपने दोनों मजबूत हाथों से मेरे दोनों कूल्हों पर इतनी ज़ोर से मारा कि मैं चिल्ला उठी।
मैं तड़प कर बैठ गई और आनन्द के आगे हाथ जोड़ कर बोली- प्लीज़ तुम मुझ पर रहम करो, मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है।
तो आनन्द ने कहा- दर्द में ही मज़ा है मादरचोदी रंडी !
आनन्द ने मुझे नीचे लिटाया, मेरी टाँगों के बीच में बैठ गया तो मैंने अपनी टांगें उसकी कमर के दोनों तरफ कर दीं। मेरी चूत ने मेहमान का स्वागत करने के लिए अपने मुँह खोल दिया। आनन्द अपने लंड का आगे का हिस्सा मेरी चूत पर फिराने लगा।
मेरी ख्वाहिश पूरी होने जा रही थी, मेरी चूत एक काले मोटे लंड को अपने अन्दर लेने को बेचैन होने लगी थी। उसके लंड की लोहे की तरह गर्म टोपी मेरी चूत के छेद से टकराया और फिर आनन्द ने हल्के से एक झटका मारा और उसकी टोपी मेरी चूत को फाड़ती हुई अन्दर घुस गई।
मेरा पूरा बदन काँपने लगा।
मेरे मुँह से चीख निकल गई आनन्द ने मेरे उठे हुए मम्मों को दबाते हुए कहा- क्यों रंडी, चुदवाने का बहुत शौक था? अब जब घुसा रहा हूँ तो चिल्ला क्यों रही हो?
मैं अपनी साँसों पर काबू पाते हुए बोली- चूत बनी है लंड के लिए लेकिन तुम्हारा तो मेरी कलाई के जितना मोटा है, लगता है लंड नहीं हाथ घुस गया हो !
तो आनन्द ने लंड को मेरी चूत बाहर खींच लिया और कहा- जा अब नहीं चोदता तुझे..!
मैंने तड़फ उठी, “नहीं.. नहीं मैं तो ऐसे ही बोल रही थी.. तुम चोदो..! मुझे आनन्द ने कहा- मैं अपना पूरा लंड तभी चूत में घुसेड़ूँगा जब तू मेरी शर्तें मानेगी।
मैं जल्दी से बोली- मुझ को तुम्हारी हर शर्त मंज़ूर है.. कहो, तुम्हारी क्या शर्तें हैं?
आनन्द बोला- मैं जब चाहूँ और जहाँ चाहूँ, तुम अपनी चूत को मेरे लिए पेश करोगी।
मैंने कहा- मैं तुम्हारा लंड देख कर ही तुम्हारी हो गई हूँ, तुम मेरी चूत को मसल दो, मुझको बेदर्दी से चोदो, छिनाल रंडी बना दो, मैं हर जगह तुम्हारे लिए अपना जिस्म पेश कर दूँगी।
आनन्द बोला- अब मज़ा आएगा तेरे जैसी को रंडी बनाने में !
यह कह कर आनन्द ने अपना काला मोटा लंड मेरी चूत में एक ज़बरदस्त झटके के साथ पेल दिया।
मेरी चूत जो लंड लेने के लिए बेचैन थी, इस अचानक हमले को झेल नहीं पाई।
मेरी चूत में उसका लंड घुसते ही ‘फचाक’ की आवाज़ आई मेरी चूत का पानी उसके लंड के घुसते ही मेरी चूत से बाहर आने लगा। मेरे मुँह से चीख निकल गई। मैं तड़पने लगी लेकिन आनन्द पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
मैं जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी, आनन्द पर इसका मानो कोई असर ही ना हुआ हो।
वो मुझे चोदे जा रहा था। मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया था। आनन्द का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा हुआ था, मेरे बदन का रोयाँ-रोयाँ काँप रहा था।
मेरे दिल में आया कि आनन्द से कह दूँ कि अपना लंड मेरी चूत से निकाल ले मुझ को नहीं चुदवाना है, लेकिन इसी लंड के लिए तो मैंने अपना नाज़ुक बदन अपनी चूत और अपनी इज़्ज़त को दाँव पर लगाया था।
इसी लंड को हासिल करने के लिए मैंने आनन्द की हर शर्त मंज़ूर की थी, फिर ऐसी खुशनसीब कम ही होती होंगी, जिसको आनन्द के जैसे लंड नसीब हुए हों.. !
मैंने अपना सब कुछ आनन्द के लंड पर न्यौछावर कर दिया। चूत ने पानी छोड़ दिया। आनन्द ने अपना पूरा लंड बाहर निकाल लिया। मेरा रोम-रोम खुशी से झूम रहा था। आनन्द ने आहिस्ता-आहिस्ता फ़िर अपने लंड को मेरी चूत में घुसाया और अन्दर-बाहर करने लगा। अब लण्ड आसानी से आ-जा रहा था।
थोड़ी देर में सुनामी की लहर की तरह पानी मेरी चूत में बरसने लगा। मेरी चूत उसके माल से पूरी तरह भर गई, तो पानी बाहर की तरफ टपकने लगा।
मैंने आनन्द को कस के लिपटा लिया और बेतहाशा उसको चूमने लगी। उसका पानी और मेरा पानी एक-दूसरे में मिल गया।
आनन्द ने अपना पूरा बोझ मेरे बदन पर डाल दिया। उसकी छाती मेरे मुँह पर थी। मैं उसको चूमे जा रही थी।
आनन्द ने कहा- आज से तेरा नाम रंडियों की लिस्ट में आ गया, अब तू छिनाल बन गई है, तेरा गोरा बदन तेरी गुलाबी चूत अब मेरी गुलाम है।
मैंने कहा- हाँ, मैं तुम्हारी रखैल बन कर बहुत खुश हूँ, अब तो तुम मेरे स्वामी हो और मैं तुम्हारी दासी हूँ, जैसा कहोगे वैसा करूँगी।
वो मेरे बदन को सहलाते रहे, चूमते रहे, प्यार से मसलते रहे और ऐसे ही आनन्द के ऊपर लेटी हुई मैं सो गई और वो भी मुझे अपनी बांहों में लेकर सो गए।
सुबह जब हम उठे तो आनन्द फ़िर से मुझे चोदने की सोच रहा था। तब मैंने उसे मना कर दिया।
मैंने कहा- जाओ पहले मेरे ब्लाऊज़ को ठीक कर के लाओ.. मुझे आज अपनी बुआ के घर जाना है।
तब उसने कहा- एक बार और चुदाई कर लेते है फ़िर मैं तुम्हारे ब्लाउज को ठीक कर के ला दूँगा।
मैंने उसे फ़िर मना कर दिया तो वो कहने लगा, “रात में तो तुमने मेरी शर्त मानी थी कि मैं जब कहूँगा तुम मुझ से चुदवाओगी.. तो अब क्या हुआ !”
मैंने उससे कही, “तुम मेरा ब्लाउज़ ठीक करके ले आओ और फ़िर मैं तुमसे चुदने को तैयार रहूंगी।
तब वो ब्लाउज ले कर जाने लगा और कहा- मैं अभी 2 घंटे में आता हूँ। तुम चुदवाने के लिए तैयार रहना।
और सच मे 2 घंटे बाद दरवाजे की घंटी बजी। मैं उस टाइम सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में थी। मैंने दरवाज़े बिना खोले ही पूछा- कौन है..!
तब उसने कहा- मैं आनन्द हूँ.. मैं तुम्हारा ब्लाउज़ ठीक करके ले आया हूँ।
मैंने दरवाजा खोला, आनन्द अन्दर आया और मुझसे कहा- क़्या बात है चुदने के लिए तैयार ही थीं क्या?
और उसने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया। फ़िर उसने मुझे ब्लाउज दिए और कहा- लो.. इसे पहन कर देख लो और कहा- मुझे तुम साड़ी भी पहन कर दिखाओ। मैं देखना चाहता हूँ कि तुम साड़ी में क़ैसी लगती हो..!




हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator