Thursday, July 10, 2014

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--18

FUN-MAZA-MASTI

 सौतेला बाप--18

अब आगे
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अगले दो-तीन दिनों तक श्वेता ने हर रोज अपने भाई के लंड की मालिश करके उसका तेल निकाला...नितिन को तो अपनी किस्मत पर विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी हॉट सिस्टर रोजाना उसे नहलाते हुए मास्टरबेट भी करवाती है ...और दूसरी तरफ श्वेता ने भी अपने भाई के लंड को एक खिलोने की तरह देखना शुरू कर दिया था जिसके साथ वो रोजाना खेलती थी..

चोथे दिन, जब श्वेता नितिन को नहला रही थी तो नितिन ने झिझकते हुए अपने दिल की बात बोल ही दी...

नितिन : "श्वेता, मुझे कुछ कहना है...पर पता नही तुम क्या सोचोगी इसके बारे मे...'' उसने अपनी नज़रें चुराते हुए कहा..

श्वेता : "अब मैं तुम्हारे पेनिस को हाथ मे लेकर रोज तुम्हारा मास्टरबेट करती हू, इसके मद्देनजर तो तुम मुझसे कुछ भी पूछ या बोल सकते हो ...बताओ क्या बात है ...''

उसने अपनी लंबी और पतली उंगलियाँ से नितिन की बॉल्स को सहलाते हुए कहा..

नितिन : " देखो..मुझे भी बात को घुमा फिराकार बोलना अच्छा नहीँ लगता...''

उसने एक लंबी साँस ली और एक ही झटके मे बोला : "क्या तुम अपनी ब्रा उतार सकती हो मुझे मास्टरबेट करवाते हुए ..."

एक ही साँस मे अपने दिल की बात बोलकर वो साँसे रोककर उसके उत्तर की प्रतीक्षा करने लगा ...

श्वेता का दिमाग़ भी एकदम से चकरा गया...दोनो के मन मे काफ़ी आगे निकलने की चाह थी, पर इतना जल्दी भी नही..वो धीरे से बोली : "मुझे पता है...जो हम दोनो कर रहे है ये भी काफ़ी ज़्यादा है हमारे रिश्ते के हिसाब से...पर जो तुम चाहते हो उसके लिए मुझे सोचने का समय चाहिए ...''

नितिन खुश था की उसने उस हिसाब से रियेक्ट नही किया जैसा उसने सोचा था..वो सोचेगी, यही बहुत था उसके लिए...

नितिन : "ओके , नो प्राब्लम, तुम सोच लो ...कोई प्रेशर नही है की तुम मेरी ये बात मान ही लो, तुम्हे सही लगे तभी करना...दरअसल.. मैं रोज सोते हुए बस यही सोचता हू की तुम्हारी ब्रेस्ट कैसी लगती होगी..कैसी दिखती होगी..इन्हे फील करने मे कैसा एहसास होगा...''

श्वेता भी सोचने लगी...वो आख़िर क्या करेगा मेरी ब्रेस्ट को देखकर...शायद उसे ज़्यादा उत्तेजना मिलेगी..क्या वो उन्हे टच भी करेगा..और ब्रेस्ट को नंगा करने के बाद क्या वो मेरी चूत को भी देखेगा..वो भी तो उसे पूरा नंगा देख पा रही है..और जब वो अपनी चुचिया दिखा सकती है तो चूत को दिखाने मे क्या प्राब्लम है....और नितिन ने कहा की वो उसकी ब्रेस्ट के बारे मे रोज सोते हुए सोचता है...क्या सोचता होगा...उन्हे टच करने के बारे मे ..उन्हे चूसने के बारे मे...

और ये सब बाते सोचते-2 उसकी चूत इतनी बुरी तरह से गीली हो रही थी की उपर से बहता हुआ पानी भी उसकी चूत का गाडापन हल्का नही कर पा रहा था.

आख़िर मे उसने सोचा की इसमे कोई बुराई नही है...जो होगा, देखा जाएगा...

और बिना कुछ बोले, उसने अपने हाथ पीछे किए और अपनी ब्रा के क्लिप्स खोल दिए..और अपनी ब्रा को निकालकर साईड मे रख दिया.

नितिन की आँखे चुधिया गयी उसकी गोलाइयाँ देखकर ...उसपर लगे हुए निप्पल्स को देखकर..

नितिन :"ओह्ह्ह्ह्ह ....वाव ....ये बिल्कुल पर्फेक्ट है ....जैसा मैने सोचा था ....ठीक वैसे ही ...''

श्वेता (शरमाते हुए) : "तुम ये इसलिए कह रहे हो ना की मैं कही इन्हे फिर से ना छुपा लू ...''

नितिन : "अरे नही ...मेरा विश्वास करो ..ऐसी ब्रेस्ट मैने कभी नही देखी, मैने नेट पर भी काफ़ी ब्रेस्ट देखी है ...पर इतनी पर्फेक्ट नही...ज़्यादातर लड़कियों की लटकी हुई होती है, किसी के छोटे या फिर किसी के काफ़ी बड़े..जो देखने मे भी अच्छे नही लगते ...और तुम्हारे निप्पल्स ...वाव ..छोटे-2 और गुलाबी रंग के उभरे हुए निप्पल ऐसे लग रहा है जैसे दो हीरे लगा रखे है तुम्हारी ब्रेस्ट पर ...''

अपनी ब्रेस्ट के बारे मे इतनी सारी बाते सुनकर वो शर्म से गड़ी जा रही थी ...और साथ ही साथ खुश भी हो रही थी , वो हंसते हुए बोली : "हा हा , लगता है तुमने काफ़ी सोच रखा था मेरी ब्रेस्ट के बारे मे , तभी इन्हे देखकर तुम्हारे मुँह से ये सब निकलता जा रहा है ...''


नितिन : "हाँ , ये बात तो है ...काश मेरे हाथों मे ये पट्टियां नही होती, तो मैं इन्हे छूकर भी देख सकता ..''

श्वेता : "अगर तुम्हारे हाथो मे ये पट्टियां नही होती तो शायद ये सब हो ही नही रहा होता ...''

उसकी बात भी सही थी ..फिर तो वो शायद खुद ही नहा रहा होता और खुद ही अपने हाथों से अपने लंड का पानी भी निकाल रहा होता.

उसके बाद श्वेता ने उसके लंड को अपने हाथों मे लिया और उसे हिलाने लगी..नितिन की नज़रें उसके हिचकोले खा रहे मुम्मों पर ही थी..उसके खड़े हुए निप्पल्स मे एक अलग तरह की लाली आ चुकी थी ...उसकी गोरी चुचियों पर हल्के हरे रंग की नसें चमकने लगी थी...यानी वो भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी ऐसा करते हुए.

नितिन : "अहह.....आज तो बहुत मज़ा आ रहा है ...''

श्वेता के मन मे अचानक एक शरारत आई...वो बोली : "थोड़ा और मज़ा लेना चाहोगे...?"

नितिन के लिए तो ये भी बहुत था आज के लिए, और अगर उसकी बहन कुछ और भी देना चाहती है तो वो क्यो मना करेगा...उसने झट से हाँ बोल दिया..

श्वेता ने उसकी आँखों मे देखते हुए अपनी दोनो ब्रेस्ट को पकड़ा और नितिन के लंड को उन दोनो के बीच मे फँसा कर उसे टिट फक करने लगी..

अपने लंड को मिल रही मुलायम मसाज और श्वेता के मुँह से निकल रही तेज साँसों को अपने पेट पर महसूस करते ही नितिन की हालत खराब होने लगी..

उसके लंड पर काफ़ी साबुन लगा हुआ था, इसलिए वो उसके मुम्मों के बीच काफ़ी आसानी से उपर नीचे फिसल रहा था...

अपने दोनो निप्पल्स को अपनी उंगलियों से दबाती हुई वो नितिन के लंड को अपनी गहरी घाटियों के बीच फँसा कर उसे उसके जीवन की पहली टिट फकिंग करवा रही थी..

अचानक उसने कुछ ऐसा किया जिसकी नितिन को उम्मीद भी नही थी..

उसने अपना मुँह थोड़ा सा नीचे किया और नितिन के सुपाड़े को अपने लरजते हुए होंठों के बीच लेजाकर एक जोरदार चुप्पा मारा...और उसके लंड के उपर आ रहा प्रीकम उसने एक ही झटके मे चाट डाला...

नितिन : "अहह.......उफफफफफफ्फ़ ''

श्वेता अपने आपको किसी रिमोट से कम नही समझ रही थी..वो अपनी एक-2 हरकत से नितिन के पूरे शरीर को झटके मारने पर मजबूर जो कर रही थी..

अब श्वेता ने अपने मुम्मे सिर्फ़ ज़ोर से दबा कर पकड़े हुए थे...बाकी का काम नितिन कर रहा था...अपने लंड से तेज झटके मारकर वो उसके मुम्मे चोदने मे लगा हुआ था.


ये सब करते हुए श्वेता सोच रही थी की उसके भाई का लंड कैसा लगेगा जब वो उसकी पुसी को चीरता हुआ अंदर तक जाएगा..उसका मोटा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ जब अपनी जगह बनाएगा तो कैसा महसूस होगा उसको...वो ये सब सोच ही रही थी की नितिन के लंड से पिचकारियाँ निकलनी शुरू हो गयी...हर एक बूँद को श्वेता ने अपने सीने पर झेल लिया..उसके दोनो पर्वत नितिन की बर्फ से ढक कर सफेदी मे नहा गये..

और अपने सीने पर नितिन के अंगारों को महसूस करते ही वो एकदम से होश मे आई...एक टावाल लेकर वो अपने कमरे की तरफ भागती चली गयी...सिर्फ़ अपनी कच्छी मे.

अपने रूम मे पहुँचकर उसने अपनी पेंटी उतार फेंकी, दरवाजा बंद करके वो बिस्तर पर लेट गयी और ज़ोर-2 से अपनी गीली चूत का पानी निकालने लगी...

उसकी नज़र अपने ड्रेसिंग टेबल पर पड़े ब्रश पर गयी...जिसका पिछला हिस्सा काफ़ी स्मूथ और गोल सा था, वो उसने उठाया और नितिन के लंड के बारे मे सोचते हुए उसे अंदर बाहर करने लगी...और ऐसा करते हुए वो बस यही सोच रही थी की वो हेयर ब्रश नही , नितिन के लंड को अंदर ले रही है...और अपने भाई के बारे मे सोचते हुए जब वो झड़ी तो ऐसा ऑर्गॅज़म महसूस किया उसने जो आज तक कभी नही किया था...उसने उठ कर देखा तो उसकी पूरी चादर गीली हो चुकी थी..जिसे देखकर उसके होंठों पर एक मीठी मुस्कान तैर गयी.

तभी उसका फोन बजने लगा..उसने उठा कर देखा तो केतन था .

उसने मुस्कुराते हुए फोन उठाया..

केतन : "डार्लिंग..क्या कर रही हो...''

वो भी मस्ती के मूड मे थी, वो बोली : "बस ....अपनी नन्ही दुल्हनिया को अभी-2 शांत किया है...''

केतन : "वाव ..... यार मुझे बुला लिया होता...हमारे हिस्से के काम तुम अपनी उंगलियों से क्यो करवाते हो..''

श्वेता : "उसके लिए टाइम निकालना पड़ता है..समझे ...''

केतन : "उसके लिए ही तो फोन किया है...एक नयी मूवी आई है ..बड़े सेक्सी सीन है उसमे ...चलो ना देखने चलते है, शाम को..''

श्वेता : "आज शाम को तो मुझे अपनी फ्रेंड काव्या से मिलना है, काफ़ी दिन हो गये हैं हम दोनो कही घूमने नही गये..उसके साथ पहले से प्रोग्राम फिक्स है मेरा...''

केतन : "अरे कोई बात नही, उसको भी साथ ले चलते हैं, मैं 3 टिकेट्स बुक करवा लेता हू ..''

वो किसी भी तरह अपनी हॉर्नी गर्लफ्रेंड से मिलना चाहता था आज ..

श्वेता के सामने कोई और चारा नही था ..उसने हाँ कर दी .

और उसके बाद उसने काव्या को फोन करके सब बताया ...काव्या भी केतन से मिलना चाहती थी ,क्योंकि जब से श्वेता ने अपनी चुदाई के बारे मे उसे बताया था, वो कई बार केतन के नाम की मूठ मार चुकी थी ..

मिलने का टाइम फिक्स हो गया और शाम को तीनो एक मल्टिपलेक्स के सामने मिले और अंदर चल दिए..


केतन ने टिकट ले ली , मूवी स्टार्ट होने मे अभी थोड़ा टाइम था, इसलिए तीनो एक रेस्टोरेंट मे जाकर बैठ गये..

केतन ने सबके लिए बियर ऑर्डर कर दी, श्वेता और केतन तो काफ़ी बार बियर पी चुके थे पर काव्या ने आज तक नही पी थी, पर केतन के सामने वो मना करके कोई सीन नही बनाना चाहती थी, इसलिए जब बियर आई तो उसने भी ग्लास उठा लिया और पी ली, शुरू मे थोड़ी कड़वी लगी पर ठंडी बियर का सरूर जब चड़ने लगा तो उसे भी मज़ा आने लगा, पूरा ग्लास पीने के बाद वो अपने आपको काफ़ी हल्का महसूस कर रही थी..

उसके बाद तीनो मूवी हाल मे पहुँच गये.

श्वेता बीच मे बैठी थी, केतन और काव्या उसके दाँये और बाँये बैठ गये ..

ज़्यादा लोग नही थे मूवी हाल मे ...और वो लोग तो सबसे पीछे बैठे थे, अपनी लाइन मे सिर्फ़ वो तीन ही बैठे थे ..उनके आगे की चार लाइन तक खाली पड़ी थी ...

मूवी शुरू होते ही केतन के हाथ हरकत करने लगे..वो श्वेता की जांघों को सहला रहे थे...उसने शार्ट स्कर्ट पहनी हुई थी , अपनी जांघों पर हाथ लगते ही श्वेता के जिस्म के सारे रोँये खड़े हो गये..बियर का नशा और उपर से अपने प्रेमी के हाथों का मादकता से भरा स्पर्श और वो भी उसके सबसे वीक पॉइंट पर..वो मदहोश सी होने लगी..और केतन के हाथों पर अपना हाथ रखकर उसे सहलाने लगी..

केतन के हाथ खिसकते-2 उपर तक आने लगे..उसकी हालत खराब होने लगी..श्वेता ने भी अपना हाथ केतन की जाँघ पर रख दिया और वहाँ सहलाने लगी..उसका हाथ सीधा उसके पेंट मे फँसे हुए लॅंड के उपर जा लगा, जो साईड मे खड़ा होने की जगह ना मिल पाने की वजह से बुरी तरहा फँसा हुआ था..श्वेता ने उसकी जीप खोल दी..और खिसका-2 कर उसके लॅंड को बाहर निकाल लिया ..

केतन तो स्वर्ग की सैर करने लगा, जैसे ही श्वेता के नर्म हाथों ने उसके खड़े हुए लॅंड को पकड़ा ..

केतन ने बीच का हैंड रेस्ट उपर कर दिया और अब दोनो के बीच कोई बाधा नही थी..बीच का अवरोध हटते ही केतन ने श्वेता को अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों को बुरी तरह से चूसने लगा ...श्वेता का हाथ उसके लॅंड को ज़ोर-2 से मसल रहा था ..

और ये सब कारनामा उनके बगल मे बैठी काव्या अपनी आँखे फाड़े देख रही थी ..वो उनकी बेशर्मी से हैरान भी थी, की कैसे वो सिनेमा हॉल मे एक दूसरे को किस्स कर रहे हैं ..तब तक उसने श्वेता का हाथ केतन के लॅंड के उपर नही देखा था ..

अचानक केतन ने किस्स तोड़ी और श्वेता के चेहरे को नीचे की तरफ झुकाते हुए अपनी गोद मे गिरा लिया ..उसका मुँह सीधा उसके खड़े हुए लॅंड के उपर जा लगा और श्वेता ने बिना कोई पल गँवाए उसे अपने मुँह के अंदर ले लिया..

अहह्ह्ह्हह ........ की आवाज़ के साथ केतन के हाथ उसकी ज़ुल्फो मे चलने लगे ..

कोई और जगह जगह होती तो वो उसे सीधा अपनी गोद मे बिठा लेता और चोद डालता बुरी तरह से ..पर यहा सिनेमा हॉल के लिए इतना भी बहुत था..

केतन ने अपना दूसरा हाथ घुमा कर श्वेता के पीछे रख दिया...और वो काव्या से जा टकराया ..

काव्या को तो ऐसे लगा की वो झुलस जाएगी... पहले केतन की हरकत देखकर और अब उसके हाथ का स्पर्श पाते ही वो उसकी तरफ झुकने लगी थी ...

और अचानक केतन को कुछ गुदाज सा महसूस हुआ अपने हाथों पर ...उसने काव्या की तरफ देखा तो हैरान रह गया..काव्या का लेफ्ट बूब उसके हाथों से टच कर रहा था ...और वो ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे उसको कुछ पता ही नहीं है , वो मूवी देखने मे व्यस्त थी (या नाटक कर रही थी ..)

केतन जो अब तक श्वेता के नशे मे डूबा हुआ था, एकदम से अपना फोकस काव्या की तरफ करके अपने हाथ की उंगलियों से उसके बूब्स को सहलाने लगा ..

काव्या की साँसे तेज होने लगी ..उसके निप्पल खड़े होकर उसकी टी शर्ट से बाहर झाँकने लगे...केतन ने अपनी उंगली थोड़ा और आगे की और उससे काव्या के निप्पल को खुरचने लगा ...

काव्या सुलग उठी केतन के इस प्रहार से ... हर लड़की का सबसे सेंसेटिवे पॉइंट होता है निप्पल वाला हिस्सा...उसपर हाथ लगते ही उसने अपने दाँये हाथ से केतन के हाथ को ढक लिया और उसे अपनी ब्रेस्ट से दबा कर भींच दिया ..

केतन तो सातवें आसमान पर था, श्वेता उसके लॅंड को चूस रही थी ..और उसकी सहेली अपनी छातियाँ उससे मसलवा रही थी ..

वो अपने हाथों से काव्या के छोटे-2 बूब्स को ज़ोर-2 से मसलने लगा...काव्या की जांघे खुलने लगी ...उसका दूसरा हाथ अपनी चूत की तरफ खिसक गया ..और अपनी गीली पेंटी को ज़ोर-2 से मसलने लगा ..

श्वेता भी अपनी चूत को मसल रही थी...केतन का लॅंड चूसते हुए ...
 
 




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