FUN-MAZA-MASTI
वो ‘आह..आह’ किए जा रही थी--1
मैं अपनी एक सच्ची कहानी इस मंच पर आप सबके सामने व्यक्त कर रहा हूँ।
पहले मैं अपने बारे में बता देता हूँ। मेरा नाम विशाल है, मैं नागपुर में रहता हूँ। मेरी उम्र 20 साल है और इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष का छात्र हूँ।
बात पिछले साल की है, जब मैं दूसरे वर्ष में था, हम नागपुर में एक फ्लैट में रहते हैं। जब भी कोई कहानी पढ़ता, तब मेरा लंड खड़ा हो जाता था। तो मुझे लगा एक बार तो सेक्स का मजा लेना चाहिए, पर क्या करता मैंने कोई माल नहीं पटाया था पर मेरी सेक्स करने की इच्छा बढ़ने लगी।
एक दिन इसी सोच में मैं शाम को अपने फ्लैट के छत पर खड़ा था, तभी छत पर एक लड़की फोन पर बात करते हुए आई, उसका नाम अनिता था, उम्र 19, हल्का सांवला रंग, गोल-गोल चेहरा, बड़ी-बड़ी आँखें थीं। वो हमारे ही सामने वाले फ्लैट में रहती थी। वो भी इंजीनियरिंग की छात्रा थी।
मैं उसका सीनियर था इसलिए वो मुझसे बातें करती, पढ़ाई में मदद मांगती, मैंने उसे कभी गलत नजरों से नहीं देखा था, पर उस दिन मैं सेक्स की आग में जल रहा था, तो वो मुझे अच्छी लगने लगी।
उस दिन अनिता मुझे कोई परी की तरह लग रही थी।
अनिता ने मुझे देख लिया था कि मैं उसे घूर रहा हूँ।
अनिता मेरे पास आई और कहा- विशु क्या कर रहा?
अनिता मुझे विशु कहती थी।
मैं- कुछ नहीं..!
अनिता- तो यहाँ छत पर अकेले क्या कर रहा है?
मैं- कुछ नहीं यार, तू बता किससे बात कर रही थी?
अनिता- अरे वो कॉलेज-फ्रेन्ड था !
मैं- फ्रेन्ड या बॉय-फ्रेन्ड?
अनिता- मेरा कोई बॉय-फ्रेन्ड नहीं है यार..!
मैं- क्यूँ?
अनिता- यार, कोई मुझे पसंद ही नहीं करता !
मैं हाथ में आया मौका गँवाना नहीं चाहता था।
फिर मैंने कहा- कोई तुझे पसंद करता है।
अनिता- कौन?
मैं हँसते हुए- मैं करता हूँ ना तुझे पसंद..!
अनिता गुस्से में मुझे घूरने लगी और कहा- मैं मजाक के मूड में नहीं हूँ..!
मैंने इधर-उधर देखा, छत पर और कोई नहीं था और अंधेरा भी हो गया था, मैंने अपने दोनों हाथों से उसके झुके हुए चेहरे को पकड़ा और अपनी ओर उठाया, कहा- मैं मजाक नहीं कर रहा, मैं तुझे पसंद करता हूँ… ‘आई लव यू’
कह कर उसे चूम लिया।
मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था और मैं सोचने लगा कि अब ये क्या करेगी..!
अब भी अनिता मुझे घूर रही थी कि अचानक अनिता के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आई।
तब अनिता ने मुझसे कहा- यह बात पहले नहीं बोल सकता था.. डरपोक..!
उसके ये शब्द सुनते ही मैं बहुत खुश हुआ, मैंने अनिता का हाथ पकड़ा और उसे छत पर बने वाटर टैंक के पीछे ले गया और उसके होंठो को चूसने लगा।
अनिता मुझे मना कर रही थी पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैं चुम्बन किए जा रहा था।
अब अनिता को भी मजा आने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब मेरी जीभ अनिता के मुँह में घूमने लगी। कभी वो मेरी जीभ चूसती तो कभी मैं !
अब मैं गर्म हो गया था, मेरा एक हाथ अनिता के मम्मे पर आ गया और मैंने उसे जोर से दबाया तो अनिता चिल्लाई- आहऊउ…
मुझे जोर से धक्का मारा और कहा- कोई देख लेगा और मम्मी-पापा भी ऑफिस से आते ही होंगे..!
इतना कहकर वह वहाँ से चली गई, मैं भी अपने घर आ गया।
मैंने रात को अनिता को मैसेज पर कहा- तुम कल कॉलेज ना जाना, घर पर ही रहना..!
और अनिता मेरी बात मान गई।
अगले दिन मैं सुबह तैयार हुआ, अनिता के मम्मी-पापा रोज सुबह नौ बजे ऑफिस के लिए निकल जाते थे।
मैंने अनिता को कॉल किया और कहा- अपने घर का मेन-डोर खोल कर रखना क्योंकि जब मैं अन्दर जाऊँ तो कोई देख ना ले।
अनिता ने दरवाज़ा खोल दिया, मौका मिलते ही मैं उसके घर में घुस गया और अन्दर से दरवाज़ा लॉक कर दिया।
जैसे मैंने अनिता को देखा तो देखता ही रह गया- क्या लग रही थी..!
उसके खुले बाल, जो गीले थे, शायद नहा कर निकली थी, उसकी नीले रंग की नाईटी उसके बदन से चिपक रही थी, जिससे वो और भी सेक्सी लग रही थी।
मेरा लंड तो खुशी से उछलने लगा।
अनिता ने मुझे बैठने को कहा और वो अन्दर चली गई।
मुझे लग रहा था कि जिस इरादे से मैं आया हूँ, वही इरादा अनिता का भी है।
मैं उठा और अन्दर गया, देखा तो अनिता अपने बाल बना रही थी। मैंने उसे पीछे से पकड़ा और गर्दन चूमने लगा। वो मुझे मना करने लगी, पर मुझसे दूर नहीं हो रही थी।
मेरा हौसला और बढ़ गया, मैंने उसे अपनी और घुमाया और उसके होंठ चूसने लगा।
सच कहूँ तो होंठ चूसने में बहुत मजा आता है। मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था जो अनिता की चूत पर रगड़ रहा था।
मेरे हाथ अनिता के मम्मों पर आ गए और मैं जोर-जोर से दबाने लगा।
अब अनिता भी गर्म होने लगी थी, उसके मुँह से मीठी-मीठी वासनामयी आवाजें निकल रही थीं।
अब मुझे भी सहन नहीं हो रहा था, मैंने अनिता को पास वाले बेड पर लिटाया और मैं उसके ऊपर आ कर चूमने लगा।
अब मैं उसके कपड़ों पर से मम्मे चूसने लगा। मेरे चूसने से उसके कपड़े गीले हो गए थे।
मैंने अनिता के कपड़े निकाल दिए, अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी। मैंने पहली बार किसी जवान लड़की को ऐसी हालत में देखा था, मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने अपने भी कपड़े निकाल डाले और पूरा नंगा हो गया और अनिता के ऊपर चढ़ गया और मम्मे दबाने लगा।
अब मैंने ब्रा भी निकाल ली थी और उसके मम्मे जोर-जोर से दबाने लगा। अनिता के मुँह से सीत्कारें निकल रही थीं और कह रही थी- धीरे-धीरे कर ना.. दर्द हो रहा है.. आह आह ऊ ऊ..!
यह मेरे लिये पहली बार था, मतलब मैं इस खेल में अनाड़ी था, ऐसा कुछ नहीं है कहानी पढ़-पढ़ कर मुझे काफी जानकारी हो गई थी और मैं सेक्स का पूरा मजा लेना चाहता था।
मैं अनिता के पूरे बदन को चूमता-चाटता रहा, चूमते-चाटते अब मैं उसके चूत के पास आया, उसकी पैन्टी पूरी गीली हो गई थी, उसकी पैन्टी पर से ही मैंने चूत चाटी।
उसके चूत में से अच्छी महक आने लगी और नमकीन सा स्वाद मिला, मैंने अनिता की पैन्टी निकाली।
ओए-होए..क्या चूत थी..!
उसकी पतली-पतली फाँकें, रेशमी झांटों के बीच में ऐसे दिख रही थीं, जैसे फूल की कली..!
मैंने पहली बार चूत इतने नजदीक से देखी थी, चूत पूरी गीली थी, मैंने चाट-चाट कर साफ कर दी।
जैसे ही मैंने अपने होंठ चूत पर रखे, अनिता के मुँह से मीठी सी ‘आह’ निकली।
मैं उसकी चूत चाटता जा रहा था और वो ‘आह..आह’ किए जा रही थी।
प्रिय पाठको, इतना लिखते-लिखते ही मुझे वासना बहुत सताने लगी है, आप भी अपने लौड़े और चूतों को सहला लीजिए।
कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त ! अगले भाग में कहानी मस्त होने वाली है।
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
वो ‘आह..आह’ किए जा रही थी--1
मैं अपनी एक सच्ची कहानी इस मंच पर आप सबके सामने व्यक्त कर रहा हूँ।
पहले मैं अपने बारे में बता देता हूँ। मेरा नाम विशाल है, मैं नागपुर में रहता हूँ। मेरी उम्र 20 साल है और इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष का छात्र हूँ।
बात पिछले साल की है, जब मैं दूसरे वर्ष में था, हम नागपुर में एक फ्लैट में रहते हैं। जब भी कोई कहानी पढ़ता, तब मेरा लंड खड़ा हो जाता था। तो मुझे लगा एक बार तो सेक्स का मजा लेना चाहिए, पर क्या करता मैंने कोई माल नहीं पटाया था पर मेरी सेक्स करने की इच्छा बढ़ने लगी।
एक दिन इसी सोच में मैं शाम को अपने फ्लैट के छत पर खड़ा था, तभी छत पर एक लड़की फोन पर बात करते हुए आई, उसका नाम अनिता था, उम्र 19, हल्का सांवला रंग, गोल-गोल चेहरा, बड़ी-बड़ी आँखें थीं। वो हमारे ही सामने वाले फ्लैट में रहती थी। वो भी इंजीनियरिंग की छात्रा थी।
मैं उसका सीनियर था इसलिए वो मुझसे बातें करती, पढ़ाई में मदद मांगती, मैंने उसे कभी गलत नजरों से नहीं देखा था, पर उस दिन मैं सेक्स की आग में जल रहा था, तो वो मुझे अच्छी लगने लगी।
उस दिन अनिता मुझे कोई परी की तरह लग रही थी।
अनिता ने मुझे देख लिया था कि मैं उसे घूर रहा हूँ।
अनिता मेरे पास आई और कहा- विशु क्या कर रहा?
अनिता मुझे विशु कहती थी।
मैं- कुछ नहीं..!
अनिता- तो यहाँ छत पर अकेले क्या कर रहा है?
मैं- कुछ नहीं यार, तू बता किससे बात कर रही थी?
अनिता- अरे वो कॉलेज-फ्रेन्ड था !
मैं- फ्रेन्ड या बॉय-फ्रेन्ड?
अनिता- मेरा कोई बॉय-फ्रेन्ड नहीं है यार..!
मैं- क्यूँ?
अनिता- यार, कोई मुझे पसंद ही नहीं करता !
मैं हाथ में आया मौका गँवाना नहीं चाहता था।
फिर मैंने कहा- कोई तुझे पसंद करता है।
अनिता- कौन?
मैं हँसते हुए- मैं करता हूँ ना तुझे पसंद..!
अनिता गुस्से में मुझे घूरने लगी और कहा- मैं मजाक के मूड में नहीं हूँ..!
मैंने इधर-उधर देखा, छत पर और कोई नहीं था और अंधेरा भी हो गया था, मैंने अपने दोनों हाथों से उसके झुके हुए चेहरे को पकड़ा और अपनी ओर उठाया, कहा- मैं मजाक नहीं कर रहा, मैं तुझे पसंद करता हूँ… ‘आई लव यू’
कह कर उसे चूम लिया।
मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था और मैं सोचने लगा कि अब ये क्या करेगी..!
अब भी अनिता मुझे घूर रही थी कि अचानक अनिता के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आई।
तब अनिता ने मुझसे कहा- यह बात पहले नहीं बोल सकता था.. डरपोक..!
उसके ये शब्द सुनते ही मैं बहुत खुश हुआ, मैंने अनिता का हाथ पकड़ा और उसे छत पर बने वाटर टैंक के पीछे ले गया और उसके होंठो को चूसने लगा।
अनिता मुझे मना कर रही थी पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैं चुम्बन किए जा रहा था।
अब अनिता को भी मजा आने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब मेरी जीभ अनिता के मुँह में घूमने लगी। कभी वो मेरी जीभ चूसती तो कभी मैं !
अब मैं गर्म हो गया था, मेरा एक हाथ अनिता के मम्मे पर आ गया और मैंने उसे जोर से दबाया तो अनिता चिल्लाई- आहऊउ…
मुझे जोर से धक्का मारा और कहा- कोई देख लेगा और मम्मी-पापा भी ऑफिस से आते ही होंगे..!
इतना कहकर वह वहाँ से चली गई, मैं भी अपने घर आ गया।
मैंने रात को अनिता को मैसेज पर कहा- तुम कल कॉलेज ना जाना, घर पर ही रहना..!
और अनिता मेरी बात मान गई।
अगले दिन मैं सुबह तैयार हुआ, अनिता के मम्मी-पापा रोज सुबह नौ बजे ऑफिस के लिए निकल जाते थे।
मैंने अनिता को कॉल किया और कहा- अपने घर का मेन-डोर खोल कर रखना क्योंकि जब मैं अन्दर जाऊँ तो कोई देख ना ले।
अनिता ने दरवाज़ा खोल दिया, मौका मिलते ही मैं उसके घर में घुस गया और अन्दर से दरवाज़ा लॉक कर दिया।
जैसे मैंने अनिता को देखा तो देखता ही रह गया- क्या लग रही थी..!
उसके खुले बाल, जो गीले थे, शायद नहा कर निकली थी, उसकी नीले रंग की नाईटी उसके बदन से चिपक रही थी, जिससे वो और भी सेक्सी लग रही थी।
मेरा लंड तो खुशी से उछलने लगा।
अनिता ने मुझे बैठने को कहा और वो अन्दर चली गई।
मुझे लग रहा था कि जिस इरादे से मैं आया हूँ, वही इरादा अनिता का भी है।
मैं उठा और अन्दर गया, देखा तो अनिता अपने बाल बना रही थी। मैंने उसे पीछे से पकड़ा और गर्दन चूमने लगा। वो मुझे मना करने लगी, पर मुझसे दूर नहीं हो रही थी।
मेरा हौसला और बढ़ गया, मैंने उसे अपनी और घुमाया और उसके होंठ चूसने लगा।
सच कहूँ तो होंठ चूसने में बहुत मजा आता है। मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था जो अनिता की चूत पर रगड़ रहा था।
मेरे हाथ अनिता के मम्मों पर आ गए और मैं जोर-जोर से दबाने लगा।
अब अनिता भी गर्म होने लगी थी, उसके मुँह से मीठी-मीठी वासनामयी आवाजें निकल रही थीं।
अब मुझे भी सहन नहीं हो रहा था, मैंने अनिता को पास वाले बेड पर लिटाया और मैं उसके ऊपर आ कर चूमने लगा।
अब मैं उसके कपड़ों पर से मम्मे चूसने लगा। मेरे चूसने से उसके कपड़े गीले हो गए थे।
मैंने अनिता के कपड़े निकाल दिए, अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी। मैंने पहली बार किसी जवान लड़की को ऐसी हालत में देखा था, मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने अपने भी कपड़े निकाल डाले और पूरा नंगा हो गया और अनिता के ऊपर चढ़ गया और मम्मे दबाने लगा।
अब मैंने ब्रा भी निकाल ली थी और उसके मम्मे जोर-जोर से दबाने लगा। अनिता के मुँह से सीत्कारें निकल रही थीं और कह रही थी- धीरे-धीरे कर ना.. दर्द हो रहा है.. आह आह ऊ ऊ..!
यह मेरे लिये पहली बार था, मतलब मैं इस खेल में अनाड़ी था, ऐसा कुछ नहीं है कहानी पढ़-पढ़ कर मुझे काफी जानकारी हो गई थी और मैं सेक्स का पूरा मजा लेना चाहता था।
मैं अनिता के पूरे बदन को चूमता-चाटता रहा, चूमते-चाटते अब मैं उसके चूत के पास आया, उसकी पैन्टी पूरी गीली हो गई थी, उसकी पैन्टी पर से ही मैंने चूत चाटी।
उसके चूत में से अच्छी महक आने लगी और नमकीन सा स्वाद मिला, मैंने अनिता की पैन्टी निकाली।
ओए-होए..क्या चूत थी..!
उसकी पतली-पतली फाँकें, रेशमी झांटों के बीच में ऐसे दिख रही थीं, जैसे फूल की कली..!
मैंने पहली बार चूत इतने नजदीक से देखी थी, चूत पूरी गीली थी, मैंने चाट-चाट कर साफ कर दी।
जैसे ही मैंने अपने होंठ चूत पर रखे, अनिता के मुँह से मीठी सी ‘आह’ निकली।
मैं उसकी चूत चाटता जा रहा था और वो ‘आह..आह’ किए जा रही थी।
प्रिय पाठको, इतना लिखते-लिखते ही मुझे वासना बहुत सताने लगी है, आप भी अपने लौड़े और चूतों को सहला लीजिए।
कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त ! अगले भाग में कहानी मस्त होने वाली है।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment