Sunday, July 13, 2014

FUN-MAZA-MASTI जरुरत मन्द--1

FUN-MAZA-MASTI
 जरुरत मन्द--1


 जय ने ग्रेजुएशन की परीक्षा दी थी और वो परिणाम के आने का इन्तजार कर रहा था। 15 दिन बाद उसका परिणाम आया और उसने अपने कालेज को टाँप किया था । जय आज बहुत खुश था और हो भी क्युं ना आज तक उसके परिवार में 10वीं से आगे पढ्ने वाला लड्का सिर्फ़ जय था ये खबर सुनकर मम्मी पापा कितने खुश होगें यही सोच कर सोच उसकी खुशी और भी बढ्ती जा रही थी । उसने सोचा क्युं ना घर वालों के लिये कुछ मीठा ले चलू ये सोच कर वो एक हलवाई कि दुकान पर पहुचाँ और उससे 1 किलो कलाकन्द पैक करने को बोला और उसके पैसे उसे दिये और घर कि तरफ़ चल पडा।

उसका घर इस शहर से 8 किमी दूर एक छोटे से गावं में था और वो एक गरीब परिवार से था तो कोई वाहन ना होने के कारण पैदल हि ये सोचकर कि (रास्ते में कोई ताँगा या जुगाड मिल जायेगा) अपने गावं कि तरफ़ चल दिया। गरमी का समय था और जय ने कोई डेढ दो किलोमीटर का रास्ता पैदल ही तय कर लिया था लेकिन गरमी और तेज धूप की वजह से जय का चलते-2 पसीने के मारे बुरा हाल हो गया था। लेकिन अपने इरादों में अडिग रहने वाला जय ना तो थका ही और ना ही रुका और वो चलता ही जा रहा था।

जब करीब एक घन्टे बाद उसने 4 किलोमीटर पार कर लिया तो पीछे से साईकिल की घन्टी कि आवाज से उसने पीछे मुड्कर देखा तो गावं के मास्टर जी की लड्की कमली थी। कमली अपने नाम के अनुसार काली तो बिल्कुल भी नही थी हाँ पर थोडी सी सावली जरुर थी । कमली की उम्र कोई 23 साल के आस-पास थी, 30-36-30 के आकार का महकता हुआ बदन, 5.5" की हाईट, बड़ी-२ काली आँखे, हल्का सावलापन लिये मजबूत गठीला बदन, होंठ पिंक कलर के और गालो पर एक मोटा सा तिल..जब वो हंसती थी तो उसके दांये गाल में एक डिम्पल सा बन जाता था, जो सामने वालों का मन मोह लेता था.उसकी कमर नाममात्र की थी...और पीछे से उसके कुल्हे भी ज्यादा उन्नत नहीं थे...पर उसकी ब्रेस्ट जो थी, वो सबसे कमाल की थी..

कुल मिलाकर बदन के हर हिस्से से केवल सेक्स की ही फुहार छूटती रहती है.गावं के और लोगो के लिये उसका स्वभाव एकदम सीधा साधा एवं सरल था पर जय के लिये कमली गावं की सबसे ज्यादा चुलबुली और शरारती लड्की थी । और हो भी क्यूं ना बचपन से साथ ही खेलते कूदते हुए तो दोनो बडे हुए थे।


कमली ने जय के पास आकर अपनी साईकिल रोकी और बडी ही अदा के साथ अपने बडे-बडे और प्यारे प्यारे नयनों को मटकाते हुये बोली
क्यूं जनाब पैदल ही यात्रा पर निकले हो । वैसे कहां तक की यात्रा पर जा रहे हो चार धाम की यात्रा पर उसका मजाक उडाते हुये कमली ने
कहा और बहुत जोर से खिलखिलाकर हंस पडी । हसते हुए कमली किसी स्वर्ग कि अप्सरा सी सुन्दर लग रही थी।

जय ने उससे कहा कम्मो (जय प्यार से उसे कम्मो बुलाता था) यार गरमी के मारे पहले ही बुरा हाल है उपर से तू और मजाक कर रही है तो
जय से कमली ने कहा चल तो तू साईकिल चला तो जय ने कहा ठीक है चल अब जल्दी से साईकिल पर पीछे बैठ जा। तो कम्मो ने कहा
क्यू आगे ना बैठ सकती हूँ मैं तो जय ने कहा नही गावं से आते हुए किसी ने देख लिया तो लेने के देने पड जायेगें। जय कमली के पिता से
आज भी बहुत डरता था। फ़िर दोनो साईकिल से जल्दी जल्दी घर कि तरफ़ चल दिये।

जय ने साईकिल चलाते-चलाते हुए ही कमली से बोला “ कम्मो…… अरे कहा मर गयी…… तो कम्मो ने जवाब दिया कही ना यही हूं बस तेरे
साथ इस सफ़र के आनन्द को अपने दिल में समेट रही हूं तो जय ने कहा तुझे पता है आज मेरा परिणाम आया है ग्रेजुअशन का और मैने अपना
कालेज टाँप किया है इतना सुनते ही कलमी पीछे से ही जय से चिपक गयी कमली के चिपकते ही जय को मानो 440 वोल्ट का
झटका लगा हो वो एकदम से हड्बडा गया और इसी हडबडाहट में जय साईकिल को सभाल नही पाया ओर साईकिल सडक पर बने हुए एक
गढ्ढें में दे दी जिससे कमली जय से और भी ज्यादा चिपक गयी अब जय को अपनी कमर में कमली के बडे बडे चूचों के चुभने का अहसास
हुआ इस अहसास के साथ ही जय कि पेन्ट में हलचल होनी शूरु हो गयी पर जय जानता था कि अगर उसने अपने आप को इस स्थिति
में नही सभाला तो उसे काफ़ी दिक्कत हो जायेगी।

इसलिये जय ने अपना पूरा ध्यान साईकिल चलाने पर लगा दिया और इधर कमली को भी अपनी चूचिया दबने के कारण एक अजीब सा
अहसास हुआ था उसका पूरा शरीर एक अजीब सी मस्ती से भर गया था जिसके कारण उसके गाल एकदम लाल हो गये तो उसने शरमा
कर झट से अपना मुह जय की कमर म छिपा लिया जब दोनो नोर्मल हुए तो कमली ने कहा कि जय मेरा मुह तो मिठा कराओ तो जय
ने साईकिल रोक कर उसे डिब्बे से निकाल कर मिठाई खिलाई । मिठाई खाकर जय ने कमली से कहा कि अब चलें तो कमली ने कहा
नही अभी एक मिनट रुको जय ने उसकी तरफ़ असमंजस से देखा.

तो कमली ने बहुत जल्दी दिखाते हुए जय के गाल पर किस कर दिया जय हक्का बक्का सा बस कमली का चेहरा देखता रहा उसे कमली
से ऐसा करने की कभी उम्मीद ना थी अब कमली से जय को हिलते हुए कहा मेरे बुद्दुराम घर चलें अब जय से कुछ नही बोला गया और
वो चुपचाप साईकिल चलाने लगा । जय के दिल में कमली के लिये कभी भी कोई गलत भाव ना आये थे वो तो बस उसे एक अच्छे दोस्त
कि तरह मानता था। लेकिन जब कमली ने उसे किस किया तो उसे भी बहुत अच्छा लगा। तभी कमली कि आवाज ने उसे बुरी तरह से
चोंका दिया क्योकि कमली ने जय से कहा कि ........

जय मैं तुम्हें बहुत पसन्द करती हूँ तथा मैं तुम्हें प्यार करने लगी हु आई लव यू जय
जय कि तो जैसे सांस ही रुक गयी ये सुनकर...


 कमली को बिना कुछ जवाब दिये जय चुपचाप साईकिल चलाता रहा फ़िर कोई 15 मिनट बाद वो दोनो गावं में आ गये थे अब
जय ने कमली और उसकी साईकिल दोनो को कमली के घर पर छोडा और मुस्कराता हुआ अपने घर की तरफ़ चल दिया ।

जय का घर कमली के घर से ज्यादा दूर नही था बस 2 मिनट की दूरी पर ही जय का घर था। जैसे ही जय घर पर पहुचां तो देखा
की घर के बाहर पडोसियो की भीड लगी हुए है भीड को देखते ही जय के मन में किसी अनिष्ट कि शंका हुई अब जय तेज कदमों
से घर पहुचां तो औरतों के रोने की आवाज से उसका दिल और घबराने लगा कि पत नही क्या हो गया हैं .

जैसे ही वो अन्दर पहुचां तो देखा के उसके पापा जमीन पर पडे हुए है और उसकी मम्मी और बहन जोर जोर से रो रही है ये सब
देखते ही जय का दिल एक दम से घबरा गया कहा तो वो ये सोच कर खुश था कि मम्मी पापा कितने खुश होगें उसके टाँप होने
कि खबर सुनकर पर यहाँ तो सबकुछ उल्टा ही हो गया ।

उसने सबसे पहले तो स्थिति को समझने कि कोशिश की कि आखिर बात क्या है पापा को हुआ क्या है तो उसने सबसे पहले कमली
के पापा से जो कि उसके पापा के सबसे अच्छे दोस्त थे पूछा की चाचा जी पापा को क्या हुआ है इससे पहले कि कमली के पापा जय
को कोई जवाब दे पाते बीच में ही जय कि मम्मी जोर जोर से रोते हुए बोली जय तेरे पापा ह्म सब को छोड कर हमेशा के लिये चले
गये । इतना सुनते ही जय के हाथ से मिठाई का डिब्बा छूट कर नीचे गिर गया और धम्म की आवाज के साथ जय नीचे गिर गया।


 फ़िर कुछ देर बाद जैसे ही उसने अपने होश सभाला सबसे पहले उसने ये पूछा कि कैसे हुआ ये सब । तो गाव के ही एक
व्यक्ति ने बताया बेटा तेरे पापा खेतो में काम कर रहे थे तो अचानक से गिर गये बस । इतना सुनते ही जय फ़टाफ़ट खडा
हुआ और अपने पापा कि नब्ज चैक की तो पाया कि उनकी सासें अभी भी चल रही है इसका मतलब पापा जिन्दा है उसने
ये बात अपनी मम्मी को बतायी तो उन्हें विश्वास ही ना हुआ पर जब उन्होने खुद उनके दिल को धडकते हुए देखा तो चैन
की सांस ली अब घर में सभी का रोना बन्द हो गया तथा जल्दी से जल्दी उन्हें हस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे।

अब जल्दी से जल्दी शहर कैसे लेके जाये उन्हें सभी को इसी बात की चिन्ता होने लगी तभी गावं के प्रधान जी वहां आये
और बोले जय बेटा हमारा ट्रेक्टर घेर में खडा हैं जल्दी से जाओ और उसमें ट्राली को जोड के जल्दी लेकर आओ जय भागा
भागा प्रधान जी के घर पहुचां वहां प्रधान जी का लडका अशोक मिला उसने और जय ने मिलकर ट्रेक्टर ट्राली को जोडा और
जय उसे लेकर घर पहुचां और जल्दी से पापा को सभी ने मिलकर ट्राली में लिटाया और मम्मी तथा गावं के कुछ और लोग
भी उनके साथ जिनमें गावं के प्रधान जी भी सामिल थे शहर के लिये चल दिये।

शहर पहुंच कर सभी लोग हस्पताल पहुचें तथा जय के पापा को अस्पताल में भर्ती कराया। डाँक्टरो ने चेकअप किया और बताया
कि इनके दिमाग कि नस फ़टने के कारण ये बेहोश हुए है अगर जल्दी से जल्दी इनका आपरेशन ना किया गया तो इनका
बचना मुश्किल हो जायेगा। और आपरेशन में कम से कम 1 लाख रुपये लगेंगे और जिसमें से 30000/- अभी जमा करने होगें ।
इतना सुनते ही बेचारे जय की हिम्मत जवाब दे गयी गरीब आदमी के पास इतने पैसे कहा से आये वो बेचारा एक
कोने में जाकर रोने लगा।


 जब प्रधान जी ने जय को कोने में खडे रोते हुए देखा तो वो उसके पास गये और बोले बेटे क्या हुआ अब तो तुम्हारे पापा
जल्दी ठीक हो जायेंगे तो फ़िर तुम रो क्यूं रहे हो । जय ने कहा ताऊ जी (गांव के रिश्ते के अनुसार) मै इतने सारे पैसे कहा
से लाउन्गा तो प्रधान जी ने कहा बेटा परेशान क्यू हो रहे हो ह्म सब है ना तुम्हारे साथ और उन्होनें अपनी जेब से जय को 30000
रुपये देते हुए कहा जाओ जय बेटा ये पैसे रिशेप्शन पर जमा करा कर आओ तब तक ह्म डाक्टर को बोलते है कि वो आपरेशन
कि तैयारी करें।

डाक्टर्स ने आपरेशन कर दिया आपरेशन ठीक हो गया था और दो दिन बाद उन्हें आई सी यू से जनरल वार्ड में शिफ़्ट कर दिया गया ।
जय के पिता की हालत अब ठीक होने लगी जब वो बोलने के काबिल हो गये तो उन्होनें जय की माता जी से पुछा कि इलाज के लिये
पैसे कह से आये तब उन्होने कहा की मुझे नही पता सब इन्तजाम जय ने किया है।

तब उन्होनें जय से पूछा तो जय ने बता दिया कि कैसे कैसे प्रधान जी ने और बाकी के गावं वालों ने मिलकर 75000/- का इन्तजाम
किया था पर जय अब भी बहुत परेशान था क्युकि बाकी के 25000/- वो कहा से लायेगा जब उसने ये बात अपनी मम्मी को बतायी
तो उन्होने कहा बेटा परेशान ना हो तब उन्होनें अपने तथा जया (जय कि बहन) के कुछ गहने जय को दिये कि जा इन्हें बेचकर कुछ
पैसे मिल जायेगें ।

पहले तो जय ने साफ़ साफ़ उन्हें बेचने से मना कर दिया पर जब और कही से कोई इन्तजाम ना हुआ तो वो उन गहनों को लेकर बाजार
म गया तो सुनार ने उन गहनों की कीमत 30000/- रुपये लगायी तो जय ने 30000/- में गहने बेच दिये तथा अस्पताल आकर अपने
पापा कि छुटटी करा कर वापस अपने गावं ले आया


 जय अपने मम्मी पापा को दिखाने के लिये बस उपर से खुश दिख रहा था पर अन्दर हि अन्दर वो बहुत परेशान था कि कैसे वो प्रधान
जी ओर बाकी के गावं वालो का कर्जा चुकायेगा । तब उसने एक कठिन निर्णय ले लिया कि वो अब अपने गावं को छोड्कर शहर जायेगा
और वहां जाकर वो पैसे कमायेगा तथा सभी गावं वालों क कर्जा उतारेगा। जब ये बात उसने मम्मी पापा को बतायी तो उन्होनें पहले तो
सख्ती के साथ मना कर दिया पर जय कि जिद के सामने वो रुक नही पाये और उन्होनें उसे जाने कि इजाजत दे ही दी।

अब जय के सामने ये समस्या थी कि वो जाये तो जाये कहां तभी उसे याद आया कि 12वीं में योगेश नाम का एक लडका उसके साथ
पढ्ता था और जय को उसने बताया था कि वो किसी शहर में नौकरी करता है । तो वो अगले ही दिन उसके गावं गया लेकिन वहा पर
जय को उसका दोस्त योगेश नही मिला.

वहां उसके पापा मिले उन्होनें उसे घर में अन्दर बुलाया तथा पानी पिलाया उसके बाद उसके हाल चाल पूछे फ़िर उससे आने का कारण पूछा
तो उसने बता दिया कि वो भी शहर जाना चाहता है तब उन्होने अपनें लैड्लाईन फोन से जय की बात अपने बेटे योगेश से कराई तो उसने
भी जय को जल्दी से जल्दी दिल्ली आने के लिए बोल दिया


जय अगले दिन ही ट्रेन पकड्कर दिल्ली आ पहुचां तो उसका दोस्त योगेश स्टेशन के बाहर ही उसका इन्तजार करता हुआ मिल गया ।
जय को लेकर वो अपने रुम पर गया वहा जाकर जय नहाया धोया फ़िर पूरा दिन दोनो दोस्तो ने बातो में ही बिता दिया जय ने उसे
अपनी सारी आपबीती घटना बता दी तो योगेश ने कहा कि तू परेशान मत हो में जल्दी ही तुझे काम दिलवा दूंगा फ़िर दोनो ने खाना
खाया और सो गये।

अगले दिन दोनो जल्दी से तैयार होकर घर से निकल गये योगेश के दोस्त ने अपनी जान पह्चान के दम पर जय को यूरेका फ़ोर्बस में
सेल्स एक्जक्यूटिब के पद पर नौकरी दिलवा दी आज जय बहुत हि ज्यादा खुश था। और इसी खुशी खुशी में नौकरी जय ने कर ली थी
पर जैसे जैसे आफ़िस में उसके दिन बढते गये उसकी चिन्ताए भी बढती गयी क्योकि जय तो एक गावं से आया सीशा और शरीफ़ लडका
था उसे घर घर जाकर प्रोडक्ट कैसे बेचना है नही पता था जिससे उसका टारगेट पूरा नही हो पा रहा था पूरा तो क्या 15 दिन तक
उससे एक भी प्रोडक्ट नही बिका ।

जैसे ही एक दिन जय आफ़िस पहुचाँ तो उसके टीम लीडर ने जय में जबरदस्त तरीके से डाँट लगा दी ये तुमने क्या लगा रखा है क्या करते
हो पूरे दिन एक भी प्रोडक्ट नही बिका है तुमसे ऐसे तुम्हे तन्ख्बाह कैसे मिलेगी । जय बहुत परेशान हुआ और अपनी डेली किट उठाई और
निकल पडा अपने डेली के सफ़र पर लेकिन आज उसे एक प्रोड्क्ट बेचना उसकी जरुरत ही नही उसकी मजबूरी भी था क्योंकि आज उसकी
जेब में खाना खाने तक के लिए एक रुपया भी नही था

 

हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator