FUN-MAZA-MASTI
‘आई लव यू’ दीदी--2
अब मैं आपको बताने आ गई हूँ कि उस रात जब मेरे भाई ने मेरी कच्छी सूंघ कर मेरी तस्वीर के सामने कड़े होकर मुठ मारी तो उसके बाद क्या हुआ।
जैसा की मैंने बताया मेरा इम्तिहान था तो मैं सुबह उठकर पढ़ने बैठ गई और 11 बजे इम्तिहान दिया, पेपर अच्छा गया और मैं घर की ओर चल पड़ी। पर तभी मुझे याद आया कि क्यूँ ना कुछ शॉपिंग कर लूँ। शॉपिंग क्या मुझे तो कुछ पेंटी लेनी थी ताकि मेरे भाई को कोई कमी ना हो।
मैंने दुकान में जाकर रंग बिरंगी दो कच्छियाँ ली, साथ में दो ब्रा भी खरीद ली और घर आ गई।
दरवाजा भाई ने खोला क्यूंकि दिन में सिर्फ़ वही तो होता है घर में !
मैंने उसे देखकर एक सेक्सी स्माइल दी और अपने कमरे में आ गई। मैंने कपड़े उतारे और नई पेंटी-ब्रा पहन कर कुरता सलवार पहन ली और पहले पहनी पेंटी-ब्रा बाथरूम में टाँग दी, सोचा भाई को आज ब्रा भी दे दी जाए मज़े करने को।
पर इससे अब मेरी ज़रूरत पूरी नहीं होनी थी, मुझे अब उसके लंड की ज़रूरत थी। मैं सोचने लगी कि कैसे अब उसकी इच्छा पूरी करूँ सेक्स की।
और कुछ समझ ना आने पर मैं फन मज़ा मस्ती खोल कर कहानियाँ पढ़ने लगी।
रात में फिर भाई के कमरे में देखा तो वही हो रहा था जो मैंने सोचा था, उसने मेरी पेंटी-ब्रा पहन रखी थी और मस्त लग रहा था।
मैं वापस अपने कमरे में आ गई और नंगी होकर सो गई।
अब दिन में सिर्फ़ हम दोनों ही होते थे घर में तो अब मैंने सोचा कि कुछ जवानी के नजारे दिखाने चाहिए भाई को ताकि वो खुद ही आकर चोद दे मुझे।
मैं पहले सुबह नहा लेती थी, पर अब मैंने सोचा कि मम्मी पापा को जाने दो, फिर नहा लूँगी और कुछ भाई भी खुश हो जाएगा अगर नहाते देखता हो मुझे तो।
मैंने आज से फ़ैसला किया कि अब धीरे धीरे भाई को फ़ंसाऊँगी ताकि वही आगे आए चोदने को ! धीरे धीरे उसके सामने अपना जवान बदन दिखाती रहूँगी तो आज बिना सलवार के ही बाहर आ गई, वो मेरे कमरे में ही था, मुझे देखकर चौंक गया और मेरी गोरी टाँगें देखने लगा।
मैंने उसे अनदेखा किआ और तैयार होने लगी। वो कम्प्यूटर पर बैठा था और उसकी नज़रें मेरी टाँगों पर थी। शायद वो जानबूझ कर ही बैठता था, इसलिए अब उसकी इच्छा पूरी होने लगी थी।
मैं तो जानती थी कि वो क्या पढ़ रहा है इन्टरनेट पर !
फिर मैंने उसके सामने ही पैर उठा कर सलवार पहनी, वो थोड़ा शर्मीला भी है पर उसकी तिरछी आँखें मेरी तरफ ही थी।
मैं अपनी चिकनी जांघें अपने भाई को दिखा कर रसोई में चली गई और सोचने लगी- आज तो कुछ नहीं। अब रोज देखते जाओ, तुम्हारी बहन क्या क्या दिखाती है तुमको।
मैं लौटकर आई तो सोचा देखूं तो सही आख़िर मेरा भाई कहानी पढ़कर क्या करता है, तो मैं खिड़की में खड़ी हो गई और देखकर तो मज़ा आ गया, उसका लंड बाहर था और उसको मसल रहा था, मैंने सोचा क्यूँ ना थोड़ी मदद कर दूँ। मैं थोड़ी आहट करते हुए कमरे में आई तो उसने फ़ौरन लंड अंदर कर लिया और चुपचाप काम करने लगा।
पर मैं कहाँ शांत होने वाली थी, मैंने अलमारी खोली और कुछ कपड़े बाहर रखने लगी। पर मुझे तो अपने पेंटी-ब्रा दिखाने थे, मैं उनको वहीं रखकर बाहर आ गई ताकि देख सकूँ कि मेरा प्यारा भाई अब क्या करता है, और छुप गई।
उसने यहाँ वहाँ देखा और फ़ौरन मेरी एक सलवार लेकर उसमें लंड मारने लगा और अपना पानी निकाल दिया।
मैंने अपने मन में कहा- मुझे ही चोद ले, मेरी सलवार क्यूँ खराब कर रहा है।
मैं अभी नहीँ चाहती थी कि मैं उसे कुछ बोलूँ तो कुछ नहीं कहा।
थोड़ी देर में मैं अंदर गई और उससे बातें करने लगी। मैंने उसे ऐसा नहीं लगने दिया कि मैं सब जानती हूँ पर मैं भी आगे बढ़ना चाहती थी, मैंने वहीं सोने का नाटक किया कि वो कुछ करेगा, पर उसने कुछ नहीं किया, वो तो सिर्फ़ मेरे कपड़ों से खुश था।
पर मुझे तो अब पूरी चुदाई चाहिए थी।
अगले दिन नहा कर मैंने सिर्फ़ कुर्ता पहना और बाहर आ गई सोचा उसके सामने ही पेंटी डालूंगी तो रोक लेगा। मैं कमरे में आई, रोज की तरह वो कंप्यूटर पर था, मैंने रात वाली पेंटी उठाई जिसमें उसने मुठ मारी थी और उसके सामने पहनने लगी। उसका लंड पूरा खड़ा था और तिरछी नज़रों से देख भी रहा था पर कुछ नहीं हुआ, थोड़ी देर में वो बाहर चला गया, शायद मुठ मारने गया होगा और मैं फिर उदास हो गई।
ऐसे करते हुए एक हफ़्ता हो गया, अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उस पर, पर मैं अभी भी उसी से कबूल करवाना चाहती थी तो अब मैंने फ़ैसला किया कि अब उसे सब कुछ दिखा देती हूँ और मैंने अपनी खिड़की पूरी खोल दी सिर्फ़ परदा लगा दिया वो पूरा पारभासक था। मम्मी पापा जा चुके थे। मैंने रसोई से आने के बाद देखा, भाई मेरे कमरे में ही है, मैंने सिर्फ़ तौलिया उठाया और जल्दी से बाथरूम में आ गई, फ़ौरन कपड़े उतार कर नहाई और सिर्फ़ तौलिये में बाहर आ गई।
कमरे में जाने में मुझे भी थोड़ी शरम और डर लग रहा था पर चूत की खातिर अंदर आ गई, भाई कंप्यूटर की तरफ था, मैंने उसको आवाज़ दी तो वो मुड़ा और मुझे देखता ही रह गया। मैंने मन में सोचा कि आज तो काम हो गया, पर वो तो सिर्फ़ देखे ही जा रहा था। मैंने बोला- क्या देख रहे हो?
तो बोला- कुछ नहीं ! कपड़े नहीं ले गई थी क्या?
उसकी आवाज़ में एक मुस्कान थी।
मैंने नाटक वाले गुस्से में कहा- बाहर जाओ, मुझे कपड़े बदलने हैं।
वो चला गया, मैंने दरवाजे को बंद कर लिया पर कुण्डी नहीं लगाई ताकि भाई आ सके। मैंने अपने बदन से तौलिया हटा दिया क्यूंकि मुझे मालूम था कि वो खिड़की से ज़रूर देखेगा। और वही हुआ, मैंने आईने में देखा तो उसका चेहरा दिख गया, मैं तो खुश हो गई और आराम आराम से कपड़े निकालने लगी आलमारी से ! फिर बेड पर पैर रखकर तेल लगाने लगी और अपनी चूत पीछे कर दी ताकि मेरा भाई मेरी कुंवारी बिना बालों की चूत को देखकर उत्तेजित हो जाए और अंदर आ जाए।
पर ऐसा नहीं हुआ, काफ़ी समय हो गया था तो मैंने अपनी पेंटी पहन ली और ब्रा भी।
अब भी मैं यही सोच रही थी कि शायद अभी आ जाए पर वो तो सिर्फ़ शायद मेरे कपड़ों से खुश था।
मैंने बेमन से अपने कपड़े पहन लिए और बैठ गई। थोड़े देर में उसने आवाज़ लगाई- अंदर आ रहा हूँ !
तो मैंने सोचा- हुंह ! अब क्या कर लेगा तू ? आ जा !
मैं गुस्से में थी तो सोच लिया कि आज उसको नेट नहीं चलाने दूँगी, तो मैंने मूवी लगा दी ‘टाइटेनिक’
वो भी आक़र देखने लगा पर मैं तो उसको ही गुस्से में देख रही थी और वो भी बहुत खुश था आज मुझे नंगा देखकर !
मैं तो उदास हो गई थी कि यह तो खुश हो गया पर मेरा क्या होगा?
पर जैसा कि मैंने बोला ही है कि ‘आई एम लकी गर्ल’, मूवी में एक सीन आया जिसमें हीरो हिरोइन की पेंटिंग बनाता है, मेरा भाई भी पेंटिंग में बहुत तेज है, वो बोला- मैं भी ऐसी पेंटिं बना सकता हूँ !
और यही मेरा पॉइंट था, मैंने भी फ़ौरन बोल दिया- तू नहीं बना पाएगा !!
भाई बोला- नहीं, मैं बना लूँगा।
मैंने कहा- अच्छा? बड़ा बोल रहा है पर नहीं बना पाएगा !!
पर अब भाई ने कहा- नहीं, बहुत आसान है मेरे लिए यह !
तो मैंने भी अब कह दिया- ठीक है, तो बना कर दिखा, तो मानूँगी।
वो बोला- ठीक है, पर मूवी में ठीक से दिख नहीं रहा है, मेरे सामने आए तो बना लूँगा।
मैंने कहा- मेरी बना ले !!
और एक स्माइल दी।
उसका तो गला ही सूख गया और कुछ ना बोल पाया।
मैं भी अब तक उसको समझ गई थी कि यह तो बहुत शर्मीला है तो मुझे ही अब आगे बढ़ना होगा, अगर मैंने पेंटिंग का बोला तो यह मुझे छुएगा भी नहीं !
इसलिए मैंने कहा- क्या हुआ? रह गया ना? मैंने सही कहा था कि तू नहीं कर सकता !!
पर वो बोला- नहीं दीदी, मैं कर लूँगा पर आपको अपने कपड़े उतारने होंगे?
मैंने कहा- तो क्या हुआ, उतार देती हूँ ! पर एक परेशानी है मेरे शरीर में बाल हैं, मुझे पहले वैक्सिंग करानी पड़ेगी, वरना पेंटिंग सही नहीं बनेगी।
मुझे तो उसको अपने शरीर को अपने भाई को परोसना था ताकि वो मेरी चुदाई करे ! मैं तो पहले से ही वैक्सिंग करा चुकी थी।
वो बोला- ठीक है, फिर आप बाद में बनवा लेना।
यह तो फिर से मेरी आशाओं पर पानी फिरने वाला था पर मैंने इस बार ठान लिया था कि आज अपनी प्यास बुझा कर ही दम लूँगी।
मैंने उसे कहा- नहीं, तुम ऐसा करो, बाज़ार जाकर वीट ले आओ, और तुम ही मेरी वैक्सिंग कर देना, बहुत आसान है, मैं बता दूँगी कैसे करते हैं।
उसने भी तुरंत हाँ बोल दिया और क्यूँ ना बोले, आज उसने अपनी दीदी को नंगा देखा था और अब तो वो अपनी बहन के नंगे बदन अपने हाथों से छूने वाला था।
अभी तो सिर्फ़ तस्वीर को चूमता था, पर आज मुझे सीधे चूमेगा।
वो तुरंत जाकर गाड़ी निकालने लगा और चला गया।
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
‘आई लव यू’ दीदी--2
अब मैं आपको बताने आ गई हूँ कि उस रात जब मेरे भाई ने मेरी कच्छी सूंघ कर मेरी तस्वीर के सामने कड़े होकर मुठ मारी तो उसके बाद क्या हुआ।
जैसा की मैंने बताया मेरा इम्तिहान था तो मैं सुबह उठकर पढ़ने बैठ गई और 11 बजे इम्तिहान दिया, पेपर अच्छा गया और मैं घर की ओर चल पड़ी। पर तभी मुझे याद आया कि क्यूँ ना कुछ शॉपिंग कर लूँ। शॉपिंग क्या मुझे तो कुछ पेंटी लेनी थी ताकि मेरे भाई को कोई कमी ना हो।
मैंने दुकान में जाकर रंग बिरंगी दो कच्छियाँ ली, साथ में दो ब्रा भी खरीद ली और घर आ गई।
दरवाजा भाई ने खोला क्यूंकि दिन में सिर्फ़ वही तो होता है घर में !
मैंने उसे देखकर एक सेक्सी स्माइल दी और अपने कमरे में आ गई। मैंने कपड़े उतारे और नई पेंटी-ब्रा पहन कर कुरता सलवार पहन ली और पहले पहनी पेंटी-ब्रा बाथरूम में टाँग दी, सोचा भाई को आज ब्रा भी दे दी जाए मज़े करने को।
पर इससे अब मेरी ज़रूरत पूरी नहीं होनी थी, मुझे अब उसके लंड की ज़रूरत थी। मैं सोचने लगी कि कैसे अब उसकी इच्छा पूरी करूँ सेक्स की।
और कुछ समझ ना आने पर मैं फन मज़ा मस्ती खोल कर कहानियाँ पढ़ने लगी।
रात में फिर भाई के कमरे में देखा तो वही हो रहा था जो मैंने सोचा था, उसने मेरी पेंटी-ब्रा पहन रखी थी और मस्त लग रहा था।
मैं वापस अपने कमरे में आ गई और नंगी होकर सो गई।
अब दिन में सिर्फ़ हम दोनों ही होते थे घर में तो अब मैंने सोचा कि कुछ जवानी के नजारे दिखाने चाहिए भाई को ताकि वो खुद ही आकर चोद दे मुझे।
मैं पहले सुबह नहा लेती थी, पर अब मैंने सोचा कि मम्मी पापा को जाने दो, फिर नहा लूँगी और कुछ भाई भी खुश हो जाएगा अगर नहाते देखता हो मुझे तो।
मैंने आज से फ़ैसला किया कि अब धीरे धीरे भाई को फ़ंसाऊँगी ताकि वही आगे आए चोदने को ! धीरे धीरे उसके सामने अपना जवान बदन दिखाती रहूँगी तो आज बिना सलवार के ही बाहर आ गई, वो मेरे कमरे में ही था, मुझे देखकर चौंक गया और मेरी गोरी टाँगें देखने लगा।
मैंने उसे अनदेखा किआ और तैयार होने लगी। वो कम्प्यूटर पर बैठा था और उसकी नज़रें मेरी टाँगों पर थी। शायद वो जानबूझ कर ही बैठता था, इसलिए अब उसकी इच्छा पूरी होने लगी थी।
मैं तो जानती थी कि वो क्या पढ़ रहा है इन्टरनेट पर !
फिर मैंने उसके सामने ही पैर उठा कर सलवार पहनी, वो थोड़ा शर्मीला भी है पर उसकी तिरछी आँखें मेरी तरफ ही थी।
मैं अपनी चिकनी जांघें अपने भाई को दिखा कर रसोई में चली गई और सोचने लगी- आज तो कुछ नहीं। अब रोज देखते जाओ, तुम्हारी बहन क्या क्या दिखाती है तुमको।
मैं लौटकर आई तो सोचा देखूं तो सही आख़िर मेरा भाई कहानी पढ़कर क्या करता है, तो मैं खिड़की में खड़ी हो गई और देखकर तो मज़ा आ गया, उसका लंड बाहर था और उसको मसल रहा था, मैंने सोचा क्यूँ ना थोड़ी मदद कर दूँ। मैं थोड़ी आहट करते हुए कमरे में आई तो उसने फ़ौरन लंड अंदर कर लिया और चुपचाप काम करने लगा।
पर मैं कहाँ शांत होने वाली थी, मैंने अलमारी खोली और कुछ कपड़े बाहर रखने लगी। पर मुझे तो अपने पेंटी-ब्रा दिखाने थे, मैं उनको वहीं रखकर बाहर आ गई ताकि देख सकूँ कि मेरा प्यारा भाई अब क्या करता है, और छुप गई।
उसने यहाँ वहाँ देखा और फ़ौरन मेरी एक सलवार लेकर उसमें लंड मारने लगा और अपना पानी निकाल दिया।
मैंने अपने मन में कहा- मुझे ही चोद ले, मेरी सलवार क्यूँ खराब कर रहा है।
मैं अभी नहीँ चाहती थी कि मैं उसे कुछ बोलूँ तो कुछ नहीं कहा।
थोड़ी देर में मैं अंदर गई और उससे बातें करने लगी। मैंने उसे ऐसा नहीं लगने दिया कि मैं सब जानती हूँ पर मैं भी आगे बढ़ना चाहती थी, मैंने वहीं सोने का नाटक किया कि वो कुछ करेगा, पर उसने कुछ नहीं किया, वो तो सिर्फ़ मेरे कपड़ों से खुश था।
पर मुझे तो अब पूरी चुदाई चाहिए थी।
अगले दिन नहा कर मैंने सिर्फ़ कुर्ता पहना और बाहर आ गई सोचा उसके सामने ही पेंटी डालूंगी तो रोक लेगा। मैं कमरे में आई, रोज की तरह वो कंप्यूटर पर था, मैंने रात वाली पेंटी उठाई जिसमें उसने मुठ मारी थी और उसके सामने पहनने लगी। उसका लंड पूरा खड़ा था और तिरछी नज़रों से देख भी रहा था पर कुछ नहीं हुआ, थोड़ी देर में वो बाहर चला गया, शायद मुठ मारने गया होगा और मैं फिर उदास हो गई।
ऐसे करते हुए एक हफ़्ता हो गया, अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उस पर, पर मैं अभी भी उसी से कबूल करवाना चाहती थी तो अब मैंने फ़ैसला किया कि अब उसे सब कुछ दिखा देती हूँ और मैंने अपनी खिड़की पूरी खोल दी सिर्फ़ परदा लगा दिया वो पूरा पारभासक था। मम्मी पापा जा चुके थे। मैंने रसोई से आने के बाद देखा, भाई मेरे कमरे में ही है, मैंने सिर्फ़ तौलिया उठाया और जल्दी से बाथरूम में आ गई, फ़ौरन कपड़े उतार कर नहाई और सिर्फ़ तौलिये में बाहर आ गई।
कमरे में जाने में मुझे भी थोड़ी शरम और डर लग रहा था पर चूत की खातिर अंदर आ गई, भाई कंप्यूटर की तरफ था, मैंने उसको आवाज़ दी तो वो मुड़ा और मुझे देखता ही रह गया। मैंने मन में सोचा कि आज तो काम हो गया, पर वो तो सिर्फ़ देखे ही जा रहा था। मैंने बोला- क्या देख रहे हो?
तो बोला- कुछ नहीं ! कपड़े नहीं ले गई थी क्या?
उसकी आवाज़ में एक मुस्कान थी।
मैंने नाटक वाले गुस्से में कहा- बाहर जाओ, मुझे कपड़े बदलने हैं।
वो चला गया, मैंने दरवाजे को बंद कर लिया पर कुण्डी नहीं लगाई ताकि भाई आ सके। मैंने अपने बदन से तौलिया हटा दिया क्यूंकि मुझे मालूम था कि वो खिड़की से ज़रूर देखेगा। और वही हुआ, मैंने आईने में देखा तो उसका चेहरा दिख गया, मैं तो खुश हो गई और आराम आराम से कपड़े निकालने लगी आलमारी से ! फिर बेड पर पैर रखकर तेल लगाने लगी और अपनी चूत पीछे कर दी ताकि मेरा भाई मेरी कुंवारी बिना बालों की चूत को देखकर उत्तेजित हो जाए और अंदर आ जाए।
पर ऐसा नहीं हुआ, काफ़ी समय हो गया था तो मैंने अपनी पेंटी पहन ली और ब्रा भी।
अब भी मैं यही सोच रही थी कि शायद अभी आ जाए पर वो तो सिर्फ़ शायद मेरे कपड़ों से खुश था।
मैंने बेमन से अपने कपड़े पहन लिए और बैठ गई। थोड़े देर में उसने आवाज़ लगाई- अंदर आ रहा हूँ !
तो मैंने सोचा- हुंह ! अब क्या कर लेगा तू ? आ जा !
मैं गुस्से में थी तो सोच लिया कि आज उसको नेट नहीं चलाने दूँगी, तो मैंने मूवी लगा दी ‘टाइटेनिक’
वो भी आक़र देखने लगा पर मैं तो उसको ही गुस्से में देख रही थी और वो भी बहुत खुश था आज मुझे नंगा देखकर !
मैं तो उदास हो गई थी कि यह तो खुश हो गया पर मेरा क्या होगा?
पर जैसा कि मैंने बोला ही है कि ‘आई एम लकी गर्ल’, मूवी में एक सीन आया जिसमें हीरो हिरोइन की पेंटिंग बनाता है, मेरा भाई भी पेंटिंग में बहुत तेज है, वो बोला- मैं भी ऐसी पेंटिं बना सकता हूँ !
और यही मेरा पॉइंट था, मैंने भी फ़ौरन बोल दिया- तू नहीं बना पाएगा !!
भाई बोला- नहीं, मैं बना लूँगा।
मैंने कहा- अच्छा? बड़ा बोल रहा है पर नहीं बना पाएगा !!
पर अब भाई ने कहा- नहीं, बहुत आसान है मेरे लिए यह !
तो मैंने भी अब कह दिया- ठीक है, तो बना कर दिखा, तो मानूँगी।
वो बोला- ठीक है, पर मूवी में ठीक से दिख नहीं रहा है, मेरे सामने आए तो बना लूँगा।
मैंने कहा- मेरी बना ले !!
और एक स्माइल दी।
उसका तो गला ही सूख गया और कुछ ना बोल पाया।
मैं भी अब तक उसको समझ गई थी कि यह तो बहुत शर्मीला है तो मुझे ही अब आगे बढ़ना होगा, अगर मैंने पेंटिंग का बोला तो यह मुझे छुएगा भी नहीं !
इसलिए मैंने कहा- क्या हुआ? रह गया ना? मैंने सही कहा था कि तू नहीं कर सकता !!
पर वो बोला- नहीं दीदी, मैं कर लूँगा पर आपको अपने कपड़े उतारने होंगे?
मैंने कहा- तो क्या हुआ, उतार देती हूँ ! पर एक परेशानी है मेरे शरीर में बाल हैं, मुझे पहले वैक्सिंग करानी पड़ेगी, वरना पेंटिंग सही नहीं बनेगी।
मुझे तो उसको अपने शरीर को अपने भाई को परोसना था ताकि वो मेरी चुदाई करे ! मैं तो पहले से ही वैक्सिंग करा चुकी थी।
वो बोला- ठीक है, फिर आप बाद में बनवा लेना।
यह तो फिर से मेरी आशाओं पर पानी फिरने वाला था पर मैंने इस बार ठान लिया था कि आज अपनी प्यास बुझा कर ही दम लूँगी।
मैंने उसे कहा- नहीं, तुम ऐसा करो, बाज़ार जाकर वीट ले आओ, और तुम ही मेरी वैक्सिंग कर देना, बहुत आसान है, मैं बता दूँगी कैसे करते हैं।
उसने भी तुरंत हाँ बोल दिया और क्यूँ ना बोले, आज उसने अपनी दीदी को नंगा देखा था और अब तो वो अपनी बहन के नंगे बदन अपने हाथों से छूने वाला था।
अभी तो सिर्फ़ तस्वीर को चूमता था, पर आज मुझे सीधे चूमेगा।
वो तुरंत जाकर गाड़ी निकालने लगा और चला गया।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment