Friday, July 11, 2014

FUN-MAZA-MASTI कितनी सैक्सी हो तुम --5

FUN-MAZA-MASTI

कितनी सैक्सी हो तुम --5 आज सब उल्टा हो रहा था आशीष ने अति उत्तेजना में बिस्तर की चादर को पकड़ लिया। मैं तो आशीष के ऊपर चढ़कर बैठ गई। अपने स्तनों को आशीष के बदन पर रगड़ते रगड़ते मैं आशीष की छाती से होते हुए पेट पर आ गई और बड़ी अदा के साथ आशीष के पायजामे को नीचे सरकाना शुरू कर दिया।
आशीष भी नितम्ब उठाकर मेरा साथ देने लगे। आशीष के नितम्ब ऊपर होते ही मैंने तेजी आशीष का पायजामा निकाल कर फेंक दिया। आशीष की दोनों टांगों के बीच में लटका हुआ लिंग मेरे सामने था। मैंने आशीष के पूरे बदन को चूमना शुरू कर दिया। सीईईईई…आ…शी…ष…ऊफ्फ्फ्फ… आशीष ने मेरे दोनों निप्पल को उमेठ डाला।
मैं कामाग्नि में पूरी तरह जल रही थी, मैंने एक हाथ से आशीष के सोये हुए लिंग को सहलाना शुरू कर दिया।
आशीष लगातार मेरे स्तनों को दबा रहे थे, मेरे निप्पलों से खेल रहे थे परन्तु चूंकि मैं आशीष की टांगों के बीच में थी तो उनको बार बार मेरे स्तनों को सहलाने में परेशानी हो रही थी।
मेरा ध्यान सिर्फ आशीष के लिंग की तरफ ही था, मैं लगातार प्रयास कर रही थी कि आज इसी लिंग से निकलने वाले अमृत से अपनी कामाग्नि बुझाऊँ।
हाययय…आहहह… मेरा पूरा बदन बुरी तरह कामोत्तेजित था। मेरी योनि में अजीब तरह की खुजली हो रही थी। हालांकि मेरे लिये यह खुजली नई नहीं थी परन्तु इतनी अधिक खुजली कभी महसूस नहीं हुई।
मैं आशीष के लिंग को अपनी योनि में अन्दर तक बसा लेना चाहती थी। अनेक प्रयास करने पर भी जब आशीष के लिंग में कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मजबूर होकर मै आशीष के दोनों ओर पैर करके ऊपर आ गई, अब उनका लिंग मेरी योनि के ठीक नीचे था।
आशीष लगातार आँखें बन्द करके मेरे स्तनों से खेल रहे थे।
उईईईई… मेरी योनि की बेचैनी मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी, योनि के अन्दर जैसे ज्वार भाटा उबल रहा था।
मैंने अपनी योनि को ही सीधे आशीष के सोये पड़े लिंग पर रगड़ना शुरू कर दिया। पर… ऊफ्फ्फ…ये…क्या…हुआ…मेरी…बेचैनी…तो…घटने…की…बजाय…और…बढ़…गई। दिल तो ये करने लगा कि चाकू लेकर अपनी योनि
को चीर दूँ मैं !
आशीष बेदर्दी से मेरे स्तनों से खेल रहे थे, मैं पागलों की तरह अपनी योनि आशीष के लिंग पर रगड़ने लगी। हायययय… कुछ देर तक रगड़ते-रगड़ते मेरी योनि से खुद ही रस निकलने लगा, मेरी आँखों से नशा सा छंटने लगा। कुछ तो आराम मिला।
हालांकि अभी भी कुछ कमी महसूस हो रही थी पर योनि की अग्नि कुछ हद तक शांत हो चुकी थी। आशीष अब आँखें बन्द किये आराम से लेटे थे।
मैं उनके ऊपर से उठकर सीधे बाथरूम में गई, योनि के अन्दर तक पानी मारकर उसको ठण्डा करने की कोशिश की और सफाई करके वापस आई, देखा तो आशीष सो चुके थे या शायद सोने का नाटक कर रहे थे।
मेरी आँखें भी बोझिल थी, चुपचाप आकर सो गई मैं।
सुबह मैं फ्रैश मूड से उठी तो देखा आशीष हमेशा की तरह गहरी नींद में सो रहे थे। बैड टी लाकर मैंने आशीष को आवाज दी, आशीष ने आँखें खोली, मुझे देखकर मुस्कुसराये और सीधे बैठकर चाय का कप ले लिया।
मैंने समय ना गंवाते हुए तुरन्त आशीष से पूछा- क्या आपको कोई प्राब्लम हैॽ
आशीष शायद मेरे इस अप्रत्याक्षित प्रश्न के लिये तैयार नहीं थे, चाय का कप भी उसके हाथों से गिरते गिरते बचा पर आशीष कुछ नहीं बोले।
मैंने फिर से अपना सवाल थोड़ी तेज आवाज और गुस्से वाले अंदाज में दोहराया।
‘हाँ…’ बस इतना ही बोला आशीष ने और उनकी आँखों से तेजी से आँसू गिरने लगे।
मेरे तो जैसे पैरों के तले से जमीन ही खिसक गई। मैं समझ ही नहीं पाई कि मुझे क्या करना चाहिएॽ मुझे तो अपना वैवाहिक जीवन ही अंधेरे में दिखने लगा पर आशीष लगातार रोये जा रहे थे।
भले ही कुछ भी परेशानी थी पर पति-पत्नी का प्यार अपनी जगह होता है, मुझसे आशीष के ये आँसू बर्दाश्त नहीं हो रहे थे, मैंने माहौल को हल्का करने के लिये बोला- चाय तो पी लो और टैंशन मत लो। हम किसी अच्छेा डॉक्टर को दिखा लेंगे।
पता नहीं आशीष ने मेरी बात पर ध्यान दिया या नहीं पर वो चाय पीकर बहुत तेजी से अपने दैनिक कार्य से निवृत्त होकर ऑफिस के लिये तैयार हुए और बाहर आ गये।
आज आशीष पापा से भी पहले ऑफिस के लिये निकल गये।
मैं कोई बेवकूफ नहीं थी, उनकी मनोदशा अच्छी तरह समझ सकती थी पर अन्दर से मैं भी बहुत परेशान थी। मुझे तो अपना वैवाहिक जीवन ही अन्‍धकारमय लगने लगा। मेरे पति का पुरूषांग जिस की दृढ़ता हर पुरूष को गौरवांन्वित करती है, क्रियाशील ही नहीं था। हालांकि मैं व्यक्तिगत रूप से खुद को बहुत मजबूत मानती थी पर आज मैं भी खुद को अन्दर से टूटा हुआ महसूस कर रही थी।
शादी के बाद पिछले 4 महीनों में आशीष के व्य्वहार का आकलन कर रही थी। आशीष सच में मुझे जान से बहुत प्यार करते थे। मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूँॽ
फिर भी मैंने रात को आशीष से खुलकर बात करने का निर्णय किया। आज मुझे एक दिन इस घर में पिछले 4 महीने से ज्यादा लम्बा लग रहा था।
रात को आशीष घर बहुत देर से आये, उन्होंने सोचा होगा कि मैं सोती हुई मिलूँगी तो कोई बात ही नहीं होगी। पर मेरी आँखों से तो नींद कोसों दूर थी। डिनर के बाद कमरे में आते ही मैंने उनसे बात करनी शुरू की, मेरी बात शुरू करते ही उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे।
यही मेरी सबसे बड़ी कमजोरी थे मैं उनको रोता नहीं देख सकती थी।
उन्होंने बोलना शुरू किया- नयना, सच तो यह है कि मैं शुरू से ही तुमको धोखा दे रहा हूँ ! तुमको ही नहीं सबको, अपने माँ-बाप को भी। मैंने अपनी इस बीमारी के बारे में किसी को नहीं बताया। मुझे पता था कि एक ना एक दिन तुमको जरूर पता चलेगा पर मैं तुमको दुख नहीं पहुँचाना चाहता था। हमेशा सोचता था कि जब तक काम ऐसे चल रहा है चलने दूं। मैंने शादी से पहले इसके अनेक इलाज करवाये पर कोई फायदा नहीं हुआ। आज तुमको इसके बारे में पता चल गया है तो निर्णय तुम पर है तो चाहो निर्णय ले सकती हो। मेरे मन में तुम्हारे लिये जो प्यार आज है वो ही हमेशा रहेगा।
अब मैं क्या करतीॽ मैं तो अन्दर से पहले ही टूट चुकी थी। उनके साथ मेरी भी आँखों से आँसू निकल गये।
हम दोनों एक दूसरे को चुप कराते कराते कब सो गये पता ही नहीं चला।
सुबह मैं आशीष से पहले उठी। बहुत सोचा फिर बाद में इसी को नियति का खेल सोचकर धैर्य करना ही ठीक समझा और आशीष के लिये चाय बनाने चली गई।
जिंदगी ऐसे ही चलती रही। सात साल कैसे बीत गये पता ही नहीं चला। पर उस दिन अचानक मानो मुझ पर बिजली गिर पड़ी, मेरी शादी की सातवीं सालगिरह थी, सभी मेहमान आये हुए थे।
अच्छा खासा फंक्शन चल रहा था, अचानक मेरी सास मेरी मम्मी के पास आयी और बोली- बहन जी, आपकी बेटी की शादी को 7 साल हो गये, जरा इससे ये तो पूछो कि हमें पोते-पोती का मुँह भी दिखायेगी या नहींॽ
मेरी सास ने भरी महफिल में मेरी माँ से ऐसा सवाल पूछ लिया जिसका जवाब उस समय कोई भी नहीं दे सकता था।
बहुत हंगामा हुआ, मेरे पापा भी कोई इतनी छोटी चीज नहीं थे जो अपनी बेटी की इस तरह भरी महफिल में बेइज्जती सहन कर लेते। उसी दिन शाम को मम्मी पापा मुझे अपने साथ घर लिवा लाये। आशीष के लाख कहने के बाद भी उन्होंने मुझे उस घर में नहीं रहने दिया।
मेरी सास के इस व्यवहार से मैं भी हतप्रभ थी पर मैं किसी भी कीमत पर आशीष से दूर नहीं होना चाहती थी। मजबूरी ऐसी कि असली बात किसी को बता भी नहीं सकती थी।







हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator