Thursday, July 10, 2014

FUN-MAZA-MASTI भाभी चुद गई बहन के घर

FUN-MAZA-MASTI


भाभी चुद गई बहन के घर



हाए दोस्तो मेरा नाम मनदीप सिह है। मै पंजाब का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 24 साल की है। मेरी अपनी मोबाइल की दुकान है ये मेरी पहली स्टोरी है। बहुत समय से मेरे अंदर का मन भी बेचैन था कि में भी अपनी स्टोरी भेजू तो आज थोड़ा समय मिला है तो में अपनी स्टोरी आपके सामने रख रहा हूँ।
मेरा क़द 5 फिट 9 इंच है में एक हट्टाकट्टा नोजवान हूँ। मेरे घर पर मैं अकेला भाई हूँ। गाँव मे रहने और खेत मे काम करने से बदन मजबूती वाला है जो लड़कीयो को खास पसंद आता है। यह कहानी मेरी ओर मेरी भाभी मनप्रीत की है। अब आप सोच होगे की मैने तो अपने आप को अकेला भाई बताया था तो यह भाभी कहाँ से आ गई। वो मेरे पिता के बड़े भाई के बेटे की पत्नी है जो की विदेश मे है।
मतलब् मेरे ताऊ जी की बहू है। तो अब मैं आपको अपनी भाभी के बारे मे बताता हूँ। भाभी की उम्र 26 साल है और उन की लम्बाई 5 फिट 3 इंच है। रंग गोरा कसी हुई चुचियां पतली कमर उभरी हुई मस्त गांड। उनकी शादी को 5 साल हुए है। और उनकी एक बेटी भी है 3 साल की अब आपको बोर ना करते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हूँ।
बात आज से 2 साल पहले की है जब मेरी भतीजी 1 साल की थी और माँ का दूध पीती थी। ऐसे ही एक दिन भाभी मेरी भतीजी को दूध पिला रही थी तो मैं वहां उनके पास चला गया ओर प्यार से अपनी भतीजी के सर पर हाथ फेरने लगा मेरे ऐसा करने से मेरा हाथ एक दो बार भाभी के बूब्स को छू गया। लेकिन मैने गौर नहीं किया। और भाभी ने भी कुछ नहीं कहा वो तो ऐसे व्यहवार कर रही थी। जैसे कुछ हुआ ही ना हो। ओर मैं भी अपने काम पर चला गया।
अगले दिन फिर वही सब कुछ हुआ और भाभी सामान्य दिखी तो मैने सोचा की यह मेरे मन का वहम होगा। मगर यकीन करने के लिये मैने अगले दिन भी वही काम किया। इस बार मैने थोड़ा ज़्यादा बार ओर ज़्यादा सक्ती से किया। मैने देखा भाभी इसका मजा ले रही थी ओर मुस्करा रही थी।
अब मेरा होसला और बड गया उस दिन मुझे पक्का विश्वास हो गया की भाभी भी वही चाहती है जो मैं चाहता हूँ। अब मैने ठान लिया था के भाभी को बिस्तर पर ला कर ही दम लूँगा और अपनी राते रंगीन करूँगा। अगले दिन मैने फिर वही किया। तो भाभी ने कह ही दिया की क्यू रोज-रोज मेरी आग भड़का कर चले जाते हो।
तो मैने कहा कि मैं तो डरता था। की कही आप गुस्सा ना हो जाओ ओर मेरी शिकायत ना कर दो। तो वो हंसने लगी ओर कहने लगी की मेरा डर भी वही था। यह सुन कर मैं भी हंसने लगा। अब मेरा भी टाइम हो गया था काम पर जाने का और मैं काम पर आ गया।
अब मेरा मन काम मे नहीं लग रहा था। मैं अब भाभी को कहा पर और कैसे चोदना है उसकी प्लानिंग करने लगा क्यूकी हमारा परिवार बहुत बड़ा है। अकेले मे घर मे मिलना मुमकिन नहीं था। तो मैने भाभी को फ़ोन लगाया और बात की तो भाभी ने कहा की घर पर तो कुछ भी करना ख़तरे से खाली नहीं है। तो मैने कहा की कोई जुगाड़ लगाओ और अपने दिमाग़ से कोई तरकीब लगाओ ओर अपनी ओर मेरी आग शांत करो तो वो बोली की मैं कुछ करती हू। ऐसे ही दिन बीतते गये। हमे जब मोका मिलता तो ह्म चुम्माचाटी कर लेते मगर ऐसा करने से हमारी काम वासना की आग और बड़ती गई। एक दिन मुझे मेरी माँ का फोन आया। की जल्दी से घर आ जाओ तुमको अपनी भाभी के साथ उनकी बहन के घर जाना है। मैं उसी टाइम समझ गया की आज बादाम वाली खीर खाने को मिलेगी।
मैं आपको भाभी की बहन के बारे मे बता देता हूँ। तो वो भी मस्त है पर उसका स्वभाव बहुत गरम है। सब उससे डरते है। भाभी की बहन का नाम जसविंदर कौर है। उनका दूसरा नाम जस्सी है। उनके पति विदेश मे काम करते है। उनके घर मे वो उनकी सास और एक 7 साल के बेटे के साथ रहती है। गाँव के बाहर उनका एक आलीशान मकान है। शाम को करीब 5 बजे ह्म उनके घर पहुँच गये। घर जा कर पता चला की वो तो शादी मे गई हुई है। घर मे उनकी सास थी भाभी ने अपनी बहन को फोन किया की ह्म घर पहुँच गये है।
आप बेफिक्र हो कर शादी का मजा लीजिए भाभी ने मुझे बताया की ह्म यहाँ पर तीन दिन रहेंगे। मैने भाभी के दिमाग़ की तारीफ की तो वो बहुत खुश हुई। मुझे गुस्सा आ रहा था कि बुडिया सोने का नाम नहीं ले रही थी। आख़िर भाभी की सास ने मुझे कहा की तुम जा कर अपने भाई के कमरे मे सो जाओ मैं और तुम्हारी भाभी एक कमरे मे सो जाते है।
मैने कहा लो हो गई खड़े लंड पर चोट अपनी किस्मत को कोसता मैं दूसरे कमरे मे जाने लगा तो मैने भाभी की तरफ देखा तो वो भी मायूस थी। मगर उन्होने हाथ उठा कर मुझे भरोसा दिया की मैं कुछ करती हूँ। मैं दूसरे कमरे पर आ गया और मोबाइल पर नेट चलाने लगा। करीब 15 मिनिट बाद दूसरे कमरे की लाइट बन्द हो गई ओर साथ मे मेरे अरमानो की भी। मैने मोबाइल बंद किया और चादर मुहं डाल कर लेट गया। आधे घण्टे बाद मुझे लगा की मेरे बिस्तर पर कुछ हलचल हुई है। तो मैने अपना चेहरा बाहर निकाला तो देखा की भाभी मेरे साथ लेटी हुई थी तो मैने पूछा यह चमत्कार कैसे हुआ तो भाभी ने मुझे बताया की मैने सासू माँ को कहा की आप खर्राटे बहुत मारती है मैं आप के साथ नहीं सो सकती तो उन्होने कहा की तुम जा कर अपनी बहन के कमरे मे सो जाओ।
मैं जब आने लगी तो उन्होने कहा की जाते हुए मुझे मेरी खाँसी की द्वा देते जाना। मैने उन्हे एक चमच की जगह दो चमच पिला दी है। अब वो कल सुबह तक नहीं उठेगी। इतना सुनते ही मैने भाभी को बाहो मे भर लिया ओर गालो पे किस करने लगा। भाभी भी मेरा साथ देने लगी वाह क्या नज़ारा था भाभी का गरम बदन मुझे अलग ही एहसास दिला रहा था।
मैने भाभी को पकड़ कर अपने नीचे कर लिया ओर उसके उपर चड गया। मैने एक किस उसकी गालो पर की तो उसने मुह दूसरी तरफ घुमा लिया अब उसके सिर और छाती के बीच करीब 2 इंच का गेप था तो मैने अगला किस उसकी गर्दन पर कानो के नीचे की मेरे ऐसा करने से वो सिहर गई ओर अहहहहाहाहहाहहहाहा करने लगी उसकी आखे बंद हो रही थी मैने उसको आखें खोलने के लिए कहा तो उसने कहा की मैं अपनी मर्जी से बंद नहीं कर रही खुद ही हो रही है।
तो मुझे विश्वास हो गया की भाभी भी मजा ले रही है। अब मैने भाभी को कंधो से पकड़ कर बिस्तर पर बिठाया और उसके पीछे बेठ गया अब मैं भाभी के सूट को पकड़ कर उतारने लगा भाभी ने अपने हाथ को उपर कर दिया। मैने भी देर ना करते हुए सूट को उतार दिया अब मैने गर्दन के नीचे दोनो कन्धो के बीच किस कर दी मेरे ऐसा करने से भाभी आपे से बाहर हो गई। और उनके बदन के रोगटे खड़े हो गये और वो घूम कर मेरे गले लग गई। भाभी की साँसे तेज हो गई वो मुझसे कस कर लिपटी हुई थी। अब मैने उसको नीचे लिटा दिया और उसके उपर चड गया मैं अब भाभी की गर्दन पर किस करते हुए नीचे की तरफ बडने लगा भाभी के मुह से कामुक आवाज़े निकल रही थी वो अपने काबू मे नहीं थी। मैने उसको कमर से पकड़ कर थोडा उपर किया ओर पीछे हाथ ले जा कर उसकी ब्रा के हुक खोल दीये फिर मैने भाभी को वापस लिटा दिया। मैने किस करते हुए ब्रा भी निकाल दी अब भाभी सिर्फ़ लोअर पेंटी मे ही मेरे सामने थी। नाइट लेम्प की ऱोशनी मे भाभी कमाल लग रही थी। मैने भाभी के बूब्स को चूसना शुरु किया तो भाभी की सिसकारिया कमरे से बाहर जाने लगी। लेकिन ह्मे कोई ख़तरा नहीं था। मैने एक हाथ से भाभी के बूब्स को खूब मसला और मसल कर लाल कर दिए। भाभी भी अपनी तरफ से मुझे बहुत प्यार कर रही थी।
और मेरी पीठ पर हाथ फिरा रही थी मैं भी आनंद के सागर मे गोते लगा रहा था। अब मैने उसको चूमते हुए नीचे आना शुरू किया तो वो तेज-तेज सिसकिया लेने लगी ऐसा करने से उसकी कमर बेड से करीब 3 इंच उपर उठने लगी।
अब की बार उसने कमर उठाई तो मैने अपने हाथ नीचे ले जा कर उसका लोअर ओर पेंटी एक साथ उतार दी। अब वो मेरे सामने पूरी तरह नंगी लेटी हुई थी और काम की भूखी लग रही थी। मैने उसकी दोनो जाँगो के बीच हाथ लगाया तो वहां का इलाक़ा पूरी तरह जल रहा था। अब मैने भी देर करना मुनासिब नहीं समझा मैने भी अपना अंडरवियर उतार दिया।
अब ह्म दोनो पूरी तरह नंगे थे। मैने भाभी को टाँगे खोलने को कहा तो उसने बिना कुछ बोले टाँगे खोल दी। मैने दोनो टाँगो के बीच आकर उसकी गरम लोहे की तरह गरम चूत पर अपनी जीभ से चाटना शुरु किया और अपना लंड चूत पर रखा तो भाभी के मूह से सिसकी निकल गई अहहाहाहहःऊगईईईई भाभी की आखे बंद थी ओर वो आने वाले पल का इंतज़ार कर रही थी। मगर मैने लंड अंदर नहीं घुसाया ओर चूत के मुहं पर उसको रगडने लगा। भाभी की सिसकियां तेज होने लगी ओर वो नीचे से हिल कर लंड को पूरा अंदर लेने की कोशिश करने लगी पर मैने उनकी आस पर पानी फेर दिया क्योंकि वो पूरे प्रोग्राम मे एक भी शब्द नहीं बोली थी।
तो मैने उसकी शरम दूर करने के लिए ऐसा किया जब मैने 2 मिनट तक लंड को अंदर नहीं किया तो उसने अपनी आखे खोल कर मेरी तरफ देखा ओर आखो से मुझे अंदर ना करने का कारण पूछा तो मैने कहा की तुम अपने मुहं से बोलो की लंड अंदर कर दो। तो वो बोली की मे ऐसा नहीं बोलूंगी मुझे शर्म आती है।
तो मैने कहा की अगर शरम करोगी तो मजा कैसे आएगा। लेकिन भाभी अभी भी शरम कर रही थी ओर मेरी कमर को पकड़ कर लंड अंदर लेने की कोशिश करने लगी। मगर मैं अड़ा रहा आख़िर हार कर भाभी ने बोल ही दिया की अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दो मुझे जन्नत की सैर करवा दो फाड़ दो मेरी चूत को बुझा दो इसकी आग इतना सुनते ही मेरा जोश बड गया ओर मैने अपना लंड उसकी काम रस से भीगी चूत मे उतार दिया मैं बता नहीं सकता की मुझे कैसा महसूस हो रहा था। भाभी के मूह से भी एक मीठी अहह निकल गई। अब मैने कमर हिलाना शुरू किया। आनंद की लहरे हमारे तन बदन को भीगो रही थी।
भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। भाभी की चूत पूरी तरह गीली थी 20 मिनिट के बाद भाभी का बदन अक़डा ओर 30 सेकेंड के बाद वो ढीली पड़ गई उसका काम हो गया था लंड पूरी स्पीड से अंदर बाहर जा रहा था 3 मिनिट बाद मेरा काम भी खत्म होने को आया तो मैने पूछा की वीर्य कहाँ निकलूं तो उसने कहा की अंदर ही निकाल दो। इतने मे मेरा भी काम हो गया ओर मेने पूरा वीर्य झटके के साथ भाभी के अंदर ही निकाल दिया। भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया ओर चूमने लगी। उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर मुहं में लिया और चूसने लगी चूसते चूसते उन्होंने फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया और मुझे लेटा कर मेरे लंड पर बैठ गई और उपर नीचे होने लगी। भाभी ने कहा की आज जैसा मजा कभी नहीं आया सुबह 5 बजे उठ कर भाभी अपनी बहन के कमरे पर चली गई। उन 3 दिनो मे ह्मने बहुत बार सेक्स का मजा लिया। भाभी की चूत को कई बार चोदा और आज भी कभी मौका मिलता है तो अपनी भाभी को चोद ही लेता हूँ।







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