FUN-MAZA-MASTI
रंगीन सफ़र
हैल्लो डियर और सभी रीडर्स में अमरीक में पंजाब का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल की है। दोस्तों ये मेरी फर्स्ट स्टोरी है, लेकिन मैने इस साईट पर पहले कई स्टोरियाँ पढ़ी है, वो मुझे बहुत अच्छी लगी, वो सभी स्टोरीस रियली बहुत हॉट थी।
दोस्तों अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ, दोस्तों ये बात उस महीने की है जब में अपने काम के सिलसिले मे दिल्ली से आ रहा था। मुझे होशियारपुर से चंडीगाड की बस पकड़नी थी लेकिन में थोड़ा लेट हो गया था। मैने लास्ट बस 9:30 की भागकर पकड़ी तो मुझे एक सीट मिल गई, बस अभी बाईपास पर पहुँची थी कि ड्राइवर ने ब्रेक लगा कर एक कपल को बस मे चड़ाया। अंकल की उम्र कोई 35-40 की होगी और आंटी की उम्र 30-35 होगी।
अंकल को खड़े होने मे प्रॉब्लम हो रही थी, तभी मैने अपनी सीट ऑफर की और फिर अंकल बैठ गये और में पोल के साथ लगकर खड़ा हो गया, फिर आंटी ने मुझे थेक्स कहा और बस चल पड़ी वो एसी बस थी। कंडेक्टर ने टिकट दी और फिर लाइट बंद हो गई। सर्दी के दिन थे मेरे पास ओड़ने के लिए कुछ नहीं था, मेरे तो 12 बज गये, तभी पास खड़ी आंटी को लगा कि मुझे ठंड लग रही है, उन्होने अपना शॉल मेरे साथ शेयर करने की बात की मैने पहले तो थेंक्स कहा लेकिन उनके दुबारा कहने पर मैने ले लिया।
अब आंटी के बदन की गर्मी और शॉल की गर्मी से मुझे थोड़ा आराम मिला, तभी बस के फिर से ब्रेक लगे की आंटी को गिरने से मैने बचा लिया, लेकिन उन्हें बचाने में मेरे हाथ उनके बूब्स पर टच हो गया, लेकिन उन्होने कुछ नहीं कहा और संभाल कर मुझे थेंक्स कहा। अब वो बिल्कुल मेरे साथ लग गई जब भी ब्रेक लगते वो मुझे पकड़ लेती, ऐसा कई बार हुआ फिर मैने भी उन्हे जोर से पकड़ रखा था।
फिर कुछ देर बाद मैने उनसे बात करनी शुरू की तो पता चला की वो शिमला के रहने वाले है और चंडीगाड जा रहे है। फिर पाच मिनट चुप रहने के बाद आंटी ने मेरी तरफ़ फेस किया और उनकी मस्त चूची मेरे साथ लगने लगी, अब में गरम होने लगा था और आंटी की बातो का जबाब देता रहा, तभी मेरा लंड खड़ा हो गया था और आंटी के साथ बार बार टच हो रहा था।
तभी आंटी ने एकदम से कुछ चुभ रहा है, कहकर मेरे लंड को पकड़ा, में तो डर गया तभी एक दम आंटी ने लंड को छोड़ दिया और फिर से फेस दूसरी और करकर खड़ी हो गई। फिर कुछ टाईम बाद मुझे महसूस हुआ कि आंटी धीरे धीरे पीछे को ही रही है और वो मेरे लंड पर अपनी गांड रगड़ रही है। तभी मैं समझ गया कि अब आंटी भी गरम हो गई है। फिर में भी थोड़ा आगे हो गया आंटी की सलवार के बीच मे और फिर उनकी गांड की दरार मे मेरा लंड फंस गया। लेकिन आंटी कुछ नहीं बोली अब मैने धीरे से अपना एक हाथ आंटी के बूब्स पर रख दिया और उन्हे दबाने लगा आंटी भी मस्त हो गई थी।
फिर आंटी ने मेरी तरफ़ फेस कर के मुझे स्मूच की में थोड़ा हैरान रहे गया, अब क्या था फिर मैने उनके सूट मे हाथ डालकर उनकी ब्रा खोली और आगे से सूट उतार कर बूब्स चूसने लगा। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर आंटी ने मेरी ज़िप खोली और नीचे बैठकर मेरे लंड को मुहं मे लिया और जोर जोर से चूसने लगी, में तो सातवें आसमान मे था मुझे मज़ा इतना आ रहा था कि में आप सभी को बता नहीं सकता।
फिर आंटी ने दस मिनट मे चूसकर मेरा सारा वीर्य पी लिया और फिर दुबारा से लंड खड़ा कर लिया और फिर से चूसने लगी वो ऐसे चूस रही थी जैसे की कोई एक्सपर्ट हो मेरा लंड फिर से पांच मिनट मे ही खड़ा हो गया था। अब आंटी ने अपनी सलवार को पीछे से नीचे किया और आगे को थोड़ा झुक गई अब मे समझ गया था कि अब वो क्या चाहती है। तभी मैने भी वक़्त खराब ना करते हुए अपना लंड उनकी चूत मे डाल दिया, उन्होने एक बार तो सिसकी ली लेकिन फिर चुप हो गई। दोस्तों क्या बताऊ क्या गरम ज्वालामुखी जैसी चूत थी और रुई की तरह नरम थी।
तभी में अपना लंड आगे पीछे करने लगा, मुझे मज़ा तो इतना आ रहा था कि बताना मुश्किल है। फिर 15 मिनट की चुदाई मे आंटी दो बार झड़ चुकी थी और फिर में भी झड़ने वाला था। तभी मैने आंटी के कान मे पूछा कि में वीर्य कहाँ छोड़ू तो आंटी ने अपनी तरफ से दो तीन स्ट्रोक मारे और में उनकी चूत मे ही झड़ गया। हम लोग इसे पॉज मे कम से कम पांच मिनट तक रहे उसके बाद आंटी थोड़ा सीधी हुई और मुझे स्मूच की पांच दस मिनट बाद बस एक ढाबे पर रुकी। फिर सभी पसेंजर उतर गये अंकल भी धीरे धीरे उतर गये थे।
अब में और आंटी अकेले थे, बस मे फिर आंटी ने मुझे सीट पर लेटा दिया और अपनी सलवार नीचे करके मेरे तने हुए लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। तभी उन्होंने एकदम से अपनी स्पीड बड़ा दी।
फिर करीब पांच मिनट बाद में और आंटी एक साथ झड़ गये, फिर आंटी उठी और मेरे लंड को मुंह मे लेकर चूसने लगी वो ऐसे सेक्स कर रही थी जैसे वो बरसों की भूखी हो, फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया। मैने आंटी को सीट पर लेटाकर उनकी दोनों टाँगे उठाकर अपना लंड उनकी चूत के अंदर एक जोर के धक्के के साथ डाल दिया, आंटी हाहाा इया ईईईईईई की आवाज़ निकालने लगी और बीच बीच मे कह रही थी कि प्लीज आज मुझे शांत कर दो मेरे राजा खुश रहो भगवान तुम्हे लम्बी उम्र दे, तुम्हारे लंड को खूब चूत मिले हहाईईइ ऐसी ही चोदते हुए मुझे दस मिनट हो गये थे और आंटी दो बार झड़ चुकी थी और शांत हो गई थी।
तभी मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और एक सीट पर बैठ गया, आंटी भी ठीक होकर और सीट पर बैठ गई। फिर सभी पसेंजर बस के अंदर आ गये और सभी अपनी अपनी सीट पर बैठ गये, अंकल भी आ गये, बस फिर से चली और हम दोनो फिर से पास पास खड़े हो गये, अब दो मिनट बाद जब लाईट बंद हुई उसके बीस मिनट बाद जब सभी लोग शायद सोने की स्थति मे थे। तभी आंटी ने मेरे लंड पर अपना एक हाथ रखकर मेरे कान मे कहा कि तुमने मुझे तो शांत कर दिया अब मेरी बारी है।
ऐसा कहकर वो फिर से झुकी और लंड को अपने मुहं मे लेकर जोर जोर से चूसने लगी। जब लंड तन गया तो वो खड़ी हुई और सलवार को नीच करके मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी गांड के छेद पर लगाकर बोली कि जोर से धक्का मारो और अपने दोनो हाथो से अपनी गांड को फैला लिया था और मेरे धक्का मारते ही मेरे लंड का मुहं अंदर चला गया और आंटी ने अपने दोनों हाथ छोड़ दिये और पीछे को प्रेशर बड़ाने लगी। अब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया में उसकी गांड मार रहा था और धीरे धीरे मज़ा ले रहा था बीस मिनट बाद में झड़ गया। लेकिन मैने लंड को अंदर ही रहने दिया और फिर कुछ समय बाद में फिर से गांड मारने लगा।
फिर से 15 मिनट बाद झड़ गया आंटी आगे को हुई और मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी उन्होने मेरे लंड को चूस कर बिल्कुल साफ कर दिया, लंड मे एक बूंद तक नहीं छोड़ी और फिर सीधी होकर कान मे बोली कि बेटा मुझे बहुत मजा आया।
तभी मैने कहा कि हाँ जी तो फिर उन्होंने मेरे माथे को चूमा और कहा कि आज सात साल बाद किसी ने मुझे अच्छे से चोदा है, तेरे अंकल की और मेरी उम्र मे 10 साल का अन्तर है। ये तो हमेशा बीमार रहते है और में अपनी भूख गाजर मूली से शांत करती हूँ। हम बस स्टेण्ड पहुँच गये मैने उनका सामान और अंकल को बड़े प्यार से उतारा अंकल ने मुझे थेंक्स कहा। में उनको शिमला के काउंटर पर छोड़ने गया तो आंटी ने अंकल को सामान के पास छोड़ कर कुछ खाने को लेने जाना है, यह कहकर वो मेरे साथ चल पड़ी फिर साईड मे जहाँ अंधेरा था, वहाँ पर जाकर हमने बहुत किस किये और वो जाते जाते मुझे 2000 रु. दे गई और कहा कि में तुम्हे दोबारा ज़रूर मिलूंगी ।।
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रंगीन सफ़र
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दोस्तों अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ, दोस्तों ये बात उस महीने की है जब में अपने काम के सिलसिले मे दिल्ली से आ रहा था। मुझे होशियारपुर से चंडीगाड की बस पकड़नी थी लेकिन में थोड़ा लेट हो गया था। मैने लास्ट बस 9:30 की भागकर पकड़ी तो मुझे एक सीट मिल गई, बस अभी बाईपास पर पहुँची थी कि ड्राइवर ने ब्रेक लगा कर एक कपल को बस मे चड़ाया। अंकल की उम्र कोई 35-40 की होगी और आंटी की उम्र 30-35 होगी।
अंकल को खड़े होने मे प्रॉब्लम हो रही थी, तभी मैने अपनी सीट ऑफर की और फिर अंकल बैठ गये और में पोल के साथ लगकर खड़ा हो गया, फिर आंटी ने मुझे थेक्स कहा और बस चल पड़ी वो एसी बस थी। कंडेक्टर ने टिकट दी और फिर लाइट बंद हो गई। सर्दी के दिन थे मेरे पास ओड़ने के लिए कुछ नहीं था, मेरे तो 12 बज गये, तभी पास खड़ी आंटी को लगा कि मुझे ठंड लग रही है, उन्होने अपना शॉल मेरे साथ शेयर करने की बात की मैने पहले तो थेंक्स कहा लेकिन उनके दुबारा कहने पर मैने ले लिया।
अब आंटी के बदन की गर्मी और शॉल की गर्मी से मुझे थोड़ा आराम मिला, तभी बस के फिर से ब्रेक लगे की आंटी को गिरने से मैने बचा लिया, लेकिन उन्हें बचाने में मेरे हाथ उनके बूब्स पर टच हो गया, लेकिन उन्होने कुछ नहीं कहा और संभाल कर मुझे थेंक्स कहा। अब वो बिल्कुल मेरे साथ लग गई जब भी ब्रेक लगते वो मुझे पकड़ लेती, ऐसा कई बार हुआ फिर मैने भी उन्हे जोर से पकड़ रखा था।
फिर कुछ देर बाद मैने उनसे बात करनी शुरू की तो पता चला की वो शिमला के रहने वाले है और चंडीगाड जा रहे है। फिर पाच मिनट चुप रहने के बाद आंटी ने मेरी तरफ़ फेस किया और उनकी मस्त चूची मेरे साथ लगने लगी, अब में गरम होने लगा था और आंटी की बातो का जबाब देता रहा, तभी मेरा लंड खड़ा हो गया था और आंटी के साथ बार बार टच हो रहा था।
तभी आंटी ने एकदम से कुछ चुभ रहा है, कहकर मेरे लंड को पकड़ा, में तो डर गया तभी एक दम आंटी ने लंड को छोड़ दिया और फिर से फेस दूसरी और करकर खड़ी हो गई। फिर कुछ टाईम बाद मुझे महसूस हुआ कि आंटी धीरे धीरे पीछे को ही रही है और वो मेरे लंड पर अपनी गांड रगड़ रही है। तभी मैं समझ गया कि अब आंटी भी गरम हो गई है। फिर में भी थोड़ा आगे हो गया आंटी की सलवार के बीच मे और फिर उनकी गांड की दरार मे मेरा लंड फंस गया। लेकिन आंटी कुछ नहीं बोली अब मैने धीरे से अपना एक हाथ आंटी के बूब्स पर रख दिया और उन्हे दबाने लगा आंटी भी मस्त हो गई थी।
फिर आंटी ने मेरी तरफ़ फेस कर के मुझे स्मूच की में थोड़ा हैरान रहे गया, अब क्या था फिर मैने उनके सूट मे हाथ डालकर उनकी ब्रा खोली और आगे से सूट उतार कर बूब्स चूसने लगा। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर आंटी ने मेरी ज़िप खोली और नीचे बैठकर मेरे लंड को मुहं मे लिया और जोर जोर से चूसने लगी, में तो सातवें आसमान मे था मुझे मज़ा इतना आ रहा था कि में आप सभी को बता नहीं सकता।
फिर आंटी ने दस मिनट मे चूसकर मेरा सारा वीर्य पी लिया और फिर दुबारा से लंड खड़ा कर लिया और फिर से चूसने लगी वो ऐसे चूस रही थी जैसे की कोई एक्सपर्ट हो मेरा लंड फिर से पांच मिनट मे ही खड़ा हो गया था। अब आंटी ने अपनी सलवार को पीछे से नीचे किया और आगे को थोड़ा झुक गई अब मे समझ गया था कि अब वो क्या चाहती है। तभी मैने भी वक़्त खराब ना करते हुए अपना लंड उनकी चूत मे डाल दिया, उन्होने एक बार तो सिसकी ली लेकिन फिर चुप हो गई। दोस्तों क्या बताऊ क्या गरम ज्वालामुखी जैसी चूत थी और रुई की तरह नरम थी।
तभी में अपना लंड आगे पीछे करने लगा, मुझे मज़ा तो इतना आ रहा था कि बताना मुश्किल है। फिर 15 मिनट की चुदाई मे आंटी दो बार झड़ चुकी थी और फिर में भी झड़ने वाला था। तभी मैने आंटी के कान मे पूछा कि में वीर्य कहाँ छोड़ू तो आंटी ने अपनी तरफ से दो तीन स्ट्रोक मारे और में उनकी चूत मे ही झड़ गया। हम लोग इसे पॉज मे कम से कम पांच मिनट तक रहे उसके बाद आंटी थोड़ा सीधी हुई और मुझे स्मूच की पांच दस मिनट बाद बस एक ढाबे पर रुकी। फिर सभी पसेंजर उतर गये अंकल भी धीरे धीरे उतर गये थे।
अब में और आंटी अकेले थे, बस मे फिर आंटी ने मुझे सीट पर लेटा दिया और अपनी सलवार नीचे करके मेरे तने हुए लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। तभी उन्होंने एकदम से अपनी स्पीड बड़ा दी।
फिर करीब पांच मिनट बाद में और आंटी एक साथ झड़ गये, फिर आंटी उठी और मेरे लंड को मुंह मे लेकर चूसने लगी वो ऐसे सेक्स कर रही थी जैसे वो बरसों की भूखी हो, फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया। मैने आंटी को सीट पर लेटाकर उनकी दोनों टाँगे उठाकर अपना लंड उनकी चूत के अंदर एक जोर के धक्के के साथ डाल दिया, आंटी हाहाा इया ईईईईईई की आवाज़ निकालने लगी और बीच बीच मे कह रही थी कि प्लीज आज मुझे शांत कर दो मेरे राजा खुश रहो भगवान तुम्हे लम्बी उम्र दे, तुम्हारे लंड को खूब चूत मिले हहाईईइ ऐसी ही चोदते हुए मुझे दस मिनट हो गये थे और आंटी दो बार झड़ चुकी थी और शांत हो गई थी।
तभी मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और एक सीट पर बैठ गया, आंटी भी ठीक होकर और सीट पर बैठ गई। फिर सभी पसेंजर बस के अंदर आ गये और सभी अपनी अपनी सीट पर बैठ गये, अंकल भी आ गये, बस फिर से चली और हम दोनो फिर से पास पास खड़े हो गये, अब दो मिनट बाद जब लाईट बंद हुई उसके बीस मिनट बाद जब सभी लोग शायद सोने की स्थति मे थे। तभी आंटी ने मेरे लंड पर अपना एक हाथ रखकर मेरे कान मे कहा कि तुमने मुझे तो शांत कर दिया अब मेरी बारी है।
ऐसा कहकर वो फिर से झुकी और लंड को अपने मुहं मे लेकर जोर जोर से चूसने लगी। जब लंड तन गया तो वो खड़ी हुई और सलवार को नीच करके मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी गांड के छेद पर लगाकर बोली कि जोर से धक्का मारो और अपने दोनो हाथो से अपनी गांड को फैला लिया था और मेरे धक्का मारते ही मेरे लंड का मुहं अंदर चला गया और आंटी ने अपने दोनों हाथ छोड़ दिये और पीछे को प्रेशर बड़ाने लगी। अब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया में उसकी गांड मार रहा था और धीरे धीरे मज़ा ले रहा था बीस मिनट बाद में झड़ गया। लेकिन मैने लंड को अंदर ही रहने दिया और फिर कुछ समय बाद में फिर से गांड मारने लगा।
फिर से 15 मिनट बाद झड़ गया आंटी आगे को हुई और मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी उन्होने मेरे लंड को चूस कर बिल्कुल साफ कर दिया, लंड मे एक बूंद तक नहीं छोड़ी और फिर सीधी होकर कान मे बोली कि बेटा मुझे बहुत मजा आया।
तभी मैने कहा कि हाँ जी तो फिर उन्होंने मेरे माथे को चूमा और कहा कि आज सात साल बाद किसी ने मुझे अच्छे से चोदा है, तेरे अंकल की और मेरी उम्र मे 10 साल का अन्तर है। ये तो हमेशा बीमार रहते है और में अपनी भूख गाजर मूली से शांत करती हूँ। हम बस स्टेण्ड पहुँच गये मैने उनका सामान और अंकल को बड़े प्यार से उतारा अंकल ने मुझे थेंक्स कहा। में उनको शिमला के काउंटर पर छोड़ने गया तो आंटी ने अंकल को सामान के पास छोड़ कर कुछ खाने को लेने जाना है, यह कहकर वो मेरे साथ चल पड़ी फिर साईड मे जहाँ अंधेरा था, वहाँ पर जाकर हमने बहुत किस किये और वो जाते जाते मुझे 2000 रु. दे गई और कहा कि में तुम्हे दोबारा ज़रूर मिलूंगी ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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