FUN-MAZA-MASTI
हैल्लो दोस्तो मेरा नाम सूरज ठाकुर है। में अमरावती का रहने वाला लड़का हूँ और में एक मिडिल क्लास फेमिली मे रहता हूँ। दोस्तों आपको मेरी पिछली स्टोरी “दोस्त की माँ ” बहुत पसंद आई और इसके लिये आप सभी को थेंक्स।
दोस्तों आज में आपको आगे की स्टोरी बताने वाला हूँ। तो दोस्तों स्टोरी शुरू करते है। दोस्तों बिट्टू की शादी के बाद पता नहीं अमोल की मम्मी को क्या हो गया। वो हमेशा मुझे अपने घर बुलाती और चोदने को कहती रहती। चाहे अमोल हो या अंकल घर पर हो। में बहुत डरते डरते अमोल की मम्मी को चोदता था कि कहीं हमे कोई देख ना ले और पहले ही अमोल को अनु और मेरे ऊपर शक हो गया था।
अमोल की मम्मी ने मुझे खुद ये बात बताई थी लेकिन मुझे ये पहले से ही पता था कि अमोल मुझे कुछ नहीं बोलेगा तब भी मुझे डर लगा रहता था। लेकिन इस बात का अमोल की मम्मी को कोई फ़र्क नहीं पढ़ता था कि अंकल या अमोल हमे देख लेंगे। मुझे डर लगता था इसलिए में अमोल की मम्मी को जल्दी जल्दी चोद कर घर चला जाता था। लेकिन इस बात पर अमोल की मम्मी मुझसे बहुत नाराज़ रहने लगी कभी कभी वो मुझसे बात ही नहीं करती थी।
में हमेशा अमोल की मम्मी से बात करने की कोशिश करता लेकिन वो मेरी कोई बात का जवाब ही नहीं देती थी। फिर मैंने अमोल की मम्मी को बहुत समझाया लेकिन वो मानती ही नहीं थी, तो में गुस्से मे आकर घर चला जाता था। मैंने अमोल की मम्मी के फ़ोन पर बहुत कॉल किये लेकिन वो रीसीव ही नहीं करती थी और अगर कर भी लिया तो अमोल या अंकल पास मे होते थे, इसलिए वो बात भी नहीं कर सकती थी।
फिर मेरे बिकोम 3rd ईयर के एग्जाम स्टार्ट हो गये इसलिए में बिज़ी हो गया। मैंने अमोल की मम्मी के बारे मे अब सोचना बिलकुल बंद कर दिया। लेकिन मेरे दिमाग़ मे वही सब चलता रहता था। एग्जाम के लास्ट पेपर होने के बाद अमोल ने कहा…
अमोल : सूरज तुझे क्या हो गया है तेरा आज कल ध्यान कहाँ रहता है तू किसी से बात भी नहीं करता है कुछ प्राब्लम है तो तू मुझे बता यार।
में : नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है, बस ऐसे ही कुछ दिनो से मेरा मूड ठीक नहीं है।
अमोल : शायद तुझे कोई लड़की पसंद आ गयी है।
में : नहीं भाई मुझसे कोई लड़की कहाँ बात करती है, जो में किसी लड़की को पसंद कर लूँ।
अमोल : लड़की तुझसे बात करना चाहती है लेकिन तू बात करना ही नहीं चाहता है यार।
में : जाने देना यार क्यों मेरे मजे ले रहा है।
अमोल : तो कल्पिता (अमोल की नागपुर की गर्लफ्रेंड) को बोल कर कोई लड़की पटा दूँ।
में : नहीं यार तुझे तो पता है मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता है।
अमोल : चल जाने दे ये सब इस महीने की 19 तारीख को पापा मम्मी की मैरिज एन्वर्सरी है, तुझे याद है ना।
में : हाँ है तो क्या प्लानिंग है उस दिन की।
अमोल : कुछ नहीं हम सब दस बजे एक होटल (अमरावती का थ्री स्टार होटल) मे खाना खाने जाने वाले है। तुम भी साथ चलना।
में : नहीं यार में तुम लोगो की फेमिली के बीच मे क्या करूंगा। तुम सब एन्जॉय करना, में अंकल आंटी को विश करने आ जाऊंगा ठीक है।
अमोल : पागल तू फेमिली मेंबर ही तो है, तुझे साथ चलना है मतलब चलना ही होगा।
में : (गुस्से मे) क्यों यार पीछे लग रहा है, में इतनी रात को नहीं आ सकता हूँ।
अमोल : ठीक है भाई मत आना गुस्सा मत हो और फिर में और अमोल बाईक पर बैठकर घर चले गये।
मैंने अमोल के घर के सामने गाड़ी रोकी और मन मे सोचा बहुत दिन हो गये है अनु को नहीं देखा है। अब तक तो अमोल की मम्मी का गुस्सा कम हो गया होगा। मैंने अमोल की मम्मी को देखने के बहाने से बोला …
में : अमोल मुझे बहुत प्यास लगी है जा पानी की बोतल लेकर आ, मुझे पता था अमोल मुझे घर के अन्दर ही बुलाएगा।
अमोल : तू क्या इतना बड़ा हो गया है कि तेरे लिए बाहर पानी लेकर आऊं चुपचाप घर मे चल और पानी पी। में मन ही मन खुश हो गया। में हॉल मे जाकर बैठ गया और अमोल पानी लेने किचन मे चल गया।
अमोल की मम्मी : (किचन मे से बोली) कौन आया है?
अमोल : कोई नहीं मम्मी सूरज है उसे प्यास लगी है, पानी दे रहा हूँ।
अमोल की मम्मी : में देती हूँ जा तू बेग रख दे और फ्रेश हो जा।
अमोल : ठीक है मम्मी।
फिर अनु पानी की बोतल लेकर किचन मे से निकली और मेरी तरफ गुस्से से देखते हुए मेरे पास आ गयी।
अनु : लो पानी।
में : अमोल रूम मे गया क्या?
अनु : हाँ चला गया क्या पूछ रहे हो।
में : क्या अब भी नाराज़ हो जानू?
अनु : हाँ हूँ तो क्या?
में : (मैंने अनु का हाथ पकड़ कर) तुम्हे क्या हो गया है? इतने दिनो से ठीक से बात भी नहीं कर रही हो। कॉल कर रहा हूँ तो कॉल रिसीव भी नहीं करती हो।
अनु : मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है।
में : (मेरी आँखों मे आंसू आ गये) जानू प्लीज़ मुझसे बात करो। में तुमसे सच मे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझसे नाराज़ हो तो मेरा एक दिन भी ठीक से नहीं गया, प्लीज मुझसे बात करो यार।
अनु : अगर तुम मुझसे इतना प्यार करते तो मेरी सारी बाते मानते, ऐसे जल्दी जल्दी करके नहीं चले जाते समझे।
में : तुम समझती क्यों नहीं, अमोल और अंकल घर पर रहते में ऐसे कैसे कर सकता हूँ। इतने मे अमोल के डोर खोलने की आवाज़ आई। मैंने जल्दी से अपनी आँखे साफ की और अमोल की मम्मी के हाथो से पानी की बोतल लेकर पानी पीने लगा।
अमोल : क्या हुआ बे तेरी आंखे लाल क्यों हो गयी है।
अमोल की मम्मी : कुछ नहीं सूरज की आँखों मे कचरा चला गया इसलिए।
अमोल : (मज़ाक मे) दोनों आँखों मे एक साथ चला गया क्या?
अमोल की मम्मी : (गुस्से से) टेबल पर नाश्ता रखा है जाकर खा ले।
अमोल : चल सूरज साथ मे नाश्ता करते है।
में : नहीं यार मुझे भूख नहीं है और मुझे पापा के साथ बाहर भी जाना है। टाईम हो जाएगा और में अमोल को बाय बोलकर वहां से निकल गया। मेरे घर आने तक मेरी आँखों मे पानी था। पता नहीं मुझे बहुत रोना आ रहा था। में घर जाकर अपने रूम मे बहुत देर तक रोता रहा। करीब दो तीन दिन ऐसे ही निकल गये। 12 अप्रेल को सुबह अमोल का कॉल आया।
अमोल : सूरज अपने सारे क्लास के फ्रेंड्स 11 बजे कॉलेज मे मिल रहे है और हार्पित (क्लास फ्रेंड) के घर पर दारू पीने का प्रोग्राम बनाया है।
तभी मैंने बहाना बनाया और बोला …
में : मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही है यार एक काम कर तू चला जा यार प्लीज़।
अमोल : ठीक है लेकिन कुछ चाहिए होगा तो कॉल कर देना और फोन रख दिया।
में बहुत ज्यादा खुश हो गया क्योंकि अमोल 11 बजे से 6 बजे तक घर नहीं आयेगा और अंकल तो जॉब पर गये है। फिर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने बाथरूम मे जाकर मुठ मारी। अब 11 बज चुके थे और में तैयार होकर अमोल के घर निकल गया। मैंने रास्ते मे रोज़ भी ले लिए अनु को देने के लिए। मैंने अमोल के घर पहुंच कर डोर बेल बजाई। अनु ने डोर खोला और बोली …
अनु : अमोल बाहर गया है, शाम को घर आने वाला है।
में : मुझे सब पता है जानू।
अनु : तो फिर तुम क्यों आए हो?
में : में तो तुमसे मिलने आया हूँ। फिर अनु ने मुझे अन्दर बुलाया और बैठने को कहा, मैंने वो रोज़ अनु को दिया।
में : आई लव यू जानू।
अनु : थेंक्स।
में वहाँ से उठा और डोर बंद कर दिया और अनु को पकड़ कर लिप किस करने लगा। अनु ने मुझे धक्का दिया और वहाँ से अपने रूम मे चली गयी। अनु अभी भी मुझसे बहुत नाराज़ थी। मै अनु को बहुत मनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो मान नहीं रही थी।
अनु : सूरज घर चले जाओ मुझे बाहर जाना है।
में : तुम कहाँ जा रही हो, में तुम्हे अपनी बाईक से लेकर चलता हूँ।
अनु : नहीं में अकेली ही जाना चाहती हूँ।
फिर वो मेरे सामने साड़ी चेंज करने लगी। अनु ने पूरी साड़ी निकाल कर बेड पर फेंक दी और ब्लाउज और पेटीकोट मे कांच के सामने खड़ी होकर बाल बनाने लगी। में वहाँ पर खड़ा होकर उसे देखने लगा। फिर ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल दिए और बेड पर फेंक दिया और अलमारी मे से साड़ी निकालने लगी। में पीछे से जाकर अनु को किस करने लगा। फिर मैंने अनु को अपनी और खीँच लिया और लिप किस करने लगा। अनु बहुत चिड़ गयी और फिर उसने मुझे दोबारा से धक्का दिया और गुस्से मे बोली …
अनु : तुम्हे समझ मे नहीं आ रहा है क्या, मैंने एक बार नहीं बोला ना, तुमने मुझे क्या समझ कर रखा है? में क्या कोई रंडी नहीं हूँ जो तुम अपनी इच्छा पूरी करके चले जाओ। में तुमसे प्यार करती हूँ इसलिए में ये सब तुम्हारे साथ करती हूँ। तुम मुझे एक रांड की तरह चोदकर चले जाते हो तुम्हे मेरी कोई परवाह नहीं है।
मै पहली बार अनु के मुहं से ऐसी बाते सुन रहा था, पहली बार गालियां सुन रहा था। अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। में गुस्से मे आकर वहाँ से चला गया। मैंने अनु की तरफ एक बार भी देखा तक नहीं और घर चला आया।
फिर कुछ ऐसा ही चलता रहा, तभी 18 अप्रेल को अमोल का फोन आया।
अमोल : कल मम्मी पापा की मैरिज एन्वर्सरी है और कल तू हमारे साथ होटल मे चल रहा है लेकिन में बहुत उदास था।
में : नहीं यार अमोल मेरा बिलकुल भी मूड नहीं है यार में नहीं आना चाहता हूँ।
अमोल : तू प्लीज़ यार हमारे साथ चलना यार में अकेला क्या करूंगा प्लीज़ चल ना यार। तभी अमोल के पापा ने अमोल से फोन ले लिया और बोले ..
अंकल : बेटा हमारे साथ चल अमोल को भी कंपनी मिल जाएगी। तू अपनी स्कार्पियो लेकर आएगा तो अपने जाने की प्राब्लम भी खत्म हो जाएगी।
अब मुझे अंकल और अमोल बहुत फोर्स कर रहे थे, तो मैंने भी हाँ कह दिया। दूसरे दिन 9 बजे में तैयार हो गया और मैंने ब्लेक शर्ट ब्लेक जीन्स और अन्दर रेड टी-शर्ट पहनी, मेरी स्कॉर्पियो लेकर निकल गया। में अमोल के घर पहुंच गया और फिर अमोल को बाहर से ही आवाज़ दी तभी अमोल बाहर आया।
अमोल : सूरज अन्दर आजा मम्मी को तैयार होने मे थोड़ा टाईम है। तभी मैंने गाड़ी पार्क की और अन्दर चला गया और अमोल के रूम मे जाकर पीसी पर गेम खेलने लगा। मुझे पता नहीं अनु कब अमोल के रूम मे आ गयी।
अमोल की मम्मी : सूरज तुम बहुत अच्छे दिख रहे हो।
में अमोल की मम्मी की तरफ देख भी नहीं रहा था और पीसी पर गेम खेलता रहा। शायद अनु गुस्सा हो कर वहाँ से चली गयी। फिर 15-20 मिनट के बाद अमोल ने मुझे आवाज़ दी।
अमोल : सूरज चल हम तैयार हो गये है।
तभी मैंने पीसी बंद किया और अमोल के रूम से हॉल मे चला गया। अनु ने भी ब्लेक साड़ी पहनी और ब्लेक ब्लाउज पहना था। अमोल की मम्मी सच मे बहुत सुन्दर दिख रही थी। मैंने अमोल की मम्मी को एक बार देखा और आँखे नीचे करके बाहर निकल गया और गाड़ी मे जाकर बैठ गया। अमोल फ्रंट सीट पर आकर बैठ गया और अमोल की मम्मी और पापा पीछे। तभी मैंने गाड़ी स्टार्ट की और होटल के लिए चल दिये। अनु मुझे कांच मे से देख रही थी ये मुझे पता था। हम होटल मे पास लेकर पहुंचे फिर हमने खाना आर्डर दिया और वेट करने लगे।
अमोल : चल सूरज बाथरूम होकर आते है।
में : चल हम बाथरूम जा रहे थे तब
में : अमोल चलना यार थोड़ी वाईन पीते है।
अमोल : चल जल्दी पीते है, में ज्यादा वाईन नहीं पीता हूँ तो मेंने एक पेक पिया और अमोल ने भी हम वहाँ से उठकर अमोल की मम्मी – पापा के पास चले गये। तभी खाना भी लग चुका था इसलिए हमने खाना खा लिया। अमोल की मम्मी को पता चल गया कि हम दोनों ने वाईन पी है। लेकिन शायद अंकल को नहीं फिर हमने खाना खाया और वहाँ से निकल गये। मैंने अमोल की फेमिली को घर पर छोड़ा और वहाँ से निकल गया। फिर में घर गया और फ्रेश होने चला गया। में वाईन कभी कभी पीता हूँ तो मेरी तबीयत खराब हो गयी। मुझे अमोल की मम्मी का फोन आया तो मैंने रिसीव नहीं किया और सो गया। फिर मैंने सुबह उठकर देखा तो 11.30 बज रहे थे। में फ्रेश हुआ और देखा तो मेरे मम्मी – पापा घर पर नहीं थे। तभी मैंने पापा को फोन लगाकर पूछा तब मुझे मालूम पड़ा की वो मेरी मासी से मिलने गये हुए थे और रात को लोटने वाले थे, तभी मुझे बहुत भूख लगी थी तो मैंने अमोल को कॉल किया।
में : मेरे मम्मी, पापा बाहर गये हुए है और मम्मी खाना बनाकर नहीं गयी है, चल हम दोनों आज कहीं बाहर जाकर खाना खाते है।
अमोल : सूरज यार में तो कल्पिता के साथ बाहर आया हूँ, मुझे थोड़ा टाईम लगेगा, सॉरी यार में नहीं आ सकता हूँ।
में : जाने दे में देख लेता हूँ, फिर में नहाने चला गया और तैयार होने लगा 20 मिनट के बाद डोर बेल बजी तो देखा कि अमोल की मम्मी सामने टिफिन लेकर खड़ी है। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।
अमोल की मम्मी : क्या अन्दर नहीं बुलाएगा?
तभी में डोर पर से हट गया और मेरे रूम मे चला गया। अनु ने खाना डिश मे निकाला और खाना लेकर मेरे रूम मे आ गयी।
अमोल की मम्मी : ले खाना खा ले तुझे बहुत भूख लगी है ना।
में : मेरी भूख मर गयी है और तुम्हे किसने कहा था की मेरे लिए खाना लेकर आने को।
अमोल की मम्मी : मुझे अमोल ने बताया कि तेरे मम्मी, पापा बाहर गये है और तुझे बहुत जोर की भूख लगी है, इसलिए मै खाना लेकर आई हूँ।
में : मुझे नहीं खाना है।
अनु : ठीक है मत खा और डिश वहाँ पर रख दी और जो मेरे कपड़े यहाँ वहाँ पर गिरे थे और कपड़े उठाकर अलमारी मे रखने लगी।
में : रहने दो में कर लूँगा प्लीज तुम यहाँ से चली जाओ। अनु मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी। लेकिन वो मेरी जीन्स और टी-शर्ट उठाकर रखने लगी और मुझसे बात कर रही थी।
अनु : कल रात को होटल मे मज़ा आया ना।
में : हाँ.
अनु : तो कल तुम दोनों ने वाईन पी तुम दोनों को शरम भी नहीं आई ना।
में : वो बस हमने थोड़ी सी टेस्ट की थी।
अनु : कल रात को बहुत मज़ा आया यार, तुम्हारे अंकल ने बहुत मज़े दिए और लिए भी।
में : (गुस्से मे) मतलब कैसे मज़े?
अनु : कल तेरे अंकल ने मुझे तीन बार चोदा और मेरी चूत का पानी भी निकाला।
में : (बहुत गुस्से मे आ गया था) सच मे तुम्हे अंकल ने तीन बार चोदा।
अनु : हाँ वो मेरे पति है उनका मुझ पर हक है।
तभी मैंने गुस्से मे आकर अनु को बेड पर पटक दिया और उसे लिप किस करने लगा। अनु के लिप दांतों से काटने लगा। अनु को कुछ समझ मे नहीं आ रहा था, वो सिर्फ़ ह्म्म्महम्म की आवाज़ निकाल रही थी। फिर मै अनु का सर पीछे से पकड़ कर किस करता जा रहा था।
अनु : नहीं सूरज ऐसे मत चोद मुझे, लेकिन मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रहा। अगर कुछ समझ मे आ रहा था तो वो था अंकल ने मेरी अनु को चोदा है और इस बात का गुस्सा में अनु पर निकाल रहा था। मै एक हाथ से अनु के ब्लाउज के हुक खोल रहा था। अनु मेरा हाथ पकड़ रही थी में मानने के लिए तैयार नहीं था। मैंने जल्दी जल्दी ब्लाउज के हुक खोल दिये और अनु के दोनों हाथ पकड़ कर अनु को बैठा दिया और ज़बरदस्ती करके अनु का ब्लाउज निकाल दिया। अनु अपने दोनों हाथो से अपने बूब्स छुपाने लगी। मैंने अनु को एक जोर का धक्का दिया और बेड पर लिटा दिया और अनु के बूब्स को काटने लगा, निप्पल मुहं मे लेकर ज़ोर से काटा।
अनु : आअहह सूरज प्लीज़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज मत कर आहह।
में : तुमने मुझसे इतने दिनो से बात क्यों नहीं की उसकी पनिशमेंट तो में तुम्हे दूंगा ही।
अनु : नहीं सूरज प्लीज मुझे माफ़ कर दे, में आगे से ऐसा नहीं करूंगी आअहह्।
में सुनने का नाम नहीं ले रहा था। पता नहीं मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। फिर मैंने अनु की साड़ी ऊपर की और अनु की पेंटी मे हाथ डालने लगा। तभी अनु मेरा हाथ खींचने लगी। मैंने हाथ निकाल और अनु के बूब्स पर दो बार चाटा मारा। मैंने मार तो दिया लेकिन तकलीफ़ मुझे हो रही थी। मैंने फिर से अनु की पेंटी मे हाथ डाला और तीन उंगलियां एक साथ मे अनु की चूत मे डाल दी। अनु ने अपने दोनों पैर अपने पेट पर दबा दिये अनु को बहुत तकलीफ़ हो रही थी। लेकिन मेरा गुस्सा कम नहीं हो रहा था।
अनु : सूरज बहुत दर्द हो रहा है प्लीज अगर तू मुझसे प्यार करता है तो प्लीज ऐसा मत कर।
में : अंकल ने तुम्हारा पानी निकाला तब तुमने ऐसा तो नहीं कहा होगा और में अपनी उंगलियां आगे पीछे करने लगा। अब में बहुत ज़ोर से मेरा हाथ हिला रहा था और अनु मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक रही थी। फिर करीब पांच मिनट के बाद अनु ने मेरा हाथ ज़ोर से पकड़ लिया। अब अनु का पानी निकलने वाला था।
अनु : आआहह सूरज आहह बस अब नहीं।
तभी अनु ने अपनी आंखे बंद कर ली और फिर अनु ने पानी निकाल ही दिया। अब तक मेरा लंड खड़ा हो गया था। मैंने अपनी जीन्स निकाली और अंडरवियर भी निकाल कर साईड मे फेंक दी और बेड पर खड़ा हो गया और अनु का सर पकड़ कर लंड पर रख दिया और फिर ज़बरदस्ती अनु के मुहं मे लंड डालने लगा। वो अपना मुहं इधर उधर कर रही थी और मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। तभी मैंने अनु के बाल पकड़े और अनु के मुहं मे लंड डाल ही दिया और बाल पकड़ कर लंड आगे पीछे करने लगा। 5-7 मिनट के बाद लंड को मुहं मे से बाहर निकाला और अनु को बेड पर धक्का देकर गिरा दिया।
अनु : नहीं सूरज ऐसा मत कर।
अब मुझे बुरा तो लग रहा था कि इससे प्यार करता हूँ उसके साथ में ज़बरदस्ती कर रहा हूँ। फिर मैंने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा और अनु की चूत पर लगाया और एक ही शॉट मे लंड चूत के अंडर घुसा दिया।
अनु : (ज़ोर से) मर गयी रे कमीने क्या कर रहा है तू पागल हो गया है क्या?
तभी मैंने अपने हाथो से अनु का मुहं बंद कर दिया और शॉट मारने शुरू कर दिये। में एक एक शॉट बहुत ज़ोर से मार रहा था।
में : (गुस्से से) तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अंकल से चुदवाने की, तू तो मुझसे प्यार करती है ना, फिर ऐसा कैसे किया तुमने और वो भी एक बार नहीं तीन बार।
अनु : अब ऐसा नहीं करूंगी प्लीज आराम से कर प्लीज़।
लेकिन में मानने के लिए तैयार ही नहीं था। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।
फिर मैंने 40-45 शॉट के बाद अनु को पलट दिया और गांड के होल पर लंड रख दिया।
में : आगे से ऐसा करोगी क्या?
अनु : नहीं सूरज नहीं करूंगी।
मैंने गांड मे लंड डाल दिया और शॉट मारना स्टार्ट कर दिया और जल्दी ही मेरा पानी निकल गया मैंने अनु की गांड मे ही पानी निकाल दिया और अनु के ऊपर ही पड़ा रहा।
अब में और अनु बहुत थक गये थे। 15 मिनट के बाद में उठा और बाथरूम मे जाकर लंड साफ करने लगा, मुझे बहुत बुरा लग रहा था, तो मेरी आँखों से पानी निकलने लगा। तभी अनु मेरे पीछे से आई और मेरे बेक पर किस करने लगी।
अनु : आज बहुत दिनो की इच्छा पूरी हो गयी। मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था।
में : तुम्हारा कहने क्या मतलब है।
अनु : में तुझसे नाराज़ थी लेकिन तेरे अंकल ने मुझे कल रात नहीं चोदा था, मैंने तो वो सिर्फ नाटक किया था।
में : तुम्हे ऐसा सब करने की क्या ज़रूरत थी।
अनु : तूने मुझे बहुत दिनों से नहीं चोदा था, इसलिए मुझे ये सब करना पड़ा।
फिर अनु ने मुझे किस किया और मुझे किस करती रही। अब मैंने भी उसका साथ दिया क्योंकि वो मुझे बहुत दिनों के बाद मिली थी इसलिये थोड़ा प्यार तो बनता है। तभी कुछ देर बाद हमने कपड़े पहने और फिर साथ मे बैठकर खाना खाया। फिर करीब तीन घंटे बाद वो वहाँ से चली गई। लेकिन इन तीन घंटो मे मैंने अपनी पूरी कसर निकाल ली थी मैंने इस बीच उसे कई बार चोदा और वो बस मेरा साथ देकर चुदवाती रही। उसने मुझसे कई बार लंड मुहं मे लेकर भी चुदाई का मजा लिया। शायद अब वो चुदाई मे बिलकुल परफेक्ट हो चुकी है।
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी आशा करता हूँ कि आपको जरुर पसंद आई होगी ।।
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हैल्लो दोस्तो मेरा नाम सूरज ठाकुर है। में अमरावती का रहने वाला लड़का हूँ और में एक मिडिल क्लास फेमिली मे रहता हूँ। दोस्तों आपको मेरी पिछली स्टोरी “दोस्त की माँ ” बहुत पसंद आई और इसके लिये आप सभी को थेंक्स।
दोस्तों आज में आपको आगे की स्टोरी बताने वाला हूँ। तो दोस्तों स्टोरी शुरू करते है। दोस्तों बिट्टू की शादी के बाद पता नहीं अमोल की मम्मी को क्या हो गया। वो हमेशा मुझे अपने घर बुलाती और चोदने को कहती रहती। चाहे अमोल हो या अंकल घर पर हो। में बहुत डरते डरते अमोल की मम्मी को चोदता था कि कहीं हमे कोई देख ना ले और पहले ही अमोल को अनु और मेरे ऊपर शक हो गया था।
अमोल की मम्मी ने मुझे खुद ये बात बताई थी लेकिन मुझे ये पहले से ही पता था कि अमोल मुझे कुछ नहीं बोलेगा तब भी मुझे डर लगा रहता था। लेकिन इस बात का अमोल की मम्मी को कोई फ़र्क नहीं पढ़ता था कि अंकल या अमोल हमे देख लेंगे। मुझे डर लगता था इसलिए में अमोल की मम्मी को जल्दी जल्दी चोद कर घर चला जाता था। लेकिन इस बात पर अमोल की मम्मी मुझसे बहुत नाराज़ रहने लगी कभी कभी वो मुझसे बात ही नहीं करती थी।
में हमेशा अमोल की मम्मी से बात करने की कोशिश करता लेकिन वो मेरी कोई बात का जवाब ही नहीं देती थी। फिर मैंने अमोल की मम्मी को बहुत समझाया लेकिन वो मानती ही नहीं थी, तो में गुस्से मे आकर घर चला जाता था। मैंने अमोल की मम्मी के फ़ोन पर बहुत कॉल किये लेकिन वो रीसीव ही नहीं करती थी और अगर कर भी लिया तो अमोल या अंकल पास मे होते थे, इसलिए वो बात भी नहीं कर सकती थी।
फिर मेरे बिकोम 3rd ईयर के एग्जाम स्टार्ट हो गये इसलिए में बिज़ी हो गया। मैंने अमोल की मम्मी के बारे मे अब सोचना बिलकुल बंद कर दिया। लेकिन मेरे दिमाग़ मे वही सब चलता रहता था। एग्जाम के लास्ट पेपर होने के बाद अमोल ने कहा…
अमोल : सूरज तुझे क्या हो गया है तेरा आज कल ध्यान कहाँ रहता है तू किसी से बात भी नहीं करता है कुछ प्राब्लम है तो तू मुझे बता यार।
में : नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है, बस ऐसे ही कुछ दिनो से मेरा मूड ठीक नहीं है।
अमोल : शायद तुझे कोई लड़की पसंद आ गयी है।
में : नहीं भाई मुझसे कोई लड़की कहाँ बात करती है, जो में किसी लड़की को पसंद कर लूँ।
अमोल : लड़की तुझसे बात करना चाहती है लेकिन तू बात करना ही नहीं चाहता है यार।
में : जाने देना यार क्यों मेरे मजे ले रहा है।
अमोल : तो कल्पिता (अमोल की नागपुर की गर्लफ्रेंड) को बोल कर कोई लड़की पटा दूँ।
में : नहीं यार तुझे तो पता है मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता है।
अमोल : चल जाने दे ये सब इस महीने की 19 तारीख को पापा मम्मी की मैरिज एन्वर्सरी है, तुझे याद है ना।
में : हाँ है तो क्या प्लानिंग है उस दिन की।
अमोल : कुछ नहीं हम सब दस बजे एक होटल (अमरावती का थ्री स्टार होटल) मे खाना खाने जाने वाले है। तुम भी साथ चलना।
में : नहीं यार में तुम लोगो की फेमिली के बीच मे क्या करूंगा। तुम सब एन्जॉय करना, में अंकल आंटी को विश करने आ जाऊंगा ठीक है।
अमोल : पागल तू फेमिली मेंबर ही तो है, तुझे साथ चलना है मतलब चलना ही होगा।
में : (गुस्से मे) क्यों यार पीछे लग रहा है, में इतनी रात को नहीं आ सकता हूँ।
अमोल : ठीक है भाई मत आना गुस्सा मत हो और फिर में और अमोल बाईक पर बैठकर घर चले गये।
मैंने अमोल के घर के सामने गाड़ी रोकी और मन मे सोचा बहुत दिन हो गये है अनु को नहीं देखा है। अब तक तो अमोल की मम्मी का गुस्सा कम हो गया होगा। मैंने अमोल की मम्मी को देखने के बहाने से बोला …
में : अमोल मुझे बहुत प्यास लगी है जा पानी की बोतल लेकर आ, मुझे पता था अमोल मुझे घर के अन्दर ही बुलाएगा।
अमोल : तू क्या इतना बड़ा हो गया है कि तेरे लिए बाहर पानी लेकर आऊं चुपचाप घर मे चल और पानी पी। में मन ही मन खुश हो गया। में हॉल मे जाकर बैठ गया और अमोल पानी लेने किचन मे चल गया।
अमोल की मम्मी : (किचन मे से बोली) कौन आया है?
अमोल : कोई नहीं मम्मी सूरज है उसे प्यास लगी है, पानी दे रहा हूँ।
अमोल की मम्मी : में देती हूँ जा तू बेग रख दे और फ्रेश हो जा।
अमोल : ठीक है मम्मी।
फिर अनु पानी की बोतल लेकर किचन मे से निकली और मेरी तरफ गुस्से से देखते हुए मेरे पास आ गयी।
अनु : लो पानी।
में : अमोल रूम मे गया क्या?
अनु : हाँ चला गया क्या पूछ रहे हो।
में : क्या अब भी नाराज़ हो जानू?
अनु : हाँ हूँ तो क्या?
में : (मैंने अनु का हाथ पकड़ कर) तुम्हे क्या हो गया है? इतने दिनो से ठीक से बात भी नहीं कर रही हो। कॉल कर रहा हूँ तो कॉल रिसीव भी नहीं करती हो।
अनु : मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है।
में : (मेरी आँखों मे आंसू आ गये) जानू प्लीज़ मुझसे बात करो। में तुमसे सच मे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझसे नाराज़ हो तो मेरा एक दिन भी ठीक से नहीं गया, प्लीज मुझसे बात करो यार।
अनु : अगर तुम मुझसे इतना प्यार करते तो मेरी सारी बाते मानते, ऐसे जल्दी जल्दी करके नहीं चले जाते समझे।
में : तुम समझती क्यों नहीं, अमोल और अंकल घर पर रहते में ऐसे कैसे कर सकता हूँ। इतने मे अमोल के डोर खोलने की आवाज़ आई। मैंने जल्दी से अपनी आँखे साफ की और अमोल की मम्मी के हाथो से पानी की बोतल लेकर पानी पीने लगा।
अमोल : क्या हुआ बे तेरी आंखे लाल क्यों हो गयी है।
अमोल की मम्मी : कुछ नहीं सूरज की आँखों मे कचरा चला गया इसलिए।
अमोल : (मज़ाक मे) दोनों आँखों मे एक साथ चला गया क्या?
अमोल की मम्मी : (गुस्से से) टेबल पर नाश्ता रखा है जाकर खा ले।
अमोल : चल सूरज साथ मे नाश्ता करते है।
में : नहीं यार मुझे भूख नहीं है और मुझे पापा के साथ बाहर भी जाना है। टाईम हो जाएगा और में अमोल को बाय बोलकर वहां से निकल गया। मेरे घर आने तक मेरी आँखों मे पानी था। पता नहीं मुझे बहुत रोना आ रहा था। में घर जाकर अपने रूम मे बहुत देर तक रोता रहा। करीब दो तीन दिन ऐसे ही निकल गये। 12 अप्रेल को सुबह अमोल का कॉल आया।
अमोल : सूरज अपने सारे क्लास के फ्रेंड्स 11 बजे कॉलेज मे मिल रहे है और हार्पित (क्लास फ्रेंड) के घर पर दारू पीने का प्रोग्राम बनाया है।
तभी मैंने बहाना बनाया और बोला …
में : मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही है यार एक काम कर तू चला जा यार प्लीज़।
अमोल : ठीक है लेकिन कुछ चाहिए होगा तो कॉल कर देना और फोन रख दिया।
में बहुत ज्यादा खुश हो गया क्योंकि अमोल 11 बजे से 6 बजे तक घर नहीं आयेगा और अंकल तो जॉब पर गये है। फिर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने बाथरूम मे जाकर मुठ मारी। अब 11 बज चुके थे और में तैयार होकर अमोल के घर निकल गया। मैंने रास्ते मे रोज़ भी ले लिए अनु को देने के लिए। मैंने अमोल के घर पहुंच कर डोर बेल बजाई। अनु ने डोर खोला और बोली …
अनु : अमोल बाहर गया है, शाम को घर आने वाला है।
में : मुझे सब पता है जानू।
अनु : तो फिर तुम क्यों आए हो?
में : में तो तुमसे मिलने आया हूँ। फिर अनु ने मुझे अन्दर बुलाया और बैठने को कहा, मैंने वो रोज़ अनु को दिया।
में : आई लव यू जानू।
अनु : थेंक्स।
में वहाँ से उठा और डोर बंद कर दिया और अनु को पकड़ कर लिप किस करने लगा। अनु ने मुझे धक्का दिया और वहाँ से अपने रूम मे चली गयी। अनु अभी भी मुझसे बहुत नाराज़ थी। मै अनु को बहुत मनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो मान नहीं रही थी।
अनु : सूरज घर चले जाओ मुझे बाहर जाना है।
में : तुम कहाँ जा रही हो, में तुम्हे अपनी बाईक से लेकर चलता हूँ।
अनु : नहीं में अकेली ही जाना चाहती हूँ।
फिर वो मेरे सामने साड़ी चेंज करने लगी। अनु ने पूरी साड़ी निकाल कर बेड पर फेंक दी और ब्लाउज और पेटीकोट मे कांच के सामने खड़ी होकर बाल बनाने लगी। में वहाँ पर खड़ा होकर उसे देखने लगा। फिर ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल दिए और बेड पर फेंक दिया और अलमारी मे से साड़ी निकालने लगी। में पीछे से जाकर अनु को किस करने लगा। फिर मैंने अनु को अपनी और खीँच लिया और लिप किस करने लगा। अनु बहुत चिड़ गयी और फिर उसने मुझे दोबारा से धक्का दिया और गुस्से मे बोली …
अनु : तुम्हे समझ मे नहीं आ रहा है क्या, मैंने एक बार नहीं बोला ना, तुमने मुझे क्या समझ कर रखा है? में क्या कोई रंडी नहीं हूँ जो तुम अपनी इच्छा पूरी करके चले जाओ। में तुमसे प्यार करती हूँ इसलिए में ये सब तुम्हारे साथ करती हूँ। तुम मुझे एक रांड की तरह चोदकर चले जाते हो तुम्हे मेरी कोई परवाह नहीं है।
मै पहली बार अनु के मुहं से ऐसी बाते सुन रहा था, पहली बार गालियां सुन रहा था। अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। में गुस्से मे आकर वहाँ से चला गया। मैंने अनु की तरफ एक बार भी देखा तक नहीं और घर चला आया।
फिर कुछ ऐसा ही चलता रहा, तभी 18 अप्रेल को अमोल का फोन आया।
अमोल : कल मम्मी पापा की मैरिज एन्वर्सरी है और कल तू हमारे साथ होटल मे चल रहा है लेकिन में बहुत उदास था।
में : नहीं यार अमोल मेरा बिलकुल भी मूड नहीं है यार में नहीं आना चाहता हूँ।
अमोल : तू प्लीज़ यार हमारे साथ चलना यार में अकेला क्या करूंगा प्लीज़ चल ना यार। तभी अमोल के पापा ने अमोल से फोन ले लिया और बोले ..
अंकल : बेटा हमारे साथ चल अमोल को भी कंपनी मिल जाएगी। तू अपनी स्कार्पियो लेकर आएगा तो अपने जाने की प्राब्लम भी खत्म हो जाएगी।
अब मुझे अंकल और अमोल बहुत फोर्स कर रहे थे, तो मैंने भी हाँ कह दिया। दूसरे दिन 9 बजे में तैयार हो गया और मैंने ब्लेक शर्ट ब्लेक जीन्स और अन्दर रेड टी-शर्ट पहनी, मेरी स्कॉर्पियो लेकर निकल गया। में अमोल के घर पहुंच गया और फिर अमोल को बाहर से ही आवाज़ दी तभी अमोल बाहर आया।
अमोल : सूरज अन्दर आजा मम्मी को तैयार होने मे थोड़ा टाईम है। तभी मैंने गाड़ी पार्क की और अन्दर चला गया और अमोल के रूम मे जाकर पीसी पर गेम खेलने लगा। मुझे पता नहीं अनु कब अमोल के रूम मे आ गयी।
अमोल की मम्मी : सूरज तुम बहुत अच्छे दिख रहे हो।
में अमोल की मम्मी की तरफ देख भी नहीं रहा था और पीसी पर गेम खेलता रहा। शायद अनु गुस्सा हो कर वहाँ से चली गयी। फिर 15-20 मिनट के बाद अमोल ने मुझे आवाज़ दी।
अमोल : सूरज चल हम तैयार हो गये है।
तभी मैंने पीसी बंद किया और अमोल के रूम से हॉल मे चला गया। अनु ने भी ब्लेक साड़ी पहनी और ब्लेक ब्लाउज पहना था। अमोल की मम्मी सच मे बहुत सुन्दर दिख रही थी। मैंने अमोल की मम्मी को एक बार देखा और आँखे नीचे करके बाहर निकल गया और गाड़ी मे जाकर बैठ गया। अमोल फ्रंट सीट पर आकर बैठ गया और अमोल की मम्मी और पापा पीछे। तभी मैंने गाड़ी स्टार्ट की और होटल के लिए चल दिये। अनु मुझे कांच मे से देख रही थी ये मुझे पता था। हम होटल मे पास लेकर पहुंचे फिर हमने खाना आर्डर दिया और वेट करने लगे।
अमोल : चल सूरज बाथरूम होकर आते है।
में : चल हम बाथरूम जा रहे थे तब
में : अमोल चलना यार थोड़ी वाईन पीते है।
अमोल : चल जल्दी पीते है, में ज्यादा वाईन नहीं पीता हूँ तो मेंने एक पेक पिया और अमोल ने भी हम वहाँ से उठकर अमोल की मम्मी – पापा के पास चले गये। तभी खाना भी लग चुका था इसलिए हमने खाना खा लिया। अमोल की मम्मी को पता चल गया कि हम दोनों ने वाईन पी है। लेकिन शायद अंकल को नहीं फिर हमने खाना खाया और वहाँ से निकल गये। मैंने अमोल की फेमिली को घर पर छोड़ा और वहाँ से निकल गया। फिर में घर गया और फ्रेश होने चला गया। में वाईन कभी कभी पीता हूँ तो मेरी तबीयत खराब हो गयी। मुझे अमोल की मम्मी का फोन आया तो मैंने रिसीव नहीं किया और सो गया। फिर मैंने सुबह उठकर देखा तो 11.30 बज रहे थे। में फ्रेश हुआ और देखा तो मेरे मम्मी – पापा घर पर नहीं थे। तभी मैंने पापा को फोन लगाकर पूछा तब मुझे मालूम पड़ा की वो मेरी मासी से मिलने गये हुए थे और रात को लोटने वाले थे, तभी मुझे बहुत भूख लगी थी तो मैंने अमोल को कॉल किया।
में : मेरे मम्मी, पापा बाहर गये हुए है और मम्मी खाना बनाकर नहीं गयी है, चल हम दोनों आज कहीं बाहर जाकर खाना खाते है।
अमोल : सूरज यार में तो कल्पिता के साथ बाहर आया हूँ, मुझे थोड़ा टाईम लगेगा, सॉरी यार में नहीं आ सकता हूँ।
में : जाने दे में देख लेता हूँ, फिर में नहाने चला गया और तैयार होने लगा 20 मिनट के बाद डोर बेल बजी तो देखा कि अमोल की मम्मी सामने टिफिन लेकर खड़ी है। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।
अमोल की मम्मी : क्या अन्दर नहीं बुलाएगा?
तभी में डोर पर से हट गया और मेरे रूम मे चला गया। अनु ने खाना डिश मे निकाला और खाना लेकर मेरे रूम मे आ गयी।
अमोल की मम्मी : ले खाना खा ले तुझे बहुत भूख लगी है ना।
में : मेरी भूख मर गयी है और तुम्हे किसने कहा था की मेरे लिए खाना लेकर आने को।
अमोल की मम्मी : मुझे अमोल ने बताया कि तेरे मम्मी, पापा बाहर गये है और तुझे बहुत जोर की भूख लगी है, इसलिए मै खाना लेकर आई हूँ।
में : मुझे नहीं खाना है।
अनु : ठीक है मत खा और डिश वहाँ पर रख दी और जो मेरे कपड़े यहाँ वहाँ पर गिरे थे और कपड़े उठाकर अलमारी मे रखने लगी।
में : रहने दो में कर लूँगा प्लीज तुम यहाँ से चली जाओ। अनु मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी। लेकिन वो मेरी जीन्स और टी-शर्ट उठाकर रखने लगी और मुझसे बात कर रही थी।
अनु : कल रात को होटल मे मज़ा आया ना।
में : हाँ.
अनु : तो कल तुम दोनों ने वाईन पी तुम दोनों को शरम भी नहीं आई ना।
में : वो बस हमने थोड़ी सी टेस्ट की थी।
अनु : कल रात को बहुत मज़ा आया यार, तुम्हारे अंकल ने बहुत मज़े दिए और लिए भी।
में : (गुस्से मे) मतलब कैसे मज़े?
अनु : कल तेरे अंकल ने मुझे तीन बार चोदा और मेरी चूत का पानी भी निकाला।
में : (बहुत गुस्से मे आ गया था) सच मे तुम्हे अंकल ने तीन बार चोदा।
अनु : हाँ वो मेरे पति है उनका मुझ पर हक है।
तभी मैंने गुस्से मे आकर अनु को बेड पर पटक दिया और उसे लिप किस करने लगा। अनु के लिप दांतों से काटने लगा। अनु को कुछ समझ मे नहीं आ रहा था, वो सिर्फ़ ह्म्म्महम्म की आवाज़ निकाल रही थी। फिर मै अनु का सर पीछे से पकड़ कर किस करता जा रहा था।
अनु : नहीं सूरज ऐसे मत चोद मुझे, लेकिन मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रहा। अगर कुछ समझ मे आ रहा था तो वो था अंकल ने मेरी अनु को चोदा है और इस बात का गुस्सा में अनु पर निकाल रहा था। मै एक हाथ से अनु के ब्लाउज के हुक खोल रहा था। अनु मेरा हाथ पकड़ रही थी में मानने के लिए तैयार नहीं था। मैंने जल्दी जल्दी ब्लाउज के हुक खोल दिये और अनु के दोनों हाथ पकड़ कर अनु को बैठा दिया और ज़बरदस्ती करके अनु का ब्लाउज निकाल दिया। अनु अपने दोनों हाथो से अपने बूब्स छुपाने लगी। मैंने अनु को एक जोर का धक्का दिया और बेड पर लिटा दिया और अनु के बूब्स को काटने लगा, निप्पल मुहं मे लेकर ज़ोर से काटा।
अनु : आअहह सूरज प्लीज़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज मत कर आहह।
में : तुमने मुझसे इतने दिनो से बात क्यों नहीं की उसकी पनिशमेंट तो में तुम्हे दूंगा ही।
अनु : नहीं सूरज प्लीज मुझे माफ़ कर दे, में आगे से ऐसा नहीं करूंगी आअहह्।
में सुनने का नाम नहीं ले रहा था। पता नहीं मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। फिर मैंने अनु की साड़ी ऊपर की और अनु की पेंटी मे हाथ डालने लगा। तभी अनु मेरा हाथ खींचने लगी। मैंने हाथ निकाल और अनु के बूब्स पर दो बार चाटा मारा। मैंने मार तो दिया लेकिन तकलीफ़ मुझे हो रही थी। मैंने फिर से अनु की पेंटी मे हाथ डाला और तीन उंगलियां एक साथ मे अनु की चूत मे डाल दी। अनु ने अपने दोनों पैर अपने पेट पर दबा दिये अनु को बहुत तकलीफ़ हो रही थी। लेकिन मेरा गुस्सा कम नहीं हो रहा था।
अनु : सूरज बहुत दर्द हो रहा है प्लीज अगर तू मुझसे प्यार करता है तो प्लीज ऐसा मत कर।
में : अंकल ने तुम्हारा पानी निकाला तब तुमने ऐसा तो नहीं कहा होगा और में अपनी उंगलियां आगे पीछे करने लगा। अब में बहुत ज़ोर से मेरा हाथ हिला रहा था और अनु मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक रही थी। फिर करीब पांच मिनट के बाद अनु ने मेरा हाथ ज़ोर से पकड़ लिया। अब अनु का पानी निकलने वाला था।
अनु : आआहह सूरज आहह बस अब नहीं।
तभी अनु ने अपनी आंखे बंद कर ली और फिर अनु ने पानी निकाल ही दिया। अब तक मेरा लंड खड़ा हो गया था। मैंने अपनी जीन्स निकाली और अंडरवियर भी निकाल कर साईड मे फेंक दी और बेड पर खड़ा हो गया और अनु का सर पकड़ कर लंड पर रख दिया और फिर ज़बरदस्ती अनु के मुहं मे लंड डालने लगा। वो अपना मुहं इधर उधर कर रही थी और मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। तभी मैंने अनु के बाल पकड़े और अनु के मुहं मे लंड डाल ही दिया और बाल पकड़ कर लंड आगे पीछे करने लगा। 5-7 मिनट के बाद लंड को मुहं मे से बाहर निकाला और अनु को बेड पर धक्का देकर गिरा दिया।
अनु : नहीं सूरज ऐसा मत कर।
अब मुझे बुरा तो लग रहा था कि इससे प्यार करता हूँ उसके साथ में ज़बरदस्ती कर रहा हूँ। फिर मैंने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा और अनु की चूत पर लगाया और एक ही शॉट मे लंड चूत के अंडर घुसा दिया।
अनु : (ज़ोर से) मर गयी रे कमीने क्या कर रहा है तू पागल हो गया है क्या?
तभी मैंने अपने हाथो से अनु का मुहं बंद कर दिया और शॉट मारने शुरू कर दिये। में एक एक शॉट बहुत ज़ोर से मार रहा था।
में : (गुस्से से) तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अंकल से चुदवाने की, तू तो मुझसे प्यार करती है ना, फिर ऐसा कैसे किया तुमने और वो भी एक बार नहीं तीन बार।
अनु : अब ऐसा नहीं करूंगी प्लीज आराम से कर प्लीज़।
लेकिन में मानने के लिए तैयार ही नहीं था। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।
फिर मैंने 40-45 शॉट के बाद अनु को पलट दिया और गांड के होल पर लंड रख दिया।
में : आगे से ऐसा करोगी क्या?
अनु : नहीं सूरज नहीं करूंगी।
मैंने गांड मे लंड डाल दिया और शॉट मारना स्टार्ट कर दिया और जल्दी ही मेरा पानी निकल गया मैंने अनु की गांड मे ही पानी निकाल दिया और अनु के ऊपर ही पड़ा रहा।
अब में और अनु बहुत थक गये थे। 15 मिनट के बाद में उठा और बाथरूम मे जाकर लंड साफ करने लगा, मुझे बहुत बुरा लग रहा था, तो मेरी आँखों से पानी निकलने लगा। तभी अनु मेरे पीछे से आई और मेरे बेक पर किस करने लगी।
अनु : आज बहुत दिनो की इच्छा पूरी हो गयी। मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था।
में : तुम्हारा कहने क्या मतलब है।
अनु : में तुझसे नाराज़ थी लेकिन तेरे अंकल ने मुझे कल रात नहीं चोदा था, मैंने तो वो सिर्फ नाटक किया था।
में : तुम्हे ऐसा सब करने की क्या ज़रूरत थी।
अनु : तूने मुझे बहुत दिनों से नहीं चोदा था, इसलिए मुझे ये सब करना पड़ा।
फिर अनु ने मुझे किस किया और मुझे किस करती रही। अब मैंने भी उसका साथ दिया क्योंकि वो मुझे बहुत दिनों के बाद मिली थी इसलिये थोड़ा प्यार तो बनता है। तभी कुछ देर बाद हमने कपड़े पहने और फिर साथ मे बैठकर खाना खाया। फिर करीब तीन घंटे बाद वो वहाँ से चली गई। लेकिन इन तीन घंटो मे मैंने अपनी पूरी कसर निकाल ली थी मैंने इस बीच उसे कई बार चोदा और वो बस मेरा साथ देकर चुदवाती रही। उसने मुझसे कई बार लंड मुहं मे लेकर भी चुदाई का मजा लिया। शायद अब वो चुदाई मे बिलकुल परफेक्ट हो चुकी है।
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी आशा करता हूँ कि आपको जरुर पसंद आई होगी ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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