FUN-MAZA-MASTI
मेरा नाम रोहन है, मैं भोपाल से हूँ। ये घटना उन दिनों की है जब मैं स्कूल में 11वीं में पढ़ता था। मेरा दाखिला कुछ दिनों पहले ही हुआ था, सब कुछ ठीक चल रहा था। स्कूल में लड़कियाँ छोटी-छोटी स्कर्ट्स पहन कर आती थीं। लड़कियाँ सेक्सी दिखने की कोशिश तो बहुत करतीं, लेकिन अभी उनकी जवानी नहीं खिली थी।
एक दिन स्कूल की प्रार्थना-सभा में पता चला कि एक नई टीचर ने स्कूल आना शुरू किया है और वो 11वीं कक्षा को बायलोजी पढ़ाएंगी। प्रार्थना-सभा खत्म होने के बाद हम क्लास में गए और तब अगला पीरियड बायलोजी का ही था।
वो नई टीचर क्लास में आईं, मैंने जब उसे गौर से देखा तो मैं देखता ही रह गया…
वो बहुत ही शानदार माल थी।
वो एक औरत कम और लौंडिया ज़्यादा लग रही थी, उसकी उम्र करीब 32 की होगी, फिगर 36-28-36 का होगा, उसने सफेद रंग का पारदर्शी बिना आस्तीन का सूट पहना था।
उसका सूट इतना अधिक पारदर्शी था कि मैं उसकी ब्रा, पैन्टी और उसका नाभि बड़े आराम से देख सकता था।
उसके बड़े-बड़े मम्मे और उसके गोल-गोल चूतड़ देख कर तो मैं बस पागल ही हुआ जा रहा था।
टीचर क्लास में आईं और सबने टीचर को खड़े होकर नमस्ते की।
टीचर ने अपना परिचय देना शुरू किया- हैलो स्टूडेंट्स मेरा नाम रूचि है और आज से मैं आपको बायलोजी पढ़ाऊँगी लेकिन उससे पहले मैं आप सबके के बारे में आपका नाम और कुछ जो आप मेरे बारे में जानना चाहते हैं, पूछ सकते हैं।
क्लास के सभी स्टूडेंट्स अपना नाम बता रहे थे और कुछ-कुछ सवाल भी पूछ रहे थे। तब मैं मैम को निहार रहा था, मैम का सलवार इतना पारदर्शी था कि मैं सलवार के अन्दर का सब कुछ देख सकता था और उनका पैन्टी, ब्रा देख कर क्लास में ही मेरा लंड खड़ा हो गया था।
उसने सफेद रंग की पैन्टी और ब्रा पहन रखी थी। मगर इतने में मैम मेरी तरफ़ देख कर बोल पड़ी।
मैम- और तुम?
मैं खड़ा हो गया और मेरा तना हुआ लंड भी पैन्ट के अन्दर से ही अंगडाई ले रहा था। मैम ने एक बार मेरी ज़िप की तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दीं, पर इसके साथ ही वो गंभीर हो गईं।
मैं- मेरा नाम रोहन है।
मैम- ओके.. और कुछ पूछना चाहते हो?
मैं पूछना चाहता था- मैम आपका साइज़ क्या है और आप कौन सा पर्फ्यूम लगाती हैं? आपकी पैन्टी किस कंपनी की है? आपका पति आपको कैसे चोदता है? क्या आप पति से संतुष्ट हैं? क्या आप मुझसे अपना चूत चुसवाओगी? क्या आप अपने मम्मे मुझे चूसने दोगी? क्या आप मेरा लौड़ा चूसोगी?
मगर मैंने पूछा- आप अपने खाली वक्त में क्या करती हो?
मैम- मैं अपने खाली वक्त में नॉवेल पढ़ लेती हूँ.. कोई डिश बना लेती हूँ या फिर कभी-कभी चैटिंग कर लेती हूँ.. और कुछ?
मैं- बस..
मैंने जैसे-तैसे बात खत्म की और बैठ गया और सोचने लगा कि मैम क्या सोच रही होगी।
सबके इंट्रो के बाद मैम ने पढ़ाना शुरू किया और मैम ने बोर्ड में लिखना शुरू किया।
मैम की पीठ क्लास की तरफ थी और तब मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया, उनकी कुरती पीछे से लगभग नंगी थी।
मैम की गोरी पीठ देख कर मुझे मन कर रहा था कि उसे चाट लूँ। क्लास के सभी लड़के उन्हें देख कर हंस रहे थे, मैं परेशान हो रहा था।
तब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड की पैन्ट के ऊपर से मूठ मारना शुरू कर दी।
मैम की गाण्ड और जाँघें देख-देख कर मैं मूठ मारता रहा और फिर मेरा पानी पैन्ट के अन्दर ही निकल गया।
मैं उठ कर टॉयलेट की तरफ भागा, साफ़ करते समय मेरा दिमाग़ यह सोच रहा था कि मैम ने मेरा खड़ा लंड देखा था या नहीं…
उस दिन के बाद से मैम मुझ से कुछ ज़्यादा ही बात करने लगी थी, वो क्लास में मेरी ही बेंच पर बैठ कर पढ़ातीं और हर दिन की तरह मैम के कपड़े पारदर्शी किस्म के होते, जिसे देखकर बार-बार मेरा लंड क्लास में ही खड़ा हो जाता था क्योंकि मैम मेरी ही बेंच पर बैठ कर पढ़ाती थीं।
शायद उन्हें पता चल गया था कि मेरा लंड हर बार उसे देख कर पैन्ट के अन्दर ही खड़ा हो जाता है और मैं कुछ-कुछ अपने लंड के साथ करता हूँ।
मुझे कई बार मैम को छूने के मौके मिलते, उसका बदन बहुत ही कोमल था। एक बार मैम ने अपनी जाँघों पर कापियां रखी थीं और मैम ने मुझसे कहा- कापियां उठाने में मेरी मदद करो।
तब मैंने जब कॉपियों और जांघों के बीच में अपनी ऊँगलियाँ डालीं, तो मैम के मुँह से सिसकी सी निकल पड़ी, मेरा लंड फिर खड़ा हो गया था।
‘आआहह आअरामम्म से उठा इतनी जल्दी क्या है..’
जब मैंने मैम की जाँघों को छुआ था.. मैम को जैसे अच्छा लगा था, उसने बहुत प्यार भरे नजरों से मुझे देखा।
फिर 4-5 दिनों में मैम से अच्छी बात शुरू हो गई। मैम अब बहुत खुल गई थीं। वो मुझसे एक दोस्त की तरह बात करती थीं।
एक दिन क्लास में कोई नहीं था क्योंकि गेम्स का पीरियड था और सारे स्टूडेंट्स बाहर ग्राउंड पर थे, तब मैम क्लास में अकेली थीं।
मैं क्लास में आ गया और मैम के साथ बैठ गया।
मैम- तुम गए नहीं.. गेम्स का पीरियड है।
मैं- नहीं मैम.. अगर मैं चला जाता तो आपको कंपनी कौन देता?
मैम- तो फिर मेरी मदद करो।
मैं- बोलो मैम।
मैम- मेरी कुर्ते के पीछे वाली ज़िप ज़रा अटक गई है.. उसे खोल कर दोबारा बंद कर दो।
मैं- ओके.. अभी कर देता हूँ।
मैं मैम के पीछे खड़ा हो गया और ज़िप को खोलने लगा, लेकिन ज़िप खुल नहीं रही थी, तो मैम ने कहा।
मैम- मुँह से खोलने की कोशिश कर।
तब मैंने अपने दांतों से कुर्ते की ज़िप को दबाया और खोलने की कोशिश करने लगा, इस दोरान मेरे होंठ मैम की पीठ पर लग रहे थे और मैम कुछ अजीब तरीके से ढीली पड़ती जा रही थीं।
मेरी जीभ अब मैम की पीठ को लगभग चाटने लगी थी और मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था। मैम की साँसें तेज हो गईं और उसका बदन कसमसा रहा था, मेरा लंड मैम की गाण्ड को टच कर रहा था।
वो कामुक होती जा रही थी, उसकी आँखें बंद होने लगी थीं कि मैम अचानक से बोल पड़ी।
मैम- बस रहने दो मैं खुद ही कर लूँगी।
मैं- मैम मैं कर देता हूँ।
मैं इतना सुनहरा अवसर गँवाना नहीं चाहता था।
मैम- कोई बात नहीं मैं खुद ही कर लूँगी।
मैं- ओके, मैम एक बात बोलूँ बुरा तो नहीं मानोगी?
मैम- नहीं मानूँगी।
मैं- आपकी स्किन बहुत मुलायम है।
मैम- चल बदमाश कहीं का..
मैं- अच्छा मैम आप चैटिंग भी करती हो?
मैम- हाँ..
मैं- आप अपना आईडी बताना, मैं भी चैटिंग करता हूँ।
मैम- ओके.. लेकिन मैं बहुत कम चैटिंग करती हूँ।
मैं- कोई बात नहीं मैम।
मैम- ओके लिख लो आईडी है तुम मुझे अपना आईडी भी दे दो।
मैं- मैम आप भी लिख लो.. वो है थैंक्स मैम।
उस दिन जब मैं घर पहुँचा तो सबसे पहले कंप्यूटर ऑन करके मैम का आईडी सर्च किया फिर जैसे ही मैं उन्हें एड करने जा रहा था कि मैंने सोचा किसी दूसरी आईडी से मैम को एड करता हूँ।
मैंने एक नई आईडी बनाई, फिर मैंने मैम की आईडी एड की तो पता चला कि मैम लॉग्ड-इन हैं। मैंने मैम को मैसेज भेजा।
मैं- हाय..
मैम- हाय!
मैं- ऐ एस एल.. प्लीज़
मैम- आई एम 30 एफ़ दिल्ली.. एंड यू?
उनसे मेरी सारी चैट अंग्रेजी में हुई पर मैं उसको हिंदी में लिख कर आपके सामने जस का तस रख रहा हूँ।
मैं- मैं आपसे छोटा हूँ मेरी उम्र 18 वर्ष है और मैं भी दिल्ली से ही हूँ।
मैम- ओके.. कोई बात नहीं। तुम क्या करते हो?
मैं- मैं एक स्टूडेंट हूँ।
मैम- ओह्ह गुड मैं भी एक टीचर हूँ।
अब मैंने बिल्कुल खुली बात करना ठीक समझा।
मैं- क्या आपने अपने किसी स्टूडेंट के साथ चुदाई की है?
मैम- तुमको किसी महिला से इस प्रकार के सवाल नहीं करने चाहिए। तब भी मैं तुमको अपने दिल की बात बताना चाहती हूँ कि मैं आजकल एक लड़के से चुदने की सोच रही हूँ।
मैं- क्यों..? उस लड़के में तुमको ऐसा क्या ख़ास दिखा?
मैम- मुझे लगता है कि उसका लौड़ा बहुत बड़ा है।
मैं- तुम कैसे जानती हो क्या तुमने उसका लौड़ा देखा है?
मैम- नहीं… मैंने उसका लौड़ा तो नहीं देखा है लेकिन मैं उसकी पैन्ट के उभार से ये अंदाजा लगाया है, उसका लवड़ा मेरी क्लास में मुझे देख कर हर समय खड़ा ही रहता है।
मैं- अरे वाह.. तुमने उसे बड़ी गौर से देखा है.. उसका क्या नाम है?
मैम- रोहन!
साली चुदासी मैम मेरे बारे में सब जानती थी कि मेरा लंड क्लास में खड़ा रहता है और वो मेरे बारे में ही सोचती रहती है।
मगर मैं खुश भी हुआ, चलो मेरा और मेरे लवड़े का ध्यान तो रखती है।
मैम- छोड़ो यार इस बात को.. उसको तो मैं एक दिन अपनी चूत में ले ही लूँगी.. इतने बड़े लौड़े वाले पर जब मेरा दिल आ गया तो फिर वो मुझसे बच कर नहीं जा सकता.. ये तो तय है। तुम अपने बारे में सुनाओ.. तुम भी तो जवान हो.. अभी तक किसी को चोदा भी या नहीं?
मैं- मेरे साथ भी तुम्हारे जैसा ही चल रहा है मेरी क्लास की एक टीचर है वो बहुत ही मस्त माल है मैं उसको चोदना चाहता हूँ… पर उससे ये कहने से डरता हूँ।
मैम- अरे डरो मत जाकर उसको चोद डालो वो तुमको मना नहीं करेगी।
मैं- हो सकता है तुम्हारी बात सही हो पर एक न एक दिन तो मैं उसको चोद कर ही रहूँगा।
मैम- हाँ उसको भी तो खुराक की जरूरत होती ही होगी।
मैम- तुम्हें रिश्तों में चुदाई करना अच्छा लगता है?
मैं- हाँ.. और तुम्हें?
मैम- मुझे भी, तुम किस के बारे में सोचते हो?
मैं- अपनी सौतेली मम्मी के बारे में..
मैम- अरे.. क्या सच तुम उनको चोदने के लिए पक्के में सोचते हो?
मैं- हाँ..हाँ.. बाबा और तुम?
मैम- मुझे रोल-प्ले करना अच्छा लगता है।
मैं मैम के साथ चैटिंग करके हैरान हो गया कि मैम ऐसे बातें कर रही है. अब तो उनसे बात करने में मज़ा आएगा।
मैं- कैसा रोल-प्ले?
मैम- रोल-प्ले की चुदाई में सब कुछ.. किसी सगे सम्बन्धी के जैसा बन कर चुदना।
मैं- क्या तुम अभी मेरे साथ चैटिंग करके कोई नजदीक की रिश्तेदार बन कर मुझसे चुदाई की बातें करना चाहोगी?
मैम- हाँ.. ये मस्त रहेगा।
मैंने कहा- ओके।
मैम- ओके.. तो शुरू करें?
मैं- तो ठीक है क्या मैं तुमको अपनी मम्मी बना कर चुदाई की बातें शुरू करूँ?
मैम- यस मेरा बच्चा.. शुरू कर न..
मैं- मम्मी तू मेरे लिए नंगी हो ज़ाएगी?
मैम- हाँ बेटा।
मैं- मम्मी तूने पहना क्या है?
मैम- एक ढीली सी टी-शर्ट और शॉर्ट्स।
मैं- मम्मी अपने बेटे के लिए, शर्ट उतार दो।
मैम- मेरा बेटा अपनी मम्मी की शर्ट उतारना चाहता है, ले उतार दी।
मैं- मम्मी ब्रा कौन से रंग की पहनी है?
मैम- गुलाबी।
मैं- अरे मम्मी तुम तो गजब की माल हो।
मैम- मैं बिना ब्रा के और भी मस्त माल लगूँगी।
मैं- मम्मी फिर ब्रा भी उतार दो न..
मैम- खोल दी मम्मी ने अपनी ब्रा तेरे लिए बेटा…
मैं- अब ब्रा दूर कहीं फेंक दो।
मम्मी- फेंक दी।
मैं- मम्मी अपने चूचुकों को पकड़ो।
मम्मी- नहीं बेटा.. मम्मी के साथ ऐसा नहीं करते।
मैं- प्लीज़ मम्मी प्लीज़..
मैम- नहींईई!
मैं- प्लीज़..
मैम- ओके.. ओके.. ठीक है.. तू खुद पकड़ ले।
मैं- मम्मी तुम्हारे चूचुक बहुत मुलायम हैं।
मैम- अच्छा लगा मेरे बेटे को?
मैं- हाँ.. बहुत अच्छा..
मैम- अब क्या करेगा मेरा बेटा?
मैं- अब चूचुकों को मसलूँगा।
मैम- जरा ज़ोर से करियो।
मैं- मम्मी मैंने तुम्हारे अंगूर दबा दिए।
मैम- आआआअहह…
मैं- दर्द हुआ?
मैम- हाँ
मैं- मैं तुम्हें देखना चाहता हूँ तुम में कैसी दिखती हो.. तुम अपना बेवकैम ऑन करो।
मैम- लो कर दिया बेटा।
मैं चैट-विंडो में मैम के मम्मों को देख रहा था। मैम ने अपना चेहरा छुपा रखा था, पर मैम की चूचियाँ और उसकी हाथ की मेहंदी देख कर कह सकता था कि वो मैम ही हैं।
मैं- मम्मी.. अपने शॉर्ट्स के अन्दर अपनी ऊँगली डालो और महसूस करो कि तेरे बेटे का लंड है।
मैम- तू क्या करेगा?
मैं- मैं अपनी मम्मी को देख कर मूठ मारूँगा।
मैम- मम्मी अपने बेटे को मूठ मारते देखना चाहती है.. बेटा अपना बेवकैम ऑन कर दे!
मैंने भी अपना बेवकैम ऑन कर लिया और ऐसे सैट किया कि मैम सिर्फ़ मेरा लंड देख सके।
मैम- वाह.. मेरे बेटे का लंड तो बहुत बड़ा है।
मैं- मेरे लंड से तू चुदेगी ना मम्मी।
मैम- आह्ह.. हाँ..
मैम मुझे मूठ मारता हुआ देख रही थीं और मैं बेवकैम पर मैम को चूत में ऊँगली करता हुआ देख रहा था।
मैम- मैं झड़ने वाली हूँ बेटा..
मैं- मैं भी मम्मी..
मेरे लौड़े ने थोड़ी देर में ही पानी छोड़ दिया।
मेरे लंड ने धार से पानी फेंका, मैम ने चूचियाँ विंडो में लगा कर मेरी धार को ले लिया और वो मेरे लंड से माल की धार निकलती देख कर खुश हो गई और उनकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
मैम- आह्ह.. मैं झड़ चुकी हूँ।
मैं- मैं भी मम्मी…
मैम- बहुत हरामी बेटा है मेरा…
मैं- तेरा बेटा हूँ ना इसलिए… तू मेरी रांड बनेगी?
मैम- हाँ मैं तेरी मम्मी तेरी रांड बनूँगी।
मैं- मम्मी मेरी रखैल बनेगी?
मैम- हाँ मेरा.. बेटा मैं तेरी रखैल बनूँगी।
मैं- मम्मी तू छिनाल है ना?
मैम- हाँ मैं तेरी मम्मी छिनाल हूँ बेटा।
मैं- मम्मी अपने बेटे का लंड भी चूसेगी?
मैम- हाँ मेरा बेटा.. तेरा लंड भी चूसूंगी।
मैं- मम्मी तू गंदी है?
मैम- तेरे लिए मेरा बेटा…
मैं- मैं तुझे रोज़ चोदूँगा।
मैम- जब तेरा मन करे.. तब चोद लेना.. आख़िर मैं तेरी मम्मी हूँ ना…बस कर बेटा आज के लिए बस इतना ही.. अब कल चुदाई करेंगे…
मैं- ओके मम्मी…अब मैं तुम्हें कल चोदूँगा।
मैम- ओके बेटा।
मैं- बाय मम्मी।
मैम- बाय बेटा।
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रोल-प्ले में चुदाई-1
मेरा नाम रोहन है, मैं भोपाल से हूँ। ये घटना उन दिनों की है जब मैं स्कूल में 11वीं में पढ़ता था। मेरा दाखिला कुछ दिनों पहले ही हुआ था, सब कुछ ठीक चल रहा था। स्कूल में लड़कियाँ छोटी-छोटी स्कर्ट्स पहन कर आती थीं। लड़कियाँ सेक्सी दिखने की कोशिश तो बहुत करतीं, लेकिन अभी उनकी जवानी नहीं खिली थी।
एक दिन स्कूल की प्रार्थना-सभा में पता चला कि एक नई टीचर ने स्कूल आना शुरू किया है और वो 11वीं कक्षा को बायलोजी पढ़ाएंगी। प्रार्थना-सभा खत्म होने के बाद हम क्लास में गए और तब अगला पीरियड बायलोजी का ही था।
वो नई टीचर क्लास में आईं, मैंने जब उसे गौर से देखा तो मैं देखता ही रह गया…
वो बहुत ही शानदार माल थी।
वो एक औरत कम और लौंडिया ज़्यादा लग रही थी, उसकी उम्र करीब 32 की होगी, फिगर 36-28-36 का होगा, उसने सफेद रंग का पारदर्शी बिना आस्तीन का सूट पहना था।
उसका सूट इतना अधिक पारदर्शी था कि मैं उसकी ब्रा, पैन्टी और उसका नाभि बड़े आराम से देख सकता था।
उसके बड़े-बड़े मम्मे और उसके गोल-गोल चूतड़ देख कर तो मैं बस पागल ही हुआ जा रहा था।
टीचर क्लास में आईं और सबने टीचर को खड़े होकर नमस्ते की।
टीचर ने अपना परिचय देना शुरू किया- हैलो स्टूडेंट्स मेरा नाम रूचि है और आज से मैं आपको बायलोजी पढ़ाऊँगी लेकिन उससे पहले मैं आप सबके के बारे में आपका नाम और कुछ जो आप मेरे बारे में जानना चाहते हैं, पूछ सकते हैं।
क्लास के सभी स्टूडेंट्स अपना नाम बता रहे थे और कुछ-कुछ सवाल भी पूछ रहे थे। तब मैं मैम को निहार रहा था, मैम का सलवार इतना पारदर्शी था कि मैं सलवार के अन्दर का सब कुछ देख सकता था और उनका पैन्टी, ब्रा देख कर क्लास में ही मेरा लंड खड़ा हो गया था।
उसने सफेद रंग की पैन्टी और ब्रा पहन रखी थी। मगर इतने में मैम मेरी तरफ़ देख कर बोल पड़ी।
मैम- और तुम?
मैं खड़ा हो गया और मेरा तना हुआ लंड भी पैन्ट के अन्दर से ही अंगडाई ले रहा था। मैम ने एक बार मेरी ज़िप की तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दीं, पर इसके साथ ही वो गंभीर हो गईं।
मैम- ओके.. और कुछ पूछना चाहते हो?
मैं पूछना चाहता था- मैम आपका साइज़ क्या है और आप कौन सा पर्फ्यूम लगाती हैं? आपकी पैन्टी किस कंपनी की है? आपका पति आपको कैसे चोदता है? क्या आप पति से संतुष्ट हैं? क्या आप मुझसे अपना चूत चुसवाओगी? क्या आप अपने मम्मे मुझे चूसने दोगी? क्या आप मेरा लौड़ा चूसोगी?
मगर मैंने पूछा- आप अपने खाली वक्त में क्या करती हो?
मैम- मैं अपने खाली वक्त में नॉवेल पढ़ लेती हूँ.. कोई डिश बना लेती हूँ या फिर कभी-कभी चैटिंग कर लेती हूँ.. और कुछ?
मैं- बस..
मैंने जैसे-तैसे बात खत्म की और बैठ गया और सोचने लगा कि मैम क्या सोच रही होगी।
सबके इंट्रो के बाद मैम ने पढ़ाना शुरू किया और मैम ने बोर्ड में लिखना शुरू किया।
मैम की पीठ क्लास की तरफ थी और तब मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया, उनकी कुरती पीछे से लगभग नंगी थी।
मैम की गोरी पीठ देख कर मुझे मन कर रहा था कि उसे चाट लूँ। क्लास के सभी लड़के उन्हें देख कर हंस रहे थे, मैं परेशान हो रहा था।
तब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड की पैन्ट के ऊपर से मूठ मारना शुरू कर दी।
मैम की गाण्ड और जाँघें देख-देख कर मैं मूठ मारता रहा और फिर मेरा पानी पैन्ट के अन्दर ही निकल गया।
मैं उठ कर टॉयलेट की तरफ भागा, साफ़ करते समय मेरा दिमाग़ यह सोच रहा था कि मैम ने मेरा खड़ा लंड देखा था या नहीं…
उस दिन के बाद से मैम मुझ से कुछ ज़्यादा ही बात करने लगी थी, वो क्लास में मेरी ही बेंच पर बैठ कर पढ़ातीं और हर दिन की तरह मैम के कपड़े पारदर्शी किस्म के होते, जिसे देखकर बार-बार मेरा लंड क्लास में ही खड़ा हो जाता था क्योंकि मैम मेरी ही बेंच पर बैठ कर पढ़ाती थीं।
शायद उन्हें पता चल गया था कि मेरा लंड हर बार उसे देख कर पैन्ट के अन्दर ही खड़ा हो जाता है और मैं कुछ-कुछ अपने लंड के साथ करता हूँ।
मुझे कई बार मैम को छूने के मौके मिलते, उसका बदन बहुत ही कोमल था। एक बार मैम ने अपनी जाँघों पर कापियां रखी थीं और मैम ने मुझसे कहा- कापियां उठाने में मेरी मदद करो।
तब मैंने जब कॉपियों और जांघों के बीच में अपनी ऊँगलियाँ डालीं, तो मैम के मुँह से सिसकी सी निकल पड़ी, मेरा लंड फिर खड़ा हो गया था।
‘आआहह आअरामम्म से उठा इतनी जल्दी क्या है..’
जब मैंने मैम की जाँघों को छुआ था.. मैम को जैसे अच्छा लगा था, उसने बहुत प्यार भरे नजरों से मुझे देखा।
फिर 4-5 दिनों में मैम से अच्छी बात शुरू हो गई। मैम अब बहुत खुल गई थीं। वो मुझसे एक दोस्त की तरह बात करती थीं।
एक दिन क्लास में कोई नहीं था क्योंकि गेम्स का पीरियड था और सारे स्टूडेंट्स बाहर ग्राउंड पर थे, तब मैम क्लास में अकेली थीं।
मैं क्लास में आ गया और मैम के साथ बैठ गया।
मैम- तुम गए नहीं.. गेम्स का पीरियड है।
मैं- नहीं मैम.. अगर मैं चला जाता तो आपको कंपनी कौन देता?
मैम- तो फिर मेरी मदद करो।
मैं- बोलो मैम।
मैम- मेरी कुर्ते के पीछे वाली ज़िप ज़रा अटक गई है.. उसे खोल कर दोबारा बंद कर दो।
मैं- ओके.. अभी कर देता हूँ।
मैं मैम के पीछे खड़ा हो गया और ज़िप को खोलने लगा, लेकिन ज़िप खुल नहीं रही थी, तो मैम ने कहा।
मैम- मुँह से खोलने की कोशिश कर।
तब मैंने अपने दांतों से कुर्ते की ज़िप को दबाया और खोलने की कोशिश करने लगा, इस दोरान मेरे होंठ मैम की पीठ पर लग रहे थे और मैम कुछ अजीब तरीके से ढीली पड़ती जा रही थीं।
मेरी जीभ अब मैम की पीठ को लगभग चाटने लगी थी और मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था। मैम की साँसें तेज हो गईं और उसका बदन कसमसा रहा था, मेरा लंड मैम की गाण्ड को टच कर रहा था।
वो कामुक होती जा रही थी, उसकी आँखें बंद होने लगी थीं कि मैम अचानक से बोल पड़ी।
मैम- बस रहने दो मैं खुद ही कर लूँगी।
मैं- मैम मैं कर देता हूँ।
मैं इतना सुनहरा अवसर गँवाना नहीं चाहता था।
मैम- कोई बात नहीं मैं खुद ही कर लूँगी।
मैं- ओके, मैम एक बात बोलूँ बुरा तो नहीं मानोगी?
मैम- नहीं मानूँगी।
मैं- आपकी स्किन बहुत मुलायम है।
मैम- चल बदमाश कहीं का..
मैं- अच्छा मैम आप चैटिंग भी करती हो?
मैम- हाँ..
मैं- आप अपना आईडी बताना, मैं भी चैटिंग करता हूँ।
मैम- ओके.. लेकिन मैं बहुत कम चैटिंग करती हूँ।
मैं- कोई बात नहीं मैम।
मैम- ओके लिख लो आईडी है तुम मुझे अपना आईडी भी दे दो।
मैं- मैम आप भी लिख लो.. वो है थैंक्स मैम।
उस दिन जब मैं घर पहुँचा तो सबसे पहले कंप्यूटर ऑन करके मैम का आईडी सर्च किया फिर जैसे ही मैं उन्हें एड करने जा रहा था कि मैंने सोचा किसी दूसरी आईडी से मैम को एड करता हूँ।
मैंने एक नई आईडी बनाई, फिर मैंने मैम की आईडी एड की तो पता चला कि मैम लॉग्ड-इन हैं। मैंने मैम को मैसेज भेजा।
मैं- हाय..
मैम- हाय!
मैम- आई एम 30 एफ़ दिल्ली.. एंड यू?
उनसे मेरी सारी चैट अंग्रेजी में हुई पर मैं उसको हिंदी में लिख कर आपके सामने जस का तस रख रहा हूँ।
मैं- मैं आपसे छोटा हूँ मेरी उम्र 18 वर्ष है और मैं भी दिल्ली से ही हूँ।
मैम- ओके.. कोई बात नहीं। तुम क्या करते हो?
मैं- मैं एक स्टूडेंट हूँ।
मैम- ओह्ह गुड मैं भी एक टीचर हूँ।
अब मैंने बिल्कुल खुली बात करना ठीक समझा।
मैं- क्या आपने अपने किसी स्टूडेंट के साथ चुदाई की है?
मैम- तुमको किसी महिला से इस प्रकार के सवाल नहीं करने चाहिए। तब भी मैं तुमको अपने दिल की बात बताना चाहती हूँ कि मैं आजकल एक लड़के से चुदने की सोच रही हूँ।
मैं- क्यों..? उस लड़के में तुमको ऐसा क्या ख़ास दिखा?
मैम- मुझे लगता है कि उसका लौड़ा बहुत बड़ा है।
मैं- तुम कैसे जानती हो क्या तुमने उसका लौड़ा देखा है?
मैम- नहीं… मैंने उसका लौड़ा तो नहीं देखा है लेकिन मैं उसकी पैन्ट के उभार से ये अंदाजा लगाया है, उसका लवड़ा मेरी क्लास में मुझे देख कर हर समय खड़ा ही रहता है।
मैं- अरे वाह.. तुमने उसे बड़ी गौर से देखा है.. उसका क्या नाम है?
मैम- रोहन!
साली चुदासी मैम मेरे बारे में सब जानती थी कि मेरा लंड क्लास में खड़ा रहता है और वो मेरे बारे में ही सोचती रहती है।
मगर मैं खुश भी हुआ, चलो मेरा और मेरे लवड़े का ध्यान तो रखती है।
मैम- छोड़ो यार इस बात को.. उसको तो मैं एक दिन अपनी चूत में ले ही लूँगी.. इतने बड़े लौड़े वाले पर जब मेरा दिल आ गया तो फिर वो मुझसे बच कर नहीं जा सकता.. ये तो तय है। तुम अपने बारे में सुनाओ.. तुम भी तो जवान हो.. अभी तक किसी को चोदा भी या नहीं?
मैं- मेरे साथ भी तुम्हारे जैसा ही चल रहा है मेरी क्लास की एक टीचर है वो बहुत ही मस्त माल है मैं उसको चोदना चाहता हूँ… पर उससे ये कहने से डरता हूँ।
मैम- अरे डरो मत जाकर उसको चोद डालो वो तुमको मना नहीं करेगी।
मैं- हो सकता है तुम्हारी बात सही हो पर एक न एक दिन तो मैं उसको चोद कर ही रहूँगा।
मैम- हाँ उसको भी तो खुराक की जरूरत होती ही होगी।
मैम- तुम्हें रिश्तों में चुदाई करना अच्छा लगता है?
मैं- हाँ.. और तुम्हें?
मैम- मुझे भी, तुम किस के बारे में सोचते हो?
मैं- अपनी सौतेली मम्मी के बारे में..
मैम- अरे.. क्या सच तुम उनको चोदने के लिए पक्के में सोचते हो?
मैं- हाँ..हाँ.. बाबा और तुम?
मैम- मुझे रोल-प्ले करना अच्छा लगता है।
मैं मैम के साथ चैटिंग करके हैरान हो गया कि मैम ऐसे बातें कर रही है. अब तो उनसे बात करने में मज़ा आएगा।
मैं- कैसा रोल-प्ले?
मैम- रोल-प्ले की चुदाई में सब कुछ.. किसी सगे सम्बन्धी के जैसा बन कर चुदना।
मैं- क्या तुम अभी मेरे साथ चैटिंग करके कोई नजदीक की रिश्तेदार बन कर मुझसे चुदाई की बातें करना चाहोगी?
मैम- हाँ.. ये मस्त रहेगा।
मैंने कहा- ओके।
मैम- ओके.. तो शुरू करें?
मैं- तो ठीक है क्या मैं तुमको अपनी मम्मी बना कर चुदाई की बातें शुरू करूँ?
मैम- यस मेरा बच्चा.. शुरू कर न..
मैं- मम्मी तू मेरे लिए नंगी हो ज़ाएगी?
मैम- हाँ बेटा।
मैं- मम्मी तूने पहना क्या है?
मैम- एक ढीली सी टी-शर्ट और शॉर्ट्स।
मैं- मम्मी अपने बेटे के लिए, शर्ट उतार दो।
मैम- मेरा बेटा अपनी मम्मी की शर्ट उतारना चाहता है, ले उतार दी।
मैं- मम्मी ब्रा कौन से रंग की पहनी है?
मैम- गुलाबी।
मैं- अरे मम्मी तुम तो गजब की माल हो।
मैम- मैं बिना ब्रा के और भी मस्त माल लगूँगी।
मैं- मम्मी फिर ब्रा भी उतार दो न..
मैम- खोल दी मम्मी ने अपनी ब्रा तेरे लिए बेटा…
मैं- अब ब्रा दूर कहीं फेंक दो।
मम्मी- फेंक दी।
मैं- मम्मी अपने चूचुकों को पकड़ो।
मम्मी- नहीं बेटा.. मम्मी के साथ ऐसा नहीं करते।
मैं- प्लीज़ मम्मी प्लीज़..
मैम- नहींईई!
मैं- प्लीज़..
मैम- ओके.. ओके.. ठीक है.. तू खुद पकड़ ले।
मैं- मम्मी तुम्हारे चूचुक बहुत मुलायम हैं।
मैम- अच्छा लगा मेरे बेटे को?
मैं- हाँ.. बहुत अच्छा..
मैम- अब क्या करेगा मेरा बेटा?
मैं- अब चूचुकों को मसलूँगा।
मैम- जरा ज़ोर से करियो।
मैं- मम्मी मैंने तुम्हारे अंगूर दबा दिए।
मैम- आआआअहह…
मैं- दर्द हुआ?
मैम- हाँ
मैं- मैं तुम्हें देखना चाहता हूँ तुम में कैसी दिखती हो.. तुम अपना बेवकैम ऑन करो।
मैम- लो कर दिया बेटा।
मैं चैट-विंडो में मैम के मम्मों को देख रहा था। मैम ने अपना चेहरा छुपा रखा था, पर मैम की चूचियाँ और उसकी हाथ की मेहंदी देख कर कह सकता था कि वो मैम ही हैं।
मैं- मम्मी.. अपने शॉर्ट्स के अन्दर अपनी ऊँगली डालो और महसूस करो कि तेरे बेटे का लंड है।
मैम- तू क्या करेगा?
मैं- मैं अपनी मम्मी को देख कर मूठ मारूँगा।
मैम- मम्मी अपने बेटे को मूठ मारते देखना चाहती है.. बेटा अपना बेवकैम ऑन कर दे!
मैंने भी अपना बेवकैम ऑन कर लिया और ऐसे सैट किया कि मैम सिर्फ़ मेरा लंड देख सके।
मैम- वाह.. मेरे बेटे का लंड तो बहुत बड़ा है।
मैं- मेरे लंड से तू चुदेगी ना मम्मी।
मैम- आह्ह.. हाँ..
मैम मुझे मूठ मारता हुआ देख रही थीं और मैं बेवकैम पर मैम को चूत में ऊँगली करता हुआ देख रहा था।
मैम- मैं झड़ने वाली हूँ बेटा..
मैं- मैं भी मम्मी..
मेरे लौड़े ने थोड़ी देर में ही पानी छोड़ दिया।
मेरे लंड ने धार से पानी फेंका, मैम ने चूचियाँ विंडो में लगा कर मेरी धार को ले लिया और वो मेरे लंड से माल की धार निकलती देख कर खुश हो गई और उनकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
मैम- आह्ह.. मैं झड़ चुकी हूँ।
मैं- मैं भी मम्मी…
मैम- बहुत हरामी बेटा है मेरा…
मैं- तेरा बेटा हूँ ना इसलिए… तू मेरी रांड बनेगी?
मैम- हाँ मैं तेरी मम्मी तेरी रांड बनूँगी।
मैं- मम्मी मेरी रखैल बनेगी?
मैम- हाँ मेरा.. बेटा मैं तेरी रखैल बनूँगी।
मैं- मम्मी तू छिनाल है ना?
मैम- हाँ मैं तेरी मम्मी छिनाल हूँ बेटा।
मैं- मम्मी अपने बेटे का लंड भी चूसेगी?
मैम- हाँ मेरा बेटा.. तेरा लंड भी चूसूंगी।
मैं- मम्मी तू गंदी है?
मैम- तेरे लिए मेरा बेटा…
मैं- मैं तुझे रोज़ चोदूँगा।
मैम- जब तेरा मन करे.. तब चोद लेना.. आख़िर मैं तेरी मम्मी हूँ ना…बस कर बेटा आज के लिए बस इतना ही.. अब कल चुदाई करेंगे…
मैं- ओके मम्मी…अब मैं तुम्हें कल चोदूँगा।
मैम- ओके बेटा।
मैं- बाय मम्मी।
मैम- बाय बेटा।
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