Wednesday, December 17, 2014

FUN-MAZA-MASTI शकीना लड़की नहीं रंडी थी

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शकीना लड़की नहीं रंडी थी


कहानी बहुत साल पहले की हैं जब हम लोग कोलेज के फायनल इयर में थे. मैं और मेरा दोस्त राजू जिसकी यह कहानी हैं. राजू के मकान के सामने एक बहुत बड़ी कोठी थी जिसमे एक बिजनेशमेन रहता था. वो अपनी बीवी और बेटी के साथ रहता था. उसकी बेटी की उम्र करीब 18-19 साल की होंगी. जब भी मैं राजू को मिलने जाता तो यह लड़की घर के ऊपर के मजले से हमें देखती थी. इस लड़की का कमरा राजू के मकान के बिलकुल सामने ही पड़ता था. उसके बाप के डर से पहले पहले हम उसकी और ध्यान नहीं देते थे.
राजू ने फिर मुझे इस माँ बेटी के बारे में बताया. राजू के मुताबिक़ उस लड़की का नाम शकीना था और उसकी माँ का नाम राबिया था. एक दिन राजू ने शकीना की माँ को गाडी में कही जाते देखा, वो गाडी में बैठी थी और शकीना घर के मेन गेट के पास खड़ी थी. शकीना को उसकी माँ कह रही थी की 4-5 दिन पढने के लिए मत जाना और अपने अब्बू के खाने का ध्यान रखना. घर में अकेली हो तब दरवाजे को बंध ही रखना.
दुसरे दिन राजू के माता पिता कहीं बहार गये थे और वो अपने किचन में मेगी बना रहा था. तभी उसके घर की घंटी बजी. उसने दरवाजा खोला तो सामने शकीना खड़ी थी.
जी, मेरा नाम शकीना हैं हम आप के नए पडोसी हैं. मेरी माँ बहार गई हैं और मुझे थोडा सा दही चाहिए था.
राजू: शकीना मेरे माता पिता भी दो दिन के लिए बहार गए हैं. मेरे पास दही हैं लेकिन वो ताजा नहीं हैं. लोगी क्या…!
राजू ने लोगी क्या को थोडा खिंचा और उसे दबी आवाज में कहा.
शकीना: राजू आप से मिलकर ख़ुशी हुई मुझे.
राजू: मुझे उस से भी ज्यादा ख़ुशी हुई.
इतना कह के राजू ने अपना हाथ शकीना की और बढ़ा दिया. दोनों ने हाथ मिलाये और राजू के हाथ को मस्त स्पर्श हुआ मुलायम चमड़ी का.
शकीना: राजू आप का हाथ तो बहुत हार्ड हैं यार.
राजू: हां, वो तो हैं. अच्छा तुम किस कोलेज में पढ़ती हो.
शकीना: मैं सेंट्रल कोलेज में हूँ, लेकिन आजकल कम ही जाती हूँ. मेरे अब्बू कहते हैं की कोलेज रोज जाओंगी तो किसी लड़के को दोस्त बनाओगी, इसलिए मैं उनके डर से नहीं जाती हूँ.
राजू: लेकिन मुझ से तो अब दोस्ती हो गई हैं ना? कहीं तुम्हारे अब्बू इस से तो नहीं डाटेंगे तुम्हे?
शकीना: नहीं मैं उन्हें हमारे बारे में पता ही नहीं चलने दूंगी.
शकीना के यह कहते ही राजू समझ गया की वो एक लंड की प्यासी और रंडी किसम की लड़की हैं. और राजू यह भी जान गया की इसे दही नहीं बल्कि लंड का मख्खन लेना था जिसके लिए वो यहाँ आई थी. राजू ने अपने हाथ को उसके हाथ की और किया और शकीना को अपनी और खिंच लिया. शकीना के बूब्स राजू की चेस्ट से टकरा गए.
शकीना: अरे इतनी जल्दी नहीं हम लोग दरवाजे पे खड़े हैं किसी ने देख लिया तो…!
राजू ने शकीना को अंदर खिंचा और डोर को बंध कर दिया. डोर को बंध करते ही शकीना ने भी राजू को बाहों में भर लिया और उसे लिप किस करने लगी. राजू के हाथ शकीना के बूब्स पर चले गए और वो उन्हें दबाने लगा.
राजू: बहुत बड़े हैं तेरे मम्मे तो शकीना…!
शकीना: राजू जल्दी करो, अब्बू आ जायेंगे कुछ देर में.
राजू: अरे हाँ मेरी रंडी मैं भी जल्दी ही चोदुंगा तुझे. मेरे को भी बहार जाना हैं और अगर 20 मिनिट में नहीं पहुंचा तो पुरे 22 लोग चोदने के लिए आ पहुंचेंगे.
शकीना: क्या?
राजू: अरे मैं क्रिकेट के लिए जाऊँगा कुछ देर में, अगर मैं नहीं गया तो बाकी के लोग यहाँ आयेंगे मुझे बुलाने, और वो सभी चूत के प्यासे हैं. तेरी खुली चूत देख के वो थोड़ी अम्पायरिंग करेंगे, सब बेटिंग करेंगे सिर्फ बेटिंग.
शकीना हंस पड़ी. राजू ने उसे उल्टा किया और निचे कुतिया बना दिया. शकीना ने अपने हाथ से अपना नाड़ा खोला और उसने सलवार को उतार दी. शकीना ने पेंटी को उतारने की जगह सिर्फ साइड पर कर दी. राजू के लंड की जाने की जगह बन गई. राजू ने अपना लंड शकीना की चूत पर रखा और एक ही झटके में उसे पेल दिया उसकी चूत के अंदर.
शकीना के मुहं से आह आह ओह ओह बहुत बबड़ाआआआआअ हैं, आह  आह आह…..निकलने लगा.
राजू जोर जोर से अपने लंड को उसकी चूत में ठोकता रहा क्यूंकि दोनों को ही जल्दी चुदाई निपटानी थी. राजू ने उसे पांच मिनिट चोदा और शकीना की चूत ने पानी निकाल दिया. राजू की मुठ भी उसकी चूत में निकल पड़ी. शकीना कपडे पहन के खड़ी हुई और राजू ने हाथ धोके उसे एक कटोरी दही दे दिया.
शकीना जाते हुए बोली, राजू कल सुबह मिलते हैं मेरे अब्बू जब ऑफिस के लिए निकल जायेंगे तब. तुम कोलेज मत जाना.
राजू ने कहा ठीक हैं कल चुदाई लम्बी करनी होंगी लेकिन. शकीना हंस के निकल पड़ी और राजू ने आधी ठंडी मेगी खाना चालू किया.
राजू साइकिल लेकर मेरे घर आया और शकीना की चुदाई वाली बात मुझे बताई. मैं बोला काश मैं भी तेरे घर होता यार. राजू ने कहा चल मेरे घर चलते हैं. हम लोग खिड़की में खड़े हुए तो देखा की शकीना खिड़की में ही अपने बाल सुखा रही थी. राजू से चुदाई के बाद शायद वो नहाने गई थी. राजू ने यहाँ से उसे अपना लंड पकड़ के दिखाया. शकीना ने भी फ़्लाइंग किस भेजी.
मैं: राजू तू कहे तो मैं अपना लंड भी दिखा दूँ इसे.
राजू ने कहा, दिखा दे ना यार.
मैंने अपनी ज़िप खोल के अपना लंड निकाला और शकीना के सामने हिलाने लगा. उसने फिर से फ़्लाइंग किस भेजी और वो अपने बूब्स दबाने लगी. मैंने उसे आने के लिए इशारा किया तो उसने हाथ से कहा की कल आउंगी. राजू बोला चल अब निचे चलते हैं किसी ने देख लिया तो पंगे होंगे. मैं और राजू निचे आये और कुछ देर बाद मैं अपने घर चला गया.
दुसरे दिन मैं कोलेज के बजाय सीधे ही राजू के घर आया. राजू मेरी ही वेट कर रहा था. उसने मुझे बताया की शकीना ने इशारा किया हैं की उसके अब्बू के जाते ही वो यहाँ आएँगी. हम लोग राजू के बरामदे में छिप के उसके बाप की गाडी के निकलने की राह देखने लगे. जैसे ही उसकी गाड़ी निकली शकीना इधर उधर देखती हुई सीधे राजू के मकान की और आई. वो सीधे ही ऊपर आई और हम लोग भी घर में घुसे. अंदर घुसते ही राजू ने शकीना को बाहों में भर लिया. शकीना मेरी और देख के बोली, ये कौन हैं, इनका लंड बहुत बड़ा हैं लेकिन नाम मुझे पता नहीं इनका राजू?
राजू, ये मेरा दोस्त कुलदीप हैं. उसे भी तेरी चूत लेनी हैं.
शकीना खुश हुई औरर बोली, मुझे थ्रीसम में बहुत मजा आता हैं…और आज तो लंड भी दोनों बड़े हैं.
शकीना के उतना कहते ही राजू ने उसे नंगा कर दिया. वो भी राजू के लंड को पकड के हिलाने लगी. मैंने भी अपनी ज़िप खोली और लंड बहार निकाला. शकीना अब दोनों हाथों से लंड हिला रही थी. हम दोनों ही अब उसकी चूत मारने के लिए बेताब थे. राजू ने शकीना को उल्टा लेटने के लिए कहा. जैसे ही वो लेटी राजू ने पीछे से उसकी चूत में लंड दे दिया. मैंने अपना लंड शकीना के मुहं में दे दिया. वो आह आह कर के अपनी गांड हिलाने लगी और राजू उसे जोर जोर से चोदने लगा. उधर शकीना मेरे लंड को बड़े मजे से चूसने लगी. राजू उसकी चूत में पूरा लंड डाल के उसे बड़ा सुख दे रहा था. शकीना ने भी जैसे घाट घाट का पानी पिया था क्यूंकि इतनी हार्ड चुदाई के बाद भी वो आराम से लंड को कुल्फी की तरह चूस रही थी. शकीना की चूत में राजू के लंड अंदर बहार होने से फच फच की आवाज भी आ रही थी.
राजू ने उसे 10 मिनिट चोदा और फिर अपना लंड चूत से निकाला. मैं अब उस चिकनी चूत के पास गया और उसमे अपने लंड को रख दिया. शकीना की चूत टाईट नहीं थी इतनी और मेरा लंड फट से अंदर घुस गया. शकीना अपनी गांड को हिलाने लगी और मेरा लंड उस प्रवाह में मस्ती करने लगा. उधर राजू ने अपना लंड शकीना के मुहं में दे दिया और वो उसे चूसने लगी.
मैंने भी शकीना की चुदाई पुरे 15 मिनिट की. फिर मेरा लंड पानी निकाल बैठा. लेकिन राजू अभी भी टाईट था.
राजू: शकीना, अब मैं तुम्हे गांड में दूंगा.
शकीना: आ जाओ दे दो कहीं भी देना हो तुम्हे.
राजू ने पीछे आके अपना लंड गांड में दे दिया. शकीना पहले मोअन कर रही थी लेकिन फिर वो मस्ती से गांड मरवाने लगी. राजू ने उसकी गांड पुरे 5 मिनिट मारी और फिर अपना सारा पानी कूल्हों पर ही निकाल दिया. शकीना ने पानी को हाथ से लेके चाटा. फिर हम लोग बाथरूम गए और साथ में नहाये, नहाने के बाद राजू पिज़्ज़ा लेने चला गया. जब वो पिज़्ज़ा ले के आया तब तो मैंने एक बार और शकीना को कुतिया बना के चोद लिया था. हम लोगों ने नंगे ही पिज्जा खाया. खाने के बाद फिर शकीना को हम दोनों ने मिल के चोदा और उसकी गांड भी मारी. घर जाने के समय शकीना बड़ी ही खुश थी.
शकीना अब हमसे रेग्युलर चुद्वाती हैं. और वो उसके आमिर बाप के पैसे भी हम पे लुटाती हैं….!








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