FUN-MAZA-MASTI
हाई दोस्तों मेरा नाम अभी हैं और मैं औरंगाबाद का हूँ. यह कहानी के तिन किरदार हैं. मैं, कुसुम भाभी और मेरे बड़े भाई निखिल. कुसुम भाभी हमारी पड़ोसन हैं जिसकी गोल गांड और उभरती जवानी ने सभी को हैरान कर के रखा हैं. उसके पति का नाम भूपेन हैं जो सिटी में कारखाना चलाता हैं. वो सिटी में लोहें का कारखाना चलाता हैं और उसकी बीवी यहाँ चुदाई की पाठशाला खोल के बैठी हैं. कुसुम भाभी अभी यंग ही हैं, कुछ छब्बीस साल की उम्र होंगी उसकी. मेरे बड़े भाई निखिल शादीसुदा हैं और मेरी सगी भाभी का नाम रूपा हैं. पता नहीं इतनी हसीन भाभी के होते हुए भी निखिल भैया कैसे इस ररंडी भाभी के चुंगल में आ फंसे. शायद कुसुम भाभी की गोल गांड ने उन्हें अपनी और खिंचा था. मैंने अपना नाम तो बताया ही, मैं 21 साल का हूँ और अभी डेंटल की पढ़ाई करता हूँ. यह बात तब की हैं जब मैं छुट्टियों में घर आया था. कुसुम भाभी को दस दिन लाइन दिया और ग्यारवें दिन उसे अपना मोबाइल नम्बर भेज दिया.
तभी एक दिन मेरी किस्मत जागी, कुसुम भाभी ने उस दिन कुछ दोपहर के डेढ़ बजे कॉल किया और बोली के घर आ जाओ. मैं समझ गया की आज सच में चूत और गोल गांड मिलने वाली होंगी. मैं फट से पीछे के रस्ते से उसके घर में घुसा. कुसुम भाभी ढीली नाइटी पहने वही खड़ी थी. मुझे देख के वो हंस पड़ी और बोली, आओ अभी सोरी काफी दिनों से कुछ नहीं कर पाई मैं. मैं भाभी के पास गया और मैंने देखा की भाभी के बूब्स उछल रहे थे. मतलब उसने नाइटी क निचे ब्रा नहीं पहनी थी. और जब ब्रा नहीं पहनी थी तो पेंटी के चांसिस भी कम ही थे. भाभी को मैं ऊपर से निचे तक देखने लगा और फिर मैंने उन्हें कहा, सच में आप नजदीक से भी बड़ी सेक्सी लगती हो. कुसुम भाभी हंस पड़ी. मैंने उन्हें कहा, भाभी एक बार आप की पूरी बॉडी को देखना हैं आप धीरे धीरे से घूमेंगी.
भाभी को तो जैसे की कहने की ही देर थी. वो घूमी और अपनी गोल गांड मेरे सामने निकाल के खड़ी हो गई. और फिर वो अपनी गांड को हिलाने लगी. मैं उत्तेजित हो रहा था भाभी के सेक्सी ठुमकों से. मेरा लंड मेरी पेंट में ही उछल रहा था जैसे. मैंने अपनी ज़िप खोल दी और लंड को खुली हवा में ले आया. भाभी ने मेरा लंड देखा और वो हंस पड़ी. मैं समझ गया की यह बड़ी चुदासी भाभी हैं जिसके मतलब का सामान अब बहार आ गया था. भाभी ने अब गांड को हिलाना बंध किया और वो मेरे करीब आई. मैंने अपना हाथ उसके सेक्सी बूब्स के ऊपर रख दिया और उन्हें दबाने लगा. भाभी के मुहं से आह निकल पड़ी. उसने मुझे पकड के अपनी और खिंच लिया. भाभी के दोनों बूब्स अब मैंने हाथ में दबा लिए और उन्हें जोर जोर से प्रेस करने लगा.भाभी बड़ी चुदासी हुई पड़ी थी और वो सिसकियाँ लेने लगी. तभी भाभी का हाथ मेरे लंड के ऊपर आया और उसने उसे पकड लिया. जैसे कार के गियर को हिलाते हैं वैसे ही भाभी मेरे लौड़े को हिलाने और घुमाने लगी. मुझे सच में बड़ा मजा आ रहा था.
मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था भाभी के ऐसे मस्त लंड चूसने से. मैंने भी अब अपनी कमर को हिला के लंड को कुसुम भाभी के मुहं में अंदर बहार करना चालू कर दिया. भाभी ने तभी खिड़की की और देखा और मेरा लंड मुहं से बहार निकाल दिया. मेरी नजर जब खिड़की पर गई तो मेरी गांड ही फट गई. निखिल भैया वहां खड़े थे और वो मुझे और इस गोल गांड वाली भाभी को ही देख रहे थे…
निखिल भाई को देख के मेरी गांड ही फट गई जैसे. मुझे लगा की शायद भैया ने मुझे यहाँ आते देख लिया होंगा और वो अभी तक सब देख चुके थे. लेकिन निखिल भाई को देख के हॉट भाभी को तो जैसे की कुछ हुआ ही नहीं. वो तो आराम से वही बैठी रही और फिर उसने जो कहा उस से मेरी हिम्मत खुल गई.
कुसुम भाभी: क्या बात हैं निखिल, आज ऐसे ही आ गए, बिना कॉल किये?
निखिल भाई कुछ नहीं बोले लेकिन मैं समझ गया की यह हॉट भाभी को निखिल भाई भी पेलते होंगे.
निखिल भाई को भी सांप सूंघ गया था और मुझे भी. फिर उन्होंने भाभी की और देख के कहा, अरे इतने छोटे लडको को क्यूँ फंसती हो भाभी आप?
अरे छोटा कहा हैं ये. इसका लंड तेरे से भी बड़ा हैं देख तो. और आज सच में लकी दिन होंगा मेरे लिए तभी तो तुम आ गए साथ ही में. दोनों आ जाओ मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं.
भाभी: देख ले तुझे रुकना हैं तो रुक वरना जा.
निखिल भाई मुझे घूर रहे थे इसलिए भाभी ने उन्हें कहा: देख इसे कुछ किया तो तेरा सारा कच्चा चिठ्ठा खोल के रख दूंगी. आना हैं तो आजा हमारे साथ.
निखिल भाई दो मिनिट सोचते रहे और फिर वो हॉट भाभी के पास आ गए. कुसुम भाभी ने उनकी पेंट में हाथ डाला और उनका लंड बहार निकाला. सच में मेरा लंड मेरे बड़े भाई से भी बड़ा था. भाभी वापस मेरा लंड चूसने लगी और निखिल भाई का लंड सहलाने लगी. निखिल भाई हॉट भाभी को देख रहे थे जब वो मेरा लंड अपने गले तक भर क चूस रही थी. मैंने अपने हाथ को भाभी के माथे पर रखा था और मैं उसे आगे पीछे कर रहा था असली मजे के लिए. कुसुम भाभी भी लंड को जबान से चाटती थी और फिर उसे मस्त खिंच खिंच के चूसती थी. भाभी मेरा लंड कुछ पांच मिनिट अपने मुहं में डाल के ऐसे ही चूसती रही और मुझे लौड़े के अंदर जैसे की करंट के झटके लग रहे थे. भाभी का लंड चूसने का स्टाइल इतना मस्त था की मजा असीमित था. मैंने सोचा की अगर ऐसे ही चूसती रही यह हॉट भाभी तो मलाई अभी निकल पड़ेंगी और उसकी चूत की मजा लेने को नहीं मिलेंगा. यह सोच के मैं लंड को भाभी के मुहं से निकाल लिया. भाभी ने अब निखिल भाई का लंड अपने मुहं में डाला और उसे चूसने लगी.
अब मैं एक और झटका दे के लंड को पूरा के पूरा भाभी की चूत में डाल दिया. भाभी की सिसकी निकल पड़ी और वो अपनी गांड को मेरे लंड के ऊपर दबाने लगी. मैंने दोनों हाथ से भाभी की गांड को अपने हाथ में =पकड ली और फिर मैं लंड को उसकी चूत के अंदर पम्प करने लगा. भाभी भी मस्तियाँ उठी और उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. वो अपनी गांड हिला रही थी और मैं अपनी कमर हिला के अपना लंड हॉट भाभी की चूत म ठोक रहा था. निखिल भाई वहीँ जमीन पर लेटे हुए अपना लंड इस भाभी को चूसा रहे थे और अपने छोटे भाई को बड़ा पराक्रम करते हुए देख रहे थे.
मेरा लंड भाभी की चूत की गहराई को छू रहा था और मैं उसे और भी जोर जोर से चोदता ही गया. निखिल भाई ने अभी भाभी के बाल पकड लिए थे और वो भाभी को जोर जोर से मुहं में चोद रहे थे. जब वो भाभी का मुहं जोर से चोदते थे तो मेरा लंड चूत में और भी मस्त तरीके से अंदर बहार होता था. कुसुम भाभी भी आह आह कर के दोनों भाइयों के लंड को मजे दे रही थी. तभी निखिल भाई बेड से उठे और भाभी ने भी अब पूरी तरह कुतिया वाला पोज़ ले लिया. निखिल भाई आगे से फिर से लंड मुहं में डाल के ठोकने लगे. मेरा लंड तो कभी भी इस हॉट भाभी की चूत से बहार आया ही नहीं था.
अब मुझे लगा की मैं अब ढलने वाला हूँ. मैं अपना लंड जोर जोर से भाभी की चूत में मारने लगा. और दूसरी ही मिनिट मेरा लंड वीर्य की पिचकारी मारने लगा. भाभी ने चूत टाईट की और वीर्य को अंदर भर लिया. निखिल भाई सामने थी फिर भी मैंने भाभी की गांड पर जोर से मारा और कहा, ले रंडी ले मेरा पानी तेरी चूत के अंदर….!
भाभी के ऊपर ही मैं निढाल हो गया. निखिल भाई ने अपना लंड इस हॉट भाभी के मुहं से निकाला और वो अब भाभी की चूत चोदने के लिए आगे बढे. मैंने पेंट पहनी और मैं खड़ा हुआ. निखिल भाई ने मुझ इशारा कर के बहार जाने को कहा. भाभी की चुदाई वो अकेले में करना चाहते थे शायद. मैं वहाँ से निकला लेकिन दरवाजे के पीछे से भाभी की चुदाई देखने लगा. हॉट भाभी को निखिल भाई से चुदते देखना भी बड़ा मजा दे रहा था मुझे….!
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रंगीली पड़ोसन
हाई दोस्तों मेरा नाम अभी हैं और मैं औरंगाबाद का हूँ. यह कहानी के तिन किरदार हैं. मैं, कुसुम भाभी और मेरे बड़े भाई निखिल. कुसुम भाभी हमारी पड़ोसन हैं जिसकी गोल गांड और उभरती जवानी ने सभी को हैरान कर के रखा हैं. उसके पति का नाम भूपेन हैं जो सिटी में कारखाना चलाता हैं. वो सिटी में लोहें का कारखाना चलाता हैं और उसकी बीवी यहाँ चुदाई की पाठशाला खोल के बैठी हैं. कुसुम भाभी अभी यंग ही हैं, कुछ छब्बीस साल की उम्र होंगी उसकी. मेरे बड़े भाई निखिल शादीसुदा हैं और मेरी सगी भाभी का नाम रूपा हैं. पता नहीं इतनी हसीन भाभी के होते हुए भी निखिल भैया कैसे इस ररंडी भाभी के चुंगल में आ फंसे. शायद कुसुम भाभी की गोल गांड ने उन्हें अपनी और खिंचा था. मैंने अपना नाम तो बताया ही, मैं 21 साल का हूँ और अभी डेंटल की पढ़ाई करता हूँ. यह बात तब की हैं जब मैं छुट्टियों में घर आया था. कुसुम भाभी को दस दिन लाइन दिया और ग्यारवें दिन उसे अपना मोबाइल नम्बर भेज दिया.
मुझे लगा की भाभी कॉल करें तो ठीक हैं वरना चुदाई का और जुगाड़ देखना पड़ेंगा. कोलेज में तो मेरे लिए चूत सेट हैं. मेरी मणिपुरी गर्लफ्रेंड तृषा की चूत ले के मैं खुश हूँ. कुसुम भाभी तो सिर्फ छुट्टियों का जुगाड़ था. भाभी के साथ मोबाइल पर ही प्यार मुहब्बत और ईश्कबाजी की बातें होने लगी और मैं धीरे धीरे उन्हें हॉट बातों पर भी ले गया. मैं उनकी गोल गांड की बड़ी तारीफ़ करता था और साथ में उनके बड़े बूब्स और भीगें होंठ की तारीफ़ भी हो जाती थी. कुसुम भाभी बड़ी चुदासी हुई थी और मैं उन्हें मिलने के लिए प्रेशर बनाये हुए था. भाभी हर बार अपने पति का डर बता के बात को टालने की कोशिश करती थी. वो मुझे दोपहर में अक्सर फोन सेक्स का मजा देती थी. मैं उसकी चूत और गोल गांड को फोन से ही चोदता था. भाभी भी जैसे सच में अपनी गोल गांड में लंड लिए हुई हो वैसे मोनिंग करती थी. और मैं चड्डी में ही मुठ मार के वीर्य निकाल देता था.
तभी एक दिन मेरी किस्मत जागी, कुसुम भाभी ने उस दिन कुछ दोपहर के डेढ़ बजे कॉल किया और बोली के घर आ जाओ. मैं समझ गया की आज सच में चूत और गोल गांड मिलने वाली होंगी. मैं फट से पीछे के रस्ते से उसके घर में घुसा. कुसुम भाभी ढीली नाइटी पहने वही खड़ी थी. मुझे देख के वो हंस पड़ी और बोली, आओ अभी सोरी काफी दिनों से कुछ नहीं कर पाई मैं. मैं भाभी के पास गया और मैंने देखा की भाभी के बूब्स उछल रहे थे. मतलब उसने नाइटी क निचे ब्रा नहीं पहनी थी. और जब ब्रा नहीं पहनी थी तो पेंटी के चांसिस भी कम ही थे. भाभी को मैं ऊपर से निचे तक देखने लगा और फिर मैंने उन्हें कहा, सच में आप नजदीक से भी बड़ी सेक्सी लगती हो. कुसुम भाभी हंस पड़ी. मैंने उन्हें कहा, भाभी एक बार आप की पूरी बॉडी को देखना हैं आप धीरे धीरे से घूमेंगी.
भाभी को तो जैसे की कहने की ही देर थी. वो घूमी और अपनी गोल गांड मेरे सामने निकाल के खड़ी हो गई. और फिर वो अपनी गांड को हिलाने लगी. मैं उत्तेजित हो रहा था भाभी के सेक्सी ठुमकों से. मेरा लंड मेरी पेंट में ही उछल रहा था जैसे. मैंने अपनी ज़िप खोल दी और लंड को खुली हवा में ले आया. भाभी ने मेरा लंड देखा और वो हंस पड़ी. मैं समझ गया की यह बड़ी चुदासी भाभी हैं जिसके मतलब का सामान अब बहार आ गया था. भाभी ने अब गांड को हिलाना बंध किया और वो मेरे करीब आई. मैंने अपना हाथ उसके सेक्सी बूब्स के ऊपर रख दिया और उन्हें दबाने लगा. भाभी के मुहं से आह निकल पड़ी. उसने मुझे पकड के अपनी और खिंच लिया. भाभी के दोनों बूब्स अब मैंने हाथ में दबा लिए और उन्हें जोर जोर से प्रेस करने लगा.भाभी बड़ी चुदासी हुई पड़ी थी और वो सिसकियाँ लेने लगी. तभी भाभी का हाथ मेरे लंड के ऊपर आया और उसने उसे पकड लिया. जैसे कार के गियर को हिलाते हैं वैसे ही भाभी मेरे लौड़े को हिलाने और घुमाने लगी. मुझे सच में बड़ा मजा आ रहा था.
कुसम भाभी अब लंड को बड़े ही प्यार से सहला रही थी. मैंने भाभी के कान के निचे के हिस्से में अपने होंठ लगा दिए और उन्हें हलकी सी किस दे दी. भाभी की सिसकी निकल पड़ी और उसने लंड को जोर से दबा दिया. मैं अब तहे दील से चाहता था की यह हॉट गोल गांड वाली भाभी मेरा लंड चूस दे. और शायद भाभी मन पढ़ना जानती थी क्यूंकि तभी वो अपने घुटनों के ऊपर जा बैठी और मेरा लंड उसके मुहं के सामने ही था. भाभी ने लंड के सुपाड़ें को किस किया. सब कुछ ऐसे ही लग रहा था जैसे हम दोनों फोन सेक्स में करते थे. भाभी ने लंड को और एक किस दी और फिर अपना मुहं खोल के सुपाड़ें को मुहं में ले लिया. कोई आइसक्रीम की केंडी को चूस रही हो वैसे ही भाभी मेरा लंड चूसने लगी. मैं उत्तेजना के सब से ऊपर के लेवल पर था. भाभी ने अपने हाथ मेरी गांड पर रख दिए थे और अब वो लंड को अपने मुहं में चला रही थी.
मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था भाभी के ऐसे मस्त लंड चूसने से. मैंने भी अब अपनी कमर को हिला के लंड को कुसुम भाभी के मुहं में अंदर बहार करना चालू कर दिया. भाभी ने तभी खिड़की की और देखा और मेरा लंड मुहं से बहार निकाल दिया. मेरी नजर जब खिड़की पर गई तो मेरी गांड ही फट गई. निखिल भैया वहां खड़े थे और वो मुझे और इस गोल गांड वाली भाभी को ही देख रहे थे…
निखिल भाई को देख के मेरी गांड ही फट गई जैसे. मुझे लगा की शायद भैया ने मुझे यहाँ आते देख लिया होंगा और वो अभी तक सब देख चुके थे. लेकिन निखिल भाई को देख के हॉट भाभी को तो जैसे की कुछ हुआ ही नहीं. वो तो आराम से वही बैठी रही और फिर उसने जो कहा उस से मेरी हिम्मत खुल गई.
कुसुम भाभी: क्या बात हैं निखिल, आज ऐसे ही आ गए, बिना कॉल किये?
निखिल भाई कुछ नहीं बोले लेकिन मैं समझ गया की यह हॉट भाभी को निखिल भाई भी पेलते होंगे.
निखिल भाई को भी सांप सूंघ गया था और मुझे भी. फिर उन्होंने भाभी की और देख के कहा, अरे इतने छोटे लडको को क्यूँ फंसती हो भाभी आप?
अरे छोटा कहा हैं ये. इसका लंड तेरे से भी बड़ा हैं देख तो. और आज सच में लकी दिन होंगा मेरे लिए तभी तो तुम आ गए साथ ही में. दोनों आ जाओ मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं.
निखिल भाई वही खड़े रहे और भाभी को घूरने लगे.
भाभी: देख ले तुझे रुकना हैं तो रुक वरना जा.
निखिल भाई मुझे घूर रहे थे इसलिए भाभी ने उन्हें कहा: देख इसे कुछ किया तो तेरा सारा कच्चा चिठ्ठा खोल के रख दूंगी. आना हैं तो आजा हमारे साथ.
निखिल भाई दो मिनिट सोचते रहे और फिर वो हॉट भाभी के पास आ गए. कुसुम भाभी ने उनकी पेंट में हाथ डाला और उनका लंड बहार निकाला. सच में मेरा लंड मेरे बड़े भाई से भी बड़ा था. भाभी वापस मेरा लंड चूसने लगी और निखिल भाई का लंड सहलाने लगी. निखिल भाई हॉट भाभी को देख रहे थे जब वो मेरा लंड अपने गले तक भर क चूस रही थी. मैंने अपने हाथ को भाभी के माथे पर रखा था और मैं उसे आगे पीछे कर रहा था असली मजे के लिए. कुसुम भाभी भी लंड को जबान से चाटती थी और फिर उसे मस्त खिंच खिंच के चूसती थी. भाभी मेरा लंड कुछ पांच मिनिट अपने मुहं में डाल के ऐसे ही चूसती रही और मुझे लौड़े के अंदर जैसे की करंट के झटके लग रहे थे. भाभी का लंड चूसने का स्टाइल इतना मस्त था की मजा असीमित था. मैंने सोचा की अगर ऐसे ही चूसती रही यह हॉट भाभी तो मलाई अभी निकल पड़ेंगी और उसकी चूत की मजा लेने को नहीं मिलेंगा. यह सोच के मैं लंड को भाभी के मुहं से निकाल लिया. भाभी ने अब निखिल भाई का लंड अपने मुहं में डाला और उसे चूसने लगी.
निखिल भाई का लंड चूसते हुए भाभी अपनी गांड को हिला रही थी. मैंने धीरे से भाभी की गांड पर से कपडे हटा दिए और अंदर की पेंटी भी उतारफेंकी. भाभी लंड चूसने की मस्ती में इतनी वव्यस्त थी की उसने मूड के एक बार भी पीछे नहीं देखा. मैंने अब अपने लंड के सुपाड़ें पर थूंक लगाया और भाभी की चूत के ऊपर लंड को रख दिया. भाभी की चूत की गरमी और चिपचिपापन मुझे अपने लंड के ऊपर महसूस हो रहा था. जैसे ही मैंने लंड को थोडा अंदर पम्प किया भाभी की आह निकली. उसने पहली बार मुड़ के पीछे देखा और वो हंस रही थी. उसके होंठो पर निखिल भाई के लंड से निकला हुआ प्रिकम लगा हुआ था. हॉट भाभी इस अदा में और भी सेक्सी लग रही थी.
अब मैं एक और झटका दे के लंड को पूरा के पूरा भाभी की चूत में डाल दिया. भाभी की सिसकी निकल पड़ी और वो अपनी गांड को मेरे लंड के ऊपर दबाने लगी. मैंने दोनों हाथ से भाभी की गांड को अपने हाथ में =पकड ली और फिर मैं लंड को उसकी चूत के अंदर पम्प करने लगा. भाभी भी मस्तियाँ उठी और उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. वो अपनी गांड हिला रही थी और मैं अपनी कमर हिला के अपना लंड हॉट भाभी की चूत म ठोक रहा था. निखिल भाई वहीँ जमीन पर लेटे हुए अपना लंड इस भाभी को चूसा रहे थे और अपने छोटे भाई को बड़ा पराक्रम करते हुए देख रहे थे.
मेरा लंड भाभी की चूत की गहराई को छू रहा था और मैं उसे और भी जोर जोर से चोदता ही गया. निखिल भाई ने अभी भाभी के बाल पकड लिए थे और वो भाभी को जोर जोर से मुहं में चोद रहे थे. जब वो भाभी का मुहं जोर से चोदते थे तो मेरा लंड चूत में और भी मस्त तरीके से अंदर बहार होता था. कुसुम भाभी भी आह आह कर के दोनों भाइयों के लंड को मजे दे रही थी. तभी निखिल भाई बेड से उठे और भाभी ने भी अब पूरी तरह कुतिया वाला पोज़ ले लिया. निखिल भाई आगे से फिर से लंड मुहं में डाल के ठोकने लगे. मेरा लंड तो कभी भी इस हॉट भाभी की चूत से बहार आया ही नहीं था.
अब मुझे लगा की मैं अब ढलने वाला हूँ. मैं अपना लंड जोर जोर से भाभी की चूत में मारने लगा. और दूसरी ही मिनिट मेरा लंड वीर्य की पिचकारी मारने लगा. भाभी ने चूत टाईट की और वीर्य को अंदर भर लिया. निखिल भाई सामने थी फिर भी मैंने भाभी की गांड पर जोर से मारा और कहा, ले रंडी ले मेरा पानी तेरी चूत के अंदर….!
भाभी के ऊपर ही मैं निढाल हो गया. निखिल भाई ने अपना लंड इस हॉट भाभी के मुहं से निकाला और वो अब भाभी की चूत चोदने के लिए आगे बढे. मैंने पेंट पहनी और मैं खड़ा हुआ. निखिल भाई ने मुझ इशारा कर के बहार जाने को कहा. भाभी की चुदाई वो अकेले में करना चाहते थे शायद. मैं वहाँ से निकला लेकिन दरवाजे के पीछे से भाभी की चुदाई देखने लगा. हॉट भाभी को निखिल भाई से चुदते देखना भी बड़ा मजा दे रहा था मुझे….!
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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