FUN-MAZA-MASTI
नई जिन्दगी--14
सुनिल सरला को बिस्तर पर लीटा देता है । सुनिल सरला के गुदाज पेट को हल्के-हल्के दबाये मेक्सी उपर करने
लगता है । सुनिल मेक्सी निकाल देता है । सुनिल अपने मोबाईल का कॅमरा चालू करता है । और सरला की
ओर
फोन घुमाता है । सरला जैसे ही फोन देखती है सरला की नशिली आंखे गुस्से से लाल हो जाती है । सरला
मेक्सी से अपना मुंह ढक लेती है । और बडे गुस्से से कहती है ।
सरला- सुनिल छी ये क्या कर रहा है, मै नंगी हूं मेरी फोटो मत उतार , बंद कर फोन नही तो मै कुछ करने नही
दूंगी
बता देती हूं ।
सुनिल- अरे कुछ नही बस कुछ फोटू लेने दे काम पे रहता हूं ना तो बडी याद आती है तेरी
सरला- पता है मुझे तुम मर्द हम औरतो की नंगी तस्वीरे खिंच कर क्या करते हो । होश मे तो हो पता नही
हमारी नंगी तस्वीरे कीसी ने देख ली तो बदनामी हो जाएगी लोग मार देगें हमे।
सुनिल- तू बस तेरा चेहरा ढक लेना , मै कहां कीसीको दीखाउंगा दो दीन मे मिटा दूंगा तेरी कसम
सरला- कसम से मिटा देगा ना
सुनिल- हां मेरी रानी
सुनिल सरला की नंगी फोटो खिचने लगा । कुछ देर बाद उसने फोन रख दीया और सरला पे आकर लेट गया
और
उसके मुंह से कपडा हटाने लगा ।
सरला- हो गया फोटू खिंचके
सुनिल- हां हटा ये कपडा
सरलाने कपडा हटाया तो सुनिलने अपने होंट सरला के लाल होंटो पर भीडा दीये
और चुसने लगा अपनी लार सरला के मुंह मे छोडने लगा , सरला का निचला होंट दांत मे दबाकर खिंचने लगा ।
सरला- आहहहह मोरी मैया दरद होता है
सरला- अच्छा एक बात बता बेटा, फोटू क्यू खिंच रहा था
सुनिल- अरे बताया ना वो दोपहर को काम पर तेरी बडी याद आती है उस लिये
सरला सून चुकी थी पर फीर एक बार सुनना चाहती थी । उसे बडा अच्छा लग रहा था की उसका बेटा उसे इतना
चाहता है ।
सरला- पर नंगी तस्वीरे ही क्यूं
सुनिल- वैसी बात नही है तेरी तस्वीर तो मेरे बटवे में है ही और दील मे भी पर कल से जो तेरी जवानी देखा हूं
पूरा पागल हो गया हूं तेरा ये मखमल सा मुलायम बदन मैने कभी नही देखा ।
सरला हसने लगी
सरला- तू ना बावला हो गया है ।
सुनिल- अरे दीवाना बना दीया है तुने मां ।
सरला- अच्छा क्या कर सकता है मेरे लिए तू
सुनिल- कुछ भी कोई तेरे जहर भी पीने मुझे बोलेगा तो हसते-हसते पी जाउंगा मर जाउंगा तेरे लिए
सरलाने सुनिल के होटों पर हाथ रख दीया
सरला- चुप रे पगले कुछ भी बोलता है । मरे तेरे दुश्मन , मै जो हूं तुझे तेरी जिंदगी के मजे दूंगी ।
सुनिल- बोलना क्या चाहीये तुझे
सरला- कुछ नही रे एसे ही पुछ रही थी, पता है कल ना कविता ने मुझे उसका सोने का हार दीखाया बडा सुंदर
दीख रहा था
सुनिल- तो तुझे वैसा हार चाहीये है ना
सरला- नही रे मै बस बता रही थी
सुनिल- कल ही सुनार के पास चलेंगे
सरला- बता रही हूं ना मुझे नही चाहीये, अपना घर का खर्चा ही जैसे तैसे निकल जाता है
सुनिल- एसे कैसे मेरी रानी को कोई चीज पसंद आये और मै उसे वो ना दू एसा हो सकता है पैसे की चिंता तू
मत
कर पर हां वादा कर मुझे बहोत प्यार करेगी
सरला- तू नही मानेगा
सरला प्यार का मतलब जानती थी । पर इतने साल बाद उसे प्यार करने वाला उसकी जरूरते पुरी करने वाला
मरद
मिला था तो वो भी कीसी शादीशुदा औरत की तरह उससे अपनी मांगे पुरी करवा रही थी ।
गजब का मजा आ रहा था उसे, उसे लग रहा था कुछ ही दीन पहले जो उन्होने घरमे शादी की थी वो कीसी मंडप
मे
उसने सुनिल को वरमाला डालकर उसे अपना पती चुन लिया हो । और सुनिल ने मंगलसुञ पहना कर मांग मे
सिंदूर
भर कर उसे अपनी बीवी बनाया है ।
एक औरत के लिए उसका पती ही तो सबकुछ होता है । और सरला जैसी विधवा तो सालों से तडप रही थी पती
के
लिए तब तो उसके मन मे सुनिल को पती की नजर से देख कर खुशीयों की लहरे उसके बंजर प्यासे कीनारे को
हर
पल प्यार की लहरों से भीगो रही थी ।
सुनिल- अच्छा तुझे कीसने बताया की मर्द लोग औरतो के नंगे फोटू क्यू निकालते है ।
सरला- वो कविता है ना उसने
सुनिल- क्या कहा उसने
सरला- कह रही थी नंगी औरतो के फोटू मर्द देखकर वो हाथ मे लिए हीलाते है
सरला सुनिल के तने हुए लंड की ओर ईशारा करके उसे बताती है ।
सुनिल- हा हा इसे हीलाते है, पर सभी मर्द एसे नही करते जीनके पास तुज जैसी औरत होती है वो उसे रातभर
सोने
नही देते इसे औरत के छेद मे अंदर डाल-डाल कर हीलाते है सिर्फ हाथ से काम नही चलाते हां । बता वो वाली
विडीयो देखेगी ।
सरला- कौनसी
सुनिल- अरे जो हमने कल रात कीया था । चुदाई वाली ।
सरला- छी मै नही मुझे सरम आयेगी
सुनिल- फीर तो मै जरूर दीखाउंगा
सुनिल फोन मे विडीयो चलाता है ।
सरला- हाय क्या हो गया है दुनिया को छी छी
सुनिल- देख कैसी मस्त नंगी गदराई है वो औरत
सरला- छी बाबा मुझे नही देखना
सुनिल- देख देख कैसी मस्त गांड है उसकी
सरला पाच पाच मिनट मे आंखे खोल कर ना जाने कैसी उस्तूकता में विडीयो देख रही थी ।
सरला- बापरे कीतना बडा ले रही है ये औरत हाय चिल्ला चिल्ला कर हालत हो गई है बेचारी की छी बंद कर दे
बेटा
कीतनी बेरहमी से वो अंदर डाल रहा है ।
सुनिल- तभी तो मजा आ रहा है उसे ठीक है बंद कर देता हूं ।
सुनिल फोन रख देता है ।
सरला के होटों को चुमता है ।
सुनिल- चल अब हम दोनो वैसे मजे करते है ।
निचे झुक कर सरला की संगमरमर सी सफेद नंगी जांघे सुनिल अपनी जीभ से चाटता है । और फीर जांघो के
बीच
बना तीकोना पाव रोटी सा फुला हुआ हीस्सा देखने के लिए सुनिल की आंखे तरस रही थी ।
बीच का लाल-गुलाबी चीरा और हल्के बाहर की दुनिया टटोलता सरला का वो प्यारा अंगूरदाना तो जैसे सुनिल
की जीभ
को ललचा रहा था मानो कह रहा हो.. अरे कब तक लार टपकाते रहोगे मुझे देख कर, आओ मुझे मुह मे भर
लो, मुझे
चुसो , मुझे दातों तले काटो बहोत नमकीन हूं मै , अभी मेरी मालकीन ने उसकी पेशाब से मुझे भीगोया है ।
सरला के बदन का हर वो हीस्सा जो आजतक सुनिल के लिए नही था आज उसपर सुनिल का हक था । सरला
थी तो
एक औरत ही पर कहते है ना “forbidden fruit is always tasty” एसा ही कुछ सुनिल के साथ आजकल
हो रहा था
। सरला का हर अंग देखने की चाहत भर से ही सुनिल का माथा गरम हो जाता था । बार-बार उसकी यही
ख्वाईश
होती थी की नंगी सरला को गोदी मे लिए झुला झुलाए ।
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नई जिन्दगी--14
सुनिल सरला को बिस्तर पर लीटा देता है । सुनिल सरला के गुदाज पेट को हल्के-हल्के दबाये मेक्सी उपर करने
लगता है । सुनिल मेक्सी निकाल देता है । सुनिल अपने मोबाईल का कॅमरा चालू करता है । और सरला की
ओर
फोन घुमाता है । सरला जैसे ही फोन देखती है सरला की नशिली आंखे गुस्से से लाल हो जाती है । सरला
मेक्सी से अपना मुंह ढक लेती है । और बडे गुस्से से कहती है ।
सरला- सुनिल छी ये क्या कर रहा है, मै नंगी हूं मेरी फोटो मत उतार , बंद कर फोन नही तो मै कुछ करने नही
दूंगी
बता देती हूं ।
सुनिल- अरे कुछ नही बस कुछ फोटू लेने दे काम पे रहता हूं ना तो बडी याद आती है तेरी
सरला- पता है मुझे तुम मर्द हम औरतो की नंगी तस्वीरे खिंच कर क्या करते हो । होश मे तो हो पता नही
हमारी नंगी तस्वीरे कीसी ने देख ली तो बदनामी हो जाएगी लोग मार देगें हमे।
सुनिल- तू बस तेरा चेहरा ढक लेना , मै कहां कीसीको दीखाउंगा दो दीन मे मिटा दूंगा तेरी कसम
सरला- कसम से मिटा देगा ना
सुनिल- हां मेरी रानी
सुनिल सरला की नंगी फोटो खिचने लगा । कुछ देर बाद उसने फोन रख दीया और सरला पे आकर लेट गया
और
उसके मुंह से कपडा हटाने लगा ।
सरला- हो गया फोटू खिंचके
सुनिल- हां हटा ये कपडा
सरलाने कपडा हटाया तो सुनिलने अपने होंट सरला के लाल होंटो पर भीडा दीये
और चुसने लगा अपनी लार सरला के मुंह मे छोडने लगा , सरला का निचला होंट दांत मे दबाकर खिंचने लगा ।
सरला- आहहहह मोरी मैया दरद होता है
सरला- अच्छा एक बात बता बेटा, फोटू क्यू खिंच रहा था
सुनिल- अरे बताया ना वो दोपहर को काम पर तेरी बडी याद आती है उस लिये
सरला सून चुकी थी पर फीर एक बार सुनना चाहती थी । उसे बडा अच्छा लग रहा था की उसका बेटा उसे इतना
चाहता है ।
सरला- पर नंगी तस्वीरे ही क्यूं
सुनिल- वैसी बात नही है तेरी तस्वीर तो मेरे बटवे में है ही और दील मे भी पर कल से जो तेरी जवानी देखा हूं
पूरा पागल हो गया हूं तेरा ये मखमल सा मुलायम बदन मैने कभी नही देखा ।
सरला हसने लगी
सरला- तू ना बावला हो गया है ।
सुनिल- अरे दीवाना बना दीया है तुने मां ।
सरला- अच्छा क्या कर सकता है मेरे लिए तू
सुनिल- कुछ भी कोई तेरे जहर भी पीने मुझे बोलेगा तो हसते-हसते पी जाउंगा मर जाउंगा तेरे लिए
सरलाने सुनिल के होटों पर हाथ रख दीया
सरला- चुप रे पगले कुछ भी बोलता है । मरे तेरे दुश्मन , मै जो हूं तुझे तेरी जिंदगी के मजे दूंगी ।
सुनिल- बोलना क्या चाहीये तुझे
सरला- कुछ नही रे एसे ही पुछ रही थी, पता है कल ना कविता ने मुझे उसका सोने का हार दीखाया बडा सुंदर
दीख रहा था
सुनिल- तो तुझे वैसा हार चाहीये है ना
सरला- नही रे मै बस बता रही थी
सुनिल- कल ही सुनार के पास चलेंगे
सरला- बता रही हूं ना मुझे नही चाहीये, अपना घर का खर्चा ही जैसे तैसे निकल जाता है
सुनिल- एसे कैसे मेरी रानी को कोई चीज पसंद आये और मै उसे वो ना दू एसा हो सकता है पैसे की चिंता तू
मत
कर पर हां वादा कर मुझे बहोत प्यार करेगी
सरला- तू नही मानेगा
सरला प्यार का मतलब जानती थी । पर इतने साल बाद उसे प्यार करने वाला उसकी जरूरते पुरी करने वाला
मरद
मिला था तो वो भी कीसी शादीशुदा औरत की तरह उससे अपनी मांगे पुरी करवा रही थी ।
गजब का मजा आ रहा था उसे, उसे लग रहा था कुछ ही दीन पहले जो उन्होने घरमे शादी की थी वो कीसी मंडप
मे
उसने सुनिल को वरमाला डालकर उसे अपना पती चुन लिया हो । और सुनिल ने मंगलसुञ पहना कर मांग मे
सिंदूर
भर कर उसे अपनी बीवी बनाया है ।
एक औरत के लिए उसका पती ही तो सबकुछ होता है । और सरला जैसी विधवा तो सालों से तडप रही थी पती
के
लिए तब तो उसके मन मे सुनिल को पती की नजर से देख कर खुशीयों की लहरे उसके बंजर प्यासे कीनारे को
हर
पल प्यार की लहरों से भीगो रही थी ।
सुनिल- अच्छा तुझे कीसने बताया की मर्द लोग औरतो के नंगे फोटू क्यू निकालते है ।
सरला- वो कविता है ना उसने
सुनिल- क्या कहा उसने
सरला- कह रही थी नंगी औरतो के फोटू मर्द देखकर वो हाथ मे लिए हीलाते है
सरला सुनिल के तने हुए लंड की ओर ईशारा करके उसे बताती है ।
सुनिल- हा हा इसे हीलाते है, पर सभी मर्द एसे नही करते जीनके पास तुज जैसी औरत होती है वो उसे रातभर
सोने
नही देते इसे औरत के छेद मे अंदर डाल-डाल कर हीलाते है सिर्फ हाथ से काम नही चलाते हां । बता वो वाली
विडीयो देखेगी ।
सरला- कौनसी
सुनिल- अरे जो हमने कल रात कीया था । चुदाई वाली ।
सरला- छी मै नही मुझे सरम आयेगी
सुनिल- फीर तो मै जरूर दीखाउंगा
सुनिल फोन मे विडीयो चलाता है ।
सरला- हाय क्या हो गया है दुनिया को छी छी
सुनिल- देख कैसी मस्त नंगी गदराई है वो औरत
सरला- छी बाबा मुझे नही देखना
सुनिल- देख देख कैसी मस्त गांड है उसकी
सरला पाच पाच मिनट मे आंखे खोल कर ना जाने कैसी उस्तूकता में विडीयो देख रही थी ।
सरला- बापरे कीतना बडा ले रही है ये औरत हाय चिल्ला चिल्ला कर हालत हो गई है बेचारी की छी बंद कर दे
बेटा
कीतनी बेरहमी से वो अंदर डाल रहा है ।
सुनिल- तभी तो मजा आ रहा है उसे ठीक है बंद कर देता हूं ।
सुनिल फोन रख देता है ।
सरला के होटों को चुमता है ।
सुनिल- चल अब हम दोनो वैसे मजे करते है ।
निचे झुक कर सरला की संगमरमर सी सफेद नंगी जांघे सुनिल अपनी जीभ से चाटता है । और फीर जांघो के
बीच
बना तीकोना पाव रोटी सा फुला हुआ हीस्सा देखने के लिए सुनिल की आंखे तरस रही थी ।
बीच का लाल-गुलाबी चीरा और हल्के बाहर की दुनिया टटोलता सरला का वो प्यारा अंगूरदाना तो जैसे सुनिल
की जीभ
को ललचा रहा था मानो कह रहा हो.. अरे कब तक लार टपकाते रहोगे मुझे देख कर, आओ मुझे मुह मे भर
लो, मुझे
चुसो , मुझे दातों तले काटो बहोत नमकीन हूं मै , अभी मेरी मालकीन ने उसकी पेशाब से मुझे भीगोया है ।
सरला के बदन का हर वो हीस्सा जो आजतक सुनिल के लिए नही था आज उसपर सुनिल का हक था । सरला
थी तो
एक औरत ही पर कहते है ना “forbidden fruit is always tasty” एसा ही कुछ सुनिल के साथ आजकल
हो रहा था
। सरला का हर अंग देखने की चाहत भर से ही सुनिल का माथा गरम हो जाता था । बार-बार उसकी यही
ख्वाईश
होती थी की नंगी सरला को गोदी मे लिए झुला झुलाए ।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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