Thursday, February 5, 2015

FUN-MAZA-MASTI पापा प्लीज........26

FUN-MAZA-MASTI

 पापा प्लीज........26

 ऑडियो क्लिप समाप्त हो चली थी पर अब ना तो सीमा भाभी कुछ बोल रही थी और ना रूपा... सीमा भाभी पर तो पहाड़ जैसे उलट गया हो... वो बस शून्य में देखी जा रही थी... ना हिल-डुल रही थी और ना बोल पा रही थी...

रूपा ने चुप्पी तोड़ती हुई बोली,"भाभी....ऐ भाभी...."पर सीमा भाभी पर तो कुछ असर ही नहीं हो रही थी... रूपा ने सीमा भाभी के कंधे पर हाथ रख झकझोरती हुई पुकारी,"भाभीऽ....."

"हँ..हाँ...वो.... मैं...मैं देखना शाले की क्या करती हूँ...मेरे साथ इतना बड़ा खेल...जरूर कमीनी मेरे बारे में बता दी होगी...पहले कुतिया को अभी बता के आती हूँ... रंडी का खून पी जाऊंगी...तू रूक ,मैं अभी आती हूँ..."सीमा भाभी नींद से जगती सी होश में आते ही बक बक करने लगी...

रूपा,"भाभी...क्या बकवास कर रही हो... आप कहीं नहीं जा रही...ओके...आपको पता है कि डिम्पल भाभी को इस बारे में पता है और वो बता दी है..." रूपा के सवाल सुन सीमा भाभी शांत हो बस रूपा की ओर देखती रही...

रूपा,"भाभी, वो डिम्पल भाभी के साथ हम सबको जानता है...डिम्पल भाभी उसे कुछ नहीं बताई होगी और उन्हें तो ये भी नहीं पता है कि हम दोनों इस बारे में कुछ जानते हैं... पर एक बात है यहाँ कि आप जिस लड़के से बात करती हो फेसबुक पर वो शायद आपको नहीं जानता है... और ये जिसने भेजा है वो जानता है..."

सीमा भाभी की झूठ सरासर पकड़ में आते ही वो थोड़ी मायूस सी हो गई... वो अभी तक ये नहीं बताई थी ये सब उसे किसी और ने दिया है...रूपा उनके चेहरे पर आई रंग देख बात को शालीनता और धैर्यपूर्वक बढ़ाने की सोची...

रूपा,"भाभी, कौन है ये जिसने ये क्लिप दी है...?" रूपा सीधी सीमा भाभी से सवाल कर गई और जब तक कुछ नहीं जानती, कुछ सोच नहीं सकती थी... सीमा भाभी की नजरें अब सीधी फर्श को छेद कर रही थी...

सीमा भाभी कुछ देर चुप रहने के बाद बोली,"नहीं देखी कि कौन है वो...दरअसल कल रात जब चैटिंग से पिक्स मांगी तो उसने बोला कि वो अभी आउट ऑफ स्टेशन है और बाकी पिक्स साथ नहीं था..."रूपा गौर से सारी बात सुनने में लग गई...

"फिर वो बताया कि अगर वो कुछ कष्ट करे तो मिल सकती है...मैं पूछी कैसे? तो उसने कैलाश के स्टूडियो का पता बताया... बोला वहाँ बोलना आर.जे. भेजे हैं तो वो दे देगा... फिर आज गई स्टूडियो तो मुझे उसी ने दिए..." सीमा भाभी पूरी बात बता दी...पर रूपा अभी कहाँ चुप रहने वाली थी...

रूपा,"जब गई थी वहाँ तो वहाँ कोई था जो..."

सीमा भाभी,"...नहीं, वहाँ और कोई नहीं था...अकेला था वो..."

रूपा,"..कैलाश कुछ बोले....."

सीमा भाभी,"नहीं..."

रूपा की समझ कुछ नहीं आ रही थी कि कैसे वो जानें कि ये कौन हो सकता है...उसे जब कुछ नहीं सूझी तो वो अपना फोन निकाली और सीमा भाभी की तरफ बढ़ाती हुई बोली,"भाभी, ये क्लिप दे सकती हो..."

सीमा भाभी रूपा के पास फोन देखते ही बोल पड़ी,"हाँ पर क्लिप ले कर क्या करोगी और ये फोन किसका है..?" सीमा भाभी फोन को ले उसे लैपटॉप से अटैच करने लगी...

रूपा,"आज ही खरीदवाई हूँ... पापा तो गुस्से हो गए थे पर किसी तरह मम्मी उन्हें मना ली..."रूपा हल्की मुस्कान के साथ जवाब दी... सीमा भाभी क्लिप डाल पूछी...

सीमा,"रूपा, मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रही है कि क्या करूँ..."

रूपा,"अरे भाभी, प्रेशर मत डालो अपने दिमाग पर...अब हम दोनों हैं तो कुछ सोच ही लेंगे...और हाँ एक अलग फोल्डर में पिक्स भी..."

सीमा भाभी पिक्स सुनते ही हल्की मुस्कुराती हुई बोली,"क्या बात है जी...कुछ कुछ होने लगी है क्या..." रूपा तो यही चाहती थी कि भाभी कुछ नॉर्मल हो...तभी तो वो भी कुछ सटीक चीजें सोच सकती हैं...

रूपा,"भाभी, इतनी हॉट चीजें देख कुछ ना हो ये संभव है क्या..." रूपा प्यारी सी मुस्कान देती तिरछी नजरों से सीमा भाभी की तरफ देखती हुई बोली....

सीमा भाभी सारी पिक्स भी डालती हुई बोली,"हाँ है तो काफी हॉट पर आगे क्या करना है..." सीमा भाभी एक बार फिर वापस मुद्दे की बात पर पहुँच गई...

रूपा,"आगे क्या करना है इसके लिए सुबह तक वेट करना पड़ेगा भाभी... तब तक आप निश्चिंत हो रहिए...कल मैं आपसे भेंट करूंगी फिर सोच के बताती हूँ..."

तब तक सारी पिक्स डाल दी गई थी...रूपा फोन ली और पिक्स चेक करने के बाद भाभी के फोन पर अपना नम्बर सेव की और फिर निकल गई...

रूपा अपने गेट से बाहर निकली ही थी कि फोन बजने लगी...कनक थी... रूपा सोची चलो ठीक है अभी मैं ही करती... वो फोन रिसीव कर बात करती हुई बढ़ती रही...

रूपा सारी बात कनक को बतलाती चली गई...कनक बड़े गौर से सुनती जा रही थी...उसकी उत्सुक पल पल बढ़ने सी लग गई थी...कितनी जल्द वो क्लिप सुने ताकि अगर वो जानी पहचानी लगे या फिर पहचानने की कोशिश करे...

कनक पूछी भी कि कैलाश की आवाज तो नहीं है ना...रूपा की बात सुनते हुए कनक सोच भी ली थी कि वो अभी ही सुनेगी... रूपा अभी पिक्स शेयर नहीं कर सकती थी नेट से, तो मजबूरन कनक को आना पड़ता...

उसने रूपा को कुछ देर में मिलने की बात कह फोन रखी और तमाचा का नम्बर डायल करने लगी...शाम काफी घिर आई थी... उसने मम्मी को बोल दी कि मम्मी, बगल के कैफे से आ रही हूँ...आधे घंटे लगेंगे...

उसकी मम्मी इजाजत भी दे दी कि बगल में ही तो जा रही है...तमाचा फोन रिसीव करते ही बोला,"हाय मेरी जान, क्या कर रही हो और इस वक्त कैसे याद की.."



 कनक,"ठीक हूँ, तुम अभी कहाँ हो..."

तमाचा,"अभी तो मैं बस यूँ ही घूम रहा हूँ..क्यों?"

कनक,"मिलने आ सकते हो..?"

तमाचा की चमक गई,"इसमें भी ना कहने की बात थोड़े ही है...दिन से मेरा लंड तनतनाया हुआ है..."

कनक तमाचा की बात काटती हुई बोली,"मैं कैफे के पास आ रही हूँ...तुम जल्दी से आ जाओ..."

तमाचा,"शाली आज पिछवाड़ा भी लूंगा...आज तक मना करती रही है आज नहीं मानूंगा मेरी रानी..."

कनक,"पहले आओ तो..."

तमाचा,"ओके बेबी, बस दो में मिनट पहुँचा..."
तमाचा फोन काटते ही अपनी बाइक सरपट भगाया...कनक भी कुछ देर में कैफे से कुछ दूर पहले तमाचा को खोजने लगी... कनक कैफे के पास पहुँची उसी पल तमाचा की बाइक भी आ के रूकी....

कनक पलक झपकते ही तमाचा के पीछे सवार हो गई और अपनी दोनों चुची उसकी पीठ में धंसाती हुई उसे जकड़ ली... तमाचा के शरीर में तुरंत करंट दौड़ गई और वो कई गुने जोश से भर बाइक को पुनः बढाया...

कनक अगले ही पल बोली,"रूपा के घर तरफ चलो..."

तमाचा बाइक को बढ़ाता हुए मुस्काता हुआ बोला,"अरे वाह, उसके घर कोई नहीं है क्या...फिर तो रात भर पार्टी चलेगी और साथ में रूपा की भी...ओह नो...मर जावा..."

रूपा,"अबे कुत्ते , कभी तो कुछ अच्छा सोचा कर...हर वक्त चोदने की ही फिराक में लगा रहता है...मिलना है रूपा से और वो अकेली नहीं है तो तुम कुछ देर बाहर ही वेट करोगे...समझे..."

तमाचा की तो झांट सुलग गई कि शाली अपने काम के चक्कर में मुझे बुलाई है...खैर, कम से कम इसकी तो मारूंगा ही... वो बोला,"इतनी भी क्या जरूरत थी अभी मिलने की..."

कनक,"कुछ लेनी है और वो जरूरी है इस वक्त... "

तमाचा,"भोसड़ी मैं नहीं सुन सकता हूँ क्या?"

कनक,"अभी नहीं पर जरूरत पड़ी तो जरूर सुना दूँगी..."

तमाचा कनक की बात सुन अपना एक हाथ से कनक के हाथ को पकड़ खिंचते हुए बोला,"शाली तब तक लंड की सेवा तो कर, तभी तो बाइक चलाने में आनंद आएगा...और बात तो बताना ही पड़ेगा क्योंकि दिन से ही अंदर बेचैनी सी हो गई है... वो स्टूडियो पर जो मैं गलती कर दिया था आगे से..."

कनक अपने हाथ से तमाचा के लंड को भींचती हुई बोली,"पता है पर तुम्हें सब बातें खुल के बता भी देती तो कुछ हाथ नहीं लगता...क्योंकि जिनसे मिलने गई थी वो आया ही नहीं था...वो बस कुछ सामान वहाँ छोड़ दिया था वही लाने गई थी..."

तमाचा को सामान सुन थोड़ा झटका लगा...वो आश्चर्य से पूछा,"कैसा सामान था और मामला क्या है...ये तो बता...क्या मेरा दिमाग खा रही हो यार..."

कनक की हंसी निकल पड़ी तमाचा की हालत देख और तमाचा के गर्दन पर किस करती हुई बोली,"बेबी, ब्लैकमेलिंग का लफड़ा है..."

तमाचा का दिमाग अब सही में चकराना शुरू हुआ...बोला,"भोसड़ी रंडी...शाली दिखने से तो नहीं लगती कि वो ऐसा कर सकती है..."

कनक,"अरे वो नहीं करती...कोई और है जो किसी को ब्लैकलमेल कर रहा है और उसके बारे में किसी ने सीमा भाभी को हल्की बात बताई...सीमा भाभी और जानने की इच्छुक हुई तो वो सीमा भाभी पर ही लोच्चा लगा दिया और धमकी दे डाला कि चुपचाप रहो वर्ना..."

तमाचा,"अबे...कौन है वो मादरजात...पहचानती हो उसे...?"

कनक,"नहीं, बात फंस गई तो रूपा ने वो क्लिप ले रखी है अपने पास...वही लेने जा रही हूँ...सुनने के बाद शायद कुछ बात बनेगी..."

तमाचा,"हाँ ये ठीक है पर मुझे भी सुनाना...नहीं मालूम चली तो शहर के हर दलाल से मिलूंगा और उससे बात करूँगा...तब तो पहचान हो ही जाएगी..."

कनक,"हाँ ये तो और अच्छी होगी..."

तमाचा,"बहनचोद अब अच्छी लग रही है...तब से कह रहा बात बता तो बताती नहीं थी...खैर कोई बात नहीं...इतना याद रखना हमेशा मैं उतना बड़ा कमीना नहीं हूँ...चूतियापना काम या जबरदस्ती मैं किसी तरफ देखता भी नहीं..."

कनक तमाचा की सुन हल्की मुस्कुराई...पर बोली कुछ नहीं...वो कुछ देर में पहुँचने ही वाली थी... कनक बातचीत यहीं पर रोक दी और बोली,"अंदर ही चलना..."

तमाचा कनक की बात से मुस्कुराता हुआ बोला,"रूपा से मिलवा रही हो क्या...?" कनक तमाचा की बात पर हंसती हुई बोली,"चल, तू भी क्या याद करेगा...मिलवा ही देती हूँ..."

कनक जानती थी कि इस वक्त सब अपने घर के अंदर ही होगी... सीमा भाभी सिर्फ तमाचा को देखी है और कोई जानता तो है नहीं... कोई बहाना बना दूँगी आंटी से...बस केवल सीमा भाभी की नजर ना पड़े...

तमाचा,"ऐ , कुछ जुगाड़ करवाना ना... कम से कम किस तो देगी ना..." तमाचा बाइक को गली में करता हुआ गर्दन टेढ़ी कर बोला... कनक अँधेरे में अभी भी तमाचे के अकड़े लंड को मुठिया रही थी...

कनक,"मैं ना कहूँगी और ना कोई जुगाड़ करवाऊंगी... हाँ तुम खुद पूछना अगर वो मान गई तो तेरी किस्मत वर्ना..."

तमाचा,"चल ठीक है मैं ही पूछूंगा...बस गुस्सा की तो तुम मैनेज कर लेना..." तमाचा की बात सुन कनक हंसती हुई हामी भर दी...तब तक बाइक रूपा के घर तक आ पहुँची... कनक तमाचा को ले अंदर दाखिल हो गई...



 कनक डोरबेल बजाई तो रूपा की जगह उसकी मम्मी गेट खोली...और फिर इस वक्त कनक को देख पहले तो चौंकी...फिर पूछ डालीकि इस वक्त...सब ठीक तो है ना कनक...

कनक,"हां आंटी, दरअसल एक कजन को स्टेशन छोड़ने आई थी... वापस जाते वक्त सोची थोड़ी रूपा से भेंट कर लूँ... ये हमारे पड़ोसी हैं...शाम के समय अकेले नहीं आ सकती तो इनके साथ ही आई थी..."

कनक बहाने बनाती हुई तुरंत कहानी गढ़ ली जिसे सुन पुष्पा विश्वास ना करे, संभव नहीं थी... पुष्पा बोली,"ओह, फिर ठीक है...अंदर आओ ना...रूपा कमरे में ही है..."

पुष्पा कहती हुई रूपा को भी आवाज लगाई...रूपा सुनती कैसे वो तो कान में इयरफोन ठूँस गाने जो सुन रही थी...कनक तब तक रूपा के रबम तक पहुँच हौले से गेट खोली तो रूपा की नजर कनक पर पड़ी...वो तुरंत उठ कर गेट तक आई...

रूपा की नजर कनक के पीछे तमाचे पर पड़ी तो वो भौचक्क रह गई पर कुछ बोल नहीं सकी...कनक रूपा की हालत देख हल्की मुस्कान देती आँख मार दी रूपा को... रूपा ना चाहती हुई भी मुस्कुरा पड़ी...

रूपा,"मम्मी, चाय बनाओ ना... " मम्मी चा बनाने किचन की तरफ चल दी...मम्मी के जाते ही रूपा तपाक से कनक से फुसफुसाती हुई बोली,"कमीनी, इसे क्यों लाई है..." कनक तमाचे की तरफ मुस्कुराती हुई देखी और बोली,"तुमसे मिलने के लिए बीच सड़क पर मेरे पैर पकड़ लिया तो क्या करती...अब क्यों मिलना चाहता है,खुद ही पूछ ले.. "

रूपा कनक की शैतानी जवाब सुन हल्की मुस्काई और तमाचा की तरफ देखने लगी...तमाचा भला ऐसे मौके क्यों छोड़ता...आखिर चांस लेनी जो थी...वो चट से एक फ्लाइंग किस रूपा को पास कर मुस्कुरा दिया...

रूपा सकपकाई और किचन की तरफ देखने लगी, पर मम्मी ओट थी...फिर वापस गुस्से भरी नजरे तमाचा पर गड़ाती हुई तमाचे के पास आई और बोली,"शाले होश में रहा कर..."

तमाचा रूपा से ऐसी भाषा को तनिक भी एक्सेप्ट नहीं कर पाया...वो कुछ कहने ही वाला था कि तब तक रूपा तमाचे की कॉलर पकड़ी और खींचती हुई अंदर की और चेयर पर बिठाती हुई बोली,"शरीफ की तरह चुपचाप बैठा रह..."

कनक ये देख हंसे बिना ना रह सकी और वो हंसती हुई बेड पर बैठ गई...रूपा भी अब हल्की मुस्कान के साथ तमाचे की तरफ घूरती कनक के साथ बैठ गई...तमाचे की समझ में अब आ गई थी कि रूपा उससे नहीं, बल्कि उसकी हरकतों से नफरत करती है... वो भी हंसता हुआ रिलेक्स हो गया था...

फिर रूपा ने झटपट फोन कनक को थमा दी...कनक ने सारी फोटों और क्लिप अपने फोन में डाली... साथ ही उस लड़के की आई डी भी ली तो कनक जिन तीन पर नजर रख रही थी उनमें से ही एक था...

तमाचा इन दौरान एक बार कुर्सी से उठ बेड पर रूपा से सट के जा बैठा था... जिसे देख रूपा के साथ साथ कनक भी अपने अपने सैंडल उतारने लगी थी पर ऐन वक्त पर तमाचा हंसता हुआ वापस कुर्सी पर था...

तब तक तीनों के लिए चाय आ गई थी...चाय रख पुष्पा वापस चली गई तो तमाचे को कुछ सूझी...तमाचा,"रूपा, पानी पिलाओ ना..."

रूपा,"ला रही हूँ..." कहती हुई उठी और पानी लाने चल दी...

तमाचा,"तो जा कहाँ रही हो...अपना वाला ही पिला दो..." तमाचे की बात भला रूपा कैसे ना समझती...वो एकाएक रूकी और तमाचे की तरफ लगभग दौड़ी और उसका गला पकड़ दबाती हुई बोली,"कुत्ते, यहीं मार दूंगी ज्यादा बोला तो... "

तमाचा गले पर दबाव पड़ने से थोड़ा बौखलाया जरूर पर अपने ऊपर झुकी रूपा की उभार के सामने वो भूल गया और अपनी एक अंगुली बढ़ा आहिस्ते से उभारों पर चलाते हुए नीचे करने लगा... महसूस होते ही रूपा तुनक के वापस खड़ी हो गई...

कनक हंसती हुई अपने फोन में फोटो भी देखी जा रही थी...तमाचा भी बिना कुछ बोले बस रूपा को देख हंस रहा था...रूपा कमर पर हाथ रख गुस्से और हल्की मुस्कान से तमाचे को घूर रही थी...रूपा मन मसोस कर बाहर निकली और पानी ला तमाचे के सामने पटक दी...

तमाचे अब कुछ देर शांत रहना ठीक समझा और चाय पीने में मशगूल हो गया... चाय खत्म होते ही तमाचा बोला,"कनक फोन दो तो... जरा सुनूं तो कैसी आवाज है वो..."

कनक,"नहीं, घर चलो फिर...यहाँ कहीं आंटी आ गई तो..." तमाचे कनक की बात सुन गेट की तरफ मुड़ा और वापस पलटते हुए गंभीरता की मुद्रा में बोला,"हम्म्म ठीक है फिर..."

तमाचा पुनः बोला,"और हाँ कनक, चाय पीने के बाद कुछ मीठा चाहिए मुझे...तो जल्दी से कुछ मीठा दो..." कनक तमाचे के मंसूबे समझ तपाक से बोली...

कनक,"मैं चाय थोड़े ही पिलाई हूँ जो दूँगी... रूपा पिलाई है उससे मांगो..."कनक साफ मुकर गई और मामला रूपा की तरफ पास कर दी...तमाचे भी मुस्काता रूपा की तरफ देखने लगा...

रूपा,"सोचना भी मत...चाय पिला दी...अब उठो और अपना रास्ता नापो..."रूपा की ना सुनने के बाद भी तमाचे बस उसी तरह देखता रहा जैसे वो लेगा ही...रूपा अब कनक को बोली,"कनक, अब जाओ...देर हो जाएगी तुम्हें...और ये कुत्ता की तरह कर भी रहा है..."

कनक हंसती हुई बोली,"ओके..."कनक कहती उठ के गेट तक चली गई और फिर रूकती हुई बोली,"चलो..." पर तमाचा कुर्सी पर जमा मंद मंद मुस्कुराता रूपा को ही देखे जा रहा था...रूपा तंग आती हुई तमाचे का हाथ पकड़ खींचती हुई रिक्वेस्ट सुरों में बोली,"प्लीज यार जाओ ना..."

तमाचा,"पहले दो फिर उठूंगा..."
रूपा,"मम्मी को बुलाती हूँ फिर तो जाओगे ना..." रूपा तमाचे को छोड़ बाहर बाहर की तरफ रूख की... कनक के पास पहुंची तो कनक रूपा को रोकती हुई बोली...

कनक,"रूपा, मम्मी को बताएगी कि मम्मी ये किस के लिए नहीं जा रहा है..."

रूपा,"हाँ बोल दूँगी...मुझे डर वर नहीं रहती...फंसेगी तू..."

कनक,"क्या यार...अच्छा एक काम कर... तू मुझे किस दे दे...मैं उसे पास कर देती हूँ... ये चलेगी?" तमाचे दोनों की बातें गौर से सुने जा रहा था और वो लेस्बिसन किस से कुछ ज्यादा ही रोमांचित हो उठा और तपाक से बोल पड़ा,"चलेगा नहीं, दौड़ेगा...मुझे तो बस चाहिए किसी तरह रूपा से...."

रूपा कनक की सलाह पर कुछ सोचने लगी...कनक दो तीन बार लगातार रूपा से "यस..? यस..?" पूछी तो रूपा हौले से मुस्काती ओके कह दी... हामी भरते ही कनक झटके देती हुई रूपा को अपनी बाँहों में जकड़ ली...

रूपा मुस्काती हुई बोली,"इसे बोलो नो टच..."

तमाचा,"प्रॉमिश नो टच..."

कनक रूपा को पीछे से जकड़ी थी तो कनक की चुची रूपा की पीठ पर धँसी थी और रूपा की चुची तमाचा की ओर...कनक एक हाथ सीधी रूपा की चुची पर रखती हुई सेफजोन में कर दी...दूसरी चुची भी कनक के केहुनी से दब गई थी...

कनक,"अब तो टच नहीं करेगा..." रूपा बस हम्म्म कर सकी... तमाचा तब तक रूपा के ठीक सामने पहुँच गया था... रूपा पर अब भी तमाचा की नजर गड़ी थी... तभी कनक दूसरे हाथ से रूपा का चेहरा अपनी तरफ की और अपने होंठ चिपका दी...

तमाचे ये स्कीन देख आह भर बैठा...वो सामने लेस्बिसन सीन रिअल देख आपा खोने सा लगा पर किसी तरह खुद पर काबू पाया... किस डीप थी काफी...कनक सारी रस निचोड़ रही थी... रूपा भी पूरी साथ दे रही थी... किस लम्बी चली...

किस रूकी तो दोनों हांफ रही थी पर अगले ही पल कनक तमाचे को इशारे कर दी कि पास किस ले लो... तमाचा आगे बढ़ा और रूपा से पूरी तरह चिपकता हुआ कनक के होंठो तक पहुँचा और शुरू हो गया...

तमाचे की दुगनी व्याकुलता से कनक पीछे की तरफ खिसक ली और दिवाल से जा लगी पर किस नहीं तोड़ी...जबकि रूपा की हालत तो और कनक से भी ज्यादा खराब होने लगी थी...चुची पर कनक का दवाब और उसकी बूर पर तमाचे का खड़े लंड दस्तक जो दे रहा था...

वो बीच में सैंडविच बनी सिसकने लग गई थी पर तमाचा अपने वादे पर अड़ा रहा और रूपा को अपने हाथ से छेड़ने की बजाय बस बदन से हौले हौले रगड़ते हुए कनक के होंठ से रूपा का रस निचोड़ने में लगा था...

जितनी संभव हो सकी तमाचा सारा रस निचोड़ डालने के बाद ही छोड़ा...छोड़ने के बाद वो यूं ही पड़ा रहा...रूपा को जब आभास हुई कि किस बंद हो गई है तो वो आँख खोली और तमाचे को जोर से धक्का दे दी...

धक्का पडते ही तमाचा पीछे सीधा बेड पर... जिसे देख दोनों की जोर से हंसी निकल पड़ी...दोनों को हंसते देख तमाचा भी जीभ से चटकारे लेते हुए उठ के खड़ा हो गया...

कनक तमाचे की तरफ देख अपने दोनों हाथ से रूपा की दोनों चुची पर रख मसलते हुए पूछी,"ये चाहिए...?" रूपा भी अब थोड़ी बेशर्म बन गई और बिना कनक की हाथ हटाए तमाचे की शक्ल देख हंसने लगी...

फिर कनक रूपा को छोड़ी और तमाचे से चलने बोली... तमाचे आनंदविभूत मुद्रा में रूपा को बाय बोला और कनक के साथ निकल गया...







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