FUN-MAZA-MASTI
माँ बड़े पापा के साथ
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम दीपक है और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ। दोस्तों मुझे इस साईट पर कहानियाँ पढ़ते हुए करीब तीन साल हो चुके है और मुझे इस साईट पर सभी सेक्सी कहानियाँ बहुत अच्छी लगती है.. लेकिन दोस्तों में आज जो कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ वो एकदम सच्ची कहानी है। इसमें मेरी माँ मेरे बड़े पापा चुदी.. मेरी उम्र अभी 23 साल और यह तब की बात है जब में 19 साल था। में आपनी माँ और पापा के साथ पटना के एक छोटे से गावं में रहता था और मेरे पापा वहाँ पर एक दफ़्तर में काम करते थे। मेरी एक छोटी बहन भी थी जो कि उस समय 3 साल की थी। फिर कुछ दिनों के बाद मेरे बड़े पापा वहाँ पर आए.. उन्हें देखकर हम सब बहुत खुश हुए हम सब रात को एक साथ सोते थे.. लेकिन उस दिन बड़े पापा के आने पर उन्होंने बोला कि में और पापा उनके साथ सोयेगें.. उन्हें कुछ बात करनी है।
तो हम सब भी राज़ी हो गये और माँ भी अकेले सोने की लिए राज़ी हो गई। रात को खाने के बाद हम सभी सोने के लए चले गये.. में बड़े पापा और पापा एक कमरे में चले गए और माँ मेरी बहन को लेकर अलग कमरे में चली गयी और उनका कमरा ठीक हमारे पास ही था। फिर रात में बड़े पापा ने पीने को एक शरबत दिया.. पापा और मैंने उनसे पूछा कि यह क्या है? तो उन्होंने बोला कि यह शिव जी का प्रसाद है इसलिए पापा ने उसे बड़े मजे से पी लिया.. लेकिन मैंने नहीं पीया क्योंकि मुझे उसमे से कुछ बदबू आ रही थी और इसलिए बड़े पापा को बुरा ना लगे मैंने बाथरूम में जाकर उसे फ्लश कर दिया और बड़े पापा समझे कि मैंने उसे पी लिया। फिर बड़े पापा ने हमसे हमारे हाल चाल के बारे में पूछा और ऐसे ही बातें करते करते पापा सो गये और मुझे भी नींद आ गई.. लेकिन में अभी पूरी तरह सोया भी नहीं था कि अचानक मैंने देखा कि बड़े पापा वहाँ से उठ कर चले गये।माँ बड़े पापा के साथ
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम दीपक है और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ। दोस्तों मुझे इस साईट पर कहानियाँ पढ़ते हुए करीब तीन साल हो चुके है और मुझे इस साईट पर सभी सेक्सी कहानियाँ बहुत अच्छी लगती है.. लेकिन दोस्तों में आज जो कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ वो एकदम सच्ची कहानी है। इसमें मेरी माँ मेरे बड़े पापा चुदी.. मेरी उम्र अभी 23 साल और यह तब की बात है जब में 19 साल था। में आपनी माँ और पापा के साथ पटना के एक छोटे से गावं में रहता था और मेरे पापा वहाँ पर एक दफ़्तर में काम करते थे। मेरी एक छोटी बहन भी थी जो कि उस समय 3 साल की थी। फिर कुछ दिनों के बाद मेरे बड़े पापा वहाँ पर आए.. उन्हें देखकर हम सब बहुत खुश हुए हम सब रात को एक साथ सोते थे.. लेकिन उस दिन बड़े पापा के आने पर उन्होंने बोला कि में और पापा उनके साथ सोयेगें.. उन्हें कुछ बात करनी है।
तो मैंने सोचा कि वो बाथरूम रूम गये होंगे.. लेकिन ज़्यादा समय तक ना आने की वजह से मुझे कुछ शक सा हुआ और इसलिए में बाहर गया तो देखा कि माँ के कमरे से कुछ बातें करने की आवाज सुनाई दे रही थी। फिर मैंने दरवाजे के पास जाकर सीड़ियों से ऊपर के वेंटिलेटर के पास गया.. जहाँ से माँ क्या कर रही थी वो सब पूरा साफ साफ दिख रहा था और सब बातें भी साफ सुनाई दे रही थी। में वहाँ पर गया और मैंने देखा कि बड़े पापा माँ के पास में बैठे थे तो में हैरान था.. क्योंकि घर में वो एक दूसरे के मुहं तक नहीं देखते थे.. क्योंकि बड़े पापा मेरी माँ के जेठ जी है। फिर मैंने सुना कि बड़े पापा ने मेरी माँ को बोला कि (रोज़ी मेरी माँ का नाम है) में यहाँ सिर्फ तुम्हारे लिए ही आया हूँ। तब माँ ने बोला कि अभी यह नहीं हो सकता तब की बात और थी अभी सोनू (मेरा नाम) बड़ा हो गया है तभी मुझे पता चल गया कि यह सब माँ की शादी के बाद से शुरू हो चुका था। अब में बड़े पापा और माँ के बीच क्या क्या हुआ.. वो बताता हूँ।
बड़े पापा : अब मुझसे और रुका नहीं जाता जल्दी से नंगी हो जाओ.. मुझे तुम्हारे इस नंगे बदन से मज़े लूटने
है।
माँ : प्लीज ऐसे मत करो आपके छोटे भाई (मेरे पापा) और सोनू पास के कमरे में सोए है अगर उनकी नींद खुल गयी तो गजब हो जाएगा।
यह सब बातें सुनकर में तो गरम हो गया और में अपने आप पर विश्वासस नहीं कर पाता.. लेकिन अच्छा हुआ कि मैंने वो सब बात चुपचाप सुनी.. नहीं तो वरना आज में यह सब कुछ नहीं जान पाता और फिर मैंने देखा कि माँ ने बिस्तर से उठकर दरवाजा बंद कर दिया। मेरी छोटी बहन को माँ ने उसके झूले में सुला दिया और फिर वो लाईट बंद करने के लिए गयी तो बड़े पापा ने रोक दिया और बोला कि रोज़ी में तुम्हारे नंगे बदन को देखकर मज़े लेना चाहता हूँ.. प्लीज लाइट बंद मत करो। फिर माँ उनकी बात मानकर वहाँ से बिस्तर के पास चली आई। फिर बड़े पापा ने अपने बेग से एक शराब की बोतल और सिगरेट निकाली और माँ को कपड़े उतारने को बोला। तो मेरी माँ भी बिना कुछ बोले कपड़े उतारने लगी। पहले साड़ी उसके बाद ब्लाउज फिर ब्रा और पेंटी.. एक एक करके सब निकाल दिया और पूरी नंगी खड़ी हो गयी और में यह सब देखकर हैरान था और यह सब देखकर बड़े पापा के मुहं से पानी निकल आया और वो शराब की बोतल को पूरा पी गये।
फिर उन्होंने माँ के पास आकर माँ को कसकर पकड़ लिया और माँ को अपनी गोद में बैठा लिया और माँ के होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूमने लगे। फिर उसके बाद बड़े पापा खड़े हो गये और अपना कुर्ता और अंडरवियर निकाल कर नंगे हो गये। उनका लंड बड़े डंडे की तरह लम्बा और भूरे कलर का था। तो यह देखकर माँ ने बोला कि भाई साहब यह क्या है यह तो पहले ऐसा नहीं था। फिर बड़े पापा ने बोला कि तब तेरी चूत भी छोटी थी.. लेकिन अब वो भी तो बड़ी हो गई है।
माँ : इसको तो आपने ही बड़ा किया है क्या आप भूल गये कि कैसे रोज रात को आप मेरे कमरे में आकर मुझे चोदते थे।
उसके बाद बड़े पापा ने माँ को बिस्तर पर लेटा दिया और माँ के पूरे चूतड़ को चूमने लगे।
बड़े पापा : क्या स्वाद है? इसको तो आज में खा जाऊंगा।
माँ : ज़रा धीरे करिए भाई साहब.. अभी तो पूरी रात पड़ी है आप जितना चाहे कर लेना.. लेकिन ज़रा धीरे।
बड़े पापा : आज तो में इस चूतड़ को चबा चबा कर चटनी बना दूंगा.. लेकिन तू ज़ोर ज़ोर से चिल्लाएगी तभी छोड़ूँगा।
माँ : अगर में जोर से चिल्लाउंगी तो गुड्डी उठ जाएगी।
बड़े पापा : फिर तो आज में तेरी चूतड़ को कुरेद कुरेद कर खोखला बना दूँगा।
फिर ऐसा कहकर बड़े पापा ने अपने पूरे दाँत माँ के चूतड़ पर दबा दिए और माँ ज़ोर से चिल्ला भी नहीं सकती थी क्योंकि उनके चिल्लाने से गुड्डी की नींद खुल जाती। तो माँ रो पड़ी और बड़े पापा से बोली कि मुझ पर दया करो भाई साहब में आपको हर दिन चोदने का मौका दूँगी बस आप काटना बंद कीजिए। तो माँ की इस आवाज़ से बड़े पापा जैसे पागल हो गये और माँ के चूतड़ को और ज़ोर से काटने लगे और बोले कि साली मुझे भाई बुलाया.. यह बोलकर एक ज़ोर से चाटा माँ के चूतड़ को लगाया और बोले कि में तुम्हारा पति हूँ और तू मेरी रंडी है.. चांटा पड़ने के बाद माँ तो जैसे दर्द से छटपटा उठी आ एम्म्म उह्ह माँ प्लीज़।
माँ : हाँ.. आप मेरे पति है और में आपकी रंडी हूँ। फिर यह बोलकर माँ अपने पेशाब को रोक नहीं पाई और सारा पेशाब बड़े पापा के मुहं पर छोड़ दिया। बड़े पापा ने भी उसको आनंद से चूस लिया। फिर जब उन्होंने माँ के चूतड़ से मुहं हटा लिया तब जाकर माँ ने राहत की सांस ली और बोली कि क्या आपको सन्तुष्टि मिली?
बड़े पापा : अरे अभी तो शुरू हुआ हूँ? आगे तेरी रसीली गांड को भी चोदना भी है.. चल अभी उल्टा लेट जा.. माँ धीरे धीरे से लेट रही थी कि तभी बड़े पापा ने माँ की गांड को एक ज़ोर से थप्पड़ लगाया और माँ के मुहं से आह्ह्ह माँ मर गयी प्लीज़.. आवाज़ निकली।
बड़े पापा : तूने सुना नहीं रंडी मैंने तुझे क्या कहा?
माँ : मुझे माफ़ करना ग़लती हो गयी जी.. माँ डरकर बोली कि आओ और मेरी गांड को फाड़ दो।
फिर बड़े पापा यह सुनकर तो पागल हो गये और झट से अपना लंड माँ की गांड के बीच में लगा दिया और कुत्ते की तरह चाटने लगे और हाथ से माँ की गांड को थप्पड़ मार रहे थे थप्पड़ की वजह से माँ की गांड पूरी लाल पड़ गई थी।
माँ : बस कीजिए अब मुझसे और इंतजार नहीं होता भाई साहब।
बड़े पापा : गुस्से से.. साली रंडी तूने फिर मुझे भाई साहब कहा आज तो तेरी ख़ैर नहीं.. ऐसा कहकर उन्होंने शराब की बोतल उठाई और माँ की गांड में एक झटके के में ही आधी घुसा डी। माँ तो दर्द के मारे पागल हो गयी।
माँ : मुझे माफ़ कर दीजिए मेरे पति आज के बाद यह भूल कभी नहीं होगी.. आप ही मेरे पति है और आप जितना चाहे मुझे चोद सकते है में आपकी रंडी हूँ।
फिर यह सुनकर बड़े पापा बहुत खुश हुए और उन्होंने बोतल को बाहर निकाल दिया और बोले कि रंडी अब तुझे चोदने में बहुत मज़ा आएगा.. चल अब सीधी लेट जा.. में तेरी चूत का मज़ा लूँगा। तो माँ भी सीधी होकर लेट गयी और अपनी चूत को अपने दोनों हाथों से फैला दिया और बोली कि आओ मेरे पतिदेव इसमे आप जो चाहो कर सकते हो।
बड़े पापा : रंडी अब आई ना तू रास्ते पर.. अब देख में कैसे तेरी चूत को कुत्ते की तरह चोदता हूँ और यह सब सुनकर और देखकर मेरी पेंट पूरी गीली हो चुकी थी। फिर मैंने देखा कि बड़े पापा अपना लंड चूत में घुसा चुके थे और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया था और माँ भी उनका साथ दे रही थी। फिर माँ बड़े पापा को खुश करने के लिए बोल रही थी कि मुझे चोदो पति देव आपके लिए ही यह चूत मैंने सम्भाल कर रखी है इसमे आपके छोटे भाई का भी हक़ नहीं है। तो यह सब सुनकर बड़े पापा के झटके और तेज होते जा रहे थे और फिर बड़े पापा ने अपना सारा रस माँ की चूत में ही छोड़ दिया और बोला कि बता रंडी अब तेरे क्या होगा.. बेटा या बेटी? माँ वीर्य का आनंद ले रही थी और कुछ नहीं बोली शराब के नशे की वजह से बड़े पापा माँ के ऊपर ही सो गये और माँ भी सो गयी.. लेकिन में पूरी रात भर ऊपर उन दोनों को नंगे देखकर मुठ मारता रहा।
फिर सुबह 8 बजे गुड्डी के रोने की आवाज सुनकर माँ की नींद खुल गयी और माँ समझ गयी की गुड्डी को दूध पिलाने का वक़्त हो गया है इसलिए वो बड़े पापा को छोड़कर गुड्डी के पास आ गई और अपने बूब्स से दूध पिलाने लगी और इसी बीच बड़े पापा की नींद खुल गई और वो माँ को देखकर फिर कामुक हो गये और फिर वो माँ के पास गये और गुड्डी को वापस झूले में रखवा दिया.. लेकिन गुड्डी रो रही थी इसीलिए माँ ने कहा कि एक बार गुड्डी को दूध पिला दूँ फिर आप जितना चाहे पी लेना। तो यह सुनकर बड़े पापा को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने माँ के दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर के थप्पड़ लगाए और बोले साली रंडी मुझसे जबान लड़ाती है.. में जो बोलता हूँ वही कर। फिर बड़े पापा का गुस्सा देखकर माँ डर गई और डर के मारे बोली कि मुझसे भूल हो गयी मेरे पति देव यह दोनों बूब्स आपके लिए ही तो है इसमे पहले आपका ही अधिकार है आओ मेरे बूब्स के नीचे और मेरे निप्पल से सारा दूध निचोड़ कर पी लीजिए।
फिर यह बात सुनकर बड़े पापा ने माँ को अपनी गोद में उठा लिया और दोनों हाथ से बूब्स को मसला और अपने होंठो से माँ के बूब्स के निप्पल को चूसा और गुड्डी वहाँ पर भूख से रो रही थी माँ सब देख रही थी.. लेकिन डर की वजह से कुछ बोल नहीं पा रही थी और बड़े पापा के गुस्से को कम करने के लिए वो बोल रही थी कि मेरे बूब्स से सारा दूध निकाल दो.. इसे चबा चबाकर चुइंगम बना दो.. यह सिर्फ आपके लिए ही बने है। फिर ऐसे करते करते बड़े पापा ने अपना मन शांत कर लिया और माँ को गोद से उतार दिया।
माँ : आपको अच्छा लगा अगर और चाहिए तो बोलो।
बड़े पापा : नहीं बस पेट भर गया।
माँ : ठीक है..
फिर यह बोलकर माँ कपड़े पहनने लगी और में भी रूम में आकर सोने की एक्टिंग करने लगा। फिर माँ रूम में आई और हम दोनों को जगाया। दोस्तों ऐसा करीब एक महीने तक चलता रहा और बड़े पापा रोज दाल, चावल के पानी में भांग मिला देते और रोज रात को माँ को चोदते थे ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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